क्या शरद पवार ले रहे संन्यास? बयान से मिल रहे संकेत

#sharadpawarhintedretirementfrom_politics

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां जोरों पर हैं। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है। शरद पवार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वे अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। पवार ने कहा कि 18 महीने में राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह कोई और चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसके बाद आगामी महाराष्ट्र चुनाव के बाद शरद पवार के रिटायरमेंट की अटकलें लगाई जा रही हैं।

84 साल के शरद पवार ने अपने बारामती दौरे के दौरान कहा, मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं। मेरे पास अभी भी डेढ़ साल का वक्त बाकी है। डेढ़ साल बाद मुझे सोचना होगा कि राज्यसभा जाऊं या नहीं। लोकसभा तो मैं नहीं लड़ूंगा। कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। कितने चुनाव लड़े जाएं? अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। आपने एक बार भी घर नहीं बैठाया मुझे। हर बार मुझे निर्वाचित कर रहे हैं तो कहीं तो थमना ही चाहिए। मैंने इस सूत्र पर काम करना शुरू कर दिया है कि नई पीढ़ी को अब आगे आना चाहिए।

परिवार के बीच लड़ाई-शरद पवार

शरद पवार अपने भतीजे एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के लिए प्रचार के दौरान ये बातें कही। युगेंद्र 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।युगेंद्र पवार अजीत पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। बारामती के शिरसुफल में एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि इस साल की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट के लिए मुकाबला कठिन था, क्योंकि यह परिवार में लड़ा गया और अब पांच महीने बाद क्षेत्र के लोग ऐसी ही स्थिति देखेंगे।

1960 में शरद पवार ने राजनीतिक करियर की शुरुआत

1960 में शरद पवार ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।महज 27 साल की उम्र में शरद पवार 1967 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। पिछले 5 दशकों में शरद पवार 14 चुनाव जीत चुके हैं।बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने पिछले साल भी अपने संन्यास की घोषणा की थी, लेकिन एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनाने पर अपना फैसला बदल दिया था।

महाराष्ट्र चुनावः शरद गुट की चौथी लिस्ट जारी, अनिल देशमुख की जगह बेटे को मिला टिकट

#ncp_sharad_pawar_releases_fourth_list_ticket_for_anil_deshmukh_replaced_by_his_son

शरद पवार के गुट वाली एनसीपी एसपी ने सात उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है। इस नई सूची में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बेटे सलिल देशमुख के बेटे का भी नाम शामिल है। सलिल देशमुख को कटोल से टिकट दिया गया है।

पार्टी की ओर से 24 अक्टूबर को शरद पवार गुट की ओर से 45 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की गई. इसके बाद 26 तारीख को 22 उम्मीदवारों की घोषणा की गई। इसके तुरंत बाद 27 अक्टूबर को 9 उम्मीदवारों की तीसरी सूची की घोषणा की गई। इसके बाद आज 7 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की गई है। विधानसभा चुनाव के लिए एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से अब तक 83 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है। हालांकि, एक सीट पर उम्मीदवार को बदला गया है।

एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जिनमें से एक सीट पर प्रत्याशी को बदला गया है। काटोल सीट से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जगह उनके बेटे सलील देशमुख को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इससे पहले इस सीट से पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन अब इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है। अब पार्टी ने अनिल देशमुख के बेटे सलिल देशमुख को उम्मीदवार बनाया है।

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की ओर से अब तक 266 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसमें शरद पवार गुट की ओर से 82 तो उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना की ओर से 83 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। कांग्रेस की ओर से अब तक 4 लिस्ट जारी हुई जिसमें 101 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। हालांकि, महाविकास अघाड़ी में अभी कुछ सीटों को लेकर मतभेद बताया जा रहा है।यही वजह है कि पूरी सीटों पर उम्मीदवार अभी तक नहीं उतारे जा सके हैं।

चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, ये बूढ़ा नहीं रूकेगा..., जानें शरद पवार ने ऐसा क्यों कहा?

#sharad_pawar_reaction_maharashtra_assembly_election-

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 की तारीख का ऐलान हो चुका है। राज्य में 20 नवंबर को सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ वोटिंग होगी और 23 नवंबर की तारीख को चुनाव परिणाम सामने आएंगे। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान आया है। शरद पवार ने अपनी उम्र और राजनीति को लेकर अहम बयान दिया है। पवार ने कहा है कि वे चाहे 84 वर्ष के हो जाएं या 90 साल के, वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक महाराष्ट्र को सही रास्ते पर नहीं ले जाते।

शरद पवार ने महाराष्ट्र में सातारा जिले के फलटण में कहा कि चाहे 84 वर्ष का हो जाऊं या 90, यह बूढ़ा आदमी नहीं रुकेगा। वह एनसीपी नेता रामराजे नाइक निंबालकर के भाई संजीव राजे नाइक निंबालकर और फलटण के विधायक दीपक चह्वाण को एनसीपी (एसपी) में शामिल करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

