रुझानों में महायुति को बंपर बहुमत, 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त, संजय राउत ने रुझानों पर उठा दिया सवाल

#maharashtra_assembly_elections_2024_result 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आज आ रहे हैं। वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में महायुति गठबंधन महाविकास अघाड़ी गठबंधन से बड़ी लीड लेती दिख रही है। महाराष्ट्र में एनडीए का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। उसकी सीटें 215 हो गई हैं। वहीं, एमवीए 59 सीटों पर आगे है। अन्य 13 सीटों पर आगे हैं। उधर, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने कहा कि कुछ तो गड़बड़ है। ये जनता का फैसला नहीं है। जीत हार होती रहती है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में भाजपा 124, शिवसेना 55, एनसीपी 35, कांग्रेस 21, शिवसेना यूबीटी 19, एनसीपी(एसपी) 13, और अन्य सीटों पर 18 आगे चल रहे हैं।  

पार्टी रूझान

बीजेपी 125

शिवसेना(शिंदे)  55

एनसीपी  35

एसएचएस(यूबीटी) 17

कांग्रेस   21

संजय राउत ने रुझानों पर उठाए सवाल

चुनाव परिणाम के शुरुआती रुझानों में महायुति की बढ़त पर शिवसेना(UBT) नेता संजय राउत ने कहा, 'यह महाराष्ट्र की जनता का फ़ैसला नहीं हो सकता। हम जानते हैं कि महाराष्ट्र की जनता क्या चाहती है।'

यूपी उपचुनावःभाजपा ने सात सीटों पर बनाई बढ़त, इन दो सीटों पर सपा आगे*
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उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे के लिए वोटों की गिनती जारी है। भारतीय जनता पार्टी सात सीटों पर आगे चल रही है और समाजवादी पार्टी 2 सीटों पर आगे चल रही है। करहल से सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने लगातार बढ़त बना रखी है। कुंदरकी से भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने भी बढ़त बना रखी है। सीसामऊ में लगातार बाजी पलट रही है। *जानें कौन कहां से चल रहा है आगे* कटेहरी से भारतीय जनता पार्टी आगे चल रही है। सीसामऊ में सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी 2300 वोटों से आगे। मझवां सीट से भाजपा प्रत्याशी 2300 वोटों से आगे। फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी आगे। गाजियाबाद से भाजपा उम्मीदवार संजीव शर्मा 3605 वोटों से आगे। खैर सीट से भाजपा के सुरेंद्र दिलेर 1705 वोटों से आगे। करहल से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज प्रताप यादव आगे। *भाजपा ने 8 सीटों पर लड़ा चुनाव* इस उपचुनाव में भाजपा ने 8 और उसकी सहयोगी रालोद एक सीट पर चुनाव लड़ा है। वहीं, सपा, कांग्रेस के समर्थन से सभी नौ सीटों पर मैदान में है। बसपा भी सभी नौ सीटों पर ताल ठोकी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, मीरापुर में 57.1 प्रतिशत, कुंदरकी में 57.7 प्रतिशत, गाजियाबाद में 33.3 प्रतिशत, खैर में 46.3 प्रतिशत, करहल में 54.1 प्रतिशत, सीसामऊ में 49.1 प्रतिशत, फूलपुर में 43.4 प्रतिशत, कटेहरी में 56.9 प्रतिशत और मझवां में 50.4 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी।
महाराष्ट्र में महायुति की आंधी, बीजेपी ने अकेले लगाया “शतक”

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महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों के शुरूआती रुझानों में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति की आंधी देखी जा रही है। महायुति गठबंधन ने बहुमत क आंकड़ा पार कर लिया है। वह 189 सीटों पर आगे चल रही है। 288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधान सभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। उधर कांग्रेस नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी रुझानों में काफी पीछे चल रही है। 

चुनाव आयोग के आंकड़ों की तो इसके शुरूआती रुझानों में महायुति की भाजपा 109 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं उसका घटक दल शिवसेना शिंदे गुट 56 सीटों पर आगे चल रही है। अजित पवार की एनसीपी 34 सीटों पर आगे है। वहीं विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी की शरद पवार की एनसीपी 11 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस 17 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना भी 19 सीटों पर आगे है।

पार्टी रूझान

बीजेपी 109

शिवसेना(शिंदे)  56

एनसीपी  34

एसएचएस(यूबीटी) 19

कांग्रेस   19

वायनाड सीट पर क्या है प्रियंका गांधी का हाल, क्या बीजेपी को पछाड़ने में होगीं कामयाब?

