BCI ने एडवोकेट संजीव नासियार को उपाध्यक्ष पद से हटाने के दिए निर्देश, CBI से कराई जाएगी यह जांच

डेस्क: दिल्ली बार काउंसिल में एडवोकेट संजीव नासियार उपाध्यक्ष पद पर तैनात थे मगर उन्हें तत्काल रूप से उनके पद से हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने यह निर्देश दिया है। इतना ही नहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसके अलावा बार काउंसिल के सचिव को यह भी निर्देश दिया है कि वो केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI से संजीव नासियार की LLB ऑनर्स की डिग्री की प्रामाणिकता और साथ ही संबंधित अभिलेखों के संभावित जालसाजी की जांच कराए। आपको बता दें कि संजीव नासियार AAP के कानूनू प्रकोष्ठ हैं जिन्हें अब इस जांच का सामना करना पड़ेगा।

आपको बता दें कि 7 दिसंबर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एक बैठक हुई। इसके बाद BCI ने यह निर्देश दिया है। निर्देश में BCI ने लिखा, '7 दिसंबर को हुई बैठक में देव अहिल्याबाई विश्वविद्याल, इंदौर द्वारा दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष संजीव नासियार को जारी की गई LLB की डिग्री में अनियमितताओं के आरोपों के संबंध में तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का फैसला लिया है। यह निर्णय 3 सितंबर 2024 के संकल्प के अनुसार गठित एक उप समिति द्वारा की गई जांच और रिट याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों के जवाब में लिया गया है।'

BCI द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, 'एक जांच में संजीव नासियार की डिग्री से जुड़े अभिलेखों में जरूरी और साफ विसंगतियां पाई गई हैं। PMB गुजराती आर्ट्स एंड लॉ कॉलेज, इंदौर के निरीक्षण में पता चला है कि कॉलेज को संबंधित अवधि के दौरान LLB ऑनर्स संचलित करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था।'

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान क्रैश? अचानक रडार से गायब हुआ था प्लेन

डेस्क: सीरिया में जारी राजनीतिक संकट के बीच बड़ी खबर सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का विमान क्रैश हो गया है। कहा जा रहा है कि उनका विमान आसमान में 500 मीटर ऊपर क्रैश हुआ, जिसका मलबा भी बरामद हो गया। क्रैश होने से पहले विमान रडार से गायब हो गया था।

बताया जा रहा है कि बशर अल-असदअपने परिवार के साथ देश छोड़कर जा रहे थे तभी विमान क्रैश हो गया। इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि विद्रोहियों ने असद के विमान को मार गिराया है।

सीरिया में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विद्रोहियों ने सीरिया के तीन बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है, इनमें अलेप्पो, होम्स और दारा शहर शामिल हैं। विद्रोहियों ने होम्स में बनी राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता की प्रतिमा को भी तोड़ दिया। सीरिया की सेना शहरों, कस्बों और गांवों में लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है।

इस बीच सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने कहा है कि वह शासन शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने को तैयार हैं। जलाली ने कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर ही हूं और कहीं नहीं गया हूं और यह इसलिए क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है।’’ उन्होंने कहा कि वह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाएंगे साथ ही उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह किया है।

सीरिया के विद्रोही गुट ‘जिहादी हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (एचटीएस) प्रमुख अबु मोहम्मद अल-गोलानी ने सीरिया से ‘सीएनएन’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि हमले का मकसद असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। अब सीरिया में तख्तापलट के आसार नजर भी आ रहे हैं।

आज फिर दिल्ली आने पर अड़े किसान, रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर दागे गए आंसू गैस के गोले


