बिहार विधानसभा चुनाव: जेडीयू नेता के विवादित बयान से सीमांचल की राजनीति गरमाई

बिहार विधानसभा चुनाव में अभी करीब एक साल का समय बचा हुआ है, लेकिन सियासत अभी से गरमा गई है. राजनीतिक पार्टियों की ओर से सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. सत्ताधारी पार्टी जेडीयू अभी से बिहार के सभी जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन करने लगी है. सोमवार को किशनगंज में कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ, जिसमें पार्टी के नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने विवादित बयान दे दिया. रसूल के बयान के बाद से सीमांचल की राजनीति गरम हो गई है.

गुलाम रसूल बलियावी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव नीतीश कुमार की इज्जत का नहीं है बल्कि बिहार और सीमांचल के मुसलमानों की इज्जत का है. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार को वोट नहीं दिया तो जब गद्दारों का नाम लिखा जाएगा तो सबसे पहले आप का नाम लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि 19 साल जिसे आजमा चुके है और कोई बाहर का आ जाए और हवा बना दे और आप उसमें बह जाओ इसका मतलब है कि आप अपने पैरों पर खड़े नहीं है.

‘तीर का बटन दबा दिया तो…’

बलियावी यही नहीं रुके आगे उन्होंने कहा कि 2025 में अगर तीर का बटन दबा दिया तो सारे देश में यह संदेश जाएगा कि मुसलमान गुनहगार हो सकता है, लेकिन देश का गद्दार नहीं हो सकता. वही उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब काम पड़ता है तो जेडीयू के स्थानीय नेता करते है लेकिन चुनाव के समय हैदराबाद से बिरयानी लेकर आ जाते है तब आप लोग जय जय करते है.

किशनगंज जिले में आती हैं 4 विधानसभा सीटें

किशनगंज जिले की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इसमें चार विधानसभा सीटें आती हैं. फिलहाल चारों पर इंडिया गठबंधन का कब्जा है. ऐसे में जनता दल यूनाइटेड यहां की सीट जीतना चाहती है और अभी से मुस्लिम वोट को गोलबंद करने की कोशिश पार्टी ने शुरू कर दिया है.

दिल्ली में सोना हुआ 200 रुपये सस्ता, चांदी की कीमत में भी बड़ी गिरावट

महीने के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को देश की राजधानी दिल्ली में सोने और चांदी की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिली. दिल्ली में जहां सोने के दाम में 200 रुपए की गिरावट देखने को मिली. वहीं दूसरी ओर चांदी के दाम क्रैश होते हुए दिखाई दिए. सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण डॉलर इंडेक्स में तेजी को मानाप जा रहा है. वास्तव में अनुमान से लगाया जा रहा है कि दिसंबर फेड पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती देखने को मिल सकती है. जिसका असर गोल्ड की कीमतों में पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी ओर दिल्ली की फिजिकल मार्केट में गोल्ड की डिमांड में भी गिरावट देखने को मिल रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर दिल्ली में सोने और चांदी के दाम कितने हो गए हैं?

दिल्ली में सोना और चांदी हुआ सस्ता

ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के अनुसार, इंटरनेशनल मार्केट में कमजोर रुझानों के बीच देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को सोने की कीमतें 200 रुपए गिरकर 79,200 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गईं. 99.9 फीसदी शुद्धता वाली पीली धातु शुक्रवार को 79,400 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई. 99.5 फीसदी शुद्धता वाले सोने की कीमत 200 रुपए फिसलकर 78,800 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गई. शुक्रवार को कीमती धातु 79,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई. वहीं दूसरी ओर औद्योगिक यूनिट्स और सिक्का निर्माताओं का उठाव कम होने से चांदी भी 2,200 रुपए गिरकर 90,000 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई. पिछले कारोबारी सत्र में यह 92,200 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था.

