भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के लिए कार्यक्रम जारी

रायपुर-    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि में मतदाता सूची में नाम पंजीयन, विलोपन, स्थानातंरण एवं प्रविष्टि में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में प्रदेश के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ आज हुई बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी.एस. ध्रुव ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे शुद्ध एवं त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने में आयोग को सहयोग प्रदान करें। साथ ही लोगों को जागरूक कर ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए प्रेरित करें। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय अग्रवाल भी बैठक में उपस्थित थे।

संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी.एस. ध्रुव ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बैठक में बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के लिए जारी कार्यक्रम के अनुसार 29 अक्टूबर को रायपुर नगर (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर प्रदेश के शेष 89 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सभी मतदान केन्द्रों में मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन किया जाएगा। इसके साथ ही दावा/आपत्ति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ हो जाएगी। नागरिक 28 नवम्बर तक दावा/आपत्ति प्रस्तुत कर सकते है। इस दौरान 9-10 नवम्बर तथा 16-17 नवम्बर को सभी मतदान केन्द्रों में विशेष शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। प्राप्त दावा/आपत्ति के निराकरण के बाद 6 जनवरी 2025 को निर्वाचक नामावली का अन्तिम प्रकाशन किया जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 29 अक्टूबर को फोटोरहित मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन और 6 जनवरी को अंतिम प्रकाशन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, छत्तीसगढ़ की वेबसाइट https://ceochhattisgarh.nic.in पर भी किया जाएगा। नागरिक मतदान केन्द्रवार मतदाता सूची डाउनलोड कर इसका अवलोकन कर सकते हैं।

फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान ऐसे भारतीय नागरिक जिनकी उम्र 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष पूर्ण होगी तथा जिनका नाम वर्तमान में किसी कारणवश मतदाता सूची में दर्ज नहीं है, वे अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आगामी 1 जनवरी के साथ ही 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर 2025 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा भी अपना अग्रिम आवेदन दे सकते हैं।

इन फार्म्स का करें उपयोग, ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं

नागरिक नए निर्वाचकों के पंजीयन के लिए प्रारूप-6, प्रवासी निर्वाचकों के नाम पंजीयन के लिए प्रारूप-6क, स्वैच्छिक आधार पर निर्वाचकों के आधार नम्बर प्राप्त करने के लिए प्रारूप-6ख, विद्यमान निर्वाचक नामावली में नाम को सम्मिलित करने के प्रस्ताव पर आक्षेप/विलोपन के लिए प्रारूप-7, निर्वाचक नामावली में प्रविष्टि को अन्यत्र रखने एवं प्रविष्टि में सुधार के लिए प्रारूप-8 का उपयोग कर सकते हैं। मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी प्रदान की गई है। नागरिक निर्धारित प्रारूप में वोटर सर्विस पोर्टल voters.eci.gov.in एवं वोटर्स हेल्प लाइन एप में स्वयं आवश्यक दस्तावेजों सहित ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

मतदाता सूची में मतदाता का नाम एवं मोबाइल नंबर दर्ज होने पर आयोग द्वारा संचालित वोटर सर्विस पोर्टल https://voters.eci.gov.in या Voter Helpline App में जाकर e-EPIC डाउनलोड किया जा सकता है। यदि मोबाइल नम्बर दर्ज नहीं है, तो फॉर्म-8 में संशोधन के माध्यम से मोबाइल नंबर दर्ज कराकर e-EPIC Download Tab में जाकर दर्ज e-EPIC डाउनलोड कर सकते हैं। निर्वाचक नामावली में पंजीयन से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत के लिए राज्य स्तर पर स्थापित कॉल सेन्टर 180023311950 से संपर्क किया जा सकता है।

