झारखंड में दूसरे चरण के होने वाले मतदान में 38 सीटों पर 528 उम्मीदवारों के किस्मत पर जनता लेगी फैसला

,* *कुछ सीटों पर एनडीए-इंडी का सीधा मुकाबला तो कुछ पर जयराम महतो बिगाड़ेंगे खेल* झारखंड डेस्क झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान हुआ. अब दूसरे चरण में 38 विधानसभा सीटों पर मतदान 20 नवंबर को होगा. 38 सीटों पर इस बक्त 528 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनकी चुनाव के बाद किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी. दूसरे चरण में संथाल परगना की सीटों पर कई नेताओं को अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा. हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना के सामने अपने गढ़ को बचाए रखने की चुनौती होगी. 20 नवंबर को होने वाले मतदान में संथाल परगना की सीटों पर अग्निपरीक्षा है. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के सामने अपने मजबूत गढ़ को बचाए रखने की चुनौती है तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का भी असल इम्तिहान है. झारखंड के फाइनल और अंतिम चरण की चुनाव में 38 सीटों पर 528 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें 472 पुरुष और 55 महिलाओं के अलावा एक थर्ड जेंडर भी है. 257 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं. 2019 में इन सीटों पर 583 प्रत्याशी उतरे थे, इस तरह 2024 चुनाव की तुलना में उम्मीदवार जरूर कम है लेकिन मुकाबला पहले से ज्यादा टफ है. खिजरी और टुंडी सीट पर सबसे ज्यादा 20-20 उम्मीदवार मैदान में हैं. किस सीट पर कितने प्रत्याशी सीट प्रत्याशी राजमहल 14 बोरियो 15 बरहेट 09 लिट्टीपाड़ा 09 पाकुड़ 16 महेशपुर 15 शिकारीपाड़ा 11 नाला 13 जामताड़ा 18 दुमका 17 जामा 17 जरमुंडी 13 मधुपुर 13 सारठ 15 देवघर 17 पोड़ैयाहाट 7 गोड्डा 13 महगामा 10 रामगढ़ 18 मांडू 17 धनवार 24 बगोदर 13 जमुआ 08. गांडेय 15 गिरिडीह 14 डुमरी 12 बेरमो 12 बोकारो 14 चंदनक्यारी 08 सिंदरी 09 निरसा 09 धनबाद 18 झरिया 11 टुंडी 20 बाघमारा 13 सिल्ली 15 खिजरी 20 किस दल के कितने उम्मीदवार? दूसरे चरण की जिन 38 सीटों पर चुनाव है, उसमें से 33 सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जबकि 5 सीट पर उसकी सहयोगी आजसू ने अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं. वहीं, दूसरे चरण में जेएमएम के 20 उम्मीदवार मैदान में हैं और उसके सहयोगी कांग्रेस 13 सीट पर चुनाव लड़ रही. इसके अलावा आरजेडी ने दो सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं तो सीपीआई माले ने 3 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. अगर हम मौजुदा हालात का विश्लेषण करें तो जनता के के मूड से जाहिर होता है कि झारखंड चुनाव के दूसरे चरण में 17 सीट पर बीजेपी और जेएमएम के बीच सीधा मुकाबला है तो 11 सीट पर कांग्रेस बनाम बीजेपी की लड़ाई है. तीन सीट पर आजसू बनाम जेएमएम की लड़ाई है तो तीन सीट पर माले की लड़ाई बीजेपी से है. आरजेडी को दोनों ही सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी से मुकाबला करना पड़ रहा है. ऐसे में कई सीट पर त्रिकाणीय लड़ाई भी है किस दल का क्या दांव पर लगा? विधानसभा चुनाव के जिन 38 सीट पर दूसरे चरण में चुनाव है, उनको 2019 के चुनावी नतीजे के लिहाज से देखें तो जेएमएम 13 सीटें जीतने में सफल रही थी. कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थीं. बीजेपी का 12 सीटों पर कब्जा है तो दो सीटों पर आजसू ने जीत दर्ज की थी. पांच सीटें अन्य और निर्दलीय ने जीती थी, जिसमें बाबूलाल मरांडी भी शामिल थे, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. जेएमएम और कांग्रेस ने 21 सीटों पर कब्जा जमाया था जबकि बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा था. इस लिहाज से हेमंत सोरेन को अपने सियासी गढ़ बचाए रखने की चिंता है तो बीजेपी में आए बाबूलाल मरांडी की भी असल परीक्षा इसी चरण में होनी है. संथाल परगना सोरेन का गढ़ झारखंड में संथाल परगना जेएमएम का गढ़ माना जाता है. राज्य की 81 में से संथाल परगना में 18 विधानसभा सीटें आती हैं. 18 सीटों वाला यह परगना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दुर्ग कहा जाता है. सीएम हेमंत सोरेन जिस बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वह भी संथाल परगना में ही है. झारखंड की सत्ता निर्धारित करने में यह परगना अहम भूमिका निभाता है और यह भी एक वजह है कि हर दल का फोकस संथाल जीतने पर रहता है. शिबू सोरेन का गृह क्षेत्र होने के कारण संथाल की सीटें नाक का सवाल बन गई हैं. संथाल जनजाति का बड़ा हिस्सा संथाल परगना में रहता है और यहां के सियासी मिजाज का संदेश धनबाद-गिरीडीह के इलाके में रहने वाले लोग प्रभावित करता है. हेमंत सोरेन खुद भी संथाल जनजाति से ही हैं. बीजेपी की रणनीति संथाल में आदिवासी अस्मिता के दांव को सोरेन परिवार की ही सीता सोरेन और सिद्धो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के जरिये काउंटर करने की है. संथाल परगना में बदलती डेमोग्राफी और बांग्लादेश के नागरिकों के घुसपैठ को भी बीजेपी मुखरता से उठा रही है और इसे अपने संकल्प पत्र में भी जगह दी है. दूसरे चरण में तीन विधानसभा सीटों डुमरी, बेरमो और सिल्ली विधानसभा सीट में जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) प्रत्याशियों का जोर दिखेगा. डुमरी और बेरमो में जेएलकेएम प्रमुख जयराम महतो खुद चुनाव मैदान में हैं जबकि सिल्ली में देवेंद्रनाथ महतो चुनाव मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भी इन सीटों पर जयराम महतो और देवेंद्रनाथ महतो की पार्टी ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी.
महगामा की रैली में बोले राहुल, पीएम मोदी अरबपतियों की कठपुतली हैं


