महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: बीजेपी की ऐतिहासिक प्रचंड जीत पर पीएम मोदी ने दिया बड़ा संदेश

महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत हुई है. गठबंधन ने 228 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. 6 सीटों पर बढ़त बना रखी है. इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इस जीत पर पीएम मोदी ने पार्टी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. पीएम ने कहा, महाराष्ट्र में पिछले 50 साल का रिकॉर्ड टूटा है. तुष्टिकरण की हार हुई है. विकासवाद और सुशासन की जीत हुई है. सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है.आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है. विभाजनकारी ताकतें हारी हैं. आज परिवारवाद की हार हुई है.

पीएम मोदी ने कहा,यह लगातार तीसरी बार है जब बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. यह ऐतिहासिक उपलब्धि है.यह जीत बीजेपी के शासन मॉडल पर मुहर है.महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी को कांग्रेस और उसके सहयोगियों से भी ज्यादा सीटें दी हैं. इससे पता चलता है कि जब सुशासन की बात आती है तो देश सिर्फ बीजेपी और एनडीए पर भरोसा करता है.

महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है ‘एक हैं तो सेफ हैं’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम ने सोचा था कि संविधान और आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर एसटी-एसटी और ओबीसी को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे.कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है.महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है ‘एक हैं तो सेफ हैं’.

इस धरती ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए

पीएम ने कहा, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव ने एकजुटता का संदेश दिया है. ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ ये आज देश का महामंत्र बन चुका है. छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू जी महाराज, महात्मा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबा साहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहब ठाकरे… ऐसे महान व्यक्तित्व की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी भी प्री-पोल अलायंस के लिए सबसे बड़ी जीत है.

वोटर, ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इंडिया गठबंधन वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं. ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते. ये लोग आज भी देश के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं. देश का वोटर, ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ है, जो ‘कुर्सी फर्स्ट’ का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता.

बिहार के छपरा में सेना के जवान की शादी में हाई वोल्टेज ड्रामा: प्रेमिका के दावे के बाद पुलिस ने कराई शादी

बिहार के छपरा जिले में सेना के जवान की शादी में हाई वोल्टेज ड्रामा हो गया. जवान की शादी की तैयारी चल रही थी. बारात निकलने ही वाली थी कि अचानक से जवान के घर पर उसकी प्रेमिका पहुंच जाती है. प्रेमिका दावा करने लगती है कि हम दोनों की शादी 8 साल पहले ही हो चुकी है. जब परिवार वाले और जवान खुद इस बात को मानने से तैयार नहीं हुआ, तो प्रेमिका ने पुलिस की मदद लेते हुए जवान के साथ शादी रचाई.

छपरा जिले के माझी थाना क्षेत्र में रहने वाले सेना के जवान पप्पू की शादी उत्तर प्रदेश की एक युवती से तय हुई थी. दोनों ही परिवार में शादी समारोह को लेकर तैयारी जोरों-शोरो से चल रही थी. शुक्रवार को जवान की बारात निकलने को तैयार हो रही थी कि जवान की प्रेमिका अचानक से उसके घर पहुंच गई. इस दौरान प्रेमिका दावा करने लगी कि पप्पू और उसकी शादी 8 साल पहले ही हो गई है. आगे वह कहता है कि मैं इस को नहीं होने दूंगी.

पुलिस ने कराई शादी

दूल्हे और उसके परिवार वालों ने जब युवती की बात नहीं मानी, तो उसने माझी थाने में जाकर दूल्हे और उसके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. मामले की जानकारी होते ही जवान पप्पू की होने वाली पत्नी भी छपरा पहुंच गई. पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और शुक्रवार देर शाम सेना के जवान की शादी आठ साल पुरानी प्रेमिका से कराई. दोनों की शादी मांझी रामघाट में स्थित हनुमान गढ़ी मन्दिर में हुई है.

