बेंगलुरु में गाड़ी चलाते समय बस ड्राइवर की दिल का दौरा पड़ने से मौत,कंडक्टर ने कई लोगों की बचाई जान

कर्नाटक के बेंगलुरु में एक चौंकाने वाली घटना घटी है. 40 वर्षीय बीएमटीसी के बस ड्राइवर की गाड़ी चलाते समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. घटना बुधवार रात करीब 11 बजे की है, जब यह बस नेलमंगला से दासनपुर जा रही थी. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है

बस में लगे कैमरे में वह क्षण दिखाई दे रहा है. बस ड्राइवर को दिल का दौरा पड़ने के कारण गिर गया. जैसे ही ड्राइवर सीने में दर्द के कारण गिर गया. नियंत्रण खोने के कारण बस ने एक अन्य BMTC वाहन को टक्कर मार दी. इस बीच, कंडक्टर ने बस को नियंत्रित किया और सड़क पर कई लोगों की जान बचाई.

घटना नेलमंगला शहर के बिन्नामंगला बस स्टैंड के पास हुई, जहां बीएमटीसी बस में यात्री मौजूद थे. तभी दिल का दौरा पड़ने से ड्राइवर की मौत हो गई.

हासन का रहने वाला है मृत ड्राइवर

मृत चालक हासन का रहने वाला किरण कुमार (40) है. बुधवार को बेंगलुरु उत्तर तालुके के दसानपुर डिपो की बस चलाते समय उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा. ड्राइवर किरणकुमार ने तुरंत बस को सड़क के किनारे छोड़ दिया.

किरण कुमार पिछले 6 साल से ड्राइवर के रूप में रूप में काम कर रहा था. दिल का दौरा पड़ने के बाद कंडक्टर ओबलेश की मदद से ड्राइवर को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन किरण कुमार को बचाया नहीं जा सका. इस संबंध में नेलमंगला टाउन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.

बीएमटीसी ने ड्राइवर के परिवार को दी मदद

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना रात करीब 11 बजे हुई, जब 40 वर्षीय चालक नेलमंगला से दसनापुरा इलाके की यात्रा करते हुए दिन का अपना आखिरी रूट चला रहा था.

निगम की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “हमें बहुत दुख के साथ डिपो 40 के ड्राइवर किरण कुमार के असामयिक निधन की सूचना देनी पड़ रही है, जिनका 6 नवंबर को अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) किरण कुमार के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है. निगम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है.” अधिकारियों के अनुसार, वरिष्ठ बीएमटीसी अधिकारियों ने भी कुमार के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सहायता और मुआवजा दिया.

पैसे के लिए रिश्तेदारों ने किया अंतिम संस्कार से इनकार, पत्नी ने खुद दी पति की मुखाग्नि

पैसा इंसान से कुछ भी करवा देता है. इसके लिए आज के समय में लोग हर अच्छा-बुरा काम करने के लिए तैयार हो जाता है. पैसा और जमीन ऐसी चीज है, जिसके लिए कहा जाता है कि भाई-भाई का भी दुश्मन हो जाता है. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के कोरिया के एक गांव में हुआ, जहां एक शख्स की मौत हो जाने पर उसके रिश्तेदारों ने उसकी पत्नी से तब तक उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. जब तक वह उन्हें एक लाख रुपये या फिर 5 डिसमिल जमीन नहीं दे देती.

दरअसल मामला करजी गांव का है, जहां कतवारी लाल राजवाड़े की मुंह का कैंसर होने के चलते बहुत बीमार होने के बाद मौत हो गई. उसकी पत्नी ने उसका काफी इलाज कराया. पत्नी ने अपनी पैतृक संपत्ति तक बेचकर पति का इलाज कराया लेकिन उसकी पति की 6 महीने के अंदर बहुत ज्यादा हालत खराब होने से मौत हो गई, जिसकेबाद कतवारी का अंतिम संस्कार किया जाना था.

