शहर कांग्रेस कमेटी ने 10 जोन मुख्यालयों का किया घेराव, जनता की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन …

रायपुर-   आज शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में राजधानी के सभी 10 जोन मुख्यालयों का घेराव किया गया. नगर निगम से संबंधित आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए ज्ञापन सौंपा गया.

ज्ञापन में मांग की गई कि आवास सर्वे में धरसा, अस्थाई पट्टा, नहरपार, तालाबपार के निवासियों को लाभ मिलेगा की नहीं, बड़े कॉम्पलेक्स, बड़े मकान के टैक्स छोड़कर गरीब और मध्यम वर्ग पर गलत टैक्स लगाने और दबाव बनाने जैसी समस्या, गौठान एवं गोबर खरीदी बंद करने से सैंकड़ों गाय मरने की रिपोर्ट, भाजपा के नेताओं द्वारा अवैध निर्माण, अवैध प्लाटिंग को बचाने की बात, पार्षदनिधि की समस्त वार्डों में पिछले साल से भाजपा सरकार बनने के बाद भी अभी तक राशि ना दे पाने का विरोध, भूमिपूजन की ड्रामेबाजी करने बाद अभी तक अधिकांश काम सभी वार्डों में प्रारंभ नहीं करने और भाजपा नेताओं के ठेकों में बंदरबांट होने का विरोध, विधायकों एवं सांसद द्वारा नगर निगम के रोजाना कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने का विरोध, भाजपा सरकार के बनने के बाद बढ़ते अवैध निर्माण पर नियंत्रण ना कर पाने का विरोध कर कांग्रेस पार्टी ने सभी जोन मुख्यालयों में जाकर ज्ञापन सौंपा.

आज के इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के साथ शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरिश दुबे भी शामिल हुए.

साय कैबिनेट की बैठक कल
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 11 दिसम्बर को पूर्वान्ह 11 बजे से मंत्रिपरिषद की बैठक मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित होगी।
महिला आयोग ने पीड़िता को दिलाया 20 लाख की क्षतिपूर्ती, तो इधर ठगी की शिकार हुई महिला को दिलाया जमीन वापस…

रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं, जिनमें एक तरफ एक महिला को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दिलवाई गई, वहीं दूसरी ओर एक भतीजे और बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर बड़ी ठगी के मामले में कार्रवाई की गई.

पहला मामला एक महिला द्वारा आयोग में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि एक शासकीय शिक्षक ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और बाद में शादी से इंकार कर उसे बर्बाद करने की धमकी दी. इस मामले में आयोग ने केवल तीन सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनकर सुलहनामा करवाया और अनावेदक को महिला को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने के लिए कहा. इसमें 10 लाख रुपये नगद और 10 लाख रुपये का चेक शामिल था. यह राशि महिला आयोग द्वारा किसी भी प्रताड़ित महिला को दिलवाई गई अब तक की सबसे बड़ी क्षतिपूर्ति राशि है. दोनों पक्षों ने सुलह का इकरारनामा प्रस्तुत किया, जिसमें यह भी कहा गया कि भविष्य में आवेदिका को परेशान नहीं किया जाएगा.

दूसरे मामले में महिला आयोग के पास एक आवेदिका ने शिकायत की थी कि उसके भतीजे और एक बैंक मैनेजर ने झूठे दस्तावेज़ों के आधार पर उसकी जमीन को बैंक में गिरवी रखकर 10 लाख रुपये का लोन निकाल लिया था. आयोग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महज दो सुनवाई में मामला लगभग सुलझा लिया. आयोग ने तत्कालीन बैंक मैनेजर और आवेदिका के भतीजे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बैंक के मुख्य अधिकारी को निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है. यह भी सामने आया कि यह आरोपी गिरोह कई वर्षों से इस प्रकार के ठगी के मामलों में लिप्त थे.

महिला आयोग से आवेदिका ने दो प्रमुख मांगें की थीं, पहली यह कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले और दूसरी यह कि उसकी 15 एकड़ जमीन जो बैंक में बंधक रखी गई है, उसे वापस किया जाए. आयोग ने इस मामले में बैंक अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया कि जल्द से जल्द आवेदिका की जमीन को बंधनमुक्त किया जाए.

