काशी में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू, नागा साधुओं के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा बाबा विश्वनाथ का दरबार

यूपी के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद अब यूपी सरकार और प्रशासन महाशिवरात्रि को लेकर व्यवस्था बनाने में लगे हैं. महाशिवरात्रि के लिए लगातार बैठक हो रही हैं. महाकुंभ क्षेत्र से सभी अखाड़े और साधू – सन्यासी इस समय काशी में हैं. प्रशासन को पता है कि महाशिवरात्रि के दिन दर्शन पूजन के लिए ऐतिहासिक भीड़ आने वाली है. पलट प्रवाह का भी पूरा असर इस महाशिवरात्रि पर दिखेगा.

महाशिवरात्रि पर प्रशासन ने दर्शन पूजन की व्यवस्था तैयार की है. व्यवस्था के मुताबिक सबसे पहले साधु सन्यासी और नागा साधु दर्शन करेंगे. उसके बाद ही आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूजन करने की व्यवस्था शुरू होगी. ऐसे में जब तक साधु – सन्यासी और नागा साधु दर्शन नहीं कर लेंगे तब तक श्रद्धालुओं की लाइन रुकी रहेगी. ये नियम हर अर्द्ध कुम्भ और पूर्ण कुम्भ की शिवरात्रि पर लागू होता है.

घर बैठे ही बाबा विश्वनाथ के करें दर्शन

महाशिवरात्रि पर पेशवाई का शेड्यूल भी जारी किया गया है. जूना अखाड़े की पेशवाई हनुमान घाट से, आवाहन अखाड़े की पेशवाई दशास्वमेध घाट से, और अग्नि अखाड़े की पेशवाई राजघाट से निकलेगी. ये तीनों अखाड़े गोदौलिया पर मिलेंगे और वहीं से एक होकर बाबा के दरबार तक पहुंचेंगे. बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं से मंदिर प्रशासन ने अपील की है कि महाशिवरात्रि पर लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई है वो घर बैठे ही बाबा विश्वनाथ के दर्शन करें.

गणेश पूजन के साथ शुरू हुई महाशिवरात्रि की तैयारी

श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारियां शुरू करने से पहले प्रथम पूज्य श्री गणेश जी महाराज का विधि-विधान से पूजन किया गया. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का प्रतिनिधित्व करते हुए मंदिर के सीईओ श्री विश्व भूषण ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गणेश जी की पूजा की. श्री गणेश जी महाराज का जलाभिषेक करने के बाद उनका सिंदूर से श्रृंगार किया गया. इसके बाद श्री गणेश जी को वस्त्र, पुष्प, दूर्वा, माला, नैवेद्य, भोग अर्पित किया गया. भावपूर्ण तरीके से गणेश जी की स्तुति कर उनकी आरती उतारी गई. शिखर आरती के पश्चात भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया.

मंदिर के सीईओ श्री विश्व भूषण ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू करने से पूर्व प्रथम पूज्य गौरी नंदन श्री गणेश जी का पूजन किया गया. श्री गणेश जी के पूजन के बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू कर दी गई है.

रेखा गुप्ता के सामने दिल्ली में होंगी ये चुनौतियां… जानें क्या है BJP का मास्टर प्लान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 27 सालों के बाद दिल्ली में जीत हासिल की थी और आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर किया था. दिल्ली में जीत के बाद केंद्रशासित प्रदेश के नए सीएम को लेकर सस्पेंस जारी था. बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुना गया. वह दिल्ली की अगली सीएम होंगी और दिल्ली में भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री भी होंगी.

भाजपा नेतृत्व ने रेखा गुप्ता के अनुभव और राजधानी का नेतृत्व करने के लिए एक महिला नेता को चुना है. पूर्व मेयर के रूप में उनका कार्यकाल और दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली पहलों में सक्रिय भूमिका उसे सीएम पद तक ले गई, लेकिन इससे इसके साथ ही उनके सामने कई चुनौतियां हैं.

महिलाओं से किए गए वादों को पूरा करना

रेखा गुप्ता महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. रेखा गुप्ता को सीएम पद चुने जाने के पीछे भाजपा की रणनीति है कि वह महिलाओं को प्राथमिकता देना चाहती हैं. चुनाव के दौरान भाजपा ने महिलाओं वोटर्स को लुभाने के लिए कई रणनीति अपनाई थी. इसके तहत महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपए देने का वादा किया है. इसके साथ ही होली और दीपावली पर 500 रुपए में सिलेंडर भी देने का वादा किया था. ऐसे में रेखा गुप्ता के सामने यह चुनौती होगी कि महिलाओं से किए गये वादे पूरे करें.