एमसीएक्स में भी टूटा गोल्ड

इस बीच, एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी वाला सोना 478 रुपए यानी 0.63 प्रतिशत गिरकर 75,896 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया. दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी अनुबंध 574 रुपए या 0.65 प्रतिशत गिरकर 88,307 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गया. दिन के दौरान, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सफेद धातु 1,081 रुपए या 1.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 87,800 रुपए प्रति किलोग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गई. वैश्विक स्तर पर, कॉमेक्स पर सोना वायदा 23.50 डॉलर प्रति औंस या 0.88 प्रतिशत गिरकर 2,657.50 डॉलर प्रति औंस पर आ गया. एशियाई सत्र के दौरान 2,621 अमेरिकी डॉलर के इंट्रा-डे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद, सोने ने गिरावट का रुख जारी रखा. एशियाई बाजार में चांदी भी 1.36 प्रतिशत गिरकर 30.69 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर आ गई.

क्या कह रहे हैं जानकार?

आनंद राठी शेयर्स और स्टॉक ब्रोकर्स के कमोडिटीज एंड करेंसीज में एवीपी मनीष शर्मा ने कहा कि यह गिरावट अमेरिकी डॉलर में देखी गई रिकवरी के कारण हुई, जो अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्तावित टैरिफ से जुड़ी महंगाई संबंधी चिंताओं से जुड़ी हुई हैं. कोटक सिक्योरिटीज के एवीपी-कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला के अनुसार, लेबनान में इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम समझौते के बाद, सेफ-हेवन डिमांड कम होने के कारण पिछले सप्ताह कॉमेक्स सोना कमजोर नोट पर बंद हुआ.

चैनवाला ने कहा, इसके अलावा, लगातार महंगाई की चिंताओं ने अगले साल दरों में कटौती की गति पर संदेह पैदा कर दिया है. बाजार यूक्रेन-रूस के बढ़ते तनाव पर करीब से नजर रख रहे हैं और सोमवार को जारी होने वाले अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डाटा का इंतजार कर रहे हैं.

अबंस होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा कि इसके अलावा, फेडरल रिजर्व (फेड) के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल सहित फेड अधिकारियों के प्रमुख संबोधन भी फोकस में हैं, क्योंकि बाजार को दिसंबर में दर के फैसले की उम्मीद है. मेहता ने कहा कि हालांकि पिछले स्तरों की तुलना में सोने में भागीदारी कम हो गई है, लेकिन निवेशकों द्वारा अपना निवेश बढ़ाने से कीमतें मजबूत हो सकती हैं. व्यापारियों का मानना है कि सोने की कीमतें और बढ़ेंगी, हालांकि अतिरिक्त ब्याज दरों में कटौती में संभावित देरी से अल्पकालिक गिरावट आ सकती है.

PM मोदी और गृहमंत्री शाह करेंगे चंडीगढ़ का दौरा, इन कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 3 दिसंबर को चंडीगढ़ का एक दिवसीय दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भाग भी लेंगे, जिसका मुख्य उद्देश्य देशभर में लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा करना है.चंडीगढ़ पुलिस की करेंगे सराहना

यह कार्यक्रम तीन नए कानूनों पहला भारतीय न्याय संहिता (BJS), दुसरा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BCSS), और तीसरा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BEA) के इंप्लिमेंटेशन को लेकर आयोजित किया जा रहा है. ये कानून 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू किए गए थे. खास बात यह है कि चंडीगढ़ पुलिस ने इन्हें 100 फीसदी लागू करने में सबसे तेज पहल की है, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ पुलिस की सराहना करेंगे.

न्याय प्रणाली में ट्रांसपेरेंसी

पिछले पांच महीनों में, नए कानूनों के तहत पुलिस विभाग ने कार्रवाई के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं. हालांकि, अदालत स्तर पर ई-गवाही (E-Deposition) और ई-सम्मनिंग (E-Summoning) जैसी डिजिटल प्रक्रियाओं की शुरुआत का इंतजार था. प्रधानमंत्री 3 दिसंबर को इन दोनों पहलुओं की औपचारिक शुरुआत करेंगे. इससे न्याय प्रणाली को अधिक ट्रांसपेरेंसी और डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा.

