मणिपुर हिंसा के कारण अमित शाह की महाराष्ट्र की रैलियां रद्द

महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की सभी रैलियां रद्द हो गई हैं. केंद्रीय गृह मंत्री नागपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. दरअसल, शाह आज महाराष्ट्र में चार जनसभाओं को संबोधित करने वाले थे लेकिन अचानक से ये खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, मणिपुर हिंसा की वजह से उनका यह चुनावी दौरा रद्द हो गया. शाह लगातार मणिपुर के हालात पर नजर रखें हैं और उच्चाधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं.

अमित शाह गढ़चिरौली, वर्धा, काटोल और सांवेर में चुनावी जनसभा करने वाले थे. शाह की जगह अब स्मृति ईरानी इन जगहों पर चुनावी जनसभा करेंगी. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान है. 288 सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी. कल चुनाव प्रचार थम जाएगा. ऐसे में आज शाह ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार करने वाले थे लेकिन मणिपुर हिंसा के कारण अचानक उनकी सभी रैलियां रद्द हो गईं.

DG CRPF मणिपुर रवाना

मणिपुर में हालात को देखते हुए डीजी सीआरपीएफ मणिपुर रवाना हो गए हैं. वो वहां जाकर कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. राज्य में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए नए सिरे से टीम बनाई जा रही है. मणिपुर के कुछ इलाकों में जहां पर कर्फ्यू में ढील दी गई थी, वहां दोबारा कर्फ्यू लगाया गया है. राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बिश्नुपुर इंफाल जीरिबीम इलाकों में दोबारा कर्फ्यू लगाया गया.

केंद्र सरकार लगातार एक्टिव

मणिपुर में कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार लगातार नजर बनाए हुए हैं. डीजी सीआरपीएफ के मणिपुर दौरे के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों का दल भी जल्द ही राज्य का दौरा करेगा. शनिवार को केंद्र सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को कायम करने के लिए एक अहम आदेश दिया था कि जो लोग हिंसक गतिविधियों में शामिल हैं और उपद्रवकारी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?

मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है. स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई है. गुस्साई भीड़ ने इंफाल में मंत्रियों और विधायकों के घर में आग लगा दी. उनके वाहनों को आग के हवाले कर दिया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. पूरे इलाकों में जवानों की तैनाती की गई. जिरी नदी से तीन शव मिलने के बाद लोगों में गुस्सा फूट गया. इसी को लेकर नाराज लोगों ने मंत्री के घर का रुख किया लेकिन जब उन्हें पता चला कि मंत्री जी राज्य में नहीं है. इसके बाद नाराज लोगों ने घर में तोड़ फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया.

हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर, अब तक 23 की गिरफ्तारी, 7 जिलों में इंटरनेट बंद

मणिपुर एक बार फिर जल रहा है. राजधानी इंफाल में भड़की हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दी गई है. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए सात जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. गुस्साई भीड़ ने तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घर में आग लगा दी. कार और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार करने की मांग की.

मणिपुर पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गुस्साई भीड़ ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों समेत जन प्रतिनिधियों के घरों और संपत्तियों को निशाना बनाया है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का सहारा लिया. इम्फाल में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सेना और असम राइफल्स के जवानों की तैनाती की गई है. फ्लैग मार्च निकाला गया. भीड़ को तितर-बितर करने के क्रम में आठ लोग घायल हुए हैं.

अब तक 23 की गिरफ्तारी, 7 जिलों में इंटरनेट बंद

घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना में शामिल 23 लोगों को अरेस्ट किया गया है. इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों से इन लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनके पास से 32 पिस्टल, एसबीबीएल के 07 राउंड, 8 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. अगले आदेश तक शहर में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है. इंटरनेट और मोबाइल सर्विस को 2 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है. कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए एसएसपी/सीओ को जमीन पर तैनात किया गया है. वरिष्ठ अधिकारी 24 घंटे स्थिति पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं.

आखिरी मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा?

जिरी नदी से तीन शव मिलने के बाद लोगों में गुस्सा फूट गया. इसी को लेकर नाराज लोगों ने मंत्री के घर का रुख किया लेकिन जब उन्हें पता चला कि मंत्री जी राज्य में नहीं है. इसके बाद नाराज लोगों ने घर में तोड़ फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया. हिंसा के विरोध में लोगों ने इंफाल में प्रदर्शन किया गया और आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार करने की मांग की. हालात को देखते हुए इंफाल में इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. सात जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया.

उत्तर प्रदेश का दिल दहला देने वाला मामला: पत्नी से झगड़े के बाद पति ने 1 महीने की मासूम बच्ची को नदी में फेंका,हुआ गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में एक पति ने पत्नी से झगड़ा होने के बाद अपनी 1 महीने की मासूम बच्ची को नदी में फेंक दिया. पत्नी फोन पर रोती-चीखती रही और बच्ची को न मारने की मिन्नतें करती रही इसके बाद भी हैवान बने पिता ने मासूम की जान ले ली. तीन दिन तक इंतजार करने के बाद जब उसका पति उसकी बच्ची को लेकर घर नहीं लौटा तो महिला ने पुलिस से शिकायत कर दी. पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल जांच की जा रही है.

जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला जिले के जहांगीरगंज थाना क्षेत्र के माडरमऊ गांव का है, जहां के रहने वाले जीशान नाम के शख्स से मगनपुर महिमापुर की रहने वाली संगम ने परिजनों के खिलाफ जाकर लव मैरिज कर ली थी. उस वक्त जीशान ड्राइवर का काम करता था. हालांकि बाद में उसकी नौकरी चली गई जिसके बाद वह आलापुर तहसील के रामनगर में जाकर किराए से रहने लगा. उसके साथ संगम भी रह रही थी.

आए दिन होता था झगड़ा

संगम ने पुलिस को बताया कि 12 नवंबर जीशान अपनी पत्नी और बच्ची को घुमाने के लिए आजमगढ़ के भैरव बाबा मंदिर ले गया था. लौटकर जब वह वापस आए तो उनके बीच किसी बात पर झगड़ा हो गया. जीशान आए दिन दूसरी शादी करने की बात करता था. संगम ने पुलिस को बताया कि जब से उसके यहां बेटी हुई थी जीशान उससे लगातार झगड़ा कर रहा था. 12 नवंबर को भी वह 1 महीने की मासूम बच्ची को अपने साथ उठा कर ले गया. उसने बिड़हर घाट पर पहुंचा और वहां से उसने संगम को कॉल किया.

संगम ने कॉल उठाया तो जीशान ने कहा कि वह बच्ची को मार डालेगा, अगर वो जिंदा रही तो उसकी दूसरी शादी नहीं होगी. इस बात को सुनकर संगम फोन पर रोती चीखती रही. उस वक्त सो जीशान ने बच्ची को कुछ नहीं किया और अपने साथ लेकर एक रिश्तेदार के यहां चला गया. उसके अगले दिन 13 नवंबर को सुबह जीशान ने बच्ची को सरयू नदी में फेंक दिया जहां उसकी मौत हो गई.

पुलिस की पूछताछ में बताया सच

जब जीशान तीन दिन तक घर नहीं लौटा तो संगम ने पुलिस फोन कर पूरी बात बताई. इस दौरान जीशान संगम से कहता रहा कि सब ठीक हो जाएगा और बच्ची भी जिंदा है और उसी के पास है. लेकिन जब संगम की शिकायत पर पुलिस ने जीशान को गिरफ्तार किया और सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि बच्ची को उसने सरयू नदी में फेंक दिया है. हालांकि गोताखोरों को अभी तक बच्ची की लाश नहीं मिल पाई है. फिलहाल आरोपी को जेल भेज दिया गया है.

महाराष्ट्र चुनाव: गोविंदा ने किया महायुति के लिए प्रचार, तबीयत बिगड़ने पर मुंबई लौटे

अभिनेता गोविंदा शनिवार को जलगांव जिले में विधानसभा चुनाव के लिए महायुति के लिए प्रचार करने आये थे. पचोरा में उनका भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद जब रोड शो चल रहा था तो कुछ देर बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी. जैसे ही उनके सीने में दर्द होने लगा और गोविंदा के पैर में भी दर्द होने लगा. इसके बाद उन्होंने अपना रोड शोड बीच में ही छोड़ दिया और मुंबई के लिए रवाना हो गए.

बता दें कि पूर्व सांसद रह चुके गोविंद ने कुछ दिन पहले एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना में शामिल हुए थे और महाराष्ट्र चुनाव में वह शिवसेना के उम्मीदवारों के समर्थन में सभा कर रहे हैं.

वहीं इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा होना चाहिए और महायुति उम्मीदवार किशोर पाटिल को भारी मतों से जिताना चाहिए. मैं किशोर पाटिल को शुभकामनाएं देता हूं.

महायुति के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं गोविंदा

उन्होंने कहा कि किशोर पाटिल के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं. वे देश की प्रगति के साथ हैं. प्रार्थना करें कि किशोर पाटिल जीतें. मैं यहां से जा रहा हूं क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मैं यहां के लोगों से माफी मांगता हूं.

उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है. मेरी तबीयत ठीक नहीं है. मुझे सीने में भी दर्द हो रहा है. चूंकि मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता, इसलिए मैं अब यह दौरा बीच में ही छोड़कर वापस मुंबई जा रहा हूं.

गोविंदा ने कहा: चुनाव में जीतेगी महायुति

उन्होंने कहा कि किशोर पाटिल के जीतने के बाद मैं इस स्थान पर वापस आऊंगा, निश्चित रूप से महायुति जीतेगी. महाराष्ट्र के सभी सितारे देश को आगे बढ़ाने के लिए आगे आये हैं. मुझे महाराष्ट्र की धरती से आशीर्वाद मिला है.

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और एकनाथ शिंदे के कारण पूरी दुनिया महाराष्ट्र की ओर देखने लगी, निश्चित रूप से राज्य प्रगति कर रहा है. मैंने भी उस शिव सेना को अपनी सेवा दी है. मैं शिव सेना से जुड़ा हूं. अभिनेता गोविंदा ने कहा कि अब मैं एकनाथ शिंदे के साथ काम कर रहा हूं.

बता दें कि 4 दिनों के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव है और दो दिन के बाद चुनाव प्रचार थम जाएगा. इस कारण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सबी राजनीतिक पार्टियां जीतोड़ से चुनाव प्रचार कर रही है और अपनी पूरी ताकत चुनाव में झोंक रही है.

यूपी के हापुड़ में सूटकेस में मिला युवती का शव, पुलिस ने शुरू की जांच

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एनएच 9 के पास एक युवती का शव सूटकेस में मिला है. शनिवार की सुबह स्थानीय लोगों ने सूटकेश को देखकर पुलिस को सूचना दी. वहीं सूटकेश में शव मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. फिलहाल पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस के मुताबिक अभी तक शव की पहचान नहीं हो सकी है. आशंका है कि युवती की हत्या के बाद शव को यहां ठिकाने लगाया गया है. शव को हाईवे से खाई में घसीटने के निशान भी मिले हैं. इससे जाहिर होता है कि शव को किसी गाड़ी में इस स्थान पर लाया गया था और गाड़ी से शव को घसीटकर 20 फुट नीचे खाई में डाला गया.

पुलिस के मुताबिक शव का पंचनामा कराया गया है. इसमें युवती के सिर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं. उसके गले पर भी निशान मिले हैं. ऐसी संभावना है कि युवती की मौत गला घोंटने की वजह से हुई है. सूटकेस में युवती के कपड़े रखे हैं. इससे लग रहा है कि युवती अपने घर से भाग कर आरोपियों के पास आई होगी, जहां उनका झगड़ा हुआ होगा और इसी दौरान आरोपियों ने उससे गला छुड़ाने के लिए उसका गला घोंट दिया होगा. मामला एनएच नौ पर बाईपास का है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अभी तक इस सूटकेस कांड के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है.

डॉग स्क्वायड के साथ फोरेंसिक टीम जांच में जुटी

सूटकेस में शव मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. सीओ जितेंद्र शर्मा, थाना प्रभारी मुनीष प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. इतने में हापुड़ के एडिशनल एसपी विनीत भटनागर भी फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की हर एंगल से जांच शुरू कराई. काफी प्रयास के बाद घटना के तार जुड़ते नजर नहीं आए तो पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. एडिशनल एसपी विनीत भटनागर के मुताबिक इस शव से संबंधित सूचना हापुड़ के सभी थानों में भेजने के साथ ही आसपास के जिलों की पुलिस को भी दी गई है.

अपने ही सूटकेस में बंद हुई युवती की लाश

घटना स्थल की जांच करने के बाद पुलिस ने बताया कि सूटकेस में शव को बंदकर किसी कार में रखा गया था. इस कार को बाइपास पर रोका गया और यहां से शव को घसीटते हुए 20 फुट नीचे तक ले जाया गया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह सूटकेस खुद लड़की का हो सकता है. संभवत: वह इस सूटकेस में अपने कपड़े लेकर आरोपी के पास आई होगी. इस युवती की लंबई 5 फीट है, लेकिन उसके पैरों को मोड़ कर इस सूटकेस में डाला गया है. फिलहाल पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस की जांच के लिए अलग अलग टीमों का गठन किया है.

मणिपुर में उग्रवादी हमले के बाद तनाव, 6 जिलों में इंटरनेट सस्पेंड

मणिपुर में एक बार फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. बोरोबेक्रा में उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी के बाद राहत शिविर से 6 लोगों की किडनैपिंग के बाद इंफाल पूर्व में लमलाई गांव और चालौ गांव कि महिलाएं सड़क पर उतर आई और प्रदर्शन करने लगी. तनाव को देखते हुए मणिपुर की सरकार ने छह जिलों में इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया है. किडनैपिंग की घटना के बीच मणिपुर-असम सीमा पर जिरी नदी और बराक नदी के संगम के पास तीन शव बरामद किए गए हैं.

अधिकारियों को संदेह है कि बरामद हुए ये तीन शव जिरीबाम जिले से लापता हुए छह लोगों में से ही हैं. हालांकि, पुलिस शव की पहचान करने में जुटी हुई है और यह पता लगा रही है कि बरामद शव लापता लोगों के ही है या फिर किसी और के हाम. इंफाल घाटी स्थित नागरिक सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि उग्रवादियों ने बोरोबेक्रा पुलिस थाने पर उनके हमले को सुरक्षा बलों द्वारा विफल किए जाने के बाद, पीछे हटते समय 6 लोगों का अपहरण कर लिया था जिनका अब शव बरामद हुआ है.

गुरुवार को इंफाल और जिरीबाम में हुआ था विरोध प्रदर्शन

लापता लोगों की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर गुरुवार को इंफाल और जिरीबाम में लोगों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. प्रदर्शनकारियों ने जिरीबाम के विधायक समेत स्थानीय राजनेताओं की आलोचना भी की थी और उन पर लापता लोगों की तलाश के लिए पहले नहीं करने का आरोप लगाया.

एंटी सोशल एलिमेंट पर लगाम लगाने इंटरनेट सस्पेंड

इस बीच, तीन शव बरामद होने की खबर इंफाल घाटी में फैलने पर सभी पांच जिलों में तनाव बढ़ गया और राज्य प्राधिकारियों ने शनिवार को विद्यालयों तथा कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी थी. अब राज्य सरकार ने छह जिलों में इंटरनेट सस्पेंड कर दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि शांति बनाए रखने और कुछ एंटी सोशल एलिमेंट पर लगाम लगाने के लिए 6 जिलों में इंटरनेट को सस्पेंड किया जाता है.

गृहमंत्रालय ने जरूरी कदम उठाने का दिया निर्देश

दूसरी ओर मणिपुर की स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि राज्य में सभी सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. बयान में यह भी कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा परिदृश्य नाजुक बना हुआ है. संघर्ष में दोनों समुदायों के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त रहे हैं, जिससे लोगों की जान चली गई और लोक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न हुई.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर और बैग का किया गया चेकिंग

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने वाले नेताओं के बैग चेकिंग का सिलसिला अभी भी चल रहा है. चुनाव आयोग के अधिकारियों की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हेलीकॉप्टर की चेकिंग के एक दिन बाद अब अमरावती में राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर और बैग की चेकिंग की गई. वहीं, रायगढ़ में एनसीपी शरद चंद गुट मुखिया शरद पवार का बैग चेक किया गया.

अमरावती के धामनगांव रेलवे के हेलीपैड पर जैसे ही राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर उतरा वैसे ही चुनाव आयोग के अधिकारी वहां पहुंच गए. इसके बाद अधिकारियों ने हेलीकॉप्टर के साथ-साथ राहुल के बैग को चेक किया. चेकिंग करने के बाद अधिकारी वापस लौट गए. वहीं, राहुल जनसभा के लिए रवाना हो गए. अमरावती जिले में महाविकास अघाड़ी के 8 उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे और वोट मांगेंगे.

‘संविधान पर आक्रमण करने वालों को करारा जवाब देगी जनता’

अमरावती में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से ही हमें सिर उठाकर सम्मान के साथ जीने की शक्ति मिलती है. महाराष्ट्र की जनता संविधान पर आक्रमण करने वालों को करारा जवाब देगी. उन्होंने कहा कि देश में नफरत इसलिए फैल रही है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने रोजगार का सिस्टम खत्म कर दिया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि आज किसी भी राज्य में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है क्योंकि देश के अरबपति चीन से माल लाकर यहां बेचते हैं. नोटबंदी और जीएसटी की वजह से फैक्ट्रियां बंद हो गईं. छोटे बिजनेस खत्म हो गए जिनसे लोगों को रोजगार मिलता था.

राहुल बोले- बीजेपी के लोग बंद कमरे में संविधान की हत्या करते हैं

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी के लोग बंद कमरों में संविधान की हत्या करते हैं. जब महाराष्ट्र की सरकार को चोरी करने की मीटिंग शाह और बीजेपी के लोग बैठ थे तब क्या वो संविधान की रक्षा कर रहे थे. आज पूरा महाराष्ट्र जानता है कि वो सरकार धारावी के कारण चोरी की गई क्योंकि धारावी की जमीन मित्र को देना चाहते थे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसे मैंने अभी कहा कि शायद पीएम मोदी का मेमोरी लॉस हो गया है, लेकिन मीडिया कहेगी कि उनकी मेमोरी बहुत जबरदस्त है. मीडिया बताएगी कि पीएम मोदी कोई भी बात सुन लेते हैं तो 70 साल तक नहीं भूलते. फिर ये भी बताएंगे कि जब वो छोटे थे, तो वो झील में मगरमच्छ से लड़े थे.

यूपी के झांसी में मेडिकल कॉलेज में भीषण आग में 10 बच्चों की मौत पर राहुल-प्रियंका ने जताया दुख

यूपी के झांसी में मेडिकल कॉलेज में दर्दनाक हादसा हुआ. मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में शुक्रवार देर रात भीषण आग लग गई. इस हादसे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी दुख जताया है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे में कई नवजात बच्चों की मृत्यु और घायल होने की खबर से बेहद दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.

मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शुक्रवार रात साढ़े 10 बजे यह हादसा हुआ. चिल्ड्रन वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. इसके बाद ऑक्सीजन सिलिंडर ब्लास्ट कर गया. इस दर्दनाक हादसे में 10 बच्चों की मौत हुई और 16 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

राहुल गांधी ने हादसे को लेकर उठाए सवाल

राहुल गांधी ने आगे सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हो रही इस तरह की दुखद घटनाएं सरकार और प्रशासन की लापरवाही को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती हैं. सरकार सुनिश्चित करें कि घायल बच्चों का बेहतर से बेहतर इलाज हो. साथ ही इस दुखद घटना की तुरंत जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो.

प्रियंका गांधी ने दर्दनाक हादसे पर जताया दुख

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस हादसे पर दुख जताया. उन्होंने कहा, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से दहला देने वाली खबर आई है, जहां नवजात शिशुओं के वॉर्ड में आग लग जाने की वजह से दस बच्चों की मौत हो गई है. शोक और सांत्वना के शब्द इस महाविपत्ति के समय व्यर्थ हैं. हम लोग इस मुश्किल परिस्थिति में परिजनों और अभिभावकों के साथ खड़े हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 

पुलिस-प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची हैं. मेडिकल कॉलेज में इस समय दर्द की एक तस्वीर सामने आ रही है. जहां एक रात पहले माता-पिता और परिवार बच्चों के जन्म की खुशी मना रहे थे, हर तरफ मिठाई बांट रहे थे. अब वहीं, परिवार गम में डूबे हैं और हर मां की नम आंखें अपने लाल को गोद में लेना चाहती हैं. इस हादसे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं.

बिहार: लोग इन्हें कहते हैं ‘ गॉड ऑफ बर्ड्स"… इन्होंने बचाई सैकड़ों पक्षियों की जान

पक्षियों की चहचहाहट भला किसे पसंद नहीं होती है. जब वह आपस में चहचहाते हैं, तो आसपास का इलाका गुलजार हो जाता है, लेकिन इन बेजुबानों को भी परेशानी होती है. इनकी भी तबीयत खराब होती है. इन्हें भी सर्दी और गर्मी लगती है. बरसात में यह भी परेशान होते हैं. इनके ऊपर भी वातावरण का असर होता है. लेकिन इस भागदौड़ की दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या उंगली पर गिनी जा सकती है, जो इन पक्षियों का ख्याल रखते हैं. पटना में एनआइटी क्लब इन परिंदों का ख्याल रखता है. लोग इन्हें गॉड ऑफ वर्ड्स भी कहते हैं.

इस क्लब का नाम साइंस एंड एनवायरनमेंटल क्लब है. इस क्लब के इंचार्ज एनआइटी पटना के फैकल्टी प्रोफेसर अनुराग सहाय हैं. प्रोफेसर सहाय बताते हैं, इस क्लब को शुरू करने का उद्देश्य समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी करना है.इस क्लब के मेंबर विक्रम पाटिल बताते है कि हमारा फोकस मुख्य रूप से गौरैया को बचाने को लेकर होता है. क्योंकि गौरैया तेजी से लुप्त होने वाली पक्षियों की श्रेणी में है.

विलुप्त हो रही गौरैया

पहले भारी संख्या में गौरैया दिखाई देती थी, लेकिन अब गौरैया बहुत ही कम दिखाई देती है. हालांकि, इसके अलावा हम लोग हैरॉन, गिद्ध, तोता को बचाने की पहल करते हैं. गर्मी में जब यह सारे पशु पक्षी परेशान रहते हैं, तो क्लब के मेंबर उनका रेस्क्यू करते हैं. विक्रम बताते हैं, गौरैया को संरक्षित करने के लिए क्लब के तरफ से कई जगहों पर घोंसले लगाए गए हैं. समय-समय पर क्लब की ओर से विशेष मीटिंग बुलाई जाती है, जिसमें क्लब के सभी मेंबरों को रेस्क्यू से संबंधित विषय की जानकारी दी जाती है.

दिखाई जाती है डॉक्यूमेंट्री

इसके अलावा हम लोग क्लब के मेंबर के साथ मिलकर के डॉक्यूमेंट्री भी दिखाते हैं. विक्रम कहते हैं, गर्मी के मौसम में हमारे संस्थान के आसपास और संस्थान के अंदर कई पक्षी डिहाइड्रेशन की वजह से बेहोश होकर के गिर गए थे. हमारे क्लब के मेंबर उन पक्षियों को लेकर के चले आते थे. हमारी उन पक्षियों को बचाने की पहल रहती है. सबसे बड़ी बात यह है कि अगर किसी पक्षी को रेस्क्यू किया जाता है, तो इनमें कई चीजों का ख्याल रखना पड़ता है. जैसे हम किसी भी पक्षी को सीधे हाथ से नहीं पकड़ सकते हैं.

वन विभाग को देते है सूचना

अब तक 35 से भी ज्यादा बड़े पक्षियों को हम लोगों ने रेस्क्यू किया है. छोटे पक्षियों की संख्या उससे कहीं ज्यादा है. इनमें हैरॉन, ब्लैक काइट्स, ईगल, पैरेट, पिजन शामिल है. हालांकि, विक्रम यह भी बताते हैं कि रेस्क्यू करने के बाद हम लोग वन विभाग को इसकी सूचना देते हैं. उसके बाद वन विभाग की टीम आकर इन पक्षियों को लेकर के चली जाती है. हमारी पूरी कोशिश यह होती है कि हम जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी पक्षियों को रेस्क्यू करके उन्हें तात्कालिक लाभ पहुंचा सके.

संस्थान में लगाये गये हैं घोंसले

इस क्लब की तरफ से पक्षियों के लिए घोंसले भी लगाए जाते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के पटना कैंपस में ही इस क्लब की ओर से पूरे कैंपस में बड़ी संख्या में घोसले लगाए गए हैं. उद्देश्य केवल यही होता है कि इन पक्षियों को रहने के लिए एक सुरक्षित ठिकाना मिल सके. इस क्लब के सदस्य न केवल इन घोसले को लगाते हैं बल्कि उसके रखरखाव पर भी विशेष ध्यान रखते हैं. पक्षियों को रहने में किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाता है.

2022 में शुरुआत

इस ग्रुप के सदस्य और एनआइटी पटना के स्टूडेंट बताते हैं कि साल 2022 में इस ग्रुप की शुरुआत की गई थी. वह बताते हैं कि एनआइटी पटना में एक क्लब बनाया गया था. चूंकि नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, पटना में विभिन्न कार्यों को करने के लिए क्लब भी हैं, जिसमें स्टूडेंट और फैकल्टी भी शामिल होते हैं. साथ ही साथ अगर बाहर के लोग भी इसके सदस्य बनना चाहे, तो उस ग्रुप में शामिल हो सकते हैं.

लिया जाता है इंट्रोडक्शन

यह क्लब सामाजिक हित को लेकर के काम करता है. इस क्लब में शामिल सदस्य बीटेक के छात्र हैं. जिन्होंनें वालंटियर के रूप में इसे ज्वाइन किया हुआ है. हालांकि, इस क्लब में शामिल होने के पहले एक इंट्रोडक्शन भी लिया जाता है, जिसमें एक इंटरव्यू लिया जाता है. उसमें सफल होने के बाद क्लब में एंट्री मिलती है. विक्रम बताते हैं कि इस क्लब में जो सीनियर सदस्य होते हैं, उनका क्लास खत्म हो जाता है और वह पास आउट हो जाते हैं, तो वह क्लब को छोड़ देते हैं.

हर साल बनते है 100 सदस्य

उसके बाद नए सद्सयों को क्लब में मौका मिलता है. हालांकि, कई पुराने सदस्य अभी भी इस क्लब से जुड़े हुए हैं. साल में करीब 100 लोग इस क्लब को ज्वाइन करते हैं. यानी एक वक्त में इस क्लब में कम से कम 100 लोग रहते हैं. विक्रम कहते हैं, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के छात्र होने के कारण हम हमारे ऊपर कुछ नियम भी लागू करते हैं. हम लोग ज्यादातर अपने संस्थान के आसपास के इलाकों में जाकर के पक्षियों को रेस्क्यू करने के साथ उनको बचाने की पहल करते हैं.

अन्य सामाजिक कार्यों में भी रूचि

क्लब के प्रोफेसर इंचार्ज अनुराग सहायक बताते हैं कि इस क्लब ने न केवल पक्षियों को बचाने की पहल की है. बल्कि वह पर्यावरण को लेकर भी अपने दायित्व को निभा रहा है. इस कैंपस के अलावा अन्य दूसरी जगहों पर 500 से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा बिहटा में एनआईटी पटना का जो नया कैंपस बनाकर तैयार हुआ है, वहां पर भी इस क्लब के मार्फत बड़ी संख्या में पेड़ लगाए गए हैं.

*रेलवे स्टेशनों पर रील बनाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन

देशभर में रेलवे स्टेशनों और ट्रेन के आसपास खड़े होकर रील बनाने वालों के खिलाफ अब सख्त एक्शन लिया जाएगा. रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के अधिकारियों से कहा कि यदि रील बनाने वाले सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए खतरा पैदा करते हैं या कोच और रेलवे परिसर में यात्रियों को असुविधा पहुंचाते हैं तो उनके खिलाफ केस दर्ज करें.

रेलवे बोर्ड की ओर से यह आदेश उन मामलों के बाद आया है जिनमें लोगों ने अपने मोबाइल फोन से रेल की पटरियों और चलती ट्रेन में स्टंट के वीडियो बनाकर रेल सुरक्षा के साथ समझौता किया था. हाल फिलहाल में सोशल मीडिया पर भी इस तरह के वीडियो खूब शेयर किए जाते हैं.

रील बनाने की सारी हदें पार

पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि लोगों ने रील बनाने की सारी हदें पार कर दी हैं. वे न केवल अपनी जान को जोखिम में डालते हैं, बल्कि रेल की पटरियों पर वस्तुएं रखकर या वाहन चलाकर चलती ट्रेन में जानलेवा स्टंट करके सैकड़ों रेल यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं.

सेल्फी लेने के चक्कर में नजदीक चले जाते थे

अधिकारी ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो में देखा गया है कि लोग सेल्फी लेते समय ट्रेन के काफी करीब आकर ट्रैक के नजदीक चले गए, यह समझे बिना कि एक ट्रेन कम समय में कितनी लंबी दूरी तय कर सकती है और इस कारण ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे.

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) को मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए रील बनाने वाले लोगों के खिलाफ कोई ढील न बरतने की नीति अपनाने के लिए कहा गया है.