*राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में विद्यार्थियों ने सीखे सेवा के गुर*

वीर बहादुर सिंह पी.जी .कॉलेज हरनहीं (महुरांव) में राष्ट्रीय सेवा योजना के तीनों इकाई महाराणा प्रताप, शिवाजी एवं महारानी लक्ष्मीबाई का एक दिवसीय शिविर का आयोजन अंगीकृत ग्राम क्रमशःमहुराव, एकमा एवं कैथवलियां शुक्ल गांव में किया गया।

इस अवसर पर शिविर के स्वयंसेवक /सेविकाओं द्वारा सामूहिक स्वच्छता अभियान चलाया गया।

जिसमें गांव के मंदिर एवं स्वास्थ्य केंद्र हरनही परिसर की सफाई किया गया तथा ग्रामीणों को स्वच्छता की प्रति जागरूक किया गया ।

महाविद्यालय में तीनों इकाइयों के स्वयं/सेविकाओं की एक संगोष्ठी पर्यावरण बिषय पर की गई।

जिसमें कार्यक्रम प्रभारी डॉ. पुष्पा पांडे ने स्वयं सेवक/सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए अपने आसपास के परिवेश को साफ सुथरा रखना आवश्यक होता है ।

जिससे शुद्ध हवा पानी व्यक्ति को मिले जीवन स्वस्थ्य रह सके। यह हर व्यक्ति नैतिक जिम्मेदारी बनती है।

राष्ट्रीय सेवा योजना सीखने का अवसर प्रदान करता है।

इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ.के.पी.चौरसिया कार्यक्रम अधिकारी डॉ.पुष्पा पांडे डॉ. अरुण कुमार नायक, युसूफ आजाद तथा तीनों इकाइयों के स्वयं सेवक/सेविकाएं मौजूद रहे।

विद्यार्थी परिषद ने घेरा जिलाधिकारी कार्यालय, दिया 17 सूत्रीय ज्ञापन

गोरखपुर। जिले में व्याप्त विभिन्न शैक्षिक व सामाजिक समस्याओं व उनसे सम्बंधित दोषियों पर कार्यवाही को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर महानगर के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर 17 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को संबोधित ADM व नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा और सप्ताह दिन का समय देकर ये चेतावनी दी कि अगर निश्चित समय पर संबंधित दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो अभाविप वृहद आंदोलन को बाध्य होगी।

जिले में शिक्षा व्यवस्था में भारी कमी और सामाजिक मुद्दों की स्थिति विकराल होती जा रही है। खासकर, सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति, छात्र-छात्राओं के लिए उचित संसाधनों की कमी और शिक्षा में लापरवाही के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इसके साथ ही सामाजिक असमानताओं और अपराधों के बढ़ते मामलों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई। ज्ञापन में विद्यार्थी परिषद ने जिले में शिक्षा के स्तर में हो रही लगातार गिरावट, शिक्षक -शिक्षिकाओं की कमी, विद्यालयों में हो रही विद्यार्थियों से खुली लूट, जिले में बगैर मानक व मान्यता से संचालित हो रहे विद्यालयों की जांच व मान्यता प्राप्त नहीं है उन्हें बंद करने की मांग और विद्यार्थियों के लिए समुचित शैक्षिक सामग्री की कमी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। साथ ही समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक समस्याओं, परिवहन विभाग में हो रही लापरवाही का दंश जिससे प्रत्येक दिन जिले का आम नागरिक झेल रहा, चिकित्सा विभाग में फैले भ्रस्टाचार का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। अपराध दर में वृद्धि हो रही है, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में निरंतर इजाफा हो रहा है। सामाजिक असमानताएँ और जातिवाद की कुरीतियों ने समाज को विभाजित किया है और विकास में अवरोध डालने का काम किया है। नशाखोरी और अन्य अवैध गतिविधियाँ युवाओं के बीच तेजी से फैल रही हैं, जिससे समाज में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है।

