पुलिस ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को कन्या छात्रावास में जाने से रोका, गेट के सामने मोहन मरकाम ने दिया धरना, कहा-लड़ते रहेंगे न्याय की लड़ाई

नारायणपुर-  नारायणपुर जिले के छोटेडोंगर में पुलिस ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया है। जिसके बाद छात्रावास के गेट के सामने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत विधायकों ने धरना शुरु कर दिया है। पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को छिपाने का भी आरोप लगाया है।

दरअसल, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कन्या छात्रावास के स्नानगृह में सीसीटीवी कैमरा और शौचालय में रहकर पढ़ाई करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने जांच कमेटी का गठन किया था। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल आज जब जांच के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय कन्या छात्रावास पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें कलेक्टर का हवाला देकर गेट के बाहर ही रोक दिया। इस जांच समिति का संंयोजक मोहन मरकाम को बनाया गया है। समिति में बालोद विधायक संगीता सिन्हा और पूर्व विधायक चंदन कश्यप को शामिल किया गया है।

मामले पर पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि हमारी महिला प्रतिनिधि अंदर जाकर बच्चों से व्यवस्था की जानकारी लेना चाहती थीं, लेकिन प्रशासन ने गेट बंद कर दिया। जांच टीम को आधे घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को छिपाने की कोशिश की जा रही है।

मरकाम ने कहा कि जब तक जांच टीम को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। प्रशासन पर दबाव डालने का आरोप लगाते हुए मोहन मरकाम ने कहा कि यह देश में पहली घटना है जहां बेटियों को शौचालय में रहना और पढ़ना पड़ रहा है। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

आगे कहा कि एकलव्य आवासीय विद्यालयों में पर्याप्त फंड होता है लेकिन प्रशासन और अधिकारी इस फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना पर सवाल उठाया, कहा कि यदि बेटियों के साथ अन्याय होता रहा तो वे इसे सहन नहीं करेंगे और उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे। छात्रावास में मीडिया को भी डराने और धमकाने की घटनाएं सामने आई है। कांग्रेस ने इस मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है।

मुख्य डाकघर में लाखों की चोरी, CCTV का हार्डडिस्क भी साथ ले गए चोर

धमतरी-  शहर में फिर चोरी की वारदात सामने आई है। शातिर चोरों ने थाने के बगल में स्थित मुख्य डाकघर से लाखों की चोरी की है। घटना की जानकारी पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुटी है। वहीं नजदीक ही लोक सेवा केंद्र में सेंधमारी की खबर है।

जानकारी के मुताबिक, मुख्य डाकघर में लाखों की चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है। मुख्य डाक घर की दूरी कोतवाली थाना से महज 50 मीटर है, ऐसे में पुलिस की नाइट पेट्रोलिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। चोरों ने गैस कटर से काटकर चोरी की घटना को अंजाम दिया है। चोरी के सबूत को छिपाने के लिए शातिर चोर सीसीटीवी के हार्डडिस्क को भी अपने साथ ले गए।

थाना प्रभारी राजेश मराई ने बताया कि चोरी की घटना की जानकारी मिली थी, मामले की जांच जारी है। डॉग स्क्वायड की मदद ली जा रही है.

साइंस कॉलेज यूथ हब को तोड़ने के विरोध में उतरे पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, बीजेपी पर कसा तंज…

रायपुर-    साइंस कॉलेज यूथ हब को तोड़ने को लेकर आज पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने दुकानदारों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत और भाजपा नेताओं पर निशाना साधा है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर रोजगार छिनने आरोप लगाते हुए कहा कि यह साइंस कॉलेज यूथ हब 8 से 9 करोड़ की लागत से बनी सरकार की योजना थी, स्मार्ट सिटी की योजना थी, जिसको इम्प्लीमेंट सरकार के अधिकारियों ने किया. जिसमें किसी भी प्रकार का विवाद नहीं, बल्कि जो रायपुर पश्चिम के विधायक हैं, उनकी एक जिद के कारण, उनकी हठधर्मिता के कारण और उनके अड़ियल रवैये के कारण वो बहुत सारी जगहों पर बड़ी-बड़ी ईमारतें बनवाकर अपनी जिद के आड़े सबकुछ ध्वस्त कर देने का प्रण ले लेते हैं और उसे उजाड़ने का काम उसे तोड़ने का काम बखूबी करते हैं.

