सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम के तीसरे दिन सोशल मिडिया का मानसिक प्रभाव पर डाला प्रकाश

गोरखपुर। महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम के तीसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सुष्मिता उपाध्याय प्रभारी मनोविज्ञान विभाग महात्मा गांधी पीजी कॉलेज उपस्थित रही। मुख्य अतिथि डॉ सुष्मिता उपाध्याय ने सोशल मिडिया का मानसिक प्रभाव पर प्रकाश डाला और कहा की युवाओं में आक्रमकता बढ़ रही हैं और उनकी एकाग्रता पर भी अधिक प्रभाव हो रहा हैं हमें बच्चों को सही दिशा देनी होगी।

जिसमे शिक्षक, माता पिता सभी की निश्चित सहभागिता होनी चाहिए। यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया। लक्ष्य गीत हर्षित तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं ने अति उत्साह के साथ प्रतिभाग किया I कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने सभी अतिथिगण एवं शिक्षक गण का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गणित विभाग के डॉ रविंद्र नाथ शुक्ल, डॉ शोभित श्रीवास्तव वनस्पति विभाग, डॉ राकेश तिवारी व्यवसाय प्रशासन विभाग आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे I

डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ उद्घाटन

गोरखपुर: पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्था का हृदय होता है तथा इसे संबंधित संस्था का ड्राइंग रूम कहा जाता है। शैक्षणिक पुस्तकालय के साथ-साथ सार्वजनिक पुस्तकालय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि आमजन, बुद्धिजीवी, बुजुर्ग के साथ-साथ छात्र भी ज्ञान अर्जन में महती भूमिका निभा सके। पुरानी ज्ञान संपदा जैसे पांडुलिपि को संरक्षित करना पुस्तकालयों का परम धर्म होना चाहिए। उपरोक्त बाते दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 पूनम टंडन ने बुधवार को विवि परिसर स्थित दीक्षा भवन में लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन, नई दिल्ली एवं िविश्वविद्यालय प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस आन नालेज आर्गेनाइजेशन इन एकेडमिक लाइब्रेरीज (आई-काल 2025) की अध्यक्षता करते हुए कही।

उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी, बिहार के कुलपति प्रो0 संजय श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा किया भारत वर्ष दुनिया में ज्ञान का केन्द्र है। हमारा अतीत एवं वर्तमान दोनों गौरवशाली है तथा शैक्षणिक सहित अन्य क्षेत्रों में दुनिया के लिए नजीर पेश करता है। उन्होंने अमेरिका सहित अन्य यूरोपीय देशों का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि वहाँ ज्ञान अर्जन शिशु पुस्तकालय से शुरू होकर शोध पुस्तकालय तक निरन्तर चलता रहता है। उन्होंने यूरोपीय देशों की भांति अपने देश में भी एकेडमिक एवं पब्लिक लाइब्रेरी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स के साथ-साथ डिजिटल एवं आनलाइन प्लेटफार्म पर आगे ले जाने के लिए पुस्तकालय विज्ञान के विशेषज्ञों से अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति एवं विकसित भारत 2047 को अंजाम तक पहुंचाने की बात कही। जल सम्पदा के क्षेत्र में प्लेरिज्म, बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) को और शक्ति से लागू करने की बात की। साथ ही उन्होंने आरएफआईडी, आडियो वीजुअल सेक्शन, पुस्तकों को एक से दूसरे संस्थाओं में आदान-प्रदान, आईटी का प्रयोग एवं मोबाइल लाइब्रेरी के प्रयोग पर बल दिया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में संगोष्ठी निदेशक विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 अनुभूति दूबे ने आगत अतिथियों का स्वागत किया वहीं लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा0 रामानन्द मालवीय ने अपने संस्था के द्वारा भारत समेत पूरी दुनिया में लाइब्रेरी प्रोफेशनल को नई तकनीकों से अवगत कराने की बात कही तथा भारत सरकार के विकसित भारत अभियान 2047 में अहम योगदान का संकल्प लिया। कार्यक्रम में एल0पी0ए0 के महासचिव डा0 सलेक चन्द ने आई-काल 2025 के इतिहास, वर्तमान एवं भविष्य पर विस्तृत चर्चा किया। एल0पी0ए0 के कोषाध्यक्ष एवं संगोष्ठी के निदेशक आनन्द अंजनी झा ने पूरे देश एवं दुनिया में लाइब्रेरी क्षेत्र के विशिष्ट कार्य करने वाले लाइब्रेरी प्रोफेशनल का घोषणा करते हुए उन्हें अवार्ड से सम्मानित करवाया। इस अवसर पर 77 शोधपत्र के साथ कांफ्रेंस प्रोसीडिंग के पुस्तक का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय संगीत विभाग की छात्राओं ने कुलगीत प्रस्तुत कर आगत अतिथियों एवं प्रतिभागियों को भाव विभोर कर दिया। डा0 सूर्यकान्त त्रिपाठी के संचालन में चले कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप में मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। तत्पश्चात आयोजन समिति की ओर से अतिथियों को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

