बिहार पैक्स चुनाव : छिटपुट हिंसक घटनाओं को छोड़कर पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न, आज होगी मतो की गिनती

* डेस्क : बिहार में पैक्स चुनाव के पहले चरण का मतदान बीते मंगलवार को कुछ जगहों पर छिटपुट हिंसक घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। मंगलवार को 1346 पैक्सों में प्रबंध कार्यकारिणी के पदों के लिए वोट डाले गए। पहले दिन करीब 62 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं जिन पैक्सों में बीते मंगलवार को मतदान संपन्न हुआ है, वहां आज बुधवार को मतगणना होगी। पटना जिले के आठ पंचायतों में करीब 63 फीसदी मत पड़े। रोहतास जिले के शिवसागर प्रखंड के पड़री मतदान केंद्र पर मतदान के दौरान मंगलवार की शाम असामाजिक तत्वों ने फायरिंग की। यहां दो पक्षों के बीच दिन में तीन बार आपस में झड़प हुई थी। उधर, पूर्वी चंपारण के दरपा व कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र में जमकर बवाल हुआ। दरपा थाना क्षेत्र के तिनकोनी बूथ पर दो पक्ष आपस में भिड़ गए। इस दौरान एक मतदाता घायल हो गया। समझाने के दौरान उपद्रवी पुलिस से भी उलझ गए। इसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने दो राउंड हवाई फायरिंग की। मामले में पुलिस ने पैक्स उम्मीदवार रणविजय कुमार, वर्तमान पैक्स अध्यक्ष के पुत्र अशोक कुमार व सुरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, कुंडवा चैनपुर थाना के बलुआ गुआबारी में भी पुलिस से नोकझोंक हुई। औरंगाबाद के देव और कुटुंबा में भी झड़प और मारपीट हुई। पहले चरण में 179 पैक्सों में निर्विरोध निर्वाचन हो गया।
बिहार विस उपचुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज का प्रदर्शन प्रदेश के सत्ताधारी जदयू-बीजेपी के साथ राजद के लिए खतरे की घंटी !

डेस्क : बिहार में 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में चारों सीटों पर NDA ने जीत हासिल की है। यह चुनाव अगले साल 2025 में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले सत्ताधारी एनडीए और महागठबंधन के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। जिसमें एनडीए को बड़ी सफलता मिली। एनडीए ने राजद के कब्जे वाले दो सीटों पर जीत हासिल करते हुए चारों सीटों पर कब्जा कर यह साबित किया कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव में उसे बड़ी जीत हासिल हो सकती है।

हालांकि एनडीए भले ही इसे जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत मान रहा हो, लेकिन इस चुनाव में एक बड़ी बात देखने को मिली है। महज एक महीने पहले बनी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई हो और उसके तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। लेकिन जिस तरह से जनसुराज के प्रत्याशियों को वोट मिले है वह प्रदेश के तीनों बड़ी पार्टियों जदयू, बीजेपी और राजद के लिए खतरे की घंटी है। जनसुराज के प्रत्याशियों के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो यह बात साबित हो जाती है। वहीं प्रशांत किशोर ने भी कहा है कि वे इस तरह से चुनाव परिणाम से काफी खुश है और अगले चुनाव में जन सुराज प्रदेश के सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

