हरियाणा में एक और नया एक्सप्रेसवे बनकर हो गया तैयार, माता वैष्णो देवी की यात्रा को बना देगा बेहद आसान

देशभर में सड़क नेटवर्क मजबूत बनाया जा रहा है. नए हाइवे और एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है ताकि लंबी दूरी के सफर को कम समय में पूरा किया जा सकें. इसी कड़ी में निर्माणाधीन दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे का हरियाणा में 113 किलोमीटर लंबा हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है.

हरियाणा के सोनीपत में कुंडली- मानेसर- पलवल एक्सप्रेसवे से शुरू होकर कैथल जिले से होते हुए पंजाब की सीमा में प्रवेश करने वाले इस एक्सप्रेस-वे का 113 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और संभावना जताई गई है कि दिवाली के बाद कभी भी इसे वाहन चालकों को समर्पित किया जा सकता है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली और पंजाब से हरियाणा के कई शहरों के बीच आवागमन बेहद आसान हो जाएगा.

नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) 669 किलोमीटर लंबे दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रहा है. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कई चरणों में चल रहा है और अच्छी बात यह है कि हरियाणा में 113 किलोमीटर लंबे सोनीपत से पंजाब बार्डर तक इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.

ये होगा रूट

दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे हरियाणा के जिन शहरों से होकर गुजरेगा, उनमें सोनीपत जिले का लाखन- माजरा और गोहाना, रोहतक का हसनगढ़- सांपला- खरखोदा, झज्जर में जसौर खेड़ी, जींद व असंध और नरवाना तथा कैथल शामिल हैं.

वैष्णो देवी की यात्रा होगी आसान

दिल्ली- अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे के बनने पर दिल्ली से श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा बेहद आसान हो जाएगी. इस सड़क मार्ग से दिल्ली से चलकर 6-7 घंटे में कटरा पहुंच सकेंगे, जबकि ट्रेन से जाने में 12 से 13 घंटे का समय लगता है यानि आप अपने निजी वाहन से आधे समय में श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को पूरा कर सकेंगे।

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली से कटरा ही नहीं, बल्कि अमृतसर का सफर भी आसान हो जाएगा। अभी दिल्ली से अमृतसर की 405 किलोमीटर दूरी तय करने में करीब 8 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे से आप 4 घंटे में अमृतसर पहुंच सकेंगे। इस एक्सप्रेसवे की बदौलत दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच आवागमन और ज्यादा सरल हो जाएगा।

गोवर्धन पूजा कब है 1 या 2 नवंबर, यहां जानिए, त्योहार मनाने की सही तारीख और मुहूर्त

गोवर्धन पूजा कितने तारीख को है इसको लेकर लोगों में संशय की स्थिति है। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। जो अमूमन दिवाली के अगले ही दिन पड़ता है। लेकिन इस साल गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर काफी कन्फ्यूजन है। तो ऐसे में जानिए 2024 में गोवर्धन पूजा कब मनाई जाएगी 1 या 2 नवंबर।

गोवर्धन पूजा का त्योहार ज्यादातर दिवाली के अगले ही दिन पड़ता है। क्योंकि ये त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की पहली तारीख को मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ये वही दिन है जब देवराज इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था और सभी की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेहूँ, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।

गोवर्धन पूजा का त्योहार 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट से लग जाएगी और इसकी समाप्ति 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगी।

गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2024

गोवर्धन पूजा का प्रातःकाल मुहूर्त 2 नवंबर की सुबह 06:34 से 08:46 तक रहेगा। वहीं गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त दोपहर 3:23 से शाम 5:35 बजे तक रहेगा।

गोवर्धन पूजा प्रकृति और भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा त्योहार है। इस दिन देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन होते हैं। पूजन के बाद लोगों में प्रसाद के रूप में भोजन बांटा जाता है। इस त्योहार के शुभ अवसर पर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का बड़ा महत्व है।

