भगवान प्रभु श्रीराम के बारात वापस आने पर पुष्प वर्षा कर हुई आरती - दुर्गेश महाराज

अयोध्या धाम ।राम बारात के जनकपुर से अयोध्या वापस पहुंची तो तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों द्वारा भव्य स्वागत किया गया , भगवान प्रभु श्रीराम के बारात और बारातियों के उपर पुष्प वर्षा किया गया साथ ही आरती किया गया l साकेत डिग्री कॉलेज से लेकर कारसेवक पुरम के मध्य जगह-जगह रास्ते में पुष्प वर्षा कर श्रीराम बारात का किया गया स्वागत सम्मान। बारात में हजारों की संख्या में लोग रहे शामिल। अयोध्या तीर्थ पुरोहित समाज सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष दुर्गेश महाराज की ओर से धर्म कांटा के सामने रामपथ पर राम बारात का पुष्प वर्षा करके श्री सीताराम स्वरूप का आरती किया गया। अयोध्या तीर्थ पुरोहित समाज सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष दुर्गेश महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम के बारात का स्वागत और आरती करके मन प्रसन्न हो गया l पुष्प वर्षा कर अयोध्या तीर्थ पुरोहित समाज एक संदेश देना चाहता है कि सभी का सम्मान करे प्रभु श्रीराम ने यही शिक्षा दिया था इस दौरान राजा महाराज , प्रदीप महाराज, महगू लाल पांडे , ओम प्रकाश पांडे , दिलीप मारकंडेय , जोखन लाल महाराज , सालिक राम महाराज , राममिलन महाराज,अन्य तीर्थ पुरोहित समाज के लोग सहित काफी संख्या में साधु संत आदि लोग शामिल रहे । और सभी ने श्री राम बारात का स्वागत सम्मान किए।

राम की पैड़ी पर बही सुरों की धारा

अयोध्या।राम की पैड़ी पर हों रहे दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय रामायण कॉनक्लेव का रंग शाम होते ही गीत,संगीत,और नृत्य के रंगो में घुलकर और भी मोहक हो गया। सांस्कृतिक सत्र में देश के प्रख्यात कलाकारों ने अपने अपने तरीके से श्रीराम जी के चरित्र के विभिन्न पक्षों को जीवंत करके उपस्थितजन को विभोर कर दिया।

सबसे पहले नगाड़ों की धमक की गूंज पर रंग बिरंगे पोशाक में थिरकते बमरसिया लोक नृत्य के कलाकारों ने उपस्थित दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। दल के 8 वर्षीय नन्हे कलाकार के नृत्य ने सभी को मोह लिया। राजस्थान के इस लोक नृत्य में गायक,वादक और नर्तक सभी को अपनी भूमिका बदल बदल कर प्रस्तुति देते हुए देखना एक रोमांचकारी अनुभव था। नगाड़ों की थाप और कलाकारों की लचक पर दर्शक भी खुद को रोक नहीं पाए और तालियों से साथ देने लगे।

लोक नृत्य धोबिया के कलाकारों ने इसके बाद मंच पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों और लोक गीतों के साथ अपनी प्रस्तुति दी। लाल रंग की पोशाक में कलाकारों ने मंच पर अपने करतबों से सभी को अचंभित कर दिया। उनके वाद्ययंत्र और वेशभूषा सभी को आकर्षित कर रही थी।

दर्शकों के समर्थन और उत्साह के मध्य मंच पर आराध्य गौतम के दल ने जैसे ही बधावा लाई मालिनियां पर नृत्य किया तो पूरा वातावरण भक्ति रस में डूब गया।अयोध्या में अभी भी राम विवाह के छाए रंग में दुल्हा बने है रघुनाथ की प्रस्तुति में दर्शक स्वयं को बाराती समझ कर आनंदित हो रहे थे तो आज मिथिला नगरिया निहाल सखियां पर भावनाओं का ज्वार मानो रामायण कॉनक्लेव में उमड़ आया हो,सभी अपनी जगह पर नृत्य करके कलाकारों का साथ देने लगे।

