झारखण्ड : अब किन-किन महिलाओं को. नहीं मिलेगा मंईयां सम्मान योजना का लाभ, जाने सरकार ने किया बनाया है नियम


झारखंड डेस्क 

झारखण्ड : झारखंड में अब मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ अब केवल उन महिलाओं को मिलेगा जिनके पति को किसी तरह की सरकारी सहायता मानदेय या निविदा न मिल रहा हो.

बता दें कि झारखंड सरकार के द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़वा देने के लिए मंईयां सम्मान योजना लाया गया. जिसके तहत राज्य की सभी महिलाओं को हर महीने 1000 की रुपये राशि दी जा रही है, हालांकि सरकार ने इस महीने से इस राशि को बढ़ाकर 2500 रुपये देने का वादा किया है.

वहीं अब 2500 की राशी देने से पहले राज्य सरकार एक क्राइटेरिया बना ली है. अब राज्य सरकार ने महिलाओं को देने वाली मंइयां सम्मान योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं के लिए कड़े गाइडलाइंस जारी किए हैं. सामाजिक सुरक्षा विभाग की निदेशक ने तीन दिसंबर को सभी जिलों के उपायुक्त को पत्र भेजकर ऐसे लाभुकों को चिह्नित करने और योजना से बाहर करने का निर्देश दिया है.

ये महिलाएं अब मंईयां सम्मान योजना का लाभ नहीं ले सकेंगी

पत्र के मुताबिक, जिन महिलाओं को पति किसी भी तरह के सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान में मानदेय या निविदा पर भी काम कर रहे हैं उन्हें लाभ से वंचित कर दिया जाएगा.

इतनी लाख महिलाओं ने अबतक किया है आवेदन

आपको बता दें कि अबतक इस योजना में 53 लाख 63 हजार 354 महिलाओं को लाभ की स्वीकृति मिली हुई है. जबकि 64 लाख 42 हजार 005 महिलाओं ने इसके लिए कुल आवेदन किया है. नए प्रविधान के मुताबिक ऐसे अयोग्य लोगों की पहचान इसी साल दिसंबर महीने तक करनी है और उन्हें पोर्टल से बाहर करना है.

उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे लोगों को लाभ लेने से रोकते हुए दी गई राशि वसूल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाए. बताया गया है कि कई महिलाएं दो- दो जिलों में योजना का लाभ ले रही हैं.

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर लगाया ये आरोप

मंइयां सम्मान योजना के लिए जारी किए गए नए निर्देश का भाजपा विरोध कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कह चुके हैं कि जिन महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है उनसे राशि वसूलने नहीं दिया जाएगा. भाजपा ने राज्य सरकार पर महिलाओं से झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया है.

गौरलब है कि सरकार की ओर से कहा गया था कि 2500 रुपये वाली पहली किस्त सरकार 11 दिसंबर को लाभुको के खाते में भेज देगी हालांकि सरकार किसी कारणवश अब तक इस राशि को नहीं भेज सकी है.

पुलिस मख्यालय ने सभी जिलों को किया निर्देश जारी, बृहत पैमाने पर हो होंगे पुलिस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग


झारखंड डेस्क 

नयी सरकार बनने के बाद राज्य में ट्रांसफर पोस्टिंग आम है। अब झारखंड में भी पुलिस विभाग में बड़ी संख्या में तबादले हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक पुलिस मख्यालय ने इसे लेकर सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिया है। सभी एसपी और एसएसपी को जारी पत्र में कहा गया है कि लंबे समय से एक ही जगह पर जमे पुलिसकर्मियों का तबादला किया जायेगा।

तबादले की जद में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक आयेंगे। माना जा रहा है कि इसी महीने आखिरी तक पुलिस विभाग में बड़ी संख्या से जिला स्तर पर तबादले शुरू हो सकते हैं। कुछ पुलिसकर्मियों का ऐच्छिक तो कुछ का प्रशासनिक आधार पर तबादला किये जाने की तैयारी हैं। सूची तीन दिनों के भीतर डीआइजी कार्मिक को भेजने के लिए कहा गया है।