डेस्क: अपनी मांगों को लेकर किसानों का एक जत्था आज फिर दिल्ली के लिए कूच कर गया है। किसानों को दिल्ली की ओर आने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। सड़क पर कीलें लगाई गई हैं। साथ ही कंक्रीट की दीवार को भी बनाया गया है। जहां किसान विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच घमासान मचा हुआ है। बड़ी संख्या मं किसान संगठन दिल्ली आने पर अड़े हुए हैं। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले दागे हैं। शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा, 'पुलिस पहचान पत्र मांग रही है, लेकिन उन्हें गारंटी देनी चाहिए कि वे हमें दिल्ली जाने देंगे। उनका कहना है कि दिल्ली जाने की अनुमति नहीं है फिर हम पहचान पत्र क्यों दें? अगर वे हमें दिल्ली जाने देंगे तो हम पहचान पत्र देंगे।'
सीरिया में सरकार ने विद्रोहियों के सामने टेके घुटने, पीएम जलाली बोले 'विपक्ष को सत्ता सौंपने के लिए हैं तैयार'

डेस्क: सीरिया में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विद्रोहियों ने सीरिया के तीन बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है, इनमें अलेप्पो, होम्स और दारा शहर शामिल हैं। विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क को घेर लिया है। सीरिया के विद्रोही गुट ‘जिहादी हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (एचटीएस) प्रमुख अबु मोहम्मद अल-गोलानी ने सीरिया से ‘सीएनएन’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि हमले का मकसद असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। अब सीरिया में तख्तापलट के आसार नजर भी आ रहे हैं। इस बीच सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने एक वीडियो बयान जारी किया है।

सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने कहा है कि वह शासन की बागडोर शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने को तैयार हैं। जलाली ने कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर ही हूं और कहीं नहीं गया हूं और यह इसलिए क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है।’’ उन्होंने कहा कि वह सुबह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाएंगे साथ ही उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री जलाली ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़कर जाने संबंधी खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। असद कहां है इस बारे में संयुक्त अरब अमीरात की ओर से भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, असद के परिवार की दुबई में काफी संपत्ति है।

सरकार समर्थक ‘शाम एफएम रेडियो’ ने बताया कि दमिश्क हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है और सभी उड़ानें रोक दी गई हैं। विद्रोहियों की ओर से कहा गया है कि वो राजधानी के उत्तर में स्थित सैदनाया सैन्य जेल में घुस गए हैं और उन्होंने वहां से कैदियों को मुक्त करा लिया है। इससे एक रात पहले सरकारी बल सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स से पीछे हट गए जिसके बाद विपक्षी बलों ने इस पर कब्जा कर लिया। यह शहर, राजधानी दमिश्क और सीरिया के तटीय प्रांतों लताकिया और टारटस के बीच स्थित है।

अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर आज फिर कूच करेंगे किसान संगठन, पंजाब में बीजेपी नेताओं के प्रवेश पर रोक का ऐलान

डेस्क: अपनी मांगों को लेकर किसानों का एक जत्था आज फिर दिल्ली के लिए कूच करेगा। पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि उन्हें अपने मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है। साथ ही कहा कि 101 किसानों का एक समूह रविवार को फिर से दिल्ली के लिए अपना मार्च शुरू करेगा। किसानों को दिल्ली की ओर आने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। सड़क पर कीलें लगाई गई हैं। साथ ही कंक्रीट की दीवार को भी बनाया गया है। जहां किसान विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

तमिलनाडु के त्रिची में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के राज्य अध्यक्ष पी. अय्याकन्नू ने कहा, 'कांग्रेस के समय में एमएस स्वामीनाथन ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि किसानों को केंद्र सरकार द्वारा लागत मूल्य का 150 प्रतिशत दिया जाना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को पूरा नहीं किया है। इसलिए पूरे भारत में किसानों ने कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन किया और भाजपा का समर्थन किया।'

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है कि भाजपा हमें (जो सिफारिश की गई थी) देगी, लेकिन पिछले दस सालों से उन्होंने हमें कुछ नहीं दिया है। इसलिए वे (किसान) दिल्ली में लड़ रहे हैं। हम भी दिल्ली जाएंगे और मरते दम तक लड़ेंगे। तमिलनाडु के किसान दिल्ली जाएंगे और हम एमएसपी और अन्य चीजों को लेकर आंदोलन करेंगे। 16 दिसंबर को तमिलनाडु में रेलवे पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और फिर दिल्ली जाएंगे।'

शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, 'किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का विरोध 300वें दिन में प्रवेश कर गया है। केंद्र सरकार अभी भी अड़ी हुई है। हमने एक और बड़ी घोषणा की कि हम पंजाब में बीजेपी नेताओं के प्रवेश का विरोध करेंगे। हमें यकीन नहीं है लेकिन हमने सुना है कि सैनी (हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी) और गडकरी (केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी) अमृतसर जा रहे हैं। हम पंजाब के किसानों से राज्य में उनके प्रवेश का विरोध करने का आह्वान करते हैं।'

शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान आज फिर हरियाणा पुलिस द्वारा तैनात भारी सुरक्षा को पार करने का प्रयास करेंगे। इसके पहले शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए थे।

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ-साथ कांग्रेस सहित भाजपा सरकार का विरोध करने वाले कई राजनीतिक दलों ने किसानों की मांगों को अपना समर्थन दिया है।

किसान लंबे समय से पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसान केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए सड़क पर कीले लगाई गईं हैं। कंक्रीट की दीवार बनाई गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर के अनुसार, 101 किसानों का जत्था रविवार को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर कूच करेगा।

सीरिया में छिड़े गृह युद्ध के बीच विद्रोहियों का कई शहरों पर कब्जा, क्या देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति?

डेस्क: सीरिया में छिड़े गृह युद्ध के बीच विद्रोहियों ने कई बड़े शहरों पर कब्जा जमा लिया है। सीरिया के विपक्षी कार्यकर्ताओं और एक विद्रोही कमांडर ने शनिवार को यह दावा किया है। वहीं, दूसरी ओर ये जानकारी भी सामने आई कि राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं।

 सीरिया के सरकारी मीडिया ने सोशल मीडिया पर फैली उन अफवाहों का खंडन किया है कि राष्ट्रपति बसर अल असद देश छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि वह राजधानी दमिश्क में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार है जब देश में विद्रोही 2018 के बाद सीरिया की राजधानी के बाहरी इलाके में पहुंच गए हैं।

सरकार विरोधी ताकतों और राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के बीच लड़ाई अब तेज़ होती जा रही है। रविवार तड़के, विद्रोहियों ने घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति अल-असद के 24 साल लंबे शासन पर एक बड़ा हमला करते हुए प्रमुख शहर होम्स पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है। इतना ही नहीं, अपनी जीत का जश्न मनाते हुए विद्रोहियों ने हवा में गोलियां चलाईं और सीरियाई राष्ट्रपति के पोस्टर उतार दिए।

ममता ने जताई “इंडिया” को लीड करने की ख्वाहिश, सपा और उद्धव की शिवसेना का मिला सपोर्ट, कांग्रेस का क्या?

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हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” में बिखराव के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा इशारा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत और समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है।

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी दल की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह 'इसका संचालन कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभालने की बात क्या कही कि सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी ने टीएमसी प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। सपा ने कहा कि ममता इंडिया गठबंधन को लीड करती हैं तो इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी एक प्रमुख नेता हैं और उनकी पार्टी ने लगातार भाजपा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल ने उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है, जिससे इंडिया गठबंधन को आगे बढ़ने में मदद मिली है और भाजपा पिछड़ गई इसलिए हमारा समर्थन उनके प्रति अटल है। अगर सभी घटकों में आम सहमति बनती है तो समाजवादी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे।

ममता बनर्जी के बयान का शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा, हम भी चाहते हैं कि वे विपक्षी “इंडिया” गठबंधन की प्रमुख भागीदार बनें। चाहे वह ममता बनर्जी हों, अरविंद केजरीवाल हों या शिवसेना, हम सभी एक साथ हैं। हम जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने जाएंगे।'

कांग्रेस ने क्या कहा?