इसके बाद सहारनपुर से आए नृत्य में दो विश्व कीर्तिमान बना चुके रंजना नेव के दल ने गणपति वंदना से अपनी प्रस्तुति का आरंभ किया। राम जन्म से लेकर लवकुश प्रंसग तक के मंचन में कलाकारों की वेशभूषा,ध्वनि और प्रकाश का सुंदर समन्वय एक ओर जहां मंच पर त्रेता का युग जीवंत कर रहा था वही कलाकारों की प्रस्तुति में लोक और शास्त्रीय नृत्यों का समन्वय दर्शकों को अपने से जोड़ रहा था। आनंद के उत्कर्ष की अनुभूति तब हुई जब रामजन्म के दृश्य में कलाकारों ने मंच के सामने आकर लोक शैली में नृत्य करके हुए दर्शकों को भी अपने साथ शामिल कर लिया। सरयू किनारे रामकथा के मंचन में शामिल होकर भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों से आए दर्शक अभिभूत थे।

ढलती हुई शाम के साथ बहती ठंडी हवाओं में भी राम नाम की ऊर्जा महसूस करते दर्शकों का उत्साह अपने चरम पर पहुंच गया जब मंच पर मुंबई से आए गायक हेमंत बृजवासी का आगमन हुआ। आइए अपनी जिव्हा को पवित्र करते है जय श्री राधे कहते ही पूरी राम की पैड़ी राधे राधे के साथ जय श्री राम के उद्घोष से गुंजायमान हो गई। राधे राधे के कीर्तन के बाद अयोध्या पुरी में रामलला की आराधना करते हुए मेरे राम जानकी,बैठे है मेरे सीने में गया तो दर्शक भाव विभोर हो गए। अपनी प्रस्तुति में सरगम के माध्यम से दर्शकों को थिरकाने वाले बृजवासी ने इसके बाद अयोध्या धाम में श्रीराम के आराध्य शिव के स्थान नागेश्वरनाथ के सामने

है तेरे भगत निराले,शिवशंकर डमरू वाले प्रस्तुत कर एक अदभुत आध्यात्मिक मिलन का साक्षी बनने का सौभाग्य उपस्थित श्रद्धालुओं को कराया।

इसके बाद अपने राम जी से कहना हमरी राम राम राम, गाकर रामलला के समक्ष अपनी हाजिरी लगाई तो सभी तालियों से साथ देने लगे। दर्शकों की मांग पर हेमंत बृजवासी ने देर रात तक दर्शकों को श्रीराम,हनुमान,शिव समेत पंजाबी भजन भी सुनाकर विभोर कर दिया।

कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने अपने अंदाज में करके सभी को बांधे रखा। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या के निदेशक और नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने कलाकारों का सम्मान पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह,और अंगवस्त्र प्रदान करके किया। इस अवसर पर संस्थान के सलाहकार आशुतोष द्विवेदी,रमेश कुमार, नैना सुमन,अभय,समेत भरी संख्या में विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु उपस्थित रहे।

विद्यार्थियों ने टाटा कम्पनी द्वारा आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में किया शानदार प्रदर्शन

अयोध्या।जनता अवध इण्टर कालेज, अयोध्या के विद्यार्थियों ने टाटा कम्पनी द्वारा आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता का आयोजन दो वर्गों (जूनियर और सीनियर) में किया गया था।

जूनियर वर्ग में आराध्या पाठक (कक्षा 7) ने प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड पदक, शिवांगी पाण्डेय (कक्षा 8) ने द्वितीय स्थान हासिल कर सिल्वर पदक और अर्पिता मंझवार (कक्षा 8) ने तृतीय स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक जीता।सीनियर वर्ग में आकांक्षा सागर (कक्षा 9) ने प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड, साक्षी पाण्डेय (कक्षा 11) ने द्वितीय स्थान हासिल कर सिल्वर पदक और आदित्य पाण्डेय (कक्षा 9) ने तृतीय स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक जीता।

