अस्पतालों को रेफरल सेंटर बनाने वाले कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

नितेश श्रीवास्तव 

भदोही। जिले के अस्पतालों को रेफरल सेंटर बनाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर अब लगाम लगेगा। स्वास्थ्य विभाग ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। गंभीर मरीजों को बिना उपचार किए ही रेफर करने देने वाली शैली अब भारी पड़ेगी। स्वास्थ्य कर्मी अब बिना किसी विशेषज्ञ चिकित्सक के सलाह से मरीजों को रेफर नहीं कर सकेंगे। विभागीय कर्मियों द्वारा ऐसा दिया जाता है तो मरीज के परिजन इसकी शिकायत सीधे अस्पताल के अधीक्षक या सीएमओ से कर सकते हैं। जिले में अक्सर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए बड़े सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को वाराणसी या प्रयागराज रेफर कर दिया जाता है।

 ऐसे में कई बार मरीजों की जान पर भी बन आती है। जिले में जिला चिकित्सालय, भदोही एमबीएस सहित गोपीगंज, सुरियावां, भदोही,औराई,डीघ, भानीपुर सीएचसी है। सभी अस्पतालों को मिलाकर हर दिन 100 से 150 इमरजेंसी केस पहुंचाते हैं। लेकिन विभागीय कर्मियों की लापरवाही से यह अस्पताल रेफरल सेंटर बन गए है। मरीज पहुंचे नहीं कि उन्हें गंभीर बताकर प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। हालंकि क?ई बार संसाधनों के अभाव के कारण भी ऐसा होता है। इमरजेंसी केसों में अधिकतर या तो दुघर्टना के होते हैं या फिर प्रसव संबंधी केस होते हैं। यहीं कारण है कि क?ई प्रसूता निजी अस्पतालों की ओर रुख कर लेती है। जिला अस्पताल में रोजाना 35 से 40 एमबीए में 15 से 20 और छह सीएचसी पर कुल 40 से 45 इमरजेंसी होती है। सीएचसी पर तैनात अधीक्षकों के अनुसार सेंटर से केवल दो से तीन केस ही रेफर होता है। दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय में सबसे अधिक रेफर केस आते हैं। इस पर लगाम लगाने को सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक ने अधिकारियों के नंबर जारी किए हैं। जिसमें अगर रेफर से असंतुष्ट होने पर आप इन्हें फोन पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर वहां सुनवाई नहीं होती है तो सीएमओ से भी शिकायत की जा सकती है।

राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला, रोशन सिंह, काकोरी कांड के हीरो जिन्हें फांसी होती तो 1947 से पहले आजाद हो गया होता देश

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।‌ भारत की आजादी की लड़ाई में अनेक महान क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी. 19 दिसंबर का दिन भारत में शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है. 19 दिसंबर 1927 यही वह तारीख और दिन था जब काकोरी कांड में शामिल क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी थी।

इन क्रांतिकारियों की शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नया मुकाम दिया और उनका बलिदान आज भी भारतीय जनता के दिलों में अमर है।काकोरी कांड 9 अगस्त 1925 को हुआ था, जब क्रांतिकारियों के एक समूह ने अंग्रेजों के खजाने को लूटने की योजना बनाई थी. इस षड्यंत्र में राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी और अन्य क्रांतिकारियों ने हिस्सा लिया. इनका उद्देश्य था अंग्रेजों से पैसा छीनकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और मजबूती प्रदान करना. बिस्मिल और उनके साथियों ने काकोरी स्टेशन पर ट्रेन को रोका और अंग्रेजों का खजाना लूट लिया. इस घटना ने पूरे देश में हलचल मचाई और अंग्रेजों के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ी।

19 दिसंबर 1927 को राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी. इन क्रांतिकारियों की शहादत ने भारत की जनता के खून में अंग्रेजों के प्रति उबाल लाने का काम किया।

जब राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई, तो इन क्रांतिकारियों ने बड़े धैर्य और साहस के साथ फांसी को गले लगाया. उनके अंतिम शब्दों में केवल देशभक्ति की भावना थी और वे अपने देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने को तैयार थे।देश को आजादी दिलाने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बृहस्पतिवार को शहीद पार्क में जय बाबा बर्फानी ग्रुप की ओर से परिसर की साफ-सफाई कर श्रमदान किया गया। देश की आजादी दिलाने को क्रांतिकारी वीर शहीदों ने काकोरी रेल कांड घटना को अंजाम देकर अंग्रेजों की जड़ें हिला दी थी।

