मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन और स्टाल्स का अवलोकन

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आज बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने चित्रकोट पहुंचने पर बस्तरिया अंदाज में स्वागत हुआ। उनके स्वागत में जनजातीय लोक नर्तक दलों ने आकर्षक प्रस्तुति दी। जनप्रतिनिधियों ने पारंपरिक गौर सिंग मुकुट पहनाकर उनका अभिनन्दन किया।

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्रकोट में बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक के आयोजन हेतु विशेष तैयारियां की गई थीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन एवं विभिन्न विभागीय स्टालों का अवलोकन किया। प्राधिकरण के बैठक स्थल पर संभाग के सात जिलों बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा और बीजापुर की विकास योजनाओं और उपलब्धियों को स्टॉल के जरिए साझा किया गया। इन स्टालों में विकास और नवाचार की विस्तृत झलक दिखी।

'बस्तर कॉफी' के सफर की दिखी झलक

बस्तर जिले के स्टाल में 'बस्तर कॉफी' की प्रक्रिया और उसके प्रसार को रोचक ढंग से दिखाया गया है। प्रदर्शनी में कॉफी उत्पादन, ताजा चेरी उत्पादन से लेकर कॉफी की धुलाई, भुनाई, पिसाई और पाउडर पैकेजिंग तक की पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया है। 'बस्तर कैफे' की पहल से स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया गया है। बस्तर कॉफी ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास भी जारी है।

कला और नवाचार का संगम

कोण्डागांव जिले ने स्टाल के माध्यम से अपनी पारंपरिक शिल्पकला और आधुनिक विकास परियोजनाओं को सामने रखा है। झिटकू मिटकी आर्टिसन प्रोड्यूसर ने बेल मेटल कला से अयोध्या के श्री राम मंदिर के स्थापत्य को प्रदर्शित किया। इस दौरान जिले में हो रहे पर्यटन विकास, रोजगार के अवसर बढ़ाने गारमेंट फैक्ट्री, एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने, 'मावा कोण्डानार' मोबाइल ऐप: पारदर्शी प्रशासन और नागरिक सुविधाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जानकारी दी गई।

शिक्षा और बाल विकास में नवाचार

दंतेवाड़ा जिले ने शिक्षा और बाल कल्याण के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को साझा किया। बाल मित्र कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल से बाहर और अप्रवेशी बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल शुरू की गई है । बाल मित्र पुस्तकालय एवं पंचायत के जरिए बच्चों को नेतृत्व और निर्णय लेने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास के लिए भी अहम साबित हो रहा है।

लघु वनोपज से बढ़ती आजीविका

कांकेर जिले में लघुवनोपज आधारित परियोजनाओं और उद्यानिकी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। फ्रेश सीताफल परियोजना स्थानीय किसानों सहित स्वसहायता समूह की दीदियों के लिए आय का प्रमुख स्रोत बनी है। पोषण और रोजगार, लघु धान के मछली पालन, कड़कनाथ मुर्गी पालन में रोजगार के नए अवसर और आजीविका संवर्धन की जानकारी दी गई है।

महिला सशक्तिकरण का उदाहरण

नारायणपुर जिले में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। स्वसहायता समूहों की दीदियों ने हर्बल गुलाल, मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ पालन और बटेर पालन जैसी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। इन गतिविधियों से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली है। पोषण आहार और एकीकृत कृषि, कृषि में नवीन तकनीकों के समावेश का प्रदर्शन किया गया है।

यातायात और आवासीय योजनाओं की प्रगति

सुकमा जिले के स्टाल में आधारभूत संरचना और ग्रामीण विकास पर जोर दिया गया है। हक्कुम मेल अंतर्गत यातायात सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में हो रहे कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना,आवासीय परियोजनाओं से सकारात्मक बदलाव, लखपति दीदी योजना मरईगुड़ा (वन) पंचायत, महिला स्वसहायता समूहों को आर्थिक सशक्तिकरण में हो रहे सकारात्मक परिणामों को प्रदर्शित किया गया।

'नियद नेल्ला नार' योजना के सकारात्मक परिणाम

बीजापुर जिले में प्रदेश सरकार द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में संचालित 'नियद नेल्ला नार' योजना के माध्यम से समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें ग्रामीणों के लिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए तकनीकी और स्थानीय संसाधनों का उपयोग, जिले के प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटन के माध्यम से दुनिया के पटल पर रखने के प्रयासों की जानकारी दी गई है।

विवादों में घिरा आईआईटी भिलाई का मिराज कार्यक्रम : स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी ने अश्लील स्पीच के साथ भगवान राम पर की अभद्र टिप्पणी

दुर्ग- आईआईटी भिलाई में आयोजित मिराज कार्यक्रम का विरोध शुरू हो चुका है. यह विरोध स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी के द्वारा IIT BHILAI के एनुअल फंक्शन में अश्लीलता परोसने पर किया जा रहा है. वहीं यश राठी ने भगवान राम पर भी अभद्र टिप्पणी किया. जिसका विरोध शुरू हो चुका है और आईआईटी की गरिमा पर भी सवाल उठ रहे हैं.

