सोपोर में आतंकवादी मुठभेड़: एक आतंकी मारा गया, दो छिपे होने की आशंका

उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर के रामपुर इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में एक आतंकवादी के मारे जाने की खबर है. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोपोर में सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है. पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ जारी है और दो-तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका जतायी गयी है.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने संदिग्ध स्थान की ओर तलाशी तेज की, छिपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मुठभेड़ में एक आतंकवादी के मारे जाने की पुष्टि की है, जबकि क्षेत्र में ऑपरेशन जारी है.

तलाशी के दौरान आतंकियों से हुई मुठभेड़

अधिकारियों ने बताया कि जब सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया तो मुठभेड़ शुरू हो गई. उन्होंने कहा, “तलाशी अभियान के दौरान, जब तलाशी दल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ा, तो छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाब दिया गया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.”

कश्मीर जोन पुलिस ने एक्स पर लिखा, “बारामूला के रामपोरा सोपोर इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष इनपुट पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया था. तलाशी अभियान के दौरान गोलीबारी हुई. आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी.” हालांकि, इलाके में तलाशी अभियान जारी रहने के दौरान गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया.

सोपोर में दो दिनों में दूसरी मुठभेड़

सोपोर में पिछले दो दिनों में यह दूसरी मुठभेड़ है. 7 नवंबर को जिले के सागीपोरा इलाके में मुठभेड़ शुरू हुई थी. शुक्रवार को सोपोर में दो विदेशी लश्कर आतंकियों को मार गिराया गया था.

पिछले हफ्ते श्रीनगर के खानयार इलाके में हुई मुठभेड़ में पाकिस्तान का टॉप लश्कर कमांडर उस्मान उर्फ ​​छोटा वलीद मारा गया था. मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे. गोलीबारी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवान और दो पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

कोलकाता रेप मर्डर केस: न्याय की मांग पर फिर सड़क पर उतरे जूनियर डॉक्टर्स

आरजी कर मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक मार्च निकाला. इस जुलूस में नागरिक समाज के लोग भी शामिल हुए. जुलूस के अंत में उन्हें ‘जनता चार्जशीट’ दायर किया गया. इस अवसर पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का साफ संदेश है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, वे सड़क से नहीं हटेंगे.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा का शव नौ अगस्त को सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था. रेप-हत्या की घटना पर न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर उसी दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने धरना-प्रदर्शन से लेकर भूख हड़ताल तक सब कुछ किया है.

जूनियर डॉक्टर्र देवाशीष हलदर ने कहा, ‘हम सड़कें नहीं छोड़ रहे हैं. आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा. न्याय मिलने तक मैं यह आंदोलन जारी रखूंगा. ‘मैं सड़क पर हूं, रुकूंगा.” हालांकि, शनिवार के कार्यक्रम में डॉक्टर्स फ्रंट के कई परिचित चेहरे शामिल नहीं थे. डॉक्टरों ने कहा कि परीक्षा सामने होने के कारण वे फिलहाल आंदोलन में शामिल नहीं हुए.

जब-तक न्याय नहीं, तब-तक चलेगा आंदोलन

शनिवार को डॉक्टरों के इस कार्यक्रम में आम लोगों के अलावा कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हुए. इनमें चैती घोषाल , देवालीना दत्त, पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगली का नाम उल्लेखनीय है. जुलूस की शुरुआत में बड़े-बड़े बैनर दिखे, जिन पर लिखा था, ’90 दिन बीत गए, कब तक न्याय नहीं मिलेगा.’ वहीं, प्रदर्शनकारियों के हाथों में न्याय की मूर्ति थी. जुलूस में शामिल कई लोगों ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए. उनके हाथों में तख्तियां और पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, ‘बिचार चाय’.

सीबीआई ने आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, टाला थाने के आईसी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया. हालांकि, रेप-हत्या मामले में संजय रॉय के अलावा किसी और की गिरफ्तारी नहीं हुई. आंदोलनकारी मेडिकल छात्र से लेकर पीड़ित परिवार तक, घटना में केंद्रीय जांच एजेंसी की भूमिका को लेकर सवाल उठाए.

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर भी उठे सवाल

हालांकि सीबीआई पहले ही सियालदह कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. 11 नवंबर से निचली अदालत में भी सुनवाई का दौर शुरू हो जाएगा. केंद्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है.

