सरायकेला : ईचागढ़ के विधायक सविता महतो ने चांडिल अनुमंडल कार्यालय परिसर में एक बैठक की जिसमें उन्होंने चांडिल अनुमंडल के सभी कंपनी द्वारा किए गए
सरायकेला : ईचागढ़ के विधायक सविता महतो ने चांडिल अनुमंडल कार्यालय परिसर में एक बैठक की जिसमें उन्होंने चांडिल अनुमंडल के सभी कंपनी द्वारा किए गए सीएसआर कार्यों का समीक्षा किया। उन्होंने कंपनियों को निर्देश दिया कि वे अपने सामाजिक दायित्व को निभाएं और स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी दें। विधायक सविता महतो ने कंपनियों से निम्नलिखित कार्य करने के लिए कहा ।

चांडिल बाजार के बजबजाती नाली को साफ करवाना।

कंपनी द्वारा किए जा रहे बायु प्रदुषण को रोकना।

सभी कंपनी द्वारा तीन पानी टैंकर व एक एम्बुलेंस का सेवा देना

असहाय लोगों के बीच कंबल का वितरण करना क्षेत्र में आने वाले आपदा के समय जरूरतमंद लोगों के बीच अनाज, कपड़ा, त्रीपाल आदि जरूरतमंद सामग्री का वितरण करना । विधायक ने यह भी कहा कि हर दो माह में एक बार बैठक कर सभी कंपनी द्वारा किए गए सीएसआर कार्यों का समीक्षा किया जाएगा और समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं हुए कंपनी को शकॉज करने का निर्देश दिया।
सरायकेला : रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था। वह नवल टाटा के बेटे थे,
सरायकेला : जिला के नारायण प्राइवेट आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल परिसर में रतन टाटा का जयंती मनाई गई। संस्थान के संस्थापक डॉ जटा शंकर पांडे ने कहा कि रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था। वह नवल टाटा के बेटे थे, जिनका जन्म सूरत में हुआ था और बाद में उन्हें टाटा परिवार में गोद ले लिया गया था।

रतन टाटा ने अपनी शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल, शिमला के बिशप कॉटन स्कूल, न्यूयॉर्क शहर के रिवरडेल कंट्री स्कूल और कॉर्नेल विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने 1959 में वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। रतन टाटा ने टाटा समूह में अपना करियर शुरू किया और बाद में समूह के अध्यक्ष बने। उन्होंने टाटा समूह को एक वैश्विक कंपनी में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा पावर और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी कई कंपनियों की स्थापना की। रतन टाटा को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्म विभूषण और पद्म भूषण शामिल हैं। वह एक प्रतिष्ठित उद्योगपति और परोपकारी हैं जिन्होंने भारतीय उद्योग और समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सरायकेला : भारत के पूर्व प्रधान मंत्री स्वo मनमोहन सिंह की नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह चांडिल में श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सरायकेला : भारत के पूर्व प्रधान मंत्री स्वo मनमोहन सिंह की नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह चांडिल में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। डॉक्टर जटाशंकर पांडे ने उनके जीवन और योगदान को याद किया।

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को ब्रिटिश भारत के पंजाब में हुआ था और उनका निधन 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली में हुआ था। मनमोहन सिंह एक महान अर्थशास्त्री और राजनेता थे। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की।
उन्होंने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत की आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मनमोहन सिंह की सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनमें आर्थिक उदारीकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और भारत की विदेश नीति में बदलाव शामिल हैं। उनकी सरकार ने भारत को एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (डीआरयूसीसी) की बैठक का आयोजन किया गया।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल में मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (डीआरयूसीसी) की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और आधारभूत संरचनाओं में सुधार पर चर्चा की गई।

बैठक के मुख्य बिंदु:

ट्रेनों के समय पालन सुनिश्चित करना

प्लेटफॉर्म पर स्वच्छता और प्रकाश व्यवस्था में सुधार करना

यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशन परिसरों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाना ।

