*शुक्रवार से तहसील, ब्लाॅक व गांवों के पंचायत भवनों में बंटेगी घरौंनी*
खजनी गोरखपुर।उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार से खजनी तहसील सहित सभी ब्लाॅक मुख्यालयों और गांवों के पंचायत भवनों में किसानों को उनके निजी भूमि की घरौनी वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि वितरण से पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसानों, कर्मचारियों और अधिकारियों को आॅनलाइन संबोधित करेंगे और उन्हें घरौनी की महत्ता तथा उसकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप अब किसानों के पास खेती के कागजों के साथ ही उनके घरों के कागज भी सरकारी रिकार्डों में दर्ज होंगे। जिससे ग्रामीणों को एक ही क्लिक में तहसील से अपने घर के कागजात निकालने की सुविधा मिल सकेगी, जिसे घरौनी कहा जाएगा। इसके लिए शासन ने स्वामित्व योजना शुरू की है। स्वामित्व योजना का लाभ यह होगा कि गांवों में संपत्तियों पर कब्जे को लेकर होने वाले विवादों झगड़े-फसाद के मामलों में कमी आएगी। गांव के लोग अपने मकान की घरौनी को बंधक रखकर बैंक से अपनी जरूरतों के लिए कर्ज भी ले सकेंगे। ड्रोन फोटोग्राफी के आधार पर आबादी क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जाएगा और उसमें दर्शाये गए मकानों और अलग दर्शाये गए स्थानों की नंबरिंग कर दी जाएगी। उपजिलाधिकारी श्री सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गांवों की कृषि योग्य भूमि, ग्रामसभा की बंजर आदि भूमि का रिकार्ड तो रेवन्यू विभाग के पास होता है। कृषि भूमि का मालिकाना हक दिखाने के लिए खसरा खतौनी बनाई जाती है,लेकिन आबादी में बने घरों के मालिकाना हक के लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण लोगों के पास नहीं होता,जिससे तमाम परेशानियां सामने आती हैं। घरों का बंटवारा होने के बाद भी विवाद समाप्त नहीं होते जिससे बंटवारे को लेकर अदालती मुकदमें बेहिसाब बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावां गांवों में स्थित घरों की यूनिक आईडी भी नहीं होती। मालिकाना हक नहीं होने से गांवों के घरों को बैंकों में मॉर्गेज पर नहीं रखा जाता है।
Jan 17 2025, 20:03