केंद्र सरकार ने की छत्तीसगढ़ के आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सराहना, 250 करोड़ की दी प्रोत्साहन राशि

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लागू कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए राज्य को 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में प्रदान की है।

छत्तीसगढ़ राज्य ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए "जस्ट इन टाइम" (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली को अपनाया है। यह प्रणाली वित्तीय प्रवाह को कुशल बनाते हुए निधियों के वितरण, ट्रैकिंग और भुगतान को आसान बनाती है। इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र की निधि को आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क और राज्य की निधि को वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के माध्यम से समेकित किया है। इस पहल से निधि के सही समय पर उपयोग और वास्तविक समय में व्यय की रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित हुई है।

इस सुधार के तहत स्मार्ट भुगतान एल्गोरिथम का उपयोग किया गया है, जिससे भुगतान ट्रिगर नियमों के आधार पर वास्तविक समय में किया जाता है। इससे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के परिणाम बेहतर हुए हैं। साथ ही, राज्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स का निर्माण कर आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से और पारदर्शी तरीके से पहुंचाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को बढ़ावा देने के लिए अपने तकनीक आधारित सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाया है। राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को इस प्रोत्साहन राशि से और अधिक मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि तकनीक आधारित सुधार और सुशासन ही छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास का मूलमंत्र है। यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि जनता के प्रति हमारी सरकार के सुशासन के संकल्प का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने आईटी के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है, इसी के तहत् केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राशि जारी करने, वितरित करने एवं निधियों की ट्रैकिंग करने तथा बेहतर नकद प्रबंधन के लिए राज्य शासन द्वारा एसएनए स्पर्श के अंतर्गत जेआईटी (जस्ट इन टाईम) मॉडल को अपनाया गया है। इसके माध्यम से केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए नवीन सिस्टम के माध्यम से कार्य किया जा रहा है जिसका उद्देश्य केन्द्र और राज्य की समेकित निधि से राशि को उचित समय पर प्राप्त कर कुशल भुगतान प्रसंस्करण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए निधि के उपयोग को अनुकूलित करना एवं व्यय की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना के राज्य की हिस्से की राशि एफएमआईएस (वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली) तथा केन्द्र के हिस्से की राशि आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क के माध्यम से जारी की जाती है, जिससे रियल टाईम फण्ड यूटिलाईजेशन किया जा रहा है।

केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए कुशल निधि प्रवाह प्रणाली के साथ भुगतान सह लेखा नेटवर्क की स्थापना कर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सुविधा प्रदान करने के लिए जस्ट इन टाईम के माध्यम से "सही समय पर" राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया अपनायी गई है। इसमें स्मार्ट भुगतान के तहत एल्गोरिदम के माध्यम से ट्रिगर नियमों पर आधारित वास्तविक समय में कुशल भुगतान किया जा रहा है जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।

छत्तीसगढ़ शासन केन्द्र सरकार के डिजिटल इण्डिया पहल को मजबूत करने हेतु प्रतिबद्ध है। बेहतर नकद प्रबंधन एवं सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के लिए जस्ट इन टाईम मॉडल डिजिटल इण्डिया एवं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को सहयोग प्रदान करता है। "तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन तीव्र आर्थिक विकास" वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट वक्तव्य में शामिल स्ट्रैटेजिक स्तंभों में से एक है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन प्रणाली अपनाने हेतु किये गये इस रिफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। इस रिफॉर्म के लिए राज्य को भारत सरकार से 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए प्रदान की है। इसके अतिरिक्त 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि प्राप्त होना संभावित है। इस राशि का उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण परियोजनाओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने हेतु किया जा रहा है।

डीएलएड प्रथम और द्वितीय वर्ष के नतीजे जारी, यहां देखें परिणाम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल (CGBSE), रायपुर ने डीएलएड (द्विवर्षीय पाठ्यक्रम) प्रथम एवं द्वितीय वर्ष अवसर परीक्षा 2024 के परिणाम जारी कर दिए हैं. छात्र-छात्राएं अपने परीक्षा परिणाम मण्डल की आधिकारिक वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर देख सकते हैं.