उपाध्याय ने कहा कि लगभग साल-डेढ़ साल से इस यूथ हब में स्टालों का संचालन हो रहा है जबकि इसको लेकर विधायक राजेश मूणत जी द्वारा पूर्व में अफवाह फैलाया गया कि इसके खुलने से अपराध को बढ़ावा मिलेगा, नशे के कारोबार बढ़ेंगे, चाकूबाजी और हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएँ होंगी, लेकिन यूथ हब के प्रारंभ से लेकर अब तक उस जगह पर किसी भी प्रकार का अपराध नहीं हुआ है. इसकी जानकारी संबंधित थाने में जाकर ली जा सकती है और वहीं वर्तमान में लोगों को वहां रोजगार मिल गया है तो बीजेपी को तकलीफ हो रही है.

कांग्रेस पार्टी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की लड़ाई लड़ेगी, हम साइंस कॉलेज यूथ हब को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देंगे. यूथ हब के दुकानदारों, छात्रों के लिए कांग्रेस के नेता सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे, जो इसमें सरकार का पैसा लगा है. उसे हम बर्बाद नहीं होने देंगे और लगातार यह सत्याग्रह चालू हुआ है इसे लेकर हम चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन करेंगे और जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक इस लड़ाई को हम लड़ेंगे.

हाथी शावक ‘अघन’ की हुई मौत, पोटाश बम से हुआ था घायल, ठीक होते ही मां से मिलाने की थी तैयारी

गरियाबंद- गरियाबंद में पोटाश बम से घायल हाथी शावक “अघन” की आज मौत हो गई। दरअसल, शावक को मां और झुंड छोड़कर चले गए। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम शावक को स्वस्थ करने में जुट गई। साथ ही ट्रैक्टर टीम ने दल के मूवमेंट पर भी नजर रख हुए थे। ठीक होते ही शावक को मां से मिलाने की तैयारी थी। लेकिन शावक “अघन” ने दोपहर 3.35 बजे अंतिम सांस ली। उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के उपनिदेशक वरुण जैन ने इसकी पुष्टि की है।

बता दें कि घायल शावक को उसकी मां और झुंड छोड़कर चला गया था। जिसके बाद नन्हें शावक की सलामती में उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में 30 अफसर, कर्मी के अलावा दो महावत और वाइल्ड लाइफ चिकित्सक डॉक्टर राकेश वर्मा 24 घंटे शावक की निगरानी व उसके मूमेंट में लगे हुए थे। हाथी के शावक की मां को ट्रैक्टर टीम ने 5 किमी की परिधि में ट्रैक किया था। लेकिन शुक्रवार को ‘अघन’ की तबियत बिगड़ गई थी। डॉक्टर्स तौरेंगा रेंज में शावक का उपचार कर रहे थे। आज दोपहर 3.35 बजे शावक अघन ने अंतिम सांस ली।

महिला अफसर ने किया था शावक का नामकरण

हाथी के शावक के ऑपरेशन को देखने सीसीएफ सतोविषा समाजदार रिसगांव रेंज के सालेहभाठ पहुंची थी। उन्होंने शावक को स्वास्थ्य करने चलाए जा रहे अभियान को करीब से देखा था। शावक के सकारात्मक व्यवहार को देखते हुए महिला अफसर ने शावक का नामकरण कर अघन नाम रख दिया था।

पोटाश बम के घातक केमिकल से बने हाथी के जीभ के घाव भरने का नाम नहीं ले रहा था। लगातार उपचार के बावजूद जीभ और गले के एक हिस्से में इन्फेक्शन बढ़ रहा था। जिसके चलते शावक ने भोजन त्याग दिया था।

सहकारी समिति में बड़ा घोटाला : पीड़ित किसानों ने कहा – कोई कर्ज नहीं लिया फिर भी बना दिया कर्जदार, शिकायत पर कार्रवाई नहीं,अब आत्महत्या की चेतावनी