विशिष्ट कार्य करने वाले लाइब्रेरी प्रोफेशनल को दिया गया सम्मानः-

अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (आई-कोल 2025) उद्घाटन सत्र के मध्य में अतिथियों की ओर से एल0पी0ए0 नई दिल्ली द्वारा देश व दुनिया में पुस्तकालय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के पुस्तकालय विशेषज्ञों को अवार्ड दिया गया। सम्मान पाने वालों में महत्वपूर्ण लाइफटाइम एचीवमेन्ट अवार्ड-विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, म0प्र0 के अवकाश प्राप्त प्रो0 सोनल सिंह को प्रदान किया गया। सर्वोत्तम विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष अवार्ड मिजोरम के डा0 सुधीर कुमार झा को प्रदान किया गया। सर्वोत्तम कालेज लाइब्रेरियन का अवार्ड मेडिकल साइंस कालेज की रूची सिन्हा को प्रदान किया गया। सर्वात्त स्कूल लाइब्रेरियन का अवार्ड कोटा राजस्थान के मनीष मकेला को प्रदान किया गया। पब्लिक लाइब्रेरी के क्षेत्र में सर्वोच्च लाइब्रेरियन का अवार्ड राजस्थान के ही डा दीपक श्रीवास्तव को प्रदान किया गया। कार्पोरेट लाइब्रेरी के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान एनएचपीसी के डा पी0एन0 शर्मा को दिया गया। वहीं विशेष लाइब्रेरी के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान रोहतक मेडिकल साइंस, रोहतक, हरियाण के बबिता को प्रदान किया गया। उपरोक्त सम्मान के सम्बन्ध में एल0पी0ए0 के कोषाध्यक्ष डा आनन्द अंजनी झा ने बताया कि जूरी सदस्यों के गंभ्भीर मंथन के बाद उपरोक्त विद्वानों को एल0पी0ए0 की ओर से चयन किया गया।

अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का समापन सह धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विश्वविद्यालय के ग्रंथालयी डा0 बिभाष कुमार मिश्रा ने विस्तार से एक-एक अतिथियों को कार्यक्रम में शरीक होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 रजनी कान्त पाण्डेय जी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, नाईजीरिया के पुस्तकालय विज्ञान विशेषज्ञ इसीका चीका, हुसैनी मूसा, मुजफ्फरपुर बिहार के पुस्तकालयाध्यक्ष डा0 के0के0 चैधरी, डा0 गौरी कुमारी, पृथ्वीराज यदुवंशी सहित देश व दुनिया के सैकड़ों विशेषज्ञ शामिल हुए। विश्वविद्यालय के प्रो0 हर्ष कुमार सिन्हा, प्रो0 उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो0 दिनेश यादव, प्रो0 सुधीर श्रीवास्तव, डा0 उपेन्द्र नाथ त्रिपाठी, प्रो0 मनीष कुमार मिश्रा, प्रो0 कमलेश कुमार गुप्ता, प्रो0 प्रत्युश दुबे, प्रो0 राजेश कुमार सिंह, प्रो0 विनीता पाठक, प्रो0 उमा श्रीवास्तव, एस0एन0 पाण्डेय, डा0 राकेश कुमार मिश्र, डा0 कुशल नाथ मिश्र, डा0 मनोज द्विवेदी, महेन्द्र नाथ सिंह, योगेन्द्र यादव, सीमा प्रयाग चैधरी एवं ग्रंथालय के कर्मचारीगण तथा भारी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं।

