मुजफ्फरपुर के मैठी टोल प्लाजा के पास डीआरआई ने लक्जरी कार से 4.2 किलो कोकीन जब्त की।

बिहार के मुजफ्फरपुर में मैठी टोल प्लाजा के नजदीक एक लग्जरी कार से 42 करोड़ की कोकीन जब्त गई है. दरभंगा फोर लेन पर मैथी टोल प्लाजा के पास राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने करवाई की. बिहार में पहली बार भारी मात्रा में कोकीन जब्त की गई है. जानकारी के मुताबिक कोकीन की यह खेप पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से दिल्ली ले जाई जा रही थी.

डीआरआई को छानबीन में जानकारी मिली थी कि कोकीन की एक खेप को थाईलैंड से तस्करी करके भूटान के रास्ते सिलीगुड़ी लाया गया था, जिसके बाद डीआरआई ने घेराबंदी कर के एक किराए की कैब से किलो कोकीन जब्त की. जानकारी के मुताबिक तस्करों ने लक्जरी कार में ट्रॉली बैग के ऊपरी व निचले हिस्से में पतले परत में 4.2 किलो कोकीन को छिपाकर रखा था. तस्कर को मुजफ्फरपुर होकर गोरखपुर के रास्ते दिल्ली यह कोकीन की खेप पहुंचाना था.

पहली बार इतनी मात्रा में कोकीन हुई है जप्त

डीआरआई की टीम ने कोकीन के तस्कर महाराष्ट्र के 55 वर्षीय सेवानिवृत्त जवान शाहीन शेख को गिरफ्तार किया है. बिहार में पहली बार एक साथ 42 करोड़ की कोकीन जप्ती हुई है.मुजफ्फरपुर डीआरआई के अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि मादक पदार्थ की बड़ी खेप थाईलैंड से तस्करी करके भूटान सिलीगुड़ी के रास्ते मुजफ्फरपुर से गोरखपुर होकर दिल्ली ले जाई जा रही है. ऐसे में उन्होंने इसे पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की.डीआरआई ने गायघाट के मैठी टोल प्लाजा के समीप घेराबंदी की. इस बीच दरभंगा की ओर से लक्जरी कार आती हुई दिखाई दी.

थाईलैंड से जुड़े हैं तार

अधिकारी ने बताया कि उस कार में शख्स से जब उन्होंने पूछा तो वो बोला कि दिल्ली जा रहे हैं और उसके पास एक कपड़ों का ट्रॉली है. ऐसे में जब ट्रॉली बैग की बारीकी से तलाशी ली गयी तो बैग के ऊपरी व निचले हिस्से में पतली परत में कोकीन छिपी मिली. डीआरआई को शेख शाहीन के पास नेवी से सेवानिवृत्त होने का पहचान पत्र मिला है, जिसकी तहकीकात डीआरआई की टीम कर रही है. पुछताछ में तस्करों के अंतरास्ट्रीय सिंडिकेट से जार जुड़ने की बात सामने आई है. डीआरआई सूत्रों की मानें तो लखनऊ डीआरआई जोनल कार्यालय के अंतर्गत आने वाले बिहार, झारखंड, यूपी की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है.

वॉट्सऐप: क्या वाकई प्राइवेसी का किंग है या नहीं?, जानें

WhatsApp ने दुनिया भर में मैसेजिंग ऐप्स के मामले में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. दुनिया भर में करीब 2.9 अरब लोग इसके जरिए बातचीत करते हैं. इसका आसानी से इस्तेमाल होने वाला इंटरफेस, ग्रुप चैट, और मीडिया शेयर करने की सुविधा ने इसे लोगों के बीच बेहद पॉपुलर बना दिया है. वॉट्सऐप लगातार नए प्राइवेसी फीचर्स जोड़ता रहता है. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जैसी सर्विस वॉट्सऐप यूजर्स के मैसेज को सिक्योर करने के काम आती है. वॉट्सऐप की कई खूबियां इसे एक शानदार प्राइवेट मैसेंजर ऐप बनाती हैं.