विद्यालय के प्रधानाचार्य वीर विक्रमादित्य सिंह ने सभी मेधावियों को सम्मानित करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस आयोजन में टाटा कम्पनी से आई टीम का सहयोग विद्यालय के कोआर्डीनेटर आदित्य सिंह ने किया। विद्यालय की ओर से सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी गईं।

अयोध्या में 12 दिसंबर को आयोजित होगी अयोध्या मैराथन

अयोध्या।अयोध्या में 12 दिसंबर को प्रातः साढ़े छः बजे अयोध्या मैराथन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दो वर्ग होंगे - फूल मैराथन और हाफ मैराथन। फूल मैराथन हनुमानगढ़ी सहादतगंज से शुरू होकर साकेत महाविद्यालय पर समाप्त होगी, जबकि हाफ मैराथन आँख के अस्पताल रीडगंज पर समाप्त होगी।

फूल मैराथन में प्रथम पुरस्कार 51 हजार रुपये होगा, जबकि द्वितीय पुरस्कार 21 हजार रुपये और तृतीय पुरस्कार 11 हजार रुपये होगा। इसके अलावा, सांत्वना पुरस्कार 2 हजार रुपये होगा।

हाफ मैराथन में प्रथम पुरस्कार 5 हजार रुपये होगा, जबकि द्वितीय पुरस्कार 2 हजार रुपये और तृतीय पुरस्कार 1 हजार रुपये होगा। इसके अलावा, सांत्वना पुरस्कार 500 रुपये होगा । न्यास के अध्यक्ष हरीश कुमार श्रीवास्तव ने मैराथन के बारे में बताते हुए कहा कि युवाओं को भगवान राम से जोड़ना ,लोगों को भगवान राम के जीवन और शिक्षाओं से जोड़ना ,अयोध्या की ऐतिहासिक भूमि में फिटनेस, संस्कृति, और एकता की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मैराथन का आयोजन किया जा रहा है।इस आयोजन के संयोजक रेगन सिंह चौधरी होंगे जिसमें प्रबंधक आकाश अग्रवाल, प्रबंध निदेशक नाहिद कैफ, महासचिव संगठन अरुण द्विवेदी, महासचिव ऋचा उपाध्याय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय यादव,श्रीप्रकाश पाठक, मोहित मिश्रा, रेगन सिंह चौधरी,बृजेश ओझा, निकिता चौहान, स्वाति सिंह, उज्जवल चौहान, गौतम सिंह, अभिनव द्विवेदी, पूजा अरोड़ा, शिप्रा श्रीवास्तव, अनुराग सिंह सहयोग प्रदान करेंगे।

विषम सेमेस्टर की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए अवध विवि ने 31 तक आनलाइन पोर्टल खोला

अयोध्या।डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने एन०ई०पी०-2020 के अन्तर्गत संचालित वर्ष-2025 की स्नातक प्रथम, तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर तथा परास्नातक प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की प्रायोगिक, सेशनल, मौखिकी, प्रोजेक्ट वर्क की परीक्षाओं से सम्बन्धित आॅनलाइन पोर्टल 31 दिसम्बर तक के लिए खोल दिया है। विश्वविद्यालय व सम्बद्ध महाविद्यालय नियमानुसार आन्तरिक व वाहय परीक्षकों को नियुक्त करते हुए प्रायोगिक, सेशनल, मौखिकी और प्रोजेक्ट वर्क की परीक्षाएं सम्पन्न करायेंगे। विवि के परीक्षा नियंत्रक उमानाथ ने बताया कि 08 दिसम्बर से स्नातक व परास्नातक विषम सेमेस्टर की प्रायोगिक, सेशनल, मौखिकी, प्रोजेक्ट वर्क की परीक्षाओं के सम्पादनार्थ आन्तरिक व वाहय परीक्षकों की परीक्षार्थियों के साथ स्पष्ट जियो टैग फोटो तथा तत्सम्बन्धी अंकों को आनलॉइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके अतिरिक्त मूल अंकपर्ण जियो टैग फोटो के साथ अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में अनिवार्य रूप से संस्थान द्वारा जमा कराई जायेगी। समस्त प्रक्रिया सम्पन्न न कराने की स्थिति में महाविद्यालय स्वयं उत्तरदायी होंगे। मीडिया प्रभारी डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि उक्त सूचना से समस्त विभागाध्यक्ष, समन्वयक एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यो को अवगत कराया जा चुका है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा भव्य शुभारंभ