बता दें कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने चुनाव के दौरान यह कहा था कि बीजेपी आती है, तो महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री यात्रा बंद कर देगी. रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर भाजपा जनता में यह संदेश देना चाहती है कि वह महिलाओं के साथ हैं और महिलाओं के लिए कोई भी योजना बंद नहीं करेगी. इसके साथ ही बिजली में सब्सिडी को जारी रखना भी रेखा गुप्ता की चुनौती होगी.

गंदगी पर लगाम लगाना और विकास में तेजी लाना

बीजेपी ने चुनाव के दौरान दिल्ली में गंदगी और भ्रष्टाचार सहित यमुना में प्रदूषण को मुद्दा बनाया था. ऐसे में रेखा गुप्ता के सामने दिल्ली में साफ-सफाई को सुनिश्चित करना और विकास को प्राथमिकता देना शामिल होगा. प्रदूषण और यमुना में गंदगी को लेकर भी कदम उठाना होगा.

इसके साथ ही रेखा गुप्ता का छात्र राजनीति से लेकर दिल्ली की राजनीति का लंबा अनुभव रहा है और वह पेशे से वकील हैं और दक्षिण दिल्ली की मेयर भी रह चुकी हैं. ऐसे में पार्टी उनके राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाना

रेखा गुप्ता का लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग (उत्तर-पश्चिम) सीट से रेखा गुप्ता ने 68,200 वोटों से जीत हासिल की है. वह एक अनुभवी भाजपा नेता है और उनका लंबा राजनीतिक करियर रहा है और छात्र आंदोलन को नेतृत्व दिया था. वर्तमान में वह दिल्ली भाजपा की महासचिव है. 50 वर्षीय रेखा गुप्ता पहले भाजपा की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं.

पेशे से वकील गुप्ता ने 1996 से 1997 तक दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष के रूप में राजनीति में अपनी यात्रा शुरू की थी. बाद में उन्होंने नगर निगम की राजनीति में कदम रखा, 2007 में उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से दिल्ली पार्षद का चुनाव जीता और 2012 में फिर से चुनाव जीता थी. उन्होंने दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर के रूप में भी काम किया है, जिससे उनकी प्रशासनिक साख और मजबूत हुई है.

सीएम के नाम की घोषणा होने के बाद, शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को होने की उम्मीद है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद सत्ता में आई भाजपा का लक्ष्य दिल्ली में एक स्थिर सरकार स्थापित करना है.

दिल्ली की इस सड़क पर जाने से बचें, 12 घंटे के लिए यहां गाड़ियों पर रहेगा बैन; एडवाइजरी जारी

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा चांदनी चौक के पास की सड़क पर लगाए गए यातायात प्रतिबंध को ट्रैफिक पुलिस ने जारी रखने का निर्णय लिया है. इसके तहत अब चांदनी चौक की मुख्य सड़क पर लाल किले से लेकर फतेहपुरी तक, रोजाना सुबह 9 बजे से लेकर रात 9 बजे तक, 12 घंटे के लिए वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी.

यह आदेश दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा गैर-मोटर चालित वाहन (एनएमवी) क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है. इसका उद्देश्य चांदनी चौक की मुख्य सड़क को अधिक सुरक्षित बनाना है, ताकि पैदल चलने वाले लोग आसानी से बिना किसी परेशानी के आ-जा सकें और प्रदूषण भी कम हो सके.

सड़कों और गलियों पर बूम बैरियर

इस आदेश को लागू करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने चांदनी चौक की मुख्य सड़क पर आने-जाने वाली सभी सड़कों और गलियों पर बूम बैरियर लगवाए हैं. इसका मतलब है कि इस क्षेत्र में कोई भी मोटर वाहन प्रवेश नहीं कर सकेगा, सिवाय उन वाहनों के जो आपातकालीन स्थिति में हैं. जैसे कि एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन या मरम्मत कार्यों में लगे वाहन.

ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चालकों से अनुरोध किया है कि वे धैर्य रखें और यातायात नियमों का पालन करें. साथ ही, ट्रैफिक कर्मियों से सहयोग करें, ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके. यह कदम चांदनी चौक में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने और पैदल चलने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई

इसके अलावा, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यह भी बताया है कि अगर कोई वाहन चालक इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसलिए, सभी वाहन चालकों से यह अपील की गई है कि वे निर्धारित समय के दौरान चांदनी चौक के इस हिस्से में यात्रा करने से बचें.

इससे पहले, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के एक्सपोमार्ट गोलचक्कर को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है. यह प्रतिबंध 20 फरवरी से लागू होगा, क्योंकि 22 से 26 फरवरी तक इंडिया एक्सपो सेंटर में ‘एलेक्रामा 2025’ का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान ग्रेटर नोएडा के ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाएगा.

इस प्रकार, दिल्ली में यातायात नियमों का पालन करना और ट्रैफिक का सही दिशा में मार्गदर्शन करना सभी के लिए आवश्यक होगा.

बालाघाट में पुलिस और नक्सलियों में मठभेड़, 4 महिला नक्सली ढेर; कई घायल

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें चार महिला नक्सली ढेर हो गईं. यह मुठभेड़ गढ़ी थाना क्षेत्र के रौंदा जंगल में हुई, जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. पुलिस ने इस मुठभेड़ में नक्सलियों से कई हथियार और अन्य सामग्री भी बरामद की. पुलिस की इस कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है.

बताया जा रहा है कि पुलिस और हॉक फोर्स के जवान रौंदा के घने जंगलों में सर्चिंग कर रहे थे. अचानक, नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी. जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसमें चार महिला नक्सली ढेर हो गईं. मारी गईं नक्सलियों से एक इंसास राइफल, एक एसएलआर राइफल और एक 303 राइफल के अलावा दैनिक उपयोग की कई सामग्री बरामद की गई.

जंगल का फायदा उठाकर भागे नक्सली

मुठभेड़ के दौरान अन्य नक्सली भी घायल हुए, जो कि घने जंगल का फायदा उठाकर भाग गए. घायल नक्सलियों की तलाश के लिए पुलिस ने जंगल में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया. पुलिस ने इस ऑपरेशन में हॉक फोर्स, CRPF, कोबरा कमांडो और जिला बल की टीमों को शामिल किया. कुल मिलाकर, 12 से अधिक टीमों द्वारा सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा, ताकि भागे हुए नक्सलियों को पकड़ा जा सके.

मुठभेड़ पर क्या CM मोहन यादव?

पुलिस की इस सफलता पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बधाई दी और कहा कि, “मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से नक्सलियों का पूरी तरह सफाया कर देगी. 2026 तक राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा.”

वहीं मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान कई नक्सलियों के घायल होने की संभावना है, लेकिन घने जंगल की वजह से उन्हें पकड़ पाना चुनौतीपूर्ण है.

नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान

यह मुठभेड़ बालाघाट जिले में पुलिस की बढ़ती ताकत और नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को दर्शाती है. पुलिस ने मारे गए महिला नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं और उनकी शिनाख्त के लिए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है. मुठभेड़ के बाद, पुलिस ने कहा कि इस कार्रवाई से नक्सलियों को यह संदेश दिया जाएगा कि उनका आतंक अब खत्म होने की ओर है.

महाकुंभ में कई जगह पानी नहाने लायक नहीं’… UPPCB की जांच से NGT नाराज, कहा- सही नहीं आपकी रिपोर्ट

महाकुम्भ क्षेत्र में यमुना और गंगा के पानी में प्रदूषण पर घमासान मचा है. बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने भी कड़ा रुख दिखाया. एनजीटी ने यूपीपीसीबी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर असंतोष जताया. कहा कि यह पूरी रिपोर्ट ही भ्रामक है. एनजीटी ने यह नाराजगी यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में कई बिंदुओं की जानकारी नहीं होने पर जताई है. हालांकि यूपीपीसीबी ने पूर्ण रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एनजीटी से एक सप्ताह का समय मांगा है. अब मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

इसके लिए एनजीटी ने सीपीसीपी को भी पूरी तैयारी के साथ आने को कहा है. बता दें कि महाकुंभ के दौरान एनजीटी के आदेश पर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने गंगा और यमुना के पानी का कई जगह से सैंपल लिया था. इस सैंपल की जांच रिपोर्ट पिछली तारीख पर एनजीटी के पटल पर रखी गई थी. इस रिपोर्ट में सीपीसीबी ने माना है कि ‘गंगा और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता विभिन्न अवसरों और सभी निगरानी स्थानों पर अपशिष्ट जल फेकल कोलीफॉर्म के संबंध में स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थी.