जवान को दी कानूनी कार्रवाई की धमकी

इस शादी समारोह में मांझी नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि बिट्टू राय समेत कई दर्जन लोग गवाह बने. जवान पप्पू की शादी उत्तर प्रदेश जिस लड़की के साथ तय हुई थी, उसने पप्पू को प्रेमिका से शादी करने के बाद कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है. माझी थाना अध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों के समझौते के बाद शादी कराई गई है.

सीएम नीतीश कुमार ने बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण

बिहार की चार विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजों पर आज सबकी निगाहें टिकी हैं. इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को मीठापुर में निर्माणाधीन बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ प्रतिमा एस वर्मा और भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने इस परियोजना से जुड़ी तमाम जानकारियां दीं. विस्तृत जानकारी देने के लिए रेखाचित्र का सहारा लिया गया. इसके जरिए बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य से जुड़ी तमाम बातों पर चर्चा की गई.

निरीक्षण के दौरान नीतीश कुमार ने इस परियोजना से जुड़े सभी बिंदुओं को सामने रखा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के मुख्य भवन, प्रशासनिक और शैक्षणिक भवन, परीक्षा और मूल्यांकन भवन, ऑडिटोरियम, स्टाफ क्वार्टर समेत सभी संरचनाओं का निर्माण सही तरीके से होना चाहिए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि परिसर अच्छा दिखना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने प्रमुख शिक्षण संस्थानों के निर्माण पर भी प्रकाश डाला.

नीतीश कुमार ने क्या कहा ?

नीतीश कुमार के मुताबिक मीठापुर इलाके में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, निफ्ट, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी और मौलाना मजहरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय जैसे बड़े शिक्षण संस्थान बनाए जाने चाहिए. सीएम का कहना है कि ये इलाका काफी अच्छा हो गया है और जब दो विश्वविद्यालयों से संबंधित निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तो यह इलाका पहले से भी बेहतर हो जाएगा.

तमाम अधिकारी थे मौजूद

सीएम नीतीश कुमार के इस निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस वर्मा मौके पर थे. इसके अलावा बिहार स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति एसएन सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, पटना एसएसपी राजीव मिश्रा, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश कांत वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.

बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की स्थापना 27 जुलाई 2022 को हुई. इसकी स्थापना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के बच्चों को उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा के लिए की थी. इसके निर्माण के लिए पटना के मीठापुर में 05 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी.

पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक सदस्य को किया गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने 30 लाख की फिरौती मांगने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपी की तलाश साल 2021 से कर रही थी, लेकिन आज यानी शनिवार को पुलिस को इस मामले में बड़ी सफलता मिली है. बताया जा रहा है कि पकड़ा गया आरोपी बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में फरार चल रहे जीशान अख्तर का साथी है. पुलिस का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी कई अपराधिक मामले में शामिल रह चुका है

पंजाब के जालंधर से पुलिस ने सितंबर 2021 में 30 लाख की फिरौती मांगने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी ने दर्शन लाल नाम के एक व्यक्ति से व्हाट्सएप कॉल करके 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. आरोपी ने कॉल पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा होने का दावा किया था. वहीं, उसने दर्शन लाल को पैसा नहीं देने पर बेटे शेर कुमार को जान से मारने की धमकी भी दी थी. पीडित शख्स ने तुरंत इस बात की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी.

2021 से फरार चल रहा था आरोपी

पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज करके पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अब पकड़ा गया यह आरोपी 2021 से ही फरार चल रहा था. इस मामले में मुख्य आरोपी विशाल सभरवाल उर्फ भरथू अभी भी चल रहा है, जिसकी तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हुई है. मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने बताया कि आरोपी को नाकेदार पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले 30 लाख रुपये की फिरौती के मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तार हो चुकी है.

