श्रीकृष्ण बाल लीलाओं की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता

खजनी गोरखपुर।।कस्बे के पास रूद्रपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन हनुमानगढ़ी अयोध्या के कथा व्यास पंडित प्रदीप ब्रह्मांस दास ब्रह्मचारी ने भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी बाल लीलाओं का विस्तार सहित वर्णन किया। इस दौरान भगवान कृष्ण के नामकरण पूतना वध, माखन चोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथा व्यास ने कहा कि भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस द्वारा भेजे गए सभी राक्षसों का संहार किया वहीं माता यशोदा व ब्रजवासियों को भक्ति आनंद प्रदान किया।

इस अवसर पर मुख्य यजमान प्रेम शंकर मिश्र, असमावती मिश्रा, डॉक्टर उदय प्रकाश मिश्र, गिरिवर मिश्र, सरस्वती शिशु मंदिर खजनी के प्रधानाचार्य बृजराज मिश्र,अमर,आकाश, हर्ष, गिरीश तिवारी, दूधनाथ दुबे, बेनीमाधव तिवारी, श्रीप्रकाश मिश्र, ओमप्रकाश आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता कथा में शामिल हुए।

गोवर्धन लीला की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति का अभिमान हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद करा दी और गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू करा दी। इससे क्रोधित इंद्र ने ब्रज में भारी बरसात कराई।प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला और छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई।

पोखरी में मिले शव की पीएम रिपोर्ट मिलते ही उलझी पुलिस

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के पड़ियापार गांव की पोखरी में मिले युवक के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस के जांच की दिशा पूरी तरह से बदल कर रख दी है। रिपोर्ट में मौत की वजह पानी में डूबने से हुई मौत बताई गई है। बीते दो महीने पहले 17 दिसंबर 24 को खजनी थाना क्षेत्र के पड़ियापार गांव के निवासी युवक मोहन निषाद 40 वर्ष को उसके घर से रात 8 बजे गांव के कुछ लोग बुलाकर ले गए थे। मोहन निषाद जब लौट कर वापस घर नहीं आए तो परिवार के लोगों की चिंता बढ़ गई। उनके बच्चे और पत्नी तलाश में जुट गए, इस बीच उन्हें मोहन निषाद को गांव की पोखरी की ओर जाने की सूचना मिली, किंतु पोखरी के आसपास मोहन निषाद की मौजूदगी को लेकर आशंकित परिवार के लोगों के द्वारा खजनी पुलिस को सूचना दी गई।

तत्कालीन थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने गुमशुदगी दर्ज करते हुए मोहन निषाद की तलाश शुरू की किंतु पोखरी में जलकुंभी जकड़ी होने के कारण पानी में पहुंचना मुश्किल था। मजदूरों को लगाकर पोखरी से जलकुंभी हटाई गई मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने पोखरी के पानी में डूबे होने की संभावना में तलाश की किंतु मोहन निषाद का कोई पता नहीं चला। दिन गुजरते गए और परिवार के लोग मोहन की तलाश में खजनी थाने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पास चक्कर लगाने के साथ ही हर संभावित स्थानों पर मोहन की तलाश करते रहे। इस बीच दो दिन पहले मोहन निषाद का शव गांव की उसी पोखरी के किनारे से बरामद हुआ। परिवार के लोगों ने शव और उसके कपड़ों को देख कर शिनाख्त करते हुए हत्या का आरोप लगाया और पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कस्बे में सड़क जाम करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। परिवार में मृतक के माता-पिता पत्नी तीन बेटे तथा एक बेटी ने खजनी पुलिस पर मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि रिपोर्ट में 10 दिन पहले पानी में डूबने से मौत होने की बात कही जा रही है तो बीते 50 दिनों तक मृतक कहां था और इस बीच पुलिस ने उसकी तलाश क्यों नहीं की।