पत्र में कहा गया हैकि वैसे जवान-पदाधिकारी जिन्हें स्थानीय भाषा का ज्ञान हो तथा वे चाईबासा जिला या आसपास के जिलों के निवासी हों, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।आठ वर्ष या इससे अधिक समय से पदस्थापित पदाधिकारियों को चाईबासा जिले में स्थानांतरित करने को कहा है। वहीं, दूसरी तरफ उन्हें सूचना है कि अनेक ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो लंबे समय से जमशेदपुर में पदस्थापित रहे हैं।

अवधि पूरा होने पर अनेक पुलिसकर्मी का स्थानांतरण जमशेदपुर से सरायकेला हुआ है।ऐसे पुलिसकर्मी जो वर्तमान में जिस जिले में पदस्थापित हैं एवं जिनका उस जिले में कुल पदस्थापन अवधि आठ वर्ष से अधिक है, उसकी सूची तैयार करना है।

उक्त सूची में शामिल सिपाही से लेकर पुलिस निरीक्षक स्तर तक के पदाधिकारियों को मैदानी क्षेत्र से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी पदस्थापित किया जा सकता है।लिस्ट मिलने के बाद जिला व प्रमंडल स्तर पर पुलिसकर्मियों की तबादला सूची जारी हो सकती है।

अनुसंधानकर्ताओं को न्यायाधीश ने सिखाया अनुसंधान का गुर

समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश

धनबाद : झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारियों के लिए आयोजित एकदिवसीय जिला स्तरीय कैपिसिटी बिल्डिंग सह जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल कोर्ट धनबाद में रविवार को धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला,एसएसपी एच पी जनार्दनन बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो, बार एसोसिएशन महासचिव जीतेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया।

 इस मौके पर न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है।  अनुसंधानकर्ताओं को संबोधित करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सड़क दुर्घटना में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं किए जाने के कारण मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाता है ।इस विषय पर पुलिस पदाधिकारियों को संदेश देते हुए जिला जज ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी भी हालत में 30 दिन के अंदर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट कोर्ट को भेज देनी है,अन्यथा थाने के भार साधक अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। 

उन्होंने कहा कि यदि समय पर पुलिस ऐसा कर दें तो मृतक के परिजनों को तमाम मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा यह समाज के प्रति हमारा कर्तव्य है।एसएसपी श्री जनार्दनन ने कहा कि पुलिस के पास अत्यधिक कार्य का बोझ होता है जिस कारण भी कई बार अनुसंधान में कई तरह की त्रुटियां रह जाती है जिसका फायदा अभियुक्त ले जाते हैं इसलिए यह कार्यशाला हमारे अनुसंधान कर्ताओं को अनुसंधान में काफी मदद करेगी। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों और उससे संबंधित कानून की जानकारी देते हुए न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों की गरीमा बनाए रखने में न्यायपालिका सहित आप सबों का अहम रोल है ।

  नए आपराधिक कानून के संबंध में कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अरणेश व ऐनटिल के मामले में पारीत निर्णय का पुलिस कठोरता से पालन करे अब किसी भी व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के समय उस व्यक्ति के विरुद्ध उसके अपराध में शामिल होने के पुख्ता साक्ष्य भी पेश करना होगा अन्यथा उस व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जाएगा। 

लोक अभियोजक धनबाद अवधेश कुमार ने एनडीपीएस एक्ट में पुलिस पदाधिकारीयों को अनुसंधान करने के तरीके के विषय में बताया। 