इस कार्यक्रम के दौरान यश ने अपने स्पीच में अश्लील गालियां दी, जिसे सुनकर वहां बैठे प्रोफेसर और उनके परिजनों को अपना कान बंद करना पड़ गया. जिसका वीडियो भी स्टूडेंट ने बनाया है. यह वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद अब हिंदू संगठनों ने आईआईटी प्रबंधन का विरोध शुरू कर दिया है. IIT BHILAI के डायरेक्टर राजीव प्रकाश का कहना है कि उन्होंने इस मामले में जांच के लिए कमेटी गठित की है. इस आयोजन में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने तीन सदस्यीय प्रोफेसर की जांच टीम को गठित किया है. जांच टीम ये पता लगाएगी कि कोसा ने यश राठी को सिलेक्ट करने से पहले क्या देखा. किस आधार पर उन्होंने उसे यहां गेस्ट के रूप में बुलाया. उसे अश्लील स्पीच देने के लिए पहले से रोका गया था या नहीं.

IIT Bhilai डायरेक्टर राजीव प्रकाश

IIT में हर साल स्टूडेंट आपस में कंट्रीब्यूशन कर मिराज के रूप में एनुअल फंक्शन आयोजित करते हैं. उसका आयोजन कोसा (काउंसिल ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर) नाम की स्टूडेंट्स कमेटी करती है. इसमें 7-8 बच्चों को शामिल किया जाता है. यही बच्चे पूरे आयोजन की तैयारी, फंडिंग, आयोजन की रूप रेखा और यहां तक की गेस्ट तक का सिलेक्शन करते हैं. यश राठी को बुलाए जाने पर अब इसी कमेटी के ऊपर सवाल उठ रहे हैं 9 नवंबर की रात मेराज में गाने, बैंड और कॉमेडी के लिए सेलिब्रिटी को बुलाया गया था. जिसमें स्टैंडअप कॉमेडियन और अश्लील स्पीच देने के लिए पॉपुलर और यू-ट्यूबर यश राठी को बुलाया गया था.

यश राठी ने कार्यक्रम की शुरुआत तो इंग्लिश स्पीच से की, लेकिन जैसे ही उन्होंने हिंदी में बोलना शुरू किया, अश्लील और गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया कि वो वहां बैठे गर्ल्स स्टूडेंट्स के परिजन और प्रोफेसर ने अपना कान बंद कर लिया. अश्लील बातें इतनी ज्यादा थी की कुछ लोग कार्यक्रम से उठकर चले गए. हालांकि, स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी पूरा समय नहीं बोल पाए और आयोजकों ने उन्हें बीच में ही रोक कर कार्यक्रम बंद करा दिया. इस आयोजन के बाद से IIT BHILAI के प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं. इस अश्लील स्पीच की वजह से उसकी गरिमा और संस्कार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके लिए जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी.

कांग्रेस नेता धनेंद्र साहू का आरोप, रबी सीजन में धान बोने पर कार्रवाई की धमकी दे रहे अफसर, आदेश का करेंगे विरोध, भाजपा नेता श्रीवास्तव बोले –
रायपुर-   कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने BJP सरकार पर रबी फसलों के लिए जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जिले के कलेक्टरों द्वारा आदेश जारी कर धान बोने वाले किसानों को हतोत्साहित किया जा रहा है. धान की जगह दलहन-तिलहन बोने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं धान बोने पर किसानों पर कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने मौखिक आदेश भी दिया गया है. इस आदेश का कांग्रेस विरोध करेगी. वहीं भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने इस आदेश पर कहा है कि किसानों पर कोई दबाव नहीं है.

दरअसल छत्तीसगढ़ में अक्टूबर से दिसंबर तक रबी फसलों की बोवाई होती है, जहां ज्यादातर किसान ठंड में भी धान की बोवाई करते हैं. बोवाई को लेकर तीन जिला कलेक्टरों द्वारा जारी किए गए आदेश पर अब सवाल उठने लगा है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने बताया कि सारे गांव से जानकारी मिल रही है कि कोटवारों द्वारा मुनादी कराकर धान की फसल नहीं लेने की धमकी दी जा रही. साथ ही धान बोने पर जुर्माना लगाकर कार्रवाई भी करने की चेतावनी दी जा रही है.

धनेंद्र साहू ने ये भी कहा आदेश लिखित में न देकर मौखिक आदेश अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है. धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जिले के कलेक्टरों द्वारा आदेश जारी कर धान की जगह दलहन-तिलहन की खेती करने किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, किसानों का अधिकार है कि खेत के अनुकूल फसल लगाए. किसान कोई अफ़ीम या गांजा नहीं उगा रहे, जिसे सरकार बैन कर रही है, लेकिन अब ऐसा फरमान सरकार ने जारी किया है, जिससे सरकार की नीति पर सवाल उठ रहा है. किसान विरोधी नीति भाजपा सरकार ने लाई है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू ने इस बात को भी उजागर किया कि रमन सरकार के वक़्त भी सरकार ने ऐसा आदेश जारी किया था, जिसे बाद में विरोध के कारण वापस ले लिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल इस किसान विरोधी आदेश को निरस्त करना चाहिए.

किसानों पर कोई दबाव नहीं : भाजपा

रबी सीजन में धान बुआई नहीं करने के आदेश पर भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा, मूलतः छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है. इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है कि धान हमारे लिए प्राथमिकता है. बदलते समय में किसानों को कौन सी फसल लगानी है और उसके लाभ के लिए विचार मंथन होता है, इसके लिए जरूरी नहीं कि इसमें कार्यवाही होगी. किसानों ऊपर कोई दबाव नहीं है. किसान यदि आज 100 रुपए कमा रहा है तो कल 200 कैसे कमाए, इसकी जानकारी देना सरकार की जिम्मेदारी है.

सौम्या चौरसिया, मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर को EOW ने कोर्ट में किया पेश

रायपुर- आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने आज तीन अहम मामलों में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है. ACB/EOW ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सौम्या चौरसिया, कस्टम मिलिंग मामले में पूर्व एमडी मनोज सोनी और कारोबारी रोशन चंद्राकर को कोर्ट में पेश किया गया है. वहीं आबकारी घोटाला मामले में तीन आरोपियों अनिल टुटेजा, सुनील दत्त और विकास अग्रवाल के खिलाफ पूरक चालान पेश किया है.

आय से अधिक संपत्ति मामला

आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया को आज EOW ने कोर्ट में पेश किया. सौम्या चौरसिया पहले से ही कोयला घोटाले मामले में जेल में बंद हैं. 10 दिन की पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें ACB/EOW की विशेष अदालत में पेश किया गया.

कस्टम मिलिंग मामला

कस्टम मिलिंग घोटाले में गिरफ्तार मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और कारोबारी रोशन चंद्राकर को भी EOW ने कोर्ट में पेश किया. इनकी 15 दिन की पुलिस रिमांड समाप्त हो गई थी. हालांकि, EOW ने उनकी और रिमांड की मांग नहीं की.

आबकारी घोटाला मामला

आबकारी घोटाले में EOW ने आज तीसरा पूरक चालान कोर्ट में पेश किया. यह चालान करीब 2,000 पन्नों का है, जिसमें तीन आरोपियों- अनिल टुटेजा, सुनील दत्त, और विकास अग्रवाल के खिलाफ दस्तावेज शामिल हैं. यह चालान ACB/EOW की विशेष अदालत में दाखिल किया गया.

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : अब CBI के शिकंजे में एपी त्रिपाठी, राज्य सरकार की मंजूरी के बाद जांच शुरू

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) करेगी. साय सरकार ने इस मामले में घिरे भारतीय दूर संचार सेवा (आईटीएस) के अफसर अरुण पति त्रिपाठी के खिलाफ सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है. बता दें कि त्रिपाठी भारतीय दूर संचार सेवा के अफसर हैं और छत्‍तीसगढ़ में प्रति‍नियुक्ति पर सेवाएं दे रहे थे. यहां आबकारी विभाग में विशेष सचिव रहने के दौरान उन पर बड़े पैमाने पर भ्रष्‍टाचार करने का आरोप है. त्रिपाठी के खिलाफ ईडी और एसीबी की जांच चल रही है. त्रिपाठी के खिलाफ झारखंड में भी शराब घोटाला का आरोप लगा है. वे अभी जगदलपुर जेल में बंद है.

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है. ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है. दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ED ने अपनी जांच में पाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था. ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच एसीबी कर रही है. जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी, जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है

आदिवासी विकास प्राधिकरण बैठक का विरोध कर रहे कांग्रेसी गिरफ्तार, थाने में किए गए नजरबंद

जगदलपुर-   छत्तीसगढ़ के जगदलपुर स्थित चित्रकोट में आज बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक जारी है. इस दौरान बैठक का विरोध कर रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह सभी कांग्रेस भवन से निकल कर चित्रकोट की तरफ आ रहे थे. इसी बीच अनुपमा चौक के पास पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार हुए कांग्रेसियों में जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य, पूर्व विधायक रेखचंद जैन के साथ कई पार्षद और कार्यकर्ता शामिल हैं. इन सभी को पुलिस ने बोधघाट थाने में नजर बंद कर दिया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक है. जिसमें साय सरकार बस्तर में शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाने विकास कार्यों को लेकर चर्चा कर रही है. इसके लिए सीएम साय स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं.

श्रमिक नेता और व्यवसायी के ठिकानों पर सीबीआई का छापा, जांच जारी

कोरबा-  छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से सीबीआई का छापा पड़ा है. CBI की टीम ने कोरबा जिले में श्रमिक नेता और व्यवसायी के घर और दफ्तर पर दबिश दी है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया.

सीबीआई की टीम ने हरदी बाजार निवासी श्यामू (खुशाल) जायसवाल, जो कि इंटक के जिलाध्यक्ष हैं, उनके घर पर छापा मारा. जानकारी के अनुसार, सीबीआई की टीम दो वाहनों में उनके घर पहुंची. वहीं दीपका में व्यवसायी राजेश जायसवाल, जो कटघोरा रोड के निवासी हैं. उनके घर और दफ्तर पर भी सीबीआई ने छापा मारा.

दोनों स्थानों पर सीबीआई की जांच जारी है. वहीं दोनों के घरों और दफ्तरों के बाहर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं. सीबीआई टीम दोनों के घरों और दफ्तरों की संपत्ति की जांच कर रही है और लोगों से पूछताछ भी की जा रही है.

छठी कार्यक्रम में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प, कई घायल

रायपुर-  राजधानी के देवारपारा में रविवार रात छठी कार्यक्रम के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में कई महिला, पुरुष और बुजुर्ग घायल हो गए. घटना का कारण पुरानी रंजिश और गवाही देने को लेकर हुए विवाद को बताया जा रहा है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है. यह मामला तेलीबांधा थाना क्षेत्र का है.

मिली जानकारी के अनुसार, यह विवाद एक युवक की हत्या के मामले में गवाही देने को लेकर शुरू हुआ. हत्या के आरोप में जेल गए आरोपियों के परिजनों ने मृतक के परिजनों पर पत्थर, लाठी-डंडों से हमला कर दिया. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई.

घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें झड़प के दौरान घायल महिला, पुरुष और बच्चे नजर आ रहे हैं. वहीं घर में ईंटें और पत्थर भी नजर आ रहे हैं. बलवा की सूचना मिलते ही तेलीबांधा पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया. पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है.

तेलीबांधा थाना प्रभारी विनय सिंह बघेल ने बताया की पुराने विवाद को लेकर दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति थी. इसी बीच कल फिर दो पक्षों में मारपीट हुआ है. मारपीट विवाद के दौरान दोनों पक्षों के लोगों को चोट आई है. सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. पूरे मामले पर जांच जारी है.

अनियंत्रित कार ने बिजली के खंभे को मारी टक्कर

रायपुर-   राजधानी रायपुर में तेज रफ्तार का कहर लगातार जारी है। देर रात के बाद से सुबह के समय तक, सत्ती बाजार इलाके में एक खतरनाक हादसा हुआ। तेज रफ्तार में आ रही स्विफ्ट डिजायर कार ने बिजली के खंभे में टक्कर मार दी, जिससे क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई। इस टक्कर का असर सड़क के पास स्थित एक स्टेशनरी दुकान पर भी पड़ा, और दुकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।

हादसे के वक्त स्थानीय लोग जो मॉर्निंग वॉक पर थे, उन्होंने किसी तरह से अपनी जान बचाई। गनीमत यह रही कि इस दुर्घटना में किसी को गंभीर चोट नहीं आई। कार का चालक हादसे के बाद मौके से फरार हो गया, जबकि कार के पास पुलिस का तख्ती भी लगी हुई थी।

घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है, और अब चालक की तलाश में जुट गई है। कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई इस घटना ने इलाके में डर का माहौल बना दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की जांच करेंगे और दोषी चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

छत्तीसगढ़: मक्का खरीदी में नेफेड की एंट्री से चमका बाजार, कारोबारी अब किसानों को एमएसपी दर से ऊपर दे रहे कीमत
गरियाबंद-      पहली बार मक्का उत्पादक किसानों को निजी कारोबारी शुरुआती दौर से एमएसपी दर 2225 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा कीमत का भुगतान कर रहे हैं. इसकी वजह नेफेड की एंट्री है. पहली बार प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मक्का की खरीदी करने जा रही है. नेफेड के राज्य नोडल अफसर संजय सिंह ने बताया कि एमएसपी दर पर पैक्स के माध्यम से खरीदी करना था, लेकिन धान की खरीदी में सरकार इस उपक्रम को लगाई हुई है. ऐसे में अब एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) से खरीदी की जा रही है. गरियाबंद जिले में देवभोग, अमलीपदर, मैनपुर ने खरीदी की शुरुआत किया है. अब तक 12 टन मक्का की खरीदी किया जा चुका है. खरीदी समृद्धि पोर्टल के माध्यम से होता है, केंद्र से पैसे का सीधा भुगतान इसी पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत विक्रेता किसान को किया जाता है.

कारोबारियों का तय सेटअप, इसलिए खरीदी बनी चुनौती

एफपीओ हीरामा के मैनेजिंग डायरेक्टर संतोष पांडेय बताते हैं कि लंबे समय से मक्के के कारोबार में स्थानीय कारोबारियों का अपना तय सेटअप जमाया हुआ है. ऐसे में पहली बार में किसानों के बीच सरकारी खरीदी को लेकर विश्वास जमाना किसी चुनौती से कम नहीं है. पिछले दो माह से लगातार इस जिले के फील्ड में मक्का की मिस्ट्री समझने में लगे संतोष पांडेय बताते है कि किसान मक्का की बोनी के समय से ही खाद बीज के लिए स्थानीय कारोबारियों से संपर्क कर उनसे मदद लेते हैं फिर विक्रय का करार कर लेते हैं. विक्रय की घर पहुंच सेवा, क्वालिटी कंट्रोल से मुक्त बिक्री,और सीधे केस भुगतान जैसे सहूलियत के कारण निजी कारोबारी की ओर रुझान बना हुआ है.

वाजीब दाम मिलना शुरू हुआ किसानो को

संजय ने दावा किया कि उपज से पहले करार के कारण कई बार कृषकों को बेहद कम कीमत मिलता था. लेकिन इस साल नेफेड के चलते शुरू से ही किसानों को एमएसपी से ज्यादा दर मिल रहा है. हमरा उद्देश्य कृषकों को उनके उपज का वास्तविक कीमत दिलाना है, खरीदी का लक्ष्य भले पूरा न हो पर वास्तविक कीमत दिलाने का हमने लक्ष्य हासिल कर लिया है.

मक्का से एथेनॉल बना रहे

भारत सरकार ने साल भर पहले ही मक्का से एथेनॉल बना कर विदेश निर्भरता कम करने का लक्ष्य बनाया हुआ है. इससे पहले तक पशुदाना, कॉर्न के अलावा विदेशों तक मक्का की सप्लाई थी. क्षेत्र का मक्का आंध्र पोर्ट के सहारे बंगला देश,म्यांमार, मलेशिया जैसे उन्नत देशों में जा रहा था. पर इस बार निजी कारोबारी भी उपज को ओडिसा और आंध्र के एथेनॉल कंपनी को मक्का बेच रहे है. नेफेड भी खरीदी के बाद करार किए गए कंपनी को मक्का बेच किसानों को अन्ना दाता से ऊर्जा दाता बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है.

मांग बढ़ी तो कीमत ऊंची खुली

इस बार मक्का का कीमत शुरू से हाई रहा है. 6 माह पहले तक इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 3300 रुपए प्रति क्विंटल थी, उत्पादन बढ़ा तो अब पोर्ट डीलवरी 2500 रुपये प्रति क्विंटल है. लिहाजा निजी कारोबारी इस बार 2300 रुपये प्रति क्विंटल दर देकर किसान से मक्का की खरीदी कर रह रहे. अन्य सालों में स्थानीय कीमत महज 1700 से खुलकर अधिकतम 2 हजार तक होती थी.

धान में बोनस के बाद घटा रकबा

जिले में अधिकतम 22 से 25 हजार हेक्टेयर में मक्का का फसल लिया जाता था, पिछले तीन साल में रकबा घट कर 15 हजार हेक्टेयर पहुंच गया था. सरकार धान में 3100 देने के कारण किसानों का रुझान धान की ओर बढ़ा हुआ है.