यूपीपीसीबी ने दी पुरानी रिपोर्ट

महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने इन नदियों में स्नान किया. इसकी वजह से अपशिष्ट जल की सांद्रता में वृद्धि होती गई. इस रिपोर्ट में सीबीसीपी ने बताया है कि 9 से 21 जनवरी के बीच कुल 73 अलग-अलग जगहों से सैंपल लिए गए थे. इन 73 स्थानों में से किसी भी स्थान पर पानी पीने लायक तो दूर नहाने योग्य भी नहीं पाया गया है. इस रिपोर्ट के बाद बुधवार को हुई सुनवाई में उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की.

एनजीटी ने रिपोर्ट पर जताया असंतोष

इस रिपोर्ट में यूपीपीसीबी ने सीपीसीबी के रिपोर्ट को ही मानने से इंकार कर दिया. याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी के मुताबिक एनजीटी की प्रधान पीठ के सामने यूपीपीसीबी के इस रूख की वजह से अजीब स्थिति बन गई. एनजीटी पीठ ने भी यूपीपीसीबी की रिपोर्ट को ध्यान से देखा, लेकिन तमाम खामियों को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘आपकी रिपोर्ट ही भ्रामक है’. इसके बाद यूपीपीसीबी ने इन खामियों को दूर कर पूर्ण रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एनजीटी से एक सप्ताह का समय मांगा है. कहा कि हमने भी डिफरेंट एजेंसी से जांच कराई है और अगली तारीख पर उसे भी फाइल कर दिया जाएगा.

मायने रखता है सैंपल का लोकेशन

मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने यूपीपीसीबी से कहा कि आपकी रिपोर्ट जनवरी महीने की है, जबकि सीपीसीबी ने ताजा रिपोर्ट पेश किया है. इसी प्रकार आपने कहां से सैंपल लिया, रिपोर्ट में यह भी काफी मायने रखता है. इस मामले में पर्यावरणविद और गंगा पर लम्बे समय तक काम करने वाले प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी ने भी कहा कि सैम्पल कहां से लिया जा रहा है ये मैटर करता है. साथ ही अगर पानी की गुणवत्ता इतनी ख़राब है और नहाने लायक नहीं है तो नहाने के बाद श्रद्धालुओं की तबियत ख़राब होने की भी तो कोई ख़बर क्यों नहीं आई.

नीम के पेड़ से निकली धारा, लोटा लेकर पहुंचे लोग… हाथ जोड़कर बोले- चमत्कार ही हो गया

हरियाणा के जींद में एक गांव है खरकभूरा. यहां अचानक 20 साल पुराने नीम के पेड़ से सफेद तरल पदार्थ निकलने लगा, जो दिखने में बिल्कुल दूध जैसा था. लोगों को जैसे ही इसकी भनक लगी वो लोटा लेकर वहां पहुंचे. उस तरल पदार्थ को घर ले जाने लगे.

यही नहीं, कुछ लोग को इसे चमत्कार मानकर नीम के पेड़ की पूजा करने लगे. तभी इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को हुई. स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत गांव में पहुंची. उन्होंने तरल पदार्थ का सैंपल लिया. साथ ही लोगों से अपील की कि वो इस तरल पदार्थ का गलती से भी सेवन न करें. यह तरल पदार्थ 20 दिन से लगातार निकल रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ से निकलने वाला तरल पदार्थ नारियल के पानी की तरह हैं. वहीं, कुछ लोग इसे दूध बता रहे हैं. इतना ही नहीं, कुछ लोग तो इस तरल को बोतलों में भरकर अपने घर भी लेकर जा रहे हैं. प्रशासन ग्रामीणों से अपील की है कि जो सफेद तरल निकल रहा है उसका इस्तेमाल न करें. मंगलवार को स्वास्थ्य, वन, पंचायत एवं जन स्वास्थ्य विभाग की टीम नीम के पेड़ से निकल रहे पानी के निरीक्षण के लिए पहुंची. स्वास्थ्य विभाग उचाना से टीम में शामिल एमपीएचडब्ल्यू विक्रम श्योकंद ने बताया कि यह एक रासायनिक प्रक्रिया है. नीम के पेड़ से निकल रहे पानी में चमत्कार जैसी कोई बात नहीं है. ग्रामीण किसी प्रकार के अंधविश्वास में न पड़ें.