रिश्तेदारों ने रखी शर्त

कतवारी और उसकी पत्नी की कोई संतान नहीं थी, जिस वजह उसके अंतिम संस्कार और मुखाग्नि देने के लिए गांव वालों ने कतवारी के बड़े पापा के बेटे संतलाल से कहा लेकिन उसने अपने तेहरे भाई का अंतिम संस्कार करने के लिए उसकी पत्नी के सामने एक लाख रुपये या फिर 5 डिसमिल जमीन देने की शर्त रख दी, जिसके बाद हैरान रह गए. कतवारी की पत्नी पति के भाई को 15 हजार रुपये देने के लिए मानी लेकिन संतलाल ने इनकार कर दिया.

खुद किया अंतिम संस्कार

इसके बाद पत्नी ने फैसला किया वह खुद ही अपने पति का अंतिम संस्कार करेगी और मुखाग्नि भी देगी. उसने अपने पति का न सिर्फ अंतिम संस्कार किया, बल्कि उसने सभी रीति रिवाज निभाए और पति की अर्थी को कंधा भी दिया. इस तरह दुनिया ही नहीं एक पत्नी ने अपने पति का साथ उसके आखिरी तक दिया. कतवारी की पत्नी ने कहा कि अगर वह जमीन संतलाल को दे देगी, तो उसके पास कमाई का कोई तरीका नहीं बचता.

त्योहारों के सीजन में भारतीय रेलवे ने तोड़ा रिकॉर्ड, 3 करोड़ से अधिक यात्रियों ने की यात्रा

इन दिनों त्योहारों का सीजन चल रहा है. दिवाली के बाद अब छठ पर्व मनाया जा रहा है. त्योहारों को देखते हुए भारतीय रेलवे की तरफ से भी खास इंतजाम किए जाते हैं. रेल द्वारा की गई विशेष व्यवस्थाओं का लाभ उठाने के लिए जब बड़ी संख्या में यात्री स्टेशनों पर आएं तो अपने आप एक नया कीर्तिमान बन ही जाता है. इस साल कुछ ऐसा ही हुआ है. 4 नवंबर 2024 को करीब 3 करोड़ से ज्यादा यात्रियों ने रेल से यात्रा की. जो अपने आप में बड़ी बात है.

खास बात ये है कि रेल यात्रियों की ये संख्या ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की कुल आबादी से भी ज्यादा है. 4 नवंबर को ट्रेन के जरिए यात्रा करने वाले यात्रियों में 19.43 लाख लोगों ने आरक्षित श्रेणी में जबकि एक करोड़ 1,29,000 लोगों ने अनारक्षित श्रेणी में यात्रा की. जबकि इस दिन एक करोड़ 80 लाख लोगों ने सबअर्बन रेलवे में यात्रा की. भारतीय रेलवे द्वारा प्रमुख स्टेशनों पर की गई व्यापक व्यवस्था और विशेष गाड़ियों के परिचालन से यह उपलब्धि हासिल करने में मदद मिली है.

7700 से ज्यादा विशेष गाड़ियां चलाने की योजना

भारतीय रेल ने साल 2024 में 7700 से अधिक विशेष गाड़ियों के परिचालन की योजना बनाई है. पिछले साल भारतीय रेल द्वारा विशेष गाड़ियों के 4429 फेरे लगाए गए थे. रेलवे ने इस साल पिछले साल की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक विशेष गाड़ियों की योजना बनाई है जिनसे फेस्टिवल सीजन के दौरान एक करोड़ से भी अधिक यात्रियों को लाभ मिलने की संभावना है.1 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच चलाई गई विशेष गाड़ियों के माध्यम से 65 लाख से अधिक यात्री अपने-अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच चुके हैं.