अभाविप गोरक्ष प्रान्त मंत्री मयंक राय ने कहा कि जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद गिर चुका है। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी, बुनियादी ढांचे की अव्यवस्था और सुविधाओं का अभाव छात्रों की पढ़ाई में गंभीर बाधाएं उत्पन्न कर रहा है। कई स्कूलों में बच्चों के लिए पर्याप्त कक्षाएं, पुस्तकालय और प्रयोगशालाएं भी उपलब्ध नहीं हैं, प्रत्येक प्रवेश शुल्क के रूप में विद्यालयों द्वारा अवैध वसूली की जा रही, महाविद्यालय बगैर मानक के संचालित हो रहे हैं, जिससे उनकी शैक्षिक क्षमता प्रभावित हो रही है।

गोरखपुर महानगर मंत्री शुभम गोविन्द राव ने कहा की कहा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अन्य बुनियादी जरूरतों के संबंध में छात्रों को जो भी समस्याएं आ रही हैं, उनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिले में शिक्षा के स्तर में गिरावट, छात्रवृत्तियों में देरी और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर अपना विरोध प्रकट किया।

उक्त अवसर पर प्रान्त सह मंत्री अर्पित कसौधन, निखिल गुप्ता, संगठन मंत्री राजवर्धन, सम्पदा द्विवेदी, शिवेंद्र ध्वज सिंह, जयवीर सिंह, चंद्रपाल यादव, ओमकार मिश्रा, अभिषेक मौर्या आदि उपस्थित रहे।

खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोग" विषय पर व्याख्यान का आयोजन

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के हीरक जयंती वर्ष समारोह के अंतर्गत, भौतिकी विभाग द्वारा दिनांक 20 फरवरी 2025, गुरुवार को अपराह्न 1:00 बजे "खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोग" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रो. शिव कुमार शर्मा थे, जो नासा के मंगल मिशन 2020 के सुपरकैम उपकरण पर सह-पी.आई. एवं हवाई विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका में कार्यरत हैं।

प्रो. शर्मा ने विस्तार से बताया कि नासा का रोवर मंगल ग्रह के नमूनों का अध्ययन रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से कैसे कर रहा है। उन्होंने विभिन्न ग्रहों एवं क्षुद्र ग्रहों से लाए गए नमूनों के अध्ययन की विधियों पर गहराई से चर्चा की तथा रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों के माध्यम से भूभौतिकी, जैव चिकित्सा आदि क्षेत्रों में इसके उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से जैविक ऊतकों में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर कोशिकाओं और प्लेसेंटा में सूक्ष्म प्लास्टिक का पता लगाने के लिए सूक्ष्म रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के अनुप्रयोगों के उदाहरण प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो. सुग्रीव नाथ तिवारी, प्रोफेसर इंचार्ज, आई.ई.टी., उपस्थित रहे। वे पूर्व में भौतिकी विभाग के अध्यक्ष एवं विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता रह चुके हैं। प्रो. तिवारी ने बताया कि कैसे लेजर की खोज ने रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का वैज्ञानिक अनुसंधानों में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता भौतिकी विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय एवं प्रति-कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी ने की, जबकि संचालन प्रो. राकेश तिवारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफल समापन डॉ. प्रभुनाथ प्रसाद के तकनीकी देखरेख में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर भौतिकी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अपरा त्रिपाठी, डॉ. कृपा मणि मिश्र, डॉ. अमित कुमार सिंह चौहान, डॉ. मदन सिंह चौहान, डॉ० अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे। व्याख्यान में विभागीय शोध छात्र, स्नातक एवं परास्नातक छात्र, तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे और उन्होंने प्रो. शर्मा से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।

सपने दिखाना यह समस्या का सही समाधान नहीं-ऋषि कपूर

गोरखपुर। यह बजट यदि व्यापक जनहित व जनकल्याण का ज्यादा होता तो बेहतर होता, जबकि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन को दूर करने व आमजन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति पर्याप्त सरकारी नीयत-नीति का अभाव। सही विकास नामुमकिन?