*मनुष्य को चिंता रहित जीवन जीते हुए सत्य और प्रेम का ही आश्रय लेना चाहिए- ब्रह्मांस दास*

खजनी गोरखपुर।भगवान की भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हृदय में प्रेम का भाव प्रबल होना चाहिए। समर्पित भाव से ईश्वर से प्रेम करने वाले भक्तों को संसार से कोई कष्ट नहीं होता। जीवन में शांति के लिए हमें चिंता रहित होकर सत्य और प्रेम को आत्मसात करते हुए प्रसन्नता पूर्वक जीवन जीना चाहिए।

उक्त उद्गार खजनी रूद्रपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन हनुमानगढ़ी अयोध्या से पधारे भागवत कथा व्यास ब्रह्मांसदास ब्रह्मचारी ने व्यक्त किए उन्होंने उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं को बताया कि कंस के श्वसुर और भगवान शिव के भक्त मगध नरेश जरासंध ने कंस वध का प्रतिशोध लेने के लिए 17 बार मथुरा पर चढ़ाई की जिसके कारण भगवान श्रीकृष्ण को मथुरा छोड़ कर जाना पड़ा और वो समुद्र के बीच द्वारिकापुरी में जा बसे, जिससे भगवान कृष्ण का एक नाम रणछोड़ कहलाया। इस दौरान भगवान कृष्ण और रूक्मिणी के विवाह की कथा के दौरान सुंदर झांकी सजाई गई। संगीतमय भागवत कथा में सुमधुर भजनों और कीर्तन की धुनों पर कथा पांडाल में उपस्थित लोग देर सायं तक भक्तिमय माहौल में झूमते रहे और भगवान श्रीकृष्ण रूक्मिणी के विवाह की लीला के प्रसंग का आनंद लिया। इसके साथ ही उन्होंने सत्यभामा विवाह, श्यामंतक मणि की चोरी जामवंती विवाह समेत भगवान के 16 हजार 108 विवाह की कथा का वर्णन करते हुए भगवान के बालसखा सुदामा की कथा सुनाई।

इस अवसर पर मुख्य यजमान पूर्व ग्रामप्रधान असमावती मिश्रा, प्रेमशंकर मिश्र, डॉ. उदय प्रकाश मिश्र जयप्रकाश तिवारी गणेश शंकर मिश्र संजय मिश्र श्रीप्रकाश मिश्र ओमप्रकाश वल्लभाशरण समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

*गोरखपुर में मस्जिद ध्वस्तीकरण की नोटिस के बाद चर्चा का बाजार गर्म*

गोरखपुर। अभी कुशीनगर जनपद के हाटा में मस्जिद पर प्रशासन की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी पर बहसबाजी का दौर चल ही रहा था की सीएम योगी के शहर में घोषकम्पनी चौक के पास वाली मस्जिद पर जीडीए के ध्वस्तीकरण की नोटिस ने माहौल को गर्म कर दिया है।

मिली जानकारी अनुसार नगर निगम ने घोषकम्पनी के पास की भूमि पर अतिक्रमण हटाने के दौरान गाड़ी खाने वाली पुरानी मस्जिद को रात के अंधेरे में ध्वस्त कर दिया था जबकि मस्जिद का मामला कोर्ट में विचार अधीन था। इसके बाद हो हल्ला मचने के बाद नगर निगम ने मस्जिद के एवज में उसी आराजी के दक्षिण में जमीन उपलब्ध करा दिया।

पिछले दिनों मस्जिद निर्माण के बाद जीडीए ने मस्जिद के मोतवल्ली को नोटिस भेजकर कार्यवाही शुरू करते हुए 15 फरवरी 2025 को मस्जिद के ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी कर दिया।

