एमपी के इंदौर में हैरान करने वाली घटना, एमबीए पास युवक को शेयर बाजार में हुआ नुकसान तो उठा लिया यह कदम

मध्यप्रदेश के इंदौर की कनाडिया पुलिस ने एक शातिर चेन स्नैचर को गिरफ्तार किया है, जिसने शेयर बाजार में भारी नुकसान के पश्चात् अपराध का रास्ता अपनाया। पुलिस के अनुसार, आरोपी महेश हरिसिंह ने इंदौर के DAVV से एमबीए किया था। शेयर बाजार में हुए नुकसान के पश्चात् आर्थिक तंगी के चलते उसने महिलाओं को सुनसान क्षेत्रों में निशाना बनाना आरम्भ कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, शहर की एक महिला ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने पुलिस को बताया कि शाम लगभग 6 बजे जब वह पैदल अपने घर जा रही थी, तो स्कूटी पर सवार एक अज्ञात व्यक्ति उसका मंगलसूत्र छीनकर भाग गया। शिकायत प्राप्त होते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक टीम गठित की तथा घटनास्थल के आसपास के CCTV फुटेज खंगाले। CCTV की मदद से आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में महेश हरिसिंह ने खुलासा किया कि शेयर बाजार में नुकसान की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान था। आर्थिक तंगी के चलते उसने महिलाओं से चेन स्नैचिंग करना आरम्भ किया तथा सुनसान स्थानों पर अकेली महिलाओं को देखकर वारदात को अंजाम देता था। पुलिस ने आरोपी के पास से 13 लूटे गए सोने के मंगलसूत्र बरामद किए हैं, जिनकी कीमत तकरीबन 13 लाख रुपये है। इसके साथ ही एक चोरी का मोबाइल भी बरामद हुआ है। आरोपी ने वाहन चोरी की घटनाओं में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। फिलहाल पुलिस उससे अन्य चेन स्नैचिंग और चोरी की घटनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है।

जब मक्का मदीना में कोई गैर मुस्लिम प्रवेश नहीं कर सकता तो ... हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची के बयान मचा हंगामा

हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने संभल में कनाडा के मंदिर पर खालिस्तानी हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे खालिस्तान का समर्थन करने वालों का कभी भी सहयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कनाडा में हिंदू समुदाय को हो रही पीड़ा पर संवेदना व्यक्त की तथा केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जहां भी हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है, उनकी सहायता करें।

साध्वी प्राची ने आगे कहा कि हाल ही में दिल्ली में एक लाइव शो में हजारों लोग सम्मिलित हुए, लेकिन उस सिंगर या किसी अन्य सिंगर ने कनाडा में हुए खालिस्तानी हमले की निंदा नहीं की। उन्होंने कहा कि देश में खालिस्तान समर्थकों के बड़े-बड़े शो आयोजित किए जाते हैं, जो दुखद और शर्मनाक है।

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के महाकुंभ में गैर-हिंदू दुकानों पर प्रतिबंध के फैसले पर दिए बयान 'आगे से मुसलमान भी ऐसा करेंगे' पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि ये लोग थूक जिहाद और मूत्र जिहाद जैसे अभियान चला रहे हैं। इसलिए महाकुंभ में यह फैसला लिया गया है।

उन्होंने कहा कि मक्का-मदीना में हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है, तो महाकुंभ में क्यों? यदि उन्हें इस पर आपत्ति है, तो पहले मक्का-मदीना में हिंदुओं को प्रवेश की इजाजत दिलवाएं। उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तारीख बदलने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के 'टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे' वाले बयान का जवाब देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि अखिलेश सिर्फ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। यह फैसला भाजपा का नहीं, बल्कि चुनाव आयोग का है, जो सामान्य समझ की बात है। उनके इस बयान पर देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का काउंटडाउन लगभग पूरा, डिटेल में जानिए, ट्रंप और कमला हैरिस में कोई भी जीता तो अमेरिका भारत संबंधों पर क्या पड़ेगा