एक तरफ ममता बनर्जी को सपा और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ममता जी बड़ी नेता हैं लेकिन राहुल गांधी के अलावा देश में कोई नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।

आरजेडी ने कहा- गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू

ममता बनर्जी के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन के असली आर्किटेक्ट लालू प्रसाद यादव हैं।उनकी पहल पर ही पटना में इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी।इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थी। सभी अपने-अपने राज्यों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं।

बिखर रहा 'इंडिया' गठबंधन

लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न हलकों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी गुट के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरकर सामने आए। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी शामिल नहीं हुए। अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कथित तौर पर कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को झटका, सपा ने गठबंधन छोड़ा, जानें क्या है वजह?
#sp_leader_abu_azmi_announced_party_will_not_be_part_of_mva

* महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को जोरदार झटका लगा है। अब चुनावी नतीजों में महायुति को जबरदस्त जीत मिलने के बाद विपक्षी गठबंधन में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। महा विकास अघाड़ी में शामिल समाजवादी पार्टी ने अब गठबंधन छोड़ने का फैसला कर लिया है।महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने इस संबंध में बड़ा ऐलान किया है। महाराष्ट्र सपा प्रमुख अबु आजमी ने शनिवार को कहा कि शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे के बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर रुख के चलते उनकी पार्टी ने एमवीए को छोड़ने का निर्णय किया है। प्रमुख अबु आजमी ने एमवीए छोड़ने के फैसले पर कहा, "शिवसेना-यूबीटी की तरफ से अखबार में एक विज्ञापन दिया गया था जिसमें बाबरी मस्जिद के विध्वंस में शामिल लोगों को बधाई दी गई थी। उनके (उद्धव ठाकरे के) करीबियों ने इसे एक्स पर भी पोस्ट किया और मस्जिद के गिराए जाने का स्वागत किया।" उन्होंने कहा, "इसलिए हम महा विकास अघाड़ी छोड़ रहे हैं। मैं सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बात कर रहा हूं।" बता दें कि शिवसेना-यूबीटी के नेता मिलिंद नार्वेकर ने हाल ही में अपने एक्स अकाउंट पर बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ी एक तस्वीर पोस्ट की थी। इसमें बाल ठाकरे का वक्तव्य- 'जिन्होंने ये किया मुझे उन पर गर्व है' भी शामिल था। शिवसेना सचिव ने इसके साथ ही उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और अपनी तस्वीर भी इस पोस्ट में इस्तेमाल की थी। इस पर अबु आजमी ने कहा कि अगर महा विकास अघाड़ी में कोई इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता है तो उनमें और भाजपा में क्या फर्क रह जाता है? आखिर हम उनके साथ क्यों रहें? वहीं, एमवीए के विधायकों ने ईवीएम में धांधली का आरोप लगाकर आज विधायक पद की शपथ नहीं ली। लेकिन एमवीए के साथ चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी के दोनों विधायक अबू आजमी और रईस शेख ने विधायक पद की शपथ ली। सपा विधायकों का कहना है कि ऐसा लगता है कि एमवीए सिर्फ तीन दलों का गठबंधन है। छोटे दलों का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है। इसलिए हम लोगों ने फैसला किया है कि हम एमवीए का हिस्सा नहीं रहेंगे। सपा विधायक रईस शेख ने कहा कि एमवीए की तरफ से हमें कोई सूचना नहीं दी गई थी कि आज शपथ नहीं लेना है।
देश सुरक्षित तो धर्म सुरक्षित”, वाराणसी में सीएम योगी का नया नारा