इस बीच नगर निगम ने अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि के लिये एक बिल्डर से समझौता कर लिया लेकिन मामला किन शर्तों पर तय हुआ यह अभी भी रहस्य है।

इस बीच मस्जिद मामले में मण्डलायुक्त कोर्ट में अपील के बाद कोर्ट ने 25 फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित किया है।

फिलहाल मस्जिद मामले में शहर के मुस्लिम इलाकों में चर्चाओं का दौर जारी है और लोग शहर के कद्दावर मुस्लिम नेतृत्व की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं।

*राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में विद्यार्थियों ने सीखे सेवा के गुर*

वीर बहादुर सिंह पी.जी .कॉलेज हरनहीं (महुरांव) में राष्ट्रीय सेवा योजना के तीनों इकाई महाराणा प्रताप, शिवाजी एवं महारानी लक्ष्मीबाई का एक दिवसीय शिविर का आयोजन अंगीकृत ग्राम क्रमशःमहुराव, एकमा एवं कैथवलियां शुक्ल गांव में किया गया।

इस अवसर पर शिविर के स्वयंसेवक /सेविकाओं द्वारा सामूहिक स्वच्छता अभियान चलाया गया।

जिसमें गांव के मंदिर एवं स्वास्थ्य केंद्र हरनही परिसर की सफाई किया गया तथा ग्रामीणों को स्वच्छता की प्रति जागरूक किया गया ।

महाविद्यालय में तीनों इकाइयों के स्वयं/सेविकाओं की एक संगोष्ठी पर्यावरण बिषय पर की गई।

जिसमें कार्यक्रम प्रभारी डॉ. पुष्पा पांडे ने स्वयं सेवक/सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए अपने आसपास के परिवेश को साफ सुथरा रखना आवश्यक होता है ।

जिससे शुद्ध हवा पानी व्यक्ति को मिले जीवन स्वस्थ्य रह सके। यह हर व्यक्ति नैतिक जिम्मेदारी बनती है।

राष्ट्रीय सेवा योजना सीखने का अवसर प्रदान करता है।

इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ.के.पी.चौरसिया कार्यक्रम अधिकारी डॉ.पुष्पा पांडे डॉ. अरुण कुमार नायक, युसूफ आजाद तथा तीनों इकाइयों के स्वयं सेवक/सेविकाएं मौजूद रहे।

विद्यार्थी परिषद ने घेरा जिलाधिकारी कार्यालय, दिया 17 सूत्रीय ज्ञापन

गोरखपुर। जिले में व्याप्त विभिन्न शैक्षिक व सामाजिक समस्याओं व उनसे सम्बंधित दोषियों पर कार्यवाही को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर महानगर के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर 17 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को संबोधित ADM व नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा और सप्ताह दिन का समय देकर ये चेतावनी दी कि अगर निश्चित समय पर संबंधित दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो अभाविप वृहद आंदोलन को बाध्य होगी।

जिले में शिक्षा व्यवस्था में भारी कमी और सामाजिक मुद्दों की स्थिति विकराल होती जा रही है। खासकर, सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति, छात्र-छात्राओं के लिए उचित संसाधनों की कमी और शिक्षा में लापरवाही के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इसके साथ ही सामाजिक असमानताओं और अपराधों के बढ़ते मामलों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई। ज्ञापन में विद्यार्थी परिषद ने जिले में शिक्षा के स्तर में हो रही लगातार गिरावट, शिक्षक -शिक्षिकाओं की कमी, विद्यालयों में हो रही विद्यार्थियों से खुली लूट, जिले में बगैर मानक व मान्यता से संचालित हो रहे विद्यालयों की जांच व मान्यता प्राप्त नहीं है उन्हें बंद करने की मांग और विद्यार्थियों के लिए समुचित शैक्षिक सामग्री की कमी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। साथ ही समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक समस्याओं, परिवहन विभाग में हो रही लापरवाही का दंश जिससे प्रत्येक दिन जिले का आम नागरिक झेल रहा, चिकित्सा विभाग में फैले भ्रस्टाचार का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। अपराध दर में वृद्धि हो रही है, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में निरंतर इजाफा हो रहा है। सामाजिक असमानताएँ और जातिवाद की कुरीतियों ने समाज को विभाजित किया है और विकास में अवरोध डालने का काम किया है। नशाखोरी और अन्य अवैध गतिविधियाँ युवाओं के बीच तेजी से फैल रही हैं, जिससे समाज में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है।