झारखंड डेस्क 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर भारत के गरीबों की कीमत पर अरबपतियों के हितों की पूर्ति करने का आरोप लगाया. 

झारखंड के गोड्डा जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया कि विपक्ष संविधान की रक्षा के लिए लड़ रहा है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उसे कूड़ेदान में डालने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि राहुल गांधी ‘लाल किताब’ दिखा रहा है. मोदी जी, इस किताब का रंग जरूरी नहीं है. इसमें जो लिखा है, वह जरूरी है. अगर आपने इसे पढ़ा होता तो आप लोगों में नफरत नहीं फैलाते, सबको एक दूसरे से नहीं लड़ाते.

उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने विचारधारा की लड़ाई है. कांग्रेस पार्टी के लोग और गठबंधन संविधान को बचाने का काम कर रहे हैं. वहीं भाजपा-आरएसएस, आंबेडकर जी के संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे कूड़ेदान में डालने की कोशिश कर रहे हैं। वे हिंसा फैला रहे हैं और जाति, पंथ और धर्म के आधार पर समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.

पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा के नाम का सिक्का और डाक टिकट जारी किया, जानें बिहार के जमुई में आदिवासी समाज के योगदान को लेकर क्या बोले प्रधानमंत्री

राहुल ने कहा कि वह मोदी या उनके ‘56 इंच के सीने’ से नहीं डरते. उन्होंने कहा, ‘‘वह (मोदी) अरबपतियों की कठपुतली हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वह लोगों को ‘मन की बात’ सुनाएंगे और ‘पाठ सिखाएंगे’ और रात में उद्योगपतियों की शादियों का आनंद लेंगे.

गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत सरकार को जमीन हड़पने के लिए गिराया गया था.उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी मुंबई के धारावी में एक लाख करोड़ रुपये कीमत की जमीन एक उद्योगपति को सौंपने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की आवश्यकता की वकालत करते हुए, कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह भारत का चेहरा बदल देगी.

उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से विभिन्न संस्थानों में आदिवासियों, दलितों और ओबीसी की स्थिति का पता चलेगा. उन्होंने कहा, ‘जातिगत जनगणना तो होनी ही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को खत्म कर देंगे, प्रधानमंत्री मोदी जो चाहें वह कर सकते हैं.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री मोदी गरीबों के सम्मान की बात करते हैं, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करते.उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा, ‘‘आपके द्वारा चुने गए एक आदिवासी मुख्यमंत्री को झारखंड में सलाखों के पीछे डाल दिया गया.

विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में डिस्पैच के दिन अनुपस्थित रहने वाले पीठासीन पदाधिकारियों/मतदान कर्मियों को शो-कॉज जारी

झारखंड डेस्क 

रांची। विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में डिस्पैच के दिन बिना अनुमति अनुपस्थित रहने वाले पीठासीन पदाधिकारियों/मतदान कर्मियों को शो-कॉज जारी किया गया है। 12 नवंबर को सीसीएल सहित 113 संस्‍थानों के 273 पीठासीन पदाधिकारियों/मतदान कर्मियों की बिना अनुमति अनुपस्थिति को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लि‍या। स्‍पष्‍टीकरण समर्पित करने का आदेश जारी किया गया है।

मांगा गया है स्पष्टीकरण

पोलिंग पार्टियों के डिस्पैच के दिन अनुपस्थित रहने वाले पीठासीन पदाधिकारी व मतदान कर्मियों द्वारा स्वीकार्य योग्य स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने की स्थिति में इनके विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। अपने कर्तव्य से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहनेवाले पीठासीन पदाधिकारियों/मतदान कर्मियों को 15 नवंबर, 2024 के पूर्वाह्न 11 बजे तक स्पष्टीकरण समर्पित करने का आदेश दिया गया है।

कर्मियों को दिया शो-कॉज

विधानसभा आम निर्वाचन, 2024 के निर्वाचन कार्य सम्पन्न कराये जाने के लिए केन्द्र सरकार/राज्य सरकार के कार्यालय/प्रतिष्ठान/निकाय/शैक्षणिक संस्थान में सेवारत पदाधिकारी/कर्मचारी की नियुक्ति पीठासीन/मतदान पदाधिकारी के रूप में दायित्व निर्वहन के लिए की गयी थी। निर्गत नियुक्ति पत्र पर सभी पीठासीन पदाधिकारियों/मतदान कर्मियों को स्पष्ट आदेश दिया गया था कि वे 12 नवंबर, 2024 को पूर्वाह्न 6 बजे अपना योगदान बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम, मोरहाबादी में आवंटित विधानसभा में देना सुनिश्चित करेंगे। हालांकि 113 संस्थानों के 273 पीठासीन पदाधिकारियों/मतदान कर्मियों ने अपना योगदान नहीं दिया, जिन्हें शो-कॉज जारी किया गया है।

प्रथम चरण के मतदान से झामुमो खुश,सत्ता में बने रहने की उम्मीद बढ़ी,झामुमो ऐसा क्यों सोचती है पढ़िये पूरी खबर......!

झा.डेस्क

 झारखंड में पहले चरण के मतदान से झामुमो खुश है।कारण है कि 43 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में महिला मतदाताओं ने काफी उत्साहित रही खासकर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर महिलाओं का उत्साह देखने लायक रहा है।

वहीं, आरक्षित सीटों के मुकाबले सामान्य सीटें ही मतदान में पीछे रहीं। इसके बावजूद सामान्य सीटों पर भी महिला मतदाताओं ने अधिक संख्या में मतदान किया है। पार्टी ने दावा किया है कि मंईयां सम्मान योजना और सर्वजन पेंशन योजना काफ़ी हद तक महिलाओं का मतदान में प्रतिशत बढ़ाने में सहायक रही।

वर्तमान सरकार की योजनों की वजह से इस बार मतदाताओं ने मतदान में रुचि दिखाई है। मंईयां सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना, किसान ऋण माफी, बिजली बिल बकाया माफ, मुफ्त बिजली जैसी योजना ने मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया है।