गरीबों और किसानों के रक्षक के रूप में अमर शहीद वीर नारायण सिंह की गौरवगाथा सदैव अमर रहेगी: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस पर राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर मल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव, आदिमजाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक पुरन्दर मिश्रा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद वीर नारायण सिंह के मातृभूमि के प्रति योगदान को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देने वाले आदिवासी जन-नायक वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे। वे सोनाखान के ज़मींदार परिवार से थे लेकिन उन्होंने आदिवासियों, किसानों और गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने सन् 1856 के भीषण अकाल के दौरान गरीबों को भूख से बचाने के लिए अनाज गोदाम से अनाज निकालकर गरीबों में बांट दिए। उन्होंने सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता में देश भक्ति का संचार किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह के संघर्ष, मातृभूमि के प्रति समर्पण और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा। गरीबों और किसानों के रक्षक के रूप में उनकी गौरवगाथा सदैव अमर रहेगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के लिए भेजा महाकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण

रायपुर-  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को प्रयागराज के पवित्र संगम में वर्ष 2025 में आयोजित हो रहे महाकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण भेजा है। उन्होंने सभी छत्तीसगढ़ वासियों को भी महाकुंभ में आमंत्रित किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उनका आमंत्रण लेकर उत्तर प्रदेश के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा और समाज कल्याण राज्य मंत्री संजय गोंड ने मुख्यमंत्री श्री साय से सौजन्य मुलाकात की और उन्हें आमंत्रण पत्र, पवित्र गंगा जल और कुंभ का प्रतीक चिन्ह सौंप कर उन्हें महाकुंभ में आमंत्रित किया। मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया कि कुंभ स्थल पर छत्तीसगढ़ का भी एक पंडाल लगाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ के पंडाल के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र मंत्रीद्वय को सौंपा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पंडाल में छत्तीसगढ़ से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्री द्वय का छत्तीसगढ़ में आत्मीय स्वागत करते हुए आमंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में शामिल होना सौभाग्य का विषय है। वे पहले भी कुंभ में शामिल होते रहे हैं, लेकिन इस बार का कुंभ विशेष है। आमंत्रण देने के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने दो-दो मंत्रियों को भेजा है। हम महाकुंभ में जरूर आएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ प्रयागराज महाकुंभ 2025 के अवसर पर महाकुंभ में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस प्रदेश की संस्कृति, विकास और उपलब्धियों से परिचित कराने के लिए उत्सुक है। छत्तीसगढ़ से महाकुंभ के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के भोजन एवं रहने-ठहरने की व्यवस्था हेतु महाकुंभ क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के लिए भूमि आरक्षित करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया है।

महाकुंभ मेले के लिए छत्तीसगढ़ से प्रयागराज तक चलेगी स्पेशल ट्रेन…

रायपुर-    प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने के लिए प्रयागराज आने वाले यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान की जाए, इस उद्देश्य से स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है. महाकुंभ के दौरान रेलवे के दौरान 3000 स्पेशल गाडियाँ सहित 13000 से अधिक रेल गाडियाँ चलाई जाएंगी. इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से तीन कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. 

महाकुंभ मेले के दौरान ट्रेन में होने वाली अतिरिक्त भीड़-भाड़ के दौरान रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ/सीट की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा तीन कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है जो रायगढ़-वाराणसी, दुर्ग-वाराणसी एवं बिलासपुर-वाराणसी के मध्य तीन फेरे के लिए चलाई जा रही है. 

 08251/08252 रायगढ़-वाराणसी-रायगढ़ कुंभ मेला स्पेशल, 08791/08792 दुर्ग-वाराणसी-दुर्ग कुंभ मेला स्पेशल एवं 08253/08254 बिलासपुर-वाराणसी-बिलासपुर कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन व्हाया बिलासपुर, कटनी, प्रयागराज के मार्ग से चलाई जा रही है.