अधिवक्ता मो सिराज ने लोगों को सावधानीपूर्वक सड़क पर गाड़ी चलाने की सलाह दी और कहा कि असावधानी के कारण ही आए दिन दुर्घटना हो जाया कर रही है। कार्यशाला के विषय में जानकारी देते हुए डालसा सचिव सह अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने पीड़ित से संबंधित कानून व उसके पुनर्वास से संबंधित कानून, योजना, कुमार विमलेंदु ने पोक्सो एक्ट से संबंधित कानून के विषय में बताया। डालसा सचिव ने बताया कि कार्यशाला में तमाम न्यायिक पदाधिकारी, बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष,महासचिव जीतेंद्र कुमार,लोक अभियोजक,अवधेश कुमार,अपर एवं सहायक लोक अभियोजक, विभिन्न थानों के पदाधिकारी, पारा लीगल वालंटियर,डालसा के पैनल अधिवक्ता, एलएडीसीएस के,चीफ कुमार विमलेंदु,डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक कन्हैया लाल ठाकुर,नीरज गोयल, शैलेन्द्र झा,सुमन पाठक, स्वाति, मुस्कान समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

झारखंड: सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक अधिकारियों की हत्या उचित नही :बाबूलाल मरांडी


झारखंड डेस्क 

 झारखंड में JSSC-CGL परीक्षा परिणाम को रद्द करने की मांग तेज हो रही है। इधर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस टीम सख्त होती जा रही है। जानकारी के मुताबिक कई प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है।

इधर भाजपा ने आंदोलनकारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर नाराजगी जतायी है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि JSSC-CGL में गड़बड़ी का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा की जा रही कारवाई बेहद चिंताजनक है।

बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि यदि यह सूचना सही है तो फिर सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या कतई उचित नहीं है। जनता ने आपको बहुमत प्रदान किया है। इसलिए जनादेश का सम्मान करते हुए छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करें और इस मामले का संज्ञान लेकर छात्र आंदोलनकारियों पर किए जा रहे पुलिसिया कारवाई को अविलंब रोकें।

दरअसल सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट कर आनंद कुमार ने बताया है कि सूचना मिल रही है कि एग्जाम फाइटर्स के संचालक कुणाल प्रताप सिंह के घर आज रात पुलिस पहुंची थी.15 को अभ्यर्थियों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है और 17 दिसंबर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई है.JSSC CGL आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कुणाल अपराधी नहीं हैं.धैर्य रखना चाहिए।

आपको बता दें कि 15 दिसंबर को संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 2023 का रिजल्ट रद्द करने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में छात्र और अभ्यर्थी रांची में जेएसएससी कार्यालय नामकुम के बाहर धरना प्रदर्शन कर सकते हैं। पुलिस के द्वारा कई स्थानों पर छात्रों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी की गई है। झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग ने इसे लेकर सभी जिलों के एसपी को अलर्ट करते हुए पत्र भी भेजा है।

झारखंड में चुनावी सरगर्मी बढ़ी, शिबू सोरेन से मिली दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी व अखिलेश महतो

स्पेशल ब्रांच के द्वारा जारी किए गए पत्र में यह लिखा गया है कि जानकारी मिली है कि 15 नवंबर को नामकुम थाना क्षेत्र स्थितजेएसएससी के सामने सीजीएल परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिले मुख्यतः रांची, हजारीबाग, रामगढ़ ,धनबाद, बोकारो ,चतरा, गिरिडीह, जमशेदपुर, दुमका, सरायकेला, पलामू और गढ़वा से 4000 से 5000 की संख्या में अभ्यर्थी प्रदर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. स्पेशल ब्रांच की ओर से बताया गया है कि छात्रों के आंदोलन को सभी प्रमुख विपक्षी दलों का भी समर्थन प्राप्त है।

पीवीयूएनएल ने शुरू किया 2 महीने का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क: सामुदायिक विकास कार्य के अंतर्गत स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने और युवाओं को रोजगार योग्य कौशल प्रदान करने की दिशा में, पीवीयूएनएल (PVUNL) ने 14 दिसंबर शनिवार को एसी और वॉटर पंप मरम्मत पर 2 महीने का आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

 इस पहल के तहत आसपास के 13 गांवों के 20 छात्रों को राजकीय मिनी टूल रूम, रांची में प्रशिक्षण के लिए आर के सिंह मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