यहां पावर ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के कुछ युवा सदस्यों को उनकी तस्वीरों वाले बैनर लिए देखा था। उन बैनर पर मुझे 84 साल का बूढ़ा आदमी बताया गया था। लेकिन आप चिंता मत करिए क्योंकि चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, यह बूढ़ा आदमी रुकेगा नहीं। यह बूढ़ा आदमी राज्य को सही रास्ते पर लाने तक रुकेगा नहीं और मुझे आपकी मदद मिलने का भरोसा है।

शरद पवार ने आगे राज्य की एकनाथ शिंदे नीत गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया। अगस्त में सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह घटना दिखाती है कि प्रतिमा के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया।उन्होंने कहा कि यह उन लोगों की नीति है जो हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं और इसलिए यह आपकी और मेरी जिम्मेदारी है कि हम उनके हाथों से सत्ता छीन लें।

बता दें कि मंगलवार की दोपहर में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होगा।नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।

फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची असली एनसीपी की लड़ाई, चुनाव से पहले शरद पवार ने रखी ये मांग

#fight_for_real_ncp_again_reached_supreme_court_sharad_pawar

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) बनाम एनसीपी विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।महाराष्ट्र में इसी साल नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। उससे पहले शरद पवार ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान अजित पवार को ‘घड़ी’ चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।उन्होंने कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। आगामी विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट को 'घड़ी' चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की है।

शरद पवार गुट ने अपनी याचिका में कहा है कि अजित पवार गुट को विधानसभा चुनाव के लिए एक नया सिंबल अलॉट किया जाए। शरद पवार गुट ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के दौरान अजित पवार गुट ने 'घड़ी' सिंबल पर चुनाव लड़ा था, जिससे मतदाताओं में भ्रम पैदा हुआ और उन्हें यह समझने में कठिनाई हुई कि असली एनसीपी कौन है। शरद पवार गुट का कहना है कि जब तक सिंबल मामले पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दाखिल उसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं देता, तब तक अजित पवार गुट को नया सिंबल अलॉट किया जाना चाहिए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

उधर, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी (शरद पवार) ने बुधवार को राज्य सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र पेश किया। इसमें राज्य से उद्योगों के पलायन और कानून-व्यवस्था के ध्वस्त होने का दावा किया।शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने महाराष्ट्र की आर्थिक गिरावट, उद्योगों के पलायन और महिला सुरक्षा सहित 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अभियान शुरू किया। लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा तक मार्च किया और बाद में दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक तक पैदल मार्च किया।

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद शरद पवार ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान वापस ले लिया

#sharad_pawar_calls_off_bandh

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को मद्देनजर रखते हुए शनिवार के महाराष्ट्र बंद को वापस लेने की अपील की।

विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन, जिसमें राकांपा (सपा) एक सदस्य है, ने शुरू में बदलापुर के एक स्कूल में दो चार वर्षीय लड़कियों पर यौन उत्पीड़न के विरोध में राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया और सरकार पर त्वरित कार्रवाई के लिए दबाव डाला। हालाँकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हस्तक्षेप किया और सभी राजनीतिक दलों और व्यक्तियों को बंद का समर्थन करने या इसमें भाग लेने से रोक दिया। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बंद को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

पवार ने एक्स पर मराठी में पोस्ट किया, "बदलापुर घटना को मद्देनजर रखकर , कल राज्यव्यापी सार्वजनिक बंद का आह्वान किया गया था...यह इस मामले पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास था।" “हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बंद असंवैधानिक है। समय की कमी के कारण उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करना संभव नहीं है। भारतीय न्यायपालिका एक संवैधानिक संस्था है और दिए गए आदेश के सम्मान में बंद का आह्वान वापस लिया जाना चाहिए।”

कांग्रेस ने भी बंद का आह्वान किया है, राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शनिवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को विपक्ष के लिए "तमाचा" करार दिया और कहा कि सरकार निर्देश को लागू करेगी।

नासिक में 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन' योजना शुरू करने के लिए एक सभा में बोलते हुए, शिंदे ने कहा कि बदलापुर की घटना "मानवता पर एक धब्बा" थी।

उन्होंने कहा, "लाड़की बहिन योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं के खातों में ₹1500 स्थानांतरित करने से हमें जो खुशी मिली थी, उस पर भी इसका असर पड़ा। लेकिन, विपक्ष इस घटना का राजनीतिकरण कर रहा है और इस योजना को बदनाम कर रहा है।" शिंदे ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश "विपक्ष के चेहरे पर एक तमाचा" है और उनकी सरकार इस निर्देश को लागू करेगी।

शरद पवार को जेड प्‍लस क्‍यों दी गई, क्या महाराष्ट्र की सियासत लेने वाली है करवट?

#sharad_pawar_z_plus_security_maharashtra_election

महाराष्‍ट्र में अगले महीनों में चुनाव होने जा रहे हैं । इससे पहले केन्द्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने राकांपा-एसपी के प्रमुख शरद पवार को जेड-प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया। बुधवार अचानक खबर आई कि केंद्र सरकार ने शरद पवार को जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी देने का फैसला ले लिया है। यह अतिविशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) को दी जाने वाली सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा है। इस खबर ने सबको चौंकाया। जाहिर है कि ये सवाल बनता था कि महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के ऐन पहले केंद्र ने ऐसा फैसला क्‍यों किया?

