*कृष्ण जन्म कथा सुन झूम उठे श्रोता, भव्य जन्मोत्सव मनाया*
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खजनी गोरखपुर।।मंदरांचल पर्वत और वासुकी नाग की मथानी बना कर असुरों और देवताओं ने मिल कर क्षीरसागर का मंथन किया था। जिसमें से हलाहल विष, कामधेनु, उच्चै: श्रवा, ऐरावत, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, देवी लक्ष्मी, वारुणी, पारिजात पुष्प, चंद्रमा, पांचजन्य शंख, धन्वन्तरि और अमृत जैसे 14 रत्न निकले।
रूद्रपुर गांव में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन रविवार को कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बडे़ ही हर्षोल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया गया। कथा व्यास ने देवकी वसुदेव विवाह आकाशवाणी और कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म की कथा का विस्तार सहित वर्णन करते हुए बताया कि भगवान के गर्भ में आते ही माता देवकी के चेहरे का तेज बढ़ गया। देवताओं ने भगवान की स्तुति की, भगवान कृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सभी ने कृष्ण जन्म उत्सव का आनंद लिया। इससे पूर्व भगवान चतुर्भुज रूप में कंस के कारागार में प्रकट हुए देवकी और वसुदेव की बेड़ियां खुल गईं।
अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञानदास के शिष्य कथा व्यास भागवताचार्य पंडित ब्रह्मांस दास ब्रह्मचारी ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि संसार से रिश्ते जोड़ने पर ही दु:ख मिलता है भगवान सत् चित् आनन्द स्वरूप हैं उनसे रिश्ता जोड़ने पर सभी दु:खों से छुटकारा और वास्तविक संपुर्ण सुख प्राप्त होता है।
इस अवसर पर मुख्य यजमान प्रेम शंकर मिश्र पूर्व ग्रामप्रधान असमावती मिश्रा डॉक्टर उदय प्रकाश मिश्र, यतिन मिश्र, गिरिवर मिश्र, जनार्दन दुबे, दूधनाथ दुबे, अमर, आकाश, शुभम, हर्ष, गणेश शंकर मिश्र सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
Feb 18 2025, 16:51