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का काउंटडाउन लगभग पूरा हो चुका है। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच मुकाबला अंतिम चरण में है। अगर ट्रंप जीतते हैं, तो इसका भारत पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जो राजनीतिक, आर्थिक, और सुरक्षा क्षेत्र तक फैला हुआ है।

अमेरिका-भारत संबंधों पर ट्रंप का दृष्टिकोण

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने दिवाली के अवसर पर सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना "मित्र" कहा और अपनी सरकार बनने पर भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करने का वादा किया। ट्रंप की भारत के प्रति सकारात्मक सोच दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक सहयोग में सुधार की संभावनाओं को बढ़ाती है।

हाल ही में, ट्रंप ने बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और उसके बाद हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कड़ी निंदा की है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, तख्तापलट के बाद सैकड़ों हिंदुओं को जानलेवा हमलों का सामना करना पड़ा। ट्रंप का यह रुख दक्षिण एशिया में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, जो भारत के हितों के अनुकूल हो सकता है।

मोदी-ट्रंप की केमिस्ट्री

डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच घनिष्ठ संबंध ने भारत-अमेरिका संबंधों में नई जान डाली है। यह संबंध सार्वजनिक रूप से भी प्रदर्शित हुआ, जैसे 2019 में टेक्सास में आयोजित "हाउडी, मोदी!" रैली में, जहां ट्रंप ने करीब 50,000 लोगों के सामने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया था। यह अमेरिका में किसी भी विदेशी नेता के लिए अब तक की सबसे बड़ी सभाओं में से एक थी। इसके बदले में, 2020 में भारत में नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में ट्रंप का जोरदार स्वागत किया, जिसमें 1 लाख 20 हजार से अधिक लोग मौजूद थे। दोनों नेताओं का यह तालमेल सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है; दोनों नेताओं के 'इंडिया फ़र्स्ट' और 'अमेरिका फर्स्ट' के विचार भी आपस में मिलते हैं, जिसमें घरेलू विकास, आर्थिक राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।

आर्थिक और व्यापारिक नीतियां

ट्रंप का प्रशासन अमेरिका-केंद्रित व्यापार नीतियों को बढ़ावा देने का इरादा रखता है। उनकी नीति भारत पर व्यापारिक बाधाओं को कम करने और टैरिफ कम करने के लिए दबाव बनाने की होगी, जो भारत के आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, और टेक्सटाइल उद्योगों के निर्यात पर असर डाल सकती है। ट्रंप ने सितंबर में भारत को "टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला" देश बताया था, हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा भी की थी। फ्लिंट, मिशिगन में एक टाउन हॉल में, ट्रंप ने कहा था कि आयात शुल्क के मामले में भारत बेहद सख्त है, और यह अमेरिका के व्यापार के लिए चुनौती पेश करता है।

ट्रंप की नीति चीन से अमेरिकी सप्लाई चेन को हटाने की भी है, जो भारत के लिए सकारात्मक हो सकती है। अगर ट्रंप प्रशासन अमेरिकी कंपनियों को चीन पर निर्भरता कम करने को प्रोत्साहित करता है, तो भारत अनुकूल नीतियों के साथ अधिक अमेरिकी कंपनियों को आकर्षित कर सकता है, जिससे भारत की आर्थिक संभावनाओं को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, भारत पर भी अपने आयात शुल्क को कम करने का दबाव रहेगा।

रक्षा और सुरक्षा

चीन को लेकर ट्रंप और भारत की चिंताएं मिलती-जुलती हैं। ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध और मजबूत हो सकते हैं। पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका, भारत, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा साझेदारी को मजबूत किया था, जिसे "क्वाड" कहा जाता है। ट्रंप प्रशासन में भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग, हथियारों की बिक्री, और तकनीकी हस्तांतरण से भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूती मिल सकती है।