अयोध्या।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने आज यहां वालमीकि रामायण भवन मे आयोजित गीता जयंती के अवसर पर कहा गीता सिर्फ हिंदू धर्म का मार्गदर्शन ही नहीं करती है, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति को ज्ञान देती है।गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है।

वाल्यमीक रामायण भवन मे हजारो की संख्या मे उपस्थित वैदिक विद्वान,वटुको और संत धर्माचार्यो ने श्रीमद् भगवद्गीता का सस्वर पाठ किया।अपने उद्बोधन में ट्रस्ट अध्यक्ष ने कहा भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया ज्ञान गीता में लिखा गया, ये मनुष्य जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। गीता का आरंभ धर्म से तथा अंत कर्म से होता है।उन्होने कहा कि गीता मनुष्य को प्रेरणा देती है। मनुष्य का कर्तव्य क्या है ? इसी का बोध करवाना गीता का लक्ष्य है। लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रन्ध नहीं है और इसकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।उन्होने कहा कि गीता में अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रस्तुत किया गया है। गीता धर्म को स्थापित कर अधर्म को समाप्त करने की प्रेरणा देती है।महानायक योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से निकली श्रीमदभगवदगीता वर्तमान जगत के लिए अनुकरणीय मूलमंत्र है।

उत्तराधिकारी महंत कमलनयन ने कहा महाभारत युग में जो कुछ घटित होता है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि तत्कालीन समाज में मानवीय व्यवहार के अधिकांश मानक ध्वस्त हो चले थे। पाण्डवों के साथ अन्याय हुआ, यह बात जानते तो बहुत लोग थे ,पर उनके समर्थन में आने का साहस मुट्ठी भर लोगो ने किया और यही से असत्य,कदाचार, पापाचार अनाचार को जड़ मूल से समाप्त करने का पांचजन्य फूंककर श्रीमदभगवदगीता का जन्म हुआ ।

कथा व्यास राधेश्याम शास्त्री ने कहा भगवान श्रीकृष्ण ने मात्र 45 मिनट में मोहग्रस्त अर्जुन मे 701 श्लोकों द्वारा लोकहित में ज्ञान का संचार कर समाज को भयमुक्त करने वाला जो मंत्र दिया उस महामंत्र रूपी गीता में कहा "एतातन्न हन्तुमिच्छामि ध्नतो$पि मधुसूदन /अपि त्रैलोक्य राज्यस्य हेतो:किन्तु महीकृते।मोहग्रस्त अर्जुन को योगेश्वर कृष्ण समझाते हैं "अर्जुन तुम कहते हो युद्ध से हानि होगी, कुल -धर्म, जाति -धर्म सब नष्ट होगा जायेगा । तुम कहतें हो मै भीख मांगकर जीवन-यापन कर सकता हूँ, पर तुम यह क्यों नही सोचते कि "लोक -हित का क्षेत्र कुल और जाति-हित से बड़ा होता है ।तुम यदि कुल -हित और जाति -हित के मोह युद्ध से विरत होने का निर्णय लेते हो तो इससे लोक -हित की अपूर्णिय क्षति होगी ।तुम तो अन्याय से प्रताड़ित होगे ही तुम्हारे साथ सम्पूर्ण लोक भी वर्तमान अन्याय व्वस्था मे पिसने लगेगा।क्या लोक को अन्याय मुक्त करना तुम्हारा धर्म नहीं है?