दूसरी ओर जोकेस दर्ज कर कार्रवाई में जुटी पुलिस ने नामजद आरोपितों को हिरासत में लेकर जांच पड़ताल शुरू की और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने का इंतजार करने लगी। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस हत्या और आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने में उलझ गई है। इतना ही नहीं शव मोहन निषाद का ही है इसकी पुष्टि के लिए अब पुलिस डीएनए जांच कराने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर परिवार के लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने के बाद शव मोहन निषाद का ही होने का दावा कर रहे हैं। मां बाप की इकलौती संतान मृतक मोहन निषाद एक कुशल मूर्तिकार भी था, उसने अपने हाथों से देवी देवताओं और हांथी घोड़े आदि की कई सुंदर मूर्तियां बनाई हैं। परिवार के भरण-पोषण के लिए हरनहीं में स्थित एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान पर ट्रैक्टर चलाने और मेहनत मजदूरी का काम करता था। उसके माता-पिता तहसील गेट के पास चाय पकौड़े की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। एक घटना के बाद गरीब परिवार की मदद के लिए आज तहसील के कुछ वकीलों ने घर पहुंच कर अर्थिक सहयोग किया। आज अपराह्न क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह ने थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह और पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का सघन निरीक्षण किया।

थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने बताया कि मामले में जांच और कार्रवाई चल रही है।

महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर का हुआ आयोजन

गोरखपुर। महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ आर एन ओझा पूर्व प्रोफेसर अर्थशास्त्र, तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर उपस्थित रहें। मुख्य अतिथि डॉ आर एन ओझा जी ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा की युवा राष्ट्र के केंद्र बिंदु हैं उन्हें अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने की आवश्यकता हैं। समाज की परिस्थिति के अनुसार आत्म चिंतन कर अपनी ऊर्जा को दिशा दे और एक लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें। यह कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया I

कार्यक्रम संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो.अनिल कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों से कहा कि अपने इतिहास, कला एवं विज्ञान को भी जानने की आवश्यकता हैं।सकारात्मक सोच रखे आप जैसा सोचेंगे वैसे बन जायेंगे। कार्यक्रम का संचालन छात्रा मनीषा पाण्डेय ने कियाI लक्ष्य गीत हर्षित तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम में स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया I

कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने सभी अतिथिगण एवं शिक्षक गण का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गणित विभाग के डॉ रविंद्र नाथ शुक्ल, डॉ शोभित श्रीवास्तव वनस्पति विभाग, आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे I

हीरक जयंती व भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मशताब्दी वर्ष के तत्वाधान में राजनीति विज्ञान विभाग में भारत पाकिस्तान संबंध प

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के हीरक जयंती व भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मशताब्दी वर्ष के तत्वाधान में राजनीति विज्ञान विभाग में दिल्ली लाहौर बस यात्रा 19 फरवरी 1999 का भारत पाकिस्तान संबंध पर प्रभाव विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन मौजूद रही। राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश सिंह ने मुख्य अतिथि का फूल देकर स्वागत किया। और आयोजन की रूपरेखा पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की दिल्ली लाहौर बस यात्रा का निर्णय एक ऐतिहासिक निर्णय रहा है ।

इस यात्रा ने पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी थी पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी इस पहल की खूब सराहना की थी। वहीं कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई राजनीति के धूमकेतु है जो हमेशा चमकते रहेंगे हमें उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है

डीडीयू और भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के बीच एमओयू, भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संवर्धन के लिए संगठित प्रयास

गोरखपुर। भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन और भाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने समझौते को औपचारिक रूप दिया।

इस समझौते के तहत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से भोजपुरी भाषा, साहित्य, लोकसंस्कृति एवं परंपराओं के अध्ययन, अनुसंधान और प्रसार के लिए कार्य करेंगे। इस सहयोग से विद्यार्थियों को भोजपुरी भाषा को गहराई से समझने और इसके साहित्य एवं सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा,

“भोजपुरी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय सदैव अपनी लोकसंस्कृति और भाषाई विरासत के संरक्षण के लिए प्रयासरत रहा है। भाई द्वारा भोजपुरी भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए यह एमओयू किया गया है। यह साझेदारी भोजपुरी भाषा और साहित्य के अकादमिक अध्ययन को नई दिशा देगी तथा विद्यार्थियों के लिए शोध और रोजगार के नए अवसर खोलेगी।”

भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा,

“गोरखपुर विश्वविद्यालय ने जिस विश्वास के साथ यह समझौता किया है, भाई उस पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करेगा। हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी को भोजपुरी भाषा और लोकसंस्कृति से जोड़ना तथा इसके प्रचार-प्रसार को वैश्विक स्तर तक ले जाना है।”