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* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शनिवार को वाराणसी के स्वर्वेद महामंदिर धाम में आयोजित विहंगम योग संत समाज की स्थापना के शताब्दी समारोह महोत्सव में शामिल हुए। यहां, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब एक नया नारा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा देश सुरक्षित है तो हमारा धर्म भी सुरक्षित है, अगर हमारा धर्म सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं। वाराणसी के स्वर्वेद महामंदिर में शताब्दी महोत्सव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, हर काम देश के नाम होना चाहिए, हमारा कोई व्यक्तिगत अस्तित्व नहीं है। स्वर्वेद मंदिर के विहंगम योग के शताब्दी वर्ष समारोह में जब मुख्यमंत्री ने मंच संभाला तो धर्म और सनातन पर वक्तव्य दिया। सीएम ने मंच से कहा कि बाबा विश्वनाथ की पावन धरा पर आयोजित इस कार्यक्रम के मौके पर सभी का अभिनंदन करता हूं। विहंगम योग संत-समाज दिव्य और भव्य मंदिर बनाकर कोटि-कोटि श्रद्धालुजन को भारत की योग-परंपरा और आध्यात्मिक धारा के साथ जोड़ने का कार्य कर रहा है। इस पुण्य अवसर पर सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज की स्मृतियों को नमन एवं जन-जागरण के इस वृहद अभियान हेतु विहंगम योग संत-समाज तथा इससे जुड़े सभी श्रद्धालुओं एवं भक्तजन का हार्दिक अभिनंदन। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि हर काम देश के नाम होना चाहिए, देश सुरक्षित है तो धर्म भी सुरक्षित है। धर्म सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं, इसलिए जो भी कार्य हो, वह व्यक्ति, समाज, मत-मजहब के दायरे से ऊपर उठकर सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप भारत की वैदिक-आध्यात्मिक परंपरा का अनुसरण करते हुए देश के नाम होना चाहिए। भारतीयता और सनातन सबको जोड़ने की ताकत रखता है। योगी ने आगे कहा कि पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के नाते दस वर्षों में पीएम ने काशी को चमका दिया। दुनिया का सबसे बड़ा स्नान घाट नमो घाट, जहां हेलीपैड भी है, वो घाट काशी में है। काशी में देव मंदिर जितने भी हैं उनका कायाकल्प हुआ है। काशी में सड़क, रेल या वायुसेवा की कनेक्टिविटी हो, 2014 के पहले जो थी उससे सौ गुना ज्यादा बेहतर हुई है। एक और कनेक्टिविटी के तहत काशी से हल्दिया के बीच जलमार्ग का उपयोग कर लोग यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं। स्वास्थ्य हो या शिक्षा अथवा विकास हर क्षेत्र में काशी चमक रही है। यूपी के सीएम ने कहा कि यूपी भी पीएम मोदी के मार्ग दर्शन में आगे बढ़ रहा है। यहां विकास भी है तो विरासत का सम्मान भी है। योग को देश के अंदर वैश्विक मंच पर ले जाने का श्रेय पीएम को जाता है। इस बार प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है। यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है। 22 जनवरी 2024 को रामलला अयोध्या में विराजमान हुए । पीएम ने जिस भव्य स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन एक वर्ष पहले किया था उसके शताब्दी समारोह के साथ जुड़ने का अवसर मुझे प्राप्त हो रहा है। लाखों की संख्या में लोग आए हैं, सबकुछ अपने आप चल रहा है। विज्ञान की पद्धति पर पंडाल लगाए गए। हमारा आध्यात्म लकीर का फकीर नहीं तकनीक और विज्ञान को अपनाकर काम कर रहे हैं। यही भारतीयता है यही सनातन है। यहा सद्गुरू सदाफलदेव जी महाराज की स्मृतियों को नमन करता हूं। ट्रस्ट से जुड़े सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं। यह दृश्य पच्चीस हजार यज्ञ का विहंगम दृश्य प्रस्तुत कर रहा है।
महाराष्ट्र में अब मंत्रालय के बंटवारे को लेकर फंस गया पेंच, गृह मंत्रालय को लेकर हो रही खींचतान!

