कनाडा में हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानियों का हमला, श्रद्धालुओं के साथ की मारपीट

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कनाडा में खालिस्तानियों ने एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को मंदिर में हिंदू भक्तों पर हुए हमले की निंदा की है।

कनाडा में हिंदुओं की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। वहां उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है। ताजा मामला ब्रैम्पटन का है, जहां खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर और वहां मौजूद भक्तों पर हमला कर दिया। ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने अचानक से धावा बोल दिया। इस पूरी वारदात का एक वीडियो हिंदू फोरम कनाडा ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है, जिसमें खालिस्तानी हाथों में पीले झंडे लेकर मंदिर परिसर में हंगामा करते हुए दिख रहे हैं। कुछ खालिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं पर डंडे से हमला करते हुए इस वीडियो में देखे जा सकते हैं।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की है। ट्रूडो ने कहा, “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।” उन्होंने समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए पुलिस को धन्यवाद दिया।

वहीं, भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने लाल रेखा पार कर ली है। सांसद ने घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों ने आज एक लाल रेखा पार कर ली है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों द्वारा किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक चरमपंथ कितना गहरा और बेशर्म हो गया है।

घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिंसा और अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को मंदिर में हिंदू भक्तों पर हुए हमले की निंदा की है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सिर्फ निंदा से हो जाएगा। क्योंकि कनाडा में आए दिन हिंदूओं को निशाना बनाया जाता है। मंदिर को भी खूब निशाना बनाया जाता है और इसके दिवारों पर अपशब्द और इसके अंदर तोड़फोड़ की जाती है। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है।

कौन बनेगा जम्मू-कश्मीर विधानसभा का अध्यक्ष? इस नेता के नाम की खूब हो रही है चर्चा

डेस्क: जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष का भी चुनाव होना है। नेशनल कांफ्रेंस (NC) के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का पहला अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है। वे चरार-ए-शरीफ से सात बार विधायक रह चुके हैं।

विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी सत्र के कैलेंडर के अनुसार, सदन सोमवार को पहली बैठक में अध्यक्ष का चुनाव करेगा। नेशनल कांफ्रेंस (NC) के सूत्रों ने कहा कि पार्टी की ओर से 80 वर्षीय राथर को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने की पूरी संभावना है। नेकां के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘‘हम सहज स्थिति में हैं क्योंकि सत्ता पक्ष के पास पर्याप्त संख्या है। अब राथर साहब विधानसभा का अध्यक्ष बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’

अब्दुल रहीम राथर इससे पहले पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं। वह 2002 से 2008 तक विपक्ष के नेता भी थे जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने राज्य में शासन किया था। विधायक दल की रविवार को हुई बैठक के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए नरिंदर सिंह रैना को अपना उम्मीदवार नामित किया। हालांकि भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किसी उम्मीदवार का नाम नहीं बताया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि विधानसभा में इन प्रमुख पदों पर सरकार और विपक्ष के बीच कोई अनौपचारिक सहमति बनी है या नहीं।

छह साल से अधिक के अंतराल के बाद सोमवार को सदन की बैठक होगी। विधानसभा का आखिरी सत्र जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से एक साल पहले 2018 की शुरुआत में आयोजित किया गया था। विधानसभा सत्र के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं। सदन की बैठकों के कैलेंडर के अनुसार, सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और इसके बाद उपराज्यपाल (LG) का अभिभाषण होगा।

कल्पना नहीं है रामायण गाथा, चीन ने भी खोजे "प्रभु श्रीराम के पदचिह्न"

डेस्क: प्रभु श्रीराम और उनकी रामायण गाथा काल्पनिक नही है। अब चीन ने भी प्रभु श्रीराम के पद चिह्न खोजने का दावा किया है। इससे पहले नासा समेत कई अन्य रिपोर्ट में श्रीराम सेतु समेत अन्य प्रमाणों के जरिये प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को प्रमाणित किया जा चुका है। हिंदुओं में आराध्य देव श्रीराम के वास्तविक अस्तित्व पर अब चीनी स्कॉलरों ने भी अपनी मुहर लगा दी है। इससे साफ हो गया है कि प्रभु श्रीराम ने वास्तव में पृथ्वी पर त्रेता युग में अवतार लिया था और उनकी रामयण गाथा काल्पनिक नहीं थी।