यह तुम्हारा कर्तव्य है ।उन्हो ने कहा आज का युग परमाणु युद्ध की विभीषिका से भयभीत है । ऐसे में गीता का उपदेश ही हमारा मार्गदर्शन कर सकता है ।

आज का मनुष्य प्रगतिशील होने पर भी किंकर्त्तव्य- विमूढ़ है । अत: वह गीता से मार्गदर्शन प्राप्त कर अपने जीवन को सुखमय और आनन्दमय बना सकता है ।

विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा भगवान श्रीकृष्ण की वाणी से प्रकट हुई श्रीमदभगवदगीता का हम पठन पाठन करे तो हमारा जीवन लोकहितकारी राष्ट्र को गौरवशाली बनाने मे सहोगी बनजायेगा। लेकिन दुर्भाग्य है इस राष्ट्र के जिस धरती पर श्रीमद्भागवत गीता का जन्म हुआ वहीं इस महाग्रंथ को सर्वसुलभ और लोक कल्याणकारी नहीं बनाया जा रहा है। उन्हो ने स्मरण कराते हुए कहा गीता जयंती का यह दिन इस "अयोध्या के लिए अति महत्वपूर्ण है।

छः दिसंबर 1992 को हिन्दी तिथिनुसार "गीता जयंती" थी।जिस दिन गुलामी का प्रतीक ढांचा समाप्त हुआ । कार्यक्रम के दौरान वैदिक वटुकों, विद्वानों तथा संतधर्माचार्यो को अंगवस्त्र दक्षिणा देकर सम्मानित किया ।संचालन कथाव्यास राधेश्याम शास्त्री ने किया, इस अवसर पर श्रीमणिराम दास छावनी ट्रस्ट के सचिव कृपालु राम दास " पंजाबी बाबा " राम नाम बैंक के मैनेजर पुनीत राम दास,संत जानकी दास, रामरक्षा दास, आनन्द शास्त्री, बलराम दास,देवपति त्रिपाठी,डाॅ रामतेज पांडेय,डाॅ तालुकदार पंडित अनिरुद्ध शुक्ल, पंडित प्रधानाचार्य राधेश्याम मिश्र,प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र, पंडित राम शंकर द्विवेदी, राजेंद्र पांडे,पं विश्वनायक पंडित धनंजय मिश्र पंडित उमेश पांडे, पं प्रसाद मिश्र,श्रुतिधर दिवेदी,दीपक शास्त्री अनिरुद्ध शुक्ल ,महंत तुलसीदास दास, महंत रामकृष्ण दास,विनय शास्त्री,विमल दास,रोहित सिंह,विकास सिंह आदि उपस्थित हुए ।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने किया भव्य शुभारंभ

अयोध्या ।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने आज यहां वालमीकि रामायण भवन मे आयोजित गीता जयंती के अवसर पर कहा गीता सिर्फ हिंदू धर्म का मार्गदर्शन ही नहीं करती है, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति को ज्ञान देती है।गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है।

वाल्यमीक रामायण भवन मे हजारो की संख्या मे उपस्थित वैदिक विद्वान,वटुको और संत धर्माचार्यो ने श्रीमद् भगवद्गीता का सस्वर पाठ किया।अपने उद्बोधन में ट्रस्ट अध्यक्ष ने कहा भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया ज्ञान गीता में लिखा गया, ये मनुष्य जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। गीता का आरंभ धर्म से तथा अंत कर्म से होता है।उन्होने कहा कि गीता मनुष्य को प्रेरणा देती है। मनुष्य का कर्तव्य क्या है ? इसी का बोध करवाना गीता का लक्ष्य है। लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रन्ध नहीं है और इसकी लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।उन्होने कहा कि गीता में अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रस्तुत किया गया है। गीता धर्म को स्थापित कर अधर्म को समाप्त करने की प्रेरणा देती है।महानायक योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से निकली श्रीमदभगवदगीता वर्तमान जगत के लिए अनुकरणीय मूलमंत्र है।

