अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से बस्तर में अमन, चैन और खुशहाली की नई शुरुआत…

नारायणपुर- नक्सल प्रभावित बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में 2 मार्च को एक ऐतिहासिक पल देखा गया, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन का आयोजन किया गया. इस आयोजन ने न केवल बस्तर में अमन और शांति का संदेश दिया, बल्कि यहां के लोगों में एक नई ऊर्जा और उम्मीद भी जगा दी. इस मैराथन का उद्देश्य शांति, स्वास्थ्य, सामुदायिक भावना और बस्तर क्षेत्र की अनछुई सुंदरता का उत्सव मनाना था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इस आयोजन ने न केवल खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और विकास को भी प्रोत्साहित किया।
बस्तर में खेलों से शांति की पहल
लंबे समय से नक्सल उग्रवाद की छाया में जी रहे बस्तर और विशेष रूप से अबूझमाड़ क्षेत्र के लोगों के लिए यह मैराथन एक नया सवेरा लेकर आई. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस आयोजन को एक बड़े सामाजिक बदलाव के रूप में देखा, जिसमें स्थानीय आदिवासी युवाओं, सुरक्षाबलों और आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “यह सिर्फ एक मैराथन नहीं, बल्कि बस्तर में स्थायी शांति और विकास की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है. अबूझमाड़ को लंबे समय से अलग-थलग रखा गया था, लेकिन अब यहां भी अमन और अबूझमाड़ को लंबे समय से अलग-थलग रखा गया था, लेकिन अब यहां भी अमन और खुशहाली लौट रही है.”
15,000 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
इस ऐतिहासिक आयोजन में 15,000 से अधिक धावकों ने भाग लिया। इनमें स्थानीय युवक-युवतियों, सुरक्षाबल के जवानों, स्कूली छात्रों और विभिन्न राज्यों से आए धावकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
इस मैराथन को तीन वर्गों में विभाजित किया गया:
हाफ मैराथन (21.1 किमी)
मिनी मैराथन (10 किमी)
फन रन (5 किमी)
प्रतिभागियों के बीच जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. सुबह 6 बजे नारायणपुर जिले के मुख्य मैदान से यह दौड़ शुरू हुई और आसपास के इलाकों से होते हुए वापस अपने प्रारंभिक बिंदु पर समाप्त हुई.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भूमिका
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मैराथन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस कार्यक्रम को आशा का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “खेल की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से लोगों को एक साथ लाकर, हम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहते हैं, बल्कि शांति और एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देना चाहते हैं. अबूझमाड़ को अब माओवाद से नहीं, बल्कि यहां के लोगों की क्षमता और प्रतिभा से पहचाना जाएगा” उन्होंने इस आयोजन को बस्तर की समृद्ध संस्कृति, शांति और विकास का प्रतीक बताते हुए कहा कि “यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि क्षेत्र की प्रगति का प्रतीक है.”
इस प्रतिष्ठित मैराथन में देश-विदेश के हजारों धावकों ने भाग लिया और अमन, चैन और खुशहाली का स्पष्ट संदेश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सौहार्द को भी मजबूत करता है.” मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि “राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है.”
मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि “राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है.इससे पहले, बस्तर ओलंपिक में भी 1 लाख 65 हजार से अधिक प्रतिभागियों की ऐतिहासिक भागीदारी देखी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बस्तर क्षेत्र अब नई संभावनाओं और उपलब्धियों की ओर अग्रसर है. राज्य सरकार क्षेत्रीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और यह आयोजन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि “खेल और विकास के माध्यम से बस्तर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आ रहा है. अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि यह बस्तर में शांति और सद्भाव के संदेश को भी मजबूती प्रदान कर रहा है. आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भव्य बनाया जाएगा ताकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की पहचान बने. अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल खेल के प्रति जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय युवाओं को खेल के माध्यम से नए अवसर प्रदान करता है. यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की सकारात्मक छवि को स्थापित करने में सहायक होगा.” मुख्यमंत्री ने इस भव्य आयोजन में भाग लेने वाले सभी धावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
नक्सल प्रभावित इलाकों में खेलों से नया संदेश
बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से उग्रवाद का आतंक था, जिसके कारण यहां के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिशें सीमित थीं, लेकिन हाल के वर्षों में खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बस्तर को मुख्यधारा में लाने की दिशा में कई प्रयास हुए हैं.इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नक्सलवाद से दूर करना और उन्हें एक सकारात्मक भविष्य की ओर प्रेरित करना था. छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने इस मैराथन में विशेष सहयोग दिया.CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस क्षेत्र में खेल और शिक्षा के माध्यम से शांति और विकास लाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह मैराथन उसी कड़ी का एक हिस्सा है, जो यहां के युवाओं को एक नई राह दिखाएगी.”
महिलाओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी
इस मैराथन की खासियत यह रही कि इसमें महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया. स्थानीय आदिवासी समुदाय की युवतियों ने उत्साह के साथ दौड़ लगाई और यह साबित किया कि वे भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.प्रतिभागी ललिता कश्यप, जो कि एक स्थानीय कॉलेज की छात्रा हैं, ने कहा, “पहली बार मैंने इतने बड़े आयोजन में भाग लिया. यह मेरे लिए गर्व की बात है. पहले हम खेलों से दूर थे, लेकिन अब हमें भी सपने देखने और उन्हें पूरा करने का मौका मिल रहा है.”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विजेताओं को किया सम्मानित
मैराथन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विजेताओं को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया.