निर्वाचक नामावली के प्रारंभिक प्रकाशन की तिथि में राज्य में 2.07 करोड़ मतदाता

छत्तीसगढ़ में निर्वाचक नामावली की प्रारंभिक प्रकाशन तिथि 29 अक्टूबर की स्थिति में दो करोड़ सात लाख 43 हजार 791 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें एक करोड़ दो लाख 69 हजार 459 पुरुष मतदाता, एक करोड़ चार लाख 73 हजार 614 महिला मतदाता एवं 718 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं। दिव्यांग चिन्हांकित मतदाताओं की संख्या एक लाख 94 हजार 638 है। वहीं 18-19 वर्ष आयु वर्ग के तीन लाख दस हजार 639 और 85 वर्ष से अधिक के 94 हजार 691 वरिष्ठ मतदाता हैं। प्रदेश में 20 हजार 173 सेवा मतदाता पंजीकृत हैं।

साय कैबिनेट की बैठक में लिए गये कई महत्वपूर्ण निर्णय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

 खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु स्वीकृत शासकीय प्रत्याभूति राशि (14 हजार 700 करोड़ रूपए) की वैधता अवधि को एक वर्ष बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2025 तक पुनवैधिकरण करने का निर्णय लिया है।

 त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रथम प्रतिवेदन एवं अनुशंसा अनुसार आरक्षण प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण प्रदान किया जाएगा। ऐसे निकाय जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कुल मिलाकर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा। यदि अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा, परंतु यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा। निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी।

 मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के 97 शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने का अनुमोदन किया गया। शेष शिक्षक (पंचायत) के प्रकरणों पर पंचायत विभाग से पात्रता की अनुशंसा प्राप्त होने पर संविलियन करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया।

 स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्याें को वर्ष 2007 से वर्ष 2019 तक प्रथम मतांकन के आधार पर प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के लिए मात्र एक बार की छूट देने का मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया।

 मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-29 के प्रारूप एवं प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह नई औद्योगिक विकास नीति 01 नवम्बर 2024 से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर 2029 तक प्रभावशील रहेगी।

इस नीति में अमृतकाल छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रावधान किए गए हैं, इस नीति से प्रदेश में औद्योगिक विकास के नये आयाम स्थापित होंगे। नई औद्योगिक नीति में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में एमएसएमईडी एक्ट-2006 में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद उद्योगों की परिभाषा में किए गए संशोधन को अपनाया गया है और राज्य में संतुलित विकास के लिए औद्योगिक विकास प्रोत्साहन प्रदान करने का विशेेष प्रावधान किया गया है।

नवीन औद्योगिक नीति 2024-29 के उद्दश्यों की पूर्ति के लिए राज्य में नवीन उद्यमों की स्थापना, विस्तारीकरण/विविधीकरण, प्रतिस्थापन एवं अन्य कार्याे के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। राज्य के सभी क्षेत्रों में सर्वागींण औद्योगिक विकास के लक्ष्य की पूर्ति के लिए सभी जिलों के विकासखण्डों को तीन क्षेणियों में विभाजित करके दिए जाने वाले औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की मात्रा का निर्धारण भी किया जाएगा। नई औद्योगिक विकास नीति में कोर सेक्टर के उत्पादों जैसे स्टील, सीमेंट, ताप विद्युत एवं एल्यूमिनियम के लिए पृथक प्रावधान तथा राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर थ्रस्ट एवं सामान्य उद्योगों में विभाजित किया गया है।

फर्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, फूडप्रोसेसिंग, कृषि उत्पाद संरक्षण, एनटीएफपी प्रसंस्करण इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, आईटी एवं आईटीईएस आदि के लिए आकर्षक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

 मंत्रिपरिषद की बैठक में अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

 नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक संस्थान, इलेक्ट्रानिक्स एवं इलेक्ट्रिकल उद्योगों के विकास हेतु रियायती प्रीमियम दर पर भूखण्ड आबंटन कीे व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।

 ग्राम नियानार, जगदलपुर जिला बस्तर में एन.एम.डी.सी. के अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु आवासीय परिसर के निर्माण हेतु छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को आबंटित 118 एकड़ शासकीय भूमि, मण्डल द्वारा सी.एस.आई.डी.सी. को रजिस्ट्री के माध्यम से विक्रय की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

 नवा रायपुर परियोजना हेतु आपसी करार द्वारा निजी भूमि क्रय करने पर नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को 31 मार्च 2026 तक मुद्रांक शुल्क में छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया।

 राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय में राज्य आयुक्त के एक पद के सृजन का निर्णय लिया गया।

