दुष्कर्म पीड़िता की रिपोर्ट लिखने चौकी प्रभारी ने पति से मांगी रकम, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया सवाल…

जशपुर- दुष्कर्म का शिकार महिला की जांच और बयान के नाम पर उसके पति से चौकी प्रभारी द्वारा रकम ऐंठने का मामला सामने आया है. इसमें पीड़िता के पति ने पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत करते हुए चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ रकम के लिए बंधक रखी गई जमीन को छुड़ाने की बात कही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले का सोशल मीडिया में जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. 

मामला जशपुर जिले के पंडरापाठ चौकी क्षेत्र का है. दुष्कर्म पीड़िता के पति ने पुलिस अधीक्षक से की लिखित शिकायत में बताया कि 2 दिसंबर को उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म हुआ था, जिसकी शिकायत करने वह अपनी पत्नी के साथ पंडरापाठ चौकी पहुंचा था।

जहां चौकी प्रभारी मानेश्वर राम साहनी ने रिपोर्ट लिखने के नाम पर 5000 रुपए नगद देने के साथ एक मुर्गा देने की मांग की. लेकिन उसके पास मात्र 500 रुपए थे, जिसे चौकी प्रभारी ने ले लिया और उसकी पत्नी को मेडिकल कराने के लिए बगीचा अस्पताल ले गया.

पीड़िता के पति ने बताया कि दूसरे दिन घटना के समय पहने कपड़ों की जांच के लिए फिर से बगीचा जाने को कहा गया. इस दिन फिर चौकी प्रभारी ने 500 रुपए लिया, इसके बाद चौकी प्रभारी के कहने पर गांव से 600 रुपए का मुर्गा खरीदकर दिया. इसके बाद 5 दिसंबर को चौकी प्रभारी ने बयान देने के लिए पत्नी को जशपुर बुलाया, इसके लिए वह किराए पर गाड़ी लेकर जशपुर पहुंचा, लेकिन बयान नहीं हुआ, इसके बाद अगले दिन फिर से गाड़ी किराए पर लेकर बयान देने पहुंचा.

पीड़िता के पति ने बताया कि चौकी प्रभारी की मांगों को पूरा करने के लिए उसने अपनी जमीन को बंधक कर 10,000 रुपए लिया था, जिसमें से 9000 रुपए खर्च हो गए हैं. शिकायत में पीड़िता के पति ने चौकी प्रभारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए बंधक जमीन को छुडाने का आग्रह किया है.

भूपेश बघेल ने सरकार पर साधा निशाना

इस पूरे घटनाक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट के जरिए निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने शिकायत की कॉपी के साथ पीड़िता के पति का मीडिया द्वारा लिए गए बयान को संलग्न करते हुए कहा कि देखिए क्या हो रहा है आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में एक आदिवासी के साथ… एक कोरवा आदिवासी की पत्नी के साथ हुए बलात्कार की रिपोर्ट लिखवाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस मुर्गा और पांच हजार रुपए मांग रही है.

ओडिशा सीमा पर चेक पोस्टों की हालात दयनीय, होमगार्ड मोबाइल की रोशनी में कर रहे ड्यूटी…

गरियाबंद-  धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए ओडिशा सीमा पर बनाए गए चेक पोस्टों की स्थिति बेहद दयनीय है. इन चेक पोस्टों में ज्यादातर जगहों पर बिजली, बैठने की व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं. इन समस्याओं के चलते होमगार्ड जवान मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते हुए नजर आ रहे हैं. कई चेक पोस्टों पर रात के समय कर्मी नदारद रहते हैं, और कुछ जगहों पर रात को चेक पोस्ट खुले छोड़ दिए जाते हैं.

जिला प्रशासन ने ओडिशा को जाने वाले देवभोग क्षेत्र के 16 रास्तों पर चेक पोस्ट लगवाए थे. इन चेक पोस्टों पर स्थानीय कर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन जब कलेक्टर को जानकारी मिली कि रात के समय चेक पोस्ट पर कर्मी नदारद रहते हैं, तो उन्होंने एक होमगार्ड जवान को प्रत्येक चेक पोस्ट पर तैनात कर दिया. चेक पोस्ट तैयार करने और जरूरी संसाधन की व्यवस्था का जिम्मा एसडीएम को सौंपा गया था, लेकिन कई चेक पोस्टों को ठहरने योग्य बनाने में वे नाकाम रहे, या फिर उनके अधीनस्थ कर्मियों ने निर्देशों का सही पालन नहीं किया.