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महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है। विधानसभा चुनाव के बाद महायुति की सरकार बन चुकी है। सीएम और दो डिप्टी सीएम ने शपथ भी ले ली है। इसके बाद अब सबकी नजरें इस महायुति सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई हैं। मंत्रिमंडल को लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं होने के बीच खबरें आ रही हैं कि सीएम पद पर एकमत होने के बाद गृह विभाग को लेकर अब भी महायुति में जंग जारी है।शिवसेवा कई बार साफ तौर पर कह चुकी है कि उसे गृह विभाग चाहिए, लेकिन भाजपा उसे अपने पास ही रखना चाहती है।

पांच दिसंबर को भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उनके साथ शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और राकांपा प्रमुख अजित पवार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शिवसेना नेता उदय सामंत ने मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे उनके नेता हैं और उन्हें सभी राजनीतिक निर्णय लेने का अधिकार है। जो भी निर्णय होगा, पार्टी के विधायकों को मंजूर होगा। मंत्रिमंडल के बंटवारे पर प्रतिक्रिया देते हुए उदय सामंत ने कहा कि किसे मंत्री बनाया जाएगा और किसे नहीं, यह मुख्यमंत्री का निर्णय होगा। उन्होंने आगे कहा, "सीएम दोनों डिप्टी सीएम के साथ इस मामले को लेकर बैठक करेंगे। यह कौन कह रहा है कि हमें गृह मंत्रालय चाहिए? सीएम और डिप्टी सीए विभागों पर फैसला करेंगे।"

क्या है विभागों का गणित

बता दें कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद की कुल संख्या 43 है। एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में बीजेपी के 10, शिवसेना और एनसीपी के 9-9 मंत्री थे। अब संभावना है कि नए मंत्रिमंडल में बीजेपी को मुख्यमंत्री सहित 21, शिवसेना (शिंदे) को 12 और एनसीपी (अजित पवार) को 10 मंत्री पद मिल सकते हैं। ऐसे में यह देखने की बात है कि शिवसेना और एनसीपी को कितने मंत्री पद मिलेंगे? मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उपमुख्यमंत्री का पद संभालने वाले एकनाथ शिंदे गृह मंत्री पद के लिए अड़े हुए हैं। हालांकि उनको यह विभाग मिलने की संभावना बहुत कम नजर आ रही है।

किस पार्टी के खाते में कौन सा विभाग

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के पास गृह, विधि एवं न्याय, गृहमंत्री निर्माण, ऊर्जा, राज शिष्टाचार, सिंचाई, ग्राम विकास, पर्यटन, राजस्व, कौशल विकास, सामान्य प्रशासन और आदिवासी विभाग रह सकते हैं। वहीं शिवसेना (शिंदे) को शहरी विकास, आबकारी, सामाजिक न्याय, पर्यावरण, माइनिंग, जल आपूर्ति, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा और पीडब्यूडी विभाग दिए जा सकते हैं। इसके अलावा एनसीपी (अजित पवार) को वित्त एवं नियोजन, खाद्य एवं आपूर्ति, एफडीए, कृषि, महिला एवं बाल विकास, खेल एवं युवा कल्याण और मदद एवं पुनर्वास विभाग मिल सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी अपने पास गृह मंत्रालय रखेगी। एकनाथ शिंदे को शहरी विकास विभाग दिया जा सकता है। वहीं अजित पवार वित्त विभाग मांग रहे हैं, लेकिन देवेंद्र फडणवीस गृह के साथ वित्त विभाग भी रखना चाहते हैं। इस विभाग पर अजित पवार से चर्चा होगी। इसके बदले बीजेपी अजित पवार को ऊर्जा या हाउसिंग विभाग देना चाहती है। इसके अलावा शहरी विकास, राजस्व, आदिवासी, कृषि, ग्राम विकास, मेडिकल एजुकेशन, महिला एवं बाल विकास विभाग पर अभी चर्चा जारी है। कुछ विभाग आपस में ऐक्सचेंज किए जा सकते हैं।

पिछली सरकार में कैसा था हाल?

दरअसल जब शिंदे मुख्यमंत्री थे तब देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे। उस समय गृह मंत्री का पद फडणवीस ने अपने पास रखा था। अब जब फडणवीस मुख्यमंत्री बन गए हैं तो शिंदे गृह मंत्री का पद पाने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं शिवसेना इस बात पर जोर दे रही है कि गृह मंत्री का पद हमें मिले। शिंदे इस मामले में बहुत दृढ़ हैं। उन्हें गृह और शहरी विकास मंत्रालय भी चाहिए। लेकिन इन दोनों विभागों पर बीजेपी की नजर है। इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि दोनों विभाग बीजेपी के खाते में जाएंगे।