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा, शनिवार को शुरुआती रुझानों में आगे चल रही हैं। डाक मतों और घरेलू मतों की गिनती शुरू होने के बाद प्रियंका गांधी आगे चल रही हैं। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, ईवीएम की गिनती शुरू होने के बाद वह 24,000 वोटों से आगे चल रही हैं।

प्रियंका गांधी का ये पहला चुनाव है। वायनाड लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 7 सीटें हैं। इनमें वायनाड जिले की मनंतावाडी (रिजर्व), सुल्तान बथेरी (रिजर्व), कलपेट्टा, कोझिकोड जिले की तिरुवमबाडी तथा मलप्पुरम जिले की निलांबुर, ईरानद और वंडूर सीटें शामिल हैं। 

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद वायनाड सीट खाली हुई थी। लोकसभा चुनावों में रायबरेली से जीतने के बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी थी। इस सीट से राहुल गांधी लगातार दूसरी बार 2024 के आम चुनावों में जीत कर संसद पहुंचे थे। इस बार उन्होंने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सीपीआई (एम) के उम्मीदवार एनी राजा को 3 लाख 64 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी। इस वजह से खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है, जिसमें प्रियंका गांधी ताल ठोंक रही है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावःरुझानों में महायुति गठबंधन को बहुमत, भाजपा की 61 सीटों पर बढ़त

#maharashtra_assembly_elections_2024_result

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की 288 सीटों पर मतगणना जारी है।महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती 8 बजे शुरू हो रही है। सभी की निगाहें सत्तारूढ़ महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबले के नतीजे पर टिकी हैं। अभी तक आए रुझानों में, सत्ताधारी महायुति की वापसी होती दिख रही है।

रुझानों में महायुति को बहुमत, एमवीए की हातल बेहद खराब

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में महायुती ने बहुमत हासिल कर लिया है। अब तक 185 सीटों से रुझान आए हैं। उसमें से 145 पर सीटों पर महायुती को बढ़त हासिल है। महायुती की तीनों पार्टियां अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही हैं। महायुती में अकेले भाजपा को 75 सीटों पर बढ़त हासिल है। वहीं दूसरी एमवीए की हालत पतली दिख रही है। उसे अब तक केवल 33 सीटों पर बढ़त हासिल है. सात सीटों पर अन्य आगे है।

महाराष्ट्र में कुल कितनी सीटें?

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 144 सीटों का बहुमत जरूरी है। दो प्रमुख गठबंधन है महायुति (बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गुट) जिसमें भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) अजित पवार का एनसीपी गुट शामिल है। दूसरा प्रमुख गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) है। जिसमें शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), कांग्रेस, शरद पवार का एनसीपी गुट एक साथ चुनाव लड़ रही है।

महिला कांस्टेबल ने 9 महीने में 104 लापता बच्चे को परिवार से मिलाया

गुमशुदा बच्चों की पहचान में दिल्ली पुलिस की दो महिला हेड कांस्टेबल ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसके बाद उनकी चारों ओर वाहवाही हो रही है। दिल्ली पुलिस की दो हेड कांस्टेबल सीमा देवी और सुमन हुड्डा ने नौ महीने में 104 लापता बच्चों का पता लगाया।

दिल्ली पुलिस की बाहरी उत्तरी जिला की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) में तैनात, सीमा और सुमन ने बताया कि 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत मार्च से नवंबर के बीच यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

मार्च से नवंबर के बीच 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत उन्होंने हरियाणा,बिहार और यूपी के दूर-दराज के इलाकों का दौरा किया और बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया। इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा,जिनमें बच्चों की नई तस्वीरें न होना, भाषा की बाधा,अनजान जगहों पर जाना और स्थानीय लोगों से मदद न मिलना शामिल था। इन मुश्किलों के बावजूद,दोनों ने बच्चों को ढूंढ निकाला और उन्हें उनके परिवारों से मिला दिया

पहली बार साथ दिखे मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया, क्या शेख हसीना के दुश्मनों का हो रहा गठजोड़?

#khaleda_zia_meets_muhammad_yunus_in_dhaka

शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश की सत्ता संभाली। इतने सालों के बाद अगस्त में तख्तापलट के बाद शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। जून के महीने से शुरू हुआ आरक्षण विरोधी आंदोलन अचानक हिंसक हो गया, आंदोलनकारियों ने शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की। 5 अगस्त को हिंसक भीड़ राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रही थी कि अचानक शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। हसीने के देश छोड़ने के बाद उनके दुश्मन अब एक जुट होने लगे हैं। अवामी लीग के नेता की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस एक साथ नजर आए।

गुरुवार को बांग्लादेश के ढाका कैंटोनमेंट में सेनाकुंजा में आर्म्ड फोर्स डे का आयोजन किया गया। आर्मी के इस सालाना आयोजन में शेख हसीना की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा करीब 12 साल में पहली बार शामिल हुईं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया , जो कई बीमारियों से जूझ रही हैं, गुरुवार को छह साल में पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आईं। वह अपनी पुरानी विरोधी शेख हसीना के जाने के बाद नजरबंदी से रिहा हुईं हैं।

खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में उनके ठीक बगल वाली कुर्सी पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस मौजूद रहे। इस दौरान मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया मंच पर कुछ बातें भी करते नज़र आए। यही नहीं, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने खास तौर पर खालिदा जिया का जिक्र किया।

मुख्य सलाहकार नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पूर्व पीएम खालिदा जिया की जमकर तारीफ की। उन्होंने संबोधन में खालिदा का जिक्र करते हुए कहा, हम खास तौर पर भाग्यशाली और गौरवान्वित हैं कि तीन बार की पीएम, फ्रीडम फाइटर और शहीद प्रेसिडेंट जियाउर रहमान की बीवी बेगम खालिदा जिया हमारे बीच मौजूद हैं।

पहली बार साथ दिखे मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया, क्या शेख हसीना के दुश्मनों का हो रहा गठजोड़?

#khaleda_zia_meets_muhammad_yunus_in_dhaka 

शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश की सत्ता संभाली। इतने सालों के बाद अगस्त में तख्तापलट के बाद शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। जून के महीने से शुरू हुआ आरक्षण विरोधी आंदोलन अचानक हिंसक हो गया, आंदोलनकारियों ने शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की। 5 अगस्त को हिंसक भीड़ राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रही थी कि अचानक शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। हसीने के देश छोड़ने के बाद उनके दुश्मन अब एक जुट होने लगे हैं। अवामी लीग के नेता की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस एक साथ नजर आए।

गुरुवार को बांग्लादेश के ढाका कैंटोनमेंट में सेनाकुंजा में आर्म्ड फोर्स डे का आयोजन किया गया। आर्मी के इस सालाना आयोजन में शेख हसीना की सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी खालिदा करीब 12 साल में पहली बार शामिल हुईं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया , जो कई बीमारियों से जूझ रही हैं, गुरुवार को छह साल में पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आईं। वह अपनी पुरानी विरोधी शेख हसीना के जाने के बाद नजरबंदी से रिहा हुईं हैं।

खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में उनके ठीक बगल वाली कुर्सी पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस मौजूद रहे। इस दौरान मोहम्मद यूनुस और खालिदा जिया मंच पर कुछ बातें भी करते नज़र आए। यही नहीं, कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने खास तौर पर खालिदा जिया का जिक्र किया।

मुख्य सलाहकार नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पूर्व पीएम खालिदा जिया की जमकर तारीफ की। उन्होंने संबोधन में खालिदा का जिक्र करते हुए कहा, हम खास तौर पर भाग्यशाली और गौरवान्वित हैं कि तीन बार की पीएम, फ्रीडम फाइटर और शहीद प्रेसिडेंट जियाउर रहमान की बीवी बेगम खालिदा जिया हमारे बीच मौजूद हैं।

चुनाव से पहले 'आप' का बड़ा दांव, लॉन्च किया 'रेवड़ी पर चर्चा' कैंपेन

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन सियासी बिसात बिछने लगी है। खासकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी एक्शन मोड में नजर आ रही हैं। आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों की एक लिस्ट भी जारी कर दी है। अब आम आदमी पार्टी ने नयां दाव चला है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर 'रेवड़ी पर चर्चा' नामक चुनावी कैंपेन लांच किया।

अरविंद केजरीवाल लगातार बीजेपी को घेरने में भी जुटे हैं। इस कड़ी में उन्होंने ‘मुफ्त की रेवड़ियों’ को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है।पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी कई बार ये कह चुके हैं कि केजरीवाल मुफ्त की रेवड़ी दे रहे हैं, ये बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता हमें बताए कि ये मुफ्त की रेवड़ी चाहिए या नहीं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी की कहती है कि ये मुफ्त की सुविधाएं बंद होनी चाहिए। अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार आ गई तो ये मुफ्त की सुविधाएं बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की 20 राज्यों में सरकार है उसने ये मुफ्त सुविधाएं किसी भी राज्य में नहीं दी है तो दिल्ली में भी नहीं देगी।

बीजेपी शासित 20 राज्यों में मुफ्त रेवड़ी नहीं-केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा, जनता का पैसा, जनता की रेवड़ी.. तो उस पर हक भी जनता का ही है। जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तब रोजाना 8 से 10 घंटे बिजली कटती है। बीजेपी शासित 20 राज्यों में भी एक भी राज्य ऐसा नहीं है, जहां 24 घंटे बिजली आती है। केजरीवाल ने उन 6 योजनाओं के नाम भी बताए, जिनको खुद उन्होंने मुफ्त की रेवड़ियां कहा है।

कुल 65,000 बैठकें होंगी

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में चुनाव आ गए हैं। हम आज दिल्ली भर में एक नया अभियान शुरू कर रहे हैं। यह 'रेवड़ी पे चर्चा' है। हर गली, हर मोहल्ले और हर सोसायटी में कुल 65,000 बैठकें होंगी। पर्चे बांटे जाएंगे। इनके जरिए हमारे कार्यकर्ता लोगों के बीच जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि हमने दिल्ली में बहुत काम किया है। हमने दिल्ली के लोगों को छह मुफ्त 'रेवाड़ियां' दी हैं। हम दिल्ली के लोगों से पूछना चाहते हैं कि उन्हें ये 'रेवड़ियां' चाहिए या नहीं। 

केजरीवाल ने गिनाईं ‘6 रेवड़ियां’

1. ⁠चौबीस घंटे मुफ्त बिजली

2. मुफ्त पानी

3. अच्छी और शानदार मुफ्त शिक्षा

4. शानदार मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी अस्पताल

5. ⁠महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा

6. बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा

मणिपुर में कैसे थमेगी हिंसा? तैयार की जा रही महिला ब्रिगेड, दी जा रही हथियार चलाने की ट्रेनिंग

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मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है। कुछ दिनों पहले मैतेई समुदाय की महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई। हत्या और आगजनी की घटनाओं से मणिपुर उबल रहा है। इस हिंसा से पूरे राज्य में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इस बीच एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।मणिपुर में हिंसा फैलाने की साजिश रची जा रही है। मणिपुर में बकायदा हिंसा फैलाने के लिए महिला ब्रिगेड तैयार हुई है। कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की है। उनको हथियार की ट्रेनिंग दी जा रही है।

न्यूज18 इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में कांग्लीपाक नेशनल पार्टी (KNP), कुकी नेशनल फ्रंट (KNF) और यूनाइटेड पीपल पार्टी ऑफ़ कांग्लीपाक (UPPK) ने मणिपुर के कई इलाकों में हिंसा के लिए साजिश रची है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अपनी आतंकी गतिविधियाँ फंड करने के लिए बाहर से आने वाले कामगारों से वसूली करना चाहते हैं। यह संगठन नेपाल और बिहार से मणिपुर पहुँचने वाले व्यापारियों से ₹1-1.5 लाख/महीने का वसूलने की साजिश रच चुके हैं। इसके अलावा यह सुरक्षाबलों की गतिविधियों पर की जासूसी भी कर रहे हैं।

रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि मणिपुर में 15 से 20 साल की लड़कियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मणिपुर में चल रही लड़कियों की ट्रेनिंग पूरे 45 दिनों की है। ट्रेनिंग के हर बैच में 50-50 लड़कियां को शामिल किया गया है। ये ट्रेनिंग सेंटर रहत शिविर में मणिपुर के याइथिबी लौकोल,थाना खोंगजाम, जिला काकचिंग में खेले गए हैं। ये ट्रेनिंग सरकार द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में आयोजित किया जा रहा है।रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें सीधे संगठन में शामिल नहीं किया जाता है।

कुकी संगठनों ने यह सोच कर यह ट्रेनिंग दी थी कि यदि महिलाएँ सुरक्षाबलों पर हमला करेंगी तो वह वापस जवाब भी देने में हिचकिचाएँगे और बाद में विक्टिम कार्ड भी खेला जा सकेगा। दरअशल, इस तरह के हालात पहले बी पैदा हुए हैं। कई बार महिलाओं ने सुरक्षाबलों का रास्ता रोका है। 30 अप्रैल 2024 को भारतीय सेना अपने साथ वो हथियार और गोला बारूद लेकर जा रहे थे, जो उन्होंने बिष्णुपुर में कुछ वाहनों से जब्त किए थे। लेकिन, इस बीच रास्ते में महिलाओं का एक ग्रुप आया और काफिला रोककर 11 उपद्रवियों को रिहा कराया।