चीनी विद्वानों ने कहा है कि चीन के पास सदियों से बौद्ध धर्मग्रंथों में छिपी रामायण की कहानियों के पदचिह्न हैं, जो शायद पहली बार देश के उतार-चढ़ाव वाले इतिहास में हिंदू धर्म के प्रभाव को सामने ला रहे हैं। शनिवार को बीजिंग में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित "रामायण- एक कालातीत मार्गदर्शिका" संगोष्ठी में धार्मिक प्रभावों पर लंबे समय से शोध से जुड़े कई चीनी विद्वानों ने उन ऐतिहासिक मार्गों का पता लगाते हुए स्पष्ट प्रस्तुतियां दीं, जिनके माध्यम से रामायण चीन तक पहुंची और चीनी लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा। चीनी स्कॉलरों ने अपने शोध के दौरान प्रभु श्रीराम के पदचिह्नों की खोज करने का प्रमाणिक दावा किया है।

कला और साहित्य सिंघुआ विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड एरिया स्टडीज के प्रोफेसर और डीन डॉ. जियांग जिंगकुई ने कहा, " इस खोज के साथ धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दुनिया को आपस में जोड़ने वाली एक क्लासिक के रूप में रामायण का प्रभाव अंतर-सांस्कृतिक प्रसारण के माध्यम से और भी अधिक बढ़ गया है।" उन्होंने कहा, "चीन ने भी इस महाकाव्य के तत्वों को आत्मसात कर लिया है, जिसने न केवल चीनी (बहुसंख्यक) हान संस्कृति में निशान छोड़े, बल्कि चीनी ज़िज़ांग (तिब्बती) संस्कृति में भी इसकी पुनर्व्याख्या की और नए अर्थ दिए।" बता दें कि चीन आधिकारिक तौर पर तिब्बत को ज़िज़ांग कहता है।

जियांग ने कहा, "यह सांस्कृतिक प्रवास और अनुकूलन एक क्लासिक और सांसारिक पाठ के रूप में रामायण के खुलेपन और लचीलेपन को प्रदर्शित करता है।" चीन में रामायण से संबंधित सबसे प्रारंभिक सामग्री मुख्य रूप से बौद्ध धर्मग्रंथों के माध्यम से हान सांस्कृतिक क्षेत्र में पेश की गई थी। हालांकि इसे हान सांस्कृतिक क्षेत्र में एक पूर्ण कार्य के रूप में शामिल नहीं किया गया था। उन्होंने बौद्ध लिपियों के चीनी अनुवाद का हवाला देते हुए कहा, रामायण महाकाव्य के कुछ हिस्सों को बौद्ध धर्मग्रंथों में शामिल किया गया था, जिसमें "दशरथ और हनुमान जैसे प्रमुख व्यक्तियों को बौद्ध पात्रों के रूप में जाना गया था" ”।

जियांग ने कहा, " रामायण की वास्तविकता का एक प्रसिद्ध उदाहरण यह है कि हनुमान को वानरों के राजा के रूप में दिखाया गया था, जो क्लासिक बौद्ध नैतिक आख्यानों में मिश्रित था और जो बौद्ध शिक्षाओं का पालन करते थे। सन वुकोंग के नाम से जाने जाने वाले मानवीय विशेषताओं वाले बंदर राजा चीनी साहित्य और लोककथाओं में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला और सबसे स्थायी स्थान पर बना हुआ है। चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रैटेजीज के प्रो लियू जियान ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि कई चीनी विद्वान इस बात से सहमत हैं कि सन वुकोंग का पता हनुमान से लगाया जा सकता है। चीनी विद्वान आम तौर पर इस बात से सहमत हैं कि सन वुकोंग की छवि हनुमान जी जैसी है। इसलिए सन वुकोंग भारत का एक चरित्र है।

'चीन में राम के पदचिन्ह' विषय पर बोलते हुए, सिचुआन विश्वविद्यालय के चीन दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के मुख्य विशेषज्ञ और उप निदेशक प्रोफेसर किउ योंगहुई ने अपनी प्रस्तुति में संग्रहालय क्वानझोउ में विभिन्न हिंदू देवताओं की एक विस्तृत विविधता की तस्वीरें प्रदर्शित कीं। चीन के फ़ुज़ियान प्रांत में उन्होंने एक हिंदू पुजारी द्वारा प्रबंधित बौद्ध मंदिर की तस्वीर भी दिखाई। “यह मुख्य रूप से बौद्ध धर्म के माध्यम से था कि भारतीय संस्कृति ने चीन में अपना गढ़ बनाया। यही कारण है कि भारत-चीन सांस्कृतिक संबंधों के इतिहास में हिंदू धर्म का स्थान नगण्य है।" उन्होंने कहा, "बहुआयामी भारतीय संस्कृति - बौद्ध और गैर-बौद्ध दोनों - ने चीनी धरती पर अपनी छाप छोड़ी।"