़इस अवसर पर पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरे भारत में लोग निराश हैं. मैं भी निराश हूं. मैं यह भी मानता हूं कि संजय रॉय अकेले नहीं था. जब कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया और शीघ्र जांच के लिए कहा, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपनी पहल पर मामला उठाया, लेकिन आपने मामले में क्या किया?

उन्होंने कहा किसुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा था कि सीबीआई रिपोर्ट देखने के बाद मैं हैरान हूं. फिर आवाज शांत हो गयी. बस तारीख खिसकती रही. सुप्रीम कोर्ट की भूमिका से लोग निराश हैं.

CM आतिशी ने किया ये बड़ा ऐलान,दिल्ली में 10 हजार मार्शल्स को फिर से मिलेगा रोजगार

दिल्ली सरकार ने शनिवार को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बस मार्शलों को फिर से तैनात करने का अहम फैसला लिया. उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को सोमवार से फिर से रोजगार मिलेगा.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि इनकी नियुक्ति इसलिए की गई थी ताकि बसों में सफर करने वाली महिलाओं को किसी भी अप्रिय घटना से बचाया जा सके. वहीं मार्शलों को अगले चार महीने के लिए फिर से नौकरी पर रखा गया है. इससे 10 हजार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को फिर से नौकरी मिलेगी. सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सारे काम किए.

CM आतिशी ने BJP पर लगाया साजिश का आरोप

मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति करवाने के लिए भी प्रयास कर रही हैं. इसके लिए वह उपराज्यपाल को यह प्रस्ताव भेजेंगी. उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें स्थायी नियुक्ति नहीं मिल जाती, तब तक उन्हें प्रदूषण रोकने की मुहिम में लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल चार महीने के लिए नियुक्त किए गए बस मार्शलों को प्रदूषण के खिलाफ मुहिम में शामिल किया जा रहा है.

मैं बस मार्शलों को आश्वस्त करती हूं कि आने वाले कुछ दिनों में ही बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव LG के पास भेजेंगे।

जब तक इन्हें स्थायी नियुक्ति नहीं मिल जाती तब तक फरवरी के महीने तक बस मार्शलों को प्रदूषण के ख़िलाफ़ मुहीम में जोड़ा जा रहा है।

इसके साथ ही सीएम आतिशी ने कहा कि सोमवार से बस मार्शलों का कॉल आउट नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद वे मंगलवार से कलेक्टर ऑफिस में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. सीएम आतिशी ने भाजपा पर साजिश के तहत बस मार्शलों को हटाने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए 2018 में उनकी तैनाती की गई थी, लेकिन भाजपा ने साजिश के तहत पिछले साल अक्टूबर में उन्हें हटा दिया.

जयराम रमेश ने बताया तेलंगाना में कैसे होगी जाति जनगणना

कांग्रेस हमेशा से जाति जनगणना का समर्थन करती आई है. इसी के चलते पार्टी ने शनिवार को कहा कि देश भर में जाति जनगणना कराना और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की 50 प्रतिशत की मनमानी सीमा हटाना देश के लिए उसके विजन का केंद्र है.

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी शनिवार को अपना जाति सर्वेक्षण (Caste Survey) शुरू करेगी. उन्होंने आगे कहा, अगले कुछ हफ्तों में तेलंगाना में 80 हजार गणनाकर्ता घर-घर जाएंगे और 33 जिलों के 1.17 करोड़ से अधिक घरों को कवर करेंगे.

यह एक क्रांतिकारी मौका है”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, साल 1931 के बाद से यह पहला मौका है जब तेलंगाना में सरकार जाति-आधारित सर्वेक्षण करवा रही है. यह एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी मौका है, जो राज्य के लिए तेलंगाना आंदोलन की आकांक्षाओं की पूर्ति और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के आदर्शों को भी स्थापित करने वाला है.

जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस भारत में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जैसा कि हमारे संविधान में लिखा है और जैसा कि भारत के निर्माताओं ने कल्पना की थी.