आईए आपको बताते है आखिर ऐसा क्यों है। दरअसल उपचुनाव में करारी हार के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। मीडिया से बातचीत करते हुए जनसुराज पार्टी के संरक्षक प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता को जिस सरकार में भरोसा है वह सरकार चलती रहे लेकिन हम आगे प्रयास करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी को घर-घर पहुंचने में 2 साल का समय लगा है। एक महीना पहले जन सुराज पार्टी बनी है और 10% वोट हासिल कर लिया। जबकि भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 30% के करीब वोट मिला है। जदयू को 11% वोट मिला है। राजद को 20% वोट मिला है। जनसुराज नई पार्टी थी और कार्यकर्ता भी नये थे और जिन जगहों पर चुनाव हुआ वहां हमने प्रचार ही नहीं किया था। जिस चार सीटों पर उपचुनाव हुए वहां जन सुराज की पदयात्रा नहीं हुई थी। एक प्रतिशत वोट भी अगर मुझे मिलता तो मुझे आश्चर्य नहीं होता। मेरा प्रयास आगे जारी रहेगा। 10% वोट जन सुराज को मिला है आगे वह 40% भी करने की जिम्मेवारी मैं लूंगा। राजद 30 साल पुरानी पार्टी है। हर जगह हारने के बाद दूसरे पर दोषारोपन कर रही है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बेलागंज के मुस्लिम वोटरों ने जदयू और भाजपा को वोट दिया। इमामगंज में हम चुनाव नहीं लड़ते हैं तो और बड़े अंतर से आरजेडी हारती। प्रशांत किशोर हारे या जीते यह चिंता की बात नहीं है। चिंता की बात यह है नीतीश कुमार को जनता फिर चुन रही है जिन्होंने बिहार का विकास ही नहीं किया। उन्होंने ऐलान किया कि जन सुराज 2025 में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राजद के प्रदेश अध्यक्ष के बेटे तीसरे नंबर पर आए हैं। आरजेडी मेरे लिए कभी चुनौती नहीं रहेगा। एनडीए मेरे लिए चुनौती है।

नीतीश कुमार का चेहरा मेरे लिए चुनौती नहीं है। कैसे उम्मीदवार बेलागंज में दिया है यह सबको पता है। EVM को लेकर मुझे कोई शंका नहीं है। यह बेकार की बात है। अब बिहार में होने वाले एमएलसी चुनाव की तैयारी में लगने जा रहे हैं। मेरी ताकत वैसी नहीं थी इसलिए जनता ने मुझे 10% समर्थन दिया है। आगे फिर मजबूती से ताकत लगाएंगे। जनसुराज काफी मजबूती से चुनाव लड़ा और आगे और भी मजबूती से चुनाव लड़ेगा।

प्रशांत किशोर के इस दावे में कही न कही मजबूती दिखती है। महज एक महीने पहले बनी पार्टी के प्रत्याशियों को जिस तरह से वोट मिले है प्रत्याशियों के जमानत जब्त होने के बाद भी बड़ी उपलब्धि है। जन सुराज ने जिन चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था वहा प्रशांत किशोर ने पदयात्रा भी नहीं किया था। प्रशांत किशोर ने दो साल तक जो पद यात्रा कर जनता के बीच अपनी पैठ बनाई है वह उत्तर बिहार तक सीमित रहा था। ऐसे में यदि इन क्षेत्रों में पीके का कार्यक्रम हुआ रहता तो संभव है परिणाम चौकाने वाले हो सकते थे। ऐसे यह मानना अतिसोयक्ति नहीं होगा की जन सुराज अगले चुनाव में बिहार की बड़ी पार्टियों के लिए खतरे की घंटे हो सकती है।

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का नेता प्रतिपक्ष पर तीखा प्रहार, कहा-गुंडा राज चलाना चाहते है तेजस्वी, संवैधानिक पद पर रहने के योग्य नहीं है

डेस्क : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन हंगामेदार रहा। विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण और जहरीली शराब से मौत के मुद्दे पर नीतीश सरकार और बीजेपी पर जमकर प्रहार किया। वहीं सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला।

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह वही लोग हैं जो जंगल राज को गुंडा राज के रूप में तब्दील करने में लगा था। अपने परिवार की जमींदारी बढ़ाने के लिए लोगों को भ्रमित करता है। लोगों के बीच अराजकता पैदा करता है। जातीय उन्माद पैदा करते हैं सच को नहीं स्वीकार करता है। जो अपने दल के अंदर लोकतंत्र नहीं ला सका। अपने दल के अंदर आरक्षण का सम्मान नहीं कर सका।