बोकारो में सबसे अधिक वोटर, लिट्टीपाड़ा में सबसे कम वोटर

विधानसभा चुनाव के दूसरे तथा अंतिम चरण में जिन 38 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है, उनमें बोकारो में सबसे अधिक वोटर हैं। वहीं, आरक्षित सीट लिट्टीपाड़ा में सबसे कम वोटर हैं। बोकारो में मतदाताओं की संख्या 5,84,275 है, जबकि लिट्टीपाड़ा में 2,17,847 वोटर ही हैं। हालांकि क्षेत्रफल के लिहाज से मांडू सबसे बड़ा (1,327.37 वर्ग किमी) तथा झरिया सबसे छोटा 70.51 वर्ग किमी) विधानसभा क्षेत्र है।

इस चरण में जिन विधानसभा सीटों पर मतदान होना है, उनमें पहले चरण से उलट सामान्य सीटें अधिक हैं। 38 विधानसभा सीटों में 27 सामान्य सीटें हैं, जबकि आठ एसटी तथा तीन एससी के लिए आरक्षित हैं।

प्रत्याशियों की बात करें तो सबसे अधिक 28 प्रत्याशी धनवार में चुनाव लड़ रहे हैं।

बताते चलें कि इस सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी चुनाव लड़ रहे हैं। देवघर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम सात प्रत्याशी ही चुनाव लड़ रहे हैं।

ईवीएम, वीवीपैट स्ट्रांग रूम पहुंचाए गए

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के.रवि कुमार ने बताया कि झारखंड विधानसभा के पहले चरण की 43 सीटों पर संपन्न मतदान के बाद ईवीएम, वीवीपैट आदि स्ट्रांग रूम पहुंचा दिए गए हैं। उन्हें सील भी कर दिया गया है। अब ईवीएम और वीवीपैट मतगणना के दिन 23 नवंबर को प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में खोला जाएगा। उनके अनुसार, स्ट्रांग रूम की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

सभी 15 जिले के स्ट्रांगरूम की सुरक्षा में एक-एक कंपनी अर्द्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पहले चरण में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने के लिए मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि किसी भी बूथ पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मतदान आशा के अनुरूप हुआ, लेकिन शहरी क्षेत्र में कम मतदान हुआ है।

अगले चरण के चुनाव को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग शहरी क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर फोकस कर काम करेगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव से इस बार तीन प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। सभी 43 सीटों पर 66.48 प्रतिशत मतदान हुआ है। इंड ऑफ पोल डेटा में आंशिक वृद्धि संभावित है। वहीं, पोस्टल बैलेट का पूरा डेटा आने के बाद भी मतदान प्रतिशत में आंशिक वृद्धि होगी।

उत्पाद विभाग की छापेमारी में रांची में शराब की मिनी फैक्ट्री का हुआ खुलासा,250 ब्रांडेड शराब की बोतलें ज़ब्त


रांची : सहायक आयुक्त उत्पाद अरुण कुमार मिश्रा के निर्देश पर गुरुवार को उत्पाद विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की है। उत्पाद विभाग ने टाटीसिल्वे थाना के महिलोंग के महुआ टोली बस्ती में छापेमारी कर एक अवैध विदेशी शराब की मिनी फैक्ट्री का खुलासा किया है।

रांची के सहायक आयुक्त उत्पाद के निर्देश पर गुरुवार को उत्पाद विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की है।

250 ब्रांडेड शराब की बोतलें ज़ब्त

छापेमारी के क्रम में मनोज कुजूर के मकान के अंदर और मकान के पीछे करकट के कमरे से 980 प्लास्टिक बोतल में विदेशी शराब और 250 ब्रांडेड शराब की बोतलें ज़ब्त की गई है

घटनास्थल से मकान मालिक मनोज कुजूर को हिरासत में लिया, जबकि मुख्य अभियुक्त चंदन यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

सभी प्लास्टिक बोतल के नकली शराब को ब्रांडेड शराब की बोतलों में भरा जा रहा था। मौके से अवैध विदेशी शराब 828 लीटर बरामद किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में दिखेगी विकसित झारखंड की झलक

