नवंबर आ गया लेकिन सर्दी नहीं आई, जानें क्या है ला नीना, जिसके न बनने से अब तक गर्म है मौसम

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नवंबर का महीना शुरु हो गया है। बावजूद सुबह और शाम की सिहरन को छोड़ दें तो, पूरे उत्तर भारत में ठंड का कहीं नामोनिशान नहीं दिख रहा। पंखे अभी भी पूरी स्पीड में घूम रहे हैं। अब लोग सर्दी का इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, अभी ठंड के लिए लोगों को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो हफ्ते तक देशभर में गर्मी का प्रकोप देखने को मिलेगा। उसके बाद ही मौसम में कुछ बदलाव आने की संभावना है। मौसम विभाग की माने तो 15 नवंबर के बाद से दिन में भी सर्दी का एहसास होने लगेगा।

अभी ला नीना की स्थिति विकसित नहीं हुई

भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि हम सर्दियों के आगमन की तारीख इसलिए नहीं बता पा रहे हैं क्योंकि ला नीना अभी तक विकसित नहीं हुआ है। इसलिए मौसम विभाग इस समय सर्दियों के बारे में स्पष्ट भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि ला नीना आमतौर पर सर्दियों के दौरान उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में तापमान में गिरावट से जुड़ा होता है। अनुकूल परिस्थितियां होने के बावजूद ला नीना की स्थिति अभी तक विकसित क्यों नहीं हुई, इसका पता लगाने के लिए शोध चल रहा है।

ला नीना की वजह से बहुत ज्यादा ठंड के आसार

मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष ला नीना की वजह से भारत में कम अवधि के दौरान बहुत ज्यादा ठंड पड़ने के आसार हैं। ला नीना के कारण समुद्र का तापमान ठंडा हो जाता है। ला नीना के दौरान प्रशांत तट से दूर का पानी सामान्य से ज्यादा ठंडा होता है, इसलिए उससे टकराकर लौटने वाली हवा ठंड को बेहद तीखा कर देती हैं।

क्या है ला नीना?

ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाला एक मौसम पैटर्न है। इस पैटर्न में तेज हवाएं दक्षिण अमेरिका से इंडोनेशिया तक समुद्र की सतह पर गर्म पानी उड़ाती हैं। जैसे जैसे गर्म पानी पश्चिम की ओर बढ़ता है, दक्षिण अमेरिका के तट के पास गहरे पानी से ठंडा पानी सतह पर आ जाता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार नवंबर 2024 से फरवरी 2025 तक संभावना है कि ला नीना की प्रबलता 60 फीसदी बढ़ जाएगी।