भाजपा सरकार का बजट पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला है, जबकि सरकारों की असली चिन्ता व संवैधानिक दायित्व करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को दूर करके सुख-चैन पहुँचाने वाला सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के उद्देश्य की पूर्ति का होना चाहिए। ऐसा ना होना चिन्तनीय।उत्तर प्रदेश के शहर, गाँव, क्षेत्र एवं समाज बुनियादी सुविधाओं के अभाव व अनेकों विषमताओं से जूझ रहे हैं तथा लोगों को जब सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल, रोजी-रोजगार के बेहतर व्यवस्था करने की माँग है तब उन्हें दूसरे सपने दिखाना यह समस्या का सही समाधान नहीं।भाजपा से पहले यूपी बदहाल था, यह दावा उचित नहीं, क्योंकि बसपा की सरकार में जनहित व जनकल्याण तथा अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में हर स्तर पर कानून द्वारा कानून का बेहतरीन राज था, जिसे लोग अब तरस रहे हैं, जबकि भाजपा की नीतियों से बहुजन समाज बदहाल है।

रवि किशन शुक्ला बोले – यह बजट प्रदेश के विकास को देगा नई उड़ान

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत 2025-26 के बजट को गोरखपुर सांसद रवि किशन शुक्ला ने राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही हर वर्ग को सशक्त बनाएगा।

रवि किशन शुक्ला ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक प्रगतिशील और समावेशी बजट प्रस्तुत किया है, जो कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नई दिशा देगा।"

उन्होंने विशेष रूप से किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए किए गए प्रावधानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने, युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। साथ ही, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर भी जोर दिया गया है।

बजट की प्रमुख विशेषताएं:

राजकोषीय अनुशासन: प्रदेश का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का मात्र 2.97% है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 3.5% की सीमा से कम है।

आर्थिक मजबूती: नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश को राजकोषीय स्थिति के मामले में 'फ्रंट रनर' राज्य की श्रेणी में रखा गया है।

वित्तीय सुधार: वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है।

पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी: वर्ष 2018 से 2023 के बीच पूंजीगत व्यय कुल व्यय के 14.8% से बढ़कर 19.3% हो गया, जो देश के प्रमुख राज्यों के औसत से अधिक है।

रोजगार और निवेश: बीते 8 वर्षों में प्रदेश में बेरोजगारी दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। अब तक 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश जमीन पर उतर चुके हैं। इससे 60 लाख से अधिक नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।

रवि किशन शुक्ला ने कहा कि यह बजट उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार की यह वित्तीय नीति राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

श्रीकृष्ण बाल लीलाओं की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता

खजनी गोरखपुर।।कस्बे के पास रूद्रपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन हनुमानगढ़ी अयोध्या के कथा व्यास पंडित प्रदीप ब्रह्मांस दास ब्रह्मचारी ने भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाओं का विस्तार सहित वर्णन किया। इस दौरान भगवान कृष्ण के नामकरण पूतना वध, माखन चोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथा व्यास ने कहा कि भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस द्वारा भेजे गए सभी राक्षसों का संहार किया वहीं माता यशोदा व ब्रजवासियों को भक्ति आनंद प्रदान किया।

इस अवसर पर मुख्य यजमान प्रेम शंकर मिश्र, असमावती मिश्रा, डॉक्टर उदय प्रकाश मिश्र, गिरिवर मिश्र, सरस्वती शिशु मंदिर खजनी के प्रधानाचार्य बृजराज मिश्र,अमर,आकाश, हर्ष, गिरीश तिवारी, दूधनाथ दुबे, बेनीमाधव तिवारी, श्रीप्रकाश मिश्र, ओमप्रकाश आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता कथा में शामिल हुए।

गोवर्धन लीला की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति का अभिमान हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद करा दी और गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू करा दी। इससे क्रोधित इंद्र ने ब्रज में भारी बरसात कराई।प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला और छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई।