स्टेशनों पर जुटी यात्रियों की भीड़

इस साल 1 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच स्टेशनों पर अधिक संख्या में यात्री आए और हर स्टेशन पर होल्डिंग एरिया, अतिरिक्त टिकटिंग व्यवस्था, यात्रियों को चढ़ाने एवं उतारने के लिए विशेष व्यवस्था, बेहतर पैसेंजर सुविधाओं द्वारा रेलवे ने अधिक संख्या में यात्रियों की सेवा करने में सफलता हासिल की. 1 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच पूरे देश से बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में 7.50 करोड़ से भी अधिक यात्री त्योहारों को मनाने के लिए रवाना हुए

इस साल अब तक 4521 विशेष गाड़ियां चलाई गईं

भारतीय रेल द्वारा इस साल अब तक 4521 विशेष गाड़ियां चलाई जा चुकी हैं, जिससे 65 लाख से अधिक यात्रियों को लाभ पहुंचा है. रेलवे द्वारा 3 नवंबर 2024 को 207 विशेष रेल गाड़ियां चलाई गईं जो एक नया कीर्तिमान है. वहीं 4 नवंबर को 203 विशेष गाड़ियों का परिचालन किया गया और 5 नवंबर को 171 विशेष गाड़ियों का परिचालन किया. जबकी 6 नवंबर को 164 विशेष गाड़ियां और 7 नवंबर को भी 164 विशेष गाड़ियों के परिचालन की योजना बनाई गई है.

रेलवे ने की खास व्यवस्था

छठ के त्यौहार के बाद बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से दूसरे शहरों में लौटने वाले लोगों के लिए भी रेलवे ने विशेष व्यवस्था की है. रेलवे द्वारा 8 नवंबर को 164 , 9 नवंबर को 160 , 10 नवंबर को 161 और 11 नवंबर को 155 विशेष गाड़ियों के परिचालन की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा समस्तीपुर सोनपुर और दानापुर मंडल में विशेष रेक तैयार रखे गए हैं जिनका प्रयोग जरूरत के हिसाब से जाएगा. रेलवे बोर्ड के स्तर पर सभी तैयारियों का एक बार फिर से रिव्यू किया गया और संबंधित अधिकारियों को रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं.

हरियाणा में कलयुगी बेटी का अपराध, मां की हत्या करने के लिए प्रेमी के साथ मिलकर दिया घटना को अंजाम,पुलिस ने युवती को किया गिरफ्तार

कहा जाता है कि मां-बेटी का रिश्ता सबसे ज्यादा खास होता है, मां अपनी बेटी को समाज से बचाने के लिए कुछ भी कर जाती है लेकिन हरियाणा के नूंह में एक कलयुगी बेटी ने अपनी मां को ही मौत के घाट उतार डाला. क्योंकि उसकी मां ने उसे उसके बॉयफ्रेंड के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. इसलिए उसने प्रेमी के साथ मिलकर मां की हत्या कर दी.

दरअसल रविवार-सोमवार की रात युवती की मां सो रही थी और युवती अपने प्रेमी के साथ थी. इसी बीच उसकी मां की रात को आंख खुल गई और मां ने उसे प्रेमी के साथ अवैध संबंध बनाते हुए देख लिया था. इसलिए 20 साल की युवती ने अपने प्रेमी जावेद के साथ मिलकर अपनी मां का गला दबाकर उसे मार डाला था. इसके बाद पुलिस ने युवती को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन उसका बॉयफ्रेंड फरार हो गया था.

जल्द शिकंजे में होगा प्रेमी

अब बुधवार को युवती को अदालत में पेश किया गया. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मां की हत्यारी बेटी को जेल भेज दिया है और उसके फरार प्रेमी की तलाश कर रही है. हालांकि अभी तक उसको लेकर कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. इस मामले में दूसरे आरोपियों की होने का भी शक है, जिसके चलते भी पुलिस जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि पुलिस जल्द ही आरोपी जावेद को भी अपने शिकंजे में ले लेगी.

बीच से हटाने के लिए की हत्या

सूत्रों के मुताबिक पुलिस आरोपी जावेद को पकड़ने के लिए उसके करीबियों पर दबाव बनाने की तैयारी कर रही है. जांच अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले में संलिप्त लोगों की जांच की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि मृतका अपनी बेटी और उसके प्रेमी के अवैध संबंध का विरोध कर रही थी. इसलिए दोनों बीच से उसे हटाने के लिए उसकी हत्या कर दी.