हाफ मैराथन (पुरुष वर्ग): प्रथम स्थान – रमेश नाग (नारायणपुर), द्वितीय स्थान – संदीप कुमार (जगदलपुर)
हाफ मैराथन (महिला वर्ग): प्रथम स्थान – सविता मंडावी (कोंडागांव), द्वितीय स्थान – रीना पोडियाम (बीजापुर)
मिनी मैराथन विजेता: अजय कश्यप (दंतेवाड़ा)
फन रन विजेता: सोनिया नेताम (सुकमा)
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह प्रतियोगिता केवल दौड़ने के लिए नहीं थी, बल्कि यह बस्तर की नई उड़ान का प्रतीक है.मैं चाहता हूं कि आने वाले सालों में इस आयोजन को और बड़े स्तर पर किया जाए.”
स्थानीय लोगों में नई उम्मीद
अबूझमाड़ क्षेत्र के लोग इस आयोजन से बेहद खुश नजर आए.गांवों से बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन को देखने आए.स्थानीय ग्रामीण भीमा मंडावी ने कहा, “पहले यहां गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, लेकिन आज खेल और उत्सव की गूंज है. यह बदलाव हमें गर्व महसूस कराता है” सरिता नेताम, जो कि एक शिक्षिका हैं, ने कहा, “यह आयोजन हमारे बच्चों को प्रेरित करेगा. वे अब पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुचि लेंगे और आगे बढ़ेंगे.”
हजारों धावकों की ऐतिहासिक भागीदारी से बना एक रोमांचक माहौल
नारायणपुर जिले में आयोजित अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में 11 हजार से अधिक धावकों ने भाग लिया, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धावकों की शानदार प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. इस मैराथन में उत्तर प्रदेश के अक्षय कुमार ने पुरुष वर्ग में और इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने महिला वर्ग में बाजी मारी. पुरुष 21 किमी वर्ग में अक्षय कुमार (उत्तर प्रदेश) ने 01 घंटा 02 मिनट 15 सेकंड में दौड़ पूरी कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि महिला 21 किमी वर्ग में इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने 01 घंटा 13 मिनट 01 सेकंड में दौड़ पूरी कर जीत दर्ज की. 10 किमी और 5 किमी वर्ग में भी रोमांचक प्रतिस्पर्धा रही, जहां उत्तर प्रदेश की अमृता पटेल और सूरजपुर की सोनिका राजवाड़े ने क्रमशः 10 किमी और 5 किमी महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया.पुरुष 10 किमी वर्ग में उत्तर प्रदेश के मोनू कुमार और 5 किमी वर्ग में स्थानीय धावकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 की विशेषताएं
अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में 21 किमी, 10 किमी और 5 किमी की श्रेणियां शामिल थीं, जिससे कुशल एथलीटों के अलावा पहली बार दौड़ने वालों और स्थानीय प्रतिभाओं को भी भाग लेने का अवसर मिला. आयोजन में अत्याधुनिक टाइमिंग सिस्टम, पेसर्स, चिकित्सा सहायता और हाइड्रेशन स्टेशनों की व्यवस्था की गई थी, जिससे सभी प्रतिभागियों के लिए एक यादगार अनुभव सुनिश्चित हो सके. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त विजेताओं को 1.5 लाख रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त विजेताओं को 1 लाख रुपये और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया.. शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को भी पुरस्कार दिया गया. स्थानीय प्रतिभाओं को भी 5-5 हजार रुपये की नकद राशि देकर सम्मानित किया गया.
अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहभागिता ने यह संदेश दिया कि राज्य सरकार खेल और स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर है और समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल होना चाहिए. मैराथन से पहले और उसके बाद में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. इन कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और कला प्रदर्शनियों का आयोजन हुआ जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती हैं.
मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने इन कार्यक्रमों को और भी खास बना दिया और स्थानीय कलाकारों को भरपूर प्रोत्साहन मिला. मुख्यमंत्री की सक्रिय भूमिका और सहभागिता ने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है. राज्य सरकार ने दिखाया कि सरकार और जनता मिलकर शांति, विकास और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं. उनकी इस पहल ने न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर में भी अबूझमाड़ को एक नई पहचान देने का काम किया है.
अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन ने यह साबित कर दिया कि बस्तर अब बदल रहा है. यहां के लोग अब विकास और शांति की ओर बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने बस्तर के युवाओं के लिए एक नई राह खोली है.अब सवाल यह नहीं है कि बस्तर में शांति लौटेगी या नहीं, बल्कि सवाल यह है कि यह बदलाव कितनी तेजी से आगे बढ़ेगा. अबूझमाड़ का यह ऐतिहासिक आयोजन छत्तीसगढ़ में अमन, चैन और खुशहाली की नई सुबह का संदेश दे गया.
Mar 05 2025, 21:53