विदेशों में पहचान बनाने वाली छत्तीसगढ़ी कलाकार पद्म विभूषण डॉ. तीजन बाई की आवाज पड़ी फीकी, इलाज के खर्च बने पहाड़, पेंशन का मामला भी लटका
दुर्ग-  छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायन विधा को विदेशों तक पहुंचाने वाली पद्मश्री पदम् विभूषण और पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. तीजन बाई की आवाज पर हजारों तालियां बजती थीं. लेकिन अब यह पांडवों की कथा कापालिक शैली में सुनाने वाली आवाज फीकी पड़ती जा रही है. अब शायद हमें उनकी आवाज फिर से सुनने को न मिले. क्योंकि अब तीजन बाई ने बात करना भी बंद कर दिया है. उनकी सेहत में सुधार होने की बजाए धीरे-धीरे बिगड़ रही है. ये देश की एक मात्र ऐसी महिला हैं, जिन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया है.

दुर्ग जिले के गनियारी गांव में रहने वाली पारधी समाज से आने वाले पदम् विभूषण से सम्मानित तीजन बाई ने अपना जीवन पंडवानी गायन विधा को समर्पित कर दिया. डॉ. तीजन बाई पर रविशंकर विश्विद्यालय में शोध किये जा रहें. उन्हें डी लिट् और पीएचडी की कई उपाधिया प्रदान की गई है. बॉलीवुड उनके जीवन पर फ़िल्म बनाने के लिए 4 साल पहले अनुबंध कर चुका है. लेकिन 24 साल हो चुके छत्तीसगढ़ राज्य में पदम् सम्मानों से सम्मानित डॉ. तीजन बाई को अब तक राज्य सरकार से कोई पेंशन नहीं मिल पाया है. संस्कृति विभाग भी ऐसे कलाकरों के लिए कोई योजना नहीं बना पाया, जिनके कारण छत्तीसगढ़ को विदेशों में पहचान मिली है.

करीब डेढ़ साल से तीजन बाई लकवा होने की वजह से बिस्तर पर ही है. उनके दो महीने पहले ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से बंद हुई फीजियोथैरेपी दोबारा शुरू नहीं हो सकी है. तीजन बाई की बहन रम्भा की बहू वेणु देशमुख जो उनका देखभाल करती हैं वे बताती हैं कि अब उनके इलाज में होने वाले खर्च को लेकर परेशान है. पेंशन के नाम पर पद्मविभूषण डॉ. तीजन बाई को केंद्र सरकार से 4 हजार 3 सौ 66 रुपये मिलते हैं. इलाज में होने वाला खर्च तीजन बाई की जमा पूंजी से किया जा रहा है. इधर परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. वहीं पंडवानी की पुरोधा मानी जाने वाली डॉ. तीजन बाई के बीमार पड़ते ही उन सभी लोगों ने किनारा कर लिया जो कभी उनके बुलंदियों के दिनों में साथ हुआ करते थे.

78 वर्ष की हो चुकी डॉ. तीजन अब लोगों को पहचान नहीं पाती, लेकिन जिंदगी भर मीडिया की चकाचौंध के बीच रह चुकी कैमरे के सामने फोटो खिचंवाना नहीं भूलती. इशारों से ही सही लेकिन वे लोगों को अभिवादन भी करती हैं. डेढ़ साल पहले बीमार होने के बाद उनके अपने की लोगों ने लोगों से उनके बीमार होने की बात छिपाई क्योंकि उनके नाम से आने वाले पंडवानी के कार्यक्रम की आय से परिवार चलता था. बीएसपी में कार्यरत रही तीजन बाई को बीएसपी के पंडित जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल सेक्टर नाइन में भी इलाज की सुविधा मिली.

