सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत : डॉ. बबीता
लखनऊ।  उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान की अध्यक्षता में शुक्रवार को गोमती नगर स्थित उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के सभागार में महिला कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य महिला कल्याण विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समुचित जानकारी आयोग की पदाधिकारियों को देना, जिससे इन योजनाओं का और भी बेहतर ढंग से संचालन किए जाने के लिए आयोग के पदाधिकारी अपना सहयोग दे सकें और सदस्यों द्वारा की जाने वाली जनसुनवाई के दौरान इन योजनाओं का पर्यवेक्षण भी किया जा सकेगा।

जागरूकता कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पुनीत कुमार मिश्र उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी, महिला कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी, जिसमें पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन, 181-महिला हेल्पलाइन, वन स्टाप सेन्टर, महिला शक्ति केन्द्र, रानी लक्ष्मीबाई बाल एवं महिला सम्मान कोष, निराश्रित महिलाओं के लिए आश्रय सुविधा, राजकीय महिला शरणालय एवं महिला संरक्षण गृह (राज्य सरकार द्वारा संचालित), शक्ति सदन योजना, सखी निवास योजना, कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुयी महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा, संरक्षण व उन्नयन प्रदान किये जाने के लिए मुख्यमंत्री नारी सम्मान योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, बाल संरक्षण सेवाएं, उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मिशन वात्सल्य,  मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य), पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन आदि योजनायें शामिल हैं।

आयोग की अध्यक्ष, डॉ. चौहान द्वारा महिला कल्याण की ओर से उपस्थित अधिकारी को इन योजनाओं के सम्बन्ध में प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी व निदेशक सूचना को पत्र भेजकर योजनाओं के प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार से ही प्रदेश की महिलाओं को महिला कल्याण विभाग की योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सकेगा।  कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में यूपी राज्य महिला आयोग के पदाधिकारियों की मासिक बैठक का आयोजन किया गया। मासिक बैठक में आयोग की अध्यक्ष द्वारा विगत माह में आयोग की पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में महिला जनसुनवाई, वन स्टाप सेन्टर, महिला चिकित्सालय, महिला बन्दीगृह, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय आदि के निरीक्षण की समीक्षा की गयी तथा आवश्यकतानुसार सम्बन्धित विभाग को पत्र भेजे जाने के निर्देश दिये गये।

बैठक में आयोग द्वारा आगामी माह में किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम में उ.प्र. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव,  चारू चौधरी तथा सदस्य में हिमानी अग्रवाल,  सुनीता श्रीवास्तव,अंजू प्रजापति, पूनम द्विवेदी, अनीता गुप्ता, अनुपमा सिंह लोधी, सुजीता कुमारी, मीना कुमारी,नीलम प्रभात, गीता बिन्द,  गीता विश्वकर्मा,  पुष्पा पाण्डेय, डॉ. प्रियंका मौर्य, मीनाक्षी भराला,  ऋतु शाही,  सुनीता सैनी,  एकता सिंह, अर्चना पटेल,  प्रतिभा कुशवाह,  रेनू गौड,  मनीषा अहलावत, अवनी सिंह, सपना कश्यप,  संगीता जैन, पुनीत कुमार मिश्र उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी, महिला कल्याण विभाग, मीता पाण्डेय विधि अधिकारी उ.प्र. राज्य महिला आयोग, सहित अन्य गणमान्य पदाधिकारी व अधिकारी उपस्थित रहे।
उपचुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत से विपक्ष भयभीत : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में आयोजित उपचुनाव में विजयी नवनिर्वाचित विधायकों के अभिनंदन समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं, मंत्रियों और पदाधिकारियों को उपचुनाव के दौरान मिले दायित्वों को लेकर की गई कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए सराहा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि टीम भावना और एकजुटता के साथ कार्य करने से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उपचुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत से विपक्षी दल भयभीत हो गये हैं। वे अब बस आरोप ही लगा सकते हैं। योगी आदित्यनाथ ने सभी को आश्वस्त किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा इससे भी बड़ी जीत हासिल करेगी।