डोंगरगढ़-  भोले-भाले किसानों के नाम पर फर्जी लोन लेकर लाखों की हेराफेरी का पर्दाफाश हुआ है. सोसायटी प्रबंधक और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत ने किसानों को ऐसा फंसाया कि अब वे न खेती के लिए जरूरी साधन जुटा पा रहे हैं और न ही अपनी उपज बेचने में सक्षम हैं. यह मामला डोंगरगढ़ विकासखंड के छिपा सहकारी समिति का है. पीड़ित किसानों का कहना है कि हमने कभी कोई लोन नहीं लिया, फिर भी हमें कर्जदार बना दिया गया. हमने सांसद, कलेक्टर, एसडीएम, सबसे शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो ऐसा लग रहा है कि हमें आत्महत्या ही करनी पड़ेगी।

पलांदूर गांव के जितेंद्र यादव की कहानी चौंकाने वाली है. महज दो एकड़ जमीन के मालिक जितेंद्र के नाम पर 2,65,000 रुपए का कर्ज़ दिखा दिया गया, जबकि प्रावधान के अनुसार इतनी जमीन पर केवल 60,000 रुपए का लोन दिया जा सकता है, लेकिन यही कहानी अकेले जितेंद्र की नहीं है. यादव राम वर्मा, राजकुमार वर्मा, शेखर वर्मा और प्रदीप वर्मा सहित कई किसानों को इसी तरह ठगा गया. इन किसानों ने न कभी लोन के लिए आवेदन किया, न ही उन्हें इसकी जानकारी थी.

धान बेचने पर कर्ज का रकम काटने का डर

इस फर्जीवाड़े की शुरुआत तब हुई, जब सोसायटी प्रबंधक ने नवीनीकरण के नाम पर किसानों से ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करवा लिए. इसके बाद बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके नाम पर लोन स्वीकृत कराया और रकम हड़प ली. जब किसानों को इस धोखाधड़ी का पता चला, तब तक उनकी धान बेचने की व्यवस्था भी बाधित हो चुकी थी. किसानों का आरोप है कि बैंक और सोसायटी ने उनकी मेहनत की कमाई को तो लूटा ही, अब उन्हें मंडी में अपनी उपज बेचने तक की अनुमति नहीं मिल रही. उनकी चिंता यह है कि अगर धान बेचते हैं तो उससे मिली रकम सीधे बैंक कर्ज में काट ली जाएगी.

शिकायत की जांच कर रहे, जल्द कार्रवाई होगी : एसडीएम

डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचे किसानों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और फर्जी लोन माफ करने की मांग की है. एसडीएम का कहना है कि शिकायत की जांच की जा रही है. जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी.

कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

किसान यादवराम वर्मा ने बताया, हमने कभी कोई लोन नहीं लिया, फिर भी हमें कर्जदार बना दिया गया. हमने सांसद, कलेक्टर, एसडीएम, सबसे शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो ऐसा लग रहा है कि हमें आत्महत्या ही करनी पड़ेगी. किसान संतोष वर्मा ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा, हम नौ किसान इस घोटाले के शिकार हुए हैं. जब खाद लेने गए, तब पता चला कि हमारे नाम पर लाखों का कर्ज है. हमारी मांग है कि भुगतान में बिना कोई कटौती किए हमें धान बेचने दिया जा. इस घोटाले ने किसानों की जिंदगी पर बड़ा असर डाला है। अब वे न केवल अपनी आजीविका के लिए जूझ रहे हैं, बल्कि मानसिक तनाव भी झेल रहे हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

रक्तदान कर जिन्दगी बचाने का लिया संकल्प, साई कॉलेज में रक्तदान शिविर आयोजित

अम्बिकापुर-     रक्त दान महादान इस उद्घोष के साथ श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में यूथ रेडक्रॉस सोसायटी और रेड रिबन क्लब के तत्वावधान में शनिवार को रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी मात्रा में रक्त दान हुआ। प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने सभी को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। यूथ रेडक्रॉस सोसायटी के प्रभारी एल.पी गुप्ता ने बताया कि स्वयं सेवकों ने उत्साह के साथ रक्तदान किया। रक्तदान से पूर्व रक्तदाता का वजन, रक्तचाप, हिमोग्लोबीन और ब्लड ग्रप की जांच की गयी।
रक्तदान के दौरान मेडिकल टीम में डा. निकिता घृतलहरे, सुमन यादव, खुशी गुप्ता, नगीना सिन्हा, अंजुला मिश्रा, रीता थामस, पृथ्वी पाल अजय ने चिकित्सकीय सहयोग किया। एचडीएफसी बैंक की टीम के राजेश कुमार यादव, सुनील वर्मा ने रक्तदान के दौरान प्रेरक दायित्वों का निर्वहन किया।