जुड़वा बच्चों का जन्म, लेकिन देखते ही मां को आ गई चीख, जाने क्या है पूरी मामला

जब एक औरत मां बनने वाली होती है, तो वह अहसास उसके लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास होता है. मां अपनी कोख में 9 महीने तक बच्चे को रखती है और बेसब्री से उसके दुनिया में आने का इंतजार करती है. मां के लिए दुनिया में उसके बच्चे से ज्यादा कोई भी अहम नहीं होता. बच्चा चाहे काला हो, गोरा हो या जैसा भी हो. मां के लिए वह हर तरह खूबसूरत ही होता है लेकिन राजस्थान में एक महिला अपने बच्चों को देखते ही ऐसे डर गई कि उसकी निकल पड़ी चीख.

ये मामला राजस्थान से सामने आया है, जहां के बीकानेर के नोखा कस्बे में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. परिवार को पहले ही पता लग गया था उनके घर पर ट्विंस आने वाले हैं. इस वजह से सभी बेहद खुश थे. परिवार अपने जुड़वा बच्चों के पैदा होने का इंतजार कर रहा था लेकिन जब यह पैदा हुए तो हर कोई उन्हें गोद में लेने से डर रहा है. यहां तक की खुद बच्चों को जन्म देने वाली मां भी बच्चों को देखकर डर गई

बच्चों को है ये बीमारी

दरअसल जिन जुड़वा बच्चों को महिला ने बीकानेर के प्राइवेट हॉस्पिटल में जन्म दिया. उनको रेयर स्किन डिजीज है. दोनों बच्चों की स्किन पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है, जिस वजह से बच्चों के पूरे शरीर पर जख्म हैं. बच्चों की ऐसी हालत देखकर खुद डॉक्टर्स भी हैरान हैं क्योंकि बच्चों की पैदाइश से पहले बच्चों की हालत को लेकर जानकारी नहीं हो पाई. अब बच्चों को सरकारी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया है.

एक आंख की जगह स्किन

बच्चों को काफी गंभीर बीमारी है. एक बच्चे की आंख की जगह पर स्कीन है. अब जिस हालात में यह बच्चे पैदा हुए हैं और उनकी हालात को देखकर डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी गंभीर स्थिति में पैदा होने वाले बच्चों का बच पाना मुश्किल होता है. ऐसे बच्चे एक हफ्ता भी सही नहीं रहते. हालांकि बच्चों का इलाज डॉक्टर्स कर रहे हैं और परिवार वालों ने अभी तक इसको लेकर कुछ नहीं कहा है.

छठ महापर्व: आईपीएस अफसर आशीष कुमार की पहल से दुनिया भर में फैली छठ की गूंज

भारत में 5 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में आज तीसरा दिन है. तीसरे दिन की पूजा को संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है. भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों में इस त्योहार का मनाया जाता है. हालांकि बिहार के जमुई जिले के रहने वाले आईपीएस अफसर आशीष कुमार की एक छोटी पहल की वजह से फ्रेंच बोलने और समझने वाले 54 देशों के नागरिकों के बीच भी छठ महापर्व की गूंज है.

आशीष कुमार ने फ्रेंच भाषा में छठ के महत्व और पूजा के बारे विस्तार से एक लेख लिखा. ऐसे में दूसरे देशों से सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने का काम करने वाली भारत सरकार की संस्था भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने आशीष कुमार के लेख को फ्रेंच भाषा में “rencontre avec l’Inde” नामक किताब में 2013 में प्रकाशित किया था.