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संयुक्त सैन्य अभ्यासों से भारत को सीमा सुरक्षा के लिहाज से फायदा होगा, खासकर चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर। यदि ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वे भारत की सुरक्षा चुनौतियों के प्रति सहयोगी रवैया अपना सकते हैं।

इमिग्रेशन और H-1B वीजा नीतियां

इमिग्रेशन को लेकर ट्रंप का सख्त रुख भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। उनके प्रशासन के दौरान H-1B वीजा प्रोग्राम पर सख्त नीतियों के कारण भारतीय प्रोफेशनल्स को अमेरिका में नौकरी पाना कठिन हो गया था। यदि ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियां दोबारा लागू होती हैं, तो भारतीय श्रमिकों के लिए अमेरिका में काम करना मुश्किल हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय तकनीकी कंपनियां अन्य बाजारों में अवसर खोजने या घरेलू बाजार में अधिक अवसर पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं।

भू-राजनीतिक प्रभाव

दक्षिण एशिया में ट्रंप की नीतियां भारत के क्षेत्रीय हितों को भी प्रभावित कर सकती हैं। ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ काम करने की इच्छा जताई है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जवाबदेही पर भी जोर दिया है। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता में कटौती की गई थी, जो भारत के लिए सकारात्मक साबित हुई थी। ट्रंप का "ताकत के जरिए शांति" का दृष्टिकोण अमेरिका की आतंकवाद और उग्रवाद पर कड़ी नीति की ओर इशारा करता है, जो भारत के हित में हो सकती है।

ट्रंप की बढ़त

इस समय डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बढ़त बनाए हुए हैं और 230 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर चुके हैं। उन्हें बहुमत के लिए 40 वोटों की आवश्यकता है, जबकि कमला हैरिस 205 वोटों के साथ पीछे हैं। न्यू मैक्सिको में जीत हासिल करने के बावजूद, कमला हैरिस ट्रंप से पिछड़ रही हैं। अमेरिका में सात प्रमुख "स्विंग स्टेट्स" हैं, जिनमें से पांच में ट्रंप ने बढ़त बना ली है। सिर्फ दो राज्यों के परिणाम आने बाकी हैं, लेकिन इन राज्यों में भी ट्रंप की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।

वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य कौशिक ने हिंदू समाज एवं संत समाज से भावुक होकर मांगी माफी, वीडियो भी हो रहा वायरल, पढ़िए, खबर

वृंदावन के एक प्रसिद्ध कथावाचक, आचार्य कौशिक ने हाल ही में हिंदू समाज एवं संत समाज से भावुक होकर माफी मांगी है। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे रेल की पटरियों के बीच बैठकर शिवलिंग का अभिषेक करते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में गंदी पटरियों के बीच शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर कुछ लोगों ने आपत्ति व्यक्त की तथा सोशल मीडिया पर आचार्य कौशिक के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की।

वीडियो के वायरल होने के पश्चात्, आचार्य कौशिक ने अपनी इस कार्रवाई पर खेद जताते हुए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि यह सब उन्होंने एक भावनात्मक स्थिति में किया था। आचार्य कौशिक ने बताया कि वे स्वयं शिवभक्त हैं तथा जब तक महादेव का अभिषेक नहीं कर लेते, अन्न ग्रहण नहीं करते। उनका यह भी कहना है कि उन्हें वृंदावन धाम छोड़ने की धमकी दी जा रही है। आचार्य कौशिक का आरोप है कि कुछ लोग उनसे वृंदावन छोड़ने को कह रहे हैं। इस सिलसिले में, उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसे भावनात्मक प्रतिक्रिया बताया तथा सभी भक्तों व ब्रज के संतों से क्षमा मांगी है। माबली स्थित तुलसी वन गौशाला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वे शिव अभिषेक किए बिना जलपान तक नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोग उनके पुण्य कार्यों को नजरअंदाज कर, सिर्फ इस वीडियो के आधार पर उन्हें वृंदावन छोड़ने की बात कह रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इस वीडियो से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वे सभी भक्तों एवं धर्माचार्यों से क्षमा प्रार्थी हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग उन्हें डराने का प्रयास कर रहे हैं, पर वे निडर थे तथा निडर रहेंगे। आचार्य कौशिक ने कहा कि वे अन्न त्यागकर सच्चे हृदय से गौवंश की सेवा में लगे हैं एवं हिंदू सनातनी धर्म को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कोरोना काल में लाखों लोगों को अन्न प्रदान कर उनकी सेवा की थी। उनका आरोप है कि कुछ हिंदू विरोधी ताकतें उन्हें बदनाम कर सनातन धर्म को कमजोर करने का षड्यंत्र रच रहा हैं।

सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा, महाकुंभ मेले के चलते मुस्लिमों पर प्रतिबंध लगा, तो मुस्लिम समुदाय भी हिंदुओं को दरगाहों में प्रवेश...

उत्तर प्रदेश के संभल से सपा के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अग़र आगामी महाकुंभ मेले के चलते मुस्लिमों पर प्रतिबंध लगाया गया, तो मुस्लिम समुदाय भी हिंदुओं को दरगाहों में प्रवेश करने से रोक सकता है। बर्क ने कहा कि यदि महाकुंभ में मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें लगाने या अन्य गतिविधियों में शामिल होने से रोका गया, तो मुस्लिम समुदाय भी अपने धार्मिक स्थलों पर गैर-मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने के विकल्प पर विचार कर सकता है।

बर्क का यह बयान अखाड़ा परिषद की उस मांग के पश्चात् आया, जिसमें परिषद ने महाकुंभ मेले के चलते मुस्लिम व्यापारियों को मेले में दुकान लगाने से प्रतिबंधित करने की मांग की थी। इस मांग का समर्थन प्रसिद्ध कथा वाचक एवं धार्मिक गुरु पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें ‘बागेश्वर बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, ने भी किया है। शास्त्री और अखाड़ा परिषद का तर्क है कि हिंदू धर्म के सबसे बड़े पवित्र आयोजन के चलते गैर-हिंदू समुदाय के लोगों का व्यापार करना अनुचित हो सकता है।

इस मामले में, कुछ धार्मिक एवं सामाजिक विद्वानों का कहना है कि जैसे सऊदी अरब में हज के चलते मक्का और मदीना जैसे पवित्र स्थलों पर गैर-मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाता है, उसी प्रकार मुसलमानों को भी हिंदू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए और महाकुंभ के चलते दूरी बनाए रखनी चाहिए। इन विद्वानों का मानना है कि इससे धार्मिक आयोजन के पवित्र माहौल को बनाए रखने में मदद प्राप्त होती है तथा धार्मिक भावनाओं का सम्मान होता है।

7 स्विंग स्टेट्स के पास व्हाइट हाउस की चाबीःनॉर्थ कैरोलिना के बाद जॉर्जिया पर भी ट्रंप का कब्जा, जीत को ओर डोनाल्ड

#us_presidential_election_and_result

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप काफी आगे चल रहे हैं।डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस राष्ट्रपति पद की रेस में लगातार पीछे होती जा रही हैं।अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव लगातार डोनाल्ड ट्रंप की ओर झुक रहा है। नॉर्थ कैरोलिना के बाद अब रिपब्लिकन उम्मीदवार ने दूसरा स्विंग राज्य जॉर्जिया भी जीत लिया है। यहां जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप को 16 इलेक्टोरल वोट हासिल होंगे। 2020 में इस राज्य में डोनाल्ड ट्रंप को जो बाइडन से हार मिली थी और उनका दोबारा राष्ट्रपति बनने का सपना भी अधूरा रह गया था। 

अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए उम्माीदवार को 270 इलेक्टोरल वोटों की जरूरत होती है। अभी डोनाल्ड ट्रंप के पास 246 वोट हैं, जबकि हैरिस 210 वोटों के साथ पीछे चल रही हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दिशा तय करने में सबसे अहम माने जा रहे स्विंग स्टेट्स में डोनाल्ड ट्रंप ने दबदबा दिखाया है। स्विंग स्टेट्स में कुल 93 सीटें हैं। इनमें से 2 स्विंग स्टेट नॉर्थ कैरोलिना और जॉर्जिया में नतीजा आ गया है। दोनों में ट्रम्प ने जीत हासिल की है। इसके अलावा ट्रम्प ने बाकी सभी स्विंग स्टेट्स में बढ़त बना ली है। अगर ट्रम्प इन राज्यों में जीत हासिल करते हैं तो वे चुनाव जीत जाएंगे।

अमेरिका में 50 राज्य हैं, जिनमें से ज्यादातर राज्य डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच बंटे हुए हैं। जो राज्य डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन करते हैं वे ब्लू और जो रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन करते हैं वो रेड स्टेट कहे जाते हैं।वहीं, कुछ ऐसे भी राज्य हैं जो दोनों ही पार्टियों का समर्थन करते हैं। इन राज्यों के वोटर्स किसी भी पार्टी की तरफ स्विंग कर सकते हैं, यानी पलट सकते हैं। इस चुनाव में कुल 7 स्विंग स्टेट्स हैं। पिछली बार डेमोक्रेटिक पार्टी को पेंसिलवेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, नेवाडा, एरिजोना में जीत मिली थी। वहीं, ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को सिर्फ नॉर्थ कैरोलिना में जीत हासिल हुई थी।

स्विंग स्टेट्स में क्या है स्थिति?

1. नॉर्थ कैरोलिना- ट्रम्प को 3.6% के अंतर से जीत मिली

2. एरिजोना- 54% काउंटिंग हुई- 0.72% से ट्रम्प आगे

3. मिशिगन- 63% काउंटिंग हुई- 6% से ट्रम्प आगे

4. विस्कॉन्सिन- 86% काउंटिंग हुई- 4% से ट्रम्प आगे

5. पेन्सिलवेनिया- 88% काउंटिंग हुई- 3% से ट्रम्प आगे

6. जॉर्जिया- ट्रम्प को 2.5% के अंतर से जीत मिली

7. नेवाडा- 68% वोटिंग हुई- ट्रम्प 5% से आगे

जम्मू-कश्मीर में 6 घंटे में दो एनकाउंटर, बांदीपोरा के बाद कुपवाड़ा में भी क आतंकी ढेर

#jammu_kashmir_encounter_between_security_forces_and_terrorists_in_kupwara 

जम्‍मू-कश्‍मीर से आतंक घटनाओं में बढ़ोतरी के बाद भारतीय सुरक्षा बल आतंकियों का सफाया करने में जुटे हैं। इस बीच सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। बताया जा है कि मुठभेड़ लोलाब के जंगलों में हो रही है। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया है। इससे पहले मंगलवार को बांदीपोरा के जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में भी एक आतंकी मारा गया था।

मंगलवार देर रात करीब 11.30 बजे कुपवाड़ा जिले के लोलाब वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। इसके बाद वहां सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जानकारी के मुताबिक आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मार्गी, लोलाब, कुपवाड़ा के सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान शुरू किया है। इस दौरान आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया गया और गोलीबारी शुरू हो गई।

इससे पहले मंगलवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ के बाद भारतीय सेना, जम्मू और कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने ज्‍वाइंट ऑपरेशन बांदीपोरा के चुंटावाड़ी कैतसन क्षेत्र में शुरू किया था। पुलिस ने कहा कि मंगलवार को जम्मू और कश्मीर के बांदीपोरा जिले में मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया, जबकि दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर बांदीपोरा के चुंटापथरी वन क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। चारों तरफ से घिरा पाकर आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने के बाद गोलीबारी शुरू की गई। अधिकारी ने कहा कि गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि सेना का एक जवान और सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया।