क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां व ठाकुर रोशन सिंह पर अंग्रेजी प्रशासन ने रेल लूट कांड में शामिल होने का आरोप लगाया था। कठोर प्रताड़ना के बाद भी जाबांज वीर नतमस्तक होने को तैयार नहीं हुए। जिससे तीनों वीर जवानों को 19 दिसंबर 1927 को फांसी देने का निर्णय लिया गया। आजादी के तीन मतवाले हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए थे। सभी शहीदों की पुण्यतिथि पर श्रमदानियों ने सफाई के उपरांत उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।

शिवलिंग आकार मंदिर का जल शक्ति मंत्री ने किया भूमिपूजन

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के सुंदरबन राम जानकी मंदिर परिसर में बुधवार को विश्व के सबसे बड़े 180 फीट ऊंचे शिवलिंग आकार मंदिर का भूमि पूजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केबिनेट मंत्री जल शक्ति स्वतंत्र देव सिंह ने 18 विद्वान पंडितों के मंत्रोचार के बीच भूमि पूजन किया। इसके पूर्व जल शक्ति मंत्री का भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से लादकर जोरदार स्वागत किया।

जिले के भदोही विकासखंड क्षेत्र के सुंदरवन राम जानकी मंदिर परिसर में राजलक्ष्मी मंदा के द्वारा विश्व के सबसे बड़े शिव मंदिर का निर्माण का संकल्प लिया गया। जिसके लिए राजलक्ष्मी मंदा ने कहा कि 9 टन भार के 9 फीट ऊंचे शिवलिंग को 17 राज्यों और 107 जनपदों में होकर 48 दिनों तक 12 ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर रामेश्वरम से सुंदरवन भदोही पहुंचे। आज विश्व के सबसे बड़े 180 फीट ऊंचे शिवलिंग आकार शिव मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री ने किया। उन्होंने कहा कि इस मंदिर के निर्माण से जहां क्षेत्र वासियों को रोजगार मिलेगा तो वही जिले की दिव्यता को बढ़ाएगी।

उन्होंने कहा कि काशी प्रयाग के मध्य भदोही जनपद अपने आप में तीर्थ स्थल है। जहां पर मां वैदेही एवं लव कुश का जन्म स्थली हो ऐसे भूमि अपने आप में एक तीर्थ स्थल है। इस अवसर पर विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक मिश्रा सहित अन्य नेता व कार्यकर्ता व आम जनमानस मौजूद रही।

*22 दिसंबर को नौ केंद्रों पर होगी पीसीएस प्रवेश परीक्षा*


18 मजिस्ट्रेट के साथ हर केंद्र पर लगे सह केंद्र व्यवस्थापक, तैयारी पूरी

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को पारदर्शी एवं सकुशल संपन्न कराने की मुहिम में प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अफसर जुट गए हैं। 22 दिसंबर को नौ केंद्रों पर होने वाली परीक्षा में 18 मजिस्ट्रेट संग एक-एक सह केंद्र व्यवस्थापकों की ड्यूटी लगाई गई है। परीक्षा में कुल 4032 परीक्षार्थी प्रतिभाग करेंगे। 12-12 अभ्यर्थियों पर एक-एक कक्ष निरीक्षक के हिसाब से कुल 336 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।लोक सेवा आयोग की ओर से पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए जिले में नौ केंद्र बनाए गए हैं। इसमें ज्ञानपुर, भदोही में चार-चार जबकि औराई तहसील में एक केंद्र बना है। परीक्षा को सकुशल तरीके से कराने के लिए हर केंद्र पर एक सेक्टर, एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट के अलावा एक-एह सह केंद्र व्यवस्थापक की ड्यूटी लगाई गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि परीक्षा में 4032 परीक्षार्थियों का आवंटन किया है। परीक्षा सुबह 9.30 से 11.30 बजे और दोपहर में 2.30 से 4.30 बजे तक दो पालियों में होगी। इसके साथ प्रत्येक 24 परीक्षार्थी पर दो-दो की दर से करीब 336 कक्ष निरीक्षक लगाए गए हैं। कक्ष निरीक्षक के रूप में राजकीय शिक्षकों को ही लगाया जाएगा। पहले राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक लगेंगे। कम पड़ने पर बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत तैनात शिक्षकों को लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा के तीन-चार दिन पूर्व सभी की ब्रीफिंग की जाएगी।