रांची : झारखंड पवेलियन 15 नवंबर को अपने प्रदेश की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एम्फी थिएटर में झारखंड दिवस का आयोजन कर रहा है. जिसमें झारखंड के लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का शुभारंभ गुरुवार से हो गया. व्यापार मेले में सभी राज्यों को स्टाल के लिए पर्याप्त जगह मुहैया कराया गया है. ये मेला 14 नवम्बर से 27 तक चलेगा. हालांकि आम लोगों के लिए 17 नवंबर को मेले का आगाज होगा, लेकिन अभी से ही राज्यों, कंपनियों के स्टॉल पूरी तरह से सज गए हैं. झारखंड पवेलियन का उद्घाटन उद्योग विभाग के सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह ने किया. व्यापार मेले में इस वर्ष सहभागी प्रदेश झारखंड आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा.

झारखण्ड उद्योग सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह जी ने दीप प्रज्वलित कर झारखंड पवेलियन का शुभारम्भ और उसका मुआयना किया. झारखंड प्रदेश का स्थापना दिवस 15 नवम्बर को मनाया जायेगा. झारखंड पवेलियन में राज्य की पारंपरिक कला-कौशल को प्रोत्साहित करने की कोशिश की गयी है. 

इसमें कपड़े से बने उत्पाद के अलावा लकड़ी से बने सामान काफी आकर्षक हैं. पवेलियन में प्रादेशिक वस्तुओं की बिक्री के कई स्टॉल लगाए गए है. जहा से मेले में आने वाले दर्शक क्षेत्रीय उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे. 

प्रदेश और प्रादेशिक वस्तुओं का प्रदर्शन

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में दिखेगी विकसित झारखंड की झलक 2

उद्घाटन के अवसर पर झारखण्ड उद्योग विभाग के सचिव जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पवेलियन में प्रदेश की तमाम उपलब्धियों और प्रेरणा स्रोतों को प्रदर्शित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष पवेलियन में प्रादेशिक उत्पादों की स्टॉल के अलावा झारखंड के विभिन्न विभागों को भी विशेष स्थान दिया गया है. व्यापार मेला अपने प्रदेश को और प्रादेशिक वस्तुओं को प्रदर्शित करने का अच्छा अवसर मुहैया कराता है. झारखंड पवेलियन 15 नवंबर को अपने प्रदेश की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एम्फी थिएटर में झारखंड दिवस का आयोजन कर रहा है. जिसमें झारखंड के लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. 

झारखण्ड पवेलियन में इस वर्ष सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, पर्यटन, कला, संस्कृति, एवं युवा कार्य विभाग, झारखण्ड खादी, मुख्यमंत्री लघु उद्योग, झारखंड माटी कला, झारखण्ड इंडस्ट्री, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड, रांची स्मार्ट सिटी और झारक्राफ्ट, झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ समिति, फिशरी विभाग, झारखंड राज्य सहकारी लाह क्रय विक्रय एवं आहरण संघ और सूचना एवं प्रौद्योगिकी जैसे विभागों को प्रदर्शित किया गया है.

झारखंड इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर का खुलासा

झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 148 उम्मीदवार ऐसे हैं जिस पर चल रहा हैं आपराधिक मुकदमा 

झारखंड डेस्क 

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में 148 उम्मीदवार ऐसे हैं जो आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे और 127 करोड़पति उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.

 झारखंड इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स -एडीआर - ने गुरुवार को यह जानकारी दी. एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने 528 में से 522 उम्मीदवारों के शपथ पत्र का विश्लेषण करने के बाद पाया कि 148 दागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इन उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को खुद बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. इनमें से 122 (23 प्रतिशत) के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं.

भाजपा के 14, झामुमो और कांग्रेस के 5-5 उम्मीदवारों हैं दागी

दूसरे चरण में सबसे ज्यादा 32 उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी ने दिए हैं. उसके 14 यानी 44 प्रतिशत उम्मीदवार दागदार हैं. बहुजन समाज पार्टी के 24 में से 8 झारखंड मुक्ति मोर्चा के 20 में से 5 , कांग्रेस के 12 में से 5 आजसू पार्टी के 6 में से 4 और राष्ट्रीय जनता दल के दोनों उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं.

झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले आपराधिक मामलों का सामना कर रहे 148 में से 12 उम्मीदवारों ने कहा है कि उनके खिलाफ महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े मामले दर्ज हैं. इन एक दर्जन उम्मीदवारों में एक के खिलाफ बलात्कार (आईपीसी-376) का केस चल रहा है. 3 उम्मीदवारों पर हत्या (आईपीसी-302) से जुड़े मुकदमे लंबित हैं. 34 उम्मीदवारों ने कहा है कि उनके खिलाफ हत्या का प्रयास (आईपीसी की धारा 307 और बीएनएस 109) से संबंधित केस दर्ज हैं.

असर्फी अस्पताल में चूहे ने शव को कुतरा, परिजनों का हंगामा


धनबाद : शहर के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत असर्फी अस्पताल में गुरुवार की अहले सुबह जमकर हंगामा हुआ। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते चूहे के कुतरने का मामला सामने आया है।

आसनसोल की धार्मिक धरोहर घाघर बूढ़ी मंदिर,जानें इतिहास और इसकी विशेषताएं


आसनसोल:- घाघर बुढ़ी मंदिर आसनसोल में स्थित है और यहां साल भर भक्त दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक महत्व है जो इसे हिंदू धर्म के प्रमुख स्थलों में गिनाता है।

घाघर बूढ़ी मंदिर आसनसोल, पश्चिम बंगाल में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और इसे आसनसोल का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है. यह मंदिर काली पहाड़ी पर स्थित है और नूनिया नदी के तट पर स्थित है. 

मंदिर के इतिहास की बात करें तो इस मंदिर का इतिहास 550 साल से भी पुराना है. कहा जाता है कि यह मंदिर कंगाली चरण नामक एक व्यक्ति द्वारा स्थापित किया गया था. कंगाली चरण जंगल में लकड़ी काटने गए थे, जब उन्हें देवी काली का दर्शन हुआ।

उन्होंने देवी को प्रसन्न करने के लिए मंदिर का निर्माण करवाया. घाघर बूढ़ी मंदिर हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यह मंदिर शक्ति और साहस की देवी देवी काली को समर्पित है. यहां साल भर भक्त दर्शन के लिए आते हैं. विशेष रूप से नवरात्रि और काली पूजा के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. मंदिर काली पहाड़ी पर स्थित है, जिससे आसपास के इलाकों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है. 

मंदिर का मुख्य गर्भगृह देवी काली की प्रतिमा से सुसज्जित है. मंदिर परिसर में शिव, गणेश, हनुमान और नवग्रहों के मंदिर भी हैं. मंदिर के पास नूनिया नदी बहती है, जिसका पवित्र जल भक्त ग्रहण करते हैं.

घाघर बूढ़ी मंदिर की विशेषताएं

1. धार्मिक महत्व :

यह मंदिर शक्ति और साहस की देवी देवी काली को समर्पित है. हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है. यहां साल भर भक्त दर्शन के लिए आते हैं. नवरात्रि और काली पूजा के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. 

2. ऐतिहासिक महत्व : कंगाली चरण नामक एक व्यक्ति द्वारा स्थापित, यह मंदिर 550 साल से भी पुराना है. आसनसोल का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है. देवी काली के दर्शन के लिए कंगाली चरण को प्रेरित करने वाली घटना का ऐतिहासिक महत्व है।

3. स्थापत्य कला :

मंदिर काली पहाड़ी पर स्थित है, जिससे आसपास के इलाकों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है. मंदिर का मुख्य गर्भगृह देवी काली की भव्य प्रतिमा से सुसज्जित है. मंदिर परिसर में शिव, गणेश, हनुमान और नवग्रहों के मंदिर भी हैं. नूनिया नदी के किनारे मंदिर का शांत और पवित्र वातावरण आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है.

4. त्योहार और उत्सव : नवरात्रि और काली पूजा के दौरान मंदिर में विशेष पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं. भक्त माता काली को भोग लगाते हैं और आरती में भाग लेते हैं. मंदिर के आसपास मेला भी लगता है।

5. पर्यटन : 

घाघर बूढ़ी मंदिर आसनसोल में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है. हिंदू तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थान है. मंदिर की धार्मिक, ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय महत्व इसे दर्शनीय बनाता है।

घाघर बूढ़ी मंदिर आध्यात्मिक शांति और सुंदरता का अनुभव करने के लिए एक आदर्श स्थान है. यदि आप आसनसोल की यात्रा कर रहे हैं, तो यह मंदिर निश्चित रूप से आपके दर्शन के योग्य है।

मंदिर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है. प्रवेशं शुल्क निःशुल्क है. मंदिर परिसर में भोजन और पानी की सुविधा उपलब्ध है. मंदिर के पास कई दुकानें हैं जहां आप धार्मिक सामग्री और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं.

