HMPV को लेकर छत्तीसगढ़ सतर्क, सुझाव और दिशा निर्देश तैयार करने तकनीकी समिति का किया गठन

रायपुर-   भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संबंध में सभी राज्यों को जागरूकता हेतु निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण के संबंध में वर्तमान / अद्यतन स्थिति पर सतत् निगरानी बनाए रखने हेतु एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है।

HMPV के संक्रमण के रोकथाम, बचाव, जागरूकता एवं आगामी कार्ययोजना के संबंध में आवश्यक सुझाव एवं दिशा निर्देश तैयार किए जाने हेतु इस तकनीकी समिति का गठन किया गया है।

इस समिति में संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ.एस.के. पामभोई अध्यक्ष के रूप में हैं। इनके साथ सदस्य के रूप में उपसंचालक डॉ. खेमराज सोनवानी, उपसंचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, राज्य सलाहकार आईएसडीपी आकांक्षा राणा तथा राज्य सलाहकार आईएसडीपी चयनिका नाग शामिल हैं। यह तकनीकी समिति राज्य में HMPV के संबंध में समय-समय पर अपना प्रतिवेदन अभिमत स्वास्थ्य विभाग को प्रस्तुत करेगी।

महापौर के लिए कांग्रेस नेताओं की पत्नियों की दावेदारी का विरोध,महिला कांग्रेस ने PCC चीफ को लिखा पत्र, कहा–सक्रिय कार्यकर्ताओं को दें प्राथमिकता

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगम में महापौर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दावेदारों की होड़ लग गई है. कांग्रेस में महापौर पद के लिए कांग्रेस नेताओं की पत्नियों ने दावेदारी की है, जिस पर महिला कांग्रेस ने विरोध जताया है. महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखकर नगर निगम में महिला आरक्षण के बाद सक्रिय महिला कार्यकर्ता को प्राथमिकता देने की बात कही है.

महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव प्रगति वाजपेयी ने पत्र में लिखा है कि महापौर के लिए पार्टी के नेता अपनी पत्नियों के नाम आगे कर रहे हैं. ये पार्टी के हित के खिलाफ है. महिला कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. सालभर महिला कार्यकर्ता पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के लिए काम करती है. प्रदेश की सभी महिला आरक्षित सीटों पर सक्रिय महिला कांग्रेस और पीसीसी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाए.

इन नेताओं ने अपनी पत्नियों के लिए की है दावेदारी

बता दें कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया 7 दिसंबर को पूरी हुई. महिला आरक्षित महापौर पद के लिए कांग्रेस नेताओं ने अपनी पत्नियों के लिए टिकट की दावेदारी की है. इसमें पूर्व महापौर एजाज ढेबर, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, कन्हैया अग्रवाल, कुलदीप जुनेजा समेत कई नाम शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज को मिला केबिनेट मंत्री का दर्जा, तत्काल प्रभाव से आदेश हुआ लागू…

रायपुर-  राज्य शासन छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज, को राज्य सरकार ने केबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया है. उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा केवल शिष्टाचार के लिए प्रदान किया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है. 

डॉ. सलीम राज ने केबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, भाजपा के प्रदेश नेतृत्व और शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मैं इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाने का प्रयास करूंगा. आप सभी के समर्थन और विश्वास के लिए मैं सदैव कृतज्ञ रहूंगा. आपकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से हम छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : मुंगेली जनपद अनारक्षित, लोरमी अनारक्षित महिला तो पथरिया अजा महिला के लिए आरक्षित…

मुंगेली- मुंगेली जिले के अंतर्गत आने वाले तीनों जनपद के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण तय हुआ. मुंगेली अनारक्षित, लोरमी अनारक्षित (महिला) और पथरिया अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हुआ. इसके साथ मुंगेली और लोरमी जिला और जनपद पंचायत के सदस्यों का भी आरक्षण हुआ.

कलेक्ट्रेट के मनियारी सभाकक्ष में जनपद अध्यक्ष के साथ जिला पंचायत कार्यालय में जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्यों का आरक्षण तय किया गया. कलेक्टोरेट में आरक्षण की प्रक्रिया कलेक्टर तो जिला पंचायत कार्यालय में जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्यों का आरक्षण तय हुआ. मुंगेली जिला पंचायत के 12 सदस्य क्षेत्रों के लिए 6 अनारक्षित, 3 अनुसूचित जाति, 2 अन्य पिछड़ वर्ग के लिए आरक्षित किया गया.