चुनाव से पहले ही बना ली थी जीत की रणनीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा, मार्गदर्शन और नेतृत्व में एनडीए ने हरियाणा में हैट्रिक लगाई, महाराष्ट्र में भारी बहुमत हासिल किया और उत्तर प्रदेश उपचुनाव में 9 में से 7 सीटों पर विजय प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा, हमने चुनाव से पहले ही सात सीटें जीतने की रणनीति बनाई थी, जिसे संगठन और कार्यकर्ताओं ने जमीन पर उतारकर सफल बनाया। योगी ने कुंदरकी और कटेहरी जैसी कठिन सीटों पर जीत को पार्टी की रणनीति और कार्यकर्ता व पदाधिकारियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि जहां लोग जीत की संभावना पर सवाल उठाते थे, वहां भाजपा ने न केवल जीत हासिल की बल्कि अपनी स्थिति और मजबूत की। कुंदरकी में 1.45 लाख वोटों से रिकॉर्ड तोड़ जीत इसका उदाहरण है।

जनता से बेहतर संवाद और संगठन के साथ मिलकर काम करें

योगी आदित्यनाथ ने नवनिर्वाचित विधायकों का आह्वान किया कि, चूंकि अब उनके पास दो-ढाई साल का ही समय है, ऐसे में वह सभी अपने कार्यकाल में जनता से बेहतर संवाद स्थापित करें और संगठन के साथ मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सफलता से प्रेरणा और असफलता से सबक लेकर आगे बढ़ना है। यदि हम इसी सामूहिक भावना से कार्य करते रहे, तो 2027 में प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ कमल खिलेगा।

अभिनंदन समारोह में भाजपा और सहयोगी दल रालोद के विजयी विधायकों को बधाई दी गई। इनमें मीरापुर से मिथिलेश पाल (रालोद), कुंदरकी से भाजपा विधायक रामवीर सिंह, फूलपुर से दीपक पटेल, खैर से सुरेंद्र दिलेर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से सुचिष्मिता मौर्य शामिल रहीं। उल्लेखनीय है कि यह सभी विधायकों ने पहले विधान भवन में विधान सभा सदस्यता की शपथ ग्रहण की। इसके बाद पार्टी मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, सुरेश खन्ना, संजय निषाद, अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।
उपचुनाव में जीते भाजपा गठबंधन के विधायकों ने ली शपथ,दोहराया 'राष्ट्र सर्वोपरि' का संकल्प
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल ने उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 9 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद शुक्रवार को विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी विजयी उम्मीदवारों को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देते हुए इसे प्रदेश के विकास और जनता की आस्था की जीत बताया।

जिन नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली उनमें कुंदरकी से रामवीर सिंह, फूलपुर से दीपक पटेल, खैर से सुरेंद्र सिंह, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, कटेहरी से धर्मराज निषाद, मझवां से सुचिस्मिता मौर्य और मीरापुर से रालोद की मिथलेश पाल शामिल हैं। इन सभी उम्मीदवारों ने जनता के विश्वास और समर्थन का धन्यवाद करते हुए अपने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने की बात कही। सभी ने एक स्वर में 'राष्ट्र प्रथम' के संकल्प को दोहराया, साथ ही मोदी-योगी के नेतृत्व के प्रति अपनी निष्ठा जताई।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नवनिर्वाचित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य होना गौरव की बात है। जनता की सेवा का अवसर आपको मिला है। मुख्यमंत्री के कार्यों को लेकर अगर जनता के बीच में जाएं तो हर बार जीत आपको मिलेगी। आपके पास ढाई साल का समय है, उसे जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा व्यतीत करें। इसके साथ ही आपकी उपस्थिति विधानसभा में भी दिखनी चाहिए। यहां आपकी परफॉर्मेस ही जनता के बीच आपकी सक्रियता के संदेश के रूप में जाएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना सहित मंत्रीगण और विधायकगण मौजूद रहे।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढांचे के विकास और पारदर्शी प्रशासन पर जोर दिया गया है। उनकी सरकार की जनहितकारी योजनाओं जैसे उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व सड़क परियोजनाओं ने लोगों का विश्वास मजबूत किया है।