पुलिस ने 52 पत्तियों पर दांव लगा रहे 7 जुआरियों को रंगे हाथों पकड़ा, नकदी समेत 4 बाइक जब्त
तखतपुर-  पुलिस ने नगचुई स्थित नीलगिरी प्लॉट में जुआ खेल रहे 7 जुआरियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को क्षेत्र में लंबे समय से जुआ खेलने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद उन्होंने इस पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने जब दबिश दी, तो जुआरी ताश की पत्तियां पर दाव लगा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने जुआ खेलने में संलिप्त आरोपियों से 15,000 हजार रूपये नकद और चार मोटरसाइकिल जब्त की है।
बता दें कि पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई क्षेत्र में बढ़ते जुआ के खिलाफ जारी अभियान का हिस्सा है और भविष्य में ऐसे अपराधों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
सरपंच और उपसरपंच बर्खास्त, सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में हुई कार्रवाई

बिलासपुर-     बिल्हा विकासखंड के ग्राम पंचायत बसिया की सरपंच और उपसरपंच को बर्खास्त कर दिया गया है. शासकीय भूमि पर काबिज होने के आरोपों की जांच के बाद शिकायत की पुष्टि होने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई. अतिरिक्त कलेक्टर न्यायालय बिलासपुर ने एसडीएम के प्रतिवेदन और संबंधित पक्षों की सुनवाई के बाद आज बर्खास्तगी आदेश जारी किए. बसिया में वर्तमान में उषा यादव सरपंच के पद पर और बलदाऊ यादव उपसरपंच के पद पर कार्यरत हैं.

अतिरिक्त कलेक्टर न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार बसिया की सरपंच उषा यादव पति कृष्ण कुमार यादव और उपसरपंच बलदाऊ यादव के विरूद्ध शासकीय घास भूमि में कब्जे की शिकायत की गई थी. उषा यादव द्वारा गोठान के नजदीक स्थित भूमि पर पक्का मकान बना रही थी. उपसरपंच बलदाऊ यादव द्वारा जमीन के एक हिस्से में कब्जा कर डेयरी फार्म खोला गया था. मामले की जांच कर अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर द्वारा 8 अक्टूबर 2024 को दिए गए प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि सरपंच पति कृष्ण कुमार यादव द्वारा खसरा नम्बर 231/1 रकबा 8.260 हेक्टेयर घास मद की शासकीय भूमि के अंश भाग पर गोठान के पास पक्का मकान निर्माण किया जा रहा है. खसरा नम्बर 213/8 रकबा 0.607 हेक्टेयर शासकीय भूमि आबादी आवास के अंश भाग पर उप सरपंच द्वारा डेयरी फार्म बना कर अतिक्रमित किया जाना प्रतिवेदित किया गया है.

सरपंच ने उक्त भूमि पर कब्जा कर मकान निर्माण किये जाने की पुष्टि अपने जवाब में की है. इसी प्रकार उप सरपंच ने भी आबादी आवास के अंश भाग पर डेयरी फार्म बनाया जाना स्वीकार किया है. इस प्रकार सरपंच एवं उप सरपंच निर्वाचित जनप्रतिनिधि होते हुए भी शासकीय भूमि में अतिक्रमित किये जाने से यह स्पष्ट होता है कि उक्त कार्य में सरपंच एवं उपसरपंच संलिप्त हैं. इसलिए सरपंच एवं उप सरपंच छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 36 एक के तहत पंचायत पदधारी बने रहने के लिए निर्रहित हो गये हैं. अतः बसिया की सरपंच उषा यादव और उप सरपंच बलदाऊ यादव को क्रमशः सरपंच एवं उप सरपंच के पद से तत्काल प्रभाव से पृथक किया जाता है.

नए साल में न्यायधानी के नए वार्डों को सौगातः पूरे शहर में अब होगी मैकेनाइज्ड और मैन्युअल सफाई, सर्वेक्षण में भी मिलेगा फायदा
बिलासपुर-    नगर निगम सीमा में जुड़े नए क्षेत्रों की सड़कें और गलियां भी अब साफ-सूथरी नजर आएगी. अब तक नगर निगम के पुराने क्षेत्रों में साफ-सफाई का काम संभालने वाली लायंस सर्विसेस कंपनी नए जुड़े वार्डों में भी मैकेनाइज्ड और मैन्युअल सफाई शुरु करने जा रही है. नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद नगर पालिक निगम द्वारा नए साल में जनवरी से नए क्षेत्रों में सफाई शुरु कराने की तैयारी की जा रही है. इस संदर्भ में लांयस सर्विसेस को नए सफाईकर्मियों और अन्य मैन पावर की भर्ती तथा मशीनों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

