भ्रष्टाचारी को बचाने में जुटे अधिकारी,आखिर क्यों
कर्नलगंज गोंडा। नाट फार सेल वाली सीमेंट का उपयोग करके गांव में आरसीसी सड़क निर्माण कराने वाले जिम्मेदारों पर अधिकारी मेहरबान हैं। ग्रामीणों क़ी शिकायत पर कराई गई जांच में शिकायत सही पाए जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके संबंध मे आन लाइन शिकायत क़ी गई है।
प्रकरण विकास खंड कर्नलगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत पैरौरी का है। यहां के निवासी प्रदीप कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से जिलाधिकारी क़ो आन लाइन प्रार्थना पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि चिंतापांडेय पुरवा में ग्राम पंचायत पैरौरी द्वारा बीते सितंबर माह में नाट फार सेल की सीमेंट से आरसीसी सड़क का निर्माण कराया जा रहा था। जिसकी डीएम से शिकायत क़ी गई थी। शिकायत का संज्ञान लेकर प्रकरण क़ी जांच करने के लिए जिलाधिकारी ने तत्काल अधिकारियों की टीम मौके पर भेजा। टीम ने मौके पर जांच किया तो शिकायत सही मिली। मौके पर कई बोरी नाट फार सेल क़ी सीमेंट बरामद भी हुई। अधिकारियों ने ग्रामीणों के बयान भी रिकार्ड किया। फिर भी दो माह से अधिक समय बीत गये दोषियों के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे पुनः सरकारी धन क़ी रिकबरी कराते हुए संबंधित के विरुद्ध विधिक कार्रवाई किये जाने क़ी मांग क़ी गई है।
*प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि पर धमकी देने का आरोप*
प्रदीप कुमार सिंह द्वारा तहरीर में कहा गया है कि प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि द्वारा शिकायत कर्ता व अधिकारियो के समक्ष बयान देने वाले लोगों क़ो धमकाते हुए कहा जा रहा है कि शिकायत पर दो लाख रुपये देना पड़ा। अब कुछ होने वाला नहीं है। रुपया तुम लोगों से वसूला जायेगा।
*आखिर कहां से आई नाट फार सेल की सीमेंट*
प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारी मनमानी तरीके से कार्य रहे हैं। जिससे भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मौके पर नाट फार सेल क़ी सीमेंट बरामद हुई तो उसके तह तक जाना चाहिये क़ी नाट फार सेल क़ी सीमेंट कहां से आई उसके उसके खिलाफ भी कार्यवाई होना चाहिए। मगर अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार खंड विकास अधिकारी जेएन राव ने बताया की प्रकरण हमसे संबंधित नहीं है। इसे डीपीआरओ देख रहे हैं।
जिलापंचायतराज अधिकारी लालजी दुबे ने बताया क़ी सहायक विकास अधिकारी पंचायत क़ो संबंधित लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पत्र भेजा गया था। उन्होंने एफआईआर करने के लिए तहरीर भी दिया था। मगर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है वह वैसे पड़ा है।
सहायक विकास अधिकारी पंचायत राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, अभिलेख मांगा गया है यदि उच्चाधिकारी द्वारा आदेश दिया गया है, तो उसे दिखवाया जायेगा।
Dec 13 2024, 14:25