*कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में चयनित किसानों को दी गई ट्रेनिंग*
देवरिया- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पर ड्रॉप मोर क्रॉप) के तहत आयोजित 1 दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में चयनित 50 किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र, मल्हना भाटपार रानी में प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उद्यान अधिकारी श्री रामसिंह ने की। उन्होंने उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं, जैसे आरकेवीवाई, एमआईडीएच, पीएमकेएसवाई, पीएमएफएमई योजना आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" सिंचाई प्रणाली से पानी की बचत कैसे की जा सकती है और उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है।
उद्यान निरीक्षक पत्रिका सिंह ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले अनुदान के बारे में जानकारी दी। वहीं, सुशील कुमार शर्मा, वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मान्धाता सिंह ने आम, अमरूद, केला और पपीता जैसी फसलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत ड्रिप इरिगेशन प्रणाली अपनाने की सलाह दी। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने ड्रैगन फ्रूट और केले की खेती के संबंध में जानकारी देते हुए टपक सिंचाई प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे कम समय और कम लागत में खेती की सिंचाई की जा सकती है।
डॉ. कमलेश मीना ने औद्यानिक फसलों पर चर्चा की। मेसर्स सिग्नेट इंडस्ट्रीज के इंजीनियर रामेश्वर यादव ने ब्रिए, मिनी और पोर्टेबल स्प्रिंकलर के उपयोग और उनके लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अंत में, जिला उद्यान अधिकारी श्री रामसिंह ने प्रशिक्षण में शामिल सभी प्रशिक्षणार्थियों, किसानों और वैज्ञानिकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।









देवरिया । M N पाण्डेय।16 जनवरी। उप निदेशक कृषि सुभाष मौर्य ने बताया कि नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल (ऑयल सीड) योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक भारत सरकार द्वारा जारी नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) और वैल्यू चेन पार्टनर (वीसीपी) के माध्यम से जनपद में स्मॉल ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की स्थापना की जाएगी। इस कार्य के लिएप्राथमिकता वीसीपी को दी जाएगी। 10 टन क्षमता वाली स्मॉल ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की स्थापना के लिए परियोजना लागत का अधिकतम 33 प्रतिशत या₹9,90,000 (नौ लाख नब्बे हजार रुपये मात्र) का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, स्थापना के लिए भूमि/भवन की लागत में सहायता प्रदान नहीं की जाएगी, और इसे परियोजना लागत में शामिल नहीं किया जाएगा।
Jan 19 2025, 18:59
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