शाइना एनसी को लेकर फिसली उद्धव गुट के नेता की जुबान, बोले- चुनाव में इम्पोर्टेड माल नहीं चलता, मिला ये जवाब

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महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं। इस बीच राजनीतिक दलों के बीच वाकयुद्ध जारी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार जारी बयानबाजी के बीच उद्धव सेना के सांसद अरविंद सांसद ने विवादित बयान दिया है। अरविंद सावंत ने शिंदे शिवसेना की नेता शाइना एनसी को लेकर भद्दी टिप्पणी कर दी है, जिस पर विवाद शुरू हो गया है।

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने शिवसेना (शिंदे गुट) की नेता और मुंबादेवी से पार्टी प्रत्याशी शाइना एनसी पर अभद्र टिप्पणी की है। सावंत ने शाइना को 'इंपोर्टेड माल' कहा।सावंत से शुक्रवार को शाइना एनसी के चुनाव लड़ने पर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा- हमारे यहां चुनाव में इम्पोर्टेड माल नहीं चलता। ओरिजिनल माल चलता है।

शिवसेना-यूबीटी नेता के इस बयान पर खुद शाइना एनसी ने आगे आकर जवाब दिया। उन्होंने अरविंद सावंत पर निशाना साधते हुए कहा, "एक महिला का सम्मान नहीं कर सकते। एक सक्षम महिला, जो प्रोफेशनल है, आती है राजनीति में, आप उसके लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। 2014 और 2019 में आपके लिए मोदीजी के नेतृत्व में हमने काम किया, इसलिए आपका जो हाल है, वह है। अब जो आप बेहाल होंगे, इस वजह से क्योंकि एक महिला को माल बुलाया।

अरविंद सावंत के इस बयान के बाद बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने भी अरविंद सावंत के बयान की निंदा की। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा- सावंत के बयान को देख-सुनकर मैं दुखी हूं। किसी राजनीतिक महिला के लिए इस तरह की टिप्पणी बहुत पीड़ादायक है। यह निंदनीय है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।

बता दें कि सीट बंटवारे के बाद बीजेपी ने कई सीटों पर अपने नेताओं को शिवसेना और एनसीपी के टिकट पर उतारा। ऐसे में कई बीजेपी नेता चुनाव लड़ने के लिए पार्टी छोड़कर सहयोगी दलों में शामिल हो गए। मुंबई की मुंबा देवी सीट शिवसेना के खाते में चली गई। शिवसेना ने बीजेपी की प्रवक्ता शाइना एन सी को अपना कैंडिडेट घोषित किया। शाइना भी बीजेपी को छोड़कर शिवसेना की सदस्यता ले ली। 29 अक्टूबर को उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। मुंबादेवी में उनका मुकाबला कांग्रेस के अमीन पटेल से है, जो पिछले तीन बार से चुनाव जीत रहे हैं।

खरगे की खरी-खरीः 'उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें...' कांग्रेस अध्यक्ष को क्यों कहना पड़ा ऐसा?

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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। हाल ही में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का एक बयान आया था कि राज्य सरकार ‘शक्ति’ गारंटी योजना की समीक्षा करेगी। इस स्कीम के तहत राज्य में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलती है। ऐसे में खुद कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी ही कांग्रेस सरकार की खिंचाई की है। कर्नाटक में मुफ्त बस योजना पर समीक्षा की बातों पर खरगे ने नाराजगी जताई और कहा कि उतना ही वादा कीजिए, जितनी पूरी हो जाए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शिवकुमार के इस बयान पर निराशा जाहिर करते हुए कहा था, आपने राज्य के लोगों को कुछ गारंटी दी हैं। उन्हें देखने के बाद मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में 5 गारंटी हैं। अब आपने (शिवकुमार) कह दिया कि आप एक गारंटी छोड़ देंगे। समीक्षा की बात कहकर आपने संदेह पैदा कर दिया है। मैंने उनसे (महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं) कहा कि पांच, छह, सात या आठ गारंटी के वादे मत करते रहो। इसके बजाय ऐसे वादे करो जो आपके बजट के अनुरूप हों। जो लोग आलोचना करना चाहते हैं, उनके लिए इतना ही काफी है। उन्होंने सिद्धारमैया सरकार को अपने वादों पर कायम रहने की हिदायत दी।