ट्रेनों को नियमित समय पर चलाना ।

मौजूदा ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ना ।

स्टेशनों पर पानी और अन्य आधारभूत सुविधाओं को बेहतर बनाना इस बैठक में डीआरयूसीसी के सदस्यों ने आद्रा मंडल की प्रगति के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।
सरायकेला : उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल श्री रघुवर दास जी का पुनः सक्रिय राजनीति में वापस आने के निर्णय का स्वागत किया हैँ।
सरायकेला : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ० जटा शंकर पाण्डेय ने प्रदेश के पूर्व मुख्य मन्त्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा उड़ीसा राज्य के पूर्व राज्यपाल श्री रघुवर दास जी का पुनः सक्रिय राजनीति में वापस आने के निर्णय का स्वागत किया हैँ।
जटा शंकर पाण्डेय ने जोर देकर कहा किया रघुवर दास जी कही भी योगदान दें चाहे राष्ट्रीय स्तर हो या प्रदेश स्तर पार्टी मजबूत ही होंगी तथा भाजपा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में निश्चित रूप से सफल होंगी।

श्री पाण्डेय ने कहा कि  रघुवर दास भाजपा कार्यकर्ताओ के लिए प्रेरणा के श्रोत है ,क्योंकि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जिसमें बूथ स्तर का कार्यकर्त्ता भी मण्डल अध्यक्ष, जिला पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रदेश का मंत्री, प्रदेश का उपमुख्यमंत्री, प्रदेश का मुख्यमंत्री, तथा किसी प्रदेश का राजपाल बन सकता है।
पुनः श्री रघुवर जी के निर्णय का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व से आग्रह है कि जल्द से जल्द उन्हें अच्छी से अच्छी जिम्मेदारी पद प्रदान हो जाए ।
सरायकेला : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर झारखंड सरकार ने 7 दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है।
सरायकेला : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर झारखंड सरकार ने 7 दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। यह शोक 26 दिसंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक मनाया जाएगा। इस दौरान झारखंड राज्य के सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और कोई भी राजकीय समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा, 28 दिसंबर 2024 को खोजाटोली, नामकुम में आयोजित होने वाले राज्यस्तरीय झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है। डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को AIIMS अस्पताल, नई दिल्ली में हो गया था ।
सरायकेला : आदित्यपुर थाना रोड स्थित केडिया पेट्रोल पंप चौराहे पर पानी की पाइपलाइन फटने से सड़कों पर पानी बहने की समस्या उत्पन्न हो गई है।
सरायकेला : आदित्यपुर थाना रोड स्थित केडिया पेट्रोल पंप चौराहे पर पानी की पाइपलाइन फटने से सड़कों पर पानी बहने की समस्या उत्पन्न हो गई है। यह न केवल लाखों लीटर पानी की बर्बादी का कारण बन रहा है, बल्कि सड़क पर पानी जमने से राहगीरों को भी परेशानी हो रही है।

इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय निवासियों ने नगर निगम से जल्द से जल्द पाइपलाइन की मरम्मत करवाने की अपील की है। उनका कहना है कि सुबह पानी खुलने के समय सड़कों पर बड़ी मात्रा में पानी बहता है, जिससे लोगों को आवाजाही में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

नगर निगम की तत्परता की उम्मीद है, क्योंकि पिछले सप्ताह आशियाना चौक के पास काली मंदिर के पास पीएचईडी के मैन राइजिंग पाइपलाइन के फटने से भी लाखों लीटर पानी बर्बाद हुआ था, लेकिन नगर निगम ने तत्परता दिखाते हुए उसे ठीक कर दिया था।
सरायकेला :आज के दिन भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा करने का विधान बताया गया है। इसलिए इसे स्वरूप द्वादशी भी कहते हैं।...
सुरूप द्वादशी आज  सनातनी धर्म के अनुसार पौष महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने की परंपरा ग्रंथों में बताई गई है। इस दिन भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा करने का विधान बताया गया है। इसलिए इसे स्वरूप द्वादशी भी कहते हैं। ऐसा करने से महायज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है। इस द्वादशी के बारे में श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था। जिसका जिक्र महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में किया गया है। भगवान विष्णु की पूजा के लिए खास दिन होने से श्रीकृष्ण ने इस तिथि को पर्व कहा है।

द्वादशी तिथि का महत्व

ग्रंथों में हर द्वादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व बताया गया है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के 12 नामों से पूजा करनी चाहिए। साथ ही ब्राह्मण भोजन या जरूरतमंद लोगों को अन्न दान करना चाहिए। ऐसा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं और कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है। पुराणों के मुताबिक इस तिथि के शुभ प्रभाव से सुख-समृद्धि बढ़ती है और मोक्ष मिलता है।