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने कहा कि गत दिनों विश्वविद्यालय और भाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी को व्यापक सराहना मिली थी। उसी को ध्यान में रखते हुए यह समझौता किया गया है, जिससे भोजपुरी भाषा और साहित्य को अधिक गति मिलेगी और इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगा।

इस अवसर पर भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) की ओर से कुलपति प्रो. पूनम टंडन को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो. अनुभूति दूबे, भाई के संरक्षक डॉ. सुरेश, क्षेत्रीय संयोजक शिवेंद्र पांडेय, कोषाध्यक्ष राकेश मोहन और हृदया त्रिपाठी सहित विश्वविद्यालय के कई प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

इस एमओयू के माध्यम से भोजपुरी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नवीन शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक पहल की गई है, जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी लोकसंस्कृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।

*स्वामी विवेकानन्द जी की शिक्षा व विचारों के प्रचार प्रसार में पुस्तक मेला का आयोजन*

दिनांक 19 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय सेवा योजना, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर की कबीर इकाई के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों ने गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में विवेकानन्द केंद्र द्वारा संचालित सचल बुक स्टाल के माध्यम से संबंधित पुस्तकों के प्रचार प्रसार एवं विश्वविद्यालय परिसर में लगे पुस्तक मेला में सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कबीर इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गिरिजेश कुमार यादव, डॉ. राम कीर्ति सिंह व डॉ. अमित कुमार त्रिपाठी व स्वयं सेवक उपस्थित रहे ।

सर्वाइकल कैंसर: इसकी रोकथाम, जोखिम और प्रारंभिक पहचान" विषय पर एक स्वास्थ्य वार्ता हुई आयोजित

गोरखपुर। महात्मा गांधी पी जी कॉलेज, गोरखपुर और रोट्रेक्ट क्लब एमजीपीजी के संयुक्त तत्वावधान में " सर्वाइकल कैंसर: इसकी रोकथाम, जोखिम और प्रारंभिक पहचान" विषय पर एक स्वास्थ्य वार्ता आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुई । सत्र में मुख्य अतिथि बिरला आईवीएफ एंड फर्टिलिटी सेंटर की डॉ. आकृति गुप्ता ने सर्वाइकल कैंसर के कारणों, इससे होने वाले जोखिमों तथा समय पर पहचान और उपचार के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी।

उन्होने बताया कि सर्वाइकल कैंसर एचपीवी नामक वायरस से संक्रमण के कारण होता है । समय-समय पर स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच के द्वारा इसका इलाज कराया जा सकता है ।आज के आधुनिक समय में वैक्सीन भी उपलब्ध है । वैक्सीन के दो या तीन डोज लेकर के इससे आप अपने आप को पूरी तरीके से बचा सकते हैं।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अनिल कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करते हुए बताया कि अच्छा स्वास्थ्य ही असली धन है अतः आप सभी को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए, स्वस्थ रहेंगे तभी आप जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। कार्यक्रम संचालन सिद्धि पांडे ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजक डॉ मधुलिका श्रीवास्तव द्वारा किया गया । कार्यक्रम में वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष के प्रो. अवनीश, डॉ. अनीता, डॉ. छमता, डॉ. प्रज्ञा, शुभम तथा रोटेरियन भास्कर उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला का सातवां दिवस सफलतापूर्वक सम्पन्न

गोरखपुर । राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 18 फरवरी 2025 दिन मंगलवार को भारतीय संस्कृति अभिरूचि पाठ्यक्रम के अन्तर्गत सात दिवसीय राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला का सातवां दिवस सम्पन्न हुआ, जिसका शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। व्याख्यान श्रृंखला में आज प्रथम सत्र में ‘‘बौद्ध धम्म के विकास में सम्राट अशोक की भूमिका एवं योगदान‘‘ विषय पर विषय विशेषज्ञ-भिक्खु चन्दिमा थेरो, संस्थापक अध्यक्ष, बुद्धा धम्मा लर्निंग सेन्टर, सारनाथ, वाराणसी एवं दूसरे सत्र में ‘‘भारतीय संस्कृति‘‘ विषय पर विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर (डाॅ0) राजवन्त राव, संकाय अध्यक्ष, कला संकाय, दी0द0उ0गो0वि0वि0गोरखपुर द्वारा व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रीता श्रीवास्तव, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी कलाकार द्वारा की गयी। व्याख्यान कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ0 मंगलेश श्रीवास्तव, महापौर नगर निगम, गोरखपुर द्वारा पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र का वितरण भी किया गया।