देखिए पूरी सूची –

सीएम साय के सलाहकार पंकज झा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर साधा निशाना, कहा- सुरेश चंद्राकर के पास तो खूब काम था, फिर क्यों…

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के युवाओं को काम नहीं मिलने की वजह से अपराध बढ़ने वाले बयान पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर के पास तो खूब काम थे, फिर उन्होंने क्यों इतना बर्बर अपराध किया?

पंकज कुमार झा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए अपने पोस्ट में लिखा है कि भाजपा लगातार कहती रही है कि हर कांग्रेसी अपराधी हैं, ऐसा बिल्कुल नहीं है. पर यह तथ्य है छत्तीसगढ़ में हर अपराध के पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस से संबंधित कोई न कोई होता ही है. इसके जवाब में भूपेश बघेल ने पिछले दिनों एक अजीब बात कही थी.

पूर्व सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस में राजीव मितान क्लब से संबंधित आरोपों पर जवाब देते हुए कहा था कि क्योंकि अब उस क्लब के सदस्यों को काम आदि नहीं दिया जा रहा, इसलिए सूखा नशा, अपराध आदि बढ़ रहे हैं. ऐसा कह कर वे साफ-साफ छत्तीसगढ़ भाजपा के आरोपों पर मुहर लगाते नजर आये कि अपराधों से कांग्रेस का कनेक्शन है.

झा ने कहा कि हालांकि, हम हर कांग्रेसी युवा को अपराधी बिल्कुल नहीं मानते. भूपेशजी को ऐसा बिल्कुल नहीं कहना चाहिए था. पर अगर कांग्रेस के कद्दावर नेता की बात मान भी लें कि अब राजीव के क्लब वालों को पैसा-काम नहीं मिलता, इसीलिए अपराध बढ़ रहे हैं,

इसके साथ ही मुख्यमंत्री साय के मीडिया सलाहकार ने सवाल दागा कि कांग्रेस नेता सुरेश चंद्रकार के पास तो भर-भर कर काम थे. इतने काम थे, इतने पैसे थे कि हेलीकॉप्टर से उसकी बारात आती थी. तो उसने ऐसा घृणित, नृशंस और बर्बर अपराध क्यों किया?

अब तेलंगाना नहीं छत्तीसगढ़ की बिजली से रोशन होंगे किस्टाराम के 29 गांव, 2025 तक बस्तर के सभी गांव में बिजली विस्तार का दावा

बस्तर-    छत्तीसगढ़ बिजली आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रहा है. इसके लिए राज्य सरकार और विद्युत कंपनी ने सराहनीय कदम उठाए हैं. किस्टाराम के 29 गांवों में तेलंगाना से बिजली की आपूर्ति को बंद कर छत्तीसगढ़ की अपनी बिजली पहुंचाई जा रही है. इससे राज्य की 1 करोड़ रुपए की बचत होगी. 

सीएसईबी (छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) के अधिकारी सहदेव ठाकुर ने कहा है कि तेलंगाना से बिजली की आपूर्ति को पूरी तरह से रोककर सभी इलाकों में छत्तीसगढ़ की बिजली पहुंचाई जाएगी. उनका दावा है कि 2025 तक बस्तर के सभी गांवों में बिजली का विस्तार कर दिया जाएगा. यह कदम न केवल राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि बस्तर के ग्रामीण इलाकों में विकास को भी प्रोत्साहित करेगा.

दरअसल, सुकमा, बीजापुर, किस्टाराम, और मरईगुड़ा जैसे क्षेत्रों में पहले तेलंगाना से बिजली आपूर्ति की जाती थी. इसके लिए छत्तीसगढ़ को हर साल करीब 1.75 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ता था. निर्भरता कम होने से छत्तीसगढ़ की 1 करोड़ रुपए की बचत होगी. हालांकि मरईगुड़ा के 15 गांवों में अभी भी तेलंगाना की बिजली उपयोग हो रही है.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 : जनपद अध्यक्षों और जिला पंचायत सदस्यों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थानों में जिला पंचायत सदस्यों और जनपद अध्यक्षों के आरक्षण की प्रक्रिया आज पूरी हुई. जिले में 4 जनपद पंचायत हैं, इनमें से दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति महिला, एक में अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष के लिए अनारक्षित मुक्त आरक्षित किया गया है. वहीं जिला पंचायत के 17 सदस्यों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है.

