इविवि का समाज के हर क्षेत्र में योगदान : योगी
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षांत समारोह में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का समाज के हर क्षेत्र में योगदान रहा है। इसकी एक गौरवशाली परम्परा रही है। युवाओं को नए ज्ञान से अपने आप को वंचित नहीं करना चाहिए। उन्होंने दीक्षांत समारोह में युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर नया ज्ञान अपने आप में एक विज्ञान होता है। जब भी आप अपने आप को इससे दूर करेंगे तो आप अपने लिए एक बैरियर खड़ा करेंगे।
उन्होंने कहा कि तमाम लोग नई बातों को और नए रिफॉर्म को अंगीकार नहीं कर पाते। याद रखना हमारा एक-एक पल, एक-एक क्षण राष्ट्र धर्म के प्रति समर्पित होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग जाति, मत और मजहब के आधार पर छात्र शक्ति और युवा शक्ति को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, वो भारत की युवा शक्ति और युवा ऊर्जा को विभाजित करने का पाप कर रहे हैं। ऐसे लोगों को कभी भी आगे नहीं बढ़ने देना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को इविवि के दीक्षांत समारोह में छात्र एवं छात्राओं को डिग्री प्रदान की। इसके पूर्व विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने सीएम योगी का स्वागत किया।
वहीं कुलाधिपति आशीष कुमार चौहान ने दीक्षा पाने वाले छात्रों को शपथ दिलाई। सीएम योगी ने प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास को विश्वविद्यालय की ओर से डी. लिट् की मानद उपाधि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां धर्म की बहुत विराट परिभाषा है। धर्म वह है जो हमारे अभ्युदय यानी सांस्कारिक उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त करें और जीवन के बाद मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करें। पूरी दुनिया की मानवता के सामने जब भी संकट आया भारत हमेशा बाहें फैलाकर खड़ा था। हमने कभी अपने स्वार्थ के लिए किसी का अहित नहीं किया। ये है सनातन धर्म, ये है भारत। जिन्होंने संविधान का गला घोंटा, वही संविधान बचाने का ढिंढोरा पीट रहेउन्होंने विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि जो संविधान की मूल प्रति है उसमें कहीं भी पंथ निरपेक्ष और समाजवादी शब्द नहीं था। ये दो शब्द जोड़े गए तब जब देश में संसद भंग थी, न्यायपालिका के अधिकार कुंद कर दिए गए थे।
इस देश के लोकतंत्र पर कुठाराघात हुआ था और जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटने का काम किया था, वो आज संविधान बचाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। वह कह रहे हैं कि संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है। प्रश्न यह उठता है कि यह समाज उन लोगों का मूल्यांकन कब करेगा जो लोग स्वयं लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। जिन लोगों ने संविधान पर अपनी मर्जी से न सिर्फ छेड़छाड़ का प्रयास किया, बल्कि लोकतंत्र को पूरी तरह पैरालाइज करने का प्रयास किया। ऐसे शब्द डाल दिए कि वह पंथ निरपेक्ष से धर्म निरपेक्ष हो गया। परिवारवाद की चाटुकारिता करने वाले कतई आदर्श नहीं बन सकतेसीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को तय करना है कि उनका आदर्श कौन हो।
समाजवाद के नाम पर परिवारवाद की चाटुकारिता करने वाले लोग कभी आदर्श नहीं बन सकते। डॉ.राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि सच्चा समाजवादी वह है जो संपत्ति और संतति से दूर होकर कार्य कर सके। क्या यह लोग रह पा रहे हैं। क्या यही समाजवादी आंदोलन है। आज हमारे युवाओं को देश के महापुरुषों के बारे में एक बार जरूर सोचना होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष आशीष कुमार चौहान, कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, महापौर गणेश केशरवानी, सांसद प्रवीण पटेल, विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह, हर्षवर्धन बाजपेई, विधायक दीपक पटेल, एमएलसी सुरेंद्र चौधरी, प्रख्यात कवि डॉ कुमार विश्वास समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
Nov 28 2024, 17:02