ट्रंप के आते ही अमेरिका में अवैध प्रवासियों की एंट्री बंद, 7.25 लाख भारतीयों की बढ़ी टेंशन
#donald_trump_announcement_against_illegal_immigrants

अमेरिका आने वाले दिनों में अवैध प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभालते ही अवैध रूप से अमेरिका में रहने वालों के खिलाफ एक्शन का ऐलान कर दिया है। उनकी घोषणा का असर अमेरिका में रहने वाले भारतीयों पर पड़ेगा। अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे 7.25 लाख भारतीयों के भविष्य पर भी तलवार लटक गई है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में अवैध अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी भारतीयों की है। जानते हैं कि अब अमेरिका में अवैध प्रवासियों का भविष्य क्या होगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीतने के बाद से ही अमेरिका में अवैध प्रवासियों को घुसपैठिया बताते रहे हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही अमेरिकी सीनेट ने अवैध अप्रवास को लेकर बिल पास किया। इस विधेयक को 64-35 से पारित किया गया। इस विधेयक को लैकेन रिले एक्ट नाम दिया गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में अवैध प्रवासियों की एंट्री बैन करने और अवैध प्रवासियों को पकड़ कर बॉर्डर पर छोड़ने की पॉलिसी खत्म करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, बाइडेन प्रशासन ने हमारे देश में अवैध रूप से एंट्री करने वाले खतरनाक अपराधियों को शरण दी है और उनकी हिफाजत की है।

*मेक्सिको बॉर्डर पर इमरजेंसी का ऐलान*
ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको के बॉर्डर (दक्षिणी बॉर्डर) पर इमरजेंसी लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां से होने वाली सभी अवैध एंट्री पर रोक लगाई जाएगी। सरकार अपराध करने वाले विदेशियों को उनके देश वापस भेज देगी।
यूएस-मेक्सिको बॉर्डर से आने वाले अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा मुद्दा है। ट्रंप का कहना है कि यहां से अवैध प्रवासी और अपराधी अमेरिका में एंट्री करते हैं। ट्रंप इस बॉर्डर पर दीवार बनाने की बात भी कह चुके हैं।

*अमेरिका में दुनिया के सबसे ज्यादा अप्रवासी*
प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक अमेरिका में दुनिया के सबसे ज्यादा अप्रवासी हैं। दुनिया के कुल 20% अप्रवासी अमेरिका में ही रहते हैं। 2023 तक यहां रहने वाले अप्रवासियों की कुल संख्या 4.78 करोड़ थी। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अवैध तरीके से अमेरिका में घुसकर अपराध करते हैं।

*अवैध ढंग से रहने वालों में तीसरे सबसे अधिक संख्या में भारतीय*
एक रिसर्च के अनुसार, अमेरिका में अवैध ढंग से सबसे अधिक मैक्सिको के लोग रह रहे हैं। इसके बाद दूसरा नंबर अल सल्वाडोर के नागरिकों का है। तीसरे नंबर पर भारतीय हैं जो अमेरिका में अवैध ढंग से रह रहे हैं।

*तीन साल में 90 हजार से अधिक भारतीय पकड़े गए*
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले तीन सालों में 90 हजार से अधिक भारतीयों को बॉर्डर एरिया पर अवैध ढंग से पार करते हुए पकड़ा है। आए दिन अमेरिकी बॉर्डर्स पर भारतीय अवैध ढंग से एंट्री के प्रयास में पकड़े जाते हैं। हालांकि, काफी संख्या में इन अवैध प्रवासियों को अमेरिका चार्टर्ड विमानों से वापस भी भेज चुका है।
आरजी कर मामले में हाईकोर्ट पहुंची ममता सरकार, संजय रॉय के लिए मांगी मौत की सजा
#rg_kar_rape_murder_case_west_bangal_government_reach_calcutta_high_court

पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत की सजा के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है। ट्रायल कोर्ट ने मामले के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने जस्टिस देबांगशु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का रुख कर संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की है। मामले को दायर करने की अनुमति दे दी गई है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को सियालदह कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी, जिसमें आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले में संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में एकमात्र दोषी रॉय को मृत्युदंड देने की मांग करने के लिए न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में अपील दायर करने का अनुरोध किया। राज्य सरकार ने सियालदह में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास के आदेश को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट से अपील दायर करने की अनुमति मांगी थी।

*सियालदेह कोर्ट ने क्यों नहीं दी मौत की सजा?*
सजा के ऐलान से पहले हुई सुनवाई में अतिरिक्त जिला एव सत्र जज अनिर्बान दास ने इस पूरे मामले को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' नहीं माना। यानी यह एक दूर्लभतम अपराध नहीं था। 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर अपराध' में उन मामलों को रखा जाता है जहां बेहद क्रुरता और जघन्यता के साथ अपराध को अंजाम दिया जाता है। आरजी कर मामले में जज को दोषी में इस तरह की प्रवृत्ति नहीं दिखाई दी।
जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही उसे 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही जज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपए का हर्जाना दे।

*संजय रॉय ने खुद को बताया था निर्दोष*
संजय रॉय को बीते शनिवार ही दोषी मान लिया गया था। सोमवार को केवल सजा का ऐलान बाकी था। इस दौरान सुनवाई के वक्त संजय ने एक बार फिर से खुद को बेगुनाह बताया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने जज अनिर्बान दास से संजय को इस अपराध के लिए अधिकतम सजा देने की गुहार लगाई। उन्होंने इसके पीछे यह दलील दी कि सजा ऐसी होनी चाहिए कि लोगों का भरोसा हमारे समाज में बना रहे। उधर, संजय के वकील ने मृत्युदंड के खिलाफ तर्क दिया। उन्होंने कहा कि अभियोजक को यह साबित करना चाहिए कि संजय सुधार के लायक नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने रामायण को लेकर ऐसा क्या कह दिया, मच गया बवाल, जानें बीजेपी ने क्या कहा
#delhi_bjp_attack_arvind_kejriwal_statement_over_ravana
दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने रामायण को लेकर ऐसा क्या कह दिया, मच गया बवाल, जानें बीजेपी ने क्या कहा
#delhi_bjp_attack_arvind_kejriwal_statement_over_ravana
दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। इस बीच रामायण का मुद्दा गर्म हो गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र किया। जिसके बाद बीजेपी और आप आमने सामने हैं। सोमवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम और रावण को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी ने सवाल उठाया है। बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी हिंदू हैं, इसलिए उन्हें राम और रावण की कहानी के बारे में भी जानकारी नहीं है।

दिल्ली के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में कहा कि एक दिन रामचंद्र खाने का इंतजाम करने जंगल में गए। माता सीता को अपनी झोपड़ी में छोड़ गए। उन्होंने लक्ष्मण को कहा कि तू सीता मईया की रक्षा करेगा। इतने में रावण आया सोने का हिरन बन कर आया। सीता मईया ने लक्ष्मण को कहा कि मुझे यह हिरण चाहिए। लक्ष्मण ने श्रीराम की बात का हवाला देकर जाने से मना किया। भगवान राम कह कर गए हैं कि मुझे आपकी रक्षा करनी है। सीता ने कहा नहीं मैं तेरे को आदेश देती हूं कि तू जा और हिरण को पकड़ कर ला। लक्ष्मण के पास चारा नहीं था। लक्ष्मण चला गया और रावण अपना वेष बदल कर सीता मईया का हरण कर चला गया।

आम आदमी पार्टी की बागी सांसद स्वाति मालीवाल ने इसका वीडियो शेयर किया है। मालीवाल ने वीडियो शेयर कर अरविंद केजरीवाल को चुनावी हिंदू करार दिया। मालीवाल का कहना है कि अरविंद ने जो तथ्य बताए, वो गलत है।