लेकिन, क्या वॉट्सऐप वाकई प्राइवेसी का किंग है? यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि वॉट्सऐप, मेटा का हिस्सा. मेटा दुनिया की तीन मशहूर टेक प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी है. मेटा अपनी डेटा कलेक्शन पॉलिसी के लिए जानी जाती है.

वॉट्सऐप यूजर्स की चिंता

कई लोगों को चिंता सताती है कि वॉट्सऐप उनके डेटा का इस्तेमाल मेटा के दूसरे प्रोडक्ट्स के लिए कर सकती है, भले ही उनके मैसेज एन्क्रिप्टेड हों. इसके अलावा, वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं, जिससे यूजर्स में बेएतबारी पैदा होती है.

आइए, इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए WhatsApp, Signal, Telegram और Threema जैसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप्स की तुलना करते हैं और जानते हैं कि कौन सा ऐप प्राइवेसी के मामले में सबसे आगे है, या फिर वॉट्सऐप ही प्राइवेसी का असली किंग है.

1. प्राइवेसी डिजाइन (Privacy Design)

WhatsApp: इसका इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर जरूरी है.

Signal: इसका इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर की जरूरत होती है, लेकिन यह मजबूत प्राइवेसी फीचर्स देता है.

Telegram: यह ऐप यूजर्स को यूजरनेम के जरिए रजिस्टर करने की इजाजत देता है, लेकिन डिफॉल्ट तौर पर फोन नंबर का इस्तेमाल होता है.

Threema: इस ऐप को इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर या ईमेल की जरूरत नहीं होती है, जो इसे एक हाई-लेवल प्राइवेट ऐप बनाता है.

2. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (End-to-End Encryption)

WhatsApp: सभी मैसेज के लिए डिफॉल्ट तौर पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है.

Signal: यह ऐप हर तरह की बातचीत के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन देता है, जो डिफॉल्ट तौर पर एक्टिव होता है.

Telegram: इसमें ‘सीक्रेट चैट्स’ के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है, लेकिन नॉर्मल चैट और ग्रुप चैट में यह एन्क्रिप्शन डिफॉल्ट नहीं होता है.

Threema: सभी मैसेज, फाइल और कॉल के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मिलता है.

3. ओपन सोर्स (Open Source)

WhatsApp: यह ओपन सोर्स नहीं है (Meta का मालिकाना हक है).

Signal: यह पूरी तरह से ओपन सोर्स है, यानी इसका कोड पब्लिकली अवेलेबल है.

Telegram: इसमें क्लाइंट ओपन सोर्स है, लेकिन सर्वर साइड कोड बंद है, जो कुछ प्राइवेसी और ट्रांसपेरेंसी को लेकर चिंताएं पैदा कर सकता है.

Threema: यह भी ओपन सोर्स है.

अगर आप प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर काफी सजग हैं, तो सिग्नल और थ्रीमा टॉप चॉइस हो सकते हैं. वॉट्सऐप को चलाना काफी आसान है, लेकिन यह मेटा के एटवर्टाइजिंग और डेटा-शेयरिंग प्रैक्टिस से जुड़ा है. टेलीग्राम आम बातचीत के लिए ठीक है, लेकिन थोड़ा कम सेफ है, खासकर ग्रुप चैट और नॉन-सीक्रेट चैट के लिए.

वॉट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम को आप फ्री में चला सकते हैं, लेकिन थ्रीमा एक पेड मैसेजिंग सर्विस प्लेटफॉर्म है. थ्रीमा का इस्तेमाल करने के लिए आपको कम से कम 2 डॉलर (लगभग 168 रुपये) महीना खर्च करने होंगे.

महंगे प्याज का आतंक: अगले कुछ महीनों तक आम आदमी की थाली से गायब रह सकता है प्याज, इस रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

आम आदमी की थाली से अगले कुछ महीनों तक प्याज गायब रह सकता है. इसकी कीमतें पहले से ही काफी ऊंची बनी हुई हैं और अब इनके जल्द नीचे आने की उम्मीद भी नहीं है. इसे लेकर एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. देश में प्याज ही नहीं टमाटर, बंद गोभी, लौकी जैसी और सब्जियों के दाम भी लगातार बढ़ ही रहे हैं.