उत्तराधिकारी महंत कमलनयन ने कहा महाभारत युग में जो कुछ घटित होता है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि तत्कालीन समाज में मानवीय व्यवहार के अधिकांश मानक ध्वस्त हो चले थे। पाण्डवों के साथ अन्याय हुआ, यह बात जानते तो बहुत लोग थे ,पर उनके समर्थन में आने का साहस मुट्ठी भर लोगो ने किया और यही से असत्य,कदाचार, पापाचार अनाचार को जड़ मूल से समाप्त करने का पांचजन्य फूंककर श्रीमदभगवदगीता का जन्म हुआ ।

कथा व्यास राधेश्याम शास्त्री ने कहा भगवान श्रीकृष्ण ने मात्र 45 मिनट में मोहग्रस्त अर्जुन मे 701 श्लोकों द्वारा लोकहित में ज्ञान का संचार कर समाज को भयमुक्त करने वाला जो मंत्र दिया उस महामंत्र रूपी गीता में कहा "एतातन्न हन्तुमिच्छामि ध्नतो$पि मधुसूदन /अपि त्रैलोक्य राज्यस्य हेतो:किन्तु महीकृते।मोहग्रस्त अर्जुन को योगेश्वर कृष्ण समझाते हैं "अर्जुन तुम कहते हो युद्ध से हानि होगी, कुल -धर्म, जाति -धर्म सब नष्ट होगा जायेगा । तुम कहतें हो मै भीख मांगकर जीवन-यापन कर सकता हूँ, पर तुम यह क्यों नही सोचते कि "लोक -हित का क्षेत्र कुल और जाति-हित से बड़ा होता है ।तुम यदि कुल -हित और जाति -हित के मोह युद्ध से विरत होने का निर्णय लेते हो तो इससे लोक -हित की अपूर्णिय क्षति होगी ।तुम तो अन्याय से प्रताड़ित होगे ही तुम्हारे साथ सम्पूर्ण लोक भी वर्तमान अन्याय व्वस्था मे पिसने लगेगा।क्या लोक को अन्याय मुक्त करना तुम्हारा धर्म नहीं है?

यह तुम्हारा कर्तव्य है ।उन्हो ने कहा आज का युग परमाणु युद्ध की विभीषिका से भयभीत है । ऐसे में गीता का उपदेश ही हमारा मार्गदर्शन कर सकता है ।

आज का मनुष्य प्रगतिशील होने पर भी किंकर्त्तव्य- विमूढ़ है । अत: वह गीता से मार्गदर्शन प्राप्त कर अपने जीवन को सुखमय और आनन्दमय बना सकता है ।

विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा भगवान श्रीकृष्ण की वाणी से प्रकट हुई श्रीमदभगवदगीता का हम पठन पाठन करे तो हमारा जीवन लोकहितकारी राष्ट्र को गौरवशाली बनाने मे सहोगी बनजायेगा। लेकिन दुर्भाग्य है इस राष्ट्र के जिस धरती पर श्रीमद्भागवत गीता का जन्म हुआ वहीं इस महाग्रंथ को सर्वसुलभ और लोक कल्याणकारी नहीं बनाया जा रहा है। उन्हो ने स्मरण कराते हुए कहा गीता जयंती का यह दिन इस "अयोध्या के लिए अति महत्वपूर्ण है।

