बलौदाबाजार हिंसा मामला : निलंबित तत्कालीन कलेक्टर और एसएसपी बहाल, विभागीय जांच रिपोर्ट में मिली क्लीन चीट

रायपुर-  बलौदाबाजार हिंसा मामले में निलंबित तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को बहाल कर दिया गया है. दरअसल, बलौदाबाजार हिंसा मामले पर सरकार ने एक्शन लेते हुए दोनों अधिकारियों को मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में अटैच कर दिया गया था. वहीं जांच कमेटी का भी गठन किया गया था.  

अब जांच रिपोर्ट में दोनों अधिकारीयों को क्लीन चिट मिल गई है. सरकार ने कमेटी की रिपोर्ट के बाद दोनों अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी है. केएल चौहान को अब बिलासपुर में अपर संभागीय आयुक्त के साथ सचिव राजस्व मंडल के अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. साथ ही पुलिस अधीक्षक सदानंद सिंह को पुलिस मुख्यालय में उप पुलिस महानिरीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है. 

बता दें कि पिछले साल 15 से 16 मई की रात कुछ अज्ञात लोगों ने बलौदाबाजार के गिरौदपुरी धाम स्थित जैतखंभ में तोड़फोड़ की थी. सतनामी समुदाय मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग कर रहा था. इसी सिलसिले में सतनामी समाज ने दशहरा मैदान में विरोध-प्रदर्शन और जिलाधिकारी कार्यालय के घेराव का आह्वान किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे. विरोध हिंसक होने के बाद लोगों ने एसपी और जिलाधिकारी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. इस घटना के बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.

नक्सल सेल को मिली बड़ी सफलता: 6 नक्सलियों ने सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने का लिया निर्णय, एक पर था 2 लाख का इनाम

सुकमा- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादियों पर सुरक्षाबल कहर बनकर टूट रहे हैं. जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली बैक फुट पर आ गए है. वहीं नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. ऐसे में आज सुकमा जिले में एक इनामी नक्सली समेत छह नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इन नक्सलियों में से एक पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था जो माड़ डिविजन में सक्रिय रहा है.

इन नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में आरएफटी कोंटा, 217 वाहिनी सीआरपीएफ और जिला सुकमा के नक्सल सेल के कर्मियों की विशेष भूमिका रही.

नगरीय निकाय चुनाव 2025: जिले में लाइसेंसी हथियार धारकों के लाइसेंस निलंबित, कलेक्टर ने आर्म जमा करने के जारी किए आदेश…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तारीखों का ऐलान होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. इसके साथ ही रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने जिले में चुनाव प्रक्रिया के दौरान जनता की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से सभी लाइसेंस धारकों से अपने-अपने आग्नेय शस्त्र (फायरिंग करने वाले हथियार जैसे पिस्तौल, बंदूक आदि) अपने नजदीक पुलिस थाने में जमा करने के आदेश जारी किए हैं.

बता दें, यह आदेश पूरे रायपुर जिले के लायसेंसधारियों पर लागू होगा, जिसमें स्थानीय और बाहर से आए लायसेंसधारी दोनों शामिल हैं. इस कदम का उद्देश्य चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार के भय और आतंक के माहौल को रोकना है, ताकि शस्त्रों का दुरुपयोग न हो सके.

आदेश में कहा गया है कि चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद लायसेंसधारी अपने शस्त्रों को वापस प्राप्त कर सकेंगे. हालांकि, समस्त मान्यता प्राप्त बैंकों के सुरक्षा गार्ड, राष्ट्रीय राइफल संघ, जिला राइफल संघ, और औद्योगिक संस्थानों पर तैनात सुरक्षा गार्ड इस आदेश से मुक्त होंगे, लेकिन इन्हें अपने अस्त्र-शस्त्र की सूचना संबंधित थाने में देनी होगी और वे शस्त्रों को बिना थाना प्रभारी की अनुमति के परिसर से बाहर नहीं ले जा सकेंगे.

इसके अतिरिक्त, आदर्श आचार संहिता के प्रभावी रहने तक जिले में रहने वाले सभी शस्त्र लायसेंसधारियों के शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए जाएंगे. थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जमा किए गए शस्त्रों का उचित पंजीकरण किया जाए और प्रत्येक लायसेंसधारी को जमा शस्त्रों की पावती दी जाएगी. चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद एक सप्ताह के भीतर शस्त्रों को उनके स्वामी को वापस लौटाया जाएगा.

यदि किसी लायसेंसधारी के लिए शस्त्र रखना अत्यंत आवश्यक है, तो वे कलेक्टोरेट रायपुर के लायसेंस शाखा में आवेदन दे सकते हैं, और एक समिति द्वारा उनके आवेदन पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा. यह आवेदन आदेश के जारी होने के 7 दिन के भीतर प्रस्तुत किया जा सकता है.