आईसीआईसीआई बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की कीमत 5 साल के हाई लेवल तक जा चुकी हैं. इसकी कीमत प्रति क्विंटल 5500 रुपए से ऊपर तक लग चुकी है. ये थोक मार्केट के रेट हैं, इसलिए रिटेल मार्केट में प्याज के जल्दे सस्ते होने की उम्मीद ना के बराबर है.

टूटा दिसंबर 2019 का रिकॉर्ड

प्याज की कीमत इस महीने की 6 तारीख को लासलगांव में 5,656 रुपए प्रति क्विंटल तक जा चुकी है. इस तरह प्याज के दामों ने 2019 के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है, क्योंकि प्याज की कीमतें 10 दिसंबर 2019 को ही इस लेवल तक पहुंची थीं. अब भी थोक बाजार में प्याज के दाम 4,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बने हुए हैं.

और क्या है ICICI Bank की रिपोर्ट में?

आईसीआईसीआई बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते महीनों की तुलना में नवंबर में भले सब्जियों के दाम कम हुए हैं, लेकिन प्याज की कीमतें ऊंची ही बनी हुई हैं. अगस्त और सितंबर की भारी बारिश ने सब्जियों की आवक में 28 प्रतिशत की गिरावट लाई इससे टमाटर की कीमतें पिछले महीने 49 प्रतिशत तक बढ़ गई थीं; वहीं प्याज की कीमतें अब भी ऊंची ही हैं.

इस साल अक्तूबर में सब्जियों की कीमतों में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. सब्जियों की कीमतों में ये 57 महीनों का उच्च स्तर है.

राजस्थान में एसडीएम थप्पड़ कांड पर आईएएस टीना डाबी का बयान,कहा "हम आपके साथ हैं"

राजस्थान में एक थप्पड़ की गूंज काफी दूर तक सुनाई दे रही है. बाड़मेर जिले में भी RAS एसोसिएशन के अफसरों ने बुधवार को अपने कार्यालय में पेन डाउन हड़ताल का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने जिले की कलेक्टर टीना डाबी को एक ज्ञापन भी सौंपा. इस दौरान कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि राज्य का IAS एसोसिएशन भी आपके साथ है. हम सब आपके साथ हैं. इसको लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है.

बीते दिन राजस्थान की देवली उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. इस दौरान कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था. इस थप्पड़ कांड के बाद नरेश मीणा फरार हो गया था. पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. इसी बीच बुधवार रात में पुलिस नरेश मीणा को गिरफ्तार करने देवली उनियारा कस्बे में पहुंची. यहां नरेश मीणा के समर्थक उग्र हो गए और पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ करने लगे.

पेन डाउन हड़ताल पर गया RAS एसोसिएशन

यही नहीं नरेश मीणा भी पुलिस हिरासत से चकमा देकर फरार हो गया. एसडीएम को मारे गए थप्पड़ की गूंज राजधानी जयपुर तक सुनाई दी. RAS एसोसिएशन ने पेन डाउन हड़ताल का ऐलान कर दिया. RAS अधिकारियों के समर्थन में मंत्रालयिक कर्मचारी, संघ ग्राम विकास अधिकारी, तहसीलदार संघ, कानूनगो, कर्मचारी संघ के साथ सरपंच संघ ने भी हड़ताल का समर्थन करने की घोषणा कर दी

बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी को सौंपा ज्ञापन

इस दौरान सभी संगठनों ने RAS अधिकारियों के साथ मिलकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और आरोपी नरेश मीणा के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की. बाड़मेर में भी ADM राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों और कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन सौंपा और IAS एसोसिएशन से समर्थन की मांग की. इस पर कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि हम सब आपके साथ हैं. IAS एसोसिएशन ने भी इसका समर्थन किया है.

