कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन ने भाजपा की जीत को बनाया आसान,पंजाबी, जाट और ओबीसी मतदाताओं के भरोसे भाजपा ने लिखी सफलता की कहानी
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डेस्क:– दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) केवल 22 सीटों तक सीमित रही। कांग्रेस एक बार फिर खाता खोलने में नाकाम रही। भाजपा की इस सफलता के पीछे उसकी सटीक रणनीति, व्यापक जनसंपर्क और विभिन्न मतदाता समूहों को साधने की नीति प्रमुख कारण मानी जा रही है। आइए, इस प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण करते हैं : -
*1. अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर फोकस*
भाजपा ने 12 अनुसूचित जाति (एससी) और 22 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा। इनमें से 4 एससी और 16 ओबीसी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
ओबीसी प्रभाव वाले क्षेत्र: जहां ओबीसी समाज की आबादी 10% से अधिक थी, भाजपा ने 7 सीटों पर जीत हासिल की।
जातिगत समूहों में सफलता: सिख, पंजाबी, गुज्जर, जाट, वाल्मीकि और जाटव मतदाताओं वाले इलाकों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया:
सिख मतदाता: 4 सीटों में से 3 पर जीत।
पंजाबी मतदाता: 28 सीटों में से 23 पर कब्जा।
गुज्जर मतदाता: 5 सीटों में से 2 पर जीत।
जाट मतदाता: 13 सीटों में से 11 पर विजय।
वाल्मीकि मतदाता: 9 सीटों में से 4 पर जीत।
जाटव मतदाता: 12 सीटों में से 6 पर कब्जा।
*2. क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और मतदाता समूहों पर ध्यान*
भाजपा ने पूर्वांचली, हरियाणवी और उत्तराखंडी समुदायों को भी बड़ी तवज्जो दी।
पूर्वांचली मतदाता: 6 उम्मीदवारों में से 4 ने जीत दर्ज की। 35 सीटों पर जहां 15% से अधिक पूर्वांचली मतदाता थे, भाजपा ने 25 सीटों पर विजय पाई।
हरियाणवी मतदाता: 14 उम्मीदवारों में से 12 ने जीत दर्ज की। 13 सीटों पर जहां 5% से अधिक हरियाणवी मतदाता थे, भाजपा ने 12 पर जीत हासिल की।
उत्तराखंडी मतदाता: 3 उम्मीदवारों में से 2 ने जीत दर्ज की।
3. सीमावर्ती और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में प्रदर्शन
दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया
सीमावर्ती क्षेत्र: हरियाणा और यूपी से लगी 22 सीटों में से भाजपा ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की।
झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र: 7 में से 4 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की, जिनमें तिमारपुर, बादली, नई दिल्ली और आरके पुरम शामिल हैं।
4. कांग्रेस का प्रदर्शन और असर
कांग्रेस 3 सीटों (महरौली, ओखला, मुस्तफाबाद) में टॉप 3 में भी जगह नहीं बना सकी।
हालांकि, 14 सीटों पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के वोटबैंक में सेंध लगाई, जिससे भाजपा को लाभ हुआ। इनमें तिमारपुर, बादली, नांगलोई जाट, मादीपुर, राजेंद्र नगर, नई दिल्ली, जंगपुरा, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, महरौली, छतरपुर, संगम विहार, ग्रेटर कैलाश और त्रिलोकपुरी जैसी सीटें शामिल हैं।
भाजपा ने जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को बखूबी साधते हुए दिल्ली में अपना प्रभावी प्रदर्शन किया। मतदाता समूहों के आधार पर उनकी रणनीति ने आम आदमी पार्टी के वोटबैंक में सेंध लगाई और कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन ने भाजपा की जीत को और आसान बना दिया।


Feb 09 2025, 10:33
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