प्रथम वर्ष का परिणाम

प्रथम वर्ष में कुल 1,022 परीक्षार्थी (502 बालक एवं 520 बालिका) परीक्षा में शामिल हुए. इसमें सफलता का प्रतिशत 41.09% रहा.

द्वितीय वर्ष का परिणाम

द्वितीय वर्ष में कुल 1,312 परीक्षार्थी (539 बालक एवं 773 बालिका) परीक्षा में सम्मिलित हुए. इसमें सफलता का प्रतिशत 43.82 प्रतिशत रहा.

छात्र-छात्राओं को परीक्षा परिणाम देखने के लिए अपने रोल नंबर का उपयोग करना होगा. अधिक जानकारी के लिए मण्डल की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं.

ग्रीन जीडीपी के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का मूल्यांकन शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य

रायपुर-   वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस पहल के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के व्यापक मूल्य को मापकर छत्तीसगढ़ के सतत विकास में रेखांकित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विज़न और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप विज़न डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है, जिसमें वन विभाग द्वारा संचालित पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन की अवधारणा सम्मिलित की गई है। यह समग्र दृष्टिकोण राज्य में पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित हो सके। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन न केवल बजटीय योजना को अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा, बल्कि भविष्य की रणनीतियों को दिशा प्रदान करेगा, धन आवंटन को अधिक प्रभावी बनाएगा और वानिकी विकास के प्रयासों को सशक्त करेगा। यह प्रक्रिया सतत विकास और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य मे संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को और अधिक सशक्त बनाया है। गुरु घासीदास, कांगेर घाटी और इंद्रावती जैसे राष्ट्रीय उद्यानों के साथ, छत्तीसगढ़ में प्रकृति आधारित पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। स्थानीय निवासियों को जंगल सफारी, नेचर ट्रेल्स और इको-कैंपिंग जैसी सुविधाओं के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे न केवल सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी सशक्त किया गया है। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार हैं और लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वन विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करते हैं। वनों से प्राप्त होने वाले अन्य महत्वपूर्ण अमूर्त लाभ अक्सर उपेक्षित रहते हैं और उनका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता। इनमें जलवायु संतुलन बनाए रखने के लिए कार्बन अवशोषण, कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण परागण, पोषक तत्वों का चक्रण, मृदा उर्वरता में सुधार और जैव विविधता संरक्षण जैसी सेवाएं शामिल हैं। वनों का बाढ़ और रोग नियंत्रण, जल प्रवाह का प्रबंधन और वेक्टर जनित रोगों के जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

इसके अतिरिक्त, वनों से जल पुनर्भरण और शुद्धिकरण होता है, शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान कर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, और सुंदर प्राकृतिक दृश्य तथा जैव विविधता-समृद्ध क्षेत्रों के माध्यम से मनोरंजन के साथ-साथ भावनात्मक संतुष्टि भी प्रदान होती है। इन वनों का गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि पवित्र स्थलों और देवगुड़ी जैसे क्षेत्रों के माध्यम से ये आदिवासी विरासत और परंपराओं को संरक्षित रखते हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के वन अनेक नदियों का उद्गम स्थल हैं, जो सतत जल प्रवाह, जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण और कृषि तथा आजीविका के लिए आवश्यक जैविक पदार्थ से मृदा को समृद्ध करने में सहायक हैं। इन प्रत्यक्ष लाभों का राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है। ये सभी लाभ ग्रामीण उद्योगों और आजीविका को प्रोत्साहित करते हैं और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।

IAS अफसरों को मिला नए साल में पदोन्नति का तोहफा

रायपुर-  राज्य शासन ने नए साल से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदोन्नति का तोहफा दिया है। 2012 बैच के IAS अधिकारीयों को प्रमोट किया है। अब उन्हें संयुक्त सचिव से विशेष सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही उन्हें नवीन पदस्थापना दी गई है।

2016 बैच के इन अधिकारियों को मिली पदोन्नति

2021 बैच के इन अधिकारियों को मिली पदोन्नति

राज्य में 86.42 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

रायपुर-     राज्य में 14 नवम्बर से शुरू हुई धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। प्रदेश में अब तक लगभग 86.42 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में 17.50 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 19 हजार 415 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी तेजी से हो रहा है। धान उठाव के लिए 58.35 लाख मीट्रिक टन धान के लिए डीओ और टीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध अब तक 32.57 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.78 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.59 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 31 दिसम्बर को 63,831 किसानों से 2.87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 84 हजार 702 से अधिक टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 74 हजार 761 टोकन जारी किए गए हैं।