गृहमंत्री अमित शाह भी रहेंगे मौजूद

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी तीन नए कानूनों के इंप्लीमेंटेशन की समीक्षा करेंगे और संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश भी देंगे. चंडीगढ़ पुलिस की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री इस बात पर जोर देंगे कि अन्य राज्यों के पुलिस विभाग भी इस मॉडल को अपनाएं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे और कार्यक्रम में अपने विचार भी साझा करेंगे.

यह दौरा न केवल चंडीगढ़ पुलिस के प्रयासों को मान्यता देगा बल्कि नए कानूनों के इंप्लिमेंटेशन में तेजी लाने और न्याय प्रणाली में डिजिटल बदलाव के महत्व को भी रेखांकित करेगा. प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह का यह दौरा न्याय प्रणाली में बदलाव के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है.

राजस्थान के उदयपुर में आयकर विभाग की बड़ी छापेमारी, 50 किलो सोना और 5 करोड़ कैश की बरामद

राजस्थान के उदयपुर के ट्रांसपोर्ट व्यवसाई के 23 ठिकानों पर आयकर विभाग ने चार दिनों तक छापेमारी की. इस दौरान अधिकारियों को 50 किलो सोना, 5 करोड़ कैश और करोड़ों के आय संबंधी दस्तावेज मिले. इस ट्रांसपोर्ट व्यवसाई का नाम टीकम सिंह राव है. टीकम सिंह राव उदयपुर के जाने-माने बिजनेसमैन हैं.

टीकम सिंह की एक कंपनी है, जिसका नाम गोल्डन ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड है. इस कंपनी पर आयकर विभाग ने ये छापेमारी की. इसके अलावा टीकम सिंह राव के अलग-अलग ठिकानों पर भी आयकर विभाग की ओर से छापेमारी की गई. उदयपुर, जयपुर, बांसवाड़ा गुजरात और महाराष्ट्र की कंपनियों पर हुई रेड में बड़ी अघोषित संपत्ति बरामद हुई है.

लॉकर से 50 किलो सोना मिला

टीकम सिंह राव के उदयपुर स्थित आवास और लॉकर से करीब 50 किलो सोना मिला, जिसमें से टीम ने 45 किलो सोना जब्त किया है. 5 करोड़ कैश मिले, जिसमें से 4 करोड़ कैश को जब्त किया गया है. आयकर विभाग को ट्रांसपोर्ट कंपनी पर बिना बिल और बिल्टी के नकद सामान परिवहन करने की सूचना मिली थी. इस पर टीम ने अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी.

23 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी

आयकर विभाग के करीब ढाई सौ से अधिक कर्मचारियों के साथ टीमों ने देश भर के 23 ठिकानों पर एक साथ दबिश देकर सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान टीमों को ज्वेलरी, कैश, नकद आय के दस्तावेजों के अलावा कई लॉकर भी मिले थे. उदयपुर के 19 ठिकानों पर छापेमारी हुई . वहीं जयपुर में एक, बांसवाड़ा में तीन, गुजरात में दो जगह और मुंबई में एक जगह पर आयकर विभाग ने रेड की. आयकर विभाग यह पता करने की कोशिश कर रहा है कि इतनी संपत्ति किस आय से अर्जित की गई, इसके दस्तावेज कहां हैं. अधिकारी कंपनी के दस्तावेज अपने साथ ले गए हैं. अधिकारी का कहना है कि मालिक और कंपनी के संबंधित अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी.