भले ही केंद्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे के आकलन की समीक्षा के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ से शरद पवार को जेड प्लस सिक्योरिटी कवर देने को कहा है। हालांकि, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।उससे ठीक पहले केन्द्र की ओर से उठाए गए इस कदम के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

अब जेड-प्लस सुरक्षा मिलने पर शरद पवार ने खुद ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि ‘मुझे कुछ नहीं पता, मुझे क्यों सुरक्षा दी गई। इसी के साथ उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि आखिर सरकार को उनकी अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी? हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव सामने है इसलिए सुरक्षा मिलनी भी चाहिए। शरद पवार ने इसी के साथ अतिरिक्त सुरक्षा देने के फैसले पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव होने वाला है, हो सकता है मेरे बारे में आधिकारिक सूचना प्राप्त करना चाहते होंगे इसलिए मेरी सुरक्षा बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि यह मेरे बारे में प्रामाणिक जानकारी हासिल करने का प्रमुख जरिया हो सकता है।

बता दें कि पांच साल पहले 2019 में बीजेपी से अलग महाविकास आघाड़ी की सरकार बनवा कर शरद पवार ने साबित कर दिया था कि महाराष्ट्र की राजनीति में तो उनकी ही चलती है। यही नहीं, लोकसभा चुनाव के नतीजे भी तो यही बता रहे हैं कि सब कुछ गंवा देने के बावजूद महाराष्ट्र की राजनीति के असली रिंग-मास्टर वही हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की 48 सीटों में बीजेपी 9 सीटों पर जीती। गठबंधन की सहयोगी एनसीपी (अजित पवार गुट) ने एक सीट जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली। इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने 13 और शिवसेना (उद्धव गुट) ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की। एनसीपी शरद चंद्र पवार ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। सांगली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता।

शरद पवार विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, इसमें राकांपा-एसपी के अलावा शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा, शिवसेना और राकांपा एकसाथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में इस साल अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाला है। 2019 की तरफ इस बार भी शरद पवार महाविकास आघाड़ी में शरद पवार किंगमेकर की भूमिका में बने हुए हैं। अगर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे भी लोकसभा जैसे आये, फिर तो शरद पवार ही तय करेंगे कि किसे किंग बनाना है, और किसे नहीं।

शाह के ‘भ्रष्टाचार का सरगना’ बोलने पर शरद पवार का पलटवार, दिलाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले की याद

#sharadpawarhitsbackatamitshah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिनों अपने एक बयान में एनसीपी (एससीपी) प्रमुख शरद पवार को राजनीति में भ्रष्टाचार का सरगना करार दिया था। अब ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब शरद पवार ने खुद अमित शाह पर निशाना साधा है। शरद पवार ने अमित शाह पर पलटवार किया है। शरद पवार ने कहा कि ये हैरानी की बात है कि एक व्यक्ति जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात से बाहर किया गया था, वो देश का इतना अहम मंत्रालय संभाल रहा है। 

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी चीफ ने कहा कि जब वो(शाह) गुजरात में थे तो कानून का गलत इस्तेमाल करने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तड़ीपार कर दिया था। अब जिस आदमी को सुप्रीम कोर्ट ने तड़ीपार किया था उसे आज देश की होम मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी दी गई है। 

शरद पवार ने आगे कहा कि जिनके हाथ में सत्ता है, उन्होंने अपनी सोच नहीं बदली है। हम सभी को सावधान रहना चाहिए, नहीं तो देश गलत दिशा में आगे बढ़ सकता है। बता दें कि अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में 2010 में दो साल के लिए राज्य से बाहर किया गया था। बाद में उन्हें 2014 में इस मामले में बरी कर दिया गया था।

अमित शाह ने क्या कहा था?

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शरद पवार पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने पवार को देश में भ्रष्ट लोगों का सरगना बताया था। शाह ने कहा था कि विपक्ष हम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाता है, लेकिन देश की राजनीति में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े सरगना शरद पवार हैं। अगर किसी राजनेता ने सरकार में भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाया तो वे शरद पवार थे और मुझे ये कहने में जरा भी संकोच नहीं है। वे हम पर क्या आरोप लगाएंगे, अब हम उन पर आरोप लगा रहे हैं।

भ्रष्टाचार के सरगना हैं शरद पवार' अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी बोला हमला, बताया अहंकारी

#sharadpawarmastermindofcorruptionamitshah_attack

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शरद पवार पर जोरदार हमला बोला है। अमित शाह ने पवार को राजनीति के भ्रष्टाचार का सरगना करार दिया है।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह पुणे में भाजपा महाराष्ट्र के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। इसी दौरान आसाह ने एक तरफ शरद पवार को भ्रष्टाचार का सरगना बताया तो दूसरी ओर राहुल गांधी को अहंकारी कहा।