राहुल गांधी मीटिंग में हुए थे शामिल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी जाति सर्वे का समर्थन करते आए हैं. इसी के चलते राहुल गांधी तेलंगाना कांग्रेस की 5 नवंबर को जाति सर्वे पर आयोजित बैठक का हिस्सा बने थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि वह तेलंगाना में जाति सर्वे सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इसी के बाद अब तेलेंगाना में जाति सर्वे शुरू होने जा रहा है.

तेलंगाना सरकार में मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने अक्टूबर के महीने में राज्य में होने वाली जाति जनगणना की जानकारी देते हुए कहा था कि राज्य में विस्तृत जाति जनगणना 6 नवंबर से 30 नवंबर के बीच की जाएगी. हमने चुनाव में जो वादा किया था अब हम उसको पूरा कर रहे हैं.

पीएम मोदी से कांग्रेस ने पूछा सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शनिवार को महाराष्ट्र में रैली करने पहुंचे थे. इसी के चलते जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए उनसे कुछ सवाल पूछे. कांग्रेस नेता ने जाति जनगणना को लेकर पूछा, जाति जनगणना और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और OBC के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर बीजेपी का क्या स्टैंड है?

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उत्तर प्रदेश: मोबाइल गेम की लत ने ली छात्र की जान

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मोबाइल गेम की लत एक छात्र की जान पर भारी पड़ गईं. पिछले कई महीनों से गेम खेल रहे छात्र को परिजनों ने गेम खेलने से मना किया था लेकिन परिजन उसकी लत को छुड़ा नहीं सके और फिर उस छात्र ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी. घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. वहीं परिजनों ने बगैर पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया.

मामला राठ कोतवाली कस्बे के पठानपुरा इलाके का है. जहां तहसील के पीछे रहने वाले राजस्व कर्मी रामप्रताप का कक्षा 8 में पढ़ने वाले बेटे मनीष ने गेम की लत के कारण अपने घर की दूसरी मंजिल में चद्दर से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. वहीं जब छात्र के परिजनों ने उसे फांसी के फंदे पर लटकता हुआ देखा तो उनके होश उड़ गए. मनीष राठ कस्बे के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में आठवीं कक्षा का था वो मोबाइल और लैपटॉप पर पबजी गेम खेलने का लती था. जिसे परिजनों ने कई बार इस प्रकार के गेम खेलने से मना किया था.

दिन-रात खेलता था पबजी

मोबाइल गेम का लती हो चुके छात्र मनीष ने कभी भी परिजनों की बात नहीं मानी और लगातार फोन और लैपटॉप में गेम खेलता रहा. वहीं आज उसने फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक छात्र के पिता रामप्रताप कि माने तो वह राठ तहसील में बतौर राजस्व कर्मी के पद तैनात हैं.

पुलिस को नहीं दी सूचना

राठ थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह ने बताया कि उनके परिजन आनन-फानन में उसे अस्पताल ले गये थे. जहां डॉक्टरों ने उसे मृतक घोषित कर दिया. जिसके बाद उसके परिजनो ने बिना पुलिस को सूचना दिए अंतिम संस्कार कर दिया. प्रभारी ने यह भी बताया कि छात्र मनीष मोबाइल गेम खेलने का आदी था. इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली है. वहीं मोबाइल में पब्जी व अन्य गेम खेलने की लत में कई मासूम अपनी जान दे चुके हैं जो चिंता का विषय है ऐसे में परिजनों को अपने बच्चों पर नजर रखने की बहुत जरूरत है.

टेलीकॉम कंपनियों के अनलिमिटेड डेटा प्लान्स: क्या आपको पता है कौन सा प्लान सबसे सस्ता है? जानें

Reliance Jio, Vodafone Idea उर्फ Vi और Airtel, तीनों ही टेलीकॉम कंपनियों के पास प्रीपेड यूजर्स के लिए एक से बढ़कर एक शानदार रिचार्ज प्लान्स उपलब्ध हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर जियो, वीआई और एयरटेल में से आखिर किस कंपनी के पास सबसे सस्ता Unlimited Data Plan मिलता है? आपके पास जियो, एयरटेल या फिर वीआई कंपनी की प्रीपेड सिम है तो आज की हमारी ये खबर खास आप लोगों के लिए है.