खड़ने ने पार्टी नेताओं को चेताया और कहा, यदि आप बजट पर विचार किए बिना वादे करते हैं तो यह दिवालियापन की ओर ले जाएगा।सड़कों पर रेत डालने के भी पैसे नहीं होंगे। अगर यह सरकार असफल हुई तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा।इससे बदनामी होगी और सरकार को अगले दस वर्षों तक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए बजट पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है।

खरगे के बयान पर बीजेपी ने घेरा

अब खरगे के इसी बयान को भाजपा ने हाथों-हाथ लपका है। नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने खरगे की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार कांग्रेस ने यह स्वीकार किया है कि उसकी चुनावी घोषणाएं, जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए होती हैं।

राहुल गांधी के खटाखट योजनाओं का क्या होगा-रविशंकर

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि खरगे साहब को बहुत ज्ञान आ गया है। बहुत कुछ स्वीकार किया है। मन में सवाल आया। पहला पाठ अपने नेता राहुल गांधी को पढ़ाया कि नहीं, गभीर सवाल उठ रहे हैं। राहुल गांधी के खटाखट योजनाओं का क्या होगा। राहुल गांधी ने हिमाचल में क्या क्या बोला था, अब देखिये क्या हाल हुआ है। टॉयलेट टैक्स लगा दिया और अब वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं।

एक बार फिर कांग्रेस की कलई खुल गई-रविशंकर

कर्नाटक की तरह हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस के घोषित चुनावी गारंटियों का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा, पहले घोषणा करके फिर शुद्ध भाषा में जनता को बेवकूफ बनाकर वोट लेना। बाद में उस योजना को जमीन पर नहीं उतारना। बस, कागज पर ही रहने देना। कांग्रेस का यह आज का इतिहास नहीं है। गरीबी हटाओ की घोषणा कांग्रेस राज में 1971 में की गई थी। गरीबी हटी क्या? घोषणा करो, कोई पूछने वाला नहीं है। एक बार फिर कांग्रेस की कलई खुल गई है और उसकी सच्चाई सामने आ गई है।

भारतीय सेना ने डेमचोक सेक्टर में शुरू की गश्त, चार साल बाद बने पहले वाले हालात

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दिवाली के मौके पर भारत-चीन बॉर्डर पर दोनों देशों की सैनिकों ने मिठाइयों का आदान प्रदान किया। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर डेमचोक और डेपसांग से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने के बाद दोनों ओर से अब पेट्रोलिंग शुरू हो गई है। सुधरते रिश्तों के बीच पूर्वी लद्दाख में डेपसांग में गश्त फिर से शुरू हो गई है।हाल ही में भारत और चीन के बीच 2020 से पूर्व वाली स्थिति पर लौटने पर सहमति बनी। इसके बाद चीन ने अपने सैनिकों को पीछे किया।कई चरणों की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच यह गतिरोध खत्म हुआ।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने अपनी गश्त फिर से शुरू कर दी है। दीपावली के पावन अवसर पर दोनों पक्षों ने दिवाली के मौके पर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर एक दूसरे को मिठाइयां भी बांटी। हालांकि, पहले आयोजित किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले पॉइंट्स (डेमचोक और डेपसांग) से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के कुछ दिनों बाद भारतीय सेना ने शुक्रवार को डेमचोक में गश्त शुरू की। जल्द ही देपसांग में भी फिर से गश्त शुरू होने की उम्मीद है।