 मंत्रिपरिषद ने घोषणा पत्र के अनुरूप राज्य में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस योजना के तहत राज्य के 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति, दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश के बाहर स्थित चिंहिंत तीर्थ स्थानों में से एक या एक से अधिक स्थानों की निःशुल्क यात्रा कराई जाएगी। इसके लिए 2024-25 के प्रथम अनुपूरक में 25 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत वर्ष 2019 तक 2 लाख 47 हजार हितग्राहियों को 272 यात्राओं के माध्यम से तीर्थ यात्रा कराई गई है। वर्ष 2019 में इस योजना का नाम बदलकर तीरथ बरत योजना कर दिया गया था, परंतु वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत तीर्थ यात्राएं नहीं हुईं। मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नाम से इसे पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है।

 मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है। इससे छात्र-छात्राओं को समग्र एवं लचीले शिक्षा प्रणाली के साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षण की सुविधा मिलेगी। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग प्राप्त होंगे। उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा।

 मंत्रिपरिषद की बैठक में जनहित को देखते हुए अचल सम्पत्ति के अंतरण संबंधी दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण फीस के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया गया है। बैठक में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) से संबंधित रजिस्ट्रीकरण शुल्क सारणी में पुनरीक्षण संबंधित प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

 छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1956 (संशोधन) अध्यादेश-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

 छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

सूरजपुर डबल मर्डर: पूर्व डिप्टी सीएम ने मुख्य आरोपी के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को बताया असंवैधानिक
बलरामपुर-   सूरजपुर में दोहरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप साहू के अवैध घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने गलत बताया है। उन्होंने इसे गलत करार देते हुए कहा कि “हम एक विकसित समाज में रह रहे हैं, न कि जंगलराज में।” उनका कहना था कि संविधान और प्रजातंत्र की स्थापना इसीलिए की गई थी ताकि हर नागरिक के अधिकार और हितों की रक्षा हो सके और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किसी पर भी कार्रवाई करना अनुचित है।

अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान बलरामपुर पहुंचे सिंहदेव ने मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि कानून का पालन सुनिश्चित करना ही लोकतंत्र की नींव है। “हमने राजा की व्यवस्था इसीलिए बदली क्योंकि कानून का शासन और निष्पक्ष न्याय हर नागरिक का अधिकार होना चाहिए। संविधान इसलिए बनाया गया ताकि हर व्यक्ति के साथ उचित और समान व्यवहार हो। उनका मानना था कि ऐसी कार्रवाइयां कानून की प्रक्रिया का उल्लंघन करती हैं और जनता में एक गलत संदेश भेजती हैं कि बिना न्यायिक प्रक्रिया के भी कार्रवाई की जा सकती है।

पूर्व डिप्टी CM ने आरोपी को संरक्षण देने का लगाया आरोप

पूर्व डिप्टी सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि जिला बदर का आरोपी पुलिस के संरक्षण में थाने में बैठकर पुलिसवालों को निर्देश दे रहा था। उन्होंने कहा, “सूरजपुर के थाने में बैठकर आरोपी पुलिसकर्मियों को निर्देश दे रहा था, यहाँ तक कि उनसे अपने लिए चीज़ें मंगवा रहा था। ऐसा व्यक्ति कानून का पालन करने के बजाय कानून का मजाक बना रहा था, और इसके पीछे पुलिस का सहयोग था।” उन्होंने इस मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिले के एसपी और कलेक्टर के ट्रांसफर कर देने से भी न्याय नहीं मिला है, क्योंकि असली जिम्मेदार वे लोग हैं जिन्होंने खुलेआम इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा दिया और आरोपी को संरक्षण प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएँ समाज में अनुशासनहीनता और अराजकता को बढ़ावा देती हैं। “जब आरोपी को संरक्षण प्राप्त था, तो उसके मन में कानून का भय नहीं रह गया था। इसका परिणाम यही हुआ कि उसने अपनी शक्ति का गलत उपयोग किया और उसने ह्त्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दिया।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि बीते 13 अक्टूबर को आरोपी कुलदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर प्रधान आरक्षक तालिब शेख की बेटी और पत्नी की नृशंस हत्या कर दी थी। इसके बाद सूरजपुर में बवाल मचा रहा और लोग आरोपी के घर को जमीदोज करने की मांग करने लगे थे। इसके बाद सूरजपुर नगर पालिका ने आरोपी के घर पर नोटिस चस्पा किया था और आज तड़के सुबह नगर पालिका और जिला प्रशासन की टीम ने आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