कनाडा का भारत विरोधी चेहरा खुलकर आया सामने, अब बताया-खतरा पैदा करने वाला देश*
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कनाडा और भारत के रिश्ते बेपटरी हो चुके हैं। कनाडा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगातार भारत पर लगाता रहा है। हालांकि हाल के दिनों में कनाडा की तरप से हो रही हरकतों ने सारी हदें पार कर दी है।कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने आधिकारिक दस्तावेज में पहली बार भारत को 'दुश्मन देश' की सूची में डाला है। कनाडा के लिए राष्ट्रीय साइबर खतरा आकलन 2025-26 की रिपोर्ट में भारत का नाम खतरे वाले देशों में शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट को कनाडा के साइबर सुरक्षा केंद्र ने जारी किया है। भारत को चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के साथ 'राज्य के विरोधी' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसमें भारत को कनाडा का विरोधी देश कहा गया है। कनाडा के साइबर विभाग ने 31 अक्टूबर को रिपोर्ट जारी की। इसमें 2025-26 में खतरा पैदा करने वाले देशों के नाम हैं।इस लिस्ट में भारत को चीन, रूस, ईरान, उत्तर कोरिया के बाद पांचवें नंबर पर रखा गया है। गवर्नमेंट ऑफ कनाडा की ऑफिशियल वेबसाइट पर यह लिस्ट मौजूद है। कनाडा ने साइबर सुरक्षा के लिए कनाडाई केंद्र द्वारा प्रकाशित अपनी वार्षिक खतरे की रिपोर्ट में कहा कि वह भारत से तथाकथित राज्य प्रायोजित हैकिंग और साइबर जासूसी के प्रयासों के लिए तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि कनाडा और भारत के बीच आधिकारिक द्विपक्षीय संबंधों के कारण कनाडा के खिलाफ भारत द्वारा प्रायोजित साइबर खतरे की गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। भारत साइबर प्रोग्राम के जरिए जासूसी, आतंकवाद का मुकाबला, काउंटर नैरेटिव तैयार करना और दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-कनाडा तनाव की वजह से हैकिंग की घटनाओं को बढ़ावा मिला है। भारत पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। एक भारत समर्थक हैकिंग ग्रुप ने दावा किया है कि उसने कनाडा की वेबसाइट्स को नुकसान पहुंचाया है। इससे कनाडा आर्म्ड फोर्स की एक वेबसाइट भी प्रभावित हुई। रिपोर्ट में भारत को चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के साथ “राज्य विरोधी” के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है। कनाडा ने भारत पर कनाडा के लिए खतरा पैदा करने वाले ‘साइबर कार्यक्रम’ बनाने का भी आरोप लगाया। बता दें कि ट्रूडो सरकार का भारत के खिलाफ नया हमला है। इसके पहले अक्तूबर में कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के माले में पर्सन ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया था, जिसके बाद भारत ने वर्मा समेत छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था। इसके साथ ही नई दिल्ली ने छह कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया था। भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताया था और इसे जस्टिन ट्रूड की घरेलू वोट बैंक को खुश करने के लिए उठाया गया कदम कहा था।
पीएम मोदी की वार से बौखलाए खरगे, झूठ, छल, जालसाजी, लूट और प्रचार को बताया बीजेपी के पांच विशेषण*
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कांग्रेस और बीजेपी के बीच रार मची हुई है। कांग्रेस-बीजेपी के बीच सोशल मीडिया वॉर शुरू हो गया है। पहले कांग्रेस ने खुद को ही कटघरे में खड़ा किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी गारंटी के मुद्दे पर अपनी ही पार्टी को नसीहत दी। इसके बाद बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक लिया। खुद पीएम मोदी ने खरगे की आलोचना की और कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया। जिसके बाद अब फिर शुक्रवार को मल्लिकार्जुन खरगे ने फिर पीएम मोदी पर सोशल मीडिया के जरिए हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट किया कि झूठ, छल, जालसाजी, लूट और प्रचार ये 5 विशेषण हैं, जो सरकार को सबसे अच्छे से परिभाषित करते हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस शासित राज्य सरकारों पर निशाना साधने के बाद पार्टी अध्यक्ष खरगे समेत कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने पलटवार करते हुए अपने उपलब्धियों को गिनाया और बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला बोला। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मुख्य विपक्षी दल पर उंगली उठाने से पहले ध्यान दें कि "मोदी की गारंटी" 140 करोड़ भारतीय नागरिकों के साथ एक क्रूर मजाक है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर झूठ, छल और कपट का आरोप लगाया और यह दावा भी किया कि भारतीय जनता पार्टी का मतलब विश्वासघात और जुमला है। प्रधानमंत्री मोदी ने खरगे के चुनावी वादों को लेकर दिए बयान के बाद कांग्रेस पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अब यह एहसास हो रहा है कि झूठे वादे करना आसान है, लेकिन उन्हें लागू करना मुश्किल या असंभव है। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "नरेन्द्र मोदी जी, झूठ, छल, कपट, लूट और प्रचार , ये 5 विशेषण हैं, जो आपकी सरकार का सबसे अच्छा वर्णन करते हैं। 100 दिवसीय योजना के बारे में आपका ढोल पीटना एक सस्ता पीआर स्टंट था।" उन्होंने कहा, "16 मई, 2024 को आपने यह भी दावा किया था कि आपने 2047 के रोडमैप के लिए 20 लाख से अधिक लोगों से राय ली थी। पीएमओ में दायर आरटीआई ने आपके झूठ को उजागर करते हुए विवरण देने से इनकार कर दिया।" *बीजेपी का नया मतलब बताया* उन्होंने दावा किया कि बीजेपी (भाजपा) में 'बी' का मतलब विश्वासघात है, जबकि 'जे' का मतलब जुमला है। उन्होंने सवाल किया, " प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन भारत में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर क्यों है? जहां भी मुट्ठी भर नौकरियों के लिए रिक्तियां होती हैं, वहां भगदड़ क्यों देखी जाती है? 7 साल में 70 पेपर लीक का ज़िम्मेदार कौन? सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचकर किसने छीनी 5 लाख सरकारी नौकरियाँ?" *विकसित भारत का क्या हुआ?* कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि देश में आर्थिक असमानता 100 साल के उच्चतम स्तर पर है। खरगे ने कहा, "विकसित भारत का क्या हुआ? जो कुछ भी आप बनाने का दावा करते हैं वह ताश के पत्तों की तरह ढह रहा है। महाराष्ट्र में शिवाजी की मूर्ति का उद्घाटन आपके द्वारा किया गया, दिल्ली हवाई अड्डे की छत, अयोध्या में राम मंदिर की छत ढह गई और अटल सेतु में दरारें आ गईं।’’ उन्होंने कहा कि अनगिनत रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि "रील मंत्री" प्रचार में व्यस्त हैं। *ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा का क्या हुआ?* खरगे ने कहा, "ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा का क्या हुआ? हमारे पास आपके लिए केवल दो शब्द हैं - मोदानी मेगा घोटाला और सेबी अध्यक्ष। जबरन वसूली करके असंवैधानिक चुनावी बॉन्ड के माध्यम से लूट करना भाजपा का सबसे बड़ा वित्तीय अपराध है।" उन्होंने सवाल किया कि ‘‘मैं देश नहीं झुकने दूंगा" का क्या हुआ? उन्होंने दावा किया कि गलवान के बाद प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट, चीनी निवेश के लिए लाल कालीन बिछाई गई और हर पड़ोसी देश के साथ रिश्ते खराब हुए। * ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘जय किसान, जय जवान’ का क्या हुआ?* खरगे ने सवाल किया कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘जय किसान, जय जवान’ का क्या हुआ? उन्होंने दावा किया, "अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एससी/एसटी महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में 2014 की तुलना में 2022 में 1.7 गुना वृद्धि देखी गई।" *"अच्छे दिन कहां हैं मोदी जी?* कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि "निष्ठाहीन, प्रतिशोधी और काम न करने वाले नेताओं" को कांग्रेस की सरकारों पर संदेह पैदा करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल किया, "अच्छे दिन कहां हैं मोदी जी? अमृतकाल कहां है? वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास, 100 स्मार्ट सिटी या नोटबंदी के फायदों के बारे में आपने (प्रधानमंत्री) लोगों से जो झूठ बोला उसका क्या हुआ?
अंधेरे के साये में बांग्लादेश, अडानी पावर ने बिजली आपूर्ति बंद कर दी, जानें क्या है वजह*
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तख्तापलट के बाद भी बांग्लादेश की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। अभी भी पड़ोसी देश प्रदर्शनों के दौर से गुजर रहा है। इस बीच बांग्लादेश को एक और नई मुसीबत ने घेर लिया है। दरअसल, अडानी पावर की सब्सिडरी कंपनी अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) ने बांग्लादेश को अपनी बिजली सप्लाई घटाकर आधा कर दी है। अडानी ग्रुप ने बकाया बिलों के कारण पड़ोसी देश को दी जाने वाली अपनी बिजली आपूर्ति में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी है।एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश पर अडानी पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल) का 846 मिलियन डॉलर बकाया है। समाचार पत्र 'डेली स्टार' में शुक्रवार को छपी एक खबर के मुताबिक, पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के आंकड़ों से पता चला है कि अडाणी ग्रुप के पावर प्लांट ने गुरुवार रात से सप्लाई घटा दी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश ने गुरुवार और शुक्रवार के बीच की रात में 1600 मेगावाट से ज्यादा बिजली की किल्लत की सूचना दी। इसकी वजह ये है कि करीब 1496 मेगावाट क्षमता वाला प्लांट अब एक यूनिट से 700 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन कर रहा है। *अडानी कंपनी ने पहले ही लिखा था पत्र* इससे पहले अडानी कंपनी ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को एक पत्र लिखकर बांग्लादेश बिजली विकास बोर्ड (पीडीबी) से 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने को कहा जाए। अडानी समूह की कंपनी ने 27 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा था कि यदि बकाया बिलों का भुगतान नहीं होता है तो वह 31 अक्टूबर को बिजली आपूर्ति निलंबित करके बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के तहत उपतचारात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होगी। *17 करोड़ डॉलर के लोन पर भी मुकर गया बांग्लादेश* अडाणी पावर ने कहा कि पीडीबी ने न तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 17 करोड़ डॉलर के लोन की सुविधा दी है और और न ही 84.6 करोड़ डॉलर के बकाया राशि का भुगतान किया है। डेली स्टार ने पीडीबी के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि पिछले बकाये का एक हिस्सा पहले चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से अडानी पावर झारखंड लिमिटेड पिछले महीनों की तुलना में ज्यादा चार्ज कर रही है। उन्होंने कहा कि पीडीबी हर हफ्ते करीब 1.8 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रहा है, जबकि चार्ज 2.2 करोड़ डॉलर से ज्यादा है, जिसकी वजह से बकाया बढ़ गया है।
चुनावी गारंटी स्कीम पर खरगे ने दिया बयान, तो पीएम मोदी ने कसा तंज, बोले- झूठे वादे करना आसान, लागू करना मुश्किल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के चुनावी वादों को लेकर दिए बयान के बाद कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर कांग्रेस के चुनावी वादों पर सवाल उठाए।पीएम ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी इस बात को भली-भांति समझ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही ढंग से लागू करना कठिन या असंभव है। दरअसल, हाल ही में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का एक बयान आया था कि राज्य सरकार ‘शक्ति’ गारंटी योजना की समीक्षा करेगी। इस स्कीम के तहत राज्य में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलती है। इस पर खरगे ने कहा था कि बजट के आधार पर ही घोषणा करनी चाहिए अन्यथा राज्य दिवालियापन हो जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को काग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर कांग्रेस के चुनावी वादों पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी यह भली-भांती जानती है कि झूठे वादे करना आसान है। लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना बहुत मुश्किल या असंभव है। मोदी ने कहा, कांग्रेस हर चुनाव में लोगों से कई वादे करती है। लेकिन वह जानती है कि वह उन्हें कभी पूरा नहीं कर पाएगी। अब कांग्रेस की असलियत लोगों के सामने आ गई है।