इसके अलावा, प्रदेश में अपराध नियंत्रण और धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार जैसे कदमों ने योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता को और बढ़ावा दिया है। परिणामस्वरूप यूपी विधानसभा उप चुनाव में भाजपा और सहयोगी दल रालोद के शानदार प्रदर्शन ने पार्टी के उत्साह में गजब का इजाफा किया है।

वहीं, उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन के तमाम दावे ध्वस्त हो गए। गठबंधन की तमाम कोशिशों और बड़े बड़े वादों के बावजूद, विपक्षी दल अपनी साख बचाने में नाकाम रहे। भाजपा और सहयोगी दलों की इस जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता का भरोसा योगी सरकार पर कायम है। इस ऐतिहासिक जीत के साथ बीजेपी ने प्रदेश में अपनी मजबूत स्थिति का प्रमाण दिया है।
संभल मस्जिद मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे : सुप्रीम कोर्ट
लखनऊ/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संभल के ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो जामा मस्जिद विवाद मामले पर तब तक कोई कार्रवाई नहीं करें जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट कोई निर्देश न दे दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष सर्वे के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकते हैं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सील कवर रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि ये रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाए। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने देश भर में ऐसे कई मुकदमों पर सवाल उठाया। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर अलग से सुनवाई चल रही है, इस मामले को वहीं रखा जाएगा।

संभल जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत के सर्वे के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि यह असाधारण मामला है इसलिए कोर्ट की ओर से असाधारण कदम उठाया जाए। मस्जिद कमेटी ने निचली अदालत के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की थी। निचली अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें कुछ लोग मारे गए थे।
संभल हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन, दो माह में रिपोर्ट सौंपी जाएगी सरकार को
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई। जस्टिस (रिटायर्ड) डीके अरोड़ा के नेतृत्व में आयोग दो माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।

आयोग में जस्टिस अरोड़ा के अलावा सेवानिवृत आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व डीजीपी एक जैन शामिल हैं। संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए गई टीम के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की तरफ से क्या व्यवस्था की गई, इसकी भी जांच की जाएगी। आयोग से यह सुझाव भी मांगा गया है कि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना न होने पाए, इसके लिए क्या किया जा सकता है ।

