महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार: 39 नए मंत्रियों ने ली शपथ, जानें किसका कटा पत्ता?


महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो गया है. नागपुर राजभवन में कुल 39 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. इस बार बीजेपी के सबसे ज्यादा 19 मंत्रियों ने शपथ ली, जबकि शिवसेना शिंदे गुट के 11 और एनसीपी अजित पवार गुट के 9 मंत्रियों ने शपथ ली. महायुति के इस बार के कैबिनेट विस्तार कई नए चेहरों को शामिल किया गया तो कई पुराने मंत्रियों का पत्ता भी काट दिया गया है.

विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर बीजेपी नंबर एक पार्टी बनकर उभरी, बीजेपी ने विधानसभा में 132 सीटें जीतीं, जबकि राष्ट्रवादी अजित पवार गुट ने 41 सीटें और शिवसेना शिंदे समूह ने 57 सीटें जीतीं. चुनाव में ज्यादा सीट हासिल करने के बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने जबकि एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम बनना पड़ा. वहीं, अजित पवार पहले भी डिप्टी सीएम से थे और अब भी डिप्टी सीएम हैं.

नई कैबिनेट की खास बात ये है कि इसमें कई नए चेहरों को मौका दिया गया है, जिसके चलते कुछ अनुभवी नेताओं की छुट्टी कर दी गई है. जिसमें राष्ट्रवादी अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है. वहीं दूसरी ओर शिव सेना शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर भी मंत्री पद का मौका चूक गए हैं. रवींद्र चव्हाण के जगह को भी बीजेपी ने टेकओवर कर लिया.

किसने ली मंत्री पद की शपथ?

बीजेपी कोटे से चन्द्रशेखर बावनकुले, राधाकृष्ण विखे पाटिल. चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन, गणेश नाइक, मंगल प्रभात लोढ़ा, जयकुमार रावल, पंकजा मुंडे, अतुल अशोक उइके, आशीष शेलार, संजय सवकारे, नीलेश राणे, आकाश फुंडकर, माधुरी मिसाल. राज्य मंत्री के रूप में पंकज भोईर, मेघना बोर्डिकर, शिवेंद्र सिंह, राजे भोसले.

शिवसेना शिंदे गुट से कौन?

गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे, संजय राठौड़, उदय सामंत, शंभूराज देसाई, संजय शिरसाट, प्रताप सरनाईक, भरत गोगावले, प्रकाश आबिटकर. राज्य मंत्री आशीष जयसवाल और योगेश कदम.

एनसीपी अजित गुट से कौन-कौन?

हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, दत्तात्रेय भरणे, अदिति तटकरे, माणिकराव कोकाटे, नरहरि जिरवाल, मकरंद जाधव, बाबासाहेब पाटिल, इंद्रनील नाइक.

महाराष्ट्र में ढाई साल होगा मंत्रियों का कार्यकाल, देना होगा शपथ पत्र

महाराष्ट्र में काफी दिनों के सस्पेंस के बाद रविवार को अंततः सीएम देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. नागपुर में 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. इस अवसर पर सीएम देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित भाजपा के कई आला नेता उपस्थित थे. राज्यपाल ने नागपुर में नवनिर्वाचित मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाई, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार शपथ लिए मंत्रियों का कार्यकाल पांच साल का नहीं, बल्कि ढाई साल का होगा और मंत्री पद का शपथ लेने के बाद उन्हें शपथ पत्र भी लिखना होगा. इसे लेकर अजित पवार और एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है, लेकिन यह फॉर्मूला बीजेपी के मंत्रियों पर लागू होगा या नहीं. यह अभी साफ नहीं है.

बता दें कि मंत्रिमंडल के विस्तार में कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया तो कुछ पुराने चेहरे को दोबारा मंत्री बनाया गया है. इस बीच मंत्री पद नहीं मिलने से कुछ नेताओं में नाराजगी देखी गई है. गौरतलब है कि कुल 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है. इनमें बीजेपी के 19, एनसीपी के 9 और शिवसेना शिंदे समूह के 11 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है.

भंडारा विधानसभा क्षेत्र के शिवसेना विधायक भोंडेकर ने मंत्री पद नहीं मिलने पर शिवसेना उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया है . इसके साथ ही महागठबंधन के घटक दल आरपीआई (रिमेम्बर ग्रुप) के प्रमुख रामदास अठावले ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. हमसे एक कैबिनेट मंत्रालय और एक विधान परिषद का वादा किया गया था. हालांकि, वास्तव में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है. आठवले ने कहा है कि मैं अपने पदाधिकारियों का सामना कैसे करूंगा.

ढाई साल होगा मंत्रियों का कार्यकाल

दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी संकेत दिया है कि जिन नेताओं को मंत्री पद मिला है, वे केवल ढाई साल तक ही इस पद पर रह सकते हैं. उन्होंने एक पार्टी कार्यक्रम में भाषण के दौरान यह टिप्पणी की है. लेकिन बीजेपी में इस बात को लेकर संशय है कि इस फॉर्मूले का पालन किया जाएगा या नहीं.

मंत्रियों से लिखाया जाएगा शपथ पत्र

दूसरी ओर, शिवसेना के मंत्रियों से शपथ पत्र लिखवाया जाएगा. जिन नेताओं को मंत्री पद का मौका दिया गया है उन्हें सिर्फ ढाई साल के लिए ही मंत्री पद दिया जाएगा. उसके बाद ये मंत्रालय छोड़ना पड़ेगा. इसका उल्लेख शपथ पत्र में किया जाएगा. मंत्री पद की शपथ से पहले शिवसेना पार्टी की बैठक हुई. इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के नेताओं को यह जानकारी दी है .

इधर ज्वॉइनिंग-उधर टिकट… कौन हैं AAP में शामिल होने वाले रमेश पहलवान?

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने आज अपनी चौथी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में पार्टी ने कस्तूरबा नगर से रमेश पहलवान को टिकट दिया है. आप ने आज 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बीजेपी नेता रमेश पहलवान अपनी पत्नी कुसुमलता के साथ बीजेपी का दामन छोड़ कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे. इधर वो पार्टी में शामिल हुए, उधर पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया है.

आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी बची हुई सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने अपनी चौथी लिस्ट में 38 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. चौथी लिस्ट में ऐलान किया गया है कि नई दिल्ली से केजरीवाल और कालका विधानसभा क्षेत्र से सीएम आतिशी चुनाव लड़ेंगी.

कौन हैं रमेश पहलवान?

रमेश पहलवान का आम आदमी पार्टी से पुराना नाता रहा है. साल 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था और साल 2013 में रमेश पहलवान ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी. साल 2013 से 2017 तक वो पार्टी का हिस्सा रहे. पूरे 4 साल तक पार्टी में रहने के बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. आज 7 साल बाद उनकी घर वापसी हुई है. हालांकि, आज घर वापसी करने के फौरन बाद आप ने उन पर भरोसा जताया है और उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र कस्तूरबा नगर से मैदान में उतारा है.

रेसलिंग और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में रमेश पहलवान काफी आगे रहे हैं और उन्होंने अहम रोल निभाया है. वो रेसलिंग और स्पोर्ट्स से जुड़ी कई संस्थाओं के अध्यक्ष और सदस्य भी हैं.

केजरीवाल ने टिकट देने का किया था इशारा

अरविंद केजरीवाल ने रमेश पहलवान और पत्नी कुसुमलता को पार्टी में शामिल करते समय उन्हें टिकट देने का इशारा किया था. केजरीवाल ने कहा था, मुझे बड़ी खुशी हो रही है कि रेमश पहलवान और कुसुमलता AAP ज्वाइन कर रहे हैं.

आप अगर उस इलाके के लोगों से पूछे तो आपको पता चलेगा कि रमेश जी और कुसुमलता जी किस तरह से 24 घंटे अपने लोगों के बीच में रहते हैं. किसी का भी सुख-दुख हो, छोटे से छोटे व्यक्ति का सुख-दुख हो, हर एक के सुख-दुख में यह सबसे आगे रहते हैं. दिल्ली के स्तर पर इन्होंने काफी अहम भूमिका निभाई है.

रमेश पहलवान ने क्या कहा?

मेरी आज दोबारा घर वापसी हो रही है, मैं दोबारा से घर वापसी कर रहा हूं, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के आने के बाद दिल्ली में बहुत सुधार हुआ है, चाहे स्वास्थ, शिक्षा की बात हो, मुफ्त बिजली-पानी की बात हो, इनकी नीतियों को देखते हुए, इनके आदर्शों पर चलते हुए मैं इस पार्टी में दोबारा आया हूं. क्षेत्र की सेवा करेंगे.

मदन लाल का काटा टिकट

आम आदमी पार्टी ने इस सीट से मदन लाल का टिकट काट दिया है. मदन लाल ने कस्तूरबा नगर निर्वाचन क्षेत्र से साल 2020 में जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार पार्टी ने रमेश पहलवान को टिकट दे दिया है. मदन लाल साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं. वह कस्तूरबा नगर विधानसभा से तीन बार विधायक हैं, उन्होंने 2013, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर लगातार तीन चुनाव जीते, लेकिन पार्टी ने अब तीन बार के विधायक को टिकट न देकर घर वापसी करने वाले रमेश पहलवान को मैदान में उतारा है.

MP के स्कूल हॉस्टल में फटा गैस सिलेंडर,9 लोग घायल, 1 बच्चे का कटा पैर

मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले एक छात्रावास में शनिवार देर रात अचानक सिलेंडर फट गया. हादसे में कई बच्चे घायल हो गए हैं. वहीं, एक बच्चे का पैर कट गया है. घटना के बाद आनन-फानन में सभी बच्चों अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मौके पर पहुंचकर डीएम और पुलिस अधीक्षक ने बच्चों का हालचाल जाना और हादसे के बारे में जानकारी ली. छुट्टी के कारण बहुत से बच्चे घर चले गए थे. इसलिए इस हादसे ने कोई विकराल रूप नहीं लिया.

मऊगंज जिले के नईगढ़ी थाना क्षेत्र के तहत आने वाले एक अनुसूचित जनजाति छात्रावास में बीते अचानक एक सिलेंडर में जोरदार ब्लास्ट हो गया. इस हादसे में होस्टल में मौजूद करीब 8 बच्चे घायल हो गए हैं. वहीं, बच्चे का पैर कट गया है, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. घटना के तुरंत बाद बच्चों को इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती किया गया है. मामले की जानकारी होते ही घटनास्थल का DM और SP ने निरीक्षण किया.

होस्टल में फटा सिलेंडर

पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि देर रात यह हादसा हुआ है. करीब 9 बच्चे इस हादसे में घायल है, जिसमें से एक बच्चे के पैर कट गया है. पुलिस ने मामले की जांच में लगा गई है कि यह हादसा है यो फिर कोई साजिश है? घटना वाले दिन रात 11 बजे खाना खाकर सो रहे थे. इसी दौरान होस्टल के कुक ने बच्चों को बताया कि होस्टल में एक जगह आ लगी हुई है. मामले की जानकारी होते ही छात्र कुक के साथ आग बुझाने के लिए, लेकिन इसी दौरान सिलेंडर फट गया और बच्चों घायल हो गए.

सिलेंडर का कटा हुआ था पाइप

बच्चों को पहले इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था. वहीं, बाद में रीवा के संजय गांधी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था. घायल बच्चों का आरोप है कि किसी ने किचन से ले जाकर सिलेंडर को एक कमरे में रख दिया था. वहीं, उसके पाइप को काटकर ढक दिया था. इसी दौरान कहीं से उसमें आग लग गई और फिर जोरदार ब्लास्ट हो गया

उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल बाद खुला हनुमान मंदिर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दिया बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश के संभल में मुस्लिम बहुल इलाके खग्गू सराय में 46 सालों बाद मंदिर का ताला खोला गया. इसी को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, अब भय के बल पर, धमकी के बल पर, डरा कर के जो यहां पर कब्जे किए गए थे, हिंदुओं को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया था, अब वो समय समाप्त हो गया है.

उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चेकिंग अभियान के दौरान मुस्लिम बहुल इलाके खग्गू सराय में एक हनुमान मंदिर मिला. जहां पिछले 46 सालों से ताला लगा हुआ है. बंद मिले मंदिर का ताला खोला गया और रविवार की सुबह आरती और पूजा अर्चना की गई.

केशव प्रसाद मौर्य ने क्या-क्या कहा?

यूपी के डिप्टी सीएम ने कहा, उत्तर प्रदेश के संभल में 4 दशक से अधिक समय तक हनुमान जी के मंदिर को बंद कर के रखा गया था. एक भय का माहौल पैदा करके हिंदुओं को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया था. मंदिर खुलने के बाद जहां लोगों में खुशी है और विश्वास है. वहीं, दूसरी तरफ ऐसा लगता है कि इस तरह से कहीं पर भी किसी धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल को बंद कर के, कब्जा कर के, छुपा कर के लोगों को वहां जाने से रोक कर कुछ किया है तो उसको पता करें.

कोई विवाद का विषय नहीं”

केशव प्रसाद मौर्य ने इस मामले में आगे कहा, यह कोई विवाद का विषय नहीं है. अब भय के बल पर धमकी के बल पर डरा कर के जो कब्जे किए गए थे यहां पर, हिंदुओं को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया था अब वो समय समाप्त हो गया है.

1978 से बंद पड़ा था मंदिर

संभल के खग्गू सराय इलाके में मिले मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा और शिवलिंग मौजूद है. मंदिर में 46 साल बाद रविवार को हुई आरती में कई श्रद्धालु शामिल हुए. साथ ही मंदिर में बिजली की व्यवस्था की गई और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. यह हनुमान मंदिर 1978 से बंद पड़ा था. इस मंदिर के आसपास रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग अपने घर बेचकर चले गए थे.

बिहार के मुजफ्फरपुर में चोरी के आरोप में एक युवक की तालिबानी सजा देने के बाद पीट-पीटकर हत्या

बिहार के मुजफ्फरपुर में चोरी के आरोप में एक युवक को तालिबानी सजा देते हुए पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. गांव वालों का कहना है कि मृतक गांव में ट्रैक्टर चोरी करने आया था. इसी दौरान उसे पकड़ा था. गांव वालों ने युवक को पकड़कर उसके हाथ-पैर एक ऑटो में बांध दिये थे. इसके बाद उन्होंने पूरी रात रुक-रुक कर युवक की पिटाई की. युवक रहम की भीख मांगता रहा है, लेकिन किसी ने उसकी एक भी नहीं सुनी थी.

मुजफ्फरपुर के औराई के योगिया गांव के लोगों ने चोरी के शक में एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी. गांव वालों का कहना है कि मृतक शंभू अपने चार दोस्तों के साथ गांव में एक ट्रैक्टर चोरी करने आया था. चोरी की भनक लगते ही ट्रैक्टर मालिक जाग गया और उसने चिल्लाना शुरू कर दिया. हल्ला सुनते ही शंभू और उसके चार साथियों ने भागना शुरू कर दिया. शंभू के साथी तो जान बचाकर भाग निकले, लेकिन शंभू को गांव वालों ने पकड़ लिया.

ऑटो में बांधकर की पिटाई

गांव वालों ने शंभू को पकड़ाकर एक ऑटो में बांध दिया. इसके बाद पूरी रात उसकी गांव वालों ने रुक-रुक कर जमकर पिटाई की. मामले की जानकारी होते ही पुलिस आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंची और युवक को गांव वालों के चुंगल से छुड़ाया. पुलिस आनन-फानन में शंभू को लेकर अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. प्रशिक्षु DSP सह थाना अध्यक्ष अभिजीत अल्केश ने बताया कि युवक को चोरी के आरोप में गांव वालों ने पकड़ा था.

पुलिस ने ट्रैक्टर मालिक को गिरफ्तार किया

युवक के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया है. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टर के मालिक गंगा साहनी और उसके भतीजे पुकार साहनी को गिरफ्तार किया गया है. चोर की सूचना पुलिस को नहीं देकर असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर किसी की करना अपराध है.

दिल्ली चुनावः AAP ने 38 उम्मीदवारों का किया ऐलान, सभी सीटों पर उतारे प्रत्याशी

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज होने लग गई है. इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी बची हुई सभी सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं. 

पार्टी ने रविवार को अपनी चौथी लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें 38 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इससे पहले आम आदमी पार्टी ने 3 लिस्ट जारी की थीं, जिसमें 32 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी थी.

आम आदमी पार्टी ने रविवार को पार्टी में शामिल होने वाले रमेश पहलवान को भी दिया टिकट दिया है. उसने कस्तूरबा नगर से अपने मौजूदा विधायक मदन लाल का टिकट काट दिया है और उन्हीं की जगह रमेश पहलवान को उम्मीदवार बनाया है.

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे, जबकि मुख्यमंत्री आतिशी कालका जी से ही चुनावी अखाडे़ में उतरी हैं. इसके अलावा ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज, बाबरपुर से गोपाल राय, मालवीय नगर से सोमनाथ भारती, मटिया महल से शोएब, राजेंद्र नगर से दुर्गेश पाठक चुनाव लड़ेंगे.

इस बीच अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘आज आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. पार्टी पूरे आत्मविश्वास और पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ रही है. बीजेपी गायब है. उनके पास ना CM चेहरा है, ना टीम है, ना प्लानिंग है और ना दिल्ली के लिए कोई विजन है. उनका केवल एक ही नारा है, केवल एक ही नीति है और केवल एक ही मिशन है- केजरीवाल हटाओ. उनसे पूछो 5 साल क्या किया, तो वो जवाब देते हैं, केजरीवाल को खूब गाली दी.’

आप संयोजक ने कहा, ‘हमारी पार्टी के पास दिल्ली वालों के विकास के लिए विज़न है, प्लान है और उसे लागू करने के लिए पढ़े लिखे लोगों की एक अच्छी टीम है. पिछले दस सालों में किए कामों की लंबी लिस्ट है. दिल्ली वाले काम करने वालों को वोट देंगे, ना कि गाली देने वालों को.’

बीजेपी को बड़ा झटका: बीजेपी पार्षद कुसुम लता ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा, अरविंद केजरीवाल ने किया स्वागत

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां दिल्ली के चुनाव नजदीक है, वहीं बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी पार्षद कुसुम लता ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. कुसुम लता अपने पति रमेश पहलवान के साथ पार्टी में शामिल हुईं.

कुसुम लता ने पार्टी में शामिल होने पर कहा, मेरा सौभाग्य है कि मैं आम आदमी पार्टी से जुड़ रही हूं. नरेश पहलवान ने कहा, मैं दोबारा से घर वापसी कर रहा हूं, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के आने के बाद दिल्ली में बहुत सुधार हुआ है, चाहे स्वास्थ, शिक्षा की बात हो. मैं इस पार्टी में दोबारा से आया हूं.

केजरीवाल ने पार्टी में किया स्वागत

अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर कहा, मुझे बड़ी खुशी हो रही है कि नरेश पहलवान और कुसुमलता आप ज्वाइन कर रहे हैं. साल 2012 में हमारी पार्टी बनी थी और इन्होंने हमारी पार्टी 2013 में ज्वाइन करी थी और यह 2017 तक पार्टी में रहे और फिर किसी वजह से ये चले गए थे, लेकिन अब फिर से इनकी घर वापसी हो रही है. रेसलिंग में और खेल के क्षेत्र में इन्होंने काफी काम किया है. कुसुमलता जी 2 बार पार्षद रही हैं. केजरीवाल ने आगे कहा, दिल्ली के सारे अच्छे-अच्छे लोग AAP ज्वाइन कर रहे हैं.

अमित शाह के बयान पर किया पलटवार

अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी, चिट्ठी को लेकर पूछे गए सवाल पर केजरीवाल ने कहा, मैंने कल चिट्ठी लिखी थी अमित शाह जी को और दिल्ली के अंदर कानून व्यवस्था बहुत खराब होती जा रही है. दिल्ली में औसतन रोजाना 17 बच्चे गायब हो रहे हैं, नशे का कारोबार हो रहा है, ऐसे में उनसे मिलकर इस पर चर्चा करना चाहता था लेकिन अभी तक कोई मुझे समय नहीं मिला है.

रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर पूछे सवाल

अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों पर केजरीवाल ने कहा, अमित शाह का बयान मैंने सुना नहीं है पर मैं उम्मीद करूंगा कि कोई भी जिम्मेदार होम मिनिस्टर ये जवाब नहीं देगा. इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर 4 हजार किलोमीटर है और उस 4 हजार किलोमीटर में से मुझे बताया गया कि 3 हजार किलोमीटर पर फेंसिंग है और 1 हजार किलोमीटर पर फेंसिंग नहीं है, लेकिन जो रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का भारत के अंदर घुसना हो रहा है वो हर तरफ से हो रहा है.

अरविंद केजरीवाल ने भारत में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर सवाल पूछते हुए कहा, भारत सरकार कर क्या रही है, क्या भारत सरकार खुलेआम यह मान रही है कि वो देश की सीमा की सुरक्षा करने में नाकाम है. पहली चीज तो यह है कि वो सीमा क्रॉस कैसे कर रहे हैं और दूसरी चीज है कि वो असम से बंगाल से दिल्ली कैसे पहुंच रहे हैं.

अतुल सुभाष की मौत के मामले में बड़ा अपडेट: पत्नी निकिता सिंघानिया को हो सकती है 10 साल तक की जेल , जानें क्या कहता है कानून

बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा और साले अनुराग को अरेस्ट कर लिया गया है. इन पर अतुल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. मामले में चौथा आरोपी यानि निकिता का चाचा फरार है. उसकी तलाश जारी है. चारों आरोपियों के खिलाफ अतुल ने धारा 108 के तहत मामला दर्ज करवाया है. भारतीय कानून के मुताबिक, इस लिहाज से चारों को 10 साल जेल की सजा हो सकती है.

भारतीय कानून के मुताबिक, धारा 108 भारतीय न्याय संहिता से जुड़ी एक धारा है. यह धारा आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ी है. इसके मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और बाद में पता चलता है कि किसी और ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया था तो उस व्यक्ति को दस साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.

इस अपराध में, दोस्त, रिश्तेदार या कोई भी अन्य व्यक्ति शामिल हो सकता है. अब निकिता, उसकी मां निशा और भाई अनुराग को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. जल्द ही उन्हें सुनवाई के लिए कोर्ट में दोबारा से पेश किया जाएगा. अब देखना ये होगा कि कोर्ट उन्हें इस मामले में कितनी सजा सुनाता है.

9 दिसंबर को आत्महत्या से पहले अतुल ने निकिता और उसके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया था. उन्होंने सुसाइड नोट और वीडियो में अपने आरोपों का ब्यौरा दिया था.

क्या बोले डीसीपी शिवकुमार?

डीसीपी व्हाइट फील्ड डिवीजन, बेंगलुरु (कर्नाटक) शिवकुमार ने बताया- आरोपी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम (हरियाणा) से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मामले में आगामी जांच जारी है.

आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज

अतुल सुभाष के भाई विकास ने भाभी निकिता और उसके परिवार के सदस्यों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में इन सभी को आरोपी के तौर पर दिखाया गया है. निकिता के परिवार ने चल रही जांच के बीच अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए अग्रिम जमानत मांगी थी. इस पर सोमवार को सुनवाई होनी है.

मानसिक तनाव में था अतुल

अतुल के परिवार की प्रतिक्रिया मामले के बाद सामने आई. पिता पवन मोदी ने भी बताया कि उनका बेटा मानसिक तनाव में था, लेकिन उसने कभी अपने परिवार को इस संबंध में नहीं बताया. अब अतुल के पिता पवन मोदी पोते व्योम की कस्टडी की मांग कर रहे हैं. अतुल के माता-पिता ने कहा- व्योम हमारे बेटे की आखिरी निशानी है. कोर्ट को उसे हमें सौंप देना चाहिए. हम उसका अच्छे से देखभाल करेंगे. हम चाहते हैं कि अपना आखिरी समय पोते के साथ ही गुजारें. अतुल तो नहीं रहा, लेकिन पोता हमारे साथ रहेगा तो शायद हमारे दिल पर लगे कुछ घाव कम हो जाएं.

महाकुंभ 2025: प्रयागराज में 8000 नागा साधुओं का भव्य प्रवेश, तन पर भस्म और हाथों में अस्त्र-शस्त्र के साथ झूमते हुए नागा साधुओं ने मचाया धूम

महाकुंभ का सबसे बड़ा जन आकर्षण अगर सनातन धर्म के 13 अखाड़े हैं, तो इन अखाड़ों का श्रृंगार हैं इनके नागा संन्यासी. सामान्य दिनों में इंसानी बस्तियों से दूर गुफाओं और कंदराओं में वास करने वाले इन नागा संन्यासियों की महाकुंभ में बाकायदा टाऊन शिप बन जाती है. जिसकी बुनियाद जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में पड़ गई है. इस बार के महाकुंभ में करीब 40 करोड़ से ज्यादा भक्तों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है.

प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण 13 अखाड़ों का महाकुंभ नगर में प्रवेश का सिलसिला शुरू हो गया है. नागा संन्यासियों की सबसे अधिक संख्या वाले श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े ने पूरी भव्यता और राजसी अंदाज के साथ महाकुंभ नगर में अपना नगर प्रवेश किया. जिसकी अगुवाई नागा संन्यासियों ने की है. तन में भस्म की भभूत और हाथों में अस्त्र लिए अपनी ही मस्ती में डूबे इन नागा संन्यासियों को न दुनिया की चमक धमक से लेना देना है और न धर्माचार्यों के वैभव की जिंदगी से कुछ लेना-देना है. अपनी ही धुन में डूबे इन नागा संन्यासियों के भी अपने कई वर्ग है.

नागाओं की भी हैं जातियां

बिना वस्त्रों के अपने ही धुन में रहने वाले नागा संन्यासियों की कई उप जातियां हैं. इसमें दिगंबर, श्रीदिगंबर, खूनी नागा, बर्फानी नागा, खिचड़िया नागा, और महिला नागा प्रमुख हैं. इसमें जो एक लंगोटी पहनता है, उसे दिगंबर कहते है जबकि और श्रीदिगंबर एक भी लंगोटी नहीं पहनता. सबसे खतरनाक होते हैं खूनी नागा, जो पूरी तरह जूना अखाड़ा की आर्मी ब्रिगेड है. ये सैनिक की तरह होते हैं और धर्म की रक्षा के लिए खून भी बहा सकते हैं.

8 हजार से अधिक साधु संत हुए शामिल

हरिद्वार में दीक्षा लेने वाले नागा साधुओं को बर्फानी नागा कहा जाता है. नासिक में दीक्षा लेने वाले नागा साधुओं को खिचड़िया नागा कहा जाता है. महिलाएं भी जब संन्यास में दीक्षा लेती हैं, तो उन्हें भी नागा बनाया जाता है. वे सभी वस्त्रधारी होती हैं. जूना अखाड़े की महिला साधुओं को ‘नागिन’ भी कहा जाता है. प्रयागराज में छावनी प्रवेश की इस यात्रा में आठ हजार से अधिक साधु संत समेत नागा साधु नगर ने प्रमुख मार्गों से होते हुए छावनी क्षेत्र पहुंचे.

250 किलो के भाले

इसमें एक हजार से अधिक नागा संन्यासी थे. अपने स्थानीय अखाड़ा कार्यालय मौज गिरी आश्रम से छावनी यात्रा शुरू होते ही ये नागा संन्यासी अपना युद्ध कौशल दिखाने लगे. किसी के हाथ में तकवती, किसी के हाथ त्रिशूल तो किसी के हाथ भाला था. हर नागा योद्धा का रूप बहुती ही निराला था. कोई घोड़े पर सवार दुंदुभी बजा रहा था, तो कोई अपनी अनसुलझी जटाओं को सुलझा रहा था. इन नागा संन्यासियों में भी सबसे शक्तिशाली नागा वो होते हैं, जो इस अखाड़े के पूजे जाने वाले दो भाला देवताओं को अपनी पीठ में रखकर चलते हैं. जिनका वजन करीब 250 किलो होता है. इन्हें अखाड़े में विशिष्ट सम्मान हासिल है.