बीजेपी के दिल्ली फतह से पीएम मोदी गदगद, बोले-कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे

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दिल्ली में बीजेपी की दमदार एंट्री हो चुकी है। 27 साल का वनवास समाप्त करते हुए भाजपा ने दिल्ली में भगवा लहरा दिया है। दिल्ली वालों ने आम आदमी पार्टी को नकार दिया है। जनता ने पार्टी के नंबर-1 नेता अरविंद केजरीवाल के साथ मनीष सिसोदिया को भी हार का स्वाद चखाया है। इधर, दिल्ली में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

पीएम मोदी ने दिल्ली में बीजेपी की जीत को विकास और सुशासन की जीत बताया है। पीएम मोदी ने कहा कि जनशक्ति सर्वोपरि है। यह विकास और सुशासन की जीत है। दिल्ली के अपने सभी भाई-बहनों को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए मेरा वंदन और अभिनंदन। आपने जो भरपूर आशीर्वाद और स्नेह दिया है, उसके लिए आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत आभार।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए उनकी पार्टी की सरकार लगातार काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे बीजेपी के हर कार्यकर्ता पर गर्व है, जिन्होंने बहुत मेहनत की है और इस शानदार नतीजे तक पहुंचे हैं। हम और भी जोश से काम करेंगे और दिल्ली के शानदार लोगों की सेवा करेंगे।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी ने दिल्ली की 70 में से 25 सीटें जीत ली हैं। वह 23 अन्य सीटों पर आगे चल रही है। यानी बीजेपी कुल 47 सीटें जीतने की ओर बढ़ रही है। जबकि, आप ने 13 सीटें जीती हैं और 9 पर आगे चल रही है।

केजरीवाल और सिसोदिया की हार पर कुमार विश्वास का बयान, कहा- आज न्याय हुआ है

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के साथ जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। अभी तक के रुझानों के मुताबिक, दिल्ली में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को जोरदार पटकनी दी है। सबसे बड़ी बात की आप के संयोजक को ही मुंह की खानी पड़ी है। अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं।आम आदमी पार्टी की करारी हार पर कुमार विश्वास ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के लोगों के लिए काम करेगी। अरविंद केजरीवाल की हार को लेकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि आज न्याय हुआ है।

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कुमार विश्वास ने कहा "मैं भाजपा को जीत के लिए बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे दिल्ली के लोगों के लिए काम करेंगे। मुझे ऐसे व्यक्ति से कोई सहानुभूति नहीं है जिसने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचल दिया। दिल्ली अब उससे मुक्त हो चुकी है। उसने उन सपनों का इस्तेमाल अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं के लिए किया। आज न्याय हुआ है। जब हमें जंगपुरा से मनीष सिसोदिया के हारने की खबर मिली तो मेरी पत्नी जो गैर-राजनीतिक हैं, रो पड़ीं।"

विश्वास ने आगे कहा, आम आदमी पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं को कहता हूं कि आपने जिकिसी भी लोग लालच में सब कुछ जानते हुए एक ऐसे व्यक्ति के समर्थन में काम किया जिसने अपने मित्रों की पीठ में छुरा घोंपा और लोगों को धोखा दिया। अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाली महिलाओं को पिटवाया।अपनी निजी सुख और साधन के लिए जनता का पैसा खर्च किया। अब उससे आशा लगाने छोड़े. अब बाहर निकले अपना अपना जीवन देखें।

वहीं, कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया एक्स पर भी तंज भरा ट्वीट किया है। जिसमें वीडियो के साथ उन्होंने लिखा है कि अहंकार ईश्वर का भोजन है। खुद को इतना शक्तिशाली मत समझो कि जिन्होंने हमें सिद्धियां दी हैं, उन्हीं को आप आंखें दिखाने लगो। याद रखिएगा कि आपकी सफलता के पीछे कृष्ण जैसे ऐसे असंख्य लोग हैं, जिनकी चुपचाप और अदृश्य शुभकामनाओं के कारण आप इस विजय रथ पर सवार हुए हैं। जब भी आपको यह लगने लगे कि आपने ये ऐतिहासिक सफलता आपने अपनी शक्ति के दम पर पा ली है तो आप बस उन लोगों के बारे में सोचिए, जिनके सहयोग के बिना आपकी ये यात्रा आसान नहीं होती।

अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया भी हारे, दिल्ली में आप का “बंटाधार”

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती जारी है। इस बीच आप के लिए बहुत बुरी खबर है। दिल्ली चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की मिट्टी पलीद हो गई है। पार्टी संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक अपनी सीट नहीं बचा सके। वहीं, जंगपुरा विधानसभा सीट से भी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया भी हार गए हैं।

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केजरीवाल को 3182 वोटों से मिली हार

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है। केजरीवाल को 3182 वोटों से हार मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित तीसरे स्थान पर रहे।

जंगपुरा से मनीष सिसोदिया चुनाव हारे

जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया को बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने हराया। जंगपुरा सीट पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी। आखिरकार बाजी बीजेपी के हाथ बाजी लगी।

मालवीय नगर से आप के सोमनाथ भारती हारे

मालवीय नगर सीट पर आम आदमी पार्टी को झटका लगा है। इस सीट से पार्टी उम्मीदवार सोमनाथ भारती चुनाव हार गए हैं। भारती को यहां से बीजेपी उम्मीदवार सतीश उपाध्याय ने हराया। कांग्रेस उम्मीदवार जीतेंद्र कोचर तीसरे नंबर पर रहे।

सऊदी अरब ने 14 देशों के मल्टीपल वीजा रोके, लिस्ट में भारत का नाम भी

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सऊदी अरब ने अपने वीजा नियमों में बदलाव किया है। सऊदी सरकार ने भारत समेत 14 देशों के यात्रियों को अब केवल सिंगल एंट्री वीजा का ऐलान किया है। यानी इन देशों के लिए मल्टीपल एंट्री वीजा पर रोक लगाई गई है। यह नियम 1 फरवरी, 2025 से लागू कर दिया गया है। सऊदी ने अपने वीजा नियमों में बदलाव इसलिए किया है ताकि लंबी अवधि का वीजा लेकर देश में आने वाले लोग अनाधिकृत रूप से हज यात्रा न कर सकें।

सऊदी सरकार ने अल्जीरिया, बांग्लादेश, मिस्र, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, मोरक्को, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सूडान, ट्यूनीशिया और यमन के यात्रियों के लिए मल्टीपल वीजा पर रोक लगाई है। इन 14 देशों के लिए पर्यटन, व्यापार और पारिवारिक यात्राओं के लिए एक साल का मल्टीपल-एंट्री वीजा अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है। सऊदी अधिकारियों का कहना है कि इससे हज यात्रा को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

सऊदी के सामने हालिया वर्षों में अनाधिकृत हज यात्री एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। सऊदी अधिकारियों ने बताया कि मल्टीपल-एंट्री वीजा का दुरुपयोग हो रहा था। कुछ यात्री लंबी अवधि के वीजा पर आने के बाद बिना उचित अनुमति के हज करते थे।

सऊदी अरब हज यात्रा पर कड़ा नियंत्रण रखता है और प्रत्येक देश के लिए हज यात्रियों की एक निश्चित संख्या तय करता है। इसके बावजूद कई पर्यटक लंबी अवधि के वीजा का उपयोग करके इस सीमा को तोड़ते थे, जिससे हज में भीड़भाड़ बढ़ती थी। यह समस्या 2024 में विशेष रूप से गंभीर हो गई थी, जब अत्यधिक गर्मी और भीड़ के कारण 1,200 से अधिक हज यात्रियों की मौत हो गई थी।

और लड़ो आपस में…दिल्ली चुनाव नतीजों के बीच उमर अब्दुल्ला का आप-कांग्रेस पर तंज

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दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पंबर जीत की ओर बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल दो बड़ा पार्टियों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के बीच जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस और आप पर तंज कसा है। उन्होंने इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह की भी कलई खोल दी है।