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले के बीच ममता बनर्जी ने केंद्र से की ये मांग, जानें

पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में स्थिति लगातार खराब बनी हुई है. वहां पर अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर हमले जारी है, और उनके साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार किया जा रहा है. बांग्लादेश की मौजूदा हालात को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चिंतित हैं. उन्होंने आज सोमवार को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में शांति मिशन तैनात करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) से अनुरोध करने की गुजारिश की है. साथ ही विदेशी धरती से सताए गए भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए पीएम मोदी के हस्तक्षेप करने की मांग की है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी मांग की कि विदेश मंत्री (एस जयशंकर) को बांग्लादेश में मौजूदा हालात पर केंद्र सरकार के रुख से संसद को अवगत कराना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, “अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस काम को करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं, तो शीतकालीन सत्र के दौरान विदेश मंत्री को इस मामले में बयान देना चाहिए.”

UN से हस्तक्षेप की बात करे MEA: CM ममता

दिन के सत्र के पहले सेशन के दौरान पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए सीएम बनर्जी ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, क्योंकि बंगाल देश की संघीय व्यवस्था में महज एक राज्य है.

बांग्लादेश के हालात को लेकर सीएम ममता ने कहा, “हालांकि, हाल के घटनाक्रमों और पड़ोसी मुल्क में रिश्तेदारों और उनके ठिकानों वाले यहां के कई लोगों द्वारा बताए गए कड़े अनुभवों, हमारे तरफ आने वाले लोगों की गिरफ्तारी और यहां इस्कॉन प्रतिनिधियों के साथ मेरी बातचीत के मद्देनजर, मुझे इस सदन में यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ा है.”

सीएम ममता ने एक बार फिर साफ किया कि इस मामले पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, हालांकि उन्होंने विदेश मंत्रालय (MEA) से इस मुद्दे को बांग्लादेश के अधिकारियों और जरूरत पड़ने पर संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उठाने का अनुरोध भी किया.

‘रोटी’ बांटने में कोई परेशानी नहींः CM ममता

अंतरराष्ट्रीय शांति सेना भेजने की बात करते हुए सीएम ममता ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो बांग्लादेश में (अंतरिम) सरकार से बात करके सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद के लिए एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना भेजी जानी चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि वहां मुश्किलों का सामना कर रहे भारतीयों को बचाने और बॉर्डर के इस तरफ लाकर उनका पुनर्वास किए जाने की तत्काल जरूरत है. अगर जरूरत पड़ी तो हम बांग्लादेश में हमला किए गए भारतीयों का पुनर्वास भी करवा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हमें उनके साथ अपनी ‘एक रोटी’ बांटने में कोई परेशानी नहीं होगी. उनके लिए भोजन की कहीं कोई कमी नहीं होगी.” बनर्जी ने जोर देकर कहा कि वह चाहती हैं कि बांग्लादेश और अन्य जगहों पर रहने वाले सभी समुदायों के बीच सद्भाव, भाईचारा और सौहार्दपूर्ण संबंध लगातार बने रहें.

मणिपुर में अवैध अफीम की खेती पर लगाम: 20 हजार एकड़ खेती का किया गया नष्ट

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर अवैध रूप से की जा रही अफीम की खेती पर लगातार लगाम कस रहा है. मणिपुर सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 से अब तक कम से कम 12 जिलों में करीब 20 हजार एकड़ अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया गया है.

राज्य सरकार के अनुसार, पिछले 7 सालों के दौरान मणिपुर में कुल 19,135.60 एकड़ अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया है. इस अवधि के दौरान कंगपोकपी जिले में सबसे ज्यादा 4,454.4 एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गई.

रिमोट सेंसिंग और GIS तकनीक से मिली मदद

कंगपोकपी जिले के बाद उखरुल जिले में 3,348 एकड़ और चुराचांदपुर जिले में 2,713.8 एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गई. रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक का इस्तेमाल करके अफीम की खेती वाले क्षेत्रों की मैपिंग और आकलन से जुड़ी रिपोर्ट में यह बात सामने आई.

योजना विभाग के तहत मणिपुर रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर की ओर से अवैध खेती को नष्ट करने की यह कोशिश राज्य पुलिस की ‘नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर’ विंग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर किया गया था.

