इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर पर समझौता,लेबनान में लौटेगी शांति, जानें क्या हैं डील की शर्तें?
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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा ऐलान किया है। नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम करने की घोषणा की है। लेबनान में सीजफायर की डील पर इजरायली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू और उनकी वॉर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। ये युद्धविराम समझौता मध्य पूर्व में शांति के लिए किए गए एलान के बाद शुरू किया गया है। यह डील बुधवार को इजरायल के समयानुसार सुबह 4 बजे से प्रभावी हो गया है। वहीं गाजा में लड़ाई जारी रहेगी, गाजा में इजरायल ने फलस्तीनी हमास समूह को नष्ट करने की कसम खाई है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार शाम तेल अवीव में अपनी वॉर कैबिनेट की बुलाई। इसमें लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के साथ 60 दिन के युद्धविराम पर चर्चा की गई। अमेरिकी समाचार वेबसाइट द हिल ने बताया कि इजरायली वॉर कैबिनेट ने लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ संघर्षविराम पर सहमति जता दी है, जो बुधवार सुबह से शुरू हो जाएगा।
इजराइल और लेबनान के बीच बीते करीब दो महीने से जारी जंग में हजारों लोगों की जान जाने के बाद आखिरकार दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने औपचारिक रूप से इसकी आधिकारिक घोषणा की। नेतन्याहू ने इजरायल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम मध्य पूर्व की तस्वीर बदल रहे हैं। एक अच्छा समझौता वो होता है, जिसे लागू किया जा सके।’
बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध विराम करने के तीन कारण बताएः-
-उन्होंने कहा कि पहला कारण ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करना है, और मैं उस पर विस्तार से नहीं बताऊंगा।
-दूसरा कारण हमारे बलों को राहत देना और स्टॉक को फिर से भरना है। मैं खुले तौर पर कहता हूं, हथियारों और युद्ध सामग्री की डिलीवरी में बड़ी देरी हुई है। ये देरी जल्द ही हल हो जाएगी। हमें उन्नत हथियारों की आपूर्ति मिलेगी जो हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखेगी और हमें अपने मिशन को पूरा करने के लिए अधिक स्ट्राइक फोर्स देगी। इसके अलावा, युद्ध विराम करने का तीसरा कारण मोर्चों को अलग करना और हमास को अलग-थलग करना है।
-बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध के दूसरे दिन से, हमास अपने पक्ष में लड़ने के लिए हिजबुल्ला पर भरोसा कर रहा था। हिजबुल्ला के बाहर होने के बाद अब हमास अकेला रह गया है। हम हमास पर अपना दबाव बढ़ाएंगे और इससे हमें अपने बंधकों को रिहा करने के हमारे मिशन में मदद मिलेगी।
60 दिनों के लिए समझौता
रिपोर्ट के अनुसार, समझौते में 60 दिन के युद्धविराम की बात कही गई है, जिसके तहत इजरायली सेना पीछे हट जाएगी और हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान से हट जाएगा। डील के अनुसार, इजरायली सेनाएं सीमा के अपने हिस्से में वापस लौट जाएंगी और हिजबुल्लाह दक्षिणी लेबनान के अधिकांश हिस्सों में अपनी सैन्य उपस्थिति खत्म कर देगा।
हालांकि, नेतन्याहू ने कहा, यह युद्धविराम कितने समय तक चलेगा, यह कितना लंबा होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि लेबनान में क्या होगा। अगर हिजबुल्लाह युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करता है तो, हम अटैक करेंगे। अगर हिजबुल्लाह बॉर्डर के पास आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देता है तो हम हमला करेंगे। नेतन्याहू ने आगे कहा, अगर हिजबुल्लाह रॉकेट लॉन्च करता है तो हम अटैक करेंगे। उन्होंने कहा, हम समझौते को लागू करेंगे और किसी भी उल्लंघन का जोरदार जवाब देंगे, जब तक हम जीत जाते हम एक साथ काम करते रहेंगे।
लेबनान के लिए समझौते के क्या मायने?
पिछले साल 7 अक्तूबर को इजराइल में घातक हमला हुआ था जिसके बाद पश्चिमी एशिया में तनाव फैल गया। यह संघर्ष बाद में कई मोर्चों पर शुरू हो गया जिसमें इजराइल और लेबनान में मौजूद गुट हिजबुल्ला भी आपस में भिड़ गए। इजराइल और हिजबुल्ला की खूनी जंग में लेबनान में 3750 से अधिक लोग मारे गए हैं और 10 लाख से अधिक लोगों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा है।
इजराइल और हिजबुल्ला के बीच युद्ध विराम से क्षेत्रीय तनाव में काफी हद तक कमी आने की उम्मीद है। इजराइल के हमलों के चलते लेबनान में एक चौथाई आबादी विस्थापित हो गई है और देश के कुछ हिस्से, विशेष रूप से दक्षिणी लेबनान और राजधानी बेरूत के दक्षिणी इलाकों में, नष्ट हो गए हैं। ऐसे में युद्धविराम के बाद लेबनान में सामान्य स्थिति लौटने में मदद मिलेगी।
11 hours ago