Jio 198 Plan Details

रिलायंस जियो के 198 रुपये वाले इस प्रीपेड प्लान के साथ हर दिन 2 जीबी डेटा, डेली 100 एसएमएस और फ्री कॉलिंग की सुविधा मिलती है. इसी के साथ ये प्लान जियो टीवी, जियो क्लाउड और जियो सिनेमा का भी फ्री एक्सेस ऑफर करता है. जियो की ऑफिशियल साइट के मुताबिक, ये प्लान Unlimited 5G Data ऑफर करता है.

Airtel 379 Plan Details

379 रुपये वाले एयरटेल प्लान के साथ हर रोज 2 जीबी हाई स्पीड डेटा मिलता है. एक महीने की वैलिडिटी वाले इस प्लान में फ्री कॉलिंग और हर दिन 100 एसएमएस भी दिए जाते हैं. एडिशनल बेनिफिट्स की बात करें तो 379 रुपये वाले इस प्लान में Unlimited 5G Data मिलता है, लेकिन सिर्फ उस एरिया में जहां कंपनी की 5जी सर्विस मौजूद है. इसके अलावा अपोलो 24/7 की तीन महीने की फ्री सर्विस, फ्री हेलो ट्यून, लाइव टीवी जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं.

Vi 349 Plan Details

349 रुपये वाले इस रिचार्ज प्लान के साथ आपको हर दिन 1.5 जीबी डेटा, फ्री कॉलिंग और प्रतिदिन 100 एसएमएस मिलेंगे. 28 दिनों की वैलिडिटी वाले इस प्लान के साथ रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक अनलिमिटेड डेटा दिया जाता है.

इसके अलावा ये प्लान प्रीपेड यूजर्स को वीकेंड डेटा रोलओवर की सुविधा देता है, इसका मतलब सोमवार से शुक्रवार के बीच अगर आपका डेटा बच जाता है तो उस बचे हुए डेटा को वीकेंड पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है.

उत्तराखंड स्थापना दिवसः PM नरेंद्र मोदी ने समस्त प्रदेशवासियों को दी राज्य स्थापना दिवस की बधाई व शुभकामनाएं

उत्तराखंड/दिल्ली: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को बधाई दी है। बता दें कि उत्तराखंड राज्य अपने 25वें साल यानी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

राज्य स्थापना दिवस के इस उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वीडियो संदेश के माध्यम से प्रतिभाग कर रहे है। देहरादून और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की भराड़ीसैंण विधानसभा भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश प्रसारित हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर कहा, "उत्तराखंड के स्थापना दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। आज से ही उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष का शुभारंभ हो रहा है यानी हमारा उत्तराखंड अपने 25 वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हमें अब उज्जवल उत्तराखंड के भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है। इसमें एक सुखद संयोग भी है कि यह यात्रा ऐसे समय में होगी जब देश भी 25 वर्ष के अमृत काल में है यानी विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड। देश इस संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा।"

वहीं, आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "मुझे खुशी है कि उत्तराखंड के आप लोग आने वाले 25 वर्षों के संकल्पों के साथ पूरे राज्य में अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए उत्तराखंड के गौरव का प्रसार भी होगा और विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य की भी हर प्रदेशवासी तक बात पहुंचेगी। मैं आप सभी को इस महत्वपूर्ण अवसर पर और इस महत्वपूर्ण संकल्प के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं"

रतन टाटा जी की याद में पीएम मोदी का भावुक लेख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को याद करते हुए एक भावुक लेख लिखा है. इस लेख में उन्होंने रतन टाटा की जिंदगी, उनके व्यक्तित्व और देश के लिए उनके योगदान को याद किया है. पीएम मोदी ने लिखा कि आज रतन टाटा जी के निधन को एक महीना हो रहा है. पिछले महीने आज के ही दिन जब मुझे उनके गुजरने की खबर मिली, तो मैं उस समय आसियान समिट के लिए निकलने की तैयारी में था. रतन टाटा जी के हमसे दूर चले की जाने की वेदना अब भी मन में है. इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है. रतन टाटा जी के तौर पर भारत ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है, एक अमूल्य रत्न को खो दिया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक, लोग उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रहे हैं. हम सबका ये दुख साझा है. चाहे कोई उद्योगपति हो, उभरता हुआ उद्यमी हो या कोई प्रोफेशनल हो, हर किसी को उनके निधन से दुख हुआ है. पर्यावरण रक्षा से जुड़े लोग…समाज सेवा से जुड़े लोग भी उनके निधन से उतने ही दुखी हैं. और ये दुख हम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में महसूस कर रहे हैं. युवाओं के लिए रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे. उनका जीवन, उनका व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे प्राप्त नहीं किया जा सके. रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है.