यहां रहने की व्यवस्था अगर आप देख रहे हैं तो मंदिर परिसर में धर्मशाला उपलब्ध है. आसपास के इलाकों में कई होटल और गेस्ट हाउस भी हैं. घाघर बूढ़ी मंदिर आध्यात्मिक शांति और सुंदरता का अनुभव करने के लिए एक आदर्श स्थान है. आप आसनसोल की यात्रा कर रहे हैं, तो यह मंदिर निश्चित रूप से आपके दर्शन के योग्य है.

यहां कैसे पहुंचें :

 घाघर बूढ़ी मंदिर आसनसोल शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप टैक्सी, ऑटो या बस से मंदिर तक पहुंच सकते हैं. नूनिया नदी के किनारे नाव की सवारी भी एक लोकप्रिय विकल्प है.

इंडिया गठबंधन का दावा, प्रथम चरण के चुनाव में इंडी गठनबंधन 43 में से 30 से 35सीट जीत रही है..!


डेस्क : झारखंड कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा, "झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान पूरा हो गया है... 43 सीटों में से, महागठबंधन 30 से अधिक सीटों पर अपनी जीत दर्ज करेगा... 

भाजपा को लोकसभा चुनावों में 400 से अधिक सीटें जीतने का भरोसा था। लेकिन अब, उन्होंने बैसाखी पर सरकार बनाई है.

इसलिए, वे अपने आत्मविश्वास में रह सकते हैं लेकिन जनता ने हम पर अपना विश्वास दिखाया है।"

वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि जनता ने "वोकल फॉर लोकल" और जनता के लिए समर्पित हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को दोबारा सत्ता देने के लिए पहले ही चरण में प्रचंड सीट दिया है और दूसरा चरण उसे और मजबूती देगा.43 में से 38 सीट पर इंडिया ब्लॉक की होगी जीत.

JMMपहले चरण के लिए मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि पहले चरण के बाद सिर्फ सरकार दोबारा से बनाने की औपचारिकता शेष रह गयी है. झामुमो नेता ने कहा कि झारखंड में झारखंडियों की सरकार बनेगी. 

गढ़वा से तो ऐसी तस्वीरें आयी जो इंडिया ब्लॉक को बहुत उत्साहित करती है. मनोज पांडेय ने दावा किया कि पहले चरण की 43 सीट में से इंडिया ब्लॉक को 38 सीटों पर जीत हासिल होगी.75% सीटें इंडिया ब्लॉक के खाते में- राजद

आज पहले चरण में हुए 43 विधानसभा सीट पर मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश सचिव और कार्यालय प्रभारी रामकुमार यादव ने दावा किया कि प्रथम चरण में गठबंधन जहां 75% सीटें जीत लेगी. 

वहीं राजद पहले चरण की अपनी सभी पांच सीट जीत ले तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.राजद नेता ने माना कि जिस तरह से इंडिया ब्लॉक जनता ने हेमंत सोरेन के कार्यकाल की उपलब्धियों, जनकल्याणकारी योजनाओं, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, कृषि ऋण माफी, बिजली बिल माफी सहित तमाम कार्यों का लाभ इंडिया ब्लॉक को मिलेगा. राजद नेता ने कहा कि पहले चरण में ही जनता ने भाजपा और उसके नापाक इरादे वाले नेताओं को सबक दे दिया है.

43 में से 35 पर जीत पक्की- कांग्रेसवहीं झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के लिए मतदान कार्य पूरा हो जाने के बाद कांग्रेस ने राज्य में फिर से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि पहले चरण में 43 में से 35 सीट पर इंडिया ब्लॉक की जीत तय है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि पहले चरण का प्रभाव दूसरे चरण में भी दिखेगा.