अरविंद केजरीवाल के वायरल वीडियो पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये चुनावी हिंदू हैं। इन्हें ये भी पता नहीं है कि सोने का हिरन बनकर रावण नहीं मारीच गया था। इन्होंने दिल्ली के स्कूलों का हाल बुरा कर दिया है। न इनकी खुद की शिक्षा है न ही ये दिल्ली वालों को शिक्षा दे पाए।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि जिस प्रकार से रामायण की गलत व्याख्या और हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई ये पहली बार नहीं है। इन्होंने कहा है कि राक्षस सोने का हिरण बन कर आया था। ये अभी तक शीशमहल के गोल्ड प्लेटेड सोने से बाहर नहीं आए हैं। आज हम यहां क्षमा मांगने आए हैं कि रामायण की गलत व्याख्या हुई है और हम आज उपवास करेंगे।
दुनिया में भारत का बढ़ता कदः ट्रंप के शपथ ग्रहण में दिखी झलक, पहली पंक्ति में दिखे जयशंकर
#america_donald_trump_inauguration_eam_jaishankar_sits_in_first_row *

* भारत एक प्राचीन और समृद्ध संस्कृति वाला देश है। यह एक विशाल जनसंख्या वाला देश भी है, जो इसे विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में से एक बनाता है। हाल के वर्षों में, भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति और वैश्विक प्रभाव में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है। नतीजतन, भारत विश्व पटल पर एक बढ़ती शक्ति के रूप में उभर रहा है। दुनियाभर के देशों में भारत के बढ़ते धमक की एक झलक अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भी दिखी।इस दौरान एक बात ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा और वो ये था कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को पहली पंक्ति में ट्रंप के मंच के ठीक सामने बिठाया गया था। यह वैश्विक परिदृश्य में भारत के ऊंचे होते कद का उदाहरण है। अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ले ली है। शपथ ग्रहण के समारोह के दौरान विभिन्न देशों के प्रतिनिधि पहुंचे। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे मेहमानों में जयशंकर की चर्चा इसलिए हो रही है क्यों कि उनको मेहमानों की पहली पक्ति में जगह दी गई थी। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जयशंकर इक्वाडोर के राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ के साथ आगे की पंक्ति में बैठे नजर आए, जो आधिकारिक प्रोटोकॉल है। इस दौरान जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया पीछे बैठे नजर आए। इस तस्वीर को बदलते भारत और अमेरिका और भारत के प्रगाढ़ होते रिश्तों के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने अमेरिका पहुंचे थे। जब डोनाल्ड ट्रंप पोडियम पर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले रहे थे, तब एस जयशंकर उनके बिल्कुल सामने बैठे हुए थे। यह तस्वीर अपने आप में काफी कुछ कह रही है।एस जयशंकर की इस तस्वीर को अमेरिका में भारत की धाक के तौर पर देखा जा सकता है। उनको ट्रंप के बिल्कुल सामने यानी कि पहली पंक्ति में जगह मिलना यह दिखाता है कि भारत की धाक दुनियाभर में है। पूरी दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बदल रहा है। विदेश मंत्री ने ट्रंप के शपथ ग्रहण की कुछ तस्वीरें अपने एक्स हैंडल पर शेयर की हैं। जिसमें उन्होंने कहा है कि ट्रंप और जेडी वेंस के शपथ ग्रहण में भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए बहुत ही सम्मान की बात है।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में 36 घंटे से चल रही मुठभेड़, अब तक 14 नक्सली ढेर
#encounter_going_on_for_36_hours_in_gariaband_14_naxalites_killed

* छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में पिछले 36 घंटे से नक्सलियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ जारी है। अब तक कुल 14 नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। मुठभेड़ में कई इनामी नक्सली मारे गए हैं। सभी मारे गए नक्सलियों के शव और हथियार बरामद कर लिए गए हैं। साथ ही भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं। गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट स्थित भालू डिग्गी जंगल में कुल एक हजार से अधिक जवानों ने 60 से अधिक नक्सलियों को चारों तरफ से घेर रखा है। यह मामला मैनपुर थाने इलाके का बताया जा रहा है।रविवार सुबह से मंगलवार की की सुबह तक रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। यह मुठभेड़ नक्सलियों के खिलाफ छेड़े गए ऑपरेशन का हिस्सा है, जिसमें सुरक्षा बलों का उद्देश्य नक्सली संगठन को कमजोर करना है। मुठभेड़ में सीआरपीएफ के कोबरा यूनिट का एक जवान भी घायल हुआ है, जिसे एयर लिफ्ट करके रायपुर लाया जा रहा है। इससे पहले रविवार को हुई मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर किए गए थे वहीं एक जवान भी घायल हुआ था। गरियाबंद में सुरक्षा बल नक्सली मुठभेड़ में एक करोड़ का इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपती मारा गया है। वह नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी मेंबर बताया जा रहा है। अब तक 14 से अधिक महिला / पुरुष नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मारे गए नक्सलियों में माओवादियों के सीनियर कैडर शामिल हैं, जिनकी शिनाख्त की जा रही है l बता दें कि छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर ऑपरेशन चल रहा है। यह छत्तीसगढ़ पुलिस, ओडिशा पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा का जॉइंट ऑपरेशन है। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों की कुल 10 टीमें शामिल हैं, जिसमें 3 टीमें ओडिशा से, 2 टीमें छत्तीसगढ़ पुलिस की और 5 टीमें सीआरपीएफ की हैं। जवान इलाके के सर्चिंग ऑपरेशन पर निकले हुए थे, तभी नक्सलियों ने जवानों पर हमला किया। एनकाउंटर की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी भी मैनपुर पहुंच गए हैं। इलाके में भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है। सुरक्षा के लिहाज से भाटीगढ़ स्टेडियम को भी छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आते ही विवेक रामास्वामी ने DOGE का पद छोड़ा, जानें क्या है वजह?
#america_vivek_ramaswamy_leaves_doge_department
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन से राजनेता बने विवेक रामास्वामी ने एक बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है वो अब डोनाल्ड ट्रम्प के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) का हिस्सा नहीं हैं। इसकी जानकारी ट्रंप के शपथ ग्रहण के कुछ घंटों के बाद व्हाइट हाउस ने दी। बता दें कि अपने मंत्रीमंडल के चयन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने विवेक रामास्वामी को एलन मस्क के साथ मिलकर सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का नेतृत्व करने के लिए चुना था। उद्यमी विवेक रामास्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने कहा, “डीओजीई के निर्माण में सहायक बनना मेरे लिए सम्मान की बात थी। मुझे पूरा विश्वास है कि एलन मस्क और उनकी टीम सरकार को सुव्यवस्थित करने में पूरी तरह से सफल होगी। मैं जल्द ही ओहायो में अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में और अधिक बताऊंगा। हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सभी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका को फिर से महान बनाने में मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।” सरकारी दक्षता सलाहकार समूह की प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “विवेक रामास्वामी जल्द दी एक निर्वाचित पद के लिए चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं, जिसके लिए उन्हें डीओजीई से बाहर रहना होगा। हम पिछले दो महीने के उनके योगदान के लिए उनका धन्यवाद करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह अमेरिका को फिर से महान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।” बता दें कि रामास्वामी ने संकेत दिया है कि वह 2026 में ओहायो से गवर्नर का चुनाव लड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं। अगर वह जीत जाते हैं तो ओहायो के पहले भारतीय-अमेरिकी गवर्नर होंगे। इससे पहले उन्होंने भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी भी पेश की थी। हालांकि उन्होंने अब ओहियो के गवर्नर के लिए चुनाव लड़ने का इरादा जताया है। इसलिए ट्रंप के राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण करने के कुछ ही घंटों बाद ही विवेक रामास्वामी को सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) से इस्तीफा देना पड़ा।
शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS को धमकी, भारत लिए क्या है मायने
#president_donald_trump_threatens_100_percent_tariffs_on_brics_nations
* डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार, 20 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। ट्रम्प ने सत्ता संभालते ही देश से लेकर विदेश तक अमेरिकी नीतियों में कई बड़े बदलाव लाने की बात कही। शपथ के बाद 30 मिनट के भाषण में डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी के तहत दूसरे देशों पर टैरिफ लगाने की बात कही। ट्रंप चुनाव जीतने के बाद ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी। इससे अलावा वो चीन, कनाडा और मेक्सिको पर भारी भरकम टैरिफ लगाने की धमकी दे चुके हैं। राष्ट्रपति पद की कुर्सी पर बैठते ही डोनाल्ड ट्रंप का एक्शन शुरू हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को खुलेआम धमकी दे दी है। सोमवार को शपथ लेते ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि स्पेन समेत ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाया जा सकता है। ब्रिक्स में दस देश शामिल हैं। ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात। स्पेन ब्रिक्स का हिस्सा नहीं है। बावजूद वह भी ट्रंप के रडार में है। हालांकि, दिसंबर में ही डोनाल्ड ट्रंप ने इसका इशारा कर दिया था कि वह ब्रिक्स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। हालांकि, उन्होंने इसके लिए एक शर्त रखी थी। बता दें कि ट्रंप पहले ब्रिक्स की ओर से एक अलग करेंसी लाने का विरोध कर चुके हैं। ट्रंप की इस घोषणा के बाद ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से उसके टकराव बढ़ सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप की इस धमकी का मतलब है कि भारत भी इसके लपेटे में आएगा। भारत ब्रिक्स का अहम सदस्य है। ट्रंप का बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि कुछ समय पहले यह खबर आई थी कि ब्रिक्स देश अपनी नई करेंसी पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, उस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं है। अगर ट्रंप की धमकी सही साबित होती है तो ब्रिक्स देशों के लिए बड़ी मुसीबत होगी। ऐसे में भारत के लिए भी अमेरिका से आयात-निर्यात करना बहुत कठिन हो जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर हुआ अमेरिका, ट्रम्प ने बाइडेन के 78 फैसले पलटे
#us_to_exit_world_health_organization

* डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके साथ ही वह आधिकारिक तौर पर देश के राष्ट्रपति बन गए हैं। चुनाव जीतने के बाद से ही एक्शन में दिख रहे ट्रंप ने शपथ लेने के सिर्फ 6 घंटे के अंदर ही ट्रम्प ने बाइडेन के 78 फैसलों को पलट दिया है। शपथ ग्रहण के बाद ट्रम्प कैपिटल वन एरिना पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों के सामने बाइडेन के फैसलों को पलटने समेत कई कार्यकारी आदेशों पर साइन किए। *डब्ल्यूएचओ पर लगाया पक्षपात का आरोप* राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका के बाहर निकलने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। कोरोना महामारी के वक्त ट्रंप इस संगठन पर काफी हमलावर थे। व्हाइट हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के साथ डब्ल्यूएचओ पक्षपात कर रहा है। यहां चीन को तवज्जो दी जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हमें ठगा है। *पेरिस जलवायु समझौते से भी बाहर* इससे पहले ट्रंप ने शपथ लेने के तत्काल बाद अमेरिका के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने की घोषणा की थी। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप एक बार फिर अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर करने जा रहे हैं। ट्रंप ने शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही कैपिटल वन एरिना में कार्यकारी आदेशों के अपने पहले सेट पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान पेरिस जलवायु संधि से हटने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए गए।
डोनाल्ड ट्रंप ने TikTok पर प्रतिबंध को रोका, कार्यकारी आदेश में ऐप को 75 दिन का अतिरिक्त समय दिया

* अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में TikTok पर प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिससे कंपनी और उसकी चीनी मूल कंपनी ByteDance Ltd. को लोकप्रिय ऐप के लिए एक समझौते पर पहुंचने के लिए 75 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया, जो लंबे समय से चली आ रही अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को हल करेगा। TikTok की जीवनरेखा डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोमवार को पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले कार्यों में से एक में हस्ताक्षरित एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से आई। यह कदम वीडियो-शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म को अमेरिका में उस प्रतिबंध से राहत देता है जो रविवार को ByteDance द्वारा विनिवेश की आवश्यकता वाले कानून का पालन करने से इनकार करने के बाद लागू हुआ था। ट्रंप ने पिछले कई दिनों में वादा किया था कि विस्तार की संभावना है। डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, "मुझे लगता है कि TikTok के लिए मेरे मन में एक गर्मजोशी है।" पिछले साल इसमें शामिल होने के बाद ट्रंप ने TikTok पर लगभग 15 मिलियन फ़ॉलोअर्स जुटाए हैं, और उन्होंने युवा मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ बनाने में मदद करने के लिए ट्रेंडसेटिंग प्लेटफ़ॉर्म को श्रेय दिया है। फिर भी इसके 170 मिलियन अमेरिकी उपयोगकर्ता शनिवार रात और रविवार सुबह के बीच 12 घंटे से अधिक समय तक TikTok का उपयोग नहीं कर सके। कांग्रेस द्वारा अनुमोदित और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रविवार को प्रभावी होने वाले प्रतिबंध से पहले प्लेटफ़ॉर्म ऑफ़लाइन हो गया। ट्रम्प द्वारा सोमवार को प्रतिबंध को रोकने का वादा करने के बाद, TikTok ने मौजूदा उपयोगकर्ताओं के लिए पहुँच बहाल कर दी। Google और Apple। हालाँकि, इसने अभी भी TikTok को अपने ऐप स्टोर में बहाल नहीं किया है। TikTok पर पैसे कमाने वाले व्यापारिक नेता, कानून निर्माता, कानूनी विद्वान और प्रभावशाली लोग यह देखने के लिए देख रहे हैं कि ट्रम्प अपने हस्ताक्षर से विनियामक, कानूनी, वित्तीय और भू-राजनीतिक मुद्दों के ढेर को कैसे हल करने की कोशिश करते हैं। *TikTok पर प्रतिबंध कैसे लगा?* TikTok का ऐप उपयोगकर्ताओं को लघु-फ़ॉर्म वीडियो बनाने और देखने की अनुमति देता है, और एक एल्गोरिथ्म के साथ काम करके नई ज़मीन तैयार करता है जो दर्शकों को उनकी देखने की आदतों के आधार पर सिफारिशें देता है। लेकिन समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि बीजिंग के लिए अमेरिकियों को हेरफेर करने और जासूसी करने के लिए एक उपकरण के रूप में काम करने की इसकी क्षमता के बारे में चिंताएँ ट्रम्प के पहले राष्ट्रपति पद से पहले की हैं। 2020 में, ट्रम्प ने बाइटडांस और चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट के मालिकों के साथ लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किए। अदालतों ने आदेशों को रोक दिया, लेकिन एक साल से भी कम समय पहले, कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए एक कानून पारित किया, जिसमें बाइटडांस द्वारा इसे किसी स्वीकृत खरीदार को बेचे जाने तक TikTok पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था। रविवार को लागू हुआ यह कानून, प्रमुख मोबाइल ऐप स्टोर - जैसे कि Apple और Google द्वारा संचालित - और Oracle जैसी इंटरनेट होस्टिंग सेवाओं के खिलाफ प्रति US TikTok उपयोगकर्ता $5,000 तक का जुर्माना लगाने की अनुमति देता है, यदि वे बाइटडांस के विनिवेश की समय सीमा के बाद भी US उपयोगकर्ताओं को TikTok वितरित करना जारी रखते हैं। रविवार को ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने TikTok के US सेवा प्रदाताओं से प्लेटफ़ॉर्म और ऐप का समर्थन जारी रखने के लिए कहा है, जबकि वह अभी के लिए प्रतिबंध को रोकने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहे हैं।