आरोपी का बड़ा आपराधिक इतिहास

पकड़े गए आरोपियों की पहचान अंकुश उर्फ भैया, गगनदीप सिंह उर्फ बब्बू, मुहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जेसी, करनैल सिंह उर्फ बॉबी और रोहित के तौर पर हुई है. एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच एसपी जसरूप कौर बाठ कर रही हैं. आरोपी का एक लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है. पुलिस अदालत से आरोपी की रिमांड लेकर मामले की जांच पड़ताल करेगी.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम: महायुति की जीत के बाद अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने क्या कहा? जानें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं. कई सीटों पर जीत-हार का ऐलान हो चुका है. कई जगह अभी काउंटिंग जारी है. महायुति (बीजेपी, शिवसेना ‘एकनाथ शिंद’, एनसीपी ‘अजित पवार’) 220 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करती दिख रही है. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए ये ऐतिहासिक जीत है. चुनाव परिणाम को लेकर महायुति के तीनों दलों (देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, एकनाथ शिंदे) के बड़े नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आइए जानते हैं किस नेता ने क्या कहा…

चुनाव परिणाम पर अजित पवार ने कहा, लोकसभा में हमसे जो भी गलतियां हुई थीं, हमने उनको दुरुस्त करने की कोशिश की. हमने कुछ योजनाएं शुरू कीं. इसमें लाडली बहन योजना भी थी, जो निर्णायक साबित हुई. जब से मैं राजनीति कर रहा हूं, मैंने कभी नहीं देखा कि राज्य में किसी गठबंधन को 2 सौ से ज्यादा सीटें मिली हों. इस चुनाव में हमारी विरोधी पार्टियां पस्त हो गईं.

हमने आंकड़े देखे और देवेंद्र को फोन किया

अजित ने कहा, जैसे-जैसे हमने आंकड़े देखे और देवेंद्र को फोन किया और कहा कि हमें बहुत काम करना होगा. हमें केंद्र सरकार का सपोर्ट है, ये बड़ा आधार है. आज इन नतीजों को लेकर बहुत सारे लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं. ये वही लोग हैं जो लोकसभा चुनाव में खुश थे. राज्य का ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जहां हमें निराशा मिली हो.

उन्होंने कहा, बहुत जगह अभी वोटों की गिनती चल रही है. हमारी सीटें और भी बढ़ सकती हैं. हमें लोगों के लिए बहुत काम करना पड़ेगा क्योंकि लोगों ने इतनी बड़ी जीत दी है. जनता ने जो भरोसा जताया है, उस पर हम खरे उतरेंगे. लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम राज्य को आगे ले जाएंगे.

जनता के भरोसे को हम कायम रखेंगे

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, थोड़ी देर पहले ही मैंने अपनी बात रखी है. मैं राज्य की जनता के सामने नतमस्तक हूं. ये जीत हमारी जिम्मेदारी बढ़ाने वाली जीत है. जनता ने पीए मोदी पर भरोसा जताया है. जनता के भरोसे को हम कायम रखेंगे.

एकनाथ शिंदे ने कहा, आज महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक दिन है. पिछले बहुत सालों से आप चुनाव देख रहे हैं लेकिन यह चुनाव लोगों ने अपने हाथ में लिया था. यह ऐतिहासिक विजय है. लोगों ने हम पर प्रेम और वोटों की बारिश की है. लाडली बहन योजना, लाडला किसान योजना को लेकर लोगों ने बहुत प्रेम जताया है. इसके लिए मैं जनता का आभार व्यक्त करता हूं.

हमने सबके लिए काम किया

उन्होंने कहा, पिछले सवा दो साल में हमने बहुत काम किया है. हमने जो फैसला लिए वो पहले कभी नहीं लिए गए. महाविकास अघाड़ी ने जो काम बंद कर दिए थे, हमने वो शुरू किए. हमने चुनाव में कहा था कि पूरे राज्य का विकास हो और सभी को लाभ मिले. अटल सेतु, मेट्रो जैसे हमने कल्याणकारी काम किए. जिसका हमें लाभ भी मिला.

शिंदे ने कहा, हमने बुजुर्गों के लिए काम किया. किसानों के लिए काम किया. किसानों को हमने 15 हजार करोड़ का मुआवजा भी दिया है. हमारा मकसद राज्य को आगे लेकर जाना है. केंद्र सरकार से हमें इसके लिए मदद मिलती रही. लोग हम पर आरोप लगाते रहे कि हम रेवड़ियां बांट रहे हैं. हमने इन आरोपों का सामना किया. लाडली बहन योजना जैसी योजनाओं का बहनों को लाभ मिला. हमने इसका प्रोसेस भी सरल किया. जिससे लोगों को भरोसा हुआ कि बात करने वाली नहीं काम करने वाली सरकार है.

लोगों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया

उन्होंने कहा, ये आम लोगों की सरकार है. लोगों को इस बात का भरोसा है. हम कॉमन मैन के लिए काम करके उसे सुपरमैन बनाना चाहते हैं. विपक्ष ने लोकसभा के चुनाव में फेक नैरेटिव चलाया था. बावजूद इसके लोगों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया और उनको फिर से पीएम बनाया. हम जब से सत्ता में आए तब से ये लोग सरकार गिरने की बातें कर रहे थे. हमने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया. हमने अपने काम से जवाब दिया. हम लोग जनता के बीच रहने वाले लोग हैं.

शिंदे ने कहा, कार्यकर्ता घर में नहीं लोगों के दरवाजे पर अच्छा लगता है. 2019 में जो सरकार बननी चाहिए थी वो सरकार नहीं बनी, ये चीज लोगों को पसंद नहीं आई. फिर लोगों ने तय कर लिया कि शिवसेना और एनसीपी किसकी है… शिंदे की इस बात पर देवेंद्र और अजित खिलखिलाकर हंस पड़े.

उन्होंने कहा, इस चुनाव में हमने मिलकर काम किया. मोदी जी ने विकास के लिए एक साथ आने की अपील की थी, लोगों ने इसका गलत अर्थ निकालने की कोशिश की, जिन लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की, उन्हें जवाब मिल चुका है. शिंदे ये बात पीएम मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ पर कही.

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद गौतम अडानी के अच्छे दिन आएंगे? महायुति की जीत के बाद अडानी के शेयरों में तेजी की उम्मीद.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ महायुति की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है. भले ही अभी ये तय ना हो कि राज्य में चीफ मिनिस्टर के तौर पर कौन शपथ लेगा? यहां एक सवाल और भी है, वो ये कि इस जीत के बाद क्या गौतम अडानी के अच्छे दिन आएंगे? ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योकि गौतम अडानी चुनाव के दौरान एक प्रमुख मुद्दा थे. जिसे विपक्ष ने भुनाने की कोशिश की थी. विपक्ष के नेताओं ने तो यहां तक कह डाला था कि अगर उनकी महाराष्ट्र में सरकार बनी तो अडानी के तमाम प्रोजेक्ट्स को कैंसल कर दिया जाएगा. जिसमें धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट काफी अहम हैं.

इसके अलावा अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से आई रिपोर्ट और गिरफ्तारी वॉरंट की खबर के बाद गुरुवार को शेयरों में काफी बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. शुक्रवार को रिकवरी जरूर हुई, लेकिन शेयरों में गिरावट जारी रही. महायुति की सरकार बनने के बाद क्या इन शेयरों में भी इजाफा देखने को मिलेगा? आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर महाराष्ट्र की जीत गौतम अडानी के लिए क्यों अहम बन गई है और इसका फायदा गौतम अडानी को कैसे मिल सकता है?

महाराष्ट्र में महायुति जीत, फोकस में अडानी के शेयर

सोमवार को शेयर बाजार जब ओपन होगा तो अडानी ग्रुप के शेयर फोकस में रहेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है महाराष्ट्र में महायुति यानी बीजेपी की अगुवाई में मिली जीत का असर गौतम अडानी के शेयरों में देखने को मिल सकता है. अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट एंड एसईजेड, अडानी पॉवर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अंबूजा सीमेंट, एसीसी लिमिटेड के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है. उससे पहले गुरुवार को न्यूयॉर्क से आई खबर के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. वहीं शुक्रवार को कंपनियों के शेयरों में रिकवरी तो जरूर देखी गई, लेकिन कुछ कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई. सोमवार को अडानी के शेयरों में तेजी का माहौल बनता हुआ दिखाई दे सकता है.

धारावी प्रोजेक्ट पर बड़ी राहत

वहीं महायुति की जीत के बाद अडानी को धारावी प्रोजेक्ट पर बड़ी राहत मिल गई है. जैसा कि हमने आपको बताया कि गौतम अडानी को धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट देने का मुद्दा पूरे चुनाव में गर्माया रहा. राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे लगातार गौतम अडानी को केंद्र में रखकर राज्य और केंद्र सरकार को घेरते हुए नजर आए थे. जिस तरह के नतीजे महायुति के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं, उससे साफ हो गया है कि धारावी के मामले में आम लोगों को अडानी से कोई दिक्कत नहीं है. आने वाले दिनों में धारावी प्रोजेक्ट पर गौतम अडानी तेजी के साथ काम शुररू कर सकते हैं. ये कुल प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ रुपए का है. जिसमें 80 फीसदी स्टेक गौतम अडानी का है. जबकि 20 फीसदी की हिस्सेदारी है. जिसके पहले फेज में करीब 5,100 करोड़ रुपए खर्च होगा.

दो दिनों में दौलत में कितनी आई गिरावट

गुरुवार और उसके बाद शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आने की वजह से गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग बिलेलियर्स इंडेक्स आंकड़ों के अनुसार गौतम अडानी को दो दिनों में 14.7 अरब डॉलर यानी 1.24 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जिसके बाद गौतम अडानी की कुल दौलत 70.8 अरब डॉलर हो चुकी है. जिसकी वजह से गौतम अडानी की दुनिया के टॉप 20 अरबपतियों की लिस्ट से भी बाहर हो गए हैं. सोमवार को जब शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलगी तो अडानी की दौलत में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इसका मतलब है कि महायुति की जीत गौतम अडानी के लिए काफी बड़ी हो गई है.

मध्य प्रदेश: विजयपुर सीट पर कांग्रेस की जीत, रामनिवास रावत ने ईवीएम पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश की विजयपुर सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने जीत दर्ज की है. उन्होंने 7228 वोटों से वन मंत्री रामनिवास रावत को हराया है. रावत ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने रिकाउंटिंग कराने की मांग की है. इसके लिए आवदेन देने जा रहे हैं.

विजयपुर सीट पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था. विधानसभा चुनव में रामनिवास कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया. हालांकि, इस चुनाव में उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा है.

6 बार विधायक रहे हैं रामनिवास रावत

रामनिवास रावत की गिनती मध्य प्रदेश के बड़े नेताओं में होती है. वो 6 बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस से उनकी नाराजगी सामने आई थी. मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट से सत्यपाल सिंह सिकरवार को मिलने की वजह से वो नाराज थे. रामनिवास 8 बार विधानसभा और 2 बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.

15वें राउंड की गिनती के बाद पिछड़ते गए रावत

20 राउंड की गिनती के बाद विजयपुर में कांग्रेस ने 6523 वोटों की लीड ली.

18वें राउंड के बाद भी कांग्रेस ने लीड बरकरार रखी. इस राउंड में मुकेश मल्होत्रा ने 4747 वोटों की बढ़त बनाई.

17 राउंड की गिनती के बाद कांग्रेस 4925 वोटों से आगे रही.

16वें राउंड की गिनती के बाद मुकेश 1842 वोटों से आगे रहे. इससे पहले रामनिवास आगे चल रहे थे.

15वें राउंड की गिनती में बीजेपी की लीड घटी और रावत की बढ़त 1496 रह गई.

14वें राउंड की गिनती के बाद रावत 5043 वोटों से आगे थे.

13वें राउंड की गिनती के बाद रामनिवास 6487 वोटों से आगे थे.

12वें राउंड के बाद रामनिवास रावत की लीड 11वें से थोड़ी कम हुई और 5435 वोटों की बढ़त रह गई.

11वें राउंड की गिनती के बाद रामनिवास कांग्रेस प्रत्याशी से 6098 वोटों से आगे थे.

10 राउंड की गिनती के बाद रावत ने 5001 वोटों की लीड ली.

9वें राउंड की गिनती के बाद रावत की 6876 रही.

8वें राउंड की गिनती के बाद रावत ने 8661 वोटों से लीड बनाई.

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शरद पवार की NCP की सबसे खराब परफॉर्मेंस, अजीत पवार की एनसीपी को मिला जनता का समर्थन

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के रूझान साफ बता रहे हैं कि जनता अजीत पवार की NCP के साथ है. शरद पवार की NCP (SCP) मात्र 13 सीटों पर आगे है. वहीं अजीत पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव परिणाम के ये रुझान बता रहे हैं कि शरद पवार का राजनीति करियर का ग्राफ कितना नीचे पहुंच गया है. यह उनके करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस है.

शरद पवार की NCPSP महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है. दोपहर 1 बजे के रुझानों के मुताबिक, इस गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (SHSUBT) 92 सीट में से 19 पर और शरद पवार की NCPSP 86 में से 13 सीटों पर आगे है. वहीं, कांग्रेस 19 पर आगे चल रही है. इस गठबंधन के उलट रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति (NDA) को बहुमत मिल गया है. गठबंधन की भाजपा 126, शिवसेना 54, अजीत पवार की एनसीपी 38 आगे चल रही है.

राजनीतिक करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस

पार्टी के टूटने के बाद महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार और अजीत पवार के लिए अग्नि परीक्षा जैसा था. इस मुकाबले में अजीत बाजी मार ले गए और शरद पवार पीछे छूट गए.महाराष्ट्र में हालिया चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि शरद पवार की पार्टी टूटने के बाद वो अपने राजनीतिक करियर के सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गए हैं. साल 2014 के महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी को 41 सीट और 2019 में पार्टी को 54 सीटें मिली, लेकिन आंकड़े शरद पवार के सबसे बुरे दौर की तस्वीर को दिखा रहे हैं.

कैसे कमजोर हुए शरद पवार?

शरद पवार को कमजोर करने की शुरुआत 2 जुलाई, 2023 से हुई, जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की. वो एनसीपी के 8 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्हें इसका फायदा मिला और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और 8 विधायकों ने मंत्रिपद की. अजित ने यह भी दावा किया उनके पास 40 विधायकों को उनका समर्थन हासिल है. इस बयान के बाद अजित और शरद पवार के खेमे यह जंग शुरू हुई की असली NCP कौन है. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों में एनसीपी पर अपना दावा ठोका. इसे यह अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार के रूप में मैदान में है.

इस तरह पार्टी टूटी और नुकसान बढ़ता गया और हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र में शरद पवार का रुतबा तेजी से घटा. जो अब चुनावी आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रहा है.

West Bengal By Election Live: सिताई, मदारीहाट, नैहाटी सीट पर लहराया TMC का परचम

महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों को लेकर मतगणना जारी है. साथ ही कई राज्यों में हुए उपचुनाव के लिए भी वोटों की गिनती की जा रही है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा दिख रहा है. संगीता रॉय ने सिताई सीट पर, मदारीहाट सीट पर जयप्रकाश टोप्पो जबकि नैहाटी सीट पर सनत डे जीत चुके हैं. बाकी 3 सीटों पर भी ममता बनर्जी की पार्टी भारी बढ़त बनाए हुए है.

अन्य राज्यों की तरह यहां पर भी मतों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हुई. पश्चिम बंगाल में 2 रिजर्व सीटों के साथ-साथ अन्य 4 सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं. इसमें सिताई सीट अनुसूचित जाति के लिए तो मदारीहाट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. इसके अलावा मेदिनीपुर, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव कराए गए थे.

उत्तर 24 परगना क्षेत्र के नैहाटी विधानसभा सीट और बांकुरा के तलडांगरा विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही आगे है. हरोआ सीट पर भी टीएमसी की बढ़त बनी हुई है.

मेदिनीपुर, मदारीहाट, सिताई, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटें पश्चिम बंगाल के दक्षिण क्षेत्र में पड़ती हैं और इसे तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है जबकि मदारीहाट सीट राज्य के उत्तरी हिस्से में पड़ता है और इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है.

उपचुनाव में टीएमसी के अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ-साथ सीपीएम की अगुवाई वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस भी अलग-अलग मैदान पर उतरे. ये दोनों साल 2021 के बाद पहली बार अलग-अलग मैदान में उतरे.

किस सीट पर क्या चल रहा

अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व सिताई सीट पर टीएमसी की संगीता रॉय अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बीजेपी के दीपक कुमार रे को 1,30,636 मतों के भारी अंतर से हरा दिया है. संगीता रॉय को 1,65,984 वोट मिले जबकि दीपक कुमार को महज 35,348 मत हासिल हुए.

अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व मदारीहाट सीट पर टीएमसी के जयप्रकाश टोप्पो ने बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोहार को महज 28,168 वोटों से हरा दिया है. जयप्रकाश टोप्पो को 79,186 वोट मिले जबकि राहुल लोहार 50,602 मत हासिल कर सके. 2021 के विधानसभा चुनाव में ये सीट बीजेपी ने जीती थी.

नैहाटी सीट पर टीएमसी के सनत डे ने बीजेपी प्रत्याशी रूपक मित्रा को हरा दिया है. रूपक मित्रा को 29,495 वोट हासिल हुए जबकि सनत डे 78,772 वोट हासिल कर 49,277 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की.

हरोआ सीट पर टीएमसी के एसके रबीउल इस्लाम आगे चल रहे हैं. उन्होंने अब तक 1,25,958 वोट हासिल किए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट के पियारुल इस्लाम को 1,03,144 वोटों से पीछे चल रहे हैं.

मेदिनीपुर सीट पर टीएमसी के सुजॉय हाजरा 80,508 वोटों के साथ आगे निकल गए हैं, जो बीजेपी के सुभाजीत रॉय (बंटी) से 24,161 वोटों के अंतर से आगे हैं.

तालडांगरा सीट पर टीएमसी की फल्गुनी सिंघाबाबू 63,201 वोटों के साथ आगे चल रही हैं, जो बीजेपी की अनन्या रॉय चक्रवर्ती से 23,341 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं.

Nanded Lok Sabha By Election Result 2024 LIVE Updates: नांदेड़ सीट पर बीजेपी को झटका, कांग्रेस लगातार बना रही बढ़त

महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मतगणना हो रही है. कांग्रेस ने रवींद्र चव्हाण को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने डॉ. संतुक हंबार्डे को मैदान में उतारा है. इस सीट पर कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण आगे चल रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक, रवींद्र चव्हाण को अब तक 65546 वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. संतुक हंबार्डे को 61175 वोट मिले हैं. कांग्रेस के चव्हाण 4371 वोटों से आगे चल रहे हैं. वहीं, तीसरे नंबर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी है, जिसे 8037 वोट मिले हैं.

यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन की वजह से खाली हुई है. लोकसभा चुनाव के महज दो महीने बाद ही अगस्त, 2024 में कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया था.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली थी जीत

इससे पहले अप्रैल-मई में कराए गए लोकसभा चुनाव में नांदेड लोकसभा सीट पर बीजेपी के निवर्तमान सांसद प्रतापराव पाटिल चिखलीकर और कांग्रेस के प्रत्याशी वसंत चह्वाण के बीच मुकाबला था. वसंत चह्वाण ने 59,442 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. वसंत को चुनाव में 5,28,894 वोट मिले थे, जबकि प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को 4,69,452 वोट आए थे. नांदेड़ राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक होने के साथ एक जिला भी है.

साल 2019 के संसदीय चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई और प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर सांसद बने. चिखलकर को 486,806 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण को 4,46,658 वोट मिले.

नांदेड़ के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. इस सीट पर 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे, तब कांग्रेस के उम्मीदवार शंकरराव टेलकीकर को जीत हासिल हुई थी. फिर 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने देवराव नामदेवराव कांबले को टिकट दिया और वो विजयी हुए. 1962 में कांग्रेस के तुलसीदास जाधव को जीत हासिल हुई. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला और वेंकटराव तिरोडकर को मैदान में उतारा और वह भी विजयी रहे.