रतन टाटा ने भारत की क्षमता को पहचाना

पीएम मोदी ने कहा कि रतन टाटा जी, भारतीय उद्यमशीलता की बेहतरीन परंपराओं के प्रतीक थे. वो विश्वसनीयता, उत्कृष्टता और बेहतरीन सेवा जैसे मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि थे. उनके नेतृत्व में, टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा. इसके बावजूद, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया. दूसरों के सपनों का खुलकर समर्थन करना, दूसरों के सपने पूरा करने में सहयोग करना, ये रतन टाटा के सबसे शानदार गुणों में से एक था. हाल के वर्षों में, वो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम का मार्गदर्शन करने और भविष्य की संभावनाओं से भरे उद्यमों में निवेश करने के लिए जाने गए. उन्होंने युवा आंत्रप्रेन्योर की आशाओं और आकांक्षाओं को समझा, साथ ही भारत के भविष्य को आकार देने की उनकी क्षमता को पहचाना.

नई पीढ़ी को जोखिम लेने का हौसला दिया

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं के प्रयासों का समर्थन करके, उन्होंने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया. उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की संस्कृति विकसित करने में बड़ी मदद की है. आने वाले दशकों में हम भारत पर इसका सकारात्मक प्रभाव जरूर देखेंगे. रतन टाटा जी ने हमेशा बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट…बेहतरीन क्वालिटी की सर्विस पर जोर दिया और भारतीय उद्यमों को ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने का रास्ता दिखाया. आज जब भारत 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तो हम ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करते हुए ही दुनिया में अपना परचम लहरा सकते हैं. मुझे आशा है कि उनका ये विजन हमारे देश की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और भारत वर्ल्ड क्लास क्वालिटी के लिए अपनी पहचान मजबूत करेगा.

रतन टाटा जी की महानता बोर्डरूम या सहयोगियों की मदद करने तक ही सीमित नहीं थी. सभी जीव-जंतुओं के प्रति उनके मन में करुणा थी. जानवरों के प्रति उनका गहरा प्रेम जगजाहिर था और वे पशुओं के कल्याण पर केन्द्रित हर प्रयास को बढ़ावा देते थे. वो अक्सर अपने डॉग्स की तस्वीरें साझा करते थे, जो उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा थे. मुझे याद है, जब रतन टाटा जी को लोग आखिरी विदाई देने के लिए उमड़ रहे थे…तो उनका डॉग गोवा भी वहां नम आंखों के साथ पहुंचा था.

नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा

रतन टाटा जी का जीवन इस बात की याद दिलाता है कि लीडरशिप का आकलन केवल उपलब्धियों से ही नहीं किया जाता है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की देखभाल करने की उसकी क्षमता से भी किया जाता है. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा. 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद उनके द्वारा मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोलना, इस राष्ट्र के एकजुट होकर उठ खड़े होने का प्रतीक था. उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि भारत रुकेगा नहीं…भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है.

पीएम मोदी ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया. इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे. जब मैं केन्द्र सरकार में आया, तो हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे. स्वच्छ भारत मिशन के प्रति रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था.

वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे. वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं. अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है. यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है.

कैंसर के खिलाफ लड़ाई एक और ऐसा लक्ष्य था, जो उनके दिल के करीब था. मुझे दो साल पहले असम का वो कार्यक्रम याद आता है, जहां हमने संयुक्त रूप से राज्य में विभिन्न कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया था. उस अवसर पर अपने संबोधन में, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वो अपने जीवन के आखिरी वर्षों को हेल्थ सेक्टर को समर्पित करना चाहते हैं. स्वास्थ्य सेवा एवं कैंसर संबंधी देखभाल को सुलभ और किफायती बनाने के उनके प्रयास इस बात के प्रमाण हैं कि वो बीमारियों से जूझ रहे लोगों के प्रति कितनी गहरी संवेदना रखते थे.