रात को मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते दिखे होमगार्ड जवान

हमारी टीम ने रात के समय खोखसरा, ठिरलीगुड़ा और झिरिपानी चेक पोस्ट का दौरा किया, जहां केवल एक-एक होमगार्ड जवान ड्यूटी करते हुए दिखाई दिए. इन चेक पोस्टों पर एक-एक कच्ची झोपड़ी बनाई गई है, लेकिन बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. जवानों ने बताया कि संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधि और सचिव से संपर्क किया गया, लेकिन वे केवल बातों को टालते रहे. बिजली की कमी के कारण यहां सीसी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं.

सुविधाओं की कमी के कारण कर्मी रात को नदारद रहते हैं

ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक, चेक पोस्टों पर होमगार्ड के अलावा स्थानीय कोटवार, सचिव, रोजगार सहायक और अन्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. ये कर्मी बारी-बारी से 8-8 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं. लेकिन खम्हारगुड़ा, केन्दूबन, उसरीपानी, धूपकोट, पीठापारा, नागलदेही जैसे कई चेक पोस्टों पर रात के समय कोई कर्मी नहीं मिलते. झलियापड़ा चेक पोस्ट भी एक ऐसा स्थान है, जहां कर्मी हमेशा नदारद रहते हैं. इस अव्यवस्था का फायदा बिचौलिये उठा रहे हैं, और रात के समय अवैध धान परिवहन बढ़ गया है.

अकेले ड्यूटी कर रहे जवानों का कहना

खोखसरा चेक पोस्ट पर ड्यूटी कर रहे संतोष यादव ने कहा कि यह जगह उनके लिए नई है. कोटवार रात में रहते हैं, लेकिन अंधेरे में जीव-जंतु का खतरा बना रहता है. झिरिपानी चेक पोस्ट पर अकेले ड्यूटी कर रहे राजेंद्र मेश्राम ने बताया कि कच्ची झोपड़ी में दिन में होटल चलता है और रात में वहां सोने की जगह मिल जाती है. वे मोबाइल को दिन में गांव वालों से चार्ज कराते हैं और रात में उसी मोबाइल की रोशनी में ड्यूटी करते हैं.

एसडीएम का बयान: “दो-तीन जगह बिजली नहीं है, बाकी जगह व्यवस्था है”

एसडीएम तुलसी दास मरकाम ने कहा कि जहां बिजली के खंभे दूर हैं, वहां थोड़ी मुश्किलें हैं, लेकिन अधिकांश चेक पोस्टों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है. उन्होंने खुद इन जगहों का निरीक्षण किया है और दावा किया कि सभी जगह व्यवस्था दुरुस्त है.

छत्तीसगढ़ में होने वाली राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता स्थगित
रायपुर-   अपर संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति, जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की चतुर्थ राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के आयोजन को अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। यह राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता राजधानी रायपुर में 15 दिसम्बर से 19 दिसम्बर 2024 तक आयोजित होने वाली थी। उन्होंने बताया कि उक्त राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन आगामी जनवरी माह में संभावित है, जिसकी तिथि बाद में घोषित की जाएगी।
बी.एड., डी.एल.एड., बी.ए.बी.एड. एवं बी.एस.सी.बी.एड. में प्रवेश के लिए अंतिम चरण के आबंटन की तारीख जारी…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने 2024-25 सत्र के लिए डी.एल.एड., बी.एड., बी.ए.बी.एड. और बी.एस.सी.बी.एड. पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम चरण की तिथियां घोषित कर दी हैं।

अंतिम चरण में पंजीयन एवं ऑनलाइऩ विकल्प फार्म भरने की प्रक्रिया 7 से 10 दिसम्बर तक होगी। जिन अभ्यर्थियों ने पहले चरणों में प्रवेश नहीं लिया है, वे निःशुल्क पंजीयन कर सकते हैं, जबकि नए पंजीकरण करने वाले अभ्यर्थियों को निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। अभ्यर्थी 7 दिसम्बर 2024 से 12 दिसम्बर 2024 तक सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक किसी भी महाविद्यालय/संस्था के लिए ऑनलाइन विकल्प दर्ज कर सकते हैं।

अंतिम चरण की प्रथम सूची 12 दिसम्बर 2024 को जारी की जाएगी। महाविद्यालय में प्रवेश की तिथि 12 से 16 दिसम्बर 2024 तक शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है। इसके बाद, द्वितीय सूची 19 दिसम्बर 2024 को प्रकाशित होगी और महाविद्यालय में प्रवेश की अंतिम तिथि 22 दिसम्बर 2024 शाम 5 बजे तक होगी। अंतिम सूची 23 दिसम्बर 2024 को प्रकाशित की जाएगी, और अंतिम प्रवेश की तिथि 24 दिसम्बर 2024 को शाम 5 बजे तक होगी।