छत्तीसगढ़ पंचायती राज संशोधन को हाईकोर्ट में चुनौती: मामले में दोनों पक्षों ने रखा तर्क, 27 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

बिलासपुर- पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच में सुनवाई हुई। मामले में दोनों पक्षों ने तर्क रखा, अब मामले की सुनवाई 27 जनवरी को होगी।

बता दें कि याचिकाकर्ता नरेश रजवाड़े ने अपने अधिवक्ता शक्तिराज सिन्हा द्वारा लगाई अपनी याचिका में कहा कि राज्य सरकार बीते वर्ष 3 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश -2024 ला चुकी है। जिसमें ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को विलोपित कर दिया है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि अध्यादेश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा के 16 जनवरी से 20 जनवरी 2024 तक के सत्र में इस महत्वपूर्ण अध्यादेश को पारित नहीं कराया गया है, केवल इसे विधानसभा के पटल पर रखा गया है, जिसके कारण यह अध्यादेश वर्तमान में विधि-शून्य और औचित्यहीन हो गया है।

वहीं राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कहा 3 दिसंबर 2024 को अध्यादेश लाया गया था। वहीं 16 दिसंबर से 20 दिसंबर 2024 को विधानसभा की बैठक में रखा गया। इस अध्यादेश को पारित होने को लेकर अनुच्छेद 213(2) के तहत राज्यपाल से सहमति है। वहीं संवैधानिक रूप से 6 सप्ताह का समय है। जो 27 जनवरी 2025 को पूरा होगा।

इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शक्ति राज सिन्हा ने कैबिनेट की पूर्व बैठक में सार्वजनिक किए एक निर्णय पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसमें आरक्षण संबंधी संशोधन अध्यादेश को 6 महीने आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। वहीं नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के नोटिफिकेशन जारी होने के याचिका पर प्रभाव की बात भी कही। जिस पर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को गंभीरता से सुना और अपने आदेश में शामिल किया है। वहीं शासन के अधिवक्ता के अध्यादेश को लेकर तर्क को सुनते हुए संवैधानिक रूप से 6 सप्ताह का समय 27 जनवरी को पूरा होने पर उसी दिन सुनवाई तय की गई है।

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का किया गठन, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का गठन किया है। यह कंट्रोल रूम 15 सदस्यों की टीम के साथ काम करेगा। इस कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी सलीम रिज़वी और दीपक मिश्रा को सौंपी गई है। इनके नेतृत्व में चुनावी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

बता दें कि कंट्रोल रूम का मुख्य उद्देश्य चुनाव से जुड़ी हर गतिविधि की जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक पहुंचाना और चुनावी रणनीति को मजबूती देना है। यह कंट्रोल रूम नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक साबित होगा।

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निकाय चुनाव 2025 : BJP नेताओं ने कार्यकर्ताओं को दिया जीत का मूलमंत्र, संगठन महामंत्री जम्वाल बोले –

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी कार्यालय एकात्म परिसर में सोमवार को नगरीय निकाय चुनाव एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर आवश्यक बैठक हुई, जिसमें क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल एवं प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया. क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी चयन पूरी पारदर्शिता से करती है. इसमें किसी प्रकार का कोई अपना-पराया नहीं किया जाता है. हमें चुनाव में सही प्रत्याशी को उतारना है और उसके लिए काम भी करना है. जिसको भी टिकट मिलेगी सब मिल-जुलकर उसके साथ खड़े होंगे और उसको आगे बढ़ाएंगे. इस चुनाव का जो हमारा नारा रहेगा ‘हम जीतेंगे’ और यह संकल्प लेकर इसे पूरा करना है.

अजय जम्वाल ने कहा, भारतीय जनता पार्टी एक वैचारिक आंदोलन है. इसके जो विचार है इसके जो चलने वाले हैं उनके मन में कांसेप्ट क्लीयर रहता है. यह हमारा वैचारिक आंदोलन है और इस आंदोलन को लेते हुए हमें आगे बढ़ाना है. देश स्वावलंबी बने, आर्थिक महाशक्ति बने, विश्वगुरु बने और दुनिया की एक महाशक्ति बने, यह हर कार्यकर्ता का सपना होना चाहिए और उसे पूर्ण करने का संकल्प हमारे वैचारिक संगठनों ने लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण दुनिया में अपने विचार को स्वीकार्यता मिल रही है. प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है. आज 162 देशों ने योग की शक्ति को पहचाना है. प्रधानमंत्री मोदी की मेहनत से 10 सालों में 25 करोड़ गरीब लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. देश में हर घर को केन्द्र सरकार की किसी न किसी 8 से 10 योजनाओं का लाभ मिला है.