उल्लेखनीय है कि 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भारी संख्या में एकत्रित होकर उपद्रव किया। सर्वे टीम पर हमला किया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तक इसमें घायल हुए। कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जला दिए गए।
16 पीसीएस और आठ पीपीएस अफसरों को किया इधर से उधर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार की देर रात 16 पीसीएस और आठ पीपीएस अफसरों को इधर से उधर कर दिया। राजेश कुमार चतुर्थ विशेष कार्याधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी गौतमबुद्धनगर से एडीएम (भूमि अध्यप्ति) गौतमबुद्धनगर व अमित कुमार राठौर तृतीय एडीएम न्यायिक कानपुर देहात से मुख्य राजस्व अधिकारी गोरखपुर बनाए गए हैं।कीर्ति प्रकाश भारती उपनिदेशक सूडा लखनऊ से मुख्य राजस्व अधिकारी बस्ती, ज्योति गौतम उपनिदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार निदेशालय लखनऊ से एडीएम (नागरिक आपूर्ति) लखनऊ बनाई गई है। मदन मोहन वर्मा एसडीएम महाराजगंज से एडीएम नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति बांदा, प्रेमचंद मौर्य एसडीएम आजमगढ़ से एडीएम नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति जालौन बनाए गए हैं। योगेंद्र कुमार एसडीएम मैनपुरी से एडीएम नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति झांसी, मोहनलाल गुप्ता एसडीएम अंबेडकरनगर से एडीएम नमामिगंगे व ग्रामीण जलापूर्ति फिरोजाबाद बनाए गए हैं। शिवौतार सिंह एसडीम अयोध्या से विशेष कार्यकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर, मृत्युंजय नारायण मिश्रा एसडीएम महोबा से सहायक नगर आयुक्त नगर निगम वाराणसी, सुनील कुमार एसडीएम एवं विशेष कार्य अधिकारी राजस्व परिषद लखनऊ से एसडीएम प्रयागराज बनाए गए हैं।अशोक कुमार चौधरी एसडीएम ललितपुर से एसडीएम प्रयागराज, राघवेंद्र सिंह एसडीएम बांदा से एसडीएम प्रयागराज, हीरालाल एसडीएम अलीगढ़ से एसडीएम प्रयागराज, सुरेंद्र प्रताप यादव एसडीएम सहारनपुर से एसडीएम प्रयागराज, ठाकुर प्रसाद एसडीम सुलतानपुर से एसडीएम प्रयागराज बनाए गए हैं। आठ पीपीएस का तबादला लखनऊ कमिश्नरेट में तैनात अरविंद कुमार वर्मा का तबादला चित्रकूट किया गया है। रेलवे, लखनऊ मे तैनात विकास चंद्र पांडेय को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में सहायक पुलिस आयुक्त बनाया गया है।
विधानसभा उप चुनाव के बाद योगी कैबिनेट में फेरबदल के सुगबुगाहट, कई मंत्रियों के बदले जा सकते है विभाग
लखनऊ । विधानसभा उपचुनाव में भाजपा गठबंधन के 9 में से 7 सीट जीतने के बाद अब फिर से प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कई विधायक जहां मंत्री बनने के लिए जोड़-तोड़ में जुट गए हैं, वहीं सहयोगी दल भी मंत्रिमंडल में कोटा बढ़ाने की दावेदारी करने की तैयारी में हैं। हालांकि, मंत्रिमंडल में फेरबदल दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद संभव है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारी है। इनमें कई कैबिनेट और राज्यमंत्रियों का पत्ता साफ हो सकता है।

उपचुनाव के पहले से ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की कयासबाजी शुरू हुई थी, लेकिन किसी न किसी कारण से यह मामला टलता रहा है। उपचुनाव निपटने के बाद सरकार और पार्टी के स्तर पर मिशन-2027 की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार को अधिक दिन नहीं टाला जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में जल्द ही दिल्ली में बैठक होगी। इसमें विस्तार की रूपरेखा तय की जाएगी। इसके बाद विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा।सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह से ओबीसी और दलित मतदाताओं के बिखराव से भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। उसकी भरपाई उपचुनाव में करने के लिए सरकार और संगठन ने कड़ी मेहनत की थी। इसका सार्थक परिणाम भी सामने आया है। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में ओबीसी और दलित समीकरण साधने के लिहाज से चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपचुनाव में जीतने वाले एक या दो विधायकों को भी मौका दिया जा सकता है। खास तौर से दशकों से जिन सीटों पर भाजपा नहीं जीती थी, वहां से जीतने वाले विधायकों को मंत्रीपद देकर पुरस्कृत किया जा सकता है। वहीं, लंबे समय से मंत्री रहने के बावजूद बेहतर परिणाम न देने वाले कई मंत्रियों को बाहर भी किया जा सकता है। ऐसे कई मंत्रियों की कार्यप्रणाली का आकलन किया जा रहा है। संगठन में बेहतर काम करने वालों खासतौर से उपचुनावों की रणनीति में जुटने वाले कुछ संगठन के नेता भी मंत्री बनाए जा सकते हैं।उपचुनाव में सीट में भागीदारी से वंचित रह गए निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद जहां मंत्रिमंडल में एक और पद पाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि मीरापुर सीट जीतने वाले रालोद भी दबाव बना सकता है। ऐसे में प्रस्तावित विस्तार में बड़े पैमाने पर फेरबदल संभव है।
हरदोई में सड़क निर्माण घोटाले में दोषी पाए गए 11 अभियंताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया निलंबित
लखनऊ। यूपी में निर्माण कार्य में गड़बड़ी करने वालों करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है।  हरदोई में हुए सड़क निर्माण घोटाले में दोषी पाए गए एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता, आठ अवर अभियंता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित कर दिया।लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार हरदोई में चार नवनिर्मित सड़कों के नमूने लिए गए थे और लैब में इन नमूनों की जांच कराई गई तो ये सभी नमूने फेल हो गए।