जियांग ने अपने भाषण में यह भी याद किया कि कैसे सातवीं शताब्दी के प्रसिद्ध चीनी विद्वान जुआनज़ैंग ने भारत का दौरा किया था, उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था और अपने तीर्थयात्रा के दौरान सुनी गई रामायण कहानियों का विस्तृत विवरण प्रदान करने वाले कई बौद्ध धर्मग्रंथ वापस लाए थे। “हालांकि रामायण की हिंदू पृष्ठभूमि और चीन में बौद्ध धर्म की प्रबलता के कारण इसके पाठ का न तो पूरी तरह से अनुवाद किया गया और न ही हान संस्कृति के भीतर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया।

भारतीय साहित्यिक क्लासिक तक पहुंच प्रदान की और चीन-भारत सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक नया पुल स्थापित किया।" उन्होंने कहा, जी ने चौबीस हजार छंदों के इस विशाल कार्य का अनुवाद करने के लिए लगभग एक दशक समर्पित किया और उनका संस्करण चीन में रामायण के अध्ययन के लिए आधारशिला बन गया है। जियांग ने कहा कि तिब्बत में रामायण के प्रभाव का अधिक व्यापक और दीर्घकालिक इतिहास है, जहां इसे पहली बार तुबो साम्राज्य की अवधि के दौरान पेश किया गया था। साहित्यिक कृतियों और नाट्य प्रदर्शनों के माध्यम से, रामायण न केवल तिब्बती विद्वानों के बीच गहन अध्ययन का विषय बन गया है, बल्कि तिब्बत में आम लोगों के बीच भी व्यापक लोकप्रियता हासिल की है।

आदर्श व्यक्तित्व की व्याख्या है रामायण महाकाव्य

जियांग ने कहा, "यह एक अंतर-सांस्कृतिक क्लासिक के रूप में रामायण की शक्तिशाली जीवन शक्ति को प्रदर्शित करता है।" “रामायण न केवल एक महाकाव्य है, बल्कि आदर्श व्यक्तित्व और आदर्श समाज की गहन व्याख्या भी है। उन्होंने कहा कि श्रीराम के कार्यों और शब्दों के साथ-साथ 'राम राज्य' की स्थापना के माध्यम से महाकाव्य भारतीय संस्कृति में 'आदर्श' की अवधारणा के कई आयाम प्रस्तुत करता है।

राहुल गांधी पर हिमंत विश्व शर्मा ने बोला हमला, कहा- 'वे लगातार हिंदू समाज को बांटने का काम कर रहे'

डेस्क: झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी दल अपना दमखम दिखाकर जनता को लुभाने में लगे हुए हैं। साथ ही एक-दूसरे पर लगातार हमला भी कर रहे हैं। आज असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के सह प्रभारी ने टोटो में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी पर हमला बोला। साथ ही झारखंड में घुसपैठियों को बड़ा खतरा भी बताया। उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे लगातार हिंदू समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। ऐसे में एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मैं लोकसभा चुनाव में भी यहां आया था, लेकिन अभी लोगों में जोश और उमंग काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है। हम इस चुनाव में इस बार निश्चित जीत दर्ज करेंगे। आगे कहा, "झारखंड में घुसपैठिए आते हैं, जिन्होंने हमारे आदिवासी समाज और हिंदू समाज की पहचान को खतरे में डाल दिया है। राहुल गांधी ने हिंदू समाज को बांटने का लगातार प्रयास किया है। यह एकजुट रहने का समय है। एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, नहीं तो घुसपैठिए आपकी मिट्टी और बेटी छीन लेंगे।"

जानकारी दे दें कि देश के दो राज्यों (महाराष्ट्र और झारखंड) में विधानसभा चुनाव हैं। साथ ही यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में उपचुनाव हैं। ऐसे में बीजेपी सभी चुनावी राज्यों में यह नारे लगा रही है कि 'कटेंगे तो बंटेंगे', साथ ही 'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे'। इसकी शुरुआत सीएम योगी आदित्यनाथ के एक पोस्टर से हुई,जिसमें सीएम योगी की फोटो के साथ लिखा गया कि 'कटेंगे तो बंटेंगे'। फिर कुछ दिन बाद पीएम मोदी ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि साथ 'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे'। तब से बीजेपी के नेता इस नारे का इस्तेमाल कर जनता को वोट अपनी ओर करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