एनसीपी के नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' के नारे से बना ली दूरी, जानें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब केवल छह दिन बाकी हैं. इससे पहले फिर महायुति की सहयोगी पार्टी एनसीपी के नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे से दूरी बना ली है. बीड में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि “बंटेंगे तो काटेंगे” का हम समर्थन नहीं करते हैं. महाराष्ट्र साधु-संतों का प्रदेश है. यह शाहू, फूले और अंबेडकर का महाराष्ट्र है. लोकसभा चुनाव के समय में विपक्ष ने कहा था कि मोदी सरकार संविधान बदलने वाले हैं. ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब भी ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ‘हम एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’. वहीं, महायुति के घटक दल अजित पवार ने इस नारे से फिर अपनी दूरी बना ली है.

बीड विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार योगेश क्षीरसागर के समर्थन में आयोजित सभा में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र शिव अनुयायियों की भूमि है. हमारे खून में उनकी शिक्षाएं हैं, हम उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए आगे बढ़ेंगे.

लोकसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम आबादी के इंडिया ब्लॉक के पक्ष में होने पर एनसीपी प्रमुख ने कहा, “लोकसभा चुनाव के दौरान अल्पसंख्यकों ने इंडिया ब्लॉक का समर्थन किया था. उसी गठबंधन में एक घटक के रूप में शिव सेना (यूबीटी) है.” उन्होंने सवाल किया कि इंडिया गठबंधन का पक्ष लेने से क्या हासिल हुआ? मतदाताओं को सोचना चाहिए कि जरूरत के समय उनकी मदद कौन कर रहा है.

लोकसभा चुनाव में हुआ था झूठा प्रचार

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान झूठे प्रचार से पिछड़े समुदाय को भी गुमराह किया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा कहा गया था कि अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले गठबंधन को चुनाव में 400 से अधिक सीटें मिलीं तो संविधान में संशोधन किया जाएगा. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या संविधान में संशोधन किया गया है? यह हमारी सरकार है जिसने न्याय मूर्ति की आंखों से पट्टी हटा दी है. न्याय दिया और उन्हें एक हाथ में तलवार दी और दूसरे हाथ में संविधान दिया. यह संविधान के प्रति हमारा सम्मान है.

उन्होंने कहा कि संविधान ने देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकजुट रखा है. एनसीपी प्रमुख ने कहा कि यह इस संविधान के कारण है कि हमारे देश में पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे विद्रोह नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास एक समृद्ध परंपरा, संस्कृति और इतिहास है. यह सब मत भूलिए. हम महायुति के गठबंधन सहयोगी हैं और समान मूल्यों को साझा करते हैं. मैं लोगों से राकांपा उम्मीदवार को वोट देने की अपील करता हूं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपका बाल भी बांका नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि हम शिवाजी महाराज के मूल्यों में विश्वास करते हैं, जो सभी धर्मों के लोगों को अपने साथ लेकर आए. सभी धर्मों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी और पुलिस की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न पुलिस भर्ती अभियान के दौरान, 52% रिक्तियां ओबीसी, एससी और एसटी के लिए, 10% आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए और 10% मराठाओं के लिए आरक्षित थीं. अब, सिर्फ इसलिए कि मराठों को स्वतंत्र आरक्षण दिया गया है, वे ईडब्ल्यूएस से बाहर आ गए हैं, और अन्य जिनके पास कहीं और कोटा नहीं है, उन्हें ईडब्ल्यूएस के तहत लाभ मिल रहा है.