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इंडिया गठबंधन के अहम किरदार नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली नतीजों पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया है। एक्स पर उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि “और लड़ो आपस में”। इसके जरिये उन्होंने इंडिया गठबंधन के बीच चुनावों में जाहिर होने वाले मतभेद पर कटाक्ष किया है।

नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उनका यह ट्वीट एक संदेश भी है और तंज भी है कि दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता को बनाए रखना चाहिए था। उमर को लगता है कि इंडिया ब्लॉक को दिल्ली में एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए था। आप और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। नतीजा- कांग्रेस को कम, आप को ज्यादा नुकसान हुआ।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर गिनती जारी है। सभी सीटों के रूझान आ गए हैं। रूझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने 42 सीटों पर बढ़त बना ली है। जबकि आप महज 28 सीटों पर आगे चल रही है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप का बेहद खराब प्रदर्शन, इस बार क्यों नहीं चला केजरीवाल का जादू?

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आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के घोषित हो रहे हैं। वोटों की गिनती जारी है।इन नतीजों में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग रहा है। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में सरकार बनाते हुए दिख रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है। बीजेपी ने 36 के जादुई आंकड़े को पार करते हुए 41 सीटों पर बढ़त बना ली है। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 36 सीटों पर जीत दर्ज करनी होती है।

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रूझानों में लगातार तीन बार दिल्ली की सत्ता संभालने वाली आम आदमी पार्टी की विदाई लगभग तय हो गई है। दिल्ली के चुनावी नतीजे आप प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए सदमे की तरह हैं, जो अपनी जीत का लगातार दावा कर रहे थे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजहें क्या हैं।

भ्रष्टाचार के आरोप

पार्टी के शीर्ष नेताओं, विशेषकर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और उनकी गिरफ्तारी ने पार्टी की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया। अरविंद केजरीवाल को भी कथित शराब नीति घोटाले में जेल जाना पड़ा था। वह काफी समय तक तिहाड़ में रहे, जिससे कहीं न कहीं उनकी और पार्टी की छवि प्रभावित हुई। भाजपा जनता को यह बताने में कामयाब रही कि केजरीवाल उतने पाकसाफ नहीं हैं, जितना वह खुद को बताते हैं।

बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीएम हाउस को संवारने पर पानी की तरह पैसा लगाने के आरोप लगे। इससे जनता में यह संदेश गया कि खुद को आम आदमी करार देने वाले सरकारी सुख-सुविधाओं का दोहन करने में पीछे नहीं हैं। इससे उनकी व्यक्तिगत छवि प्रभावित हुई।

नेतृत्व में अस्थिरता

केजरीवाल की गिरफ्तारी और बाद में इस्तीफे के कारण पार्टी के नेतृत्व में अस्थिरता आई। नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की नियुक्ति के बावजूद नेतृत्व में यह बदलाव पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। सबसे बड़ी बात ये रही कि अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता में जबरदस्त तरीके से कमी आई।

जनता से किए वादों को पूरा नहीं किया

केजरीवाल ने जनता से बड़े-बड़े वादे दिए। केजरीवाल ने यमुना नदी को साफ़ करने, दिल्ली की सड़कों को पेरिस जैसा बनाने और साफ़ पानी उपलब्ध कराने जैसे जो तीन प्रमुख वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। वादों को पूरा नहीं होने से जनता की नाराजगी असर चुनाव के परिणामों पर देखा जा सकता है।

कांग्रेस ने वोट काटे

बेशक कांग्रेस सीटों के हिसाब से दिल्ली में शायद एक सीट ही हासिल करे लेकिन उसने पूरी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के वोटों को काटा है, जैसा आप ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ किया। 2013 के बाद कांग्रेस का वोट बैंक आम आदमी पार्टी की तरफ चला गया था, इसलिए कांग्रेस की वापसी से ‘आप’ को नुकसान हो रहा है। साथ ही 2024 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सातों सीटों पर हार और पंजाब में केवल तीन सीटों पर जीत ने पार्टी के जनाधार में गिरावट को दिखाया, जिससे मतदाताओं का विश्वास कम हुआ।