पुणे में भाजपा महाराष्ट्र के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, “2014 में मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में आपको मराठा आरक्षण मिला और यदि आप मराठा आरक्षण जारी रखना चाहते हैं, तो आपको भाजपा को जिताना होगा!” उन्होंने आगे कहा कि मैं काफी सोच समझकर बोल रहा हूं कि महाराष्ट्र में जब जब भाजपा सरकार आती है, मराठा को रिजर्वेशन प्राप्त होता है और जब-जब शरद पवार की सरकार आती है मराठा रिजर्वेशन गायब हो जाता है।

उद्धव ठाकरे पर भी हमला

शाह ने कहा, “देश में बहुत-सी भ्रांतियां चलाई गईं, लेकिन हमें उनकी (विपक्ष) भ्रांतियों में नहीं आना है। उन्होंने (विपक्ष) कहा कि भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि 10 साल का एक्सटेंशन पीएम मोदी के ही समय मिला और पूर्ण बहुमत होने के बावजूद आरक्षण को बल देने का काम हमारे नेता पीएम मोदी ने किया।” शरद पवार के साथ ही अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर भी हमला बोला और कहा कि वे आज 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन के लिए क्षमादान मांगने वालों के साथ बैठे हैं। उन्होंने कहा कि ‘औरंगजेब फैन क्लब’ भारत की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता।

राहुल गांधी अहंकारी हो गए हैं-शाह

अमित शाह ने कहा, ‘मैंने राजनीतिक जीवन में कई जय-पराजय देखे। परंतु, मैंने यह भी देखा कि कई लोग जीतने के बाद अहंकारी हो जाते हैं। जीतने के बाद अंहकार आने के सैकड़ों उदाहरण आपको दुनियाभर की राजनीति में मिल जाएंगे। लेकिन एक अनूठा उदाहरण राहुल गांधी दुनिया को दे रहे हैं। वो हारने के बाद अहंकारी हो गए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 300 सीटें मिलीं और विपक्षी गठबंधन इंडिया को एकजुट होकर भी 240 सीटें नहीं मिलीं हैं। इस चुनाव में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के 10 वर्ष के शासन पर मुहर लगाई है।

महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज, छगन भुजबल ने शरद पवार से की मुलाकात
#maharashtra_politics_chhagan_bhujbal_meet_sharad_pawar
महाराष्ट्र की राजनीति आए दिन उफान पर देखी जा सकती है। अब आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी राज्य की राजनीति में हलचल देखी जा रही है। इसी बीच अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने शरद पवार से मुलाकात की है।शरद पवार और छगन भुजबल की मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।शरद पवार से भुजबल की अचानक इस मुलाकात के बाद उनके पालाबदल के कयास तेज हो गए हैं।

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) से नाराजगी के चर्चे कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं।पहले भी ऐसी खबरें आ रही थीं कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार गुट के कुछ नेता नाराज हैं और वो शरद पवार के साथ जा सकते हैं। इसी बीच, सोमवार को अचानक ही अजित गुट के दिग्गज नेता भुजबल शरद पवार से मुलाकात करने के लिए पहुंच गए। भुजबल अचानक ही शरद पवार के निवास स्थान सिल्वर ओक पहुंच गए। बताया जाता है कि भुजबल ने इस मुलाकात के लिए पहले से समय नहीं लिया था।

ये मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है, जब एक दिन पहले ही छगन भुजबल ने शरद पवार पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में जिस तरह मराठा आरक्षण पर लोगों को भड़काया जा रहा है, उसके पीछे शरद पवार ही हैं और अब आज वह उनसे मिलने उनके घर पहुंच गए।

हालांकि, भुजबल ने अभी तक मुलाकात की कोई वजह नहीं बताई है। खबरों की मानें तो शरद पवार और छगन भुजबल के बीच यह मुलाकात मराठा बनाम ओबीसी के बीच हो रही लड़ाई के चलते हुई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नौ जुलाई को ओबीसी के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ था।

भुजबल की शरद पवार से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राज्य के मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि महाराष्ट्र में यह एक परम्परागत परंपरा है कि राजनीतिक नेता अपने वैचारिक मतभेदों के बावजूद एक दूसरे के साथ विचार विमर्श करते हैं। उन्होंने कहा, दो नेताओं के बीच हर बातचीत की छानबीन करना और समय से पहले निष्कर्ष निकालना अनुचित है। एनसीपी (सपा) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, यह शरद पवार की उदारता का परिचायक है कि वे सार्वजनिक क्षेत्र में भी विपरीत विचार रखने वाले व्यक्तियों को समय देते हैं। जितेंद्र आव्हाड ने कहा, मैं भुजबल की पार्टी के अंदरूनी मामलों को लेकर चिंतित नहीं हूं। यदि वह पवार से मिलना चाहते हैं और उन्होंने उनसे मुलाकात की अनुमति दे दी है तो बैठक होने दीजिए।
क्या शरद पवार ले रहे संन्यास? बयान से मिल रहे संकेत

