बिहार विस उपचुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज का प्रदर्शन प्रदेश के सत्ताधारी जदयू-बीजेपी के साथ राजद के लिए खतरे की घंटी !
डेस्क : बिहार में 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में चारों सीटों पर NDA ने जीत हासिल की है। यह चुनाव अगले साल 2025 में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले सत्ताधारी एनडीए और महागठबंधन के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। जिसमें एनडीए को बड़ी सफलता मिली। एनडीए ने राजद के कब्जे वाले दो सीटों पर जीत हासिल करते हुए चारों सीटों पर कब्जा कर यह साबित किया कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव में उसे बड़ी जीत हासिल हो सकती है।
हालांकि एनडीए भले ही इसे जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत मान रहा हो, लेकिन इस चुनाव में एक बड़ी बात देखने को मिली है। महज एक महीने पहले बनी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई हो और उसके तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। लेकिन जिस तरह से जनसुराज के प्रत्याशियों को वोट मिले है वह प्रदेश के तीनों बड़ी पार्टियों जदयू, बीजेपी और राजद के लिए खतरे की घंटी है। जनसुराज के प्रत्याशियों के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो यह बात साबित हो जाती है। वहीं प्रशांत किशोर ने भी कहा है कि वे इस तरह से चुनाव परिणाम से काफी खुश है और अगले चुनाव में जन सुराज प्रदेश के सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
आईए आपको बताते है आखिर ऐसा क्यों है। दरअसल उपचुनाव में करारी हार के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। मीडिया से बातचीत करते हुए जनसुराज पार्टी के संरक्षक प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता को जिस सरकार में भरोसा है वह सरकार चलती रहे लेकिन हम आगे प्रयास करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी को घर-घर पहुंचने में 2 साल का समय लगा है। एक महीना पहले जन सुराज पार्टी बनी है और 10% वोट हासिल कर लिया। जबकि भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 30% के करीब वोट मिला है। जदयू को 11% वोट मिला है। राजद को 20% वोट मिला है। जनसुराज नई पार्टी थी और कार्यकर्ता भी नये थे और जिन जगहों पर चुनाव हुआ वहां हमने प्रचार ही नहीं किया था। जिस चार सीटों पर उपचुनाव हुए वहां जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई थी। एक प्रतिशत वोट भी अगर मुझे मिलता तो मुझे आश्चर्य नहीं होता। मेरा प्रयास आगे जारी रहेगा। 10% वोट जन सुराज को मिला है आगे वह 40% भी करने की जिम्मेवारी मैं लूंगा। राजद 30 साल पुरानी पार्टी है। हर जगह हारने के बाद दूसरे पर दोषारोपन कर रही है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बेलागंज के मुस्लिम वोटरों ने जदयू और भाजपा को वोट दिया। इमामगंज में हम चुनाव नहीं लड़ते हैं तो और बड़े अंतर से आरजेडी हारती। प्रशांत किशोर हारे या जीते यह चिंता की बात नहीं है। चिंता की बात यह है नीतीश कुमार को जनता फिर चुन रही है जिन्होंने बिहार का विकास ही नहीं किया। उन्होंने ऐलान किया कि जन सुराज 2025 में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राजद के प्रदेश अध्यक्ष के बेटे तीसरे नंबर पर आए हैं। आरजेडी मेरे लिए कभी चुनौती नहीं रहेगा। एनडीए मेरे लिए चुनौती है।
नीतीश कुमार का चेहरा मेरे लिए चुनौती नहीं है। कैसे उम्मीदवार बेलागंज में दिया है यह सबको पता है। EVM को लेकर मुझे कोई शंका नहीं है। यह बेकार की बात है। अब बिहार में होने वाले एमएलसी चुनाव की तैयारी में लगने जा रहे हैं। मेरी ताकत वैसी नहीं थी इसलिए जनता ने मुझे 10% समर्थन दिया है। आगे फिर मजबूती से ताकत लगाएंगे। जनसुराज काफी मजबूती से चुनाव लड़ा और आगे और भी मजबूती से चुनाव लड़ेगा।
प्रशांत किशोर के इस दावे में कही न कही मजबूती दिखती है। महज एक महीने पहले बनी पार्टी के प्रत्याशियों को जिस तरह से वोट मिले है प्रत्याशियों के जमानत जब्त होने के बाद भी बड़ी उपलब्धि है। जन सुराज ने जिन चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था वहा प्रशांत किशोर ने पदयात्रा भी नहीं किया था। प्रशांत किशोर ने दो साल तक जो पद यात्रा कर जनता के बीच अपनी पैठ बनाई है वह उत्तर बिहार तक सीमित रहा था। ऐसे में यदि इन क्षेत्रों में पीके का कार्यक्रम हुआ रहता तो संभव है परिणाम चौकाने वाले हो सकते थे। ऐसे यह मानना अतिसोयक्ति नहीं होगा की जन सुराज अगले चुनाव में बिहार की बड़ी पार्टियों के लिए खतरे की घंटे हो सकती है।
Nov 27 2024, 17:16