सोनभद्र: स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के बच्चों ने इस दीपावली को प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प लिया
विकास कुमार अग्रहरी
सोनभद्र। ओबरा में दीपावली पर पटाखे जलाने पर होने वाले प्रदुषण से बचने के लिये बच्चो ने दिये जलाओ पटाखे नही पर लघु नाटक प्रस्तुत किया। श्रेयाषं यादव, रूद्र, रिषभ, बेलाल, जुहैब व अहान ने लघु नाटक प्रस्तुत कर दीपावली पर होने वाले प्रदुशण पर लोगो को आगाह किया साथ ही दीपावली पर बिना पटाखो के ही इको फ्रेडली पर्व मानने का संकल्प लिया। दीपावली पर दिये जलाओ पटाखे नही का संदेश दिया। समारोह में गुलप्सा, रिया, सना, शौम्या, अराध्या, अक्षिता थापा, ने शुभ दिन आयो रे पर नृत्य प्रस्तुत कर वाह वाही लूटी। शहर मण्डल, काजल, आयुषी, अक्षिता थापा, इल्मा, आदि ने आज गली मली अवध सजायेंगे राम आयेगे नृत्य प्रस्तुत कर लोगो को भक्तिरस में डूबो दिया,।
आयी है दिवाली सुनो घरवाली गीत पर दिब्यासी अग्रवाल, मान्यता अग्रवाल, रूही, तृसा, आफिया, दृषा ,योगेश, शान बाबू, आर्यन, अराध्या, दृषान्त त्रिपाठी, महताब, पाथ, रेहान, सरस्वती लक्ष्मी आयुसी आदि ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत का लोगो को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया,इस अवसर पर दिया डेकोरेषन प्रतियोगिता आयोजित की गयी। जिसमें कक्षा एक में शहर मण्डल प्रथम, दर्शिका द्वितीय तथा भारत तीसरा स्थान अर्जित किया वही कक्षा दो में रूद्र प्रथम, सोहम द्वितीय व सना तीसरे स्थान पर रही। कक्षा तीन में अक्षिता थापा प्रथम, अरनव द्वितीय व प्रिंस तीसरा स्थान अर्जित किया। कक्षा चार में रूही प्रथम, गुलफ्सा द्वितीय तथा मो बेलाल तीसरे स्थान पर रहे।अन्त में बच्चो में फूलो की रंगोली व दिये जलाकर दिपावली सेलिब्रेट किया।
शिक्षिका बाबी राय, आरती , आशा, ने बच्चो को समझाया कि हमें प्रकृति और अपने आस पास के पर्यावरण को अनुकूल बनाना है तथा उन्हे संरक्षित करने का काम भी हमारा हैं। दीपावली पर भारी मात्रा में पटाखा जलाने से पर्यावरण में प्रदुषण का स्तर काफी बढ जाता है इस लिये हमें दीपावली पर पटाखे जलाने के बजाय रंगोली व दिये जला कर इको फ्रेंडली दीपावली मनाना चाहिये। शिक्षिका ज्योति ने कहा कि सोनभद्र में सामान्य परिस्थितियों में भी प्रदुषण का स्तर खतरनाक स्तर पर है इसलिये हमें लोगो के स्वास्थ्य का ध्यान रखते इस दीपावली पर प्रदुषण रहित दीपावली मनानी चाहिये। प्रधानाचार्य नाहिद खान ने कहा कि एक तरफ हम स्वच्छ भारत मिशन को अमल में लाने की बात करते है वही दुसरी ओर हम पटाखों को फोड कर हम वातावरण को प्रदुषित कर रहे है।
कई हजार टन पटाखों का कूडा़ हम दीपावली के दिन देश भर में फैला देते है। यह पटाखों का जहरीला कूडा़ जब जमीन में धंस जाता है तो मिट्टी प्रदुषित हो जाता है और जलने के बाद धुआ से वायु व फूटने के बाद ध्वनि प्रदूषण होता है। वही जब जला हुआ जहरीला कूड़ा जब नदियों में जाता है तो जल प्रदूषण फैलाता है। पटाखों का प्रयोग सबसे ज्यादा बच्चे ही करते है इस लिये सबसे ज्यादा असर बच्चो पर ही पड़ता है। बाद में यही पटाखे कई प्रकार के इंफेक्शन व बिमारियों के कारण बनते है। श्रीमती खान ने कहा कि हम पटाखों की बजाए बलून या रंगीन कागज के गुब्बारों से बच्चों को खेलना सिखाएं। वे इन्हें फुलाकर एक दूसरे के साथ फोड़़कर मजे कर सकते हैं. यह एक क्रिएटिव और मजेदार तरीका हो सकता है. खुशियों को सेलिब्रेट करने के लिए लोग घरों में अल्पना, रंगोली बनाते हैं, लाइटिंग करते हैं, नए कपड़े़ पहनकर पूजा पाठ करते हैं। वहीं शाम को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली पर तोहफे देने की परंपरा भी होती है। आप लोगों को हैंड मेड गिफ्ट्स देकर दीपावली सेलिब्रेट करे।
Oct 30 2024, 15:18