अफीम की अवैधी खेती में गिरावट

रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य जिले जहां अवैध अफीम की खेती नष्ट की गई, उनमें टेंग्नौपाल जिले में 2,575 एकड़, चंदेल में 1,982.5 एकड़ और सेनापति में 1,682 एकड़ की खेती शामिल हैं. इससे पता चला कि 2021-22 में राज्य के 9 जिलों में अफीम की खेती का रकबा 28,598.91 एकड़ था, जो 2023-24 में घटकर महज 11,288.1 एकड़ रह गया.

अध्ययन के अनुसार, इस कोशिश का असर यह हुआ कि अफीम की अवैध खेती में गिरावट आने लग गई. साल 2023 और 2024 के बीच अफीम की खेती 2022-23 की तुलना में 32.13 प्रतिशत कम हुई है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पिछले महीने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक पोस्ट में कहा था कि राज्य सरकार पूर्वोत्तर राज्य में अफीम की अवैध खेती को खत्म करने के अपने संकल्प में प्रतिबद्ध है.

उत्तराखंड के रुड़की में शिव मंदिर में खून चढ़ाने की घटना के बाद तनाव, आरोपी गिरफ्तार।

उत्तराखंड के रुड़की में एक शिव मंदिर में दूसरे समुदाय के युवक की ओर से अपना खून चढ़ाए जाने से तनाव कायम है. हालांकि, आक्रोशित गांववालों ने आरोपी युवक को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. एहतियातन गांव में भारी पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है. एक अधिकारी ने कहा कि अगर कोई भी माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस ने बताया कि रविवार की शाम रुड़की कोतवाली क्षेत्र के जौरासी गांव में एक धार्मिक स्थल में एक गैर समुदाय का युवक घुस गया. जब वह वहां से निकल रहा था तो गांववालों ने उसके आने का कारण पूछा तो युवक घबराकर भागने लगा. ग्रामीणों ने भागते युवक को पकड़ लिया. जब सख्ती से पूछताछ की तो युवक ने बताया कि उसने अपना खून शिव मंदिर में मन्नत के लिए चढ़ाया है. युवक के धार्मिक स्थल पर खून चढा़ने की बात गांव में आग की तरह फैल गई.

सूचना पर पुलिस पहुंची

सूचना पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट पुलिस फोर्स के साथ गांव में पहुंचे. उन्होंने आक्रोशित ग्रामीणों को आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कहीं. इसके बाद ग्रामीण शांत हुए.गांव के ही अंकित सैनी ने गांव के ही इलियास नामक युवक को धार्मिक स्थल को अपवित्र करने व धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है.

क्या बोले पुलिस अधिकारी?

इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है. उन्होंने ग्रामीणों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए माहौल खराब करने वालों से सख्ती से निपटने की बात कही है. फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि गांव वालों का आरोप है कि युवक पहले से ही तंत्र क्रिया का कार्य करता है. उनका कहना है कि इस तरीके के लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

एक साल से पेट में कैंची लिए घूम रही थी महिला, ऐसे खुली पोल

भिंड के मेहगांव के सौंधा गांव की रहने वाली कमला देवी को पेट में कैंची रह जाने की शिकायत पर जया आरोग्य अस्पताल ग्रुप के कमला राजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की टीम ने महिला का ऑपरेशन किया, लेकिन महिला के पेट में कैंची की जगह एक चिमटी निकली. इस चिमटी का इस्तेमाल ऑपरेशन के दौरान खून रोकने के लिए किया जाता है.

महिला के पेट से जो चिमटी निकली है. इसे मॉस्किटो आर्टरी फोर्सेप कहते हैं और इस पर कैंची की तरह कोई धार नहीं होती है. इसी अस्पताल में 20 फरवरी 2023 को पीड़ित महिला कमला का ओवरी में कैंसर की गांठ का ऑपरेशन किया गया था. उसी दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के चलते “मॉस्किटो आर्टरी फोर्सेप” महिला के पेट में रह गई थी, जिसे कैंची समझा जा रहा था. इसी को निकलवाने अब वह फिर से अस्पताल पहुंची.