सभी निलंबित अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश

लैब में तारकोल की मात्रा कम मिली, गिट्टी समेत अन्य सामग्री भी मानक से कम मिली है। इसके बाद अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्र, अधिशासी अभियंता सुमंत कुमार व शरद कुमार मिश्रा, आठ अवर अभियंता मोहम्मद शोएब, राजीव कुमार, अमर सिंह, रुचि गुप्ता, सत्येंद्र कुमार, अवधेश कुमार गुप्ता, मकरंद सिंह यादव और वीरेंद्र प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। सभी निलंबित अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।

फर्जीवाड़ा करने पर आठ सफाई सुपरवाइजरों का रोका वेतन

वाराणसी में  स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर संजीदा नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने गुरूवार शाम को आठ सफाई सुपरवाइजरों का वेतन रोक दिया। आरोप है कि सुपरवाइजरों ने सफाई कर्मियों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा किया था। आठों सुपरवाइजरों से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण न देने पर उन्हें निलम्बित कर दिया जायेगा। नगर आयुक्त ने सफाई कर्मियों की उपस्थिति सालिड वेस्ट मैनेजमेन्ट पोर्टल् पर जियेाटैग के माध्यम से दिन में तीन बार, आठ-आठ घंटे पर किये जाने के लिए आदेशित किया है।

अपर नगर आयुक्त को जॉच अधिकारी बनाया गया

जॉच में पाया गया कि संजय पाल सफाई सुपरवाइजर, रामनगर, धीरेन्द्र गिरी, सफाई सुपरवाइजर, सुसुवाहीं, राजकुमार, सफाई सुपरवाइजर भगवानपुर,राजकुमार कटेरिया, सफाई सुपरवाइजर मड़ौली, सुधीर, सफाई सुपरवाइजर नदेसर, राजबहादुर सिंह, सफाई सुपरवाइजर लहरतारा तथा नरेश, सफाई सुपरवाइजर दुर्गाकुण्ड ने मोबाईल से बिना जियोटैंग के, सामान्य फोटो खिंचकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया था। इस मामले में अपर नगर आयुक्त विनोद कुमार गुप्ता को जॉच अधिकारी बनाया गया है।

नगर निगम प्रशासन ने शहर में स्वच्छता अभियान पर खासा जोर

बताते चले स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में बेहतर स्थान पाने के लिए वाराणसी नगर निगम प्रशासन ने शहर में स्वच्छता अभियान पर खासा जोर दिया है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के निर्देश पर गुरूवार से शहर के सभी वार्डो में स्वच्छता के लिए जन-जागरूकता अभियान शुरू किया गया। इसका आगाज आदमपुर जोन के पॉच वार्डो से किया गया। जन जागरूकता अभियान क्रमशः कमलगढ़हा वार्ड,कमालपुरा वार्ड, जमालुद्दीनपुरा वार्ड, प्रहलादघाट वार्ड, बागेश्वरी देवी वार्ड में चला।
जालौन में स्टाफ नर्स के साथ मारपीट के बाद दुष्कर्म, फिर नाजुक अंग में डाल दी मिर्च, पुलिस ने शुरू की जांच