कार्यक्रम के दौरान पीवीयूएनएल के सीईओ, आर.के. सिंह ने छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ संवाद किया। उन्होंने जीवन में सफलता के लिए रोजगार पर कौशल प्रशिक्षण और कड़ी मेहनत के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस कार्यक्रम को युवाओं के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। 

 

उपरोक्त प्रशिक्षण हेतु कुल 30 छात्रो को राजकीय मिनी टूल रूम रांची में प्राधिकृत किया जाएगा । जिसमे 20 छात्रो को ट्रेनिंग हेतु रवाना किया गया शीघ्र ही 10 और छात्रो को भेजा जाएगा।

 इस अवसर पर पीवीयूएनएल के वरिष्ठ अधिकारी अनुपम मुखर्जी (जीएमपी),जी देवदीप बोस, मनीष खेत्रपाल (जीएम, रखरखाव), और मानव संसाधन प्रमुख जियाउर रहमान उपस्थित रहे। साथ ही बलकुदरा गांवों के मुखिया विजय मुंडा और ग्रामीणों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। PVUNL की यह पहल न केवल युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करेगी, बल्कि स्थानीय समुदाय के समग्र विकास में भी योगदान देगी।

जेएसएससी CGL परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर होने वाले धरना प्रदर्शन को लेकर रांची स्थित JSSC ऑफिस के बाहर पुलिस तैनात


झारखण्ड डेस्क 

जेएसएससी CGL परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर हजारों की संख्या में छात्र और अभ्यर्थी रांची में जेएसएससी कार्यालय नामकुम के बाहर धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। इधर प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने भी तगड़े इंतजाम किये हैं।

कई स्थानों पर छात्रों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी की गई है। झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग ने इसे लेकर सभी जिलों के एसपी को अलर्ट करते हुए पत्र भी भेजा है। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए जेएसएससी आफिस के सामने और उसके आस की सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। सभी जगहों पर लोहे से दो लेयर की बैरिकेडिंग की गई है।

ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि कार्यालय के 100 दूरी पर बने घेरे पर ही सभी को रोका जाएगा। प्रदर्शनकारी छात्र कार्यालय तक ना पहुंचकर हंगामा न करें इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उपद्रव करने वालों को कैंप जेल में रखा जाएगा।

 कैंप जेल के लिए बरगावां स्थित आर के आनंद लॉन बॉल स्टेडियम, सरकारी स्कूल सहित अन्य जगहों को चिन्हित किया गया है।

छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए आयोग कार्यालय के सामने एवं आयोग कार्यालय की ओर आने वाले सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। सभी जगहों पर लोहे से दो लेयर बैरिकेडिंग की गई है। ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि कार्यालय के 100 दूरी पर बनें घेरे से ही सभी को रोका जाएगा।

आयोग द्वारा चयनित 2231 अभ्यर्थियों का आगामी 16 दिसंबर से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होना है, लेकिन जिस तरह से एक बार फिर विवाद बढ़ा है उससे साफ लग रहा है कि यह फिलहाल शांत होनेवाला नहीं है। जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों जेएसएससी कार्यालय का घेराव की घोषणा करके आयोग और जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है।

इन सबके बीच झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार 14 दिसंबर को सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे अफवाह पर नाराजगी जताई। आयोग का कहना है कि प्रमाण पत्रों की जांच हेतु चयनित 2231 उम्मीदवार में से 2145 अभ्यर्थी झारखंड के निवासी हैं यानी 96 फीसदी अभ्यर्थी झारखंड के चयनित हुए हैं।

झारखण्ड सरकार के लिए राजस्व जुटाना चुनौतीपूर्ण, सरकार इस समस्या के हल के लिए पहल शुरू कर दी है, जल्द होगा समाधान

झारखण्ड डेस्क 

झारखण्ड सरकार को योजनाओं के लिए राशि जुटाना चुनौतीपूर्ण हैं। सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी इस बात को स्वीकार किया है। पलामू में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने माना कि राशि जुटाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं है।