बौद्ध संग्रहालय द्वारा आयोजित उक्त राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला में कुल 178 प्रतिभागी पंजीकृत थे, जिनमें से चयनित 89 प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार रीता श्रीवास्तव को, द्वितीय पुरस्कार दीक्षा गुप्ता को, तृतीय पुरस्कार बसन्त लाल को तथा सान्त्वना पुरस्कार ़़ऋद्धि शर्मा व अनिमेष कुमार चतुर्वेदी को प्राप्त हुआ। विशेष सहयोग के लिए उदयशील, वैभव सिंह एवं रजनीकान्त मौर्य को प्रदान किया गया।

मुख्य अतिथि डाॅ0 मंगलेश श्रीवास्तव, महापौर नगर निगम, गोरखपुर ने अपने सम्बोधन में कहा कि डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर जी जिस भी कार्य की जिम्मेवारी लेते है। उसे बखूबी निभाते हैं। संग्रहालय द्वारा निरन्तर भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता सहित कला, इतिहास एवं पुरातात्विक संग्रहों के संरक्षण के सतत प्रयासरत है। जिसका सारा श्रेय डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर वर्तमान उप निदेशक बौद्ध संग्रहालय एवं उनकी सहयोगी टीम को जाता है।

पहले सत्र में ‘‘बौद्ध धम्म के विकास में सम्राट अशोक की भूमिका एवं योगदान‘‘ विषय पर बोलते हुए मुख्य विषय विशेषज्ञ- भिक्खु चन्दिमा थेरो, संस्थापक अध्यक्ष, बुद्धा धम्मा लर्निंग सेन्टर, सारनाथ, वाराणसी ने कहा कि सम्राट अशोक एक महाराजा होते हुए भी उन्होंने अपने पुत्र एवं पुत्री को बौद्ध धम्म के प्रचार-प्रसार के लिए श्रीलंका भेजने के साथ-साथ एशिया के विभिन्न देशों में बुद्ध के धम्म का प्रसार किया। उन्होंने जन कल्याण के साथ-साथ पशु-पक्षियों आदि के लिए कुएं, सड़कों के किनारे पेड़ तथा चिकित्सा आदि की सुविधा प्रदान की। अशोक जैसे शासक जो सोते, जागते हर वक्त जनता के दुख को दूर करने के लिए आजीवन समर्पित रहे। उन्होंने भगवान बुद्ध के हजारों उपदेशों के तहत कई हजार बौद्ध स्तूप, शिलालेख एवं स्तम्भ पूरे देश में निर्मित कराकर बौद्ध धम्म की ऐतिहासिकता को स्वर्णित अक्षरों में अंकित कर दिया।

दूसरे सत्र में ‘‘भारतीय संस्कृति‘‘ विषय पर विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर (डाॅ0) राजवन्त राव, संकाय अध्यक्ष, कला संकाय, दी0द0उ0गो0विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कहा कि कोई भी संस्कृति संवाद से समृद्ध होती है। जब संवाद टूटता है तो संस्कृति छिन्न भिन्न हो जाती है। भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता की संस्कृति को दर्शाती है। जोकि समन्वयवादी है। भारतीय संस्कृति एक सौम्य एवं अनाक्रामक संस्कृति है, जिसमें भगवान बुद्ध की विचारधारा एवं संदेशों का समन्वय है। आज के व्याख्यान के मुख्य वक्ताओं को संग्रहालय की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। साथ ही कार्यक्रम की सफलता के लिए संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर ने सभी प्रतिभागियों, अभिभावकों, मीडिया बन्धुओं को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

एमजी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

गोरखपुर। महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में डॉ मंजू मिश्रा, प्राचार्य, बापू पी जी कॉलेज, पीपीगंज एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ सत्यपाल सिंह, संयोजक, राष्ट्रीय सेवा योजना, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय उपस्थित रहें। मुख्य अतिथि डॉ अंजू मिश्रा जी ने बेटी बचाओ एवं बेटी पढ़ाओ, भ्रूण हत्या पे बच्चों को जागरूक किया। तत्पश्चात डॉ सत्यपाल सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हुए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के बारे में स्वयं सेवकों को जागरूक किया और उसके महत्व को बताया।