शिक्षा विभाग ने इस जिले के डीईओ की छुट्टी की, इन्हें दी जिम्मेदारी
रायपुर-   साल के आखिरी दिन डीईओ के तबादले का आदेश जारी हुआ है। राज्य सरकार ने कोंडगांव के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को हटा दिया है। वहीं भारती प्रधान को कोंडगांव का नया जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है। अभी वो डीपीआई में पदस्थ थी। वहीं कोंडगांव के डीईओ आदित्य चांडक को डीपीआई का सहायक संचालक बनाया गया है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-    उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में सभी नगरीय निकायों को अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रियाएं 10 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए प्रदेशभर के नगरीय निकायों में 353 नए पद मंजूर किए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को रोजाना वार्डों का भ्रमण कर निर्माण कार्यों, साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने को कहा। उन्होंने नगरीय निकायों में बन रहे अटल परिसरों और नालंदा परिसरों के काम में तेजी लाने और इनके उत्कृष्ट निर्माण के निर्देश दिए। श्री साव ने अधिकारियों को गंभीरता और सक्रियता से काम करते हुए राज्य के शहरों को साफ, सुंदर और सुविधापूर्ण बनाने को कहा। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., विशेष सचिव आर. एक्का और संचालक कुंदन कुमार भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने समीक्षा बैठक में सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर के निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए अच्छी गुणवत्ता की उत्कृष्ट मूर्ति स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अटल परिसर का इस तरह निर्माण करें कि शहर में इसकी विशेष पहचान और दर्शनीय स्थल बनें। उन्होंने प्रदेश के 12 शहरों में बनाए जा रहे नालंदा परिसर के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी कर शीघ्र काम प्रारंभ करने को कहा। श्री साव ने अधिकारियों से कहा कि नालंदा परिसर का शानदार और आइकॉनिक निर्माण होना चाहिए। नालंदा परिसर और अटल परिसर का निर्माण सरकार के महत्वाकांक्षी कार्य हैं। उन्होंने आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को खुद इनकी मॉनिटरिंग करने और प्रगति की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में अधोसंरचना मद और 15वें वित्त आयोग के तहत स्वीकृत कार्यों के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), अमृत मिशन 2.0, एसटीपी निर्माण और आकांक्षी शौचालयों के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों में सामग्री और निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सभी नगरीय निकायों के अधिकारियों को रोजाना प्रातः भ्रमण कर निर्माण कार्यों, साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने 01 जनवरी से ही इसकी शुरूआत कर शहरों में प्रकाश और सफाई की व्यवस्था दुरूस्त करने को कहा। श्री साव ने इसमें किसी भी तरह की कोताही न बरतते हुए गंभीरता और सक्रियता से प्रतिदिन कार्यों की मॉनिटरिंग करने को कहा। इसमें किसी तरह का हीला-हवाला पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

श्री साव ने समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के निर्माणाधीन आवासों को आगामी मार्च महीने तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने गरीबों का आशियाना तैयार करने का काम संवेदनशीलता से करते हुए इनका निर्माण प्राथमिकता से पूर्ण करने को कहा। उन्होंने किफायती आवास परियोजनाओं के तहत निर्मित आवासों का आबंटन हितग्राहियों को तत्काल करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के दौरान अनिराकृत प्रकरणों की नियमित समीक्षा कर इन्हें जल्द से जल्द निराकृत करने को कहा।

श्री साव ने नगरीय निकायों में नियमित और प्लेसमेंट कर्मचारियों के समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने ऊर्जा की अनावश्यक खपत पर रोक लगाते हुए विद्युत देयकों का भुगतान समय पर करने के निर्देश दिए। लंबित भुगतान के कारण विद्युत देयकों पर सरचार्ज लगने की स्थिति नहीं बननी चाहिए। श्री साव ने नगरीय निकायों में सेट-अप के पुनरीक्षण के लिए आवश्यक जानकारी संचालनालय को भेजने को कहा। उन्होंने आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सभी कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के सीईओ शशांक पाण्डेय और नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक पुलक भट्टाचार्य सहित सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के संयुक्त संचालक एवं नगरीय निकायों के अभियंता भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