अभ्यर्थी विस्तृत जानकारी के लिए एससीईआरटी रायपुर की आधिकारिक वेबसाइट https://scert.cg.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। पंजीयन की प्रक्रिया के लिए चिप्स की आधिकारिक वेबसाइट https://slcm.cgstate.gov.in/SCERTOnline/ पर जाकर निर्धारित कार्यवाही पूरी की जा सकती है।

छत्तीसगढ़ में 4 नए केंद्रीय विद्यालय होंगे शुरू, सीएम साय ने पीएम मोदी का जताया आभार

रायपुर- छत्तीसगढ़ में चार नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे. केंद्र सरकार ने इसके लिए मंजूरी प्रदान कर दी है. नए स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय मुंगेली, सूरजपुर, बेमेतरा और जांजगीर-चांपा जिले के हसौद में प्रारंभ होंगे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में चार नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नये केंद्रीय विद्यालय के प्रारंभ होने से राज्य के विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय विद्यालय अभिनव शिक्षण पद्धति और नवीनतम अधोसंरचना को लेकर लोकप्रिय है. छत्तीसगढ़ में इन विद्यालयों के प्रारंभ होने से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज आर्थिक मामलों के मंत्रिमण्डल समिति द्वारा देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने की मंजूरी दी गई है.

साय सरकार ने कलेक्टरों को दिया निर्देश, कहा- किसानों को धान विक्रय के लिए टोकन जारी करने की प्रक्रिया का करें पालन

रायपुर-   राज्य शासन द्वारा सभी कलेक्टरों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के तहत किसानों को टोकन जारी करने की निर्धारित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी वितरण संघ के प्रबंध संचालक ने सभी कलेक्टरों को प्रेषित पत्र में टोकन आवेदन समिति मॉड्यूल एवं टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से किए जाने की सुविधा का उल्लेख करते हुए कहा है कि कुल टोकन आवेदन का 40 प्रतिशत समिति मॉड्यूल और 60 प्रतिशत एप के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है. टोकन आवेदन के लिए रविवार से शुक्रवार तक प्रातः 9.30 बजे सायं 5 बजे तक का समय निर्धारित है.

किसानों द्वारा आवेदन के दौरान आवश्यक प्रविष्टि करने के उपरांत आवेदन दिनांक से 15 जनवरी 2025 तक रिक्त स्लॉट में धान विक्रय के लिए दिवस का चयन किया जा सकता है. समितियों में, धान विक्रय किये जाने के लिए पंजीकृत रकबा एवं खरीदी अवधि को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन खरीदी लिमिट भी निर्धारित है, जिसकी जानकारी खाद्य अधिकारी माड्यूल एवं समिति माड्यूल में उपलब्ध है. प्रतिदिन खरीदी लिमिट अंतर्गत टोकन तुहर हाथ एप के माध्यम से आवेदित टोकन लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य वही अनुपात निर्धारित है, जो उस समिति में पंजीकृत लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य है. प्रतिदिन खरीदी लिमिट अंतर्गत समिति माड्यल के माध्यम से आवेदित टोकन में लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य किसी प्रकार कोई अनुपात निर्धारित नहीं किया गया है.

समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए राज्य में लघु एवं सीमांत कृषकों को 2 टोकन एवं दीर्घ कृषकों 3 टोकन की सुविधा प्रदाय की गई है. लघु सीमांत कृषक अपने दूसरे टोकन में तथा दीर्घ कृषक अपने तीसरे टोकने में उनके द्वारा अधिकतम 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा के अध्याधीन शेष संपूर्ण मात्रा के लिए टोकन ले सकेगा. यदि कृषकों द्वारा अंतिम टोकन में प्रविष्ट की गई धान की मात्रा उपार्जन केन्द्र में निर्धारित खरीदी लिमिट से अधिक होती है, तो उस स्थिति में उक्त उपार्जन केंद्र में खरीदी लिमिट के 30 प्रतिशत तक का अधिक का उपार्जन किया जा सकेगा.

वनांचल क्षेत्र के गांव में औचक निरीक्षण पर पहुंचे कलेक्टर, कक्षा पांचवी के छात्र ने सुनाया फर्राटेदार पहाड़ा, DM हुए गदगद

गरियाबंद- कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने आज मैनपुर ब्लॉक के अंतर्गत वनांचल गांव जुगाड़ और धुरवागुड़ी में पहुंचकर विभिन्न जगहों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और अन्य सरकारी सुविधाओं का निरीक्षण किया.