इससे पहले सेना ने 2 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। 29 अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने सेना के काफिले पर हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के अखनूर में एक बड़ी मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराया। 20 अक्टूबर को गंदेरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने पर एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई। जिसका बदला लिया गया।

हैदराबाद में शर्मनाक घटना, पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा के मुंह में रखकर फोड़ा पटाखा, अब तोड़ दिया सिर

#hyderabad_broken_head_of_mahatma_gandhi_statue 

हैदराबाद के कुकटपल्ली इलाके में प्रगति नगर झील के पास एक शर्मसार कर देनी वाली घटना सामने आई है। यहां देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया है। सोमवार रात अज्ञात लोगों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।वीडियो में देखा जा रहा है कि महात्मा गांधी की प्रतिमा का सिर तोड़ दिया गया है और वहीं नीचे रखा हुआ है।

सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इस घटना का काफी विरोध किया। शरारती तत्वों की इस हरकत से स्थानीय लोगों में काफी रोष है। बाचुपल्ली पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया है और कार्रवाई की जाने की बात कही है। इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें जल्द पकड़ने का आश्वासन लोगों को दिया है। यह मामला सोमवार, 4 नवंबर की रात का बताया जा रहा है, जिसकी जांच में पुलिस जुट गई है।

इससे पहले दिवाली के मौके आतिशबाजी के बीच भी एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर पहले सामने आया था, जिसमें महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की जा रही थी। यह मामला ठीक दिवाली की रात का है, जहां शहर के बोवेनपल्ली इलाके में कुछ बच्चों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के मुंह में पटाखा रखकर फोड़ा था। हालांकि पुलिस ने वीडियो वायरल होने के मामले का संज्ञान लिया था और सभी बच्चों को पकड़ लिया था।

जंग के बीच नेतन्याहू ने अपने रक्षा मंत्री गैलेंट को क्यों हटाया, क्या इजराइल में सब ठीक नहीं?

#why_israel_pm_benjamin_netanyahu_sacked_his_defence_minister 

गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह सहित एक साथ कई मोर्चों पर इजराइल युद्ध लड़ रहा है। जंग के इस मुश्किल हालात के बीच इजरायल से चौंकाने वाली खबर आई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बर्खास्त कर दिया है। उनकी जगह पूर्व विदेश मंत्री इजरायल काट्ज को रक्षा मंत्री बनाया गया है। नेतन्याहू ने याव गैलेंट को हटाने के लिए 'विश्वास के संकट' को वजह बताई जो 'धीरे-धीरे गहराता जा रहा था।' इसके पीछे पीएमओ की ओर से तर्क दिया गया है कि युद्ध प्रबंधन को लेकर दोनों नेताओं के बीच लगातार मतभेद बढ़ रहे थे।

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “इजरायल के प्रधानमंत्री के रूप में मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी इजरायल की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और हमें निर्णायक जीत की ओर ले जाना है। युद्ध के समय में, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के बीच पूर्ण विश्वास होना बेहद जरूरी है। दुर्भाग्यवश, जबकि शुरुआती महीनों में हमारे बीच यह विश्वास था और हमने बहुत कुछ हासिल किया, हाल के महीनों में मेरे और रक्षा मंत्री के बीच यह विश्वास कम हो गया है।”

बेंजामिन नेतन्याहू ने आगे कहा, “गैलेंट और मेरे बीच ऑपरेशन के मैनेजमेंट को लेकर गंभीर मतभेद उत्पन्न हो गए। ये मतभेद सरकार और कैबिनेट के फैसलों के विपरीत बयानों और कार्यों के साथ सामने आए। मैंने इन मतभेदों को सुलझाने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन ये और बढ़ते गए। ये मुद्दे सार्वजनिक रूप से सामने आए, जो कहीं से भी मंजूर नहीं था, और इससे भी बुरा यह कि हमारे दुश्मनों को इसका फायदा मिला और उन्होंने इसके मजे लिए।

