उमर अब्दुल्ला ने कहा, कांग्रेस हमारी सरकार का हिस्सा नहीं है, वे हमें बाहर से समर्थन दे रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारी सरकार का हिस्सा नहीं है, वे हमें बाहर से समर्थन दे रहे हैं. सीएम उमर उमर ने महाराष्ट्र में चुनाव और जम्मू क्षेत्र में नागरिकों पर कथित अत्याचार के बारे में भी बात की. उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. शुक्रवार को कैबिनेट बैठक हुई. इस बैठक में विधानसभा प्रस्ताव पर कांग्रेस के रूख, कैदियों, किश्तवाड़ में स्थानीय लोगों पर सेना के अत्याचार पर बात की.
बता दें कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को पूर्ण बहुमत मिला और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनी, लेकिन कांग्रेस इस सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है.
राज्य के विशेष दर्जे के प्रस्ताव पर कही ये बात
विशेष दर्जे के प्रस्ताव के भाग्य के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उमर ने कहा कि विधानसभा में बहुमत से प्रस्ताव पारित हुआ था. सदन में कांग्रेस के सदस्य भी मौजूद थे. यह जीवित है और खारिज नहीं हुआ है. हमें राज्य का दर्जा मिल जाए, हम इस मामले को आगे बढ़ाएंगे.
राजनीतिक कैदियों की रिहाई के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में उमर ने कहा, “कानून-व्यवस्था और सुरक्षा केंद्र के अधिकार क्षेत्र में हैं. इस स्थिति के बावजूद हम सत्यापन प्रक्रिया को आसान बनाने में सफल रहे हैं. मैंने विधानसभा में भाषण दिया था कि सत्यापन को हथियार बनाया गया है. इसे आसान बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं और इस संबंध में और प्रगति की उम्मीद है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रस्ताव में कुछ भी नहीं था. उमर ने पूछा, “अगर प्रस्ताव में कुछ भी नहीं था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस बारे में बार-बार क्यों बात करते हैं.”
तीन सदस्यों वाली कैबिनेट उप-समिति का गठन
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने के बाद सरकार राजनीतिक कैदियों के मामलों की पैरवी करेगी और उनकी रिहाई सुनिश्चित करेगी. आज की कैबिनेट बैठक के बारे में उमर ने कहा कि आज की बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय तीन सदस्यों वाली कैबिनेट उप-समिति का गठन करना था, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की पृष्ठभूमि में समग्र दृष्टिकोण अपनाएगी.
उमर ने कहा, “समिति कैबिनेट को एक रिपोर्ट सौंपेगी और हम देखेंगे कि आरक्षण नीति को तर्कसंगत बनाने के लिए हम किस हद तक जा सकते हैं.” किश्तवाड़ में नागरिकों पर कथित अत्याचार के बारे में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले भी पुलिस और सुरक्षा बलों के शिविरों में अत्याचार के दौरान लोगों को मरते देखा है.
उमर ने कहा, “भगवान का शुक्र है कि यहां किसी की मौत नहीं हुई. मैं सेना से मामले की गहन जांच करने का आग्रह करता हूं और अगर सैनिकों द्वारा कोई दुर्व्यवहार पाया जाता है, तो दोषियों को कोर्ट मार्शल किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए.” यह पूछे जाने पर कि क्या सर्दियों में बिजली कटौती में सुधार होगा, उमर ने कहा कि उन्होंने बिजली विभाग को उन क्षेत्रों में कम कटौती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है जहां चोरी कम होती है. उमर ने कहा, “मुझे इस सर्दियों में कश्मीर में बिजली की स्थिति में सुधार देखने की उम्मीद है.”
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