कुलदीप एनएसयूआई का जिला सचिव और आदतन बदमाश है। आरोपी की गिरफ्तारी के चंद घंटे पूर्व ही एसपी सूरजपुर ने उस पर 10 हजार रुपए के इनाम की भी घोषणा की थी। कुलदीप साहू के पिता अशोक कुमार साहू निवासी बाजारपारा सूरजपुर के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज है।

CJM कोर्ट ने 11 नवंबर तक बढ़ाई गैंगस्टर अमन साव की न्यायिक रिमांड

रायपुर-    राजधानी रायपुर में CJM कोर्ट ने जेल में बंद झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर और तेलीबांधा शूटआउट के मास्टरमाइंड अमन साव की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है. यानि अनाम साव अब 11 नवंबर तक रायपुर जेल में ही बंद रहेगा। कारोबारी पर शूटआउट मामले में तेलीबांधा थाना पुलिस ने अमन साव को कोर्ट में पेश न करके रिमांड बढ़ाने का आवेदन लगाया था, जिसपर CJM कोर्ट ने रिमांड बढ़ाने का फैसला सुनाया है।

बता दें कि झारखण्ड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साव फिलहाल रायपुर पुलिस की रिमांड पर है। अमन पर रंगदारी वसूलने और राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में पीआरए ग्रुप के ऑफिस के बाहर कारोबारी पर फायरिंग कराने का आरोप है। इसके लिए उसने गुर्गे भी भेजे थे। इसके अलावा अन्य मामलों में भी रायपुर पुलिस अमन से पूछताछ कर रही है।

बिना अनुमति पर्यावरण विभाग के PRO ने लगाया होर्डिंग्स, मंत्री ओपी चौधरी ने किया निलंबित
रायपुर-     छत्तीसगढ़ के आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बिना अनुमति होर्डिंग्स लगाने के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए प्रदूषण बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अमर प्रकाश सावंत को निलंबित कर दिया है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने राजधानी रायपुर में दिवाली के दौरान पटाखों के संबंध में बिना मंत्री की अनुमति के होर्डिंग्स लगवाए गए. होर्डिंग्स में मंत्री ओपी चौधरी के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भी फोटो थी.

सरकार ने सूक्ष्म अनुमति के बिना होर्डिंग्स लगाने को सरकारी मुलाजिम का मनमानापूर्ण व्यवहार करार देते हुए सावंत के खिलाफ एक्शन लिया है. पौल्यूशन बोर्ड के सदस्य सचिव द्वारा जारी निलंबन आदेश में इसे प्रशासनिक कारण बताया गया है, लेकिन अंदरूनी जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर में बिना अनुमति होर्डिंग्स लगवाना पीआरओ को महंगा पड़ गया.

9 फिल्म डायरेक्टर बनाए गए फिल्म विकास निगम एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य, फिल्म सिटी के प्रस्ताव पर जल्द मुहर लगा सकती है सरकार
रायपुर-     लंबे समय से छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माताओं की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष की घोषणा से पहले एक एडवाइजरी कमेटी बनाई है. इसमें भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक, फिल्म अभिनेता एवं छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष राजेश अवस्थी समेत 9 लोगों को सदस्य बनाए गए हैं. संस्कृति विभाग के संचालक एवं पर्यटन के एमडी विवेक आचार्य केंद्र सरकार ने सरकार को फिल्म सिटी एवं नया रायपुर के लिए विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव दिया है. इस पर भी जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है.