शिविर के दौरान सहायक प्राध्यापक अभिषेक कुमार, रौनक निशा, लाइबा आफरीन तथा स्वयं सेवकों में आदित्य सिंह नेताम, जॉनसन बेक, अमित मरावी, रोहित लकड़ा, अनुषा सिंह, पूजा, जया, विधि, तनीशा, खुशी आदि ने सहयोग किया।

विकसित छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं का होगा अहम योगदानः मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के एम्स आडिटोरियम में रिमोट का बटन दबाकर 100 दिनों तक चलने वाले राज्य स्तरीय निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रिमोट का बटन दबाकर निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को प्रतिमाह दी जाने वाली 1 हजार रूपए की राशि के आनलाइन ट्रांसफर करने की भी शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को निक्षय निरामय की शपथ भी दिलाई। निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के अंतर्गत अगले 100 दिनों तक राज्य में टीबी, कुष्ठ और मलेरिया के मरीजों की पहचान की जाएगी और उनका उपचार सुनिश्चित किया जाएगा। योजना में राज्य के वृद्धजनों का भी स्वास्थ्य जांच और उपचार शामिल है।

इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विकसित भारत के साथ ही साल 2047 तक छत्तीसगढ़ को भी विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य रखा गया है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर को हमारी सरकार के कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा हो रहा है। बीते 12 महीनों में हमने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। स्वास्थ्य और शिक्षा, ये दो ऐसे विषय हैं जो सीधे-सीधे राज्य और राष्ट्र के विकास से जुड़े हुए हैं। जब हर नागरिक का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, उन्हें अच्छी शिक्षा मिलेगी, तो वे राष्ट्र के विकास में अपना अधिकतम योगदान दे पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ ही सभी चिकित्सकों ने भी प्रदेश में चलाए जा रहे स्वास्थ्य अभियानों में हमेशा तत्परता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। अनेक दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन के साधनों की कमी होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अमले ने अंदरुनी गांवों तक अपनी सेवाएं पहुंचाईं हैं। हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने अनेक दुर्गम गांवों तक पहुंचने के लिए लंबी-लंबी पदयात्राएं कीं, नदी-नालों को भी पार किया है। उन्होंने कहा कि वास्तव में आप लोगों का यह जज्बा सेना के किसी जवान के जज्बे से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि टीबी, कुष्ठ और मलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्ति दिलाने के लक्ष्य को हासिल करने में निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य निरामय छत्तीसगढ़ की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की शुरूआत की जा रही है, मेकाहारा जैसे बड़े अस्पतालों पर मरीजों का दबाव कम करने के लिए नए अस्पताल भवन तैयार किए जा रहे हैं और चिकित्सकों की लगातार भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नया कीर्तिमान स्थापित हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार के लिए मैदानी अमलों, विशेषकर मितानिन बहनों की प्रशंसा करते हुए उन्हें साधुवाद दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर निक्षय पोषण योजना के हितग्राहियों को आनलाइन डीबीटी के जरिए राशि प्रदान करने की शुरूआत करने के लिए धन्यवाद दिया।

निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ अभियान कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने हाथों से हितग्राहियों को पोषण आहार, हियरिंग एड, वाकर और वाकिंग स्टिक प्रदान किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मितानिन बहनों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर आरंग विधायक खुशवंत साहेब, रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव प्रियंका शुक्ला एवं एमडी एनएचएम विजय दयाराम के. भी उपस्थित थे।