छः दिसंबर 1992 को हिन्दी तिथिनुसार "गीता जयंती" थी।जिस दिन गुलामी का प्रतीक ढांचा समाप्त हुआ । कार्यक्रम के दौरान वैदिक वटुकों, विद्वानों तथा संतधर्माचार्यो को अंगवस्त्र दक्षिणा देकर सम्मानित किया ।संचालन कथाव्यास राधेश्याम शास्त्री ने किया, इस अवसर पर श्रीमणिराम दास छावनी ट्रस्ट के सचिव कृपालु राम दास " पंजाबी बाबा " राम नाम बैंक के मैनेजर पुनीत राम दास,संत जानकी दास, रामरक्षा दास, आनन्द शास्त्री, बलराम दास,देवपति त्रिपाठी,डाॅ रामतेज पांडेय,डाॅ तालुकदार पंडित अनिरुद्ध शुक्ल, पंडित प्रधानाचार्य राधेश्याम मिश्र,प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र, पंडित राम शंकर द्विवेदी, राजेंद्र पांडे,पं विश्वनायक पंडित धनंजय मिश्र पंडित उमेश पांडे, पं प्रसाद मिश्र,श्रुतिधर दिवेदी,दीपक शास्त्री अनिरुद्ध शुक्ल ,महंत तुलसीदास दास, महंत रामकृष्ण दास,विनय शास्त्री,विमल दास,रोहित सिंह,विकास सिंह आदि उपस्थित हुए ।

अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने किया शुभारंभ

अयोध्या।राज शिशु प्ले स्कूल दिल्ली दरवाजा में वार्षिक उत्सव का आयोजन हुआ । इस अवसर पर मुख्य अतिथि अयोध्या के रूप में विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने मां सरस्वती को माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित करके समारोह का उद्घाटन किया।इस अवसर पर अयोध्या के जाने-माने व्यापारी और विधालय के पूर्व छात्र मुकेश अग्रवाल अग्रवाल सभा के पूर्व संरक्षक अश्विनी अग्रवाल, चौक राम लीला के कन्हैयालाल अग्रवाल और सैकड़ों लोगों ने अपनी उपस्थिति मे विद्यालय के बच्चों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति की सराहना की ।कार्यक्रम का आरम्भ सरस्वती वंदना में काव्या कार्तिकेय ने नृत्य किया।, चारों धर्म नाटक के माध्यम से आयुष गॉड अनमोल कुमार शिव कुमार नैतिक कुमार कृष्णा सोनी ने संदेश दिया कि हम भारत के लोगों को आपस में मिलकर रहना चाहिए और देश की अखंडता संप्रभुता को बनाए रखना चाहिए।वैलकम सांग में आराध्या यादव अनमोल कुमार पीयूष गोयल द्वारा सभी लोगों का स्वागत किया गया। आजकल मोबाइल के घातक परिणामों पर आधारित नाटिका जिसमें आराध्या यादव काव्य यादव अंश सोनी नैतिक आयुष गॉड अनमोल कुमार पीयूष गोयल द्वारा बच्चों को समझाते हुए चित्रित किया गया कि मोबाइल का घातक परिणाम होते हैं इसलिए ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए इससे बहुत ही घातक परिणाम होते हैं ।जिसकी उपस्थित सभी जनसमूह ने सराहना की। आए हुए अतिथियों में रामलीला मैदान के श्री कन्हैयालाल अग्रवाल जी ने राज शिशु स्कूल के उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया ।विद्यालय के पुरातन छात्र शहर के व्यापारी मुकेश अग्रवाल जो कि इसी विद्यालय के पुराने छात्र भी हैं उन्होंने विद्यालय में अपनी यादों को ताजा करते हुए अपने छात्र जीवन की जुड़ी कुछ रोचक घटनाओं का भी वर्णन किया ।मुख्य अतिथि श्री गुप्ता ने विद्यालय परिवार को आशीर्वाद देते हुए अपना पूरा सहयोग देने के लिए कहा और विद्यालय की प्रगति के लिए प्रार्थना की ।रामराज की झांकी में राम बने राज और सीता काजल जैसवाल हनुमान के रूप में आरव कुमार ने अति मनमोहक झांकी प्रस्तुत की राम धुन पर आरव कुमार हनुमान रूप में बहुत ही मनमोहक नृत्य किया। श्री अग्रवाल सभा के पूर्व संरक्षक अश्विनी कुमार अग्रवाल जी ने विद्यालय में सहयोग किया । प्रधानाचार्या डॉक्टर संतोष गर्ग ने विद्यालय की निरंतर प्रगति के विषय में विस्तार पूर्वक बताते हुए बच्चों की तैयारी से लेकर के उनके आज की प्रस्तुति तक का विस्तार से वर्णन किया अपनी विद्यालय की प्रगति रिपोर्ट बताई आए हुए अतिथियों का अभिवादन किया उनको पुष्प गुच्छ देकर के और पटका पहना करके स्वागत किया ।विद्यालय के मैनेजर दिग्विजय गर्ग ने सभी आए हुए अतिथियों को धन्यवाद दिया।