पीएम मोदी ने आगे लिखा, आज जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं- हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना - वहां विकास की दिशा और आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। उनकी तथाकथित गारंटियां अधूरी पड़ी हैं, जो इन राज्यों की जनता के साथ घोर विश्वासघात है। ऐसी राजनीति के पीड़ित गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं, जिन्हें न केवल वादों के लाभ से वंचित रखा जा रहा है, बल्कि उनकी चालू स्कीम भी कमजोर की जा रही हैं।

पीएम मोदी ने बताया कांग्रेस के काम करने का तरीका

पीएम मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी विकास के काम करने के बजाय पार्टी की अंदरूनी राजनीति और लूट में व्यस्त है। इतना ही नहीं, वे मौजूदा योजनाओं को भी वापस लेने जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता। तेलंगाना में किसान अपने वादे के मुताबिक कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उन्होंने कुछ भत्ते देने का वादा किया था, जो पांच साल तक लागू नहीं हुए। कांग्रेस किस तरह काम करती है, इसके कई उदाहरण हैं।

कांग्रेस प्रायोजित संस्कृति से सावधान रहने की सलाह

प्रधानमंत्री ने कहा, देश की जनता को झूठे वादों की कांग्रेस प्रायोजित संस्कृति से सावधान रहना होगा! हमने हाल ही में देखा कि कैसे हरियाणा के लोगों ने उनके झूठ को नकार दिया और एक स्थिर, कार्रवाई से प्रेरित सरकार को प्राथमिकता दी। पूरे भारत में यह अहसास बढ़ रहा है कि कांग्रेस को वोट देना अशासन, खराब अर्थव्यवस्था और बेशुमार लूट के लिए वोट देना है। भारत के लोग विकास और प्रगति चाहते हैं, वही पुराना तरीका नहीं।

खरगे ने क्या कहा था

कर्नाटक में मुफ्त बस योजना पर समीक्षा की बातों पर खरगे ने नाराजगी जताई और कहा कि उतना ही वादा कीजिए, जितनी पूरी हो जाए।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शिवकुमार के बयान पर निराशा जाहिर करते हुए कहा था, आपने राज्य के लोगों को कुछ गारंटी दी हैं। उन्हें देखने के बाद मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में 5 गारंटी हैं। अब आपने (शिवकुमार) कह दिया कि आप एक गारंटी छोड़ देंगे। समीक्षा की बात कहकर आपने संदेह पैदा कर दिया है। मैंने उनसे (महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं) कहा कि पांच, छह, सात या आठ गारंटी के वादे मत करते रहो। इसके बजाय ऐसे वादे करो जो आपके बजट के अनुरूप हों। जो लोग आलोचना करना चाहते हैं, उनके लिए इतना ही काफी है। उन्होंने सिद्धारमैया सरकार को अपने वादों पर कायम रहने की हिदायत दी। खड़ने ने पार्टी नेताओं को चेताया और कहा, यदि आप बजट पर विचार किए बिना वादे करते हैं तो यह दिवालियापन की ओर ले जाएगा।