क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल ने कहा कि हमें आगामी चुनाव में अपने लिए प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली शक्तियों से भी सावधान रहना है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मेहनती, परिश्रमी एवं निष्ठावान होते हैं. हमारी भाग्य रेखा में मेहनत करना लिखा हुआ है. हमारे प्रधानमंत्री 24 घंटे 24 साल से लगातार मेहनत कर रहे हैं. यह चुनाव जीतने का मतलब यह है कि अगर हम पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक जीतते हैं तो हमारी जितनी भी योजनाएं हैं, इसका लाभ सभी को मिलेगा और जो हम विकास की, विचार की, स्वावलंबन की बात करते हैं, यह सब बातें जमीनी स्तर तक हर घर तक पहुंचेगी. प्रधानमंत्री कहते हैं, 2047 तक विकसित भारत बनाना हमारा लक्ष्य है। 100 वर्ष आजादी के हम पूर्ण करेंगे और यह देश स्वावलंबी भारत होगा, यह देश विश्व गुरु भारत होगा.

यह चुनाव कार्यकर्ताओं को सम्मान देने का है : पवन साय

प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने कहा कि चुनाव की तैयारी को लेकर यह बैठक आहूत की गई. मंडल स्तर एवं जिला स्तर पर कमेटी बनी है. त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की दृष्टि से हमारी कमेटियां बनी है. चुनाव के समय में प्रत्याशी का चयन महत्वपूर्ण विषय रहता है और जैसे चयन करेंगे, वैसा इसका परिणाम भी मिलता है. हमें सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत के लिए भाजपा का जो कार्यकर्ता लगातार कार्य कर रहा है और जो स्वच्छ छवि का हो, उसे प्रत्याशी बनाना है. सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत में भी एक ही कार्यकर्ता चुनाव लड़े, जो चुनाव जीत सकता है. भाजपा की 11,694 पंचायत यानी सरपंच जीतकर के आएंगे. केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है. इसी तरह पंचायत में भी भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता ही सरपंच बनना चाहिए, यह हमारा संकल्प हो, इसलिए हमारा दृष्टिकोण है पंच से लेकर पार्लियामेंट तक भाजपामय हो. एक-एक कार्यकर्ताओं को सम्मान देने का यह चुनाव है और इसलिए पूरी ताकत के साथ हम चुनाव के मैदान में जाएंगे.

नगरीय निकाय चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र सवन्नी एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रभारी सौरभ सिंह ने निकाय एवं पंचायत चुनाव के संदर्भ में आवश्यक मार्गदर्शन दिया. बैठक का संचालन रायपुर संभाग सह प्रभारी जगन्नाथ पाणिग्रही ने किया एवं आभार व्यक्त वरिष्ठ भाजपा नेता प्रफुल विश्वकर्मा ने किया. बैठक में सांसद रूपकुमारी चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, भूपेन्द्र सवन्नी, लक्ष्मी वर्मा, मंत्री टंकराम वर्मा, पूर्व मंत्री विधायक अजय चंद्राकर, प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, रामू रोहरा, विधायक पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत, अनुज शर्मा, इंद्र कुमार साहू, संपत अग्रवाल, योगेश्वर राजू सिन्हा, रायपुर जिला प्रभारी खूबचंद पारख, चंदूलाल साहू, चंद्रशेखर साहू, देवजी भाई पटेल, जिलाध्यक्ष रमेश ठाकुर, प्रदेश पदाधिकारी सहित रायपुर संभाग के सभी जिला अध्यक्ष मौजूद रहे।

गांव में सड़क और पुल के अभाव को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश, मांग पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान

गरियाबंद-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही चुनाव बहिष्कार की खबर सामने आ रही है. गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर जनपद के लोहारसी पंचायत के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी है. ग्रामीणों ने दर्जनों की संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचकर प्रशासन को अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले कई सालों से लोहारसी पंचायत के 4 वार्डों के लोग सड़क और पुलों के अभाव में गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि खेतों में सिंचाई के लिए जो पानी का नाला गांव की सड़कों में घुसता है, वहां पुलिया बनाने की मांग वे लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ग्रामीणों ने कहा कि दो दिन पहले पानी से भरी सड़क पर उतरकर उन्होंने चुनाव बहिष्कार की रणनीति बनाई थी. उनका गुस्सा पंचायत के लापरवाह प्रतिनिधियों पर भी फूटा है, जिन पर आरोप है कि मंजूरी मिलने के बावजूद सड़क और पुलों के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही.

हालांकि, कलेक्टर से मुलाकात के बाद ग्रामीणों का आक्रोश कुछ ठंडा हुआ है, लेकिन वे अपनी मांगों पर अडिग हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे चुनाव बहिष्कार के अपने फैसले पर कायम रहेंगे.