पहले ऑपरेशन के दौरान गलती

हालांकि इस लापरवाही पर जया आरोग्य अस्पताल ग्रुप के अधीक्षक ने जांच के आदेश देते हुए गायनिक डिपार्टमेंट से पीड़ित महिला के पहले किए गए ऑपरेशन के सभी दस्तावेज और ऑपरेशन में शामिल लोगों की जानकारी मांगी है. हालांकि अधीक्षक का मानना है कि पहले किए गए ऑपरेशन में गलती हुई है. क्योंकि ऑपरेशन में इस्तेमाल किए जाने आने वाले औजारों की पहले और ऑपरेशन के बाद गिनती की जाती है. यहीं पर किसी से गलती हुई है, जिसकी जांच की जा रही है.

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

पीड़ित महिला कमला देवी के परिजन पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से परेशान थे. फरवरी 2023 में ऑपरेशन करने के बाद जब वह वापस अपने घर चले गए. उसके बाद महिला को बीच-बीच में कई बार पेट दर्द की शिकायत हुई, लेकिन हर बार क्षेत्र के आसपास के डॉक्टरों से दवाई ले ली. जब तकलीफ ज्यादा बढ़ गई, तब कहीं जाकर महिला के मेडिकल टेस्ट कराए गए. रिपोर्ट में कैंची जैसा औजार नजर आया. फिलहाल परिजन लापरवाही करने वाले डॉक्टर और स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देखेंगे फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार शाम 4 बजे फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखेंगे. पीएम मोदी पहले ही इस फिल्म की तारीफ कर चुके हैं. फिल्म में विक्रांत मैसी प्रमुख भूमिका में हैं. यह फिल्म गुजरात के चर्चित गोधरा कांड पर आधारित है. पीएम यह फिल्म नई दिल्ली स्थित बालयोगी ऑडिटोरियम में देखेंगे.

फिल्म द साबरमती रिपोर्ट पिछले महीने 15 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. पीएम मोदी ने फिल्म के रिलीज होने के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर फिल्म की तारीफ करते हुए अपने पोस्ट में कहा था, “बिल्कुल सही. यह अच्छी बात है कि अब सच सामने आ रहा है और वह भी ऐसे कि आम लोग भी इसे देख सकें. एक फेक नैरेटिव महज कुछ समय के लिए ही रहती है. अंत में, फैक्ट्स सामने आ ही जाते हैं.”

पीएम मोदी ने एक पोस्ट को रीट्वीट करते हुए फिल्म की तारीफ की थी. फिल्म को लेकर यह पोस्ट एक पत्रकार ने की थी. यह फिल्म साल 2002 में गोधरा में हुई ट्रेन आगजनी की घटना पर आधारित है.

PM मोदी की तरह शाह ने भी की तारीफ

सिर्फ पीएम मोदी ने ही नहीं बल्कि गृह मंत्री अमित शाह भी फिल्म द साबरमती रिपोर्ट की तारीफ कर चुके हैं. अमित शाह ने पिछले महीने 22 नवंबर को फिल्म के फिल्म मेकर्स से भी मुलाकात की. अमित शाह ने सोशल मीडिया पर फिल्म मेकर्स की तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, “द साबरमती रिपोर्ट’ की टीम से मुलाकात की और सच को सामने लाने के लिए उनके साहस पर बधाई भी दी.”

केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि यह फिल्म झूठ और भ्रामक तथ्यों को उजागर करती है और उस सच को सामने लाती है जिसे राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए लंबे समय तक दबाकर रखा गया था.

UP-MP में टैक्स फ्री यह फिल्म

फिल्म को कुछ राज्यों में टैक्स फ्री कर दिया गया है. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस फिल्म को अपने राज्य में टैक्स फ्री किया. यही नहीं उन्होंने अपनी कैबिनेट के सहयोगियों के साथ फिल्म भी देखी. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी मौजूद थे.