बलौदाबाजार-भाटापारा SP ने साझा की वार्षिक रिपोर्ट
बलौदाबाजार- पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में पिछले एक साल में हुई अपराधिक घटनाओं और पुलिस की प्रभावी कार्यवाहियों पर वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। इस मौके पर उन्होंने पुलिस द्वारा अपराधों को रोकने के लिए आगे उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी भी साझा की।

पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि जिले में वर्ष 2024 में हत्या के 31 मामले दर्ज हुए जबकि हत्या के प्रयास के 57, 135 बलात्कार, 150 अपहरण, 4 डकैती, 19 लूट और चोरी के 226 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कुल 5602 मामले दर्ज किए गए जिसमें 7811 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।

चाकूबाजी से हत्या और नकली नोट रैकेट का खुलासा

एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि लवन क्षेत्र में हुई चाकूबाजी से संबंधित हत्या मामले में सामूहिक अपराध का पर्दाफाश किया गया। इस मामले की जांच में पुलिस ने नकली नोटों के चलन पर कड़ी नजर रखी और एक बड़ा नकली नोट रैकेट पकड़ा, जिससे फर्जी नोटों का नेटवर्क उजागर हुआ। पुलिस ने नकली नोटों के संचलन में शामिल कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है और इस मामले में कार्रवाई जारी है।

बलौदाबाजार आगजनी कांड में चल रही कार्रवाई

बलौदाबाजार के बहुचर्चित हिंसा-आगजनी कांड पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में 13 एफआईआर दर्ज कर 187 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अभी 9 से 10 लोगों की और गिरफ्तारी हो सकती है, मामले की जांच चल रही है और संदेहियों की पहचान की जा रही है। पुलिस इस घटना का चालान न्यायालय में पेश कर चुकी है।

किन्नर ब्लाइंड मर्डर और सुपारी हत्या का खुलासा

पुलिस अधीक्षक ने किन्नर ब्लाइंड मर्डर मामले को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि इस हत्या को सुपारी देकर बड़ी सफाई से अंजाम दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करते हुए हत्या की साजिश और आरोपियों को बेनकाब किया।

नशे के खिलाफ अभियान

एसपी ने नशे के खिलाफ चलाए गए अभियान की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि पुलिस ने राज्यभर में नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ सबसे अधिक चालानी कार्रवाई की है। इस अभियान के दौरान यातायात नियमों के उल्लंघन पर 25605 मामले दर्ज किए, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार हुआ है और नशे के प्रभाव को कम किया जा सका है। साथ ही बताया कि एक करोड़ सत्तर लाख सनातन हजार चार सौ रुपये की राजस्व आया, उन्होंने नशे को अपराध का प्रमुख कारण बताया और इसके खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने का संकेत दिया। उन्होंने बताया कि 1100 किलो गांजा 17036 लीटर शराब जब्त किया गया।

आगामी वर्ष में पुलिस कदम और साइबर अपराध पर विशेष ध्यान

विजय अग्रवाल ने बताया कि आने वाले समय में जिले में अपराध नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने खासकर साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस जवानों को प्रशिक्षित करने की बात की, क्योंकि अब चोर हाईटेक हो गए हैं और वे अपराध घर से ही करते हैं। इसके लिए पुलिस ने पहला घंटा महत्वपूर्ण बताया, उन्होंने जनता से अपील की कि अपराध होने पर तुरंत 1930 नंबर पर कॉल कर खाता बंद करवाएं, जिससे अपराध पर नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही नशे के विरुद्ध विशेष अभियान चलाने की बात कही है।

महिला संबंधी अपराधों में आई कमी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष महिला संबंधी अपराधों में कमी आई है। दुष्कर्म के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि 2022 में 152, 2023 में 151 केस दर्ज किए गए वहीं 135 मामले आए हैं। पुलिस की उपलब्धि बताते हुए उन्होंने आगामी नववर्ष की जिले की जनता को बधाई शुभकामनाएं देने के साथ नशा से दुरी व सुरक्षित वाहन चलाने की अपील की है।