देश को रतन टाटा जी की कमी हमेशा खलेगी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं रतन टाटा जी को एक विद्वान व्यक्ति के रूप में भी याद करता हूं – वह अक्सर मुझे विभिन्न मुद्दों पर लिखा करते थे, चाहे वह शासन से जुड़े मामले हों, किसी काम की सराहना करना हो या फिर चुनाव में जीत के बाद बधाई सन्देश भेजना हो. अभी कुछ सप्ताह पहले, मैं स्पेन सरकार के राष्ट्रपति श्री पेड्रो सान्चेज के साथ वडोदरा में था और हमने संयुक्त रूप से एक विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया. इस फैक्ट्री में सी-295 विमान भारत में बनाए जाएंगे. रतन टाटा ने ही इस पर काम शुरू किया था. उस समय मुझे रतन टाटा की बहुत कमी महसूस हुई.

आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी. जहां व्यापार, अच्छे कार्यों के लिए एक शक्ति के रूप में काम करे, जहां प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को महत्व दिया जाए और जहां प्रगति का आकलन सभी के कल्याण और खुशी के आधार पर किया जाए. रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया. भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी.

पीएम मोदी ने इन 7 प्वाइंट में रतन टाटा को किया याद

प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत संबंध: पीएम ने साझा कीं अपनी यादें और कहा, मुझे दशकों से रतन टाटा जी को करीब से जानने और उनके अतुलनीय योगदानों को देखने का सौभाग्य मिला.

भावुक श्रद्धांजलि: रतन टाटा जी के निधन ने भारत में एक गहरी कमी छोड़ दी है. पीएम ने याद करते हुए कहा, भारत ने एक सच्चे सपूत और अमूल्य रत्न को खो दिया है.

युवाओं और नवाचार के प्रेरणास्रोत: पीएम ने रतन टाटा जी की युवाओं के प्रति प्रेरणा को रेखांकित किया. उन्होंने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने और नवाचार की ओर साहसी कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.

राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पण: पीएम ने याद किया कि स्वच्छ भारत मिशन और कैंसर देखभाल के प्रति रतन टाटा जी का उत्साह उनके जनकल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

साहस का प्रतीक: पीएम ने 26/11 के दौरान रतन टाटा के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि ताज होटल को फिर से खोलना भारत के साहस और आतंकवाद के सामने न झुकने का प्रतीक था.

वैश्विक स्तर पर टाटा नेतृत्व की पहचान: पीएम ने कहा कि रतन टाटा जी के नेतृत्व में टाटा समूह उत्कृष्टता, ईमानदारी और वैश्विक सम्मान का प्रतीक बन गया.

दया और संवेदनशील समाज की दृष्टि: पीएम ने कहा कि हमें उस समाज को याद रखना चाहिए जिसकी रतन टाटा जी ने कल्पना की थी, जहां व्यापार अच्छाई की शक्ति हो और प्रगति का आकलन सभी के कल्याण के आधार पर किया जाए.

गुजरात में कार के अंतिम संस्कार में किए लाखों रुपए खर्च, 1500 लोगों को खिलाया भोज

हम अपने जीवन में उपयोग कि गई चीजों जैसे-गाड़ी, फोन, लैपटॉप और न जाने क्या-क्या एक वक्त के बाद कचरे में फेंक देते हैं, लेकिन गुजरात के अमरेली जिले के एक गांव में एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर सभी हैरान रह गए. इस गांव के एक परिवार ने अपनी लकी कार को जब उसका टाइम पीरियड खत्म हो गया, तो बकायदा पूरे रीति-रिवाज के साथ उसकी समाधि दी. परिवार के लोगों की कार के प्रति भावना इतनी गहरी थी कि उन्होंने उस कार को हमेशा याद रखने के लिए भव्य कार्यक्रम किया. दफनाने से पहले परिवार वालों ने बकायदा पूजा-पाठ किया. उसे फूलों से सजाकर उसकी ऊपरी हिस्से पर नारियल रखकर और उसपर हरे रंग का कवर लगाकर, परिवार के सदस्यों ने पूजा करके और पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर कार की विदाई दी. साथ ही इस पूरे अंतिम संस्कार के काम में 5 लाख रुपए खर्च हुए हैं.