उन्होंने कहा मंईयां सम्मान योजना के तहत राशि जारी नहीं होने को लेकर उठ रहे सवाल पर कहा कि प्रशासनिक प्रक्रिया में देरी होने के कारण मंईयां सम्मान योजना की राशि अब तक महिलाओं के खाते में नहीं आ पाई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और लाभुकों के खाते में उतनी ही राशि जाएगी। राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार जो भी घोषणा करती है, उसे पूरा भी करती है। 50 लाख लाभुकों के खाते में हर महीने 2500-2500 रुपये दिए जाने हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना की राशि पूरी करने के लिए सरकार कई बिंदुओं पर काम कर रही है। झारखंड को 70 फीसदी राजस्व कमर्शियल डिपार्टमेंट से मिलता है। राजस्व में बढ़ोतरी होने से मंईयां सम्मान योजना की राशि पूरी हो जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों विभागीय समीक्षा की थी।

उन्होंने कहा कि अभी भी झारखंड में बहुत कुछ करना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड में माइंस से सिर्फ 11 हजार करोड़ रुपये ही आता है, जबकि उड़ीसा में इससे कम माइंस में 40 से 50 हजार करोड़ रुपये राजस्व आता है। वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को राजस्व को बेहतर करने के निर्देश दिये हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया है कि झारखंड सरकार के राजस्व में कई लीकेज हैं।

उन्होंन अधिकारियों को इस लीकेज को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2018-19 में एक्साइज से एक हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। 2019-20 में यह राजस्व बढ़कर दो हजार करोड़ हो गया। 2019-20 के बाद राजस्व में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।पूरे मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और संभव हुआ तो नीति में बदलाव भी हो सकता है।

वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में माइनिंग और सेल टैक्स से 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. मंत्री ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राजस्व को जुटानाव चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन अगर इच्छाशक्ति रहे तो इसे पूरा किया जा सकत है। इस दिशा में सरकार आगे काम कर रही है।

झारखण्ड में जल्द होगी बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली, प्रदेश के नये शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दी जानकारी

झारखण्ड डेस्क 

झारखण्ड में जल्द ही बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती होगी। इन शिक्षकों की भर्तियां अलग-अलग स्तर पर होगी। प्रदेश के नये शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जानकारी दी है कि झारखंड में जल्द ही 52 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। साथ ही, राज्य में 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खुलेगा।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में जो शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, उसमें कुछ कानूनी अड़चनें हैं, जिसे जल्द ही दूर किया जायेगा। 26 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जैसे ही इस पर फैसला आएगा, राज्य सरकार पहले चरण में इन 26 हजार पदों पर नियुक्ति करेगी, जबकि दूसरे चरण में बाकी के 26 हजार शिक्षकों की बहाली होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने में मजबूती आयेगी। इससे राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा। राज्य स्तर पर शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए काम किया जा रहा है, क्योंकि केवल मजबूत नींव से ही शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर हो सकती है। प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए सरकार ये कदम उठायेगी।

जमशेदपुर स्थित परिसदन में शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री ने अफसरों को दो टूक निर्देश दिये हैं कि वो शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी को लेकर कड़ी चेतावनी दी और कहा कि कोई बहाना नहीं चलेगा, शिक्षकों को समय पर स्कूल आना होगा।

बैठक में कई खामियां सामने आयीं, जिसमें सुधार के लिए 15 दिनों में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक होगी, जिसमें अधिकारियों से जवाब-तलब होगा। मंत्री ने कहा कि जल्द ही स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं में पठन-पाठन की शुरुआत होगी. इसके लिए क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति जल्द ही होगी. इस दिशा में पहल शुरू कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की दूरियों को कम किया जाएगा, ताकि शिक्षा में समानता सुनिश्चित हो. सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा पद्धति को अपनाया जाएगा।

बोकारो में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हुई नोंक-झोक

बोकारो :लकड़ीगोला स्थित मोहन टिंबर सहित आसपास के अवैध निर्माण को हटाने के लिए बीएसएल प्रबंधन ने कई बार टिंबर संचालक को नोटिस भेजा, लेकिन टिंबर संचालक की ओर से अवैध निर्माण नहीं हटाया गया.