पोखरी में मिले शव की पीएम रिपोर्ट मिलते ही उलझी पुलिस

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के पड़ियापार गांव की पोखरी में मिले युवक के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस के जांच की दिशा पूरी तरह से बदल कर रख दी है। रिपोर्ट में मौत की वजह पानी में डूबने से हुई मौत बताई गई है। बीते दो महीने पहले 17 दिसंबर 24 को खजनी थाना क्षेत्र के पड़ियापार गांव के निवासी युवक मोहन निषाद 40 वर्ष को उसके घर से रात 8 बजे गांव के कुछ लोग बुलाकर ले गए थे। मोहन निषाद जब लौट कर वापस घर नहीं आए तो परिवार के लोगों की चिंता बढ़ गई। उनके बच्चे और पत्नी तलाश में जुट गए, इस बीच उन्हें मोहन निषाद को गांव की पोखरी की ओर जाने की सूचना मिली, किंतु पोखरी के आसपास मोहन निषाद की मौजूदगी को लेकर आशंकित परिवार के लोगों के द्वारा खजनी पुलिस को सूचना दी गई।

तत्कालीन थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने गुमशुदगी दर्ज करते हुए मोहन निषाद की तलाश शुरू की किंतु पोखरी में जलकुंभी जकड़ी होने के कारण पानी में पहुंचना मुश्किल था। मजदूरों को लगाकर पोखरी से जलकुंभी हटाई गई मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने पोखरी के पानी में डूबे होने की संभावना में तलाश की किंतु मोहन निषाद का कोई पता नहीं चला। दिन गुजरते गए और परिवार के लोग मोहन की तलाश में खजनी थाने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पास चक्कर लगाने के साथ ही हर संभावित स्थानों पर मोहन की तलाश करते रहे। इस बीच दो दिन पहले मोहन निषाद का शव गांव की उसी पोखरी के किनारे से बरामद हुआ। परिवार के लोगों ने शव और उसके कपड़ों को देख कर शिनाख्त करते हुए हत्या का आरोप लगाया और पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कस्बे में सड़क जाम करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। परिवार में मृतक के माता-पिता पत्नी तीन बेटे तथा एक बेटी ने खजनी पुलिस पर मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि रिपोर्ट में 10 दिन पहले पानी में डूबने से मौत होने की बात कही जा रही है तो बीते 50 दिनों तक मृतक कहां था और इस बीच पुलिस ने उसकी तलाश क्यों नहीं की।

दूसरी ओर जोकेस दर्ज कर कार्रवाई में जुटी पुलिस ने नामजद आरोपितों को हिरासत में लेकर जांच पड़ताल शुरू की और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने का इंतजार करने लगी। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस हत्या और आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने में उलझ गई है। इतना ही नहीं शव मोहन निषाद का ही है इसकी पुष्टि के लिए अब पुलिस डीएनए जांच कराने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर परिवार के लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने के बाद शव मोहन निषाद का ही होने का दावा कर रहे हैं। मां बाप की इकलौती संतान मृतक मोहन निषाद एक कुशल मूर्तिकार भी था, उसने अपने हाथों से देवी देवताओं और हांथी घोड़े आदि की कई सुंदर मूर्तियां बनाई हैं। परिवार के भरण-पोषण के लिए हरनहीं में स्थित एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान पर ट्रैक्टर चलाने और मेहनत मजदूरी का काम करता था। उसके माता-पिता तहसील गेट के पास चाय पकौड़े की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। एक घटना के बाद गरीब परिवार की मदद के लिए आज तहसील के कुछ वकीलों ने घर पहुंच कर अर्थिक सहयोग किया। आज अपराह्न क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह ने थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह और पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का सघन निरीक्षण किया।

थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने बताया कि मामले में जांच और कार्रवाई चल रही है।

महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर का हुआ आयोजन

गोरखपुर। महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ आर एन ओझा पूर्व प्रोफेसर अर्थशास्त्र, तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर उपस्थित रहें। मुख्य अतिथि डॉ आर एन ओझा जी ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा की युवा राष्ट्र के केंद्र बिंदु हैं उन्हें अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने की आवश्यकता हैं। समाज की परिस्थिति के अनुसार आत्म चिंतन कर अपनी ऊर्जा को दिशा दे और एक लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें। यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया I

कार्यक्रम संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो.अनिल कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों से कहा कि अपने इतिहास, कला एवं विज्ञान को भी जानने की आवश्यकता हैं।सकारात्मक सोच रखे आप जैसा सोचेंगे वैसे बन जायेंगे। कार्यक्रम का संचालन छात्रा मनीषा पाण्डेय ने कियाI लक्ष्य गीत हर्षित तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम में स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया I

कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने सभी अतिथिगण एवं शिक्षक गण का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गणित विभाग के डॉ रविंद्र नाथ शुक्ल, डॉ शोभित श्रीवास्तव वनस्पति विभाग, आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे I

हीरक जयंती व भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मशताब्दी वर्ष के तत्वाधान में राजनीति विज्ञान विभाग में भारत पाकिस्तान संबंध प

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के हीरक जयंती व भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मशताब्दी वर्ष के तत्वाधान में राजनीति विज्ञान विभाग में दिल्ली लाहौर बस यात्रा 19 फरवरी 1999 का भारत पाकिस्तान संबंध पर प्रभाव विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन मौजूद रही। राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश सिंह ने मुख्य अतिथि का फूल देकर स्वागत किया। और आयोजन की रूपरेखा पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की दिल्ली लाहौर बस यात्रा का निर्णय एक ऐतिहासिक निर्णय रहा है ।

इस यात्रा ने पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी थी पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी इस पहल की खूब सराहना की थी। वहीं कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई राजनीति के धूमकेतु है जो हमेशा चमकते रहेंगे हमें उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है

डीडीयू और भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के बीच एमओयू, भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संवर्धन के लिए संगठित प्रयास

गोरखपुर। भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन और भाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने समझौते को औपचारिक रूप दिया।

इस समझौते के तहत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से भोजपुरी भाषा, साहित्य, लोकसंस्कृति एवं परंपराओं के अध्ययन, अनुसंधान और प्रसार के लिए कार्य करेंगे। इस सहयोग से विद्यार्थियों को भोजपुरी भाषा को गहराई से समझने और इसके साहित्य एवं सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा,

“भोजपुरी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय सदैव अपनी लोकसंस्कृति और भाषाई विरासत के संरक्षण के लिए प्रयासरत रहा है। भाई द्वारा भोजपुरी भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए यह एमओयू किया गया है। यह साझेदारी भोजपुरी भाषा और साहित्य के अकादमिक अध्ययन को नई दिशा देगी तथा विद्यार्थियों के लिए शोध और रोजगार के नए अवसर खोलेगी।”

भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा,

“गोरखपुर विश्वविद्यालय ने जिस विश्वास के साथ यह समझौता किया है, भाई उस पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करेगा। हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी को भोजपुरी भाषा और लोकसंस्कृति से जोड़ना तथा इसके प्रचार-प्रसार को वैश्विक स्तर तक ले जाना है।”

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने कहा कि गत दिनों विश्वविद्यालय और भाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी को व्यापक सराहना मिली थी। उसी को ध्यान में रखते हुए यह समझौता किया गया है, जिससे भोजपुरी भाषा और साहित्य को अधिक गति मिलेगी और इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगा।

इस अवसर पर भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) की ओर से कुलपति प्रो. पूनम टंडन को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो. अनुभूति दूबे, भाई के संरक्षक डॉ. सुरेश, क्षेत्रीय संयोजक शिवेंद्र पांडेय, कोषाध्यक्ष राकेश मोहन और हृदया त्रिपाठी सहित विश्वविद्यालय के कई प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

इस एमओयू के माध्यम से भोजपुरी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नवीन शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक पहल की गई है, जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी लोकसंस्कृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।