साउथ के मशहूर डायरेक्टर गुरुप्रसाद ने की आत्महत्या, अपार्टमेंट में सड़ी-गली अवस्था में मिला शव

डेस्क: लोकप्रिय कन्नड़ फिल्म निर्माता गुरुप्रसाद ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। निर्माता ने सीलिंग फैन से लटककर आत्महत्या की। उनका शव उनके कर्नाटक स्थित घर में सड़ी-गली अवस्था में मिला है। फिल्म निर्माता का 52 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें 'एडेलु मंजूनाथ' और 'डायरेक्टर्स स्पेशल' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता था। उन्हें बेंगलुरु के मदनायकना हल्ली में उनके अपार्टमेंट में मृत पाया गया। बताया जा रहा है कि गुरुप्रसाद ने पैसों की तंगी के चलते सुसाइड किया। गुरुप्रसाद के अचानक निधन से फिल्म इंडस्ट्री के लोग सदमे में है।

एसपी सीके बावा ने गुरुप्रसाद की मौत की पुष्टि की और बताया कि 5-6 दिन पहले कन्नड़ फिल्म निर्माता को अपने अपार्टमेंट में घुसते हुए देखा गया था और फिर वे गायब हो गए। इसके अलावा, शव की हालत से पता चलता है कि गुरुप्रसाद ने 5-6 दिन पहले आत्महत्या की होगी। बावा ने यह भी कहा कि फिल्म निर्माता पैसों की तंगी से जूझ रहे थे और इसके चलते उन्होंने आत्महत्या की है। अभी हमारे पास सिर्फ इतनी जानकारी है। पुलिस उनकी मृत्यु के समय और परिस्थितियों की पुष्टि करने के लिए जांच कर रही है।

पुलिस उनकी मौत के समय और परिस्थितियों की पुष्टि करने के लिए जांच कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, उनके घर से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। जांच करने पर अधिकारियों को पता चला कि गुरुप्रसाद छत के पंखे से लटके हुए थे, जिससे पता चलता है कि उन्होंने कई दिन पहले आत्महत्या की थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि गुरुप्रसाद लोगों से लिए कर्ज की वजह से तनाव में रहते थे। वह लेनदारों के दबाव में थे, जिसके कारण उन्होंने परेशान होकर आत्महत्या करने का फैसला लिया। हाल ही में उन्होंने दूसरी शादी की तैयारी के लिए भी कर्ज लिया था जो वो नहीं चुका पाए और कन्नड़ फिल्म निर्माता गुरुप्रसाद पर पैसों का भुगतान न करने का आरोप लगाया था।

फिल्म निर्माता के अलावा, गुरुप्रसाद ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया था और इन दिनों वह अपनी अपकमिंग फिल्म 'एडेमा' की शूटिंग में बिजी थे। अब गुरुप्रसाद की मौत के बाद इस फिल्म की शूटिंग अधूरी रह गई।

आतंकियों ने सीआरपीएफ बंकर पर ग्रेनेड हमला किया, ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन के बाहर हुई वारदात, 10 से ज्यादा घायल

डेस्क: जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। इस बार आतंकियों ने ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन के बाहर सीआरपीएफ बंकर पर ग्रेनेड हमला किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस हमले में 10 से 12 लोग घायल हैं।

हाल ही में खबर सामने आई थी कि श्रीनगर के खानियार इलाके में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर उस्मान भाई को ढेर कर दिया था। आईजीपी कश्मीर वी के बिरदी ने लश्कर कमांडर उस्मान के मारे जाने की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया कि उस्मान आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में शामिल था। वह गैर कश्मीरियों और सुरक्षाबलों पर हमलों में शामिल था। साथ ही वह इंस्पेक्टर मसरूर की हत्या में भी शामिल था।

श्रीनगर के खानयार इलाके में शनिवार सुबह हुई मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए थे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद खानयार इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और तलाश अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ जारी है और एक आतंकवादी को ढेर कर दिया गया है। मारा गया आतंकवादी पाकिस्तानी था और लश्कर-ए-तय्यबा से जुड़ा था।