इससे पहले भारतीय और चीनी सैनिकों ने दिवाली के अवसर पर एलएसी पर कई बॉर्डर पॉइंट्स पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। टकराव वाले दो बिंदुओं पर दोनों देशों द्वारा सैनिकों की वापसी पूरी करने के एक दिन बाद पारंपरिक प्रथा मनाई गई। सैन्य सूत्रों ने जानकारी दी थी कि हालिया समझौते के बाद गश्त की स्थिति को अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर वापस ले जाने की उम्मीद है।

2020 के गतिरोध के बाद, चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की गश्त को रोक दिया था और इसके जवाब में, भारत ने उनके आवागमन को रोक दिया था। व्यापक राजनयिक और सैन्य प्रयासों के बाद, दोनों देश विघटन और गश्त के लिए एक समझौते पर पहुंचे। एक सप्ताह की प्रक्रिया के बाद बुधवार (30 अक्टूबर) को अंतिम वेरिफिकेशन हुआ। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष किसी भी टकराव को रोकने के लिए गश्त करने से पहले एक-दूसरे को सूचित करने पर सहमत हुए हैं।

भारत के साथ तनाव के बीच जस्टिन ट्रूडो ने दी दिवाली की बधाई, जानें कनाडा में हिंदुओं को लेकर क्या कहा?

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खालिस्तानियों को खुश करने में जुटे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को आखिरकार दिवाली की याद आ ही गई। अपने बयानों से भारत के साथ रिश्तों में कड़वाहट घोलने वाले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को देश में रहने वाले भारतीय लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं।इस अवसर पर ट्रूडो ने ये भी कहा है कि उनकी सरकार हिंदू कनाडाई लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी जस्टिन ट्रूडो के संदेश में कहा गया है कि दिवाली की शुभकामनाएं... आज, हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन परिवार उत्सव, मोमबत्तियां, दीये और आतिशबाजी के साथ अंधकार पर प्रकाश की विजय का जश्न मनाएंगे। इस विशेष मौके पर आप सभी को खुशी और समृद्धि की शुभकामनाएं।

ट्रूडो ने आगे कहा कि आज हम कनाडा और दुनिया भर में दिवाली का त्‍योहार मनाने वाले लोगों से जुड़ रहे हैं। दिवाली बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की जीत का जश्न मनाने का फेस्टिवल है। इस दिन परिवार मंदिरों में प्रार्थना करने, उपहारों का अदान-प्रदान करने और देश भर में उत्सवों में भाग लेने के लिए इकट्ठा होंगे. घरों को मोमबत्तियों और दीयों से रोशन किया जाएगा। आसमान में आतिशबाज़ी छा जाएगी। दिवाली की चमकदार रोशनी हम सभी को अंधेरे को हराने और उद्देश्य खोजने के लिए प्रोत्साहित करती है।

जस्टिन ट्रूडो ने आगे कहा कि कनाडा में दिवाली हमारे अविश्वसनीय इंडो-कनाडाई समुदाय के बिना पूरी नहीं हो सकती है। इंडो-कैनेडियन समुदाय कनाडा के हर क्षेत्र में शानदार काम कर रहा है। ये समुदाय कलाकारों, उद्यमियों, डॉक्टरों, शिक्षकों और व्यवसाय के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है। दिवाली के मौके पर पर हम कनाडा के समुदायों में उनकी कोशिशें से लाई गई रोशनी का भी जश्न मना रहे हैं।

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का बयान ऐसे समय आया है, जब भारत से उनके रिश्ते बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं।

तेलंगाना सरकार ने मेयोनीज पर लगाया एक साल का बैन, एक महिला की मौत 20 से अधिक अस्पताल में भर्ती

 तेलंगाना सरकार ने ‘कच्चे अंडे’ से बने मेयोनीज के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. राज्य के खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा जारी यह आदेश में साफ बताया गया है कि संदिग्ध खाद्य विषाक्तता के मामलों से उत्पाद को जोड़ने वाली शिकायतों के बाद तत्काल प्रभावी हो गया है. साथ ही सभी से इसका पालन करने के लिए अनुरोध किया गया है.