आपसी कलह

आम आदमी पार्टी में आपसी कलह भी जनता के बीच उसकी छवि प्रभावित करने में महत्वपूर्ण रही। खासकर, स्वाति मालीवाल विवाद से पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा।

बयानों ने घोली कड़वाहट

चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों के बयान भी कुछ हद तक जनता का मूड बदलने की वजह रहे। आप नेता भाजपा को गुंडों की पार्टी करार देते रहे। केजरीवाल ने यमुना के पानी में जहर जैसे बयान दिए, जो लोगों को पसंद नहीं आये।

दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीटों पर क्या है हाल? चौंकाने वाले हैं आंकड़े

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दिल्ली के वोटर्स ने किसे सत्ता सौंपी है, यह कुछ घंटों में साफ हो जाएगा। सुबह 8 बजे वोटों की गिनती शुरू हुई। अब तक के रुझानों में आम आदमी पार्टी सत्ता से बेदखल होती नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी ने कई सीटों पर अच्छी-खासी बढ़त बना ली है। बीजेपी 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है। रूझानों में 27 साल का वनवास खत्म होता दिख रहा है।

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मतगणना के बीच सबकी नजरें दिल्ली के मुस्लिम बहुल सीटों पर लगी हुई हैं। दिल्ली में 11 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। दिल्ली के मुस्लिम बहुल सीटों पर वोटिंग जमकर हुई थी। ये मुस्तफाबाद, बल्लीमारान, सीलमपुर, मटिया महल, चांदनी चौक और ओखला सीट हैं। दिल्ली की सीलमपुर, मुस्तफाबाद, मटिया महल, बल्लीमारान और ओखला सीट पर बीजेपी को छोड़कर सभी दलों से मुस्लिम उम्मीदवार ही किस्मत आजमा रहे हैं। इन सभी सीटों पर 55 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था। अधिकतर सीटों पर 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई।

दिल्ली की 70 सीटों में से जिन दो सीटों पर सबसे ज्यादा मतदान हुआ, वहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या 40 पर्सेंट से ज्यादा है। जिस मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र में 41 प्रतिशत मुस्लिम और 56 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं, वहां पूरी दिल्ली में सबसे ज्यादा 67 प्रतिशत मतदान हुआ है। यहां हम बता रहे हैं कि शुरुआती रुझानों में इन सीटों पर कौन आगे चल रहा है।

विधानसभा सीट वोटिंग % पार्टी आगे

चांदनी चौक 55.96 आप

मटियामहल 65.10 आप

बल्लीमारन 63.87 आप

ओखला 54.90 आप

सीमापुरी 65.27 आप

सीलमपुर 68.70 आप

बाबरपुर 65.99 आप

मुस्तफाबाद 69.00 आप

करावल नगर 64.44 बीजेपी

जंगपुरा 57.42 बीजेपी

सदर बाजार 60.4% बीजेपी

अगर शुरुआती रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो कांग्रेस और एआईएमआईएम के लिए ये नतीजे निराशाजनक होंगे। ये दोनों पार्टियां सिर्फ वोट कटवा बनकर रह जाएंगी। वहीं, बीजेपी को इस लड़ाई का फायदा मिलता दिख रहा है, जो तीन सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। खास बात यह है कि इनमें से एक सीट दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की है।

आप या बीजेपी…कौन करेगा दिल्ली के दिल पर राज? केजरीवाल 50 सीटों को लेकर कॉन्फिडेंट

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दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर शनिवार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो चुक है। शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं। शुरूआती रूझानों में बीजेपी ने पूरा दम दिखाया है।शुरुआती रुझानों मे बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। आम आदमी पार्टी काफी पीछे चल रही है। एग्जिट पोल सर्वे में भी 27 साल के बाद भारतीय जनता पार्टी की वापसी का दावा किया गया है। हालांकि, नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी दावे चौंकाने वाले हैं। आप का दावा है कि दिल्ली में वो 50 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने जा रही है।