यूपी के मुजफ्फरनगर में गोवर्धन पूजा के दौरान हंगामा, समुदाय विशेष के लोगों ने हिंदू परिवार के घर में घुसकर गोवर्धन पूजा पर थूका, पिटाई भी की


डेस्क : यूपी के मुजफ्फरनगर में गोवर्धन पूजा के दौरान बवाल हो गया है। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने एक हिंदू परिवार के घर में घुसकर उनकी पिटाई की है और गोवर्धन पूजा के ऊपर थूक दिया है। इस दौरान पूजा कर रहे हिंदू परिवार के साथ मारपीट और युवतियों से छेड़छाड़ की बात भी सामने आई है। मुजफ्फरनगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र की कच्ची सड़क पर उस समय बड़ा बवाल हो गया, जब मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने पड़ोसी हिंदू के घर में घुसकर गोवर्धन पूजा कर रहे परिवार के लोगों से मारपीट की और युवतियों के साथ छेड़छाड़ की। मिली जानकारी के मुताबिक, जिस समय पीड़ित परिवार अपने घर में गोवर्धन की पूजा कर रहा था, उसी दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घर में घुसकर घटना को अंजाम दे दिया। इस घटना में जहां पीड़ित परिवार के लोगों को चोटें भी आई हैं, तो वहीं आरोप है कि घटना के दौरान आरोपियों ने गोवर्धन पूजा पर भी थूका है। जैसे ही ये घटना सामने आई, बीजेपी के नगर विधायक एवं प्रदेश सरकार के मंत्री कपिलदेव अग्रवाल तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को आरोपियों को गिरफ्तारी के आदेश दिए। वहीं जनपद के आलाधिकारी भी सूचना पर तुरंत भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और एक आरोपी युवक को हिरासत में लेते हुए पीड़ित परिवार को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराकर मामले को शांत कराया। इस दौरान पीड़ित परिवार के एक बच्चे ने बताया कि एक लड़के ने मेरी बहन के ऊपर थूका। जब मैंने उसे मना किया तो उसने मेरे साथ मारपीट की। हमारे साथ बदतमीजी की गई और बाल पकड़कर मारा। मेरी दोनों बहनों के चोट लगी है। मेरे पापा मौजूद नहीं थे। मेरी मंमी के भी चोट लगी है। हम पर प्रेशर डाला जा रहा है कि यह मकान बेचो। इन लोगों ने गोवर्धन पूजा पर भी थूका। हम चाहते हैं कि कार्रवाई हो। ये लोग हर त्यौहार में परेशान करते हैं। सीओ सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि आज शाम थाना सिविल लाइन के अंतर्गत कच्ची सड़क पर बस्ती में दो पक्षों के बीच में छेड़खानी एवं मारपीट की घटना हुई। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची तो पता चला कुछ व्यक्तियों ने उनके परिवारजनों के साथ छेड़छाड़ और मारपीट की है। पुलिस ने तत्काल अभियुक्त को हिरासत में लिया। वादी का जो परिवार है, उनसे एक तहरीर प्राप्त कर ली गई है। सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। हमें तहरीर दी गई है और यह जांच का विषय है। इस मामले पर जांच की जा रही है। जो भी उचित कार्रवाई होगी, की जाएगी। फिलहाल मौके पर शांति है। सबसे अपील है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: विधायक जी 2009 में 12वीं पास थे, अब आठवीं पास, चुनावी हलफनामे में भी झूठ

डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता असलम शेख का शिक्षा घोटाला सामने आया है। असलम शेख ने अपने चुनावी हलफनामे में खुद को आठवीं पास बताया है, जबकि 2009 में उन्होंने खुद को 12वीं पास बताया था। बीजेपी ने असलम शेख के इस फर्जीवाड़े पर तंज कसा है। बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष तिजिन्दर तीवाना ने कहा कि इस शिक्षा घोटाले से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायक रहते हुए असलम शेख ने कितने घोटाले किए होंगे।

महाराष्ट्र में कांग्रेस के असलम शेख के शिक्षा घोटाले से पहले झारखंड में झामुमो के हेमंत सोरेन का उम्र घोटाला सामने आ चुका है। चुनावी हलफनामे के अनुसार पांच साल में हेमंत सोरेन की उम्र सात साल बढ़ी है। बीजेपी ने इस पर भी झारखंड के मुख्यमंत्री को घेरा है।

बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष तिजिन्दर तीवाना ने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस विधायक से सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि सोचो जरा जिस व्यक्ति ने अपनी शिक्षा के साथ इतना घोटाला किया है, उसने जनता के साथ और विधायक फंड के साथ क्या-क्या किया होगा। उन्होंने कहा "जो व्यक्ति शिक्षा के स्तर पर 12वीं पास से आठवीं पास पर आ गया वह मलाड के विकास के स्तर को कितना पीछे ले गया होगा यह भी सोचने वाली बात है। असलम भाई मलाड की जनता को लॉलीपॉप बांटते हैं, ये तो सबको पता था, लेकिन उन्होंने चुनाव आयोग को ही गोली दे दी।"

इजरायली सेना के हाथ लगी बड़ी सफलता, हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर को पकड़ा

डेस्क : इजरायल की नौसेना ने उत्तरी लेबनान में हिजबुल्लाह के एक टॉप कमांडर को पकड़ लिया है। इजरायली सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने हिरासत में लिए गए व्यक्ति का नाम बताए बिना बताया कि यह कार्रवाई उत्तरी लेबनान के बातरुन शहर में हुई। इससे पहले शनिवार को लेबनानी अधिकारियों ने कहा था कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इजरायल ने लेबनानी समुद्री कप्तान को पकड़ लिया है, जिन्हें शुक्रवार को बातरुन के तट पर उतरे हथियारबंद लोगों के एक समूह अपने साथ ले गये थे। अधिकारी ने बताया, ‘‘पकड़े गये शीर्ष सदस्य को इजरायली क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है और वर्तमान में उससे पूछताछ की जा रही है।’’

दरअसल, लेबनानी सेना के दो अधिकारियों ने बताया कि नौसेना की एक टीम बेरूत के उत्तर में बातरुन में उतरी और एक लेबनानी नागरिक का अपहरण कर लिया। न तो उस व्यक्ति की पहचान बताई गई और न ही यह बताया गया कि क्या ऐसा माना जाता है कि उसका संबंध लेबनान के हिजबुल्लाह समूह से है। उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं की कि हथियारबंद लोग इजरायली बल के थे या नहीं। लेबनान के अधिकारियों ने उन्होंने कहा कि कैप्टन का हिजबुल्लाह से संबंध हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या वह व्यक्ति हिजबुल्लाह से जुड़ा है या किसी इजरायली जासूसी एजेंसी के लिए काम कर रहा है और एक इजरायली बल उसे बचाने के लिए आया था।

वहीं इजरायल की ओर से इस ऑपरेशन के बारे में सार्वजनिक सूचना दिए जाने के बाद लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने लेबनान के विदेश मंत्री से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजरायल के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए कहा। बता दें कि इससे पहले भी इजराइल ने अतीत में लेबनान के अंदर हिजबुल्लाह और फिलिस्तीनी अधिकारियों के अपहरण या हत्या के लिए कमांडो ऑपरेशन चलाए हैं। वहीं दक्षिण लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के प्रवक्ता कैंडिस अर्डील ने कुछ स्थानीय पत्रकारों के आरोपों से इनकार किया, जिन्होंने कहा था कि शांति

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर 3 महीने में 2000 से ज्यादा हमले, अब सड़क पर उतरे हिंदू, सरकार से की ये मांग

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों ने सरकार से सुरक्षा की मांग करते हुए रैली की। हिंदू समुदाय के लगभग 300 लोग शनिवार को ढाका में यह मांग करने के लिए इक्ट्ठा हुए कि मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में अंतरिम सरकार उन्हें हमलों और उत्पीड़न से बचाए और हिंदू समुदाय के नेताओं के खिलाफ देशद्रोह के मामले हटा दे।

रैली करते हिंदू समुदाय ने कहा, जब से बांग्लादेश में अगस्त के महीने में तख्तापलट हुआ है तब से अब तक हिंदू समुदाय पर हजारों अटैक हुए हैं। देश के अल्पसंख्यक समूह बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल ने हिंदुओं पर हो रहे अटैक को लेकर कहा कि 4 अगस्त के बाद से हिंदुओं पर 2,000 से ज्यादा हमले हुए हैं, क्योंकि अंतरिम सरकार व्यवस्था बहाल करने के लिए संघर्ष कर रही है। रैली के दौरान हिंदू समुदाय ने प्रयाप्त सुरक्षा नहीं देने और करने का भी आरोप लगाया।