कार्यक्रम में मोटिवेशनल स्पीकर डी एन श्रीवास्तव ने व्यक्तित्व विकास पर स्वयं सेवकों से चर्चा की I यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया I कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो.अनिल कुमार सिंह ने कहा कि सकारात्मक सोच रखे, आप जैसा सोचेंगे वैसे बन जायेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ आराधना सिंह ने किया I स्वागत गीत श्रेया एवं प्रियंका द्वारा तथा राष्ट्रीय सेवा योजना का इतिहास एवं लक्ष्य गीत हर्षित तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम में स्वयंसेवक व स्वयं सेविकाओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया I कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने सभी अतिथिगण एवं शिक्षक गण का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गणित विभाग के डॉ रविंद्र नाथ शुक्ल, प्राणी विज्ञान विभाग के डॉ संतोष त्रिपाठी, वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ शोभित श्रीवास्तव, डॉ विकास यादव आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

उर्दू विभाग में पुरातन छात्र सम्मेलन का हुआ आयोजन

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में हीरक जयंती के अवसर पर एक भव्य पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर शहर के कई अहम साहित्यकार और लेखक उपस्थित रहे। विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम. आर रहमान ने मेहमानों को गुलदस्ता देते हुए उन का स्वागत किया। एम आर रहमान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आयोजन में उपस्थित तमाम मेहमानों का विभाग से गहरा रिश्ता रहा है। हम अपने सभी अतिथियों का हृदय से अभिनंदन करते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर के बुज़ुर्ग शायर अनवर जिया ने की जबकि डॉ मु. अशरफ़ मुख्य अतिथि के तौर पर शरीक हुए। और डॉ ज़ाकिर हुसैन और महबूब सईद हारिस विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी ने अपनी पुरानी स्मृतियों और खूबसूरत यादों को एक दूसरे से साझा किया।

अनवर जिया ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्यमें कहा कि इस यूनिवर्सिटी को देख कर फख्र का एहसास होता है। हम ने यहां से ज़िंदगी का सबक हासिल किया है। इस अवसर पर अपने गुरु जनों को याद करके भावुक हो रहा हूं। सीने में सैकड़ों यादें रोशनी की तरह झिलमिला रही हैं। उर्दू विभाग की तरक्की और खुश हाली के लिए मनोकामना करता हूं।

मुख्य अतिथि डॉ मु. अशरफ़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उर्दू विभाग देश भर में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। इस ने उर्दू के साहित्यिक पटल पर एक समृद्ध परंपरा कायम की है। मैं इस आयोजन का हिस्सा बनने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। महबूब सईद हारिस ने कहा कि हम इस कैंपस की यादों को अपने दिल में बसा कर रखते हैं। मुझे इस मौक़े पर फैज़ अहमद फ़ैज़ का शेर याद आ रहा है। तुम्हारी याद के जब ज़ख्म भरने लगते हैं/किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते है।

देवरिया से आए हुए साहित्यकार एवं आलोचक डॉ ज़ाकिर हुसैन ने कहा कि हीरक जयंती का ये सिलसिला स्वागत योग्य है। उर्दू विभाग से हमारा जज़्बाती रिश्ता रहा है। हम ने यहां से बहुत कुछ सीखा है। व्यक्तिगत तौर पर मैं विभाग का आभारी हूँ। मेरी दुआएं विभाग के साथ हैं। उर्दू विभाग में आयोजित इस एलुमनाई मीट मे जहीर अंजुम, डॉ सलमा बानो, डॉ तरन्नुम हसन, और डॉ जेबा वगैरह ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए पुरानी यादों को ताज़ा किया।

इस खास मौके पर डॉ ज़ाकिर हुसैन की पुस्तक "उर्दू सहाफत का आग़ाज़-ओ-एरतेका" का विमोचन हुआ। 16 फरवरी को उर्दू विभाग में आयोजित तमसीली मुशायरे में उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले तीन छात्रों को सम्मानित किया गया। एम. ए. के छात्र मुहम्मद राफे को प्रथम, बी.ए. की छात्रा सिमरन अंसारी को द्वितीय और एम. ए. की संजू वर्मा को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया।

इस कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक आचार्य डॉ साजिद हुसैन अंसारी ने किया। और धन्यवाद ज्ञापन डॉ महबूब हसन ने दिया। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।