हरियाणा में एक और नया एक्सप्रेसवे बनकर हो गया तैयार, माता वैष्णो देवी की यात्रा को बना देगा बेहद आसान

देशभर में सड़क नेटवर्क मजबूत बनाया जा रहा है. नए हाइवे और एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है ताकि लंबी दूरी के सफर को कम समय में पूरा किया जा सकें. इसी कड़ी में निर्माणाधीन दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे का हरियाणा में 113 किलोमीटर लंबा हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है.

हरियाणा के सोनीपत में कुंडली- मानेसर- पलवल एक्सप्रेसवे से शुरू होकर कैथल जिले से होते हुए पंजाब की सीमा में प्रवेश करने वाले इस एक्सप्रेस-वे का 113 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और संभावना जताई गई है कि दिवाली के बाद कभी भी इसे वाहन चालकों को समर्पित किया जा सकता है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली और पंजाब से हरियाणा के कई शहरों के बीच आवागमन बेहद आसान हो जाएगा.

नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) 669 किलोमीटर लंबे दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रहा है. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कई चरणों में चल रहा है और अच्छी बात यह है कि हरियाणा में 113 किलोमीटर लंबे सोनीपत से पंजाब बार्डर तक इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.

ये होगा रूट

दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे हरियाणा के जिन शहरों से होकर गुजरेगा, उनमें सोनीपत जिले का लाखन- माजरा और गोहाना, रोहतक का हसनगढ़- सांपला- खरखोदा, झज्जर में जसौर खेड़ी, जींद व असंध और नरवाना तथा कैथल शामिल हैं.

वैष्णो देवी की यात्रा होगी आसान

दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे के बनने पर दिल्ली से श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा बेहद आसान हो जाएगी. इस सड़क मार्ग से दिल्ली से चलकर 6-7 घंटे में कटरा पहुंच सकेंगे, जबकि ट्रेन से जाने में 12 से 13 घंटे का समय लगता है यानि आप अपने निजी वाहन से आधे समय में श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को पूरा कर सकेंगे।

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली से कटरा ही नहीं, बल्कि अमृतसर का सफर भी आसान हो जाएगा। अभी दिल्ली से अमृतसर की 405 किलोमीटर दूरी तय करने में करीब 8 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे से आप 4 घंटे में अमृतसर पहुंच सकेंगे। इस एक्सप्रेसवे की बदौलत दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच आवागमन और ज्यादा सरल हो जाएगा।

गोवर्धन पूजा कब है 1 या 2 नवंबर, यहां जानिए, त्योहार मनाने की सही तारीख और मुहूर्त

गोवर्धन पूजा कितने तारीख को है इसको लेकर लोगों में संशय की स्थिति है। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। जो अमूमन दिवाली के अगले ही दिन पड़ता है। लेकिन इस साल गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर काफी कन्फ्यूजन है। तो ऐसे में जानिए 2024 में गोवर्धन पूजा कब मनाई जाएगी 1 या 2 नवंबर।

गोवर्धन पूजा का त्योहार ज्यादातर दिवाली के अगले ही दिन पड़ता है। क्योंकि ये त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की पहली तारीख को मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ये वही दिन है जब देवराज इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था और सभी की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेहूँ, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।

गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट से लग जाएगी और इसकी समाप्ति 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगी।

गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2024

गोवर्धन पूजा का प्रातःकाल मुहूर्त 2 नवंबर की सुबह 06:34 से 08:46 तक रहेगा। वहीं गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त दोपहर 3:23 से शाम 5:35 बजे तक रहेगा।

गोवर्धन पूजा प्रकृति और भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा त्योहार है। इस दिन देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन होते हैं। पूजन के बाद लोगों में प्रसाद के रूप में भोजन बांटा जाता है। इस त्योहार के शुभ अवसर पर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का बड़ा महत्व है।

