महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में आरोपी संदीप घोष और अभिजीत मंडल को मिली जमानत,90 दिनों के बाद भी चार्जशीट दायर नहीं कर पाई CBI

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में 90 दिनों के बाद भी सीबीआई चार्जशीट दायर नहीं कर पाई. उसके मद्देनजर इस मामले में गिरफ्तार आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व आईसी अभिजीत मंडल को जमानत मिल गयी. कोर्ट ने दोनों को 2000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी

जमानत मिलने के बाद भी कई शर्तें दी गई हैं. मालूम हो कि शर्त पूरी होने पर ही अभिजीत मंडल को जेल से रिहा किया जायेगा. लेकिन, मालूम हो कि संदीप घोष की जेल से रिहाई अब संभव नहीं है. क्योंकि उनके खिलाफ आरजी कर भ्रष्टाचार का मामला भी चल रहा है. उस मामले में संदीप घोष को जेल में रहना होगा.

बता दें कि सीबीआई ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल पर लेडी डॉक्टर हत्या-बलात्कार मामले में सबूतों को गलत साबित करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा मामले में प्रभाव डालने के आरोप भी कई बार सामने आए हैं.

90 दिनों के बाद चार्जशीट नहीं दायर कर पाई सीबीआई

लेकिन, आज की सुनवाई में देखा गया कि सीबीआई दोनों आरोपियों को हिरासत में नहीं लेना चाहती थी. तभी जमानत की संभावना प्रबल हो गई थी. इस बीच, आरोपपत्र दाखिल करने की 90 दिन की समयसीमा भी बीत चुकी है. आखिरकार संदीप घोष और अभिजीत मंडल को इस मामले में जमानत मिल गई.

शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट आरजी हत्या और रेप के मामले की सुनवाई कर रही थी. सीबीआई ने कहा कि इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किए गए संदीप और अभिजीत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की समय सीमा खत्म हो गई है. वे आरोप पत्र नहीं दे रहे हैं. इसलिए कोर्ट से कानून के मुताबिक फैसला लेने को कहा.

मृत डॉक्टर के पिता ने जताई निराशा

दूसरी ओर, संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिलने की खबर पर मृत डॉक्टर के पिता ने निराशा जताई. उन्होंने कहा कि इस बात के सबूत मिले हैं कि वे जांच सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. हमें अब उच्च न्यायालय जाना होगा.

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या कर दी गई थी. रेप और हत्या का मामला गरमा गया था. रेप और हत्या के मामले की जांच के बाद कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर्स संजय रॉय को अरेस्ट किया था. बाद में सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की तो बार-बार संदीप घोष और अभिजीत मंडल से पूछताछ की गई. पहले आरजी कर भ्रष्टाचार मामले में और फिर बाद में रेप मामले में दोनों को सीबीआई ने अरेस्ट किया था.

जयपुर के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ब्लड कैंसर से पीड़ित 10 साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत, चूहे ने काटा था पैर का अंगूठा

जयपुर के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ब्लड कैंसर से जूझ रहे 10 साल के बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बीते दिनों अस्पताल में बच्चे के पैर के अंगूठे को चूहे ने कुतर दिया था. बच्चे के रोने के बाद जब परिजनों ने देखा तो पैर से खून बहता मिला और वहां उन्हें चूहा दिखाई दिया. परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ को जानकारी दी तो स्टाफ ने मामले को सीरियसली नहीं लिया और बच्चे के पैर पर पट्टी बांध दी. वहीं, इस बारे में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा का कहना है कि बच्चे की हालत काफी गंभीर थी, लाख प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.

अस्पताल में भर्ती 10 साल के अंश ने शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान तोड़ा दम दिया. परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे थे. बुधवार को पीड़ित बच्चे को ओंकोलॉजी विभाग में दिखाने के बाद पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने बताया कि इलाज के दौरान जब बच्चा अस्पताल के बेड पर था तो वह बहुत तेज रोया. जब उन्होंने बच्चे के ऊपर पड़ा कंबल हटाया तो उसमें से एक चूहा निकलते देखा. जब उन्होंने बच्चे के पैर को देखा तो उसमें से खून बह रहा था.

परिजनों ने चूहे से बचने के लिए छत पर लगाए टेप

मृतक बच्चे अंश के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वार्ड में चूहे घूमते रहते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने खुद चूहों की रोकथाम के लिए वार्ड की छत पर टेप लगाया था. उनका कहना है कि चूहे ने उनके बेटे के पैर के अंगूठे की कुतर दिया था. जब उन्होंने देखा तो अंगूठे से खून बह रहा था. उन्होंने इसकी जानकारी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को दी. उन्होंने सिर्फ बेटे के पैर में पट्टी बांधी थी. इस पूरे घटनाक्रम के बाद शुक्रवार सुबह बच्चे ने दम तोड़ दिया.

शरीर पर हो गए थे अल्सर

मामले को लेकर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर संदीप जसूजा का कहना है कि बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उसके पूरे शरीर पर अल्सर हो गए थे. चूहे काटने की बात पर भी उन्होंने कहा कि बच्चे की मां ने चूहा देखा था, लेकिन जब प्रशासन पहुंचा तो चूहा दिखाई नहीं दिया. डॉक्टर संदीप ने बताया कि बच्चा काफी सीरियस हालत में था. अल्सर की वजह से उकसे पट्टी बंधी हुई थी. बच्चे को चूहे ने काटा यह उनकी मां को भी कन्फर्म नहीं है. उनका कहना है कि अस्पताल में सफाई का ठेका बदला गया है. ठेकेदार नया है उसे समझने में अभी वक्त लगेगा.

हैदराबाद के संध्या भगदड़ केस में अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी:घटना के लिए वो कैसे जिम्मेदार? क्या है इस घटना के पीछे की सच्चाई?

हैदराबाद के संध्या भगदड़ केस में साउथ सुपर स्टार अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ के लिए उन्हें चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन ले जाया गया है. मगर सवाल यही उठ रहा है कि संध्या थिएटर में घटी उस घटना के लिए अल्लू अर्जुन कैसे जिम्मेदार हैं? दरअसल, चार दिसंबर को पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग के दौरान थिएटर में भगदड़ मची थी.

इस भगदड़ में एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई जबकि उसका बेटा घायल हो गया. दोनों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया जबकि बेटे की हालत को गंभीर बताते हुए उसका इलाज जारी रखा. इस घटना के बाद अल्लू अर्जुन, उनके बाउंसर और संध्या थिएटर के खिलाफ हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया.

घटना के लिए वो कैसे जिम्मेदार?

मगर सवाल वही है कि इस घटना के लिए अल्लू अर्जुन जिम्मेदार कैसे? यह इसलिए क्योंकि संध्या थिएटर की तरह ही बाकी थिएटरों में पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग हुई लेकिन वहां हादसा नहीं हुआ लेकिन संध्या थिएटर में अल्लू अर्जुन को देखने काफी संख्या में उनके फैंस आ गए, जिसका अंदाजा न अल्लू अर्जुन को था और नहीं थिएटर के मालिक को.

माफी भी मांगी, 25 लाख रुपये भी दिए

इसका नतीजा ये हुआ कि अल्लू अर्जुन के पहुंचते ही वहां भगदड़ मच गई और इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई. इसके बाद इसको लेकर जमकर बवाल काटा गया. अल्लू अर्जुन ने इस घटना पर दुख जताया और पीड़ित परिवार से माफी भी मांगी. साथ ही मुआवजा और इलाज का भी वादा किया. अल्लू अर्जुन ने पीड़ित परिवार को मदद के तौर पर 25 लाख रुपये भी दिए. इसके बावजूद उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और आज पुलिस ने अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया. चिक्कड़पल्ली थाने में उनसे पूछताछ की जा रही है.

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस ने भगदड़ की वजह से संध्या थिएटर प्रबंधन को बताया. पुलिस ने बताया कि थिएटर प्रबंधन ने अल्लू अर्जुन के आने की जानकारी नहीं दी. घटना उस समय हुई जब अल्लू अर्जुन अपने बाउंसर के साथ अंदर जा रहे थे. जब इस घटना के लिए थिएटर प्रबंधन जिम्मेदार है तो फिर अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी कैसे हुई, यह सवाल बना हुआ है.

फिल्म की 1000 करोड़ से ज्यादा की कमाई

अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा 2’ देश विदेश में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुकी है. उम्मीद है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद इस फिल्म की कमाई में और बढ़ोतरी होगी.

इस्तांबुल एयरपोर्ट पर फंसे इंडिगो के 400 यात्री: 24 घंटे से नहीं मिला खाना और रहने की सुविधा

इस्तांबुल एयरपोर्ट पर पिछले 24 घंटे से इंडिगो के 400 यात्री फंसे हुए हैं. फ्लाइट (6E0018) में देरी की वजह से ऐसा हुआ है. एयरलाइन का कहना है कि ऑपरेशनल रीजन के कारण फ्लाइट में देरी हो रही है. जो यात्री फंसे हुए हैं, वो नई दिल्ली, मुंबई और तुर्किए के हैं. इन्हे न खाने के लिए खाना मिल रहा है और रहने के लिए कोई खास सुविधा. पिछले 24 घंटे ये सभी यात्री एयरपोर्ट पर ही फंसे पड़े हैं.

फ्लाइट में देरी को लेकर यात्रियों में खासा नाराजगी है. यात्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और लिंक्डइन पर दावा किया कि उड़ान में पहले देरी हुई और फिर बिना किसी सूचना के रद्द कर दिया गया. इन यात्रियों में से एक अनुश्री भंसाली ने कहा कि उड़ान में दो बार एक घंटे की देरी हुई, फिर रद्द कर दिया गया और अंत में 12 घंटे बाद रीशेड्यूड किया गया. यही कारण है कि यात्री पिछले 24 घंटे से यहां फंसे हैं.

यात्रियों ने इंडिगो एयरलाइन पर बोला हमला

यात्रियों ने थकावट और बुखार की शिकायत की है. यात्रियों ने कहा कि उन्हें न यहां खाने को कुछ मिल रहा है और न ही रहने का कोई इंतजाम किया गया है. यहां तक ​​कि एयरपोर्ट पर इंडिगो के प्रतिनिधि ने भी उनसे संपर्क नहीं किया. मुंबई जाने वाले पार्श्व मेहता ने ट्वीट कर कहा, रात 8.15 बजे विमान के उड़ान भरने का समय था, जिसे रात 11 बजे तक टाल दिया गया और फिर अगले दिन सुबह 10 बजे तक टाल दिया गया. इंडिगो की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई. तुर्की एयरलाइंस के चालक दल से जानकारी प्राप्त की गई.

अल्टरनेटिव फ्लाइट की नहीं की गई पेशकश

पार्श्व मेहता ने एक के बाद एक ट्वीट कर एयरलाइन पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कोई अल्टरनेटिव फ्लाइट की पेशकश नहीं की गई. इससे संबंधित कई जानकारी साझा नहीं की गई. इस तरह के बेकार अनुभव के बाद आप यात्रियों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे आपकी एयरलाइन पर भरोसा करे. हमें बताया गया कि हमें मुआवजे के तौर पर इस्तांबुल हवाई अड्डे पर लाउंज की सुविधा मिलेगी लेकिन लाउंज इतनी बड़ी संख्या में फंसे यात्रियों के लिए बहुत छोटा था. हममें से कई लोग घंटों खड़े रहे.

इंदौर में भिखारी मुक्त अभियान: 14 भिखारियों को पकड़ा, एक महिला ने 10 दिन में इकट्ठा किए 75 हजार रुपये

इंदौर को भिखारी मुक्त की दिशा में महिला बाल विकास विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने शहर में कार्रवाई करते हुए 14 भिखारियों को पकड़ा है. इन सभी भिखारियों में से एक महिला भिक्षावृत्ति करते हुए 10 से 12 दिन में 75 हजार रुपये इकट्ठा कर लिए. महिला बाल विकास विभाग ने महिला को उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा है.

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त करने के अभियान के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही रही है. महिला बाल विकास अधिकारी दिनेश मिश्रा के नेतृत्व में इसी कड़ी में करीब 14 अलग-अलग टीम शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास भीख मांगने वाले लोगों को पड़कर सेवा धाम आश्रम उज्जैन भेज रही है.

75 हजार से ज्यादा की रकम की बरामद

कलेक्टर आशीष के आदेश के बाद महिला बाल विकास की टीम ने सुबह आठ बजे से कार्रवाई शुरू की. इस दौरान टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में भीख मांग रही महिलाओं के अलावा कुछ बुजुर्ग व्यक्तियों को भी पकड़ा और सभी को कलेक्टर के आदेश पर उज्जैन के सेवा धाम आश्रम भेजा गया. महिला बाल विकास विभाग की टीम को इसी दौरान राजवाड़ा के शनि मंदिर पर भीख मांगती हुई एक महिला मिली, जिसकी जांच करने पर टीम ने उसकी साड़ी के भीतर छुपा कर रखे गए 75 हजार से ज्यादा की रकम बरामद की.

पकड़े लोगों को भेजा जा रहा है आश्रम

परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि महिला ने 10 से 12 दिन में भीख मांग कर यह राशि इकट्ठा की थी. महिला इंदौर के पालदा इलाके की रहने वाली है. इसके अलावा शहर में कुछ ऐसे परिवार भी है जो 7 से 8 बार भीख मांगने की वजह से पकड़े जा चुके हैं और वह लगातार भीख मांगने के पैशे से ही जुड़े हुए हैं. फिलहाल सभी भिखारियों को उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में भेजा गया है, जहां उनकी काउंसलिंग करा कर उन्हें भिक्षा वृत्ति छोड़कर समाज की मुख्य धारा में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है.

प्रयागराज के त्रिवेणी तट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे कुंभ कलश की स्थापना, जानें इसमें क्या है खास?

विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक जन समागम के सकुशल आयोजन के लिए 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुंभ नगर आ रहे हैं. पीएम यहां त्रिवेणी पूजन के साथ साधु संतों से संवाद करेंगे. त्रिवेणी पूजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुंभाभिषेकम भी करेंगे. त्रिवेणी के तट पर कुंभ कलश स्थापित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस कुंभ कलश की पूजा करेंगे, उसे रत्न जड़ित बनाया गया है.

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मोतियों से सजे इस अष्टधातु से निर्मित इस कुंभ कलश को अमृत रूपी कलश बनाने के लिए इसमें आम का पत्ता और नारियल रखने की योजना बनाई है. इसके साथ ही इसमें गौशाला, तीर्थस्थलों की मिट्टी रखी जाएगी. गंगाजल, पंचरत्न, दुर्बा, सुपारी, हल्दी रखी भी रखी जाएगी.

कुंभ कलश का पूजन करके करेंगे स्थापित

त्रिवेणी के तट पर पीएम निर्विघ्न महाकुंभ के आयोजन के साथ ही पतित पावनी गंगा से देशवासियों के कल्याण के साथ ही विकसित भारत की कामना भी करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 13 दिसंबर को कुंभ कलश की स्थापना करेंगे. इस दौरान यहां पर कलश पूजन करेंगे. सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे अपने हाथ से देंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री इस कुंभ कलश का पूजन कर इसे स्थापित करेंगे.

7 हजार करोड़ की योजनाओं की देंगे सौगात

पीएम विश्व शांति और भारत को विश्व गुरु बनाने की कामना के साथ ही महाकुंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह कुंभ कलश मुख्यमंत्री योगी भेंट करेंगे. इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन होगा और पंचामृत स्नान भी कराया जाएगा. मेला प्राधिकरण ने सात पुजारी चुने हैं, जो मंत्र पढ़ेंगे, पीएम उसे दोहराएंगे. प्रधानमंत्री नारियल, चुनरी, केसरिया चंदन, रोली, अक्षत, सिंदूर, वख, उपवख चढ़ाएंगे. पूजन पं. दीपू मिश्रा संपन्न कराएंगे. इसके अलावा पीएम 7 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात भी देंगे.

कब से कब तक चलेगा महाकुंभ

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला ऐतिहासिक और धार्मिक घटना है. ये मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा.

अतुल सुभाष सुसाइड केस में बड़ा अपडेट: बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया के घर पर दबिश दी, फरार परिवार की तलाश जारी

AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में बेंगलुरु पुलिस यूपी के जौनपुर पहुंच चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, आज यानि शुक्रवार को पुलिस अतुल की पत्नी निकिता के दोनों घरों पर जाकर दबिश देगी. सूचना मिली है कि निकिता सिंघानियां जौनपुर में मौजूद है. फिलहाल निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानियां किसी के घर में छिपे हैं.

बेंगलुरु पुलिस गुरुवार शाम को ही जौनपुर पहुंच गई थी. एक महिला और एक पुरुष, दो सब इंस्पेक्टर सहित चार पुलिसकर्मी बेंगलुरु से जौनपुर पहुंचे हैं. नगर कोतवाली जाकर जौनपुर पुलिस से उन्होंने मुलाकात की. फिर लिखा पढ़ी करके कागजी कार्रवाई की पूरी. बेंगलुरु पुलिस रात होने की वजह से निकिता के घर नहीं गई. निकिता के दो घर हैं. एक खोआ मंडी में और दूसरा रुहट्टा में. इन दोनों घरों पर पुलिस दबिश देगी.

निकिता, निशा सिंघानिया अनुराग सिंघानिया और सुशील सिंघानिया को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी. बैंगलोर पुलिस आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड लेगी. लेकिन बेंगलुरु पुलिस के जौनपुर पहुंचने से पहले ही निशा सिंघानिया पूरे परिवार के साथ फरार हो चुकी है. उनका कहीं कोई अता-पता नहीं है.

कैमरे में कैद तस्वीरें

इससे पहले स्थानीय पुलिस भी उन्हें हिरासत में लेने पहुंची थी. लेकिन उनके घर पर ताला लटका मिला था. बुधवार को देर रात ही निकिता की मां और भाई अनुराग घर से निकलते दिखे थे. कैमरे में उनकी तस्वीर भी कैद हुई थी.

अतुल ने किया सुसाइड

अतुल सुभाष ने सुसाइड से पहले अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया के मां, भाई और चाचा पर गंभीर आरोप लगाए थे. वीडियो के जरिए कहा था कि निकिता ने 9 फर्जी केस उनके खिलाफ दर्ज करवाए हैं. वो निकिता और उसके परिवार को पैसे दे देकर थक चुके हैं. इनकी डिमांड खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. तंग आकर फिर अतुल ने सोमवार को सुसाइड कर लिया.

पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अवध ओझा के सामने कांग्रेस के दिग्गज नेता चौधरी अनिल की चुनौती, जानें चौधरी अनिल का राजनीतिक सफर

राजनीति में नए-नए एक्टिव हुए अवध ओझा इस बार दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. इस सीट से पहले मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार उनकी सीट बदलकर यहां अवध ओझा को टिकट दिया गया है. ओझा के लिए अपना पहला चुनाव आसान नहीं होने वाला है, ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने यहां से दिग्गज नेता पूर्व दिल्ली कांग्रेस चीफ चौधरी अनिल को उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस ने दिल्ली कांग्रेस के पूर्व चीफ चौधरी अनिल को पटपड़गंज से प्रत्याशी बनाया है, अनिल इस सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं. ऐसे में इस इलाके में उनकी अच्छी खासी पकड़ है, तो वहीं अवध ओझा के लिए ये पूरी विधानसभा ही नयी है.

कौन हैं अनिल चौधरी

अनिल चौधरी का जन्म 1976 में भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2008 में अनिल चौधरी ने पटपड़गंज विधानसभा से जीत दर्ज की थी, लगातार 10 वें राउंड तक पिछड़ते के बाद अनिल ने करते हुए अंतिम राउंड में भाजपा प्रत्याशी को 639 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी.

चौधरी विधायक बनने से पहले 2002 से 2007 तक पार्षद भी रहे हैं. अनिल का कांग्रेस के अंदर कद काफी बड़ा है, वे कांग्रस के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. चौधरी दिल्ली प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ ही दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं.

महीने भर पहले ही आप में शामिल हुए थे ओझा

इस महीने की शुरुआत में ही अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और उन्हें अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाने वाली पटपड़गंज से उम्मीदवार बनाया. पूर्वी दिल्ली के इस निर्वाचन क्षेत्र को आप का गढ़ माना जाता है, जिसका प्रतिनिधित्व 2013 से मनीष सिसोदिया कर रहे हैं. लेकिन अब कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान में उतरने से ओझा के लिए चुनाव आसान नहीं रहने वाला है.

कैसा रहा पटपड़गंज का इतिहास

1993 में इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, जिसके बाद तीन बार यहां कांग्रेस का कब्जा रहा है. 2013 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर मनीष सिसोदिया जीते, जिसके बाद 2015 में भी उन्होंने आप का झंडा बुलंद किया. पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी ने रवींद्र सिंह नेगी,कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह रावत और आप ने सिसोदिया को प्रत्याशी बनाया था. इस चुनाव के कांग्रेस और आप ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, अब देखना होगा बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार बनाती है.

रेलवे की नई सौगात: जल्द लॉन्च होगा 'ऑल इन वन' मोबाइल ऐप, टिकट बुकिंग से लेकर ट्रेन ट्रैकिंग तक की सुविधा मिलेगी

रेल मंत्रालय एक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार कर रहा है. नए ऐप के जरिए यूजर्स अनरिजर्व्ड ट्रेन टिकट बुक कर सकेंगे. यही नहीं इसके अलावा किसी भी तरह की कंप्लेंट भी दर्ज कर सकेंगे. आप इस ऐप पर ट्रेन को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे. जब से इस ऐप के बारे में चर्चा शुरू हुई है यूजर्स को इसका बेसब्री से इंतजार है. रेल मंत्री ने संसद में इसके लॉन्च के सवाल पर कहा कि ये ऐप यूजर्स के लिए काफी बेनिफिशियल रहेगा. इससे काफी सारी ट्रेन सर्विस मिल सकेगी. जल्द ही इसे यूजर्स के लिए शुरू किया जाएगा.

नए ऐप पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारतीय रेलवे पैसेंजर सर्विस के लिए एक स्पेशल ऐप ‘ऑल इन वन’ डेवलप कर रहा है. इस ऐप में पैसेंजर एक ही ऐप में अनरिजर्व्ड टिकटिंग, शिकायत दर्ज करने, ट्रेन की स्टेट्स चेक करने और कई दूसरी सर्विसेज का बेनिफिट देगा.

रेलवे का नया ऐप

अपकमिंग ऐप ट्रेन से सफर करने वालों के लिए बेहतर साबित हो सकता है. इसे सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) ने से डिजाइन किया है. नए ऐप को टिकट बुकिंग वेबसाइट IRCTC के साथ कनेक्ट किया जाएगा. इसमें पैसेंजर्स को टिकट बुकिंग से लेकर सफर के दौरान की कई सर्विसेज मिलेंगी. ऐप में आपको कई सारे ऑप्शन मिलेंगे.

इस नए ऐप के जरिए भारतीय रेलवे का मोटीव पैसेंजर्स को एक जगह पर सभी ऑप्शन देने और उन्हें आसान बनाने का है. इसके अलावा कमाई बढ़ाना है. फिलहाल इस ऐप पर काम चल रहा है, इसे जल्द ही यूजर्स के लिए शुरू किया जा सकता है.

ऑनलाइन ट्रेन टिकट ऐसे करें बुक

IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक करने के लिए आपको इन पर लॉगइन करना होगा. इसके बाद ‘Book Your Ticket’ या ‘तत्काल बुकिंग’ के ऑप्शन पर क्लिक करें. यहां पर बोर्डिंग और डेस्टिनेशन एड्रेस भरें. यात्रा की डेट सलेक्ट करें. यात्रा करने का क्लास सलेक्ट करें. अपनी ट्रेन चुनें. पैसेंजर संख्या और उनकी डिटेल्स भरें. इसके बाद मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालें. पेमेंट करने लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, या यूपीआई का यूज कर सकते हैं. आप अपना पेमेंट स्टेटस चेक करें और कंफर्मेशन के बाद टिकट डाउनलोड कर लें.

राहुल गांधी ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से की मुलाकात , कहा- सरकार परिवार को इंसाफ देने की जगह अत्याचार कर रही है

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (LoP) राहुल गांधी आज गुरुवार को हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस पहुंचे और परिवार का हालचाल जाना. गैंगरेप के बाद पीड़िता की मौत हो गई थी. राहुल ने परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार पीड़ित परिवार को इंसाफ देने की जगह उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है. जबकि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हम परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान की फोटो शेयर करते हुए कहा, “हाथरस जाकर 4 साल पहले हुई शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिवार के लोगों से. परिवार के लोगों ने मुलाकात के दौरान जो बातें बताईं उसने मुझे झकझोर कर रख दिया.”

सरकार ने नहीं निभाया वादाः राहुल

परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा, आज भी पूरा परिवार डर के साए में जी रहा है. उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. वे आजादी के साथ कहीं भी आ-जा नहीं सकते हैं, उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है.” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने उनके साथ जो वादे किए थे, वो आज तक पूरे नहीं किए गए हैं. न तो उन्हें सरकारी नौकरी दी गई और न ही उन्हें किसी दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा निभाया गया है.

परिवार के इंसाफ की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “पीड़ित परिवार को इंसाफ देने की जगह सरकार उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है. वहीं आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं.” उन्होंने कहा कि हम इस परिवार को यूं ही इनके हाल पर नहीं छोड़ेंगे. हम इंसाफ दिलाने के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे.

इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सुबह करीब 11.15 बजे बूल गढ़ी गांव पहुंचे, जबकि पुलिस ने उनके दौरे को देखते हुए जिले के चंदपा इलाके में गांव और उसके आसपास के इलाके में पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी थी.

आखिरी बार कब मिलने गए राहुल

राहुल के रवानगी से पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने लखनऊ में बताया कि राहुल गांधी हाथरस के बूल गढ़ी में गैंगरेप-मर्डर केस की पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे.

हाथरस में, कांग्रेस के स्थानीय नेता चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने भी कहा, “राहुल और प्रियंका गांधी ऐसे नेता हैं जो देश भर में पीड़ित लोगों के लगातार संपर्क में रहे हैं. राहुल इस परिवार के संपर्क में भी रहे हैं.”

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने करीब 4 साल पहले 3 अक्टूबर, 2020 को पीड़ित परिवार के लोगों से मुलाकात की थी. तब उन्होंने यह घोषणा की थी कि वे पीड़िता और परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे.

कब हुआ था हाथरस कांड

हाथरस में 14 सितंबर 2020 को एक युवती के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया गया था. उसे इलाज के लिए पहले अलीगढ़ फिर दिल्ली लाया गया, लेकिन 29 सितंबर, 2020 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 30 अक्टूबर को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था.

अंतिम संस्कार को लेकर खासा विवाद हुआ. स्थानीय पुलिस अधिकारियों की ओर से बताया गया कि दाह संस्कार परिवार की इच्छा के अनुसार किया गया था. घटना की जांच शुरुआत में पुलिस कर रही थी. लेकिन बाद में सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली. फिर चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल दी गई.