अभाविप गोरक्ष प्रान्त मंत्री मयंक राय ने कहा कि जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद गिर चुका है। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी, बुनियादी ढांचे की अव्यवस्था और सुविधाओं का अभाव छात्रों की पढ़ाई में गंभीर बाधाएं उत्पन्न कर रहा है। कई स्कूलों में बच्चों के लिए पर्याप्त कक्षाएं, पुस्तकालय और प्रयोगशालाएं भी उपलब्ध नहीं हैं, प्रत्येक प्रवेश शुल्क के रूप में विद्यालयों द्वारा अवैध वसूली की जा रही, महाविद्यालय बगैर मानक के संचालित हो रहे हैं, जिससे उनकी शैक्षिक क्षमता प्रभावित हो रही है।

गोरखपुर महानगर मंत्री शुभम गोविन्द राव ने कहा की कहा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अन्य बुनियादी जरूरतों के संबंध में छात्रों को जो भी समस्याएं आ रही हैं, उनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिले में शिक्षा के स्तर में गिरावट, छात्रवृत्तियों में देरी और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर अपना विरोध प्रकट किया।

उक्त अवसर पर प्रान्त सह मंत्री अर्पित कसौधन, निखिल गुप्ता, संगठन मंत्री राजवर्धन, सम्पदा द्विवेदी, शिवेंद्र ध्वज सिंह, जयवीर सिंह, चंद्रपाल यादव, ओमकार मिश्रा, अभिषेक मौर्या आदि उपस्थित रहे।

खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोग" विषय पर व्याख्यान का आयोजन

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के हीरक जयंती वर्ष समारोह के अंतर्गत, भौतिकी विभाग द्वारा दिनांक 20 फरवरी 2025, गुरुवार को अपराह्न 1:00 बजे "खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोग" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रो. शिव कुमार शर्मा थे, जो नासा के मंगल मिशन 2020 के सुपरकैम उपकरण पर सह-पी.आई. एवं हवाई विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका में कार्यरत हैं।

प्रो. शर्मा ने विस्तार से बताया कि नासा का रोवर मंगल ग्रह के नमूनों का अध्ययन रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से कैसे कर रहा है। उन्होंने विभिन्न ग्रहों एवं क्षुद्र ग्रहों से लाए गए नमूनों के अध्ययन की विधियों पर गहराई से चर्चा की तथा रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों के माध्यम से भूभौतिकी, जैव चिकित्सा आदि क्षेत्रों में इसके उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से जैविक ऊतकों में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर कोशिकाओं और प्लेसेंटा में सूक्ष्म प्लास्टिक का पता लगाने के लिए सूक्ष्म रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोगों के उदाहरण प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो. सुग्रीव नाथ तिवारी, प्रोफेसर इंचार्ज, आई.ई.टी., उपस्थित रहे। वे पूर्व में भौतिकी विभाग के अध्यक्ष एवं विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता रह चुके हैं। प्रो. तिवारी ने बताया कि कैसे लेजर की खोज ने रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का वैज्ञानिक अनुसंधानों में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता भौतिकी विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय एवं प्रति-कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी ने की, जबकि संचालन प्रो. राकेश तिवारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफल समापन डॉ. प्रभुनाथ प्रसाद के तकनीकी देखरेख में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर भौतिकी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अपरा त्रिपाठी, डॉ. कृपा मणि मिश्र, डॉ. अमित कुमार सिंह चौहान, डॉ. मदन सिंह चौहान, डॉ० अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे। व्याख्यान में विभागीय शोध छात्र, स्नातक एवं परास्नातक छात्र, तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे और उन्होंने प्रो. शर्मा से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।

सपने दिखाना यह समस्या का सही समाधान नहीं-ऋषि कपूर

गोरखपुर। यह बजट यदि व्यापक जनहित व जनकल्याण का ज्यादा होता तो बेहतर होता, जबकि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन को दूर करने व आमजन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति पर्याप्त सरकारी नीयत-नीति का अभाव। सही विकास नामुमकिन?