कलेक्टर अग्रवाल ने सबसे पहले ग्राम जुगाड़ के प्राइमरी एवं मीडिल स्कूल में शिक्षा व्यवस्था का अवलोकन करते हुए स्कूल में स्टॉफ और संसाधनों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली. साथ ही विभिन्न कक्षों में जाकर बच्चों से पढ़ाई के बारे में पूछा. कलेक्टर ने बच्चों से सामान्य ज्ञान सहित देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम पूछकर उनके सामान्य सीख को परखा. वहीं कक्षा पांचवी के छात्र रूपेश से तेरह का पहाड़ा पूछने पर उन्होंने फर्राटेदार तरीके से तेरह का पहाड़ा कलेक्टर को सुनाया. साथ ही प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का भी नाम उत्सुकता के साथ बताया. बच्चों की पढ़ाई का स्तर एवं बेहतर सीख को देखकर कलेक्टर ने बच्चों की खूब प्रशंसा करते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

इसी प्रकार छात्रा प्रियंका कश्यप से भी पढ़ाई के बारे में चर्चा की. उन्होंने भी चहकते हुए कलेक्टर को सही जानकारी दी. इस पर भी कलेक्टर ने उन्हें शबासी दी. इस दौरान कलेक्टर ने स्कूल परिसर में रसोई कक्ष और सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया. साथ ही परिसर में मौजूद आंगनबाड़ी भवन का भी निरीक्षण किया. परिसर में पेयजल आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा चलित पानी टंकी को नया लगाने के निर्देश दिये. जुगाड़ स्कूल की शिक्षिका और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित पाये जाने पर नाराजगी जताते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये. इस दौरान जिला मिशन समन्वयक के.एस. नायक सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे.

धुरवागुड़ी सेजेस का निरीक्षण

कलेक्टर अग्रवाल ने धुरवागुड़ी में स्वामी आत्मानंद स्कूल का निरीक्षण किया. उन्होंने कक्षों में जाकर बच्चों से बात की. साथ ही शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में भी जानकारी ली. कलेक्टर ने बच्चों से पढ़ाई के संबंध में जरूरी शब्द एवं अक्षर ज्ञान की जानकारी ली. बच्चों ने भी तत्परता के साथ कलेक्टर को पढ़ाई के बोर में बताया. इस दौरान कलेक्टर ने पुस्तकालय भवन और प्रयोगशाला कक्ष का भी निरीक्षण किया. वहां पर प्रयोगशाला उपकरण एवं किताब अव्ययस्थित पाये जाने पर लाईब्रेरी एवं लैब शिक्षक पर गहरी नाराजगी जताई. साथ ही परिसर में फैले गंदगी के लिए भी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश देते हुए प्राचार्य सहित लैब एवं लाईब्रेरी शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये.

कलेक्टर ने शिक्षकों को स्वयं अनुशासित रहकर बच्चों को भी अनुशासन एवं किताबों से संबंधित जरूरी ज्ञान सिखाने को कहा. उन्होंने बच्चों को दिये जाने वाले मध्यान्ह भोजन के लिए रसोई कक्ष का भी निरीक्षण किया. उन्होंने भोजन की गुणवत्ता एवं आवश्यक खाद्यान्न सामग्री की जानकारी ली. कलेक्टर ने बच्चों को गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदान करने के सख्त निर्देश खाना बनाने वाले संबंधित समूह को दिये. कलेक्टर ने परिसर में निर्माणाधीन भवन को भी गुणवत्तायुक्त तरीके से तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिये.

मंत्रालय परिसर में फिर से दाल-भात केंद्र शुरू करने की मांग, कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन

रायपुर-   मंत्रालय परिसर में फिर से अन्नपूर्ण दाल भात केंद्र खोलने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा. संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने कहा, अल्प वेतनभोगी कर्मचारी, सफ़ाई कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारियों को पौष्टिक भोजन करने में दिक्कत हो रही है. पूर्व में संचालित दाल भात केंद्र के स्थान पर गढ़कलेवा का संचालन किया जा रहा है. इसे अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर फिर से दाल भात केंद्र खोला जाए.

अध्यक्ष महेंद्र राजपूत ने कहा, खाद्य पदार्थों की दरें अधिक होने के कारण प्रतिदिन भोजन करना संभव नहीं है. सरकार की प्राथमिकता में कमजोर वर्ग की जनता का पोषण करना शामिल है इसलिए दाल भात केंद्र फिर से शुरू किया जाए.