आदेश में कहा गया है, ‘प्रवर्तन गतिविधियों के दौरान की गई टिप्पणियों और जनता से प्राप्त शिकायतों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई घटनाओं में कच्चे अंडे से बने मेयोनेज़ को खाद्य विषाक्तता का कारण माना गया है.’

मेयोनीज, जिसे आमतौर पर मेयो के नाम से जाना जाता है, अंडे की जर्दी को तेल के साथ मिलाकर बनाया जाने वाला गाढ़ा, मलाईदार सॉस है. इसे अक्सर सिरका या नींबू के रस के साथ पकाया जाता है.

एक महिला की मौत

सरकार के फैसले के पीछे राज्य में बढ़ते मौत के आंकड़े हैं. साथ ही मिल रही लोगों की शिकायतें. हैदराबाद के बंजारा हिल्स में एक स्ट्रीट वेंडर से मोमोज खाने के बाद एक महिला की मौत हो गई. उसकी दो छोटी बेटियों के साथ 20 से अधिक अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

25 अक्टूबर को, 31 वर्षीय रेशमा बेगम और उनकी 12 और 14 साल की दो बेटियों ने खैरताबाद के चिंतल बस्ती में एक स्ट्रीट वेंडर से मोमोज खाए. खाने के कुछ ही समय बाद, उन्हें उल्टी, दस्त और पेट दर्द सहित गंभीर खाद्य विषाक्तता के लक्षण दिखाई दिए.

शुरू में उन्हें उम्मीद थी कि आराम करने से उनकी हालत में सुधार होगा, लेकिन परिवार ने डॉक्टर से मिलने में देरी की. लेकिन, जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें 27 अक्टूबर को अस्पताल ले जाया गया. रेशमा बेगम की रास्ते में ही मौत हो गई, जबकि उनकी बेटियों का इलाज चल रहा है.

उत्तराखंड: पुलिस कांस्टेबल के 2000 पदों पर निकली भर्ती, जानिए, इस दिन से शुरू हो रहे ऑनलाइन आवेदन,…ऐसे करें अप्लाई

उत्तराखंड सरकार ने दीपावली के मौके पर युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने पुलिस विभाग में कांस्टेबल पदों पर भर्ती का कार्यक्रम जारी किया है।

इस भर्ती में कुल 2000 पदों पर आवेदन किया जा सकेगा, जिसमें 1600 पद पुलिस विभाग के लिए और 400 पद पीएसी/आईआरबी के लिए हैं।

आवेदन की तारीखें और प्रक्रिया

भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन 8 नवंबर से शुरू होंगे, जो 29 नवंबर तक जारी रहेंगे. इच्छुक उम्मीदवार UKSSSC की वेबसाइट sssc.uk.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. लिखित परीक्षा 15 जून 2025 को आयोजित की जाएगी. चयन प्रक्रिया दो चरणों में होगी: पहले चरण में शारीरिक मानक परीक्षा होगी, और इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.

उम्र सीमा और शैक्षिक योग्यता

इस भर्ती के लिए उम्र सीमा 18 से 22 वर्ष रखी गई है, जिसकी गणना 1 जुलाई 2024 से की जाएगी. उत्तराखंड के एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम पांच साल की छूट मिलेगी. इसके अलावा, उम्मीदवारों को 12वीं पास होना अनिवार्य है.

शारीरिक मापदंड

भर्ती के लिए शारीरिक मापदंड भी निर्धारित किए गए हैं. सामान्य, ओबीसी और एससी श्रेणी के उम्मीदवारों की ऊंचाई 165 सेमी होनी चाहिए, जबकि पर्वतीय क्षेत्र के उम्मीदवारों की ऊंचाई 160 सेमी होनी चाहिए. इसी तरह, सीने की माप भी तय की गई है, जिसमें सामान्य और ओबीसी के लिए 78.8 सेमी बिना फुलाए और 83.8 सेमी फुलाकर होना आवश्यक है.