#sharadpawarhintedretirementfrom_politics

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां जोरों पर हैं। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है। शरद पवार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वे अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। पवार ने कहा कि 18 महीने में राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह कोई और चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इसके बाद आगामी महाराष्ट्र चुनाव के बाद शरद पवार के रिटायरमेंट की अटकलें लगाई जा रही हैं।

84 साल के शरद पवार ने अपने बारामती दौरे के दौरान कहा, मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं। मेरे पास अभी भी डेढ़ साल का वक्त बाकी है। डेढ़ साल बाद मुझे सोचना होगा कि राज्यसभा जाऊं या नहीं। लोकसभा तो मैं नहीं लड़ूंगा। कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। कितने चुनाव लड़े जाएं? अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। आपने एक बार भी घर नहीं बैठाया मुझे। हर बार मुझे निर्वाचित कर रहे हैं तो कहीं तो थमना ही चाहिए। मैंने इस सूत्र पर काम करना शुरू कर दिया है कि नई पीढ़ी को अब आगे आना चाहिए।

परिवार के बीच लड़ाई-शरद पवार

शरद पवार अपने भतीजे एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के लिए प्रचार के दौरान ये बातें कही। युगेंद्र 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।युगेंद्र पवार अजीत पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। बारामती के शिरसुफल में एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि इस साल की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट के लिए मुकाबला कठिन था, क्योंकि यह परिवार में लड़ा गया और अब पांच महीने बाद क्षेत्र के लोग ऐसी ही स्थिति देखेंगे।

1960 में शरद पवार ने राजनीतिक करियर की शुरुआत

1960 में शरद पवार ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।महज 27 साल की उम्र में शरद पवार 1967 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। पिछले 5 दशकों में शरद पवार 14 चुनाव जीत चुके हैं।बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने पिछले साल भी अपने संन्यास की घोषणा की थी, लेकिन एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनाने पर अपना फैसला बदल दिया था।

महाराष्ट्र चुनावः शरद गुट की चौथी लिस्ट जारी, अनिल देशमुख की जगह बेटे को मिला टिकट

#ncp_sharad_pawar_releases_fourth_list_ticket_for_anil_deshmukh_replaced_by_his_son

शरद पवार के गुट वाली एनसीपी एसपी ने सात उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की है। इस नई सूची में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बेटे सलिल देशमुख के बेटे का भी नाम शामिल है। सलिल देशमुख को कटोल से टिकट दिया गया है।

पार्टी की ओर से 24 अक्टूबर को शरद पवार गुट की ओर से 45 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की गई. इसके बाद 26 तारीख को 22 उम्मीदवारों की घोषणा की गई। इसके तुरंत बाद 27 अक्टूबर को 9 उम्मीदवारों की तीसरी सूची की घोषणा की गई। इसके बाद आज 7 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की गई है। विधानसभा चुनाव के लिए एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से अब तक 83 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है। हालांकि, एक सीट पर उम्मीदवार को बदला गया है।

एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जिनमें से एक सीट पर प्रत्याशी को बदला गया है। काटोल सीट से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जगह उनके बेटे सलील देशमुख को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इससे पहले इस सीट से पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन अब इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है। अब पार्टी ने अनिल देशमुख के बेटे सलिल देशमुख को उम्मीदवार बनाया है।

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की ओर से अब तक 266 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसमें शरद पवार गुट की ओर से 82 तो उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना की ओर से 83 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। कांग्रेस की ओर से अब तक 4 लिस्ट जारी हुई जिसमें 101 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। हालांकि, महाविकास अघाड़ी में अभी कुछ सीटों को लेकर मतभेद बताया जा रहा है।यही वजह है कि पूरी सीटों पर उम्मीदवार अभी तक नहीं उतारे जा सके हैं।

चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, ये बूढ़ा नहीं रूकेगा..., जानें शरद पवार ने ऐसा क्यों कहा?

#sharad_pawar_reaction_maharashtra_assembly_election-

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 की तारीख का ऐलान हो चुका है। राज्य में 20 नवंबर को सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ वोटिंग होगी और 23 नवंबर की तारीख को चुनाव परिणाम सामने आएंगे। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान आया है। शरद पवार ने अपनी उम्र और राजनीति को लेकर अहम बयान दिया है। पवार ने कहा है कि वे चाहे 84 वर्ष के हो जाएं या 90 साल के, वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक महाराष्ट्र को सही रास्ते पर नहीं ले जाते।

शरद पवार ने महाराष्ट्र में सातारा जिले के फलटण में कहा कि चाहे 84 वर्ष का हो जाऊं या 90, यह बूढ़ा आदमी नहीं रुकेगा। वह एनसीपी नेता रामराजे नाइक निंबालकर के भाई संजीव राजे नाइक निंबालकर और फलटण के विधायक दीपक चह्वाण को एनसीपी (एसपी) में शामिल करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