जम्मू-कश्मीर में 119 आतंकियों की तलाश तेज, सुरक्षाबलों ने शुरू किया महाअभियान

जम्मू-कश्मीर में जब से नई सरकार बनी है, तब से वहां आतंकवादी घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है. राज्य में अचानक बढ़े हमलों के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 119 से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं

इनमें से ज्यादातर आतंकी पाकिस्तानी हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में अब आतंकवादियों को स्थानीय स्तर पर समर्थन नहीं मिल रहा है, जिसके कारण सुरक्षा एजेंसियों को उन्हें ट्रेस करने में आसानी हो रही है और उनके खिलाफ सटीक ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक सक्रिय आतंकवादियों में से 79 कश्मीर घाटी में हैं, जिनमें 18 स्थानीय और 61 पाकिस्तानी हैं. वहीं जम्मू संभाग में 40 सक्रिय आतंकी हैं, जिनमें 34 पाकिस्तानी नागरिक हैं जबकि केवल 6 स्थानीय आतंकी हैं. अब तक सुरक्षाबलों ने 61 आतंकियों को मार गिराया है, जिनमें से 16 आतंकवादी सीमा पर और 45 आतंकवादी हिंटरलैंड में मारे गए हैं. आतंकवादियों ने 25 बार घुसपैठ करने की कोशिश की है, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम किया है.

इस साल 61 आतंकी मारे गए

इस साल जम्मू-कश्मीर में 25 आतंकी घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं में 61 आतंकी मारे गए हैं, जिनमें 21 पाकिस्तानी आतंकवादी थे. इन घटनाओं में 24 जवान शहीद हुए हैं, जबकि पिछले साल 27 जवान शहीद हुए थे. आतंकवाद की ज्यादातर घटनाएं अंदरूनी इलाकों में हुई हैं.

घुसपैठ की कोशिश में आतंकी

जम्मू-कश्मीर में मौसम के बदलाव से पहले आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में हैं. आने वाले वक्त में बर्फबारी होने वाली है, इससे पहले आतंकी राज्य में घुसपैठ करना चाहते हैं. घुसपैठ के लिए आतंकियों के कई लॉन्चपैड्स भी एक्टिव किए गए हैं. इसको देखते हुए सेना और बीएसएफ बेहद सतर्क हैं.

सुरक्षा बलों की तैयारियों की जानकारी देते हुए जम्मू बीएसएफ के आईजी डीके बूरा का कहना है कि आतंकियों से हर मोर्चे पर निपटने के लिए हम तैयार हैं. आतंकियों को किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. उनसे निपटने के लिए हमारे सुरक्षाबल हर मोर्चे पर तैयार हैं. पड़ोसी देश हमेशा से प्रयास करता है कि घुसपैठ की जाए, लेकिन हमारी बीएसएफ ऐसा नहीं होने देगी.

कोरोना महामारी में भारत ने दिया था साथ, अब डोमिनिका प्रधानमंत्री मोदी को देगा सर्वोच्च सम्मान

कोविड 19 महामारी के दौरान मदद के लिए डोमिनिका राष्ट्रमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर देने की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री मोदी को 19-21 नवंबर को यह अवॉर्ड जॉर्जटाउन, गुयाना में भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान दिया जाएगा. डोमिनिका राष्ट्रमंडल के राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन उन्हें सम्मानित करेंगे.

यह सम्मान COVID-19 महामारी के दौरान डोमिनिका में दिए गए उनके योगदान और भारत सरकार की मजबूत साझेदारी दर्शाता है.यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन के लिए दिया जा रहा है.

पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक- डोमिनिका

डोमिनिका सरकार का कहना है पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक रहे हैं. COVID-19 के दौरान फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन की 70,000 खुराक की आपूर्ति की थी. गंभीर स्वास्थ्य संकट के बीच हमारी जरूरत के समय में उन्होंने साथ दिया. हमारी सरकार कृतज्ञता अर्पित करती है.

स्वास्थ्य, शिक्षा, जयवायु परिवर्तन पर सहयोग

डोमिनिका राष्ट्रमंडल का कहना है कि स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ भारत की मोदी सरकार ने वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और समाधानजनक पहल की है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन और युद्ध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में आपसी सहयोग के महत्व पर जोर दिया है. पीएम मोदी ने इन मुद्दों के समाधान में डोमिनिका और कैरेबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दुहराया है.