किताब में आशीष कुमार ने लिखी है ये बात

फ्रेंच भाषा में दुनिया को समझ रहे लोगों को “rencontre avec l’Inde” किताब की मदद से भारत के महापर्व छठ के बारे में जानने और समझने में आराम मिल रहा है. आशीष ने किताब में फ्रांसीसी भाषा में छठ पर्व के सभी पहलुओं को डिटेल में लिखा है. किताब में उन्होंने लिखा कि छठ का पर्व भगवान सूर्य की उपासना का त्योहार है. ये पर्व चार दिनों तक चलता है और इस दौरान धार्मिक, सामाजिक, शारीरिक, मानसिक एवं आचारिक-व्यावहारिक शुद्धता रखी जाती है.

15 साल पहले स्टडी टूर के लिए गए थे बिहार

आशीष ने किताब में पर्व को करने के विधि विधान के सभी पहलुओं को लिखा है. इसके अलावा पर्व के वैज्ञानिक महत्ता, सूर्य की उपासना के समय जल में खड़े रहने का आधार है? डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे का क्या विचार है? सूप और दौरे का पूजा में क्या महत्व है? इन सभी पहलु के बारे में लिखा है. आईपीएस कुमार आशीष इस वक्त बिहार कैडर के सारण के एसपी हैं. आशीष से मिली जानकारी के मुताबिक जब 15 पहले स्टडी टूर पर फ्रांस गए थे तब उन्होंने कुछ फ्रेंच भाषी लोगों बिहार के बारे में कुछ रोचक चीजें बताई थी. इस दौरान उन्होंने लोगों को छठ महापर्व के बारे में भी बताया था. फ्रेंच लोग इससे काफी प्रभावित हुए थे. ऐसे में भारत लौटने के बाद आशीष ने छठ के बारे में शोध किया और महापर्व छठ को पूरी तरह से बताने वाला एक लेख “Chhath Pouja: l’adoration du Dieu Soleil” लिखा. बाद में यही किताब फ्रेंच में छपी थी.

व्हॉट्सऐप का लो लाइट मोड: वीडियो कॉलिंग को बनाएं और भी बेहतर

WhatsApp में आए दिन नए-नए फीचर्स को यूजर्स के लिए जोड़ा जाता है, ऐप में इस वक्त लोगों की सुविधा के लिए एक नहीं बल्कि ढेरों काम के फीचर्स मिलते हैं. क्या आपको पता है कि व्हॉट्सऐप में एक ऐसा काम का फीचर है जो वीडियो कॉलिंग के दौरान क्वालिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है?

इस WhatsApp Feature का नाम है Low Light Mode. कभी-कभी ऐसा होता है कि हम वीडियो कॉल पर बात कर रहे होते हैं लेकिन हमारे आसपास लाइट डिम होने की वजह से बढ़िया क्वालिटी नहीं मिल पाती है. ऐसे में आप अपने दोस्तों और फैमिली के साथ सही से कनेक्ट कर पाएं, इस बात को ध्यान में रखते हुए इस फीचर को जोड़ा गया था लेकिन अब भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें इस फीचर के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है.

WhatsApp Low Light Mode

व्हॉट्सऐप का लो लाइट मोड कलैरिटी को बढ़ाने का काम करता है. वीडियो कॉलिंग के दौरान यूजर्स को फिल्टर्स और बैकग्राउंड ऑप्शन्स की भी सुविधा मिलती है जो यूजर्स के एक्सपीरियंस को बढ़ाने में मदद करते हैं. लो लाइट मोड को ऑन करने के बाद आप कम लाइट में भी अपने दोस्तों और फैमिली के साथ क्लियरली कनेक्ट कर पाएंगे.

इस फीचर को ऑन करने के लिए सबसे पहले व्हॉट्सऐप को ओपन करें. ऐप ओपन करने के बाद वीडियो कॉलिंग शुरू करें, कॉलिंग के दौरान आप लोगों को स्क्रीन पर राइट साइड में बल्ब आइकन नजर आएगा. इस बटन पर टैप करते ही ये फीचर काम करना शुरू कर देगा.व्हॉट्सऐप का लो लाइट मोड फीचर एंड्रॉयड और एपल आईफोन दोनों ही यूजर्स के लिए उपलब्ध है.