इस पदार्थ का उपयोग हो सकता है घातक

वन विभाग ने बताया कि यह पेड़ों में फंगल इंफेक्शन जैसी एक बीमारी हैं, बिना किसी जांच के इस पानी का किसी प्रकार का प्रयोग घातक हो सकता हैं. सरपंच प्रतिनिधि संजीव, कानूनगो रामबिलास ने इस बारे में लोगों को विस्तार से समझाया. वन राजिक अधिकारी ने बताया कि यह पेड़ की झिल्ली फटने से हो सकता हैं. जिस कारण पेड़ पानी अवशोषित नहीं कर पाता और ये पानी बाहर निकाल देता है.

बीमारी ठीक करने के लिए लोग कर रहे सेवन

कई लोगों ने सफेद तरल पदार्थ को चखा भी और उन्होंने बताया कि दूध की तरह दिख रहा ये पदार्थ नारियल के पानी की तरह लगता है. कई लोग इसे बाबा रथपूरी का चमत्कार बता रहे हैं. लोग इसका सेवन आस्था से जोड़ कर रहे हैं. कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका सेवन कर रहे हैं. इसे लेकर लोगों की आस्था बढ़ रही है.

महाकुंभ में लगाई डुबकी फिर सपने में आई मां… 32 साल बाद साधू बन पहुंचा घर

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के समापन में 7 दिन का समय बाकी है. इससे पहले महाकुंभ में आया 32 साल से लापता शख्स उसके परिवार को मिल गया. 1992 में जो शख्स लापता हुआ था. वह महाकुंभ मेले में स्नान करने आया. स्नान करने के बाद सपने में अपनी मां को देखा तो महाकुंभ से लगभग 160 किलोमीटर का सफर तय कर वह 32 साल बाद अपने घर पहुंच गया, जिसे देखकर उसकी मां, पत्नी, बच्चे और भाई-बहन सभी बेहद खुश हो गए.

दरअसल जमालपुर के रहने वाले अमरनाथ गुप्ता 1992 में अयोध्या ढांचा विध्वंस के दौरान कार सेवकों की टोली में गए थे. अयोध्या से ट्रेन से मिर्जापुर वापस हो रहे थे. इस दौरान जौनपुर में ट्रेन पर पथराव होने लगा. वहां से उतरकर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर अपने घर पहुंचे. घर पहुंचने पर अमरनाथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर की जेल में बंद कर दिया था. कुछ दिन जेल काटने के बाद जेल से छूटकर घर पहुंचे. घर पर जब मन नहीं लगा तो परिवार को बिना बताए अयोध्या निकल गए थे.

सपने में नजर आई मां

अयोध्या से वृंदावन पहुंचकर बाबा किशोर दास से दीक्षा लेकर उनके जयपुर आश्रम में रहने लगे. एक हफ्ते पहले महाकुंभ स्नान करने आए. स्नान करने के बाद रात में सो रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी मां को सपने में देखा तो रविवार को मां से मिलने घर पहुंच गए. अब उनको देखने के लिए आसपास के लोग पहुंच रहे हैं. मुंबई में नौकरी कर रहे भाई विजय कुमार, चचेरे भाई त्रिलोकी, संत कुमार और राजू भी उनसे मिलने के लिए जमालपुर आ रहे हैं.

क्या है अमरनाथ की कहानी?

अयोध्या ढांचा विध्वंस के सालों से लापता अमरनाथ गुप्ता जिनकी उम्र 72 साल हो चुकी है. पढ़ाई के दौरान ही विश्व हिंदू परिषद (RSS) के साथ जुड़ गए थे. 95 साल की बूढ़ी मां प्यारी देवी, पत्नी चंद्रावती, बेटा अतुल बेटी अर्चना, अंजना मोनी समेत सात बहनें उन्हें पाकर बेहद खुश हैं. अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि अयोध्या ढांचा विध्वंस के समय टोली में कार सेवकों के साथ गया था. वहां से लौटने के दौरान जौनपुर में ट्रेन में पथराव होने लगा. वहां सुधार कर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर घर पहुंचे तो पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर जेल में बंद कर दिया था. फिर वहां से लौटने के बाद जब मन नहीं लगा तो वह घर से बिना किसी को बताए निकल गए थे.