सैलरी

आप इस भर्ती में सफल होते हैं, तो आपको 21700-69100 (लेवल-3) के अनुसार वेतन मिलेगा. यह एक अच्छा मौका है 12वीं पास युवाओं के लिए, जो सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं. तो देर न करें, आवेदन करे.

ऐसे करें आवेदन

आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: UKSSSC की वेबसाइट sssc.uk.gov.in खोलें.

नोटिफिकेशन पढ़ें: कांस्टेबल भर्ती नोटिफिकेशन ध्यान से पढ़ें.

ऑनलाइन फॉर्म भरें: आवेदन फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरें.

दस्तावेज़ अपलोड करें: मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करें.

अंत में शुल्क भुगतान करें: आवेदन शुल्क का भुगतान करके फॉर्म सबमिट करें.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की नई टीम बनते ही बिखरने लगी, अब तक 6 बड़े नेताओं ने दिया इस्तीफा, सीनियर नेता भी दिखे नाराज

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद नई कार्यकारिणी की घोषणा तो कर दी, लेकिन कांग्रेस की नई टीम के सामने आने के बाद से ही नेताओं के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. जीतू पटवारी की नई टीम के लिए कांग्रेस ने दो सूची में नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की थी, जिससे अब तक कई सीनियर नेताओं की नाराजगी सामने आई है, जबकि कार्यकारिणी में जगह पाने वाले कई नेताओं ने ही इस्तीफे दिए हैं.

6 नेताओं ने ठुकराया पद

दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद अब तक 6 नेताओं ने पद ठुकरा दिया है. जिसमें पूर्व विधायक भी शामिल हैं. सबसे पहले इंदौर के कांग्रेस नेता प्रमोद टंडन ने कांग्रेस पार्टी ही छोड़ी थी, जबकि उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव बनाया गया था. लेकिन सूची आने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 177 पदाधिकारियों के नाम घोषित किए थे, जबकि दूसरी लिस्ट में 158 पदाधिकारियों के नाम घोषित किए थे. इस तरह से कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में अब तक 355 पदाधिकारी हो गए है. लेकिन कई जिलों से असंतोष दिख रहा है.

पूर्व विधायक ने भी छोड़ा पद

रैगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस की पूर्व विधायक रही कल्पना वर्मा को प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव बनाया गया था. लेकिन उन्होंने सचिव का पद लेने से इंकार कर दिया है. वहीं दौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमन बजाज, भोपाल कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष मोनू सक्सेना, मुरैना से रामलखन दंडोतिया और यासिर हसनत सिद्धीकी ने पद लेने से इंकार किया है. कई नेता खुद को जो पद मिला है उससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.

सीनियर नेता भी दिखे थे नाराज

मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर सीनियर नेता भी नाराज दिखे थे. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और गोविंद सिंह ने भी सवाल उठाए थे. गोविंद सिंह ने अपने समर्थकों को जगह नहीं मिलने की बात कही थी, जबकि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विंध्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था. वहीं पूर्व विधायक और कार्यकारिणी में अध्यक्ष बनाए लक्ष्मण सिंह ने भी कार्यकारिणी को लेकर सवाल खड़े किए थे. माना जा रहा है कि पहली लिस्ट में नेताओं की नाराजगी बढ़ने के बाद ही दूसरी लिस्ट जारी की गई थी. लेकिन दूसरी लिस्ट के बाद भी सियासत दिख रही है.

डोनाल्ड ट्रंप को क्यों आई हिंदुओं की याद? उठाया बांग्लादेश में हिंसा का मुद्दा, भारत और पीएम मोदी को लेकर भी बोले