साल 2024 में बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस की उपलब्धियां

  1. जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में वर्ष 2024 में पंजीबध्द अपराधों में वर्ष 2022 की तुलना में आंशिक कमी एवं वर्ष 2023 की तुलना में आंशिक वृद्धि हुई है।
  2. वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में महिला संबंधी अपराध में कमी आई है।
  3. वर्ष 2023 की तुलना में 2024 में संपत्ति संबंधी अपराध में 24.65% की कमी आई है तथा संपत्ति बरामदगी में 15% की वृद्धि हुई है।
  4. मादक पदार्थ के मामले में वर्ष 2023 की तुलना में 2024 में 92.30% की वृद्धि हुई है तथा नशीले पदार्थों की जप्ती में 1063.646 किलोग्राम मादक पदार्थ अधिक जप्त किया गया है।
  5. मादक पदार्थ के मामलों में सूचना तंत्र को मजबूत कर पहली बार ब्राउन शुगर के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई किए जाने में सफलता प्राप्त हुई है।
  6. अवैध शराब के विरुद्ध वर्ष 2023 की 1801 प्रकरण में 11873 लीटर जप्ती की तुलना में वर्ष 2024 में 2005 प्रकरण में 17 हजार लीटर से अधिक के शराब की जप्ती कार्रवाई की गई है, जो गत वर्ष की तुलना कार्यवाही एवं जप्ती में काफी वृद्धि होना पाया गया है।
  7. मोटरयान अधिनियम के तहत के तहत वर्ष 2023 की तुलना में 2024 में 68% अधिक कार्यवाही की गई है एवं 111.59 लाख रुपए की अतिरिक्त समन शुल्क वसूला गया है।
  8. वर्ष 2023 में 97 अभ्यासिक अपराधियों के के विरुद्ध धारा 110 के तहत की गई कार्रवाई की तुलना में वर्ष 2024 में 164 अभ्यासिक अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है।
  9. वर्ष 2023 में 871 गुम इंसानों की दस्तयाबी की गई थी, जबकि वर्ष 2024 में 1061 गुम इंसानों को दस्तयाब किया गया है। वर्ष 2024 की दस्तयाबी में गत वर्ष की तुलना में 21% की वृद्धि हुई है।
  10. जिले में निवासरत बदमाशों की अपराधी गतिविधियों एवं बदमाशों के प्रति लोगों में व्याप्त भय में कमी लाने हेतु वर्ष 2024 में 100 बदमाशों की गुंडा फाइल एवं 76 बदमाशों को निगरानी में लाया गया है।
  11. हिट एंड रन के 184 प्रकरणों में पीड़ित पक्ष को मुआवजा हेतु प्रकरण तैयार कर सक्षम प्राधिकारी को प्रतिवेदन भेजा गया है, जिसमें से अब तक 14 प्रकरणों में पीड़ित पक्ष को 13 लाख 75 हजार रूपए राहत राशि प्रदान किया गया है।
  12. इसी प्रकार वर्ष 2024 में महिला, बाल अपराध एवं एससी/एसटी एक्ट के पंजीबद्ध 2278 प्रकरण में से 131 प्रकरण में पीड़ित पक्ष को राहत राशि हेतु प्रतिवेदन सक्षम प्राधिकारी को भेजा गया है, जिसमें से 29 प्रकरण में 35.77 लाख रूपए पीड़ित पक्ष को प्रदान किया गया है।
धान खरीदी केंद्रों में लगा जाम: समितियों ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम, 5 जनवरी तक उठाव नहीं हुआ तो बंद होगी खरीदी

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बफर लिमिट से अधिक खरीदी के बावजूद जिले के धान उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव ना होने से खरीदी केंद्रों में धान जाम की स्थिति निर्मित हो गई है। आलम ये है कि कई केंद्रों में क्विंटल तो दूर किलो भर धान रखने की जगह नहीं हैं, इससे परेशान खरीदी केंद्र प्रभारियों ने सीधे कलेक्टर से धान उठाव हेतु गुहार लगाने के साथ मियाद भी दी है कि 5 जनवरी तक बंपर लिमिट के ऊपर धान का परिवहन संतोषजनक ना होने की स्थिति में 6 जनवरी से जिले के सभी धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी बंद कर दी जाएगी।