लखनऊ /जालौन। जालौन में ड्यूटी पर जा रही एक महिला नर्स के साथ अवैध संबंधों के शक में एक दूसरी महिला ने अपने परिजनों के साथ मिलकर मारपीट की। जिससे महिला नर्स घायल हो गई। महिला नर्स को घायल हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसने मारपीट करने वाले लोगों पर गैंगरेप का भी आरोप लगाया, जिस पर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए मामला पंजीकृत कर लिया, साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी।

जंगल में ले जाकर उसको बंधक बनाकर जमकर मारा पीटा

घटना चुर्खी थाना क्षेत्र के मुसमरिया मोड़ से पहले सुहाखर खेड़ा की है। बताया गया कि उरई कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला में कानपुर देहात के मूसानगर की महिला रह रही है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत है, जो गुरुवार को स्कूटी से सुबह के समय ड्यूटी के लिए निकली थी, जैसे ही वह चुर्खी थाना क्षेत्र के मुसमरिया मोड़ से पहले सुहाखर खेड़ा के पास पहुंची, तभी एक महिला ने अपने पिता गोविंदा, और अपनी मां के साथ मिलकर स्कूटी से गिरा दिया और उसको पकड़कर जंगल में ले गए, जहां जंगल में ले जाकर उसको बंधक बनाकर जमकर मारा पीटा, इसकी जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली, पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच करते हुए महिला नर्स को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।

अवैध संबंधों को लेकर हुआ विवाद

अस्पताल में भर्ती महिला ने मारपीट करने वालों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया, साथ ही उसके नाजुक अंग में मिर्च भी डालने का आरोप लगाया।पीड़िता ने बताया कि जहां पर वह तैनात है वहां पर उसकी पड़ोसी जयंती देवी उस पर शक करती हैं कि उसके पति के साथ अवैध संबंध है, इसको लेकर कुछ दिन पहले वाद विवाद भी हुआ था। उसके बाद जयंती देवी ने उसे देख लेने की धमकी दी थी। उसने बदला लेने के लिए दो लोगों को साथ लेकर उसके साथ गलत काम कराया और उसका मोबाइल, नकदी लूट ली और मारा पीटा है।इस घटना के बारे में जालौन के अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है जिस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जामा मस्जिद विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सुनवाई आज, जुमे की नमाज को लेकर संभल में हाईअलर्ट 
लखनऊ/संभल  । संभल के जामा मस्जिद विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। संभल जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत के सर्वे के आदेश को चुनौती दी है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच 29 नवंबर को सुनवाई करेगी।

याचिका में कहा गया है कि यह असाधारण मामला है इसलिए कोर्ट की ओर से असाधारण कदम उठाया जाए। मस्जिद कमेटी ने निचली अदालत के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। निचली अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था।बता दें कि संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी जिसमें कुछ लोग मारे गए थे।

संभल न्यायालय में आज होनी है पहली सुनवाई, जुमे की नमाज को लेकर हाई अलर्ट

जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर के संबंध में शुक्रवार को चंदौसी स्थित न्यायालय में पहली सुनवाई होनी है। वहीं जुमे की नमाज भी अदा की जाएगी। इसे लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। संभल नगर में सीडीओ समेत कई जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।


24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मोहल्ला कोटगर्बी में बवाल हो गया था

दरअसल, 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मोहल्ला कोटगर्बी में बवाल हो गया था। पथराव, आगजनी और गोलीबारी हुई थी। इस बवाल में पांच की मौत हो गई और 19 पुलिसकर्मी व अधिकारी घायल हुए थे। इस मामले की शुक्रवार को न्यायालय में सुनवाई है और इधर, जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की जानी है, इसको लेकर जिले का प्रशासन हाईअलर्ट है।

डीएम ने अधिकारियों को मजिस्ट्रेट बनाकर चिन्हित 18 स्थानों पर तैनात किया

डीएम डॉ.राजेंद्र पैंसिया ने सीडीओ गोरखनाथ भट्ट, एडीएम न्यायिक सुशील चौबे समेत कई जिले के अधिकारियों को मजिस्ट्रेट बनाकर चिन्हित 18 स्थानों पर तैनात किया है। इनकी जिम्मेदारी होगी कि नमाज के समय जामा मस्जिद की ओर पांच व्यक्तियों से अधिक का कोई समूह जाता मिले तो उसको रोका जाए और धारा 163 से अवगत कराया जाए। अनावश्यक परेशान न करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

जामा मस्जिद के नजदीक फोर्स का रहेगा पहरा, अधिकारियों का रहेगा डेरा

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा को जामा मस्जिद के 200 मीटर के आसपास प्रभारी बनाकर तैनात किया गया है। इनके साथ डीएसओ शिवि गर्ग, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी माधवी पांडे, नायब तहसीलदार सतेंद्र चाहर, उदयवीर सिंह और ईओ मणिभूषण तिवारी मौजूद रहेंगे। पुलिस, पीएसी, आरएएफ के जवान और पुलिस के अधिकारी भी लगाए गए हैं।

जहां हुआ बवाल, उस इलाके में रहेंगे एडीएम न्यायिक

24 नवंबर को जहां बवाल हुआ था, उस इलाके में सुरक्षा की जिम्मेदारी एडीएम न्यायिक सुशील चौबे संभालेंगे। उनके साथ नायब तहसीलदार अनुज कुमार और पूर्ति निरीक्षक सजनलाल गुप्ता मौजूद रहेंगे। पुलिस का पहरा होने के साथ बैरिकेडिंग से सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद की गई है। जामा मस्जिद की ओर वाहन से नहीं जाया जाएगा, जो भी नमाज होंगे वह पैदल ही जाएंगे।

इन जगहों पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती

चौधरी सराय में सीडीओ गोरखनाथ भट्ट, परियोजना निदेशक ज्ञान सिंह और बीडीओ पवांसा अजीत सिंह सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। चंदौसी चौराहे पर बंदोवस्त अधिकारी मातवर सिंह, डीपीआरओ उपेंद्र पांडे, जिला कृषि अधिकारी प्रबोध मिश्रा और शंकर चौराहे पर सहायक डीपीआरओ चेतेंद्रपाल सिंह, एडीओ पवांसा अशोक त्यागी मुस्तैद रहेंगे। जबकि अंजुमन चौराहे की जिम्मेदारी डीआईओएस वेदराम, जिला आबकारी अधिकारी अनुपम सिंह को दी गई है। ईदगाह एवं गवां रोड मंडी समिति संभल पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी उप कृषि निदेशक अरुण त्रिपाठी, एआर कोऑपरेटिव वीरेंद्र प्रकाश उपाध्याय, मंडी सचिव मोहित फौजदार संभालेंगे।

आसपास के इलाके में भी तैनात रहेंगे मजिस्ट्रेट

गुन्नौर के एसडीएम आनंद कटारिया जामा मस्जिद के पीछे साहनी वाले फाटक पर एबीएसए पोप सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी रजना यादव के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखेंगे। डाकखाना पर एक्सईएन पीब्डल्यूडी सुनील प्रकाश, अपर मुख्य अधिकारी आशीष सिंह की तैनाती की गई है। अनार वाली मस्जिद पर सुरेंद्र सिंह सहायक श्रमायुक्त और श्रम प्रवर्तन अधिकारी विनोद शर्मा मौजूद रहेंगे।

हिंदूपुरा खेड़ा में भी तैनात रहेंगे मजिस्ट्रेट

बवाल में हिंदूपुरा खेड़ा के युवक की जान चली गई थी। इस इलाके की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी राम आशीष, बीडीओ असमोली रिजवान हुसैन और एडीओ पंचायत सुनील कुमार को दी गई है। इसके अलावा सरायतरीन चौकी पर भूमि संरक्षण अधिकारी ओंकार सिंह, एक्सईएन जल निगम शहरी आकाश त्यागी, बीएसए अलका शर्मा, एबीएसए बहजोई विनोद कुमार को तैनात किया गया है।