सवा लाख रुद्राक्ष सिर पर धारण किए हुए है, कोई 14 साल से एक पैर पर है तो कोई 32 साल से नहीं नहाए है
महाकुंभ में जुटे अजब बाबा की गजब कहानी
रिपोर्टर जयंत कुमार
महाकुंभ स्पेशल स्टोरी : त्रिवेणी संगम प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ 13 जनवरी से आगाज होगा। महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। बची तैयारियों को पूरा करने में प्रशासन की टीम दिन-रात लगी हुई है। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में साधु-संतों और अखाड़ों का संगम तट पर आना लगातार जारी है। इस महायोजना को लेकर संगम तट पर विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बस रहा है।
प्रयागराज महाकुंभ मेले में देश दुनिया में गुफाओं कंदराओं और सामान्य दिनों में नहीं दिखने वाले सैकड़ों नागा संन्यासी के साथ अनोखे बाबा भी कुंभ नगरी पहुंच रहे हैं। जो अपने अजब गजब करतब के कारण इस महाकुंभ की शोभा बढ़ा रहे। विभिन्न अखाड़ों से जुड़े कुछ हठयोगियों की साधना क्रिया, हठयोग ,अजब गजब भेषभूषा उनकी प्रसिद्धि का कारण बन जाता है। भक्तजन उन्हें उसी नाम से जानने लगते हैं।
कुछ इसी तरह का नाम रुद्राक्ष वाले बाबा यानि गीता नन्द महाराज का भी है। महाराज जून अखाड़ा से जुड़े हुए है। गीतानंद महाराज अपने सिर पर सवा दो लाख रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं। जिसका वजन लगभग 45 किलो है। ऐसे वो पिछले 6 साल से है। इतना ही नहीं उनके पूरे शरीर पर रुद्राक्ष ही रुद्राक्ष दिखता है। उनका यह हठयोग 12 साल का है अभी 6 साल ही बीते हैं अभी 6 साल यानि अगले अर्धकुंभ तक यह संकल्प पूरा होगा। इस दरमियान रुद्राक्ष की संख्या बढ़ती ही जाएगी। उनकी दूसरी खासियत यह है कि वह 1001 मटके की पानी से सर्दी में स्नान कर चुके हैं। गर्मी में आग जलाकर दिन भर धूनी कर चुके है।
दूसरे नंबर पर आते हैं राजेंद्र गिरि बाबा जो पिछले 14 साल से एक पैर पर खड़े हैं। 12 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने गुरु से दीक्षा ली। 6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद जनकल्याण के लिए उन्होंने खड़े होने का हठयोग किया। श्री पंचदश नामक जूना अखाड़े में 14 साल से एक पैर पर खड़े होकर तपस्या कर रहे हैं।
हाथ उठाकर चलने वाला बाबा
5 साल से हाथ ऊपर उठाकर चल रहे हैं बाबा दिगंबर हरिवंश गिरी। ये इस तरह सनातन धर्म का प्रसार और राष्ट्र का विकास लक्ष्य पूरा करने को मानते है। हरिवंश गिरी बाबा 9 साल से अपना एक हाथ ऊपर उठाए हुए हैं, इस हाथ में उनके नाखून उनके उंगलियों से भी बड़े हो गए हैं।
असम के कामाख्या पीठ से आए गंगापुरी महाराज, जिन्हें श्रद्धालु "छोटू बाबा" के नाम से भी जानते हैं। 57 वर्षीय इनका कद केवल 3 फीट 8 इंच है, और उनकी एक अजीबोगरीब बात ने उन्हें सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। उनका दावा है कि उन्होंने पिछले 32 वर्षों से स्नान नहीं किया है। बाबा 9 साल से सन्यास धारण किया और तब से अघोर तपस्या कर रहे। उनका जीवन शमशान साधना और तपस्या में बीता है।
Jan 12 2025, 18:00