कहां बनेंगे परीक्षा केंद्र

ज्ञानपुर। पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए ज्ञानपुर तहसील में काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में दो केंद्र (ए व बी), विभूति नारायण राजकीय इंटर काॅलेज ज्ञानपुर व जिला पंचायत बालिका इंटर काॅलेज ज्ञानपुर को केंद्र बनाया गया है। इसी तरह भदोही तहसील में श्री इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर काॅलेज भदोही, एमए समद इंटर काॅलेज भदोही, ज्ञाॅनदेवी इंटर कालेज भदोही व भदोही गर्ल्स इंटर काॅलेज एवं औराई तहसील क्षेत्र में श्रीकाशिराज महाविद्यालय इंटर काॅलेज औराई को केंद्र बनाया गया है।

1 जनवरी से शुरू हो रहा माघ कल्पवास, मेले की तैयारियां जोरों पर

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भदोही जिले के सेमराध नाथ में हर वर्ष आयोजित होने वाला मकर माघ कल्पवास मेला इस वर्ष 1 जनवरी 2025 से शुरू होगा और यह मेला अपनी 30‌ वीं वर्षगांठ मनाएगा।

मेले की शुरुआत जिलाधिकारी भदोही द्वारा मां गंगा और बाबा सेमराधनाथ के पूजन,धर्म ध्वाजारोहण और भूमिपूजन के साथ होगी। मेले के व्यवस्थापक करुणा शंकर दास जी महाराज ने बताया कि 14 से कल्पवासियों के मेले में आने की परंपरा शुरू होगी, लेकिन इससे पहले सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार के मेले में कल्पवासियों के रहने के लिए तंबुओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था की जा रही है। टेंट और तंबुओं की सिलाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक आवाज सुनिश्चित होगा। कल्पवास मेले के दौरान गंगा किनारे कल्पावासी अपने धार्मिक अनुष्ठानों और साधना में तीन रहते हैं। हर वर्ष दूर -दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं और पूरे माघ मास गंगा किनारे निवास करते हैं। इस बार भी मेले में हजारों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। प्रशासन और मेले के आयोजक श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

108 साल बाद मिलेगा ज्ञानपुर नगर पंचायत को नया कार्यालय

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत को 108 साल के बाद अपना कार्यालय मिलेगा। इसके लिए नगर के वार्ड नंबर एक स्थित दिवानी परिसर में जमीन चिह्नित कर ग?ई है। नगर पंचायत की ओर से कुल 4.37 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। जिसमें दो करोड़ रुपए से कार्यालय निर्माण होगा। वहीं शेष धनराशि से इंटरलॉकिंग,नाली समेत अन्य कार्य होंगे, सभी कार्य नगरोदय योजना के तहत कराए जाएंगे।

ज्ञानपुर को वर्ष 1916 में ही नगर पंचायत का दर्जा मिला गया था। उसके बाद से ही नगर पंचायत का कार्यलय वार्ड नंबर चार कुवरगंज में संचालित हो रहा है। नगर में 11 वार्ड है। इनमें करीब 24-25 हजार की आबादी निवासी करती है। इन्हें बेहतर सुविधा मुहैया कराना नगर प्रशासन की जिम्मेदारी है। नगर पंचायत में जगह कम होने से पार्किंग के साथ बैठक इत्यादि को लेकर काफी परेशानी होती है। इसके लिए नगर पंचायत काफी दिनों भूमि तलाश कर रही है।