सदन की कार्यवाही के दौरान आरक्षण के कोटे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह व्यक्ति आरक्षण विरोधी संविधान विरोधी है। तेजस्वी यादव जमींदारी को चलाना चाहते हैं। इनको ना आरक्षण से मतलब है और ना ही संविधान से मतलब है। यह जनता को भ्रमित कर अपनी जमींदारी चलाने में लगे हैं। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति संवैधानिक संस्था पर सवाल उठाकर उसका अपमान करें। संविधान के तहत दिए गए फैसले पर उंगली उठाकर लोगों के बीच भ्रम पैदा करें। ऐसे लोग संवैधानिक पद पर रहने के योग्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण के कोटे को बढ़ाने की बात तो दूर जब बिहार में जातीय गणना हो रही थी उसे वक्त महागठबंधन की सरकार नहीं थी बल्कि एनडीए की सरकार थी और फैसला एनडीए की सरकार ने ही लिया था। विजय सिंह ने तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था आखिर वह सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गए इस पर उन्हें जवाब देना चाहिए। विजय सिन्हा ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता एक पार्टी का नाम लेकर बार-बार लोगों को बीच भ्रम पैदा करते हैं कि इस पार्टी के आ जाने से संविधान खत्म हो जाएगा।

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे बंधुआ मजदूर की तरह हाथ जोड़कर कांग्रेस के युवराज के सामने खड़ा रहते हैं। जो युवराज बोलते हैं उतना ही मल्लिकार्जुन खड़गे बोलते हैं। दुर्भाग्य है कि बाबा भीमराव अंबेडकर संविधान में इतनी ताकत दी है फिर भी कांग्रेस संविधान विरोधी मानसिकता की है। आरक्षण सिर्फ कांग्रेस गांधी परिवार नेहरू परिवार के लिए नहीं है बल्कि हर देशवासियों के लिए है।

विधान सभा में उठा जहरीली शराब से मौत का मामला तो भड़के मंत्री श्रवण कुमार, विपक्ष पर लगाए यह गंभीर आरोप

डेस्क : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई। दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सुबह-सुबह बिहार विधानसभा पहुंच गए हैं। तेजस्वी यादव विपक्ष के नेताओं के साथ सदन के बाहर खुद हाथ में पोस्टर लेकर खड़े हो गए। विपक्ष सदन के बाहर और अंदर आरक्षण को लेकर जमकर हंगामा किया। वहीं विधानसभा के अंदर जहरीली शराब से मौत के मामले को लेकर जोरदार हंगामा हुआ।

दरअसल बिहार के अंदर 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर हर दिन शराब से लोगों की जान जा रही है। ऐसे में आज शराबबंदी को लेकर बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र में विपक्ष के विधायक के तरफ से सवाल उठाया गया। उसके बाद विपक्ष के विधायक ने पूरक सवाल पूछने को कहा गया और उन्होंने अपना सवाल पूछा।

सोनपुर के विधायक रामनुज प्रसाद ने सरकार से सवाल किया कि हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र में दिनांक 24 सितम्बर, 2024 को प्रकाशित शीर्षक "जहरीली शराब से अबतक 156 मौत, सारण में सर्वाधिक 75 की गई जान" के आलोक में क्या मंत्री, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि क्या यह बात सही है कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से अबतक प्रदेश में जहरीली शराब पीने से 156 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि राज्य सरकार द्वारा की गई है, जिसमें से सर्वाधिक 75 मौतें सारण, पूर्वी चम्पारण में 55 तथा गोपालगंज में 33 मौतें हुई है, यदि हाँ, तो इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत के बावजूद राज्य में शराबबंदी का क्या औचित्य है?

विपक्ष के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि जहरीली शराब से 156 मौतें हुई हैं। इसके बाद तेजस्वी यादव खड़े हुए। उन्होंने कहा कि 156 मौतें तो 3 महीने में हुई हैं। बिहार में हर ब्रांड की शराब मिल रही है। पुलिस वाले ट्रकों को मंजिल तक पहुंचा रहे हैं। गरीब लोगों पर कार्रवाई हो रही है। बड़े लोगों को छोड़ दिया जाता है। सरकार ने सदन के अंदर कहा कि 2016 से अब तक बिहार में 156 लोगों की शराब से मौत हुई है। 1998 से 2015 तक बिहार में 108 लोगों को मौत हुई थी। उन्होंने यह कहा कि शराब से जो मौत हो रही है उनके परिजनों के लिए सरकार क्या कर रही है और शराब कारोबारियों को लेकर क्या योजना बना रही है?