शाइना एनसी को लेकर फिसली उद्धव गुट के नेता की जुबान, बोले- चुनाव में इम्पोर्टेड माल नहीं चलता, मिला ये जवाब

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महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं। इस बीच राजनीतिक दलों के बीच वाकयुद्ध जारी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार जारी बयानबाजी के बीच उद्धव सेना के सांसद अरविंद सांसद ने विवादित बयान दिया है। अरविंद सावंत ने शिंदे शिवसेना की नेता शाइना एनसी को लेकर भद्दी टिप्पणी कर दी है, जिस पर विवाद शुरू हो गया है।

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने शिवसेना (शिंदे गुट) की नेता और मुंबादेवी से पार्टी प्रत्याशी शाइना एनसी पर अभद्र टिप्पणी की है। सावंत ने शाइना को 'इंपोर्टेड माल' कहा।सावंत से शुक्रवार को शाइना एनसी के चुनाव लड़ने पर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा- हमारे यहां चुनाव में इम्पोर्टेड माल नहीं चलता। ओरिजिनल माल चलता है।

शिवसेना-यूबीटी नेता के इस बयान पर खुद शाइना एनसी ने आगे आकर जवाब दिया। उन्होंने अरविंद सावंत पर निशाना साधते हुए कहा, "एक महिला का सम्मान नहीं कर सकते। एक सक्षम महिला, जो प्रोफेशनल है, आती है राजनीति में, आप उसके लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। 2014 और 2019 में आपके लिए मोदीजी के नेतृत्व में हमने काम किया, इसलिए आपका जो हाल है, वह है। अब जो आप बेहाल होंगे, इस वजह से क्योंकि एक महिला को माल बुलाया।

अरविंद सावंत के इस बयान के बाद बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने भी अरविंद सावंत के बयान की निंदा की। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा- सावंत के बयान को देख-सुनकर मैं दुखी हूं। किसी राजनीतिक महिला के लिए इस तरह की टिप्पणी बहुत पीड़ादायक है। यह निंदनीय है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।

बता दें कि सीट बंटवारे के बाद बीजेपी ने कई सीटों पर अपने नेताओं को शिवसेना और एनसीपी के टिकट पर उतारा। ऐसे में कई बीजेपी नेता चुनाव लड़ने के लिए पार्टी छोड़कर सहयोगी दलों में शामिल हो गए। मुंबई की मुंबा देवी सीट शिवसेना के खाते में चली गई। शिवसेना ने बीजेपी की प्रवक्ता शाइना एन सी को अपना कैंडिडेट घोषित किया। शाइना भी बीजेपी को छोड़कर शिवसेना की सदस्यता ले ली। 29 अक्टूबर को उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। मुंबादेवी में उनका मुकाबला कांग्रेस के अमीन पटेल से है, जो पिछले तीन बार से चुनाव जीत रहे हैं।

खरगे की खरी-खरीः 'उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें...' कांग्रेस अध्यक्ष को क्यों कहना पड़ा ऐसा?

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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। हाल ही में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का एक बयान आया था कि राज्य सरकार ‘शक्ति’ गारंटी योजना की समीक्षा करेगी। इस स्कीम के तहत राज्य में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलती है। ऐसे में खुद कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी ही कांग्रेस सरकार की खिंचाई की है। कर्नाटक में मुफ्त बस योजना पर समीक्षा की बातों पर खरगे ने नाराजगी जताई और कहा कि उतना ही वादा कीजिए, जितनी पूरी हो जाए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शिवकुमार के इस बयान पर निराशा जाहिर करते हुए कहा था, आपने राज्य के लोगों को कुछ गारंटी दी हैं। उन्हें देखने के बाद मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में 5 गारंटी हैं। अब आपने (शिवकुमार) कह दिया कि आप एक गारंटी छोड़ देंगे। समीक्षा की बात कहकर आपने संदेह पैदा कर दिया है। मैंने उनसे (महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं) कहा कि पांच, छह, सात या आठ गारंटी के वादे मत करते रहो। इसके बजाय ऐसे वादे करो जो आपके बजट के अनुरूप हों। जो लोग आलोचना करना चाहते हैं, उनके लिए इतना ही काफी है। उन्होंने सिद्धारमैया सरकार को अपने वादों पर कायम रहने की हिदायत दी।