गौर करने वाली बात यह है कि ये फीचर फिलहाल विंडोज ऐप पर सपोर्ट नहीं करता है. ऐसा नहीं है कि आपने इस फीचर को एक बार ऐनेबल कर दिया तो ये फीचर सभी कॉल्स के लिए काम करेगा, आपको हर बार वीडियो कॉलिंग के दौरान इस फीचर को ऑन करना होगा.

70 रुपए के लिए खूनी खेल! भतीजे ने की चाचा की हत्या, मक्खियों ने खोला हत्या का राज जाने

मध्य प्रदेश के जबलपुर में शराब पीने के लिए कम पैसे मिलने पर हुए झगड़े में एक व्यक्ति की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. इस वारदात में आरोपी भतीजे की गिरफ्तारी अपने आप में हैरतंगेज है. दरअसल आरोपी भतीजा मक्खियों की वजह से पकड़ा गया है. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने यह खुलासा किया है. बताया कि चाचा भतीजे ने शराब पाटी की थी. इसमें 340 रुपये की शराब आई थी और चखने के रूप में 60 रुपये का मुर्गा आया था.

इसके लिए दोनों में 200-200 रुपये मिलने की बात हुई थी, लेकिन चाचा 70 रुपये कम दे रहा था. आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ और इसी दौरान कड़छी से वारकर भतीजे ने अपने चाचा की हत्या कर दी थी. पुलिस के मुताबिक इस वारदात के दौरान मृतक के शरीर से खून के छींटे उड़ कर आरोपी के कपड़ों पर पड़े थे. खून के इन धब्बों पर मक्खियां भिनभिना रही थीं. ऐसे में जब सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी के शरीर पर मक्खियों को भिनभनाते देखा तो शक हुआ.

चरगवां थाना क्षेत्र का है मामला

पुलिस ने तत्काल आरोपी को हिरासत में लेकर उसके कपड़ों की जांच कराई. इस दौरान मृतक का खून और आरोपी के कपड़ों पर लगा खून मैच हो गया. इसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट किया है. यह वारदात जबलपुर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर चरगवां थाना क्षेत्र का है. चरगवां थाना पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान 26 वर्षीय मनोज उर्फ मन्नू ठाकुर के रूप में हुई है. वहीं आरोपी उसका 19 वर्षीय भतीजा धरम उर्फ अबी ठाकुर है.

अक्सर एक साथ पार्टी करते थे चाचा भतीजे

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाली दुबे के मुताबिक सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लिया था. इस मामले में आरोपी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है. इस वारदात का खुलासा होने के बाद हर कोई हैरान है. दरअसल चाचा भतीजे में गहरी दोस्ती थी. दोनों अक्सर साथ ही रहते थे. चूंकि दोनों ही शराब पीने के आदी थे. इसलिए आए दिन खेतों में जाकर पार्टी करते थे.

ओडिशा में चलती ट्रेन पर फायरिंग, यात्रियों में दहशत

ओडिशा के भद्रक जिले में मंगलवार को नंदन कानन एक्सप्रेस पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई. चलती ट्रेन पर कुछ अज्ञात लोगों ने चलती ट्रेन पर गोलियां चला दीं. घटना चरम्पा स्टेशन के पास हुई, जिससे ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई. इस मामले को लेकर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी ने तुरंत एक्शन लिया और जांच शुरू कर दी है. रेलवे द्वारा जारी बयान में बताया गया कि ट्रेन के गार्ड ने सूचना दी कि गार्ड वैन की खिड़की पर हमला किया गया था.

इस घटना के दौरान ट्रेन सुबह 9:25 बजे भद्रक स्टेशन से रवाना हुई थी और फायरिंग की घटना पांच मिनट बाद, लगभग 9:30 बजे की गई. फायरिंग से किसी भी यात्री को चोट नहीं पहुंची, लेकिन कोच का शीशा टूट गया. जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि गोलियों के निशान स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं और यात्री असहज होकर झांकते हुए दिखाई दे रहे हैं.

मामले की जांच शुरू, आरोपी फरार

रेलवे सुरक्षा बल ने तुरंत एक्शन लेते हुए ट्रेन नंदन कानन एक्सप्रेस को सुरक्षित पुरी तक पहुंचा दिया है. हालांकि, फायरिंग की वजह और हमलावरों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है. जीआरपी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है.

क्या बोले ट्रेन के यात्री?

यात्रियों का कहना है कि फायरिंग की आवाज सुनकर ट्रेन में अचानक अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. कुछ यात्रियों ने खिड़कियों से बाहर झांककर स्थिति समझने की कोशिश की, लेकिन डर और असमंजस के कारण कई लोग शांत नहीं रह सके.

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना किसी आपराधिक साजिश का हिस्सा हो सकती है, हालांकि अभी जांच चल रही है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की ज्वाइंट टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है.

पूर्व MP हिना गावित ने दिया बीजेपी से इस्तीफा*

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का महासंग्राम शुरू हो गया है. सोमवार को नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. महायुति और महाविकास अघाड़ी के कई बागियों ने अपना नामांकन वापस लेकर पार्टी को राहत दी तो कई अभी भी मैदान में डटे हुए हैं. बागी जो अब तक मैदान में डटे हैं उनकी वजह से महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों का सिरदर्द बढ़ने की संभावना है. इसमें बीजेपी की नेता और पूर्व सांसद हिना गावित का नाम भी शामिल है.

हिना गावित ने अक्कलकुवा विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी को बरकरार रखा है. उम्मीदवारों की बरकरार रखने के साथ-साथ उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा भी दे दिया है. उन्होंने बीजेपी से बागी रुख अख्तियार करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था. सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन उन्होंने अपना पर्चा वापस नहीं लिया. ऐसे में अक्कलकुवा की सीट पर महायुति के उम्मीदवार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.

मंत्री पिता विजय कुमार नंदुरबार सीट से मैदान में

हिना गावित ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के विभिन्न पदों से भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा है कि बगावत के कारण पार्टी की छवि खराब न हो इसलिए ये फैसला लिया गया है. हिना गावित राज्य के जनजातीय विकास मंत्री विजयकुमार गावित की बेटी हैं. विजयकुमार गावित नंदुरबार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार हैं.

दूसरी ओर, अक्कलकुवा निर्वाचन क्षेत्र से हिना गावित ने महायुति के खिलाफ बगावत कर दी है. गावित की बगावत ने महायुति की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा इसलिए दिया है ताकि उनकी उम्मीदवारी की वजह से पार्टी को परेशानी न हो. हिना गावित बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं.

शिवसेना गुट पर लगाया बीजेपी के खिलाफ काम करने का आरोप

गावित ने यह भी कहा है कि शिवसेना शिंदे गुट लगातार बीजेपी के खिलाफ काम कर रहा है, इसलिए हमने उनके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है. गावित की उम्मीदवारी के कारण, इस निर्वाचन क्षेत्र में हाई वोल्टेज मुकाबला देखने को मिल सकता है.

हिना गावित 2014 के आम चुनाव में महाराष्ट्र की नंदुरबार सीट से मैदान में उतरी थीं और जीत भी हासिल की थी. इसके बाद 2019 में पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया था जिसपर वो खरी उतरी थीं. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में हिना गावित को हार का सामना करना पड़ा.

एकनाथ शिंदे गुट के हिस्से में आई है यह सीट

इस चुनाव हार के बाद हिना गावित विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जोर आजमाइस कर रहीं थी, लेकिन मौका नहीं मिला. महायुति के सीट शेयरिंग फॉर्मूले में यह सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के हिस्से गई. शिवसेना ने इस सीट से आमश्या फुजली पाडवी को टिकट दिया है जबकि महाविकास अघाड़ी की ओर से कांग्रेस ने सी पाडवी को मैदान में उतार है जो कि एडवोकेट भी हैं.