योआव गैलेंट पूर्व इजरायली जनरल हैं, जिन्हें सुरक्षा के प्रति उनके व्यवहारिक और सीधे नजरिए के लिए जाना जाता है। गैलेंट की इजरायल के 13 महीने के गाजा अभियान के दौरान भूमिका के लिए तारीफ की जाती रही है। उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन समेत अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मजबूत संबंध बनाए। गैलेंट के रक्षा मंत्री रहते इजरायली सेना ने ईरान पर सफल हमला किया, जिसमें उसकी मिसाइल सुविधाओं को निशाना बनाया गया।

गाजा में जारी युद्ध के दौरान नेतन्याहू और गैलेंट के बीच कई बार मतभेद उभरे हैं। हालांकि, बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें बर्खास्त करने से परहेज किया। लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा नहीं किया। नेतन्याहू ने पिछले साल मार्च में जब गैलेंट को बर्खास्त करने की कोशिश की थी, तो उनके इस कदम के खिलाफ देश में प्रर्दशन हुआ था। इस बार भी नेतन्याहू के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं। नारेबाजी कर रहे हैं। इजराइल के पीएम और उनके घर के आसपास सभी सड़कें बंद कर दी गई हैं।

अमेरिका में अबकी बार ट्रंप सरकार! बहुमत के करीब पहुंचे, जानें कमला हैरिस का हाल*
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। इस बार अमेरिका में मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिप्बलिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच है।कई राज्यों में मतदान खत्म होने के बाद ही मतगणना शुरू हो गई है और नतीजे भी आने लगे हैं।अमेरिकी मीडिया ने अलबामा, फ्लोरिडा, इंडियाना, केंटकी, मिसौरी, ओक्लाहोमा, साउथ कैरोलिना, टेनेसी और वेस्ट वर्जीनिया में ट्रंप की जीत का अनुमान लगाया है। हैरिस ने मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, वर्मोंट और अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन, डीसी सहित कई राज्यों पर कब्जा कर लिया है। *इन 22 राज्यों में जीत की तरफ ट्रंप* डोनाल्ड ट्रंप को जिन 22 राज्यों में बढ़त मिली है, उनमें व्योमिंग, पश्चिमी वर्जीनिया, टेक्सास, टेनेसी, साउथ डकोटा, साउथ केरोलाइना, ओक्लाहोमा, ओहायो, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, मिसिसिप्पी, लुइसियाना, केंटकी, इंडियाना, फ्लोरिडा, आरकैंसस, एलाबामा, आईओवा, मिजूरी, यूटाह, वेस्ट वर्जिनिया और मोंटाना शामिल हैं। इन राज्यों से ट्रंप को 210 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिल रहे हैं। *ट्रंप ने रुझान आने पर मार-ए-लागो में समर्थकों को संबोधित किया* अमेरिका में आ रहे चुनावी नतीजों के बीच सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को फ्लोरिडा के पाम बीच में अपने मार-ए-लागो क्लब में एकत्रित समर्थकों से संक्षिप्त बातचीत की। चमकदार झूमर और एक बड़ी टेलीविजन स्क्रीन के नीचे खड़े होकर, ट्रंप ने भीड़ को संबोधित किया, जिसमें ट्रंप को चंदा देने वाले लोग, परिवार के सदस्य और करीबी सहयोगी शामिल थे। अपनी खास लाल टाई और गहरे रंग का सूट पहने हुए, ट्रंप को अक्सर अपडेट के लिए अपनी अभियान टीम से सलाह लेते देखा गया। इसमें उनके साथी सीनेटर जेडी वेंस के साथ-साथ संभावित बदलाव में शामिल प्रमुख हस्तियां शामिल थीं, जिनमें हॉवर्ड लुटनिक और लिंडा मैकमोहन शामिल थे। अन्य उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में व्यवसायी डेविड सैक्स, उद्यमी विवेक रामास्वामी और कैसीनो मोगुल स्टीव व्यान शामिल थे।