मिली जानकारी अनुसार, 29 दिसंबर तक जिले के 30 उपार्जन केंद्रों में 4 लाख 37 हजार 737 क्विंटल धान की खरीदी हुई है, जिसमें से महज 51 हजार 850 क्विंटल का उठाव हुआ है यानी जिलेभर में अब तक महज 11.85 फीसदी धान का उठाव हुआ है। जबकि 3 लाख 85 हजार 886 क्विंटल धान का उठाव होना बाकी है। ये आंकड़े 29 दिसंबर के हैं। ऐसे में 30 और 31 दिसंबर में हुई खरीदी से शेष मात्रा के आंकड़ों में वृद्धि होना निश्चित है।

धान खरीदी करने वाली समितियों की बढ़ी चिंता

बता दें कि उठाव में हो रही देरी से धान खरीदी करने वाली समितियों की चिंता बढ़ गई है। मार्कफेड की नीति के बावजूद एक महीने से ज्यादा समय बीतने की वजह से सूखत बढ़ रही है। लगभग समितियों में बफर स्टॉक से ज्यादा धान की खरीदी हो चुकी है। समितियों की मानें तो जिले में एक ही मिलर्स होने से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। उठाव के लिए अंतरजिला डीओ और टीओ जारी किया जाता है तो समस्या से छूटकारा पाया जा सकता है।

बहरहाल, उठाव में हो रही देरी से खरीदी केंद्रों में धान जाम की स्थिति निर्मित हो गई है, वही कई केंद्रों में धान रखने की जगह ना होने से खरीदी भी प्रभावित हो रही है, इतना ही नहीं समितियों को सूखत की चिंता भी सता रही है। हालांकि जिला सहकारी समिति संघ ने ज्ञापन के जरिए प्रशासन का ध्यान आकर्षण जरूर कराया है, लेकिन वस्तुस्थिति से पूरी तरह वाकिफ संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन को साफ चेतावनी भी दी है कि बफर स्टॉक से ऊपर धान उठाव को लेकर प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता है तो 6 जनवरी से जिले के सभी उपार्जन केंद्रों में खरीदी बंद कर दी जाएगी।

कवासी लखमा के बयान पर मंत्री केदार कश्यप का तंज, कहा- अनपढ़ थे तो नहीं बनना था मंत्री, बताएं किसने उन्हें मोहरा बनाकर किया इस्तेमाल…

रायपुर-  हाल ही में हुए ईडी के कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मची हुई है. पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के अनपढ़ वाले बयान के बाद अब मंत्री केदार कश्यप ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कवासी अगर अनपढ़ थे तो उन्हें मंत्री बनने से इनकार कर देना था.

अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया : कवासी लखमा

ईडी की छापेमार कार्रवाई के बाद पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कहा था कि सुबह से रात तक ईडी की कार्रवाई चलती रही. एक भी कागज निवास से नहीं मिला. अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया. अधिकारियों ने जो कागज लाए उसमें दस्तखत करता रहा.

ईडी रेड के बाद पता चला की अनपढ़ है : मंत्री केदार कश्यप

ED की रेड के बाद कवासी लखमा की सफाई पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कवासी अनपढ़ है ….ये बात उन्हें ईडी रेड के बाद पता चल रही है. अनपढ़ वाले बयान पर मंत्री केदार कश्यप ने कवासी लखमा को घेरते हुए कहा कि अनपढ़ थे तो मंत्री बनने से इनकार कर देना था. कवासी बताएं, उन्हें मोहरा बनाकर किसने इस्तेमाल किया. आदिवासी झूठ नहीं बोलते, कवासी सच बोलकर दिखाएं. 2500 करोड़ के घोटाले का असली चेहरा सामने लाएं.

दीपक बैज के बयान पर मंत्री कश्यप का पलटवार

छत्तीसगढ़ को अपराध का गढ़ बनाने वाले पीसीसी चीफ दीपक बैज के बयान पर मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया है. मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता था. मंत्रियों को कोई जानकारी नहीं होती थी. कांग्रेस ने आपराधिक घटनाओं की ओर धकेलने का कार्य किया, कांग्रेस ने अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया लेकिन अब विष्णुदेव साय की सरकार है. कानून से कोई नहीं बच सकता है.