अब तक नगर पालिक निगम के पुराने क्षेत्रों में छःसाल से मुख्य मार्गों,चौक चौराहे और मुहल्ले की सड़कें मशीनीकृत और मैन्युअल सफाई से साफ-सूथरी और चमकती हुई दिखाई देती थी. लेकिन नए जुड़े क्षेत्रों में अपेक्षाकृत सफाई वैसी नहीं हो पा रही थी जैसे पुराने क्षेत्रों में व्यवस्था थी. जनप्रतिनिधियों और नगर निगम के प्रयास से नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नए क्षेत्रों की भी सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. गौरतलब है की शहर में सितंबर 2018 से मैकेनाइज्ड और मैन्युअल स्विपिंग की शुरुआत की गई थी,जो दिन और रात दोनों समय में संचालित किया जाता है.सफाई का जिम्मा लायंस सर्विसेस संभाल रही है. निगम सीमा में 15 ग्राम पंचायत,2 नगर पंचायत और 1 नगर पालिका को शामिल किया गया था. परिसीमन के बाद नगर निगम के कुल 70 वार्ड बनाए गए थे।

449 नए आवासीय बीट, 45 व्यावसायिक बीट, 795 की नई टीम

नए क्षेत्रों में व्यवस्थित सफाई के लिए पूरे क्षेत्र के लिए 449 नए आवासीय बीट,45 व्यावसायिक बीट निर्धारित किए गए है,जिसके जरिए सफाई कार्य किए जाएंगे,इसके अलावा सभी मुख्य मार्गों जिसमें हाइवे भी शामिल है,कुल 11 किमी का मैकेनिकल सफाई किया जाएगा. जिसके लिए 795 कर्मियों की भर्ती कंपनी द्वारा की जाएगी. इसमें सफाईकर्मी,सुपरवाइजर,मशीन आपरेटर और ड्राइवर शामिल है. पुराने क्षेत्र को अभी 400 आवासीय और 75 व्यावसायिक बीट में बांटकर सफाई कार्य किया जा रहा हैं,जिसमें 775 कर्मी कार्यरत हैं. नए क्षेत्रों में इस व्यवस्था के तहत कार्य शुरु होने पर पूरे शहर में कुल 849 आवासीट बीट,120 व्यावसायिक बीट हो जाएंगे और 1565 सफाई कर्मी मिलकर पूरे शहर को स्वच्छ रखेंगे.

डुलेवा मशीन 1 से बढ़कर 2 हो जाएगी,वाटर जेटिंग मशीन 3 होगी

मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग के तहत नई अत्याधुनिक मशीनों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा. अब तक 1 डुलेवा मशीन,जिससे सड़क किनारे,फूटपाथ,और डिवाइडर की सफाई की जा रही थी उसकी संख्या बढ़कर 2 हो जाएगी. इसी तरह चौक चौराहों,मूर्तियों,और फूटपाथ की वाशिंग करने वाली वाटर जेटिंग मशीन 1 से बढ़कर 3 होगी. इसी तरह बश कटर,टिपर,ट्रैक्टर इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों की संख्या में भी इजाफा होगा.

आपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर

जीआईएस बेस्ड मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग के तहत सफाई कार्य के सफल संचालन और निगरानी के लिए विकास भवन के तृतीय तल में आपरेशन एंड कमांड,कंट्रोल सेंटर संचालित हैं जहां से शहर की सफाई व्यवस्था पर नजर रखी जाती हैं. छः साल पहले जब शहर में मैकेनाइज्ड और मैन्युअल सफाई व्यवस्था की शुरुआत की गई थी,उस समय कंट्रोल सेंटर को तैयार किया गया था,तत्कालीन समय बिलासपुर पूरे राज्य का पहला शहर था जहां सफाई के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया था,जिसका फायदा भी शहर को मिला. कमांड सेंटर का संचालन लायंस सर्विसेस द्वारा ही किया जाता है. नए क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था की निगरानी भी इसी सेंटर से की जाएगी.