सरकारी विभाग में ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचा युवक, लेकिन एक चूक से खुला ऐसा राज

हरियाणा के चरखी दादरी में नौकरी पाने का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जनस्वास्थ्य विभाग में रेवाड़ी जिले के गांव बालावास जामापुर निवासी फर्जी तरीके से नौकरी पाने के लिए ज्वाइनिंग लेटर लेकर एक्सईएन ऑफिस पहुंचा और खुद की ज्वाइनिंग करवाने की बात कही. युवक का ज्वाइनिंग लेटर देख एक्सईएन के अधिकारी भी हैरान रह गए. विभाग में डब्ल्यूपीओ की नौकरी पाने वाला युवक कृष्णकांत सोमवार को एचकेआरएन के तहत मिले लेटर को लेकर ऑफिस में पहुंचा.

लेटर पर एक्सईएन विभाग की मोहर और हरे रंग में साइन भी थे, लेकिन साइन मेल नहीं खा रहे थे. युवक का लेटर देख अधिकारियों को फ्रॉड तरीके से नौकरी पाने का अंदेशा हुआ. उन्होंने युवक से पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि उसने विभाग के ही सुनील नाम के कर्मचारी को 50 हजार रुपये दिए हैं. तब जाकर उसको जॉइनिंग लेटर मिला है. पूछताछ में युवक ने बताया कि एचकेआरएन के तहत डब्ल्यूपीओ पद पर उसको 4 फरवरी को ज्वाइन करना था, लेकिन किसी वजह से ऐसा हो नहीं पाया.

विभाग में डब्ल्यूपीओ पद पर करना था ज्वाइन

कृष्णकांत जब सोमवार को वह ऑफिस में ज्वाइन करने के लिए पहुंचा तो विभाग के अधिकारियों को उसपर शक हुआ और उसने पुलिस को शिकायत दे दी. विभाग अधिकारियों ने पूछा कि आपको यह ज्वाइनिंग लेटर किसने दिया है, उनको कोई मोबाइल नंबर है क्या.ऐसे में युवक ने पूछताछ में सब बता दिया. कृष्णकांत ने अपने मोबाइल फोन में सुनील नाम के युवक का आई कार्ड दिखाया. कृष्णकांत ने कहा कि उसे सुनील ने लेटर देकर विभाग में डब्ल्यूपीओ पद पर ज्वाइन करने की बात कही है.

करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में शामिल

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सुनिल पहले जन स्वास्थ्य विभाग में था और करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में शामिल भी रह चुका है. जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन ने बताया कि मामले की जांच करवाने के लिए पुलिस को लिखित में शिकायत देकर युवक को पुलिस को सौंप दिया गया है.

केंद्र सरकार ने 3 राज्यों के ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग अनुदान किया जारी

केंद्र सरकार ने देश के 3 राज्यों (पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़) के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 15वें वित्त आयोग अनुदान जारी कर दिया है. पंजाब को इस बार 225 करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं जबकि छत्तीसगढ़ को 244 करोड़ रुपये और उत्तराखंड को ग्रामीण शासन को मजबूत करने के लिए 93 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है.

पंचायती राज संस्थाओं (Panchayati Raj Institutions, PRI) या ग्रामीण स्थानीय निकायों (Rural Local Bodies, RLB) को दिए जाने वाले ये अनुदान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं.

स्थानीय निकायों के लिए पहली किस्त

पंजाब के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए, 225.1707 करोड़ रुपये की अनटाइड ग्रांट की पहली किस्त जारी की गई है. ये फंड राज्य की पात्र 13,144 ग्राम पंचायतों, पात्र 146 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 22 जिला पंचायतों के लिए जारी की गई हैं.

जबकि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 15वें वित्त आयोग अनुदान के जरिए 2024-25 के वित्तीय वर्ष में अनटाइड अनुदानों की दूसरी किस्त 237.1393 करोड़ रुपये के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनटाइड अनुदानों की पहली किस्त की रोकी गई राशि 6.9714 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं.