यहां पावर ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के कुछ युवा सदस्यों को उनकी तस्वीरों वाले बैनर लिए देखा था। उन बैनर पर मुझे 84 साल का बूढ़ा आदमी बताया गया था। लेकिन आप चिंता मत करिए क्योंकि चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, यह बूढ़ा आदमी रुकेगा नहीं। यह बूढ़ा आदमी राज्य को सही रास्ते पर लाने तक रुकेगा नहीं और मुझे आपकी मदद मिलने का भरोसा है।

शरद पवार ने आगे राज्य की एकनाथ शिंदे नीत गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया। अगस्त में सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह घटना दिखाती है कि प्रतिमा के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया।उन्होंने कहा कि यह उन लोगों की नीति है जो हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं और इसलिए यह आपकी और मेरी जिम्मेदारी है कि हम उनके हाथों से सत्ता छीन लें।

बता दें कि मंगलवार की दोपहर में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होगा।नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।

फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची असली एनसीपी की लड़ाई, चुनाव से पहले शरद पवार ने रखी ये मांग

#fight_for_real_ncp_again_reached_supreme_court_sharad_pawar

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) बनाम एनसीपी विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।महाराष्ट्र में इसी साल नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। उससे पहले शरद पवार ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान अजित पवार को ‘घड़ी’ चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।उन्होंने कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। आगामी विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट को 'घड़ी' चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की है।

शरद पवार गुट ने अपनी याचिका में कहा है कि अजित पवार गुट को विधानसभा चुनाव के लिए एक नया सिंबल अलॉट किया जाए। शरद पवार गुट ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के दौरान अजित पवार गुट ने 'घड़ी' सिंबल पर चुनाव लड़ा था, जिससे मतदाताओं में भ्रम पैदा हुआ और उन्हें यह समझने में कठिनाई हुई कि असली एनसीपी कौन है। शरद पवार गुट का कहना है कि जब तक सिंबल मामले पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दाखिल उसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं देता, तब तक अजित पवार गुट को नया सिंबल अलॉट किया जाना चाहिए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

उधर, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी (शरद पवार) ने बुधवार को राज्य सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र पेश किया। इसमें राज्य से उद्योगों के पलायन और कानून-व्यवस्था के ध्वस्त होने का दावा किया।शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने महाराष्ट्र की आर्थिक गिरावट, उद्योगों के पलायन और महिला सुरक्षा सहित 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अभियान शुरू किया। लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा तक मार्च किया और बाद में दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक तक पैदल मार्च किया।

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद शरद पवार ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान वापस ले लिया

#sharad_pawar_calls_off_bandh

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को मद्देनजर रखते हुए शनिवार के महाराष्ट्र बंद को वापस लेने की अपील की।

विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन, जिसमें राकांपा (सपा) एक सदस्य है, ने शुरू में बदलापुर के एक स्कूल में दो चार वर्षीय लड़कियों पर यौन उत्पीड़न के विरोध में राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया और सरकार पर त्वरित कार्रवाई के लिए दबाव डाला। हालाँकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हस्तक्षेप किया और सभी राजनीतिक दलों और व्यक्तियों को बंद का समर्थन करने या इसमें भाग लेने से रोक दिया। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बंद को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

पवार ने एक्स पर मराठी में पोस्ट किया, "बदलापुर घटना को मद्देनजर रखकर , कल राज्यव्यापी सार्वजनिक बंद का आह्वान किया गया था...यह इस मामले पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास था।" “हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बंद असंवैधानिक है। समय की कमी के कारण उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करना संभव नहीं है। भारतीय न्यायपालिका एक संवैधानिक संस्था है और दिए गए आदेश के सम्मान में बंद का आह्वान वापस लिया जाना चाहिए।”

कांग्रेस ने भी बंद का आह्वान किया है, राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शनिवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को विपक्ष के लिए "तमाचा" करार दिया और कहा कि सरकार निर्देश को लागू करेगी।

नासिक में 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन' योजना शुरू करने के लिए एक सभा में बोलते हुए, शिंदे ने कहा कि बदलापुर की घटना "मानवता पर एक धब्बा" थी।

उन्होंने कहा, "लाड़की बहिन योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं के खातों में ₹1500 स्थानांतरित करने से हमें जो खुशी मिली थी, उस पर भी इसका असर पड़ा। लेकिन, विपक्ष इस घटना का राजनीतिकरण कर रहा है और इस योजना को बदनाम कर रहा है।" शिंदे ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश "विपक्ष के चेहरे पर एक तमाचा" है और उनकी सरकार इस निर्देश को लागू करेगी।

शरद पवार को जेड प्‍लस क्‍यों दी गई, क्या महाराष्ट्र की सियासत लेने वाली है करवट?

#sharad_pawar_z_plus_security_maharashtra_election

महाराष्‍ट्र में अगले महीनों में चुनाव होने जा रहे हैं । इससे पहले केन्द्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने राकांपा-एसपी के प्रमुख शरद पवार को जेड-प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया। बुधवार अचानक खबर आई कि केंद्र सरकार ने शरद पवार को जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी देने का फैसला ले लिया है। यह अतिविशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) को दी जाने वाली सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा है। इस खबर ने सबको चौंकाया। जाहिर है कि ये सवाल बनता था कि महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के ऐन पहले केंद्र ने ऐसा फैसला क्‍यों किया?