सर्वेक्षण में मिलेगा फायदा

नई व्यवस्था शुरु होने से हर साल होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में भी इसके लाभ मिलने की उम्मीद है. निगम सीमा में ग्राम पंचायतों के जुड़ने के बाद सफाई की कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने से नगर निगम को मिलने वाले अंक कट जाते थे,जिसका असर रैंकिंग में पड़ता था पर अब सफाई व्यवस्था शुरु होने से अगले सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग की उम्मीद की जा सकती हैं.

बिलासपुर के विकास में कमी नहीं होगी- तोखन साहू

केंद्रीय आवासन एवं शहरी राज्य मंत्री और सांसद तोखन साहू ने कहा की बिलासपुर शहर की सफाई समेत सभी विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होने देंगे. स्वच्छता किसी भी शहर की पहचान होती है और इस दिशा में बिलासपुर को बेहतर बनाने लगातार प्रयास करेंगे,निगम सीमा के नए क्षेत्रों में सफाई की नई व्यवस्था से व्यवस्था सुदृढ़ होगी.

स्वच्छता बनेगी बिलासपुर की पहचान- अरुण साव

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा की निगम सीमा में नए वार्ड शामिल हो तो गए थे, लेकिन विकास कार्य और सुविधा नाम मात्र की थी,पिछले एक साल में नए क्षेत्रों के विकास में ध्यान दिया गया है. साफ-सफाई के कार्य व्यवस्थित और बेहतर हों इसके लिए नए क्षेत्रों को सौगात दी जा रही है, इससे सफाई व्यवस्था में सुधार आएगा और पूरे शहर में स्व्च्छता को एक मिशन बनाकर कार्य किया जाएगा, आने वाले दिनों में स्वच्छता बिलासपुर की पहचान बनेगी.

अच्छा कदम,बेहतर परिणाम मिलेंगे- अमर अग्रवाल

बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने कहा की मैकेनाइज्ड और मैन्युअल स्विपिंग का विस्तार नए 18 वार्डों में भी हो रहा है,यह एक सराहनीय और अच्छा कदम है. इससे नए क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था बेहतर होगी. इस सफाई व्यवस्था को शहर में लागू करने का उदेश्य ही यही था की शहर की सफाई व्यवस्था को अत्याधुनिक तरीके से एक कदम उपर उठाना है,अब इसका लाभ नए क्षेत्रों को मिलेगा.

वंचित क्षेत्रों को मिलेगा लाभ-धरमलाल कौशिक

बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा की मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग होने से सिरगिट्टी, तिफरा समेत निगम के अन्य नए एरिया को इसका लाभ मिलेगा. नए और पुराने क्षेत्र में सुदृढ़ सफाई व्यवस्था से बिलासपुर की एक अलग पहचान बनेगी,गंदगी और संक्रामक बीमारियां भी कम होगी. बेहतर सफाई व्यवस्था क्षेत्र में रहें,इसके लिए सभी मिलकर प्रयास करेंगे.

नए क्षेत्रों की स्थिति सुधरेगी- धर्मजीत सिंह

तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा सफाई की नई व्यवस्था का शुरु होना अत्यंत आवश्यक था, नए क्षेत्रों की स्थिति में सुधार आएगी. निगम सीमा में शामिल हुए कई साल हो चुकें थे लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था,अब स्वच्छता समेत सभी सेक्टर में नए क्षेत्रों को लाभ मिलने लगा है.

नए क्षेत्र अब विकास की मुख्य धारा में- सुशांत शुक्ला

नगर निगम सीमा में शामिल नए क्षेत्रों में सबसे अधिक वार्ड और क्षेत्र बेलतरा विधानसभा के हैं. इन क्षेत्रों को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बिना किसी योजना के शामिल तो कर लिया गया था,पर विकास और सुविधा में ध्यान नहीं दिया गया था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के नेतृत्व में नए क्षेत्रों में विकास कार्य गतिमान है. मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग की हमारी मांग पूरी होने जा रही है, इसका लाभ सभी नए क्षेत्र के रहवासियों को मिलेगा,इसके लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का आभार.