नगरीय निकाय चुनाव 2025: आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन हुई एक्टिव, हटाए जा रहे सभी राजनीतिक बैनर-पोस्टर

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान होते ही आदर्श आचार संहिता ही प्रभावी हो गई है. इसके तहत राजधानी रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में शासन सक्रीय हो गया है. सभी चौक-चौराहों, शासकीय खंभे,पेड़ और सड़क किनारे लगाए गए राजनीतिक बैनर-पोस्टर्स को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

बता दें, कलेक्टर ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं. नगर निगम की उड़नदस्ता टीमें प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के प्रचार-प्रसार और राजनीतिक प्रचार के लिए लगाए गए बैनर पोस्टर हटाने में जुट गई हैं. 

अंबुजा सीमेंट की खदान विस्तार योजना: ग्रामीणों ने किया समर्थन, रोजगार और विकास को मिलेगा नया आयाम…

बलौदाबाजार-    अंबुजा सीमेंट की चुना पत्थर खदान के विस्तार के लिए पर्यावरण स्वीकृति संबंधी जनसुनवाई सोमवार को ग्राम मोपर के शासकीय हाई स्कूल में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई. इस जनसुनवाई में उपस्थित 99% ग्रामीणों ने परियोजना का समर्थन किया. स्थानीय लोगों ने इसे रोजगार, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली पहल के रूप में सराहा. जनसुनवाई का संचालन अतिरिक्त जिला कलेक्टर बलौदाबाजार, दीप्ति गौते और भाटापारा के अतिरिक्त जिला कलेक्टरअभिषेक गुप्ता, साथ ही क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारीपी. के. रबड़े की उपस्थिति में किया गया. इसमें सैकड़ों स्थानीय निवासी, समुदायिक प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए.

परियोजना विस्तार का विवरण

जनसुनवाई में प्रस्तुत पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट और पर्यावरण प्रबंधन योजना के अनुसार, खदान की उत्पादन क्षमता को 2 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है. यह खदान विस्तार बोईरडीह, कर्मडीह, मालदी, मोपर और देवरानी क्षेत्रों में होगा, जो कुल 553.656 हेक्टेयर में फैला है.

इसके तहत मौजूदा क्रशर के साथ एक नया 1800 टन प्रति घंटा क्षमता का क्रशर स्थापित किया जाएगा, जिससे कुल उत्खनन क्षमता 11.02 मिलियन टन प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगी.

स्थानीय समुदाय का समर्थन

महिलाओं ने अंबुजा फाउंडेशन द्वारा संचालित स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों की सराहना की, वहीं युवाओं और बुजुर्गों ने रोजगार और प्रशिक्षण के अवसरों के बढ़ने की उम्मीद जताई.

माइन्स हेड का बयान

अंबुजा सीमेंट के माइन्स हेड, मनोज शंकर सिंह ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि इस परियोजना से खदान के आस-पास के गांवों में युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के नए अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि कंपनी ई-वाहन मरम्मत, तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगारोन्मुख कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करेगी.

इसके साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.

अंबुजा सीमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारीप्रतीक पांडेय (हेड, कॉर्पोरेट अफेयर्स),वैभव दीक्षित (सीएमओ),मनोज शंकर सिंह (माइंस हेड) औरपुष्कर चौधरी (एचआर हेड) सहित एचआर, एडमिन, सीएसआर, लैंड और लाइजन टीम के सदस्य भी उपस्थित थे. अधिकारियों ने परियोजना के लाभ और कंपनी की सामाजिक और पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

पर्यावरण संरक्षण की पहल

पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए कंपनी 238.97 हेक्टेयर क्षेत्र का 34.8% हिस्सा ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करेगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार और जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा.

समग्र ग्रामीण विकास में योगदान

अंबुजा फाउंडेशन पिछले दो दशकों से आसपास के 13 गांवों में जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में कार्य कर रही है. अब तक इन पहलों से 26,000 से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं.

स्थानीय समुदाय और प्रशासन की उम्मीदें

इस सफल जनसुनवाई ने स्थानीय समुदाय और प्रशासन को परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन की दिशा में आश्वस्त किया है. इस पहल से क्षेत्र का समग्र विकास और समृद्धि सुनिश्चित होगी.

आचार संहिता लागू होते ही सरकारी कर्मचारियों की छुट्‌टी पर बैन, जिला निर्वाचन अधिकारी ने जारी किया आदेश
रायपुर- छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत और निकाय चुनाव का ऐलान होने के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो गई है. आचार संहिता लागू होते ही शासकीय कर्मचारियों की छुट्‌टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. विशेष परिस्थिति में कर्मचारियों अधिकारियों को छुट्टी मिलेगी, लेकिन इसके लिए उन्हें जरूरी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा. कलेक्टर की तरफ से अधिकृत अधिकारी की मंजूरी के बिना शासकीय अधिकारी और कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जा सकेंगे. इसका आदेश जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने जारी किया है.