बांग्लादेश में संविधान संशोधन: अटॉर्नी जनरल की बड़ी मांग जानें क्या कहा

सत्‍ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचाने के लिए देश के संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना जरूरी है. यह बात कही है बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने. साथ ही उन्‍होंने संविधान में अहम संशोधन की मांग भी की है. अटॉर्नी जनरल ने 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने का सुझाव दिया है. उन्‍होंने ये सारे तर्क जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी के सामने 15वें संशोधन की वैधता पर अदालती सुनवाई के दौरान. साथ ही 15वें संशोधन को रद्द करने की मांग की है.

देश में 90 फीसदी मुस्लिम

अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने तर्क दिया है कि देश की 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. ऐसे में संविधान से 'सेक्युलर' यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द हटा देना चाहिए. असदुज्जमां ने कहा, "पहले अल्लाह पर हमेशा भरोसा और यकीन था. मैं चाहता हूं कि यह पहले जैसा ही रहे. आर्टिकल 2ए में कहा गया है कि राज्य सभी धर्मों के पालन में समान अधिकार और समानता तय करेगा. वहीं आर्टिकल 9 'बंगाली नेशनलिज्म' की बात करता है, यह विरोधाभासी है."

अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र नजर आना चाहिए और सत्ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचना चाहिए. साथ ही उन्होंने आर्टिकल 7ए और 7बी पर भी आपत्ति जताई है, जो ऐसे किसी भी संशोधन या बदलवा पर रोक लगाते हैं, जो "लोकतंत्र को खत्म कर सकता है." उनका कहना है कि ऐसे कानून बदलने चाहिए क्‍योंकि ये सियासी ताकत को मजबूत करके लोकतंत्र को कमजोर करते हैं.

राष्‍ट्रपिता शब्‍द राष्‍ट्र को बांटते हैं

उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को 'राष्ट्रपिता' के रूप में लेबल करने जैसे कई संशोधन राष्ट्र को बांटते हैं और अभिव्यक्ति की आजादी में बाधा डालते हैं. ये ठी है कि शेख मुजीब के योगदान का सम्मान किया जाए, लेकिन इसे कानून द्वारा लागू करना विभाजन पैदा करता है. ये सारे तर्क रखते हुए उन्‍होंने कोर्ट से 15वें संशोधन की असंवैधानिकता पर विचार करने की गुजारिश की है.

बिहार के सहरसा जिले से आए बौने घोड़े-घोड़ी ने सोनपुर मेले में मचाया धमाल

बिहार के वैशाली में हर साल विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला लगता है, जो दुनिया के सबसे बड़े पशु मेले के नाम से मशहूर है. इस बार विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला घोड़ा बाजार में कई राज्यों और अन्य जिलों से कई नस्ल के 200 से ज्यादा घोड़ा-घोड़ी पहुंचे हैं. यहां सोनपुर मेले के घोड़ा बाजार में सहरसा जिले के भटन भगत दो फीट एक इंच का बौना बादल घोड़ा और साथ में एक फिट एक इंच की शेरनी बौनी घोड़ी लेकर आए हैं लेकिन वह इन्हें बेचने के लिए नहीं लाए हैं.

यह दोनों बादल और शेरनी घोड़ा-घोड़ी बौना-बौनी है, जिसे देखने के लिए हर रोज लोगों की भीड़ जुट रही है और लोग इन दोनों बौना बौनी घोड़ा-घोड़ी के साथ अपने अपने मोबाईल से सेल्फी भी ले रहे है. यह दोनों बादल, शेरनी बौना बौनी घोड़ा-घोड़ी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. दुनिया भर में मशहूर हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में घोड़ा लेकर पहुंचे बिहार के सहरसा जिले के भटन भगत ने बताया कि इस बार मेला में कई नस्ल के 32 घोड़ा-घोड़ी लाए गए हैं.