अब नगर पंचायत को वार्ड नंबर एक स्थित दिवानी परिसर की भूमि कार्यालय के लिए मिली है। कार्यालय समेत अन्य कई कार्यों को नगर पंचायत की ओर से 4.73 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसे शासन को भेजा गया है। इसके अलावा नगर के सीमा विस्तार को लेकर भी प्रयास किया जा रहा है। नए कार्यालय में वाहन पार्किंग शौचालय लिपिक कक्ष, फरियादियों के बैठने के लिए हॉल बोर्ड की बैठक करने के लिए अलग से हॉल आदि होंगे। नया कार्यालय पूरी तरह से हाईटेक होगा। वाई - वाई की सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री नगरदोय योजना के तहत विभिन्न कार्य कराने के लिए करीब साढ़े चार करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। लेकिन अभी स्वीकृति नहीं मिली है। स्वीकृति मिलते ही कार्य कराया जाएगा।

राजेन्द्र दूबे ईओ ज्ञानपुर

*केएनपीजी में रोवर्स-रेंजर्स के प्रशिक्षण शिविर का दूसरा दिन, प्राचार्य ने दी हर हाल में धैर्य बनाए रखने की सलाह*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- केएनपीजी कॉलेज ज्ञानपुर भदोही में 13 दिसंबर से प्रारंभ हुए रोवर्स-रेंजर्स के पांच दिवसीय "प्रवेश" एवं "निपुण" के प्रशिक्षण शिविर का आज दूसरे दिन रोवर्स प्रभारी डॉक्टर महेंद्र यादव एवं रेंजर्स प्रभारी डॉक्टर ऋचा के निर्देशन में प्रारंभ हुआ। जिला संस्था भारत स्काउट गाइड भदोही से आए प्रशिक्षक विजय त्यागी, ऋतुराज श्रीवास्तव, प्रवीण सिंह एवं नीशु बिंद ने कार्यक्रम का प्रारंभ ध्वज शिष्टाचार, प्रार्थना एवं झंडा गीत से कराया। शिविर का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर रमेश चन्द्र यादव ने ध्वज शिष्टाचार से किया।

प्रोफेसर रमेश चन्द्र यादव ने रोवर्स -रेंजर्स को संबोधित करते हुए कहा कि रोवर्स- रेंजर्स को अपने अंदर सेवा भाव जागृत कर समाज में सशक्त योगदान देने के लिए तत्पर रहना चाहिए। और प्रशिक्षण शिविर के नियम का पालन करते हुए पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण लेकर उत्तरोत्तर प्रगति के मार्ग पर चलते रहने के लिए प्रेरित किया।मुख्य शास्ता और समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आरपी ने कहा कि रोवर्स- रेंजर्स सदैव अनुशासन प्रिय रहे है। यह प्रशिक्षण रोवर्स- रेंजर्स को अनुशासित रहकर सीमित संसाधन में जीवन जीने की कला सिखाता है अनुशासन ही जीवन की वह पूंजी है। जो मानव के प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है, इसलिए अनुशासित रहकर रोवर्स- रेंजर्स को पूर्ण निष्ठा के साथ प्रशिक्षण लेकर सुयोग्य नागरिक बनकर सेवार्थ समाज एवं देश को समर्पित रहने का संकल्प लेना चाहिए। एक प्रेरणा दायक कहानी के माध्यम से अपने रखते हुए उचित अनुशासन उत्तम आहार व्यवहार को अपने जीवन शैली अपनाकर आप अपने कार्य और व्यवहार से एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना सर्वोत्तम योगदान देने के सदैव तत्पर रहें। आपदा के समय रोवर्स- रेंजर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनके द्वारा अनेक सेवा कार्य व बचाव कार्य किए जाते हैं।

ध्वज शिष्टाचार के समय प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद यादव, बृजेश श्रीवास्तव डॉक्टर दीपक कुमार डॉक्टर इग्लेश भारती डॉक्टर विष्णु कांत त्रिपाठी, डॉक्टर राजेश यादव, डॉक्टर महेंद्र कुमारआदि उपस्थित रहे ।शिविर में आज रोवर्स- रेंजर्स को दैनिक कार्यक्रम, प्रतिज्ञा,स्काउट और गाइड का नियम, बी. पी. सिक्स व्यायाम,स्काउटिंग का सिद्धांत, प्राथमिक, सीटी के संकेत आदि के विषय में जानकारी दी गयी।