स्व: रामकलप शुक्ल की 24 पुण्यतिथि पर बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किया


अयोध्या।गायत्री पब्लिक स्कूल, रेवतीगंज में स्वर्गीय राम कलप शुक्ल की 24वीं पुण्यतिथि पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर सम्मान समारोह, विज्ञान प्रदर्शनी, और बाल मेला का आयोजन हुआ, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों गणमान्य व्यक्तियों और अभिभावकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ सपा नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह 'अनूप' रहे । उन्होंने दीप प्रज्वलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास, स्वावलंबिता, और रचनात्मकता को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने क्षेत्र के सम्मानित व्यक्तियों को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया और फीता काटकर विज्ञान प्रदर्शनी एवं बाल मेले का शुभारंभ किया।

विज्ञान प्रदर्शनी में छात्रों द्वारा प्रस्तुत मॉडल जैसे रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वॉटर ट्रीटमेंट प्योरीफिकेशन, थर्मो इलेक्ट्रिक इफेक्ट, ईवीएम मशीन, न्यूक्लियर पावर प्लांट, ह्यूमन एनाटॉमी, और ब्रह्मोस मिसाइल ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। उपस्थित अभिभावकों और गणमान्य व्यक्तियों ने इन मॉडलों की सराहना की और बच्चों की मेहनत को मुक्त कंठ से प्रोत्साहन दिया।बाल मेले में बच्चों द्वारा तैयार किए गए व्यंजनों के स्टॉल ने सभी को आकर्षित किया। मोमोज, फुल्की, इमरती, ब्रेड पकौड़ा, गुझिया, खुरमा, पेस्ट्री जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों ने दर्शकों का मन मोह लिया । कार्यक्रम में प्रबंधक उमाशंकर शुक्ल, गायत्री देवी, प्रधानाचार्या शिखा दूबे, और उप प्रबंधक रमा शंकर शुक्ल ने सभी आगंतुकों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सपा नेता बख्तियार खान, प्रभा शंकर शुक्ल, अतुल पांडेय, अशोक तिवारी, संजीव तिवारी, गजराज यादव, पवन तिवारी, राजेंद्र यादव, और सैकड़ों अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने न केवल स्वर्गीय राम कलप शुक्ल को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि बच्चों की रचनात्मकता और सामूहिक प्रयास को भी मंच प्रदान किया, जिससे उन्हें नई ऊर्जा और प्रेरणा मिली।

अविवि की सेमेस्टर परीक्षा में 62633 सापे़क्ष 1156 अनुपस्थित

अयोध्या।डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की एनईपी स्नातक विषम सेमेस्टर तीन पालियों की परीक्षा में बुधवार को 62633 परीक्षार्थियों में से 1156 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। प्रथम पाली की परीक्षा में 2289 द्वितीय पाली में 32694, तृतीय पाली में 27650 के सापे़क्ष क्रमशः 135, 600 व 421 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। मीडिया प्रभारी डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि एनईपी बीए, बीएससी, बीकाॅम विषम सेमेस्टर की तीन पालियों की परीक्षा में 62633 परीक्षार्थियों के सापेक्ष 1156 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। इस दिन की परीक्षा शांतिपूर्ण ढ़ग से सम्पन्न हुई।