बस्तर के तोकापाल की बबीता नाग ने मुख्यमंत्री को बांधा निरामय सूत्र
रायपुर-    एम्स रायपुर के आडिटोरियम में आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम अंतर्गत 100 दिनों तक टीबी, मलेरिया एवं कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी तथा उनका उपचार किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे लोगों का भी सम्मान किया गया जिन्होंने टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों से लड़ाई लड़ी और आज स्वस्थ जीवन का आनंद उठा रहे हैं। इन्हीं मे से एक हैं बस्तर के तोकापाल की रहने वाली बबीता नाग जो कुछ समय पहले तक टीबी के रोग से पीड़ित थीं। इन्होंने सरकारी अस्पताल में अपनी जांच करायी और शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए समय पर दवाइयों और पोषण आहार का सेवन किया। इसकी वजह से बबीता आज पूरी तरह स्वस्थ हैं। बबीता ने अपने स्वस्थ होने का श्रेय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दिया है जिनकी पहल की वजह से वो टीबी जैसी बीमारी के प्रति जागरूक हो सकीं और समय पर अपना इलाज कराया। मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद देने के लिए बबीता आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में उपस्थित थीं। उन्होने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अपने हाथों से निक्षय निरामय सूत्र बांधा और प्रदेश में स्वास्थ्य संवर्धन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के ऐम्स परिसर में "निक्षय निरामय छत्तीसगढ़"  100 दिवसीय जांच व उपचार अभियान के दौरान लोगों में जागरूकता व टीबी जांच हेतु संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर संभाग के लिए एक-एक वाहन शामिल हैं। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल उपस्थित थे।

मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा अभियान के दौरान चिन्हाकित किये गए जोखिम समूहों की टीबी हेतु स्पॉट स्क्रीनिंग की जाएगी जिससे संदेहास्पद टीबी मरीजों का स्पॉट पर ही टीबी रोग का पता लगाया जा सकेगा । मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा ए.आई. तकनीक से हैंड हेल्ड एक्स रे , CY-टीबी जांच व  16 चैनल वाले ट्रूनाट मशीन से टीबी के संभावित मरीजों की तुरंत एक्स रे द्वारा जांच एवं उपचार किया जाएगा ।

सोमवार से होगा समितियों से धान का उठाव, सरकार और राइस मिलर्स के बीच लंबित मुद्दों पर बनी सहमति

रायपुर-  आखिरकार राइस मिलर्स और सरकार के बीच लंबित मुद्दों पर सहमति बन गई है. इसके साथ ही 15 नवंबर से समितियों में जमा हो रहे धान के उठाव का रास्ता खुल गया है. सरकार और राइस मिलर्स ने एक स्वर में सोमवार से धान उठाव की बात कही है.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल समेत प्रदेश भर से राइस मिलरों ने आज मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल से मुलाक़ात कर बैठक में बातचीत की. बैठक के बाद मंत्री जायसवाल ने बताया कि राइस मिलर्स हड़ताल पर नहीं थे. कई मुद्दों को लेकर सरकार नए नियम और प्रक्रिया लाती है, राइस मिलरों की कुछ आपत्ति थी. जिसे मुख्यमंत्री ने बैठक कर पूरा करने आश्वासन दे दिया था. आने वाले कैबिनेट में राइस मिलर्स की मांगें पूरी की जाएगी, इसके साथ ही तकनीकी समस्याओं का भी हल निकाल लिया गया है.

मंत्री जायसवाल ने कहा कि सबसे बड़ा उद्योग और व्यवसाय राइस मिलिंग का है. सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं राज्य के बाहर भी धान भेजा जाता है. प्रदेश में तीन हज़ार से अधिक राइस मिलर्स है. आज बैठक में तय किया गया है. पूरी ताक़त के साथ राइस मिलर्स धान उठाव करेंगे. एक-एक दाना धान ख़रीदी की ओर कार्य होगा. जिसका पंजीयन और एग्रीमेंट नहीं हुआ वो करेंगे. सोमवार से धान उठाव होगा.

राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि हम हड़ताल में नहीं गए थे. हमारी समस्या कुछ बिंदुओं को लेकर थी, जिनका सरकार के साथ बैठक में निराकरण हो गया है. प्रोत्साहन राशि 60 से 80 रुपए कर दी गई है. सरकार पहले भाड़ा राशि देने से इनकार कर रही थी, लेकिन अब वो भी मिलेगा.

अग्रवाल ने कहा कि चार हजार करोड़ लंबित राशि सरकार से लेना था, जिसे किश्तों के जरिये देने पर सहमति बनी है. हम सरकार के साथ खड़े है. साय सरकार का आभार की हमारी सुविधाओं और मांगों पर विचार कर पूरा करने का आश्वासन दिया, जिससे राइस मिलर्स और किसानों के बीच समन्वय बने. सोमवार से धान का उठाव होगा.