खड़ने ने पार्टी नेताओं को चेताया और कहा, यदि आप बजट पर विचार किए बिना वादे करते हैं तो यह दिवालियापन की ओर ले जाएगा।सड़कों पर रेत डालने के भी पैसे नहीं होंगे। अगर यह सरकार असफल हुई तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा।इससे बदनामी होगी और सरकार को अगले दस वर्षों तक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए बजट पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है।

खरगे के बयान पर बीजेपी ने घेरा

अब खरगे के इसी बयान को भाजपा ने हाथों-हाथ लपका है। नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने खरगे की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार कांग्रेस ने यह स्वीकार किया है कि उसकी चुनावी घोषणाएं, जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए होती हैं।

राहुल गांधी के खटाखट योजनाओं का क्या होगा-रविशंकर

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि खरगे साहब को बहुत ज्ञान आ गया है। बहुत कुछ स्वीकार किया है। मन में सवाल आया। पहला पाठ अपने नेता राहुल गांधी को पढ़ाया कि नहीं, गभीर सवाल उठ रहे हैं। राहुल गांधी के खटाखट योजनाओं का क्या होगा। राहुल गांधी ने हिमाचल में क्या क्या बोला था, अब देखिये क्या हाल हुआ है। टॉयलेट टैक्स लगा दिया और अब वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं।

एक बार फिर कांग्रेस की कलई खुल गई-रविशंकर

कर्नाटक की तरह हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस के घोषित चुनावी गारंटियों का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा, पहले घोषणा करके फिर शुद्ध भाषा में जनता को बेवकूफ बनाकर वोट लेना। बाद में उस योजना को जमीन पर नहीं उतारना। बस, कागज पर ही रहने देना। कांग्रेस का यह आज का इतिहास नहीं है। गरीबी हटाओ की घोषणा कांग्रेस राज में 1971 में की गई थी। गरीबी हटी क्या? घोषणा करो, कोई पूछने वाला नहीं है। एक बार फिर कांग्रेस की कलई खुल गई है और उसकी सच्चाई सामने आ गई है।

भारतीय सेना ने डेमचोक सेक्टर में शुरू की गश्त, चार साल बाद बने पहले वाले हालात

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दिवाली के मौके पर भारत-चीन बॉर्डर पर दोनों देशों की सैनिकों ने मिठाइयों का आदान प्रदान किया। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर डेमचोक और डेपसांग से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने के बाद दोनों ओर से अब पेट्रोलिंग शुरू हो गई है। सुधरते रिश्तों के बीच पूर्वी लद्दाख में डेपसांग में गश्त फिर से शुरू हो गई है।हाल ही में भारत और चीन के बीच 2020 से पूर्व वाली स्थिति पर लौटने पर सहमति बनी। इसके बाद चीन ने अपने सैनिकों को पीछे किया।कई चरणों की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच यह गतिरोध खत्म हुआ।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने अपनी गश्त फिर से शुरू कर दी है। दीपावली के पावन अवसर पर दोनों पक्षों ने दिवाली के मौके पर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर एक दूसरे को मिठाइयां भी बांटी। हालांकि, पहले आयोजित किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले पॉइंट्स (डेमचोक और डेपसांग) से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के कुछ दिनों बाद भारतीय सेना ने शुक्रवार को डेमचोक में गश्त शुरू की। जल्द ही देपसांग में भी फिर से गश्त शुरू होने की उम्मीद है।

इससे पहले भारतीय और चीनी सैनिकों ने दिवाली के अवसर पर एलएसी पर कई बॉर्डर पॉइंट्स पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। टकराव वाले दो बिंदुओं पर दोनों देशों द्वारा सैनिकों की वापसी पूरी करने के एक दिन बाद पारंपरिक प्रथा मनाई गई। सैन्य सूत्रों ने जानकारी दी थी कि हालिया समझौते के बाद गश्त की स्थिति को अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर वापस ले जाने की उम्मीद है।

2020 के गतिरोध के बाद, चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की गश्त को रोक दिया था और इसके जवाब में, भारत ने उनके आवागमन को रोक दिया था। व्यापक राजनयिक और सैन्य प्रयासों के बाद, दोनों देश विघटन और गश्त के लिए एक समझौते पर पहुंचे। एक सप्ताह की प्रक्रिया के बाद बुधवार (30 अक्टूबर) को अंतिम वेरिफिकेशन हुआ। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष किसी भी टकराव को रोकने के लिए गश्त करने से पहले एक-दूसरे को सूचित करने पर सहमत हुए हैं।