अंतत: गुरुवार को अतिक्रमण हटाने बीएसएल की टीम लकड़ीगोला पहुंची. साथ में, मजिस्ट्रेट, सिटी थाना पुलिस, बीएसएल के सुरक्षा कर्मी व नगर सेवा विभाग के दर्जनों वरीय अधिकारी व कर्मी थे.यहां लगभग एक घंटे तक हाई वाेल्टेज ड्रामा चला.

कई बार दोनों ओर से नोक-झोक व बहसबाजी भी हुई. अंतत: प्रशासन व पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए अभियान का तत्काल टाल दिया. इसके बाद बीएसएल की टीम मोहन टिंबर सहित आस-पास के अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी देकर वापस लौट गयी.
इस दौरान काफी भीड़ जमा हो गयी थी. कुछ देर के लिए जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी.

मामला कोर्ट में है, बीएसएल की कार्रवाई उचित नहीं :

बीएसएल अधिकारियों का कहना था कि संपदा न्यायालय-बोकारो की ओर बेदखली आदेश पारित किया जा चुका है. इसलिए हर हाल में अवैध निर्माण को हटाया जायेगा. उधर, मोहन टिंबर के संचालक का कहना था कि मामला कोर्ट में चल रहा है. इसलिए बीएसएल की कार्रवाई उचित नहीं है. इस पर, बीएसएल अधिकारियों का कहना था कि मामला कोर्ट में है. कोर्ट ने निर्माण हटाने पर रोक नहीं लगायी है.

संपदा न्यायालय-बोकारो की ओर से पारित किया जा चुका है बेदखली आदेश:

प्रबंधन की मानें तो अवैध निर्माण नहीं हटा तो बीएसएल अवैध निर्माण को हटा देगा. अवैध निर्माण हटाने के दौरान मजिस्ट्रेट, स्थानीय पुलिस व बीएसएल सिक्यूरिटी के जवान काफी संख्या में उपस्थित थे. साथ ही, स्थानीय लोगों की भी भीड़ यहां उमड़ पड़ी. उल्लेखनीय है कि लकड़ीगोला सहित आस-पास के सभी क्षेत्रों में संपदा न्यायालय-बोकारो की ओर बेदखली आदेश पारित किया जा चुका है.

*बेदखली आदेश पारित अवैध निर्माण को शीघ्र हटायेगा बीएसएल प्रबंधन :*


बेदखली आदेश पारित वाले अवैध निर्माण को बीएसएल प्रबंधन की ओर से शीघ्र हटाया जायेगा. इसलिए बीएसएल प्रबंधन ने ऐसे गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को आगाह किया है कि बीएसएल की अधिग्रहीत भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त न करें, अन्यथा अवैध निर्माण हटाने के अलावा उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. इसके लिए बीएसएल-नगर सेवा के एलआरए विभाग ने कमर कस ली है.
तोपचांची में रेल परियोजना का ग्रामीणों ने किया विरोध

झारखण्ड डेस्क
धनबाद के तोपचांची प्रखंड की रामाकुंडा पंचायत में रेल परियोजना से प्रभावित रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है. इसके विरोध में ग्रामीणों ने शुक्रवार को वहां चल रहे निर्माण कार्यों का विरोध करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों ने बताया कि रेल परियोजना के तहत रामाकुंडा पंचायत के आईबीएच हॉल्ट के समीप निर्माण कार्य चल रहा है. यहां काम वैसी जमीन पर काम चल रहा है, जिसका मुआवजा रैयतों को नहीं मिला है. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक मनमाने तरीके से काम करा रहा है. रैयतों को बिना सूचना के ही उनकी जमीन पर तालाब निर्माण के नाम पर मिट्टी की कटाई की जा रही है.

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक काम नहीं होने देंगे और विरोध प्रदर्शन भी जारी रहेगा. ग्रामीणों ने वहां बेरिकेडिंग कर काम रोक दिया है.