भले ही केंद्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे के आकलन की समीक्षा के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ से शरद पवार को जेड प्लस सिक्योरिटी कवर देने को कहा है। हालांकि, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।उससे ठीक पहले केन्द्र की ओर से उठाए गए इस कदम के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

अब जेड-प्लस सुरक्षा मिलने पर शरद पवार ने खुद ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि ‘मुझे कुछ नहीं पता, मुझे क्यों सुरक्षा दी गई। इसी के साथ उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि आखिर सरकार को उनकी अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी? हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव सामने है इसलिए सुरक्षा मिलनी भी चाहिए। शरद पवार ने इसी के साथ अतिरिक्त सुरक्षा देने के फैसले पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव होने वाला है, हो सकता है मेरे बारे में आधिकारिक सूचना प्राप्त करना चाहते होंगे इसलिए मेरी सुरक्षा बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि यह मेरे बारे में प्रामाणिक जानकारी हासिल करने का प्रमुख जरिया हो सकता है।

बता दें कि पांच साल पहले 2019 में बीजेपी से अलग महाविकास आघाड़ी की सरकार बनवा कर शरद पवार ने साबित कर दिया था कि महाराष्ट्र की राजनीति में तो उनकी ही चलती है। यही नहीं, लोकसभा चुनाव के नतीजे भी तो यही बता रहे हैं कि सब कुछ गंवा देने के बावजूद महाराष्ट्र की राजनीति के असली रिंग-मास्टर वही हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की 48 सीटों में बीजेपी 9 सीटों पर जीती। गठबंधन की सहयोगी एनसीपी (अजित पवार गुट) ने एक सीट जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली। इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने 13 और शिवसेना (उद्धव गुट) ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की। एनसीपी शरद चंद्र पवार ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। सांगली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता।

शरद पवार विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, इसमें राकांपा-एसपी के अलावा शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा, शिवसेना और राकांपा एकसाथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में इस साल अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाला है। 2019 की तरफ इस बार भी शरद पवार महाविकास आघाड़ी में शरद पवार किंगमेकर की भूमिका में बने हुए हैं। अगर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे भी लोकसभा जैसे आये, फिर तो शरद पवार ही तय करेंगे कि किसे किंग बनाना है, और किसे नहीं।

शाह के ‘भ्रष्टाचार का सरगना’ बोलने पर शरद पवार का पलटवार, दिलाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले की याद

#sharadpawarhitsbackatamitshah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिनों अपने एक बयान में एनसीपी (एससीपी) प्रमुख शरद पवार को राजनीति में भ्रष्टाचार का सरगना करार दिया था। अब ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब शरद पवार ने खुद अमित शाह पर निशाना साधा है। शरद पवार ने अमित शाह पर पलटवार किया है। शरद पवार ने कहा कि ये हैरानी की बात है कि एक व्यक्ति जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात से बाहर किया गया था, वो देश का इतना अहम मंत्रालय संभाल रहा है। 

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी चीफ ने कहा कि जब वो(शाह) गुजरात में थे तो कानून का गलत इस्तेमाल करने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तड़ीपार कर दिया था। अब जिस आदमी को सुप्रीम कोर्ट ने तड़ीपार किया था उसे आज देश की होम मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी दी गई है। 

शरद पवार ने आगे कहा कि जिनके हाथ में सत्ता है, उन्होंने अपनी सोच नहीं बदली है। हम सभी को सावधान रहना चाहिए, नहीं तो देश गलत दिशा में आगे बढ़ सकता है। बता दें कि अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में 2010 में दो साल के लिए राज्य से बाहर किया गया था। बाद में उन्हें 2014 में इस मामले में बरी कर दिया गया था।

अमित शाह ने क्या कहा था?

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शरद पवार पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने पवार को देश में भ्रष्ट लोगों का सरगना बताया था। शाह ने कहा था कि विपक्ष हम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाता है, लेकिन देश की राजनीति में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े सरगना शरद पवार हैं। अगर किसी राजनेता ने सरकार में भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाया तो वे शरद पवार थे और मुझे ये कहने में जरा भी संकोच नहीं है। वे हम पर क्या आरोप लगाएंगे, अब हम उन पर आरोप लगा रहे हैं।

भ्रष्टाचार के सरगना हैं शरद पवार' अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी बोला हमला, बताया अहंकारी

#sharadpawarmastermindofcorruptionamitshah_attack

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शरद पवार पर जोरदार हमला बोला है। अमित शाह ने पवार को राजनीति के भ्रष्टाचार का सरगना करार दिया है।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह पुणे में भाजपा महाराष्ट्र के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। इसी दौरान आसाह ने एक तरफ शरद पवार को भ्रष्टाचार का सरगना बताया तो दूसरी ओर राहुल गांधी को अहंकारी कहा।