कार्यक्रम में स्थानीय संतों और धर्मगुरुओं की मौजूदगी में गांव के करीब 1,500 लोगों को भोजन परोसा गया. इस अनोखे आयोजन के लिए एक विशेष निमंत्रण पत्र लोगों को भेजा गया. पत्र में लिखा था कि यह कार हमारे परिवार की सदस्य बन चुकी है और हमारे लिए बहुत सौभाग्यशाली रही. हम इसे हमेशा अपनी यादों में रखना चाहते हैं इसलिए हम इसे सम्मानपूर्वक समाधि दे रहे हैं.

लकी थी कार

गुजरात के लाठी तालुका के पदरशिंगा गांव के किसान संजय पोलरा ने यह कार 2006 में खरीदी थी. उनका कहना है कि यह कार उनके परिवार के लिए लकी रही. संजय का कहना है कि इस कार ने न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया, बल्कि समाज में भी उनका मान-सम्मान बढ़ाया. परिवार को लगा कि यह कार उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आई है इसलिए उन्होंने इसे एक खास सम्मान देने का फैसला किया. परिवार के सदस्यों ने अपने देवी-देवताओं की पूजा की और फिर फूलों से सजी हुई कार को एक जुलूस के रूप में उनके खेत में स्थित समाधि स्थल तक ले गए. समाधि के वक्त उनके परिवार वाले काफी भावुक थे.

हर साल समाधि पर फूल चढ़ाऊंगा- संजय पोलरा

संजय पोलरा ने कहा कि वे उस वक्त भावुक थे. उन्होंने कहा “हमने सोचा कि इसे एक खास तरीके से सम्मान देना चाहिए और इसलिए हमने समाधि देने का निर्णय लिया.” पोलरा ने यह भी तय किया है कि वह हर साल सात नवंबर को इस समाधि स्थल पर फूल चढ़ाएंगे और इसके आस-पास वृक्षारोपण करेंगे. गांव के एक निवासी विपुल सोजितरा ने कहा, “जब मैंने यह सुना कि कार को समाधि दी जा रही है, तो मुझे हैरानी हुई, लेकिन अब मैं समझता हूं कि यह परिवार अपनी लकी कार के लिए कुछ विशेष करना चाहता था.”

पश्चिम बंगाल में रेल हादसा: सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे,कई यात्री घायल

पश्चिम बंगाल में हावड़ा के साउथ ईस्ट रेलवे डिवीजन के नालपुर स्टेशन के पास 22850 सिकंदराबाद शालीमार एसएफ एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए. सीपीआरओ साउथ ईस्ट रेलवे ने बताया कि फिलहाल अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

बता दें कि सिकंदराबाद शालीमार एसएफ एक्सप्रेस साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन है. साउथ ईस्ट रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ओमप्रकाश चरण ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया है कि सिकंदराबाद से शालीमार आ रही ट्रेन नवलपुर स्टेशन के नजदीक डिरेल हुई है. इसमें एक बीपी और दो कोच पटरी से उतर गई हैं. लेकिन इस घटना में किसी की हताहत होने की अभी तक कोई जानकारी नहीं है. घटना स्थल पर रेलवे अधिकारी पहुंच गए हैं.

पश्चिम बंगाल में रेल हादसा

दरअसल कोलकाता के हावड़ा में नालपुर के पास सिकंदराबाद से शालीमार आ रही एक साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. जानकारी के मुताबिक कई पैसेंजर्स को चोट आई है. फिलहाल घटना स्थल पर रेलवे के अधिकारी पहुंच रहे हैं. डिब्बों से यात्रियों को निकालकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

ट्रेनों की आवागमन ठप

इस हादसे के बाद हावड़ा-खड़गपुर रेल मार्ग पर ट्रेनों की आवागमन ठप हो गया है. रेलवे अधिकारी ने बताया कि ट्रेन की बोगियों को पटरी हटाने काकाम किया जा रहा है. फिलहाल इस रूट की ट्रेनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट कर दिया गया है. रेस्क्यू के बाद जल्द से जल्द इस रूट से भी ट्रेनों का आवागमन सुनिश्चित किया जाएगा.

बता दें कि 17 जून, 2024 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को जोरदार टक्कर मार दी थी. इस रेल हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी.