जेल में बंद कैदी ने बेल न मिलने से निराश कैदी का शव नीम के पेड़ से लटका मिला
रायबरेली। कई सालों से अपनी बेल का इंतजार कर रहे कैदी को जब बेल का सहारा नहीं मिला तो निराश कैदी ने अपनी जीवन लीला जेल में ही समाप्त कर ली। जिला कारागार अधीक्षक अमन सिंह ने बताया है कि मृतक विचाराधीन बंदी जायस के कांचना कस्बा निवासी आरिफ बाबा का पुत्र वारिस राईन कुंजडा था।जो बीती सात नवम्बर 2019 से विचाराधीन बंदी के रुप में जिला कारागार में बंद था। पिछले पाँच वर्षों में मृतक बंदी का रहन-सहन, कार्य, व्यवहार संतोषजनक था वह कभी कभी भी तनाव में नहीं लगा। अचानक उसकी मौत ने जेल प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक बंदी ने बीती 28 नवंबर की शाम कारागार पीसीओ से अपने पिता (आरिफ बाबा) से बातचीत की थी।जिसकी कॉल रिकार्डिंग भी कारागार को मिली है। कॉल रिकॉर्डिंग में साफ पता चला कि वह बेल न हो पाने से निराश था। मृतक बंदी और उसके पिता द्वारा जो वातार्लाप की गयी कुछ अंश इस प्रकार है- पिता से पूछा की आप मुलाकात हेतु जेल पर आये नही, पिता ने जवाब दिया कि यहाँ रविवार को शादी-बयाह है।आने का समय नही है तथा तबियत भी ठीक नही है और आने जाने में एक दिन खराब हो जाता है मिलने से ज्यादा जरूरी बेल कराना है। जिससे तुमने कहा था बेल के लिए उसको बोल दिया है आयी समझ, आने वाली दो तारीख को बोला है बेल करा देगे गारण्टी है हो ही जाएगी।
तब बंदी ने पूछा कल आओगे मुलाकात के लिए तो उसके पिता ने कहा कल नही आएगे आने जाने में पूरा दिन खराब हो जाता है।अगर कुछ चाहिए हो तो बताओ किसी के हाथ भिजवा देगे बाकी दो तारीख को बात करके बताएगे। जिस पर बंदी ने निराशा जाहिर की और कहा इतना समय बीत गया है दो दो जजों द्वारा बेल अर्जी खारिज की जा चुकी है इसी महिना हो जाएगी ऐसा बोल-बोल कर पांच साल बीत गये है लगता है अब बिना सजा काटे नही छूट नहीं पायेंगे, जिस पर पिता ने कहा हम दो तारीख को बात करके बताएगे तब उसने जवाब दिया किसी को बताने की जरूरत नही है अब बेल नही हो पायेगी यदि किसी को पैसे दोगे तो मुझे बता कर ही देना, किसी को पैसे देने की जरूरत नही है अब नही हो पाएगी" ऐसा बोलते हुए बंदी की आवाज लडखडा रही थी तथा उसकी आवाज में निराशा साफ झलक रही थी तभी निर्धारित पांच मिनट पूरे होने के कारण कॉल कट हो गयी। उसकी बात पूर्ण नही हो पायी। दोनों की आपस में हुई बातचीत स्पष्ट प्रतीत होता है कि विचाराधीन बंदी वारिस राईन कुंजड़ा पुत्र आरिफ बाबा की बेल नहीं हो पाने से अपने परिवारीजनों से क्षुब्ध था।
सायंकाल बंदी गणना करने के दौरान एक बंदी (वारिस राईन कुंजड़ा) कम पाये जाने पर कारागार प्रशासन द्वारा फौरी तौर पर सीसीटीवी कैमरों को चेक कराया गया। जेल लाकिंग के समय एक बंदी गणना में कम पाये जाने पर इसकी सूचना मुख्य चीफ हेड वॉर्डर ने जेलर हिमांशु रौतेला को दी। कारागार स्थित कण्ट्रोल रुम में स्थापित सीसीटीवी कैमरों की जाँच से पता चला कि बीती 28 नवम्बर को कैदी वारिस राईन कुंजड़ा कारागार पीसीओ से अपने परिजनों से बातचीत कर के सर्किल में गया।तथा फिर सर्किल से निकल कर गिर्दा गेट होते हुए कारागार चिकित्सालय की तरफ चला गया। खोजबीन के दौरान जेलर, हिमांशु रौतेला को शाम को अन्दर कमान में बनी दीवानी के पास नीम के पेड़ से फांसी लगा कर लटका मिला।
कारागार में घटित घटना की सूचना जेलर हिमांशु रौतेला ने जेल अधीक्षक अमन सिंह एवं कारागार चिकित्सक को दी। मौके पर पहुँचे कारागार चिकित्सक सुनील अग्रवाल ने जांच कर कैदी को मृत घोषित कर दिया ।
विचाराधीन कैदी वारिस राईन कुंजड़ा के अत्महत्या किये जाने की घटना की जानकारी जेल अधीक्षक ने विभागीय उच्चाधिकारियों एवं जनपदीय अधिकारियों तथा फोरेंसिक टीम को दी। नायब तहसीलदार सदर तेजस्वी त्रिपाठी व इंस्पेक्टर कोतवाली नगर राजेश सिंह ने घटना स्थल व शव का निरीक्षण फोरेंसिक टीम के साथ किया। मौके पर पहुँची फोरेंसिक टीम ने आवश्यक साक्ष्य, फोटो और वीडियोग्राफी करायी । फोरेंसिक टीम ने बताया कि बंदी के शव पर कोई चोट के निशान नहीं हैं, बंदी ने आत्महत्या की है। फोरेंसिक टीम ने बंदी के शव को कारागार में ही सील बंद कर पंचनामा व पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। बंदी की मौत की सूचना उसके परिवारीजनों को दे दी गई थी।
कारागार में बंदी के शव का पंचनामा, पोस्टमार्टम तथा पोस्टर्माटम की वीडियोग्राफी कराये जाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट से अनुरोध किया है। बंदी की मौत की सूचना रेडियोग्राफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग तथा शासन को भेजी गयी।
अधीक्षक, जिला कारागार अमन सिंह ने बताया कि न्यायिक जॉच के लिए मजिस्ट्रेट नामित करने के लिए जनपद एवं सत्र न्यायाधीश, से अनुरोध किया गया है। बंदी वारिस के पंचनामा रिपोर्ट में कोई चोट के निशान नहीं पाये गये। इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ है कि इस बंदी बेल नहीं हो पाने की अपने परिजनों से हुयी बातचीत से आहत होकर आत्महत्या की है।
सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि गिर्दा कमान ड्यूटी में तैनात हेड जेल वॉर्डर कमलेश कुमार तथा कमान प्रभारी जेल वॉर्डर अनुज राजवंशी ने बंदी वारिस राईन कुजड़ा की गतिविधियों पर नजर नहीं रखी जिस कारण उसे अस्पताल की तरफ जाने मौका मिल गया। हेड जेल वॉर्डर कमलेश कुमार तथा जेल वॉर्डर अनुज राजवंशी ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही और अनुशासन हीनता की। इस मामले में हेड जेल वॉर्डर कमलेश कुमार के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने हेतु वरिष्ठ अधीक्षक, आर्दश कारागार को पत्र भेजा गया तथा अनुज राजवंशी जेल वॉर्डर को निलम्बित किये जाने की संस्तुति की गयी है।
Dec 02 2024, 17:17