#donaldtrumphindu_politics

अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव से ठीक पांच दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदू वोटों को साधने की कोशिश।चुनाव से ठीक ट्रंप को हिंदुओं की याद आने लगी।ट्रंप ना सिर्फ दिवाली पर अमेरिका में मौजूद हिन्‍दुओं को बधाई बल्कि बांग्लादेश के हिंदुओं पर हुए हालिया घटनाक्रम की कड़ी निंदा करते हुए बड़ा बयान दिया।उन्होंने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया और पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया। साथ ही ट्रंप ने कहा, हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे और यहां की शांति को वापस लाएंगे। हम अमेरिका के हिंदुओं की भी रक्षा करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, 'मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, जिन पर भीड़ ने हमला किए और लूटपाट की गई। वह लोग पूरी तरह से अराजकता की स्थिति में है। यह मेरी निगरानी में कभी नहीं हुआ। कमला हैरिस और बाइडन ने दुनिया और अमेरिका में हिंदुओं की उपेक्षा की है। वे इजरायल से लेकर यूक्रेन और हमारी अपनी दक्षिणी सीमा तक एक आपदा में हैं।'

पूर्व राष्ट्रपति ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद वहां हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ हिंसा की भी निंदा की। उन्होंने कहा, "मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हो रही बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं। वहां अल्पसंख्यकों पर भीड़ की ओर से हमला किया जा रहा है और लूटपाट की जा रही है, जो पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है।"

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ट्रंप ने लिखा, "हम हिंदू अमेरिकियों को कट्टरपंथी वामपंथियों के धर्म-विरोधी एजेंडे से भी बचाएंगे। हम आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। ट्रंप ने भारत का जिक्र करते हुए कहा, "मेरे प्रशासन के तहत हम भारत और मेरे अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी महान साझेदारी को भी मजबूत करेंगे।"

ट्रंप ने आर्थिक नीतियों सहित अन्य मुद्दों पर भी कमला हैरिस की आलोचना की। उन्होंने कहा, "कमला हैरिस अधिक नियमों और ज्यादा टैक्सों के साथ आपके छोटे व्यवसायों को नष्ट कर देंगी। इसके उलट मैंने अपने पिछले कार्यकाल में टैक्स में कटौती, नियमों में ढील, अमेरिकी ऊर्जा को मुक्त करने और इतिहास की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया था। हम इसे फिर से करेंगे, पहले से कहीं अधिक बड़ा और बेहतर - और हम अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, सभी को दिवाली की शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि रोशनी का यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत सुनिश्चित करेगा।

ट्रंप हिंदु राग क्यों अलापने लगे?

अब सवाल ये उठ रहा है कि चुनाव से ठीक पांच दिन पहले ट्रंप हिंदु राग क्यों अलापने लगा हैं? दरअसल, पिछले चार सालों में ट्रंप के सपोर्ट में हिंदुओं के सपोरिट में 9 प्रतिशत का इजाजा हुआ है साल 2020 में जब अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव हुए थे तब ट्रंप को 22 फीसदी भारतीयों ने समर्थन दिया था। एक सर्वे के मुताबिक कमला हैरिस का ग्राफ पिछले चार सालों में भारतीय मूल के लोगों में सात प्रतिशत तक नीचे गया है। 2020 के अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान कमला हैरिस 68 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद थी जो अब 61 प्रतिशत रह गई हैं। कमला हैरिस की डेमोक्रेट पार्टी के लिए भारतवंशी ट्रेडीशनल वोट बैंक रहा है लेकिन अब इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है।

सर्वे के बाद हिन्‍दू वोटर्स को लुभाने में लगे

ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत में अमेरिका की वाइट पॉपुलेशन पर फोकस ज्‍यादा रखा था। यही वजह है कि प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान उन्‍होंने बाहरी लोगों द्वारा अमेरिका की सड़कों से आवारा कुत्‍ते उठाकर उन्‍हें मारकर खाने के वायरल वीडियो को भी मुद्दा बना दिया था। अब सर्वे में आ रहे ताजा आंकड़े देख ट्रंप कमला हैरिस के साथ क्‍लोज फाइट के बीच हिन्‍दू वोटर्स को लुभाने में लगे हैं। अमेरिका में करीब 52 लाख लोग भारतीय मूल के हैं। इनमें से 26 लाख लोग इन चुनावों में वोट डालने योग्‍य हैं।