वहीं, विपक्षी विधायक के सवाल पर सरकार ने जवाब दिया कि पहले तो हम माननीय सदस्य ने कहा कि हजारों- हजार लोगों की शराब से मौत हो रही है तो उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि 2016 से लेकर अब तक 156 मौत हुई है। सदस्य को मैं बताना चाहता हूं कि जो शराब बेचकर या ताड़ी बेच करके अपनी जिंदगी बसर करते थे जो गरीब लोग थे उनको हमने ग्रामीण विकास विभाग के तहत जीविका के माध्यम से रोजगार का अवसर प्रदान किया है।

सरकार ने कहा लगभग डेढ़ लाख के आसपास लोगों को हमने चयनित किया है जो लोग शराब बेचकर अपना घर चलते थे आज उन लोगों को हमने रोजगार दिया है। इसको लेकर हमने उन्हें दो-दो लाख रुपए भी दिए हैं। इसके अलावा शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए ड्रोन से निगरानी किया जा रहा है और पुलिस टीम भी अपना काम कर रही है

इसके अलावा शराबबंदी में भी शराब बिक्री को लेकर बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि जो लोग आदत से मजबूर हैं और अभी भी शराब बेच रहे हैं जो लोग कानून की जानकारी रखते हुए भी कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं उनको भी चिन्हित कर कर हमने उन्हें जेल में भेजने का काम किया। उनकी संपत्तियों को भी नीलाम किया गया। सरकार की सोच बिल्कुल साफ है कि शराबबंदी जारी रहेगी इसमें कहीं कोई बदलाव नहीं होने वाला है।

इसके बाद नेता विपक्ष तेजस्वी यादव सदन में खड़ा हुए और कहा कि आपने जो डाटा दिया है वह सिर्फ 3 जिलों का है। क्या यह सच नहीं है कि इस कानून के तहत केवल गरीब लोगो पर एक्शन हो रहा है? बड़े ट्रक और कारोबारी पर क्या कोई एक्शन हुआ है ? मुझे तो लगता है कि इसमें किसी बड़े लोगों कि मिलीभगत है।सीएम साहब इसको लेकर समीक्षा करते हैं अच्छी बात है, लेकिन कभी इन बातों को लेकर समीक्षा हुई है क्या?

वहीं सरकार ने उल्टा विपक्ष पर ही सवाल उठा दिया कि इन लोगों ने भी यह शपथ लिया था कि कोई भी शराब बेचने वाले की जानकारी इन्हें मिलेगी तो उसकी जानकारी यह सरकार को देखेंगे, लेकिन अब तक इन्होंने किसी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

बिहार विधानमंडल शीतकालीन सत्र : सदन के अंदर आरक्षण को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई भिड़ंत, दोनो ओर से लगाए गए एक-दूसरे पर आरोप

डेस्क : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई। दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सुबह-सुबह बिहार विधानसभा पहुंच गए हैं। तेजस्वी यादव विपक्ष के नेताओं के साथ सदन के बाहर खुद हाथ में पोस्टर लेकर खड़े हो गए। विपक्ष सदन के बाहर आरक्षण को लेकर जमकर हंगामा किया। वहीं विधानसभा के अंदर भी इस मामले पर जोरदार हंगामा हुआ।

सदन के अंदर में माहौल उस समय गर्म हो गया जब तेजस्वी यादव आरक्षण पर अपनी बात सदन के पटल पर रख रहे थे। तेजस्वी यादव ने आरक्षण पर बात रखते हुए कहा कि जाति आधारित गणना हमारी सरकार ने किया था। आरक्षण की सीमा हमने 65% करने का निर्णय लिया गया था। ईडब्ल्यूएस 10% रहने दिया जाए। आज संविधान दिवस है सरकार इस पर जवाब दे कि हम जब सरकार में थे तब जाति सर्वे करवा कर वंचित वर्गों के साथ न्याय करने के लिए हमलोगों ने निर्णय लिया था कि आरक्षण की सीमा को 65% बढ़ा दिया जाए। बाद में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया था। इस पर बिहार सरकार क्या कदम उठा रही है। साथ ही इसी दौरान तेजस्वी यादव ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि चूकि भाजपा शुरू से नहीं चाहती थी कि आरक्षण की सीमा 65 प्रतिशत हो। आखिर हुआ भी यही और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी आरक्षण निरस्त करने का निर्णय आ गया।