पुणे में भाजपा महाराष्ट्र के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, “2014 में मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में आपको मराठा आरक्षण मिला और यदि आप मराठा आरक्षण जारी रखना चाहते हैं, तो आपको भाजपा को जिताना होगा!” उन्होंने आगे कहा कि मैं काफी सोच समझकर बोल रहा हूं कि महाराष्ट्र में जब जब भाजपा सरकार आती है, मराठा को रिजर्वेशन प्राप्त होता है और जब-जब शरद पवार की सरकार आती है मराठा रिजर्वेशन गायब हो जाता है।

उद्धव ठाकरे पर भी हमला

शाह ने कहा, “देश में बहुत-सी भ्रांतियां चलाई गईं, लेकिन हमें उनकी (विपक्ष) भ्रांतियों में नहीं आना है। उन्होंने (विपक्ष) कहा कि भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि 10 साल का एक्सटेंशन पीएम मोदी के ही समय मिला और पूर्ण बहुमत होने के बावजूद आरक्षण को बल देने का काम हमारे नेता पीएम मोदी ने किया।” शरद पवार के साथ ही अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर भी हमला बोला और कहा कि वे आज 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन के लिए क्षमादान मांगने वालों के साथ बैठे हैं। उन्होंने कहा कि ‘औरंगजेब फैन क्लब’ भारत की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता।

राहुल गांधी अहंकारी हो गए हैं-शाह

अमित शाह ने कहा, ‘मैंने राजनीतिक जीवन में कई जय-पराजय देखे। परंतु, मैंने यह भी देखा कि कई लोग जीतने के बाद अहंकारी हो जाते हैं। जीतने के बाद अंहकार आने के सैकड़ों उदाहरण आपको दुनियाभर की राजनीति में मिल जाएंगे। लेकिन एक अनूठा उदाहरण राहुल गांधी दुनिया को दे रहे हैं। वो हारने के बाद अहंकारी हो गए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 300 सीटें मिलीं और विपक्षी गठबंधन इंडिया को एकजुट होकर भी 240 सीटें नहीं मिलीं हैं। इस चुनाव में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के 10 वर्ष के शासन पर मुहर लगाई है।

महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज, छगन भुजबल ने शरद पवार से की मुलाकात
#maharashtra_politics_chhagan_bhujbal_meet_sharad_pawar
महाराष्ट्र की राजनीति आए दिन उफान पर देखी जा सकती है। अब आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी राज्य की राजनीति में हलचल देखी जा रही है। इसी बीच अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने शरद पवार से मुलाकात की है।शरद पवार और छगन भुजबल की मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।शरद पवार से भुजबल की अचानक इस मुलाकात के बाद उनके पालाबदल के कयास तेज हो गए हैं।

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) से नाराजगी के चर्चे कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं।पहले भी ऐसी खबरें आ रही थीं कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार गुट के कुछ नेता नाराज हैं और वो शरद पवार के साथ जा सकते हैं। इसी बीच, सोमवार को अचानक ही अजित गुट के दिग्गज नेता भुजबल शरद पवार से मुलाकात करने के लिए पहुंच गए। भुजबल अचानक ही शरद पवार के निवास स्थान सिल्वर ओक पहुंच गए। बताया जाता है कि भुजबल ने इस मुलाकात के लिए पहले से समय नहीं लिया था।

ये मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है, जब एक दिन पहले ही छगन भुजबल ने शरद पवार पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में जिस तरह मराठा आरक्षण पर लोगों को भड़काया जा रहा है, उसके पीछे शरद पवार ही हैं और अब आज वह उनसे मिलने उनके घर पहुंच गए।

हालांकि, भुजबल ने अभी तक मुलाकात की कोई वजह नहीं बताई है। खबरों की मानें तो शरद पवार और छगन भुजबल के बीच यह मुलाकात मराठा बनाम ओबीसी के बीच हो रही लड़ाई के चलते हुई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नौ जुलाई को ओबीसी के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ था।

भुजबल की शरद पवार से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राज्य के मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि महाराष्ट्र में यह एक परम्परागत परंपरा है कि राजनीतिक नेता अपने वैचारिक मतभेदों के बावजूद एक दूसरे के साथ विचार विमर्श करते हैं। उन्होंने कहा, दो नेताओं के बीच हर बातचीत की छानबीन करना और समय से पहले निष्कर्ष निकालना अनुचित है। एनसीपी (सपा) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, यह शरद पवार की उदारता का परिचायक है कि वे सार्वजनिक क्षेत्र में भी विपरीत विचार रखने वाले व्यक्तियों को समय देते हैं। जितेंद्र आव्हाड ने कहा, मैं भुजबल की पार्टी के अंदरूनी मामलों को लेकर चिंतित नहीं हूं। यदि वह पवार से मिलना चाहते हैं और उन्होंने उनसे मुलाकात की अनुमति दे दी है तो बैठक होने दीजिए।