पौष महीने की द्वादशी का महत्व

महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि जो इंसान किसी भी तरह का व्रत या उपवास न कर सके, वो केवल द्वादशी को ही उपवास करें। इससे मुझे बड़ी प्रसन्‍नता होती है। द्वादशी तिथि पर चन्दन, फूल, फल, जल या पत्र भगवान विष्णु को चढ़ाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही मनोकामना पूरी होती है। ऐसे इंसान पर भगवान की विशेष कृपा होती है।

मिलता है वाजिमेध यज्ञ का फल पौष मास की द्वादशी को उपवास करके नारायण नाम से भगवान विष्णु की पूजा करने पर वाजिमेध यज्ञ का फल मिलता है। इस तिथि पर जो मनुष्‍य प्रेमपूर्वक भगवान विष्णु और वेद-संहिता की पूजा करता है, उसे हर तरह का सुख और महा पुण्य का फल मिलता है।

पौष और खरमास में विष्णु पूजा का संयोग  पौष और खर मास में भी भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा करने का विधान है। इसका जिक्र विष्णुधर्मोत्तर पुराण में भी किया गया है। इन दोनों महिनों के संयोग में आने वाली एकादशी और द्वादशी तिथि पर तीर्थ के जल में तिल मिलाकर नहाना चाहिए। फिर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा और दिनभर व्रत या उपवास रखकर जरूरतमंद लोगों को दान देने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

दूध से अभिषेक करें और तुलसी पत्र चढ़ाएं ।

स्कन्द पुराण और महाभारत के अश्वमेधिक पर्व में बताया गया है कि हर महीने की द्वादशी तिथि पर शंख में दूध और गंगाजल मिलाकर भगवान विष्णु या श्री कृष्ण की मूर्ति का अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद पूजन सामग्री और फिर तुलसी पत्र चढ़ाएं। पूजा में भगवान विष्णु को ऋतु फल (मौसमी फल) अर्पित करना चाहिए। इसके बाद नैवेद्य लगाकर प्रसाद बांटे। फिर ब्राह्मण भोजन या जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप और दोष खत्म होते हैं।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे ने 26 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में 69वें रेलवे सप्ताह का आयोजन किया।
सरायकेला : दक्षिण पूर्व रेलवे ने 26 दिसंबर, 2024 को कोलकाता में 69वें रेलवे सप्ताह का आयोजन किया। इस अवसर पर दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक श्री अनिल कुमार मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वर्ष 2023-24 के दौरान उत्कृष्ट सेवाओं और कर्तव्यनिष्ठा के लिए कुल 82 चयनित रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, विभिन्न मंडलों और इकाइयों को 32 दक्षता शील्ड प्रदान की गईं।

पुरस्कार विजेता सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन के लिए आद्रा मंडल को दक्षता शील्ड प्रदान की गई।

रांची और बोकारो स्टील सिटी रेलवे स्टेशनों को संयुक्त रूप से "सर्वश्रेष्ठ रखरखाव स्टेशन" घोषित किया गया।

अन्य श्रेणियों में दक्षता शील्ड्स विभिन्न मंडलों, कार्यशालाओं और स्टेशनों को दी गईं।
सरायकेला : जिला में जल संचयन जन भागीदारी कार्यक्रम के तहत एक बैठक आयोजित की गई।
सरायकेला : खरसावां जिला में जल संचयन जन भागीदारी कार्यक्रम के तहत एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला ने जल संकट से निपटने के लिए सभी को एक साथ काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल जीवन के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है और इसके संरक्षण/संचयन की ओर सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।

बैठक में जल संचयन के महत्व पर विचार साझा किए गए और सभी विभागों को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि जल संकट से बचने/निपटने के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना निर्धारित की जाएगी जिससे जल की उपलब्धता, सप्लाई,
स्टोरेज का आंकलन किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सभी चपानल तथा जलमिनार के पास सोख्तागढ़ा/सोखपीठ का निर्माण निश्चित रूप से किया जाएगा।

इस बैठक में उपायुक्त के साथ सहायक समाहर्ता श्री कुमार रजत, कार्यपालक अभियन्ता लघु जल सिंचाई विभाग आदि उपस्थित थे।