इसके बाद रसायनशास्त्र के विद्वान डॉक्टर धीरेन्द्र कुमार ने " नवीकरणीय ऊर्जा : एक सतत् भविष्य की ओर"विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि रोवर्स रेंजर्स अपने सीमित संसाधन में ही उत्तम और स्वस्थ जीवन शैली अपना कर राष्ट्र के प्रहरी के रूप में सदैव तत्पर रहते हैं नवीकरणीय ऊर्जा के सोपानों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। प्रशिक्षण के मुख्य बिन्दुओं पर भी चर्चा की। जिसकी आज सशक्त आवश्यकता है। शिविर में प्रतिभाग करने वाले छात्र छात्राओं में धीरज कुमार बिंद, दीपक, आयुष, अनुराग,गौरव मौर्य, कमलेश,इरफान अली, अंबिका यादव,श्वेता तिवारी, भावना पाल, कल्पना,निशा यादव ऋचा,सिंह ,अंबुज कुमार, आयुष कुमार,विवेक तिवारी गौरवआदि छात्र- छात्राये रहें। कार्यक्रम का संचालन रेंजर्स प्रभारी डॉक्टर ऋचा तथा धन्यवाद ज्ञापन रोवर्स प्रभारी डॉक्टर महेन्द्र यादव ने किया।

*भदोही के सुंदर वन में स्थापित होगा 180 फीट ऊंचे शिवलिंग मंदिर, मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह रखेंगे नींव*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- भदोही जिले के सुंदरवन में प्रस्तावित 180 फीट ऊंचे शिवलिंग मंदिर का निर्माण कार्य 18 दिसंबर से शुरू होगा। प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में मंदिर की नींव रखी जाएगी। इस बारे में सुंदरवन राम जानकी मंदिर की महंत राज लक्ष्मी मंडा ने बताया कि बीते दो वर्षों से यहां मंदिर निर्माण के लिए खोदाई चल रही है अब 18 से पाइल फाउंडेशन रखी जाएगी। काशी - प्रयाग के मध्य विंध्य क्षेत्र में सुंदरवन स्थित शिवलिंग के आकार का 180 फीट ऊंचा आकर्षक मंदिर होगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजलक्ष्मी मंदा ने बताया कि काशी -प्रयाग के मध्य विंध्य क्षेत्र एवं सीतामढ़ी के समीप 180 फीट ऊंचा ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण सुंदरवन में हो रहा है। 18 दिसंबर को सुबह दस बजकर 44 मिनट पर द्वादश ज्योतिर्लिंग के ठोस स्वरुप का निर्माण शुरू होगा।यह परियोजना मां राजलक्ष्मी मंडा द्वारा शुरू की गई है, जिन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से जलाभिषेक कराकर इस शिवलिंग का निर्माण संभव बनाया है।

इस परियोजना से क्षेत्र के लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और विदेशी पर्यटकों के आने से देश के विदेशी मुद्रा कोष में भी वृद्धि होगी। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनें और इस पुनीत कार्य में सहभागी बनकर अपने जीवन को सार्थक बनाएं।

भदोही में पांच शोधार्थियों को मिली शोध उपाधि: केएनपीजी कॉलेज के छात्र बने डॉक्टर प्रोफेसर बोले - जिले के लिए गौरव की बात

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। केएनपीजी कॉलेज ज्ञानपुर भदोही के लिए गौरव का दिन रहा। प्रोफेसर घनश्याम मिश्र समाज शास्त्र विभाग के निर्देशन में एक साथ पांच बच्चों ने शोध उपाधि प्राप्ति किए। सभी छात्र को विद्यालय के अध्यापक ने बधाई देकर उज्जवल भविष्य की कामना की। महाविद्यालय के समाजशास्त्र के डॉक्टर महेंद्र प्रसाद, डॉक्टर शिखा गिरि, डॉक्टर देव प्रकाश यादव, डॉक्टर उमेश कुमार और डॉक्टर प्रदीप कुमार विश्वकर्मा को शोध उपाधि प्राप्त हुई।

इन पांच शोधार्थियों में से तीन शोधार्थियों को दीक्षांत समारोह 2024 में उपाधि मिली थी और दो शोधार्थियों को दीक्षांत समारोह के एक महीने बाद शोध उपाधि प्राप्त हुई। इस तरह से एक साथ पांच शोधार्थियों को 2024 में प्रोफेसर घनश्याम मिश्र के निर्देशन में शोध उपाधि प्राप्त हुई।जो समाजशास्त्र विभाग के साथ - साथ केएनपीजी कॉलेज के लिए गौरव की बात है।