जनपद अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की घोषणा

- तखतपुर जनपद अध्यक्ष: अनुसूचित जाति (महिला)

- मस्तूरी जनपद अध्यक्ष: अनुसूचित जनजाति (महिला)

- कोटा जनपद अध्यक्ष: अनारक्षित (महिला)

- बिल्हा जनपद अध्यक्ष: अनारक्षित (मुक्त)

जिला पंचायत के 17 सदस्यों के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूरी

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 1 ओबीसी महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 2 अजा मुक्त

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 3 अनारक्षित महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 4 अनारक्षित महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 5 अनारक्षित मुक्त

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 6 अनारक्षित महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 7 अनारक्षित मुक्त

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 8 अनारक्षित मुक्त

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 9 अनारक्षित महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 10 अनारक्षित मुक्त

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 11 अजा महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 12 अजा मुक्त

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 13 अजा महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 14 अनारक्षित महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 15 अजजा मुक्त

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 16 अजजा महिला

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक- 17 अजजा महिला

जनपद अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्यों के आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब एक ओर जहां उम्मीदवारी करने वाले तैयारी में जुट गए हैं. वहीं अब इसे लेकर राजनीति भी गरमाने लगी है. प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष कांग्रेस खुद की पार्टी की जीत के दावे के साथ एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

महादेव सट्टा ऐप मामला : अमित अग्रवाल के खिलाफ कई थानों में दर्ज है केस, हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

बिलासपुर-  हाईकोर्ट ने ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप के आरोपी अमित अग्रवाल का जमानत आवेदन खारिज कर दी है. आरोपी के खिलाफ मोहन नगर थाना सहित देश के विभिन्न थानों में मामला दर्ज है. कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमानत पर छोड़ने से इनकार कर दिया है.

बता दें कि महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित कुमार अग्रवाल को हवाला मामले में एसीबी  ने 12 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया है. मामले में मई 2024 को ईडी ने अलग से प्रकरण दर्ज किया है. जेल में बंद आरोपी अमित अग्रवाल ने हाईकोर्ट में दिए आवेदन में कहा कि दर्ज एफआईआर में आवेदक का नाम नहीं है. उसे झूठे मामले में फंसाया गया है. मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है.

आवेदक का कहना है कि वह सह-अभियुक्त अनिल उर्फ अतुल का छोटा भाई है, जो महादेव बुक के संचालकों में से एक हैं और संबंधित है. वह वर्तमान में दुबई में रहकर काम कर रहे हैं. मामले में 145 गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया जाना है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांत अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसौदिया का उदाहर पेश कर जमानत दिए जाने की मांग की. ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि सट्टेबाजी ऐप का उपयोग किया गया है. वर्तमान आवेदक अपनी पत्नी के नाम पर सम्पत्ति खरीदा. आवेदक चतुर्भुज शर्मा को अलग-अलग तारीखों में 1.20 करोड़ रुपए का लेनदेन किया, जो उनके और उनकी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए. अपने परिवार के सदस्यों के खातों में नकद जमा करना और प्राप्त करना बैंक प्रविष्टियां की गईं.

जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा, जांच के दौरान जुटाए गए सबूत और गवाहों के बयान आवेदक के विरुद्ध आता है. कोर्ट ने उसके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण जमानत पर छोड़ने से इनकार किया है.

जमींदोज हुआ बिलासपुर का मिशन अस्पताल, 1885 में हुई थी स्थापना, अस्पताल के नाम पर चलाई जा रही थी चौपाटी…

बिलासपुर-   न्यायधानी बिलासपुर में मिशन अस्पताल के लीज के चर्चित मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. कमिश्नर कोर्ट के 30 अक्टूबर के आदेश के मद्देनजर आज मिशनरी कब्जे के अस्पताल को जमींदोज करने की कार्रवाई की जा रही है. मौके पर निगम अमला 10 बुलडोजर के साथ सरकारी जमीन से कब्जा हटाने जुट गया है. कैम्पस के भीतर बने भवनों को ढहाया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल, बिलासपुर की साल 1885 में स्थापना हुई. सेवा के नाम से मिशन अस्पताल को 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी. 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी. पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी. लीज में मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी.