एक दिन पहले केंद्रीय राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने राजस्थान के अजमेर में फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखा था. फिल्म देखने के बाद चौधरी ने कहा कि “साबरमती रिपोर्ट ने सच्चाई को सामने ला दिया है. हालांकि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि वोट बैंक की राजनीति ने पूरी मानवता को शर्मसार कर दिया है. हमेशा सच्चाई का साथ देना चाहिए. सच्चाई को कभी हराया नहीं जा सकता.”

महाराष्ट्र में नए CM का नाम तय, एक-दो दिन में होगी विधायक दल की बैठक, BJP के बड़े नेता का दावा

महाराष्ट्र में पिछले एक हफ्ते से जारी

नए मुख्यमंत्री को लेकर कयासों का दौर अब खत्म होने जा रहा है. अगले एक-दो दिन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नए मुख्यमंत्री का ऐलान कर सकती है. एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री का नाम तय हो चुका है.

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता की ओर से यह दावा किया गया कि राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम फाइनल कर दिया गया है और उन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली पार्टी की बैठक में विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा. इससे पहले दिन में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फिर कहा था कि वह नए मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी के फैसले का समर्थन करेंगे.

कल तक होगी विधायक दल की बैठक

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नाम फाइनल हो गया है. पार्टी के विधायक दल की बैठक 2 या 3 दिसंबर को होगी जिसमें सदन का नेता चुना जाएगा.”

नई सरकार में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री का पद मिल सकता है और शिवसेना गृह विभाग चाहती है, एकनाथ ने कहा कि महायुति के सहयोगी (बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना) एक साथ बैठकर आम सहमति से नई सरकार गठन का फैसला करेंगे.

5 दिसंबर को शपथ ग्रहण तय

महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन को बंपर जीत मिली है, लेकिन बड़ी जीत मिलने के 8 दिन बाद भी सरकार अस्तित्व में नई आ सकी है. चुनाव में बीजेपी 132 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, और वह अभी तक सदन में अपने नेता का चयन कर सकी है.

हालांकि महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होना प्रस्तावित है.

सहयोगी दलों के अलग-अलग दावे

बड़ी जीत के बाद बीजेपी अपने सहयोगियों, खासकर शिवसेना की डिमांड की वजह से सावधानी से आगे बढ़ रही है. एक ओर शिंदे की ओर से महायुति की एकता पर जोर दिया जा रहा है तो वहीं सहयोगी दलों के कुछ नेताओं ने अलग-अलग सुर में बात की.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा होता, तो उनके खाते में और अधिक सीटें आतीं.

वहीं शिवसेना के विधायक गुलाबराव पाटिल ने यह दावा किया कि अगर अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) महायुति गठबंधन का हिस्सा नहीं होती, तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना 90 से 100 सीटें जीतती. हालांकि इस पर अजित पवार की एनसीपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

CM चयन से पहले गांव चले गए शिंदे

बीजेपी में अभी तक विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई है. बैठक में विधायक दल का नेता ही प्रदेश का मुख्यमंत्री पद बनेगा. बीजेपी के सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी ने एकनाथ शिंदे और अजित पवार के रूप में अपना-अपना विधायक दल का नेता चुन लिया है.

महायुति के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई से कहा कि सहयोगी दल मिलकर इस बात पर फैसला करेंगे कि 5 दिसंबर को सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे या फिर अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी.

क्या शिंदे के बेटे बनेंगे DyCM

इस बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछले हफ्ते शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव चले गए थे. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे नई सरकार के गठन को लेकर खुश नहीं हैं. इस बीच वह गांव में बीमार पड़ गए. उन्हें वहां पर तेज बुखार हो गया था.

शिंदे ने कल रविवार को मुंबई के लिए रवाना होने से अपने गांव में कहा, “मैंने पहले ही कहा है कि बीजेपी नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री पद पर लिया गया फैसला मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा.” क्या नई सरकार में श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, साथ ही क्या शिवसेना ने गृह विभाग की मांग की है, इस पर शिंदे ने कहा, “बातचीत चल रही थी.”