इस पर सबसे पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और फिर विजय सिन्हा ने जबरदस्त विरोध किया। विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव को जबाव देते हुए कहा कि आप संवैधानिक संस्था का प्रतिदिन अपमान करते हैं, पहले भी करते थे। विजय सिन्हा इतने पर नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि आप जहां फिलहाल बैठे हैं उसी जगह पर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर हम भी बैठते थे..याद है कि नहीं। आप तो हमारा माइक तक बंद करवा देते थे। गंभीर मुद्दों पर बोलने तक नहीं देते थे।

हालांकि दोनों के नोक झोक के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने भी सलाह दिया कि सदन में बोलते समय इस बात का ख्याल रखा जाए कि हल्की बातें नहीं हो। इसके बाद अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव को बोलने का मौका दिया। आरक्षण की बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने 65 प्रतिशत आरक्षण पर विधानसभा की तरफ से एक स्टेडी कमेटी बनाने की मांग की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर मंशा साफ है तो आरक्षण की सीमा बढ़ा कर सरकार 85 प्रतिशत करें। हमलोग समर्थन देंगे।

विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई विस शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के नेतृत्व विपक्ष ने सदन के गेट पर किया जोर

पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई। दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सुबह-सुबह बिहार विधानसभा पहुंच गए हैं। तेजस्वी यादव विपक्ष के नेताओं के साथ सदन के बाहर खुद हाथ में पोस्टर लेकर खड़े हो गए। विपक्ष सदन के बाहर जमकर हंगामा किया।

तेजस्वी यादव अपने हाथ में पोस्टर लेकर पिछड़ा, अति पिछड़ों SC और ST के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। वहीं अन्य नेता का भी उनके साथ जमकर हंगामा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा के गेट पर खुद धरना प्रदर्शन किया।

बता दें कि आज संविधान दिवस है और शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी है। ऐसे में तेजस्वी यादव एक्शन में दिख रहे हैं। विपक्ष आरक्षण को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। मालूम हो कि जब महागठबंधन की सरकार थी तब ही बिहार में आरक्षण को 65 प्रतिशत बढ़ाया गया था हालांकि उसके नौवीं सूची में शामिल करने से पहले ही पटना हाईकोर्ट के द्वारा रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद से ही तेजस्वी पिछड़ा, अति पिछड़ों SC और ST के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन, विपक्ष इन मुद्दों को लेकर कर सकता है हंगामा

डेस्क : बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र बीते सोमवार से शुरू चुका है। बिहार विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र छोटा है, केवल 5 दिनों तक ही सत्र चलेगा। इस दौरान सदन में पांच बैठकें होंगी। वहीं सत्र के आज दूसरा दिन हंगामेदार होने की संभावना है। आरजेडी समेत विपक्षी पार्टियां आरक्षण, स्मार्ट प्रीपेड मीटर और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की नेतृत्व में विपक्ष की ओर से स्मार्ट मीटर, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है।

सदन में डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक पेश करेंगे।सरकार आज सदन में दो बिल पेश करेगी।विपक्षी पार्टियां विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगी।

राज्य सरकार बेतिया राज की जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी में है और इसको लेकर विधेयक पेश करेगी।भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाला बिल 2024 सदन में पेश करेंगे।बिल पारित होने पर बेतिया राज की 7960 करोड़ की जमीन बिहार सरकार के अधिकार में आ जाएगी।

फिलहाल राज्य सरकार बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख करती है और एडीएम रैंक के अधिकारी मैनेजर के तौर पर नियुक्त होते हैं।बेतिया राज की जमीन बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और उत्तर प्रदेश में भी स्थित है।

ICSC बोर्ड के 10वीं-12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर : परीक्षा का डेट शीट जारी, जानिए पूरा डिटेल*

डेस्क : ICSC बोर्ड के 10वीं-12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर है। काउंसिल ऑफ द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईसीएसई) बोर्ड ने दसवीं- 12वीं का कार्यक्रम तिथिवार और विषयवार जारी कर दिया है। 12वीं बोर्ड की परीक्षा 13 फरवरी से तो 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से शुरू होगी। बारहवीं की परीक्षा 5 अप्रैल तक चलेगी। वहीं दसवीं की परीक्षा 27 मार्च को खत्म होगी। इस बाबत बोर्ड ने कहा है कि परिणाम मई में जारी होना संभावित है। वेबसाइट पर इसकी सूचना दी गई है। बोर्ड ने परीक्षा कार्यक्रम के साथ ही परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए जरूरी दिशानिर्देश भी जारी कर दिया है। परीक्षा हॉल में क्या लेकर आना है ,क्या लेकर आना मना, किस रंग की कलम से लिखना आदि से संबंधित निर्देश बोर्ड की ओर से जारी किया गया है। *दसवीं का परीक्षा कार्यक्रम तिथि विषय* 18 फरवरी अंग्रेजी पेपर 1 21 फरवरी अंग्रेजी पेपर 2 25 फरवरी संस्कृत 4 मार्च गणित 6 मार्च हिन्दी 10 मार्च इतिहास, नागरिक शास्त्रत्त् 12 मार्च भूगोल 17 मार्च भौतिकी 21 मार्च रसायन विज्ञान 24 मार्च जीव विज्ञान 27 मार्च पर्यावरण विज्ञान *बारहवीं का परीक्षा कार्यक्रम तिथि 2025 विषय* 13 फरवरी पर्यावरण विज्ञान 17 फरवरी अंग्रेजी पेपर दो 21 फरवरी अर्थशास्त्रत्त् 24 फरवरी रसायन विज्ञान,संस्कृत 25 फरवरी इलेक्टिव अंग्रेजी 3 मार्च गणित 5 मार्च बिजनेस स्टडीज 7 मार्च भौतिकी पेपर 1 10 मार्च इतिहास 12 मार्च वाणिज्य 17 मार्च अकाउंट्स 19 मार्च राजनीति विज्ञान 21 मार्च जीव विज्ञान 22 मार्च गृह विज्ञान। 24 मार्च कंप्यूटर विज्ञान 26 मार्च फिजिकल एजुकेशन 28 मार्च सामाजिक विज्ञान 2 अप्रैल मनोविज्ञान 4 अप्रैल भूगोल 5 अप्रैल आर्ट पेपर 5
बिहार पैक्स चुनाव : पहले चरण राज्य में आज 1550 पैक्सों के लिए मतदान जारी, प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

* डेस्क : बिहार के 6286 पैक्सों में चुनाव के लिए आज मंगलवार से मतदान की प्रक्रिया शुरु हो गई है। मतदान पांच चरणों में हो रहा है। जिसमें आज पहले चरण में 38 जिलों के 137 प्रखंडों के 1550 पैक्सों के लिए वोट डाले जा रहे है। मतदान सुबह 7 बजे से शुरु हो चुका और शाम 4.30 बजे तक होगा। वहीं मतदान के ठीक अगले दिन 27 नवंबर को पहले चरण के वोटों की गिनती होगी। लखीसराय, मुंगेर और जमुई के उग्रवाद प्रभावित प्रखंडों में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान कराने की अनुमति बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने दी है। यहां मतदान के दिन आज ही मतगणना होगी। जहां मतदान के दिन मतगणना नहीं होगी, वहां ठीक अगले दिन मतगणना होगी। प्राधिकार ने मतगणना कराने के संबंध में जिलाधिकारी निर्णय लेने का अधिकार दिया है। पैक्स में अध्यक्ष सहित कुल 12 पदों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इसमें 5 पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। सभी चरणों के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। पहले चरण के मतदान के ठीक अगले दिन बुधवार (27 नवंबर) को दूसरे चरण का मतदान होगा। 29 नवंबर को तीसरे, एक दिसंबर को चौथे और 3 दिसंबर को पांचवें चरण का मतदान होगा। मतपत्र पांच रंगों में होंगे। *पटना में बनाया गया कंट्रोल रूम* प्राधिकार की ओर से पटना स्थित कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में मतदान संबंधी कोई भी सूचना 0612-2215118 पर दी जा सकती है। यहां दो पालियों में अधिकारियों को तैनात किया गया है। एक मतदान दल में एक पीठासीन पदाधिकारी, तीन मतदान पदाधिकारी और एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी तैनात रहेंगे। सहकारी समितियों के कर्मी चुनाव कार्य से दूर रखे गये हैं। चुनाव कर्मियों को पहचान पत्र दिया जायेगा। पहले चरण के चुनाव के लिए मतदान कर्मी बूथों के लिए पहुंच गए हैं। *मतदान केंद्रों पर दंडाधिकारी और सशस्त्रत्त् बल तैनात* मतदान केंद्रों पर दंडाधिकारी और पर्याप्त सशस्त्रत्त् बल तैनात किये गए है। चुनाव के दिन दो सौ मीटर के दायरे में सभी दुकानें बंद रखने का आदेश प्राधिकार ने जारी किया है। मतदान केंद्र के अंदर पीठासीन पदाधिकारी को छोड़कर किसी को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है। चुनाव के दिन स्कूटर, बाइक, तीन और चार पहिया वाहन और नौका रखने वालों पर विशेष ध्यान देने का आदेश दिया है। बैरियर लगाकर वाहनों और संदिग्ध व्यक्तियों की जांच का आदेश दिया गया है। कमजोर वर्ग के वोटर को प्रभावित करने वालों पर चौकसी का आदेश दिया गया है।
बिहार के इस आईपीएस अधिकारी का नाम सुनते ही कांप जाते है बड़े-बड़े अपराधी, फिर उनकी बिहार हो रही वापसी

डेस्क : 1994 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन जिसका नाम सुनते ही बड़े-बड़े क्रिमिनल थरथराने लगते हैं उनकी बिहार वापसी हो रही है। कुंदन कृष्णन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस अपने गृह राज्य लौट रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके बिहार वापस आने का आदेश जारी कर दिया है। कुंदन कृष्णन अभी तक CISF में एडीजी के पद पर तैनात थे। उनकी वापसी को राज्य में बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की संभावना के रूप में देखा जा रहा है।

जारी अधिसूचना के अनुसार कुंदन कृष्णन, आईपीएस (बीएच:94), अतिरिक्त महानिदेशक, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को उनके मूल कैडर में समयपूर्व प्रत्यावर्तन के लिए सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी देने का निर्देश दिया गया है। उनके कैडर के अनुरोध पर तत्काल प्रभाव से अधिकारी की कार्यमुक्ति की तारीख इस मंत्रालय को सूचित की जाए।

बता दें कुंदन कृष्णन मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं और यह जिला यहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी है। बिहार में नीतीश कुमार के सीएम बनने से पहले राष्ट्रपति शासन में कुंदन कृष्णन को पटना का एसएसपी नियुक्त किया गया था। वो तभी से एक्शन मोड में थे और नए कीर्तिमान बनाते रहे। पटना में एसएसपी रहते उनके नाम से ही बड़े-बड़े अपराधी कांपने लगते थे।

पटना में बतौर एसएसपी उनका बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ भी टकराव हुआ था। आनंद मोहन कस्टडी में देहरादून से सहरसा जा रहे थे। जिस क्रम में पटना में वे अनाधिकृत रूप से एक पार्टी में शामिल हो गए इसके बाद उन्हें वापस जेल भेजने क्रम में तत्कालीन एसपी कुंदन कृष्णन तथा पूर्व सांसद आनंद मोहन के बीच हाथापाई के नौबत आ गए थी। इतना ही नहीं अपने पद पर रहते हुए कर्तव्यों के निर्वहन को लेकर कुंदन कृष्णन के टकराव सत्ताधारी जमात के कई नेताओं से हो चुकी है। लेकिन यह भी सच है कि सुबह में जब-जब आपराधिक घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।तब तब सरकार को कुंदन कृष्णन की याद आई है।