चौपाटी बनाकर कर रहे थे लाखों की कमाई

लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी 30 सालों तक प्रबंधन ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया. साथ ही शर्तों का उल्लंघन करते हुए डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर चढ़ाकर लाखों रुपए की कमाई करने लगे. कैम्पस के भीतर एक रेस्टोरेंट भी इस पर संचालित हो रहा था.

कलेक्टर अवनीश शरण ने मिशन हॉस्पिटल के लीज की शर्तों का उल्लंघन करने पर दस्तावेजों की पड़ताल करने का निर्देश दिया. जांच में पता चला कि 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी और सेवा के नाम पर लीज लेकर व्यवासायिक उपयोग करने लगे और लाखों रुपये किराए भी वसूल करने लगे थे. जांच के दौरान यह मालूम पड़ा कि 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्टर विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था.

कमिश्नर महादेव कावरे ने पलटा फैसला

बिलासपुर संभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के बाद कमिश्नर महादेव कावरे ने मामले में सुनवाई की. जिसमें पूर्व कमिश्नर के स्टे के आदेश को खारिज कर दिया था. जिसके बाद जिला प्रशासन और निगम आज अस्पताल भवन को जमीदोज करने की कार्रवाई में जुट गया है.

सनावल को झारखंड से जोड़ने कन्हर नदी पर तेजी से चल रहा पुल का काम, कई गांवों को मिलेगी राहत, बारहों महीने निर्बाध आवागमन की मिलेगी सुविधा

रायपुर-    बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल क्षेत्र को झारखंड से जोड़ने कन्हर नदी पर उच्च स्तरीय पुल का काम तेजी से चल रहा है। इस पुल के निर्माण से 20 गांवों की करीब 40 हजार आबादी को बड़ी राहत मिलेगी। सनावल क्षेत्र के कई गांवों के लोग रोजाना खरीदारी और इलाज के लिए नदी के उस पार स्थित झारखंड के जिला मुख्यालय गढ़वा तथा प्रखंड मुख्यालय नगर उटारी और धुरकी जाते हैं। कन्हर नदी पर इस पुल के शुरू हो जाने से सनावल क्षेत्र से इन तीनों शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। क्षेत्रवासियों को बारहों महीने निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी।

लोक निर्माण विभाग द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के धौली और झारखंड के गढ़वा जिला के धुरकी प्रखंड के बालचौरा के बीच कन्हर नदी पर 15 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जा रहा है। अभी 12 पियर एवं दो अबटमेंट में से पांच पियर एवं एक अबटमेंट का काम पूर्ण कर लिया गया है। शेष सात पियर एवं एक अबटमेंट में सब-स्ट्रक्चर का कार्य प्रगति पर है। अगले कुछ दिनों में सुपर-स्ट्रक्चर का भी काम पूर्ण कर लिया जाएगा। 312 मीटर लंबाई और 8.4 मीटर चौड़ाई के इस पुल का करीब 50 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने अधिकारियों को निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समय-सीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। विभाग द्वारा पुल का काम इस साल जून तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

कन्हर नदी पर छत्तीसगढ़ के धौली और झारखंड के बालचौरा गांव के बीच पुल के निर्माण से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के अनेक गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे। इससे क्षेत्र में व्यापारिक-व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही खरीदारी, इलाज और विभिन्न कार्यों से रोजाना गढ़वा एवं नगर उटारी जाने वालों की सफर की दूरी आधी हो जाएगी। अभी धौली से सड़क मार्ग से गढ़वा जाने के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पुल के शुरू हो जाने के बाद यह दूरी घटकर 55 किलोमीटर हो जाएगी। सनावल क्षेत्र के लोगों को अभी नगर उटारी जाने के लिए 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। पुल बन जाने के बाद यह दूरी घटकर आधी यानि 35 किलोमीटर हो जाएगी। वाड्रफनगर क्षेत्र के लोग अभी रामानुजगंज और उत्तरप्रदेश होकर झारखंड जाते हैं। कन्हर नदी पर पुल के चालू हो जाने पर वे बहुत कम दूरी तय कर सीधे झारखंड पहुंच सकेंगे।

पुल के निर्माण से ये 20 गांव होंगे लाभान्वित

धौली और बालचौरा के बीच पुल के निर्माण से सनावल क्षेत्र के 20 गांवों के साथ ही इस मार्ग का उपयोग कर झारखंड के गढ़वा, धुरकी और नगर उटारी आने-जाने वालों को फायदा होगा। इसके निर्माण से धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर इत्यादि गांवों को बड़ी राहत मिलेगी।