भाजपा सरकार का बजट पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला है, जबकि सरकारों की असली चिन्ता व संवैधानिक दायित्व करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को दूर करके सुख-चैन पहुँचाने वाला सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के उद्देश्य की पूर्ति का होना चाहिए। ऐसा ना होना चिन्तनीय।उत्तर प्रदेश के शहर, गाँव, क्षेत्र एवं समाज बुनियादी सुविधाओं के अभाव व अनेकों विषमताओं से जूझ रहे हैं तथा लोगों को जब सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल, रोजी-रोजगार के बेहतर व्यवस्था करने की माँग है तब उन्हें दूसरे सपने दिखाना यह समस्या का सही समाधान नहीं।भाजपा से पहले यूपी बदहाल था, यह दावा उचित नहीं, क्योंकि बसपा की सरकार में जनहित व जनकल्याण तथा अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में हर स्तर पर कानून द्वारा कानून का बेहतरीन राज था, जिसे लोग अब तरस रहे हैं, जबकि भाजपा की नीतियों से बहुजन समाज बदहाल है।

रवि किशन शुक्ला बोले – यह बजट प्रदेश के विकास को देगा नई उड़ान

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत 2025-26 के बजट को गोरखपुर सांसद रवि किशन शुक्ला ने राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही हर वर्ग को सशक्त बनाएगा।

रवि किशन शुक्ला ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक प्रगतिशील और समावेशी बजट प्रस्तुत किया है, जो कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नई दिशा देगा।"

उन्होंने विशेष रूप से किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए किए गए प्रावधानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने, युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। साथ ही, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर भी जोर दिया गया है।

बजट की प्रमुख विशेषताएं:

राजकोषीय अनुशासन: प्रदेश का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का मात्र 2.97% है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 3.5% की सीमा से कम है।

आर्थिक मजबूती: नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश को राजकोषीय स्थिति के मामले में 'फ्रंट रनर' राज्य की श्रेणी में रखा गया है।

वित्तीय सुधार: वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है।

पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी: वर्ष 2018 से 2023 के बीच पूंजीगत व्यय कुल व्यय के 14.8% से बढ़कर 19.3% हो गया, जो देश के प्रमुख राज्यों के औसत से अधिक है।

रोजगार और निवेश: बीते 8 वर्षों में प्रदेश में बेरोजगारी दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। अब तक 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश जमीन पर उतर चुके हैं। इससे 60 लाख से अधिक नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।

रवि किशन शुक्ला ने कहा कि यह बजट उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार की यह वित्तीय नीति राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

श्रीकृष्ण बाल लीलाओं की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता

खजनी गोरखपुर।।कस्बे के पास रूद्रपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन हनुमानगढ़ी अयोध्या के कथा व्यास पंडित प्रदीप ब्रह्मांस दास ब्रह्मचारी ने भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाओं का विस्तार सहित वर्णन किया। इस दौरान भगवान कृष्ण के नामकरण पूतना वध, माखन चोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथा व्यास ने कहा कि भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस द्वारा भेजे गए सभी राक्षसों का संहार किया वहीं माता यशोदा व ब्रजवासियों को भक्ति आनंद प्रदान किया।

इस अवसर पर मुख्य यजमान प्रेम शंकर मिश्र, असमावती मिश्रा, डॉक्टर उदय प्रकाश मिश्र, गिरिवर मिश्र, सरस्वती शिशु मंदिर खजनी के प्रधानाचार्य बृजराज मिश्र,अमर,आकाश, हर्ष, गिरीश तिवारी, दूधनाथ दुबे, बेनीमाधव तिवारी, श्रीप्रकाश मिश्र, ओमप्रकाश आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता कथा में शामिल हुए।

गोवर्धन लीला की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति का अभिमान हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद करा दी और गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू करा दी। इससे क्रोधित इंद्र ने ब्रज में भारी बरसात कराई।प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला और छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई।