छत्तीसगढ़ पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन नीति पर द्वितीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशाला, नवा रायपुर में 18 नवंबर को होगा आयोजन
रायपुर-   राज्य में पारिस्थितिकी बहाली के लिए एक ठोस नीति तैयार करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला 18 नवंबर 2024 को टीसीएच अरण्य भवन, नवा रायपुर में आयोजित होगी, जिसमें राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों, विषय विशेषज्ञों, शैक्षिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी।

बता दें कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पारिस्थितिकी बहाली के प्रमुख क्षेत्रों और रणनीतियों की पहचान करना है, ताकि राज्य में पारिस्थितिकी तंत्र की व्यवस्थित और वैज्ञानिक बहाली सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, कृषि भूमि, आर्द्रभूमि और गांवों की आम भूमि की पारिस्थितिकी बहाली के लक्ष्यों पर भी आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा।

यह मुख्य अतिथि होंगे शामिल

कार्यशाला में प्रयागराज में ICFRE के इको रिहैबिलिटेशन सेंटर वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. संजय सिंह, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ के एमजीएनआरईजीएस राज्य कार्यालय में अधीक्षण अभियंता विनय गुप्ता, छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के उप निदेशक सतीश अवस्थी और सेवानिवृत्त आईएफएस, पूर्व पीसीसीएफ डॉ. आर. के. सिंह बतौर स्पीकार शामिल होंगे।

गौरतलब है कि कार्यशाला में भाग लेने वाले विशेषज्ञ और हितधारक राज्य की पारिस्थितिकी बहाली नीति को अंतिम रूप देने में विभाग की मदद करेंगे और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। यह पहल राज्य में पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और समग्र पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

देखें कार्यशाला का शेड्यूल –

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने साल 2025 का जारी किया कैलेंडर, साल की 26 छुट्टियों के अलावा 26 दिनों का ग्रीष्मावकाश तो 10 दिनों का रहेगा शीतकालीन अवकाश…
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने साल 2025 का कैलेंडर जारी कर दिया है. इसमें देश-प्रदेश में मनाए जाने वाले तीज-त्योहारों के लिए 26 दिनों की छुट्टियों के अलावा 26 दिनों का ग्रीष्मकालीन और 10 दिनों का शीतकालीन अवकाश शामिल है. इसके अलावा रविवार और महीने के दूसरे और तीसरे शनिवार को उच्च न्यायालय और रजिस्ट्री बंद रहेंगे. 

2025 कैलेंडर के अनुसार, ग्रीष्मावकाश के कारण छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट 12 मई 2025 से 6 जून 2025 तक बंद रहेगा, लेकिन इस दौरान रजिस्ट्री खुली रहेगी. इसी तरह शीतकालीन अवकाश के कारण हाई कोर्ट 22 दिसंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक बंद रहेगा, लेकिन रजिस्ट्री शीतकालीन अवकाश के दौरान 22 से 24 दिसंबर 2025 तक खुली रहेगी और 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेगी.

मिलाद-उन-नबी, ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा और मुहर्रम के कारण घोषित अवकाश चंद्रमा की दृश्यता के आधार पर परिवर्तन के अधीन हैं. यदि राज्य सरकार टीवी/आकाशवाणी/समाचार पत्र के माध्यम से इन तिथियों में कोई परिवर्तन घोषित करती है, तो उसका पालन किया जाएगा और उस दिन भी माननीय मुख्य न्यायाधीश की स्वीकृति से अवकाश के रूप में मनाया जाएगा.

इसके अलावा उच्च न्यायालय स्थापना के अधिकारी एवं कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025 के लिए निर्धारित वैकल्पिक अवकाशों की सूची में से वर्ष में तीन वैकल्पिक अवकाश लेने के हकदार होंगे. हाई कोर्ट राज्य सरकार द्वारा अचानक निर्धारित अवकाश को स्थायी समिति के अनुमोदन से मनाएगा.

मध्यम वर्ग को संपत्ति रजिस्ट्री में बड़ी राहत: अब गाइड लाइन मूल्य पर ही लगेगा रजिस्ट्री शुल्क, वास्तविक मूल्य पर मिल सकेगा बैंक लोन

रायपुर-   छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति खरीदने वाले मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत दी है। अब किसी भी प्रापर्टी की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर से सौदे की रकम अधिक होने पर भी रजिस्ट्री शुल्क गाइड लाइन दर के अनुसार ही लिया जाएगा। इससे बैंक लोन पर निर्भर मध्यम वर्गीय परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर ऋण मिल सकेगा।

उल्लखेनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले से विशेषकर उन नागरिकों को लाभ होगा, जो बैंक ऋण के माध्यम से संपत्ति खरीदते हैं। पूर्व में संपत्ति की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर और सौदे की राशि में जो भी अधिक होता था, उस पर रजिस्ट्री शुल्क देना आवश्यक था। उदाहरण के लिए यदि किसी संपत्ति का गाइड लाइन मूल्य 6 लाख रुपये है और उसका सौदा 10 लाख में हुआ, तो रजिस्ट्री शुल्क 10 लाख पर 4 प्रतिशत के हिसाब से 40 हजार रुपये देना पड़ता था।

इस नियम में संशोधन के बाद संपत्ति खरीदने वाले अब सौदे की रकम गाइड लाइन दर से अधिक होने पर भी वास्तविक मूल्य को अंकित कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। 6 लाख रुपये की गाइड लाइन मूल्य वाली प्रॉपर्टी का सौदा 10 लाख में होता है, तो भी रजिस्ट्री शुल्क 6 लाख के 4 प्रतिशत के हिसाब से 24 हजार रुपये देय होगा। इस तरह 16 हजार रुपये की बचत होगी।

खास बात यह है कि इस संशोधन से मध्यम वर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। इसके अलावा इस निर्णय संपत्ति बाजार में पारदर्शिता व स्पष्टता को बढ़ाने में भी सहायक होगा और वास्तविक मूल्य दर्शाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।

रायपुर जिले के 24 केंद्रों में बनाए जाएंगे आयुष्मान कार्ड, जानिए कहां-कहां मिलेगी सुविधा
रायपुर-  जिले के प्रत्येक नागरिकों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मिथिलेश चौधरी ने शहरी क्षेत्रों के सुपरवाइजरों की बैठक में निर्देश दिए हैं. बैठक में आयुष्मान कार्ड बनाने में आने वाली कठिनाई सुधार और माइक्रोप्लान के साथ ज्यादा से ज्यादा कार्ड बनाए जाने की बात कही गई. साथ ही प्रत्येक यूपीएचसी, ओपीडी में कार्ड बनाने के निर्देश दिए गए. साथ ही स्कूलों में भी जिन बच्चों का कार्ड अभी तक नहीं बन पाया है उनका भी बनाने के निर्देश दिए गए. सीएमएचओ चौधरी ने बताया कि आयुष्मान कार्ड मोबाइल ऐप से नहीं बनने पर लिंक से बनाया जाए. ऑपरेटर आईडी नहीं होने पर बेनिफिशरी आईडी से भी बनाया जा सकता है.

इन जगहों पर बनाए जाएंगे आयुष्मान कार्ड

1. डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल (मेकाहारा)

2. जिला चिकित्सालय पंडरी

3. मातृ एवं शिशु चिकित्सालय कालीबाड़ी

4. शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुढ़ियारी

5. शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आयुर्वेदिक अस्पताल

6. शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोखोपारा

7. शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरगांव

8. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोवा

9. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाभांडी

10. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंगोराभाटा

11. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भाटागांव

12. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कचना

13. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोगांव

14. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हीरापुर

15. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काशीराम नगर

16. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भनपुरी

17. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मठपुरेना

18. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवपुरी

19. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजातालाब

20. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बोरियाकला

21. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर

22. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आमाशिवनी

23. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डी.डी. यू. नगर

24. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरला

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिलयारी को मिला NQAS सर्टिफिकेशन

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर लगातार बेहतर प्रयासों का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में राजधानी रायपुर के सिलियारी स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय स्तर के मानक का उच्चतम अंक प्राप्त हुआ है. जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक और उपलब्धि प्राप्त हुई है, जो स्वास्थ्य की दिशा में सुधार को दर्शाता है. सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है. इसी कड़ी में रायपुर जिला कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देशन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश चौधरी और जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष मेजर वार के मार्गदर्शन में आयुष्मान आरोग्य मंदिर सह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिलयारी में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक टीम ने 25 और 26 अक्टूबर 2024 को भ्रमण जांच किया था. टीम में डॉक्टर भानु कुमार धरावत, डॉक्टर प्रबल कुमार पवार ने 88.15% राष्ट्रीय स्तर मानक सिलयारी पीएचसी को सर्टिफिकेट प्रदान किया. खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विकास तिवारी, बीपीएम जुबेदा खान पीएचसी सिलियारी के प्रभारी डॉक्टर सोनम नायक ने सभी स्टाफ को बधाई दी एवं सीएमएचओ, डीपीएम व जिले के NQAS टीम को मार्गदर्शन व सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर दी बधाई एवं शुभकामनाएं

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवंबर के अवसर पर मीडिया जगत से जुड़े सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। श्री साय ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे लोकतंत्र की विशेषता और आधारशिला है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि निष्पक्ष प्रेस और निर्भीक पत्रकारिता स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। मीडिया नागरिकों को उनके अधिकार और दायित्व के प्रति सचेत कर देशहित व लोकहित के प्रति जागरूक करता है। भारतीय प्रेस दिवस भारत जैसे जीवंत लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस के महत्व और योगदान को याद करने का दिन है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम सभी लोग साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि मीडिया हमारे लोकतंत्र में अपनी भूमिका का सम्यक निर्वहन करते हुए देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके।

जशपुर के मुंडारी नर्तक दल के कलाकारों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

रायपुर-  राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस में अपनी कला का प्रदर्शन करने आए जशपुर जिले के मुंडारी नृत्य दल के कलाकारों ने आज रात यहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि राजधानी के मुख्य समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन करके उनके दल के सदस्य काफी उत्साहित हैं। उन्होंने इस आयोजन के माध्यम से मिले अवसर के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री ने इन कलाकारों से इनके गांव का हालचाल भी पूछा, जिसके जवाब में दल के सदस्यों ने बताया कि वे लोग बादलखोल अभ्यारण्य के बगीचा विकासखंड की ग्राम पंचायत बछरांव के निवासी हैं। यहां मुड़ा, नगेशिया, पहाड़ी कोरवा और उरांव जनजाति के परिवार निवासरत हैं। यह क्षेत्र हाथी प्रभावित है। तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में इन लोगों ने सात स्ट्रीट लाइट की मांग मुख्यमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने उन्हें स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए आश्वस्त किया।

लोक कलाकारों के इस दल में प्रतिभा मुंडा, मीना मुंडा, शांता, विष्णु बरला, रामदयाल, सुनीता, अनुराधा, अमिता बरला, विष्णु मांझी और विश्वनाथ प्रधान आदि शामिल थे।

उच्च शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल, कई कॉलेजों के बदले प्राचार्य, देखें लिस्ट…

रायपुर-   साय सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल किया है. प्राचार्यों की पदोन्नति, ट्रांसफर और संशोधन सूची जारी की गई है. जारी आदेश के मुताबिक, शासकीय जे. योगानंदम् छत्तीसगढ़ काॅलेज के प्राचार्य अमिताभ बेनर्जी को शासकीय नागार्जुन स्नाकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय में पदस्थ किया है. प्रवीण पाण्डेय को नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी बिलासपुर से शासकीय ई. राघवेन्द्र राव स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय बिलासपुर में पदस्थ किया गया है. वहीं तीन प्राध्यापकों को प्राचार्य के पद पर पदस्थ करते हुए नवीन पदस्थापना दी गई है.

आदेश में डाॅ तपेश चंद गुप्ता को जे योगानंदम छत्तीसगढ़ काॅलेज से शासकीय जे योगानंदम छत्तीसगढ़ काॅलेज में पदस्थ किया है. रूबी मल्होत्रा को बिलासा कन्या स्नाकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर से नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी बिलासपुर भेजा गया है. अभया रा. जोगलेकर को शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर से शासकीय माॅडल स्नातक महाविद्यालय अटारी रायपुर में पदस्थ किया गया है.

पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ BJP विधायक रिकेश सेन ने थाने में दर्ज कराई शिकायत,सोशल मीडिया में अनर्गल पोस्ट कर सरकार को बदनाम करने का लगाया आरोप

दुर्ग-  जिले की वैशाली नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक रिकेश सेन ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। रिकेश सेन ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल लगातार अनर्गल ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी और प्रदेश की साय सरकार को बदनाम कर रहे हैं।

विधायक सेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने हाल ही में अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट में यह टिप्पणी की थी कि “छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार में स्कूल बंद और स्कॉच शुरू है।” इस बयान को लेकर रिकेश सेन ने पूछा कि ‘कौन सा स्कूल बंद हुआ है’, उन्होंने कहा कि यह पूर्व सीएम का यह आरोप पूरी तरह से आधारहीन और भ्रामक है। बता दें कि विधायक सेन ने सुपेला थाना प्रभारी राजेश मिश्रा को शिकायत पत्र सौंपा और दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला के नाम भी शिकायत दी है। उन्होंने आगे कहा कि यदि भूपेश बघेल द्वारा किए गए इन ट्वीट्स का सही जवाब नहीं मिलता है, तो वह इसका जवाब मांगने उनके घर भी जाएंगे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पाटन विधायक भूपेश बघेल सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ की साय सरकार की नीतियों और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर लगातार पोस्ट करते रहते है। हाल ही में उन्होंने डिप्टी सीएम अरुण साव और विधायक अजय चंद्राकर का वीडियो साझा कर छत्तीसगढ़ में शराब बंदी को लेकर तंज कस्ते हुए पोस्ट किया था, जिसके कैप्शन में उन्होंने #स्कूल_बंद स्कॉच_शुरू लिखा है।

अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का हुआ समापन, विभिन्न राज्यों के जनजातीय नर्तक दलों ने शानदार प्रस्तुति से समा बांधा

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में विभिन्न राज्यों के लोक नर्तक दलों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों में उत्साह भर दिया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, उत्तराखंड समेत छत्तीसगढ़ के जनजातीय एवं लोक कलाकारों ने प्रस्तुति दी।

त्रिपुरा से आए ब्रू रियांग जनजाति समुदाय के नर्तक दल ने परंपरागत लोकनृत्य होजागिरी की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस नृत्य में ब्रू रियांग जनजाति समुदाय की युवतियों ने सिर के ऊपर बोतल को संभालते हुए अद्भुत सामंजस्य के साथ प्रस्तुति दी। नृत्य के दौरान नर्तकों के कलात्मक प्रदर्शन को भी दर्शकों की खूब सराहना मिली।

इसके पूर्व हिमाचल प्रदेश के लोक कलाकारों ने मनमोहक कायांग नृत्य की प्रस्तुति दी, जो हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नृत्यों में से एक है। इस नृत्य में नर्तक दल एक दूसरे की भुजाओं को बुनकर माला जैसा पैटर्न बनाया, धीर-धीरे कदमताल करते हुए प्रतीकात्मक रूप से माला की मोती जैसे बिखरते हुए फिर जुड़ते हुए पारंपरिक कपड़े पहने और गहनों से सुसज्जित नृत्य प्रस्तुत किया।

इसके बाद मेघालय के गारो नृत्य की प्रस्तुति हुई। गारो समुदाय के लोग इस नृत्य में फसल कटाई के बाद देवता मिसी सालजोंग की आराधना कर उन्हें धन, धान्य के लिए अपनी आस्था और निष्ठा व्यक्त करते हैं। इस नृत्य में लोक वाद्य के प्रयोग से उत्पन्न ध्वनि ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

इसी क्रम में मिजोरम के मिजो और चरमा जनजाति समुदाय ने युद्ध कौशल, शौर्य, पराक्रम और युद्ध विजय के प्रतीक नृत्य मिजो प्रस्तुत किया। इस नृत्य के जरिए समुदाय ने वीर गाथा का जीवंत प्रदर्शन किया जिसमें यह बताया गया कि युद्ध के दौरान किस तरह समुदाय के वीर योद्धा ने गांव की रक्षा, जिसके बाद ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक उनका सम्मान किया। इसी तरह उत्तराखंड के जनजाति समुदाय ने हारुल नृत्य का प्रस्तुत किया जोकि हाटी जनजाति का पारंपरिक नृत्य और लोकगीत की एक खास शैली है। हारुल नृत्य जौनसार-बावर और चकराता क्षेत्र में किया जाता है। हारुल नृत्य में वीर पांडवों के साहस और वीरता, देवी-देवताओं की कहानियां, देवभूमि के इतिहास और जनजाति की संस्कृति से जुड़ी घटनाओं को बड़े ही रोचक ढंग से पेश किया गया। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से आए लोक कलाकारों ने भी छत्तीसगढ़ के प्रचलित लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी।

उल्लेखनीय है कि महोत्सव के पहले दिन सिक्किम लिंबू जनजाति समुदाय द्वारा चाकोस तांगनाम नृत्य, गुजरात के लोक नर्तक दल ने सिद्धि गोमा नृत्य, अरुणाचल प्रदेश के कलाकारों ने गेह पदम ए ना न्यी, मध्यप्रदेश डिंडोरी के गोंड जनजाति ने सैला रीना, जम्मू कश्मीर से गुज्जर समुदाय ने गोजरी लोक नृत्य, छत्तीसगढ़ के माड़िया जनजाति ने गौर माड़िया नृत्य, उत्तराखंड के जनजातीय समुदाय द्वारा दिया बाती नृत्य, तेलंगाना के द्वारा मथुरी नृत्य, उत्तर प्रदेश के द्वारा कर्मा नृत्य, कर्नाटक के द्वारा सुगाली नृत्य, आंध्र प्रदेश के द्वारा ढीमसा नृत्य, दमन दीव द्वारा तारपा नृत्य तथा राजस्थान के जनजातीय कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई थी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के जनजातीय कलाकारों द्वारा अलग-अलग तीज त्यौहारों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई ।

रायपुर में ग्रामीण आवास पर 2 दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

रायपुर-    भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से रायपुर में दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 13 और 14 नवंबर को आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण आवास के प्रभावी कार्यान्वयन और विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय को सुदृढ़ करना था।

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के ग्रामीण आवास के उप महानिदेशक गया प्रसाद, ग्रामीण आवास निदेशक शक्तिकांत सिंह, एकीकृत वित्त प्रभाग (आईएफ़डी) के निदेशक शैलेश कुमार, संयुक्त निदेशक आशीष शिंदे और आईटी के संयुक्त निदेशक अजय मोरे शामिल थे। उपस्थित अधिकारियों ने ग्रामीण आवास परियोजनाओं में नवाचार और सहयोग को बढ़ाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की।

इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस बहु-राज्यीय सहभागिता ने देशभर में ग्रामीण आवास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्यों के बीच ज्ञान-विनिमय और सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।

13 नवंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कार्यशाला का शुभारंभ हुआ, जहां विशेषज्ञों और अधिकारियों ने ग्रामीण आवास में सर्वोत्तम प्रक्रियाओं, समन्वय मॉडलों और तकनीकी समाधानों पर गहन विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना रजत बंसल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।