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दरअसल, आम आदमी पार्टी ने नतीजे आने से एक दिन पहले एक बैठक की। जिसमें अपने विश्लेषण के आधार पर तैयार एक रिपोर्ट के हवाले से 50 सीटें जीतने का दावा किया गया है। आप के नेता गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में आप 50 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने जा रही है। आप सरकार बनाएगी। आप नेता गोपाल राय ने यहां तक कह दिया कि 7-8 सीटों पर कांटे की टक्कर होगी मतलब आम आदमी पार्टी 50 सीटों को लेकर कॉन्फिडेंट है और 7-8 सीटें बोनस के तौर पर मान रही है।

गोपाल राय ने कहा, 'एग्जिट पोल की मदद से माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। ये (बीजेपी) एग्जिट पोल की मदद से ऑपरेशन लोटस चलाकर चुनाव जीतना चाहते हैं। लेकिन हमारे सभी कैंडिडेट काउंटिंग की तैयारी में लगे हैं। हम सरकार बनाने जा रहे हैं। बीजेपी की सच्चाई कल सबके सामने आ जाएगी.।

दिल्ली में शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बहुमत, पिछड़ रही आप

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दिल्ली की सभी 70 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। भाजपा 39 सीटों पर आगे है। आप ने 24 सीटों पर बढ़त बना रखी है। दो सीट पर कांग्रेस आगे है।

इन सीटों पर भाजपा ने बनाई बढ़त

रिठाला से भाजपा आगे चल रही है। ओखला सीट से भाजपा ने बढ़त बना ली है। चांदनी चौक से भाजपा आगे चल रही है। मुंडका से भाजपा और महरौली से भी भाजपा आगे चल रही है।

बुधवार को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगभग 60.4% मतदान हुआ, जो 2020 में हुए 62% से ज्यादा वोटिंग की तुलना में दो प्रतिशत कम है. मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच है, जबकि कांग्रेस केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पकड़ फिर से बनाने की कोशिश कर रही थी. चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल्स में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जबरदस्त टक्कर दिखाई दी गई है. हालांकि दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत के लिए आश्वस्त हैं.

पाक में आतंकियों की कैसी प्लानिंग? जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को मिला इस आतंकवादी संगठन का साथ

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पाकिस्तान के दो प्रमुख आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने गाजा के हमास के साथ हाथ मिलाया है। इसका सार्वजनिक सबूत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रावलकोट में देखने को मिला है। यह गठबंधन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के रावलकोट में कश्मीर एकजुटता दिवस नामक एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक रूप से देखा गया। इस कार्यक्रम में जैश के आतंकवादी मंच पर हमास नेताओं को सुरक्षा प्रदान करते देखे गए। जैश के एक आतंकवादी ने मंच से यह घोषणा भी की कि हमास और पाकिस्तानी जिहादी समूह एक हो गए हैं।

भारत के खिलाफ उगला जहर

पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों के इस कार्यक्रम में भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला गया। आतंकवादियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी अमर्यादित टिप्पणियां की। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एक आतंकवादी ने कहा कि फिलिस्तीन के मुजाहिदीन और कश्मीर के मुजाहिदीन एक हो चुके हैं। उसने दिल्ली में खून की नदियां बहाने और कश्मीर को भारत से अलग करने की भी धमकियां दी। इतना ही नहीं, उसने भारत के टुकड़े करने की भी गीदड़भभकी दी।

क्या हमास को आतंकी संगठन घोषित करेगा भारत?

हमास के नेताओं की पीओके में मौजूदगी भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। सवाल उठता है कि क्या अब समय आ गया है कि भारत को भी हमास को एक आतंकी संगठन घोषित कर देना चाहिए। दरअसल भारत सरकार ने अभी तक हमास को एक आतंकी संगठन नहीं माना है। भारत लगातार फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है। इजरायल बार-बार भारत से यह मांग करता रहा है कि उसे हमास को एक आतंकी संगठन मानना चाहिए। साल 2023 में इजरायल ने एक ऐसी ही मांग करते हुए भारत में 26/11 हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा को एक आतंकी संगठन घोषित किया था।