अवैध धान परिवहन को लेकर अधिकारियों पर बिफरे पूर्व विधायक, कहा – अफसरों ने दी बिचौलियों को खुली छूट

गरियाबंद- गरियाबंद जिले के धौराकोट में आज मंच से पूर्व भाजपा विधायक गोवर्धन मांझी ने अवैध धान परिवहन को लेकर अफसरों की जमकर खिंचाई कर दी। दरअसल, धौराकोट में जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में वरिष्ठ भाजपा नेता गोवर्धन मांझी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने धान तस्करी पर स्थानीय प्रशासन की जमकर खिंचाई की। भरे मंच से गोवर्धन मांझी ने कलेक्टर की मौजूदगी में कहा कि अफसरों ने बिचौलियों को खुली छूट दे दी है। इसलिए चेक पोस्ट दुरुस्त नहीं है। बेखौफ होकर बिचौलिए ओडिसा का धान लाकर खपा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ओडिसा के तीन जिलों के सीमा से 50 छोटी-बड़ी वाहन रोजाना धान का अवैध परिवहन कर रहे हैं। कार्रवाई की खानापूर्ति करने के लिए प्रशासन किसानों के धान पकड़ रही है।

किसी को कोई परेशान करें, तो मुझे सीधे कॉल करें : कलेक्टर दीपक अग्रवाल

भाजपा नेता के संबोधन के बाद कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने माइक थामते ही कहा कि हमने किसानों को परेशान करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। अगर किसी को कोई परेशान करता है, तो मुझे सीधे कॉल करें। वहीं अवैध परिवहन को लेकर कहा कि लगातार कार्रवाई हो रही है, अब तक 9 वाहन पकड़े गए हैं।

असाधारण राजपत्र प्रकाशन पर छत्तीसगढ़ शासन सख्त, मुख्य सचिव ने जारी किए कड़े दिशा-निर्देश
रायपुर-    छत्तीसगढ़ शासन ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के असाधारण राजपत्र में आदेश, अधिसूचना या अध्यादेश प्रकाशित करने पर सख्त कदम उठाया है. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिवों को पत्र जारी किया है. यह पत्र मंत्रालय के सभी विभागों में भेजा गया है, जिसमें असाधारण राजपत्र प्रकाशन के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

मुख्य सचिव के पत्र में लिखे गए मुख्य बिन्दु-

i. अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण संक्षिप्त सूचनाएं ही आवश्यकतानुत्तार असाधारण राजपत्र में प्रकाशित की जाए.

ii. असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के लिए प्रस्ताव पूर्ण औचित्य के साथ व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन के कारण सहित प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत विभागीय सचिव/सक्षम अधिकारी (उप सचिव) के हस्ताक्षर से ही भेजे जायें.

iii. सीमाबद्ध प्रकरणों में निर्णय लेने में शीघ्रता की जाए, ताकि साधारण राजपत्र में समयबद्ध रीति से प्रकाशन हो सके व असाधारण राजपत्र में प्रकाशन की आवश्यकता नहीं रहे.

iv. प्रकाशित अधिसूचना की हिन्दी एवं अंग्रेजी की एक-एक प्रति विभागीय सचिव या उनके अनुपस्थित रहने पर सक्षम अधिकारी (उप सचिव) (प्रारूप के अनुमोदन व प्रकाशन हेतु अधिकारी समकक्ष होना चाहिए) के हस्ताक्षर से मुद्रणालय भेजा जाना अनिवार्य है.Chhattisgarh government strict on extraordinary gazette publication, Chief Secretary issued strict guidelines

v. प्रशासकीय विभागों, असाधारण राजपत्र में आदेश/अधिसूचना/अध्यादेश/ इत्यादि के प्रकाशन पूर्व आवश्यकतानुसार वित्त विभाग से लिए गए परामर्श, विधि विभाग से परिमार्जन, असाधारण राजपत्र में प्रकाशित कराया जाना आवश्यक क्यों हैं?, इसका निर्धारण कर सदाम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही संपादित करना सुनिश्चित करें.

vi. प्रशासकीय विभाग (संबंधित) असाधारण राजपत्र की प्रकाशन/मुद्रण की सूचना,मुद्रण/प्रकाशन की तिथि के कम से कम 24 घंटे पूर्व शासकीय मुद्रणालय को प्रदाय करेगा.

vii.असाधारण राजपत्र में प्रकाशित होने वाले अधिसूचना/आदेश/अध्यादेश / इत्यादि के लिये संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासकीय विभाग की होगी.