इस अवसर पर विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर घनश्याम मिश्र ने कहा कि महाविद्यालय नहीं बल्कि पूरे जनपद के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इन पांचो बच्चों से अन्य छात्र-छात्राओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है । जिससे आने वाले समय में महाविद्यालय को एक अलग ख्याति प्राप्त हो। इस मौके पर प्राचार्य प्रोफेसर रमेश चंद्र यादव ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद यादव, डॉक्टर अरुण कुमार सिंह, डॉक्टर सूर्यनाथ खरवार अन्य अध्यापक मौजूद रहे।

भदोही में एक साल तक नहीं मिले मरीज, 288 गांव टीबी मुक्त घोषित

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले की 546 ग्राम पंचायतों में 288 गांव अब टीबी मुक्त हो चुके हैं। एक साल से जिन गांवों में एक भी टीबी मरीज नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उसकी निगरानी के बाद अब गांव को टीबी मुक्त घोषित कर दिया गया है। जिले के 51 गांवों को पहले ही टीबी मुक्त घोषित किया गया था। जिले में अभी 1370 टीबी मरीज उपचाराधीन है।क्षय रोग को लेकर चल रहे अभियान के बेहतर क्रियान्वयन से जनपद तेजी से टीबी मुक्ति की ओर से बढ़ रहा है।

टीबी मरीजों को नवंबर 2024 से प्रति महीने एक हजार रुपये पौष्टिक आहार के लिए दिया जा रहा है। इससे पहले उन्हें 500 रुपये मिलता था। इसके अलावा जिला क्षय रोग विभाग की ओर से निरंतर टीबी मरीजों की निगरानी की जाती है। इसके लिए आशा गांव-गांव जाकर लोगों को चिन्हित करती है। 15 दिनों तक लगातार खांसी की शिकायत के बाद वे उनका बलगम जांच के लिए टीबी अस्पताल भेजती हैं। इसके अलावा जो भी मरीज उपचाराधीन हैं। उनकी विभागीय स्तर निगरानी होती है और समय-समय पर उनसे बातचीत कर उनकी स्थिति के बारे में पता लगाया जाता है। इस समय जिले में 1370 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है

। विभाग की ओर इन मरीजों की पहचान गोपनीय रखी जाती है और इनका उपचार भी निशुल्क होता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि दिसंबर 2024 तक जनपद के 546 ग्राम पंचायतों में 288 गांव टीबी मुक्त हो चुके हैं। साल 2023 में जिले की 51 ग्राम पंचायतें पहले ही टीबी मुक्त हो गईं थी। पंचायतों को टीबी मुक्त की घोषणा से पहले कई मानकों की जांच की जाती है। एक साल तक जिन गांव में टीबी के एक भी मरीज नहीं मिलते हैं, उसे टीबी मुक्त घोषित कर दिया जाता है।

इनसेट

ये गांव पहले हो चुके हैं टीबी मुक्त :

ज्ञानपुर। बिछिया, बनकट खास, आनापुर, धारा विशंबर पट्टी, खेमापुर, राजमाला, दरवासी, तुलसी पट्टी, भावापुर, ऊंज मुंगरहा, सारीपुर उमरपुर, रमईपुर, रायपुर, पुरेभान, हरीपुर, डुहिया, क्षत्रियपुर, कंचनुपर, ताल सुपौला, खरगपुर, अमवा माफी, दिवानपुर, ईटवा, झौवा, केयरमऊ, नटवां, चिंतामणिपुर, नवलपुर, रामचंदरपुर, भिखमपुर, कीर्तिपुर, सनाथपुर, सेरवा, टीकापुर, दारिबपुर, मांगापुट्टी, मदनपुर आदि गांव टीबी मुक्ति घोषित हो चुके हैं।

कैलेंडर वर्ष दिसंबर 2024 तक जिले के 288 गांव टीबी मुक्त की राह पर है, इसमें से 51 गांव पहले ही टीबी मुक्त हो चुके हैं। यह एक बड़ी उपलब्धी है। -डॉ. विवेक श्रीवास्तव डीटीओ, भदोही।