22 लाख तक लगी कीमत

उन्होंने बताया कि साथ में बादल, शेरनी नाम का बौना बौनी घोड़ा-घोड़ी भी लाए हैं. बादल बौना घोड़ा है जो दो फिट एक इंच का है, जबकि इस बार साथ में बौनी घोड़ी लाए हैं, जिसका नाम शेरनी है, जिसकी लंबाई एक फिट 6 इंच है. घोड़ा मालिक भटन भगत ने आगे बताया कि बीते 2023 में दो फिट का बादल घोड़ा लाए थे, जो घोड़ा बाजार में इकलौता बौना घोड़ा था. घोड़ा मालिक ने बताया कि यह बौनी घोड़ी शेरनी को मेरे ननिहाल सहरसा के मामा के लड़के रंजीत भगत ने तोहफे में दिया है. यह दोनों बौना बौनी घोड़ा,घोड़ी उन्होंने अपने शौक के लिए रखे हुए हैं. सिर्फ प्रदर्शनी के लिए वह इन्हें लेकर लाए हैं लेकिन यह दोनों बौना बौनी घोड़ा,घोड़ी को वह बेचेंगे नहीं. लोगों ने बौना घोड़ा घोड़ी की कीमत तो 22 लाख तक लगा दी है.

22 करोड़ में भी नहीं बेचेंगे

उन्होंनेआगे कहा कि कोई इनके लिए 22 करोड़ भी देगा तो नही बेचेंगे. घोड़ा मालिक ने बौनी शेरनी घोड़ी को लेकर कहा कि वह बच्चों की तरह गोद मे लेकर घुमाते हैं. प्यार दुलार करते हैं. उन्होंने बताया कि बौना बौनी घोड़ा,घोड़ी इसलिए रखे हैं, जिससे के बिहार के सहरसा जिले का नाम रोशन हो. बौना बौनी घोड़ा भूसा, चोकर, घास खाते हैं. 30 किलो की शेरनी बौनी घोड़ी है. पिछले साल भी घोड़ा मालिक भटन भगत 02 फिट का बौना घोड़ा बादल को लेकर मेले में आए थे, जिनका वीडियो काफी वायरल हुआ था.

एसडीएम थप्पड़ कांड में आरोपी नरेश मीणा गिरफ्तार

टोंक : देवली उनियारा उपचुनाव में बवाल के बाद राजस्थान पुलिस ने निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। SDM अमित चौधरी को मतदान के दौरान बुधवार को नरेश मीणा को थप्पड़ मारा था। देवली उनियारा में उपचुनाव के दौरान इस घटना के बाद जमकर उपद्रव हुआ। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के समर्थकों ने पथराव किया, आगजनी की घटनाएं भी हुईं।

देवली उनियारा में SDM को थप्पड़ मारने के बाद गांव समरावता में तनाव का माहौल बन हुआ है। पुलिस बुधवार रात से ही नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी। दरअसल, समर्थकों के उत्पात के बाद पुलिस गिरफ्त से नरेश मीणा फरार हो गया था। गुरुवार सुबह अपने समर्थकों के साथ नरेश मीणा वापस लौटा। इसके बाद आखिरकार गुरुवार दोपहर पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया।

नरेश मीणा पहले पुलिस की गिरफ्त से भागे, फिर बोले 'मैं भाग नहीं हूं'

बुधवार देर रात नरेश मीणा पुलिस की पकड़ से दूर हो गए थे। फरार होने के बाद रात 2:40 पर उनका पोस्ट सामने आया, 'मैं ठीक हूं... ना डरे थे ना डरेंगे, आगे की रणनीति बता दी जायेगी!।' इसी रणनीति के तहत गुरुवार को वापस गांव में पुलिस के बीच पहुंचे। इसके बाद अपनी सफाई दी और पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया।

नरेश मीणा और उनके समर्थकों ने यह बवाल नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत कचरावता के समरावता गांव में काटा। जबरन वोटिंग का विरोध के नाम पर नरेश मीना ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था। इसके बाद उन्होंने प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने मौके पर अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया। रात को यहां जमकर उत्पात हुआ। गाड़ियों में आग लगा दी गई। पथराव हुआ। पुलिस को भी हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान पूरे इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।