ये धनराशि छत्तीसगढ़ की 11,548 पात्र ग्राम पंचायतों, सभी पात्र 146 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 27 जिला पंचायतों के लिए है. इसी तरह उत्तराखंड में भी ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनटाइड अनुदानों की पहली किस्त जारी की गई है.

उत्तराखंड को 93 करोड़ से अधिक की राशि

उत्तराखंड को इसके लिए 93.9643 करोड़ रुपये जारी की गई है. ये धनराशि राज्य की पात्र 7,769 ग्राम पंचायतों, सभी पात्र 995 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 13 जिला पंचायतों के लिए है.

भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को 15वें वित्त आयोग अनुदान दिए जाने की सिफारिश करती है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है. आवंटित अनुदानों की सिफारिश की जाती है और इसे एक वित्तीय वर्ष में 2 किस्तों में जारी किया जाता है.

सैलरी और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, संविधान की 11वीं अनुसूची में शामिल 29 विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट महसूस की जाने वाली जरूरतों के लिए पंचायती राज संस्थाओं या ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा अनबंधित अनुदानों का उपयोग किया जाएगा. इन तय अनुदानों का उपयोग स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, साथ ही विशेष रूप से घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, के साथ-साथ मानव मल और मल कीचड़ प्रबंधन के लिए करना है. इसके अलावा पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) और जल पुनर्चक्रण (Water Recycling) भी इसमें शामिल होना चाहिए.

आतिशी और संजय सिंह को राहत, कोर्ट फीस नहीं चुकाने पर संदीप दीक्षित की मानहानि याचिका खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने आतिशी और संजय सिंह के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर मानहानि के केस को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट में यह याचिका नई दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी रहे संदीप दीक्षित ने दायर की थी. वहीं, केस की कोर्ट फीस नहीं भरने पर इसे खारिज कर दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सिविल मानहानि केस की कोर्ट फीस जमा नहीं की है. इसलिए याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. दरअसल संदीप दीक्षित ने 10 करोड़ के हर्जाने की मांग करते हुए सिविल मानहानि केस दायर किया था. याचिका में उनका कहना है कि आतिशी और संजय सिंह ने उन पर चुनाव के दौरान पैसे लेने और भाजपा से मिलीभगत करने का झूठा आरोप लगाया था.

क्या है पूरा मामला?

याचिका में कहा गया था कि आतिशी और संजय सिंह ने संदीप दीक्षित पर पैसे लेने और बीजेपी के साथ सांठगांठ करने का झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाया. यह शिकायत 26 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आतिशी और संजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया गया था कि संदीप दीक्षित AAP को हराने के लिए बीजेपी से ‘करोड़ों रुपए’ लिए.

साथ ही याचिका में आतिशी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को अपने एक्स पर शेयर करने पर भी आपत्ति जताई गई थी. कैप्शन में लिखा था ‘कांग्रेस दिल्ली चुनाव में बीजेपी की मदद कर रही है’.व हीं, इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख निर्धारित की थी. साथ ही आतिशी और संजय सिंह को एक कानूनी नोटिस भेज कर पोस्ट को हटाने को कहा गया था.

संदीप दीक्षित और केजरीवाल दोनों हारे

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र सबेस हॉट सीटों में सुमार थी. यहां से तीन प्रमुख पार्टियों की ओर से बड़े-बड़े कद्दावर नेता मैदान में है. कांग्रेस से पूर्व सीएम शिला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित, आम आदमी पार्टी से राष्ट्रीय संयोजक औैर मुख्यमंत्री उम्मीदवार, पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के पूर्व सांसद और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहें साहिब सिंह के बेटे परवेश वर्मा चुनाव में थे.

हालाकिं, चुनाव में बीजेपी के परवेश वर्मा ने बाजी मारी, संदीप दीक्षित और अरविंद केजरीवाल को हार का सामन करन पड़ा. केजरीवाल साल 2013 से इस से विधायक थे. उससे पहले यहां से लगातार शिला दीक्षित जीत दर्ज करती रहीं थी. नई दिल्ली सीट पर बीजेपी के परवेश वर्मा ने कुल 4089 वोटों के अतर से केजरीवाल को हराया. प्ररवेश वर्मा को 30,088 और अरविंद केजरीवाल को 25,999 वोट मिले. वहीं,. संदीप दीक्षित को कुल 4,568 वोट मिले.