डॉ. रमन सिंह के तृतीय कार्यकाल में राजेश अवस्थी को अंतिम महीने में फिल्म विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था. उसके बाद भूपेश बघेल की सरकार में इस पद पर नियुक्ति नहीं हुई थी. फिल्म निर्माता लंबे समय से पुनः नियुक्ति की मांग कर रहे थे. इस पर विचार कर विष्णु देव सरकार ने नई नीति निर्धारण करने राजेश अवस्थी सहित 9 सदस्यों की एडवाइजरी कमेटी बनाई है. यह कमेटी फिल्म इंडस्ट्री के लिए जो आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सरकार को देगी. इसके बाद सरकार नए सुझाव को फिल्म नीति में लागू कर फिल्म विकास निगम के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेगी.

फिल्म सिटी समेत अन्य योजनाओं पर जल्द लग सकती है मुहर

राजेश अवस्थी छत्तीसगढ़ी एवं बॉलीवुड की फिल्मों में काफी लंबे समय से सक्रिय हैं. उन्होंने बतौर अभिनेता एवं लाइन प्रोड्यूसर बहुत सारे फिल्मों में एवं सीरियलों एवं वेब सीरीज में काम किया है. अन्य सदस्यों के अनुभव को देखते हुए यह निर्णय सरकार ने लिया है. बता दें कि कुछ दिनों पहले संस्कृति विभाग के संचालक एवं पर्यटन के एमडी विवेक आचार्य केंद्र सरकार ने प्रस्ताव मांगे जाने पर फिल्म सिटी एवं नया रायपुर के लिए विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव लेकर गए थे. इसकी भी जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है, जिससे आने वाले समय में छत्तीसगढ़ फिल्मों के साथ-साथ बॉलीवुड फिल्मों की भी भारी मात्रा में शूटिंग होने की संभावना है.

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सभी यूनिट हड़ताल पर, केंद्र के समान वेतन समेत 10 मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन

दुर्ग-      स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सभी यूनिट अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. ठेका श्रमिक यूनियनों की मांग है कि उन्हें प्रतिमाह 26000 वेतन दिया जाए जो वर्तमान में 10 से 12 हजार है. ठेका श्रमिकों को केंद्र के समान न्यूनतम वेतनमान दिया जाए। उन्हें भी रात्रि, आवास, कैंटीन भत्ता दी जाए। वहीं बीएसपी के स्थायी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 39 माह का बकाया एरियर दिया जाए. ग्रेज्युटी सीलिंग हटा जाए, बोनस का पुराना फार्मूला हटाएं, इंसेंटिव स्किम में संसोधन किया जाए. 13 प्रतिशत पर्क्स से उन्हें नुकसान हो रहा है.

सेल की सबसे बड़ी यूनिट भिलाई स्टील प्लांट के सभी गेटों पर कर्मचारियों को आंशिक तौर पर रोकने के बाद ड्यूटी जाने दिया जा रहा है. भारी संख्या में पुलिस बल भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद हैं. सभी गेट पर विवाद की स्थिति बनी हुई है. वर्कर खुद ही ड्यूटी नहीं आ रहे हैं. रात में ही करीब 2 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को वापस कर दिया गया था. बीएसपी के चारों गेट पर कर्मचारी खुद खड़े हैं. मेन गेट पर सीटू और बोरिया गेट पर इंटक और बीएमएस के बैनर दिख रहे हैं.

अन्य गेट पर एचएमएस, लोइमू, एटक, एक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच के झंडे नजर आ रहे हैं. खास बात यह है कि किसी भी गेट से कोई कर्मचारी वापस नहीं लौट रहा है. चंद मिनट के ठहराव के बाद कर्मचारियों को ड्यूटी जाने दिया जा रहा है. इस वजह से बीएसपी प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. रेम मिल, यूआरएम और क्रेन ऑपरेशन से जुड़े कर्मचारियों के बारे में बताया जा रहा है कि वे ड्यूटी नहीं गए हैं. कर्मचारी खुद से ही ड्यूटी से नदारद हैं.

श्रमिक यूनियनों ने बीएसपी के हड़ताल को सफल बताया है. हड़ताल से हर दिन पांच रैक आयरन ओर का डिस्पैच होता है, जो खतरे में पड़ गया है. यूनियन चुनाव की वजह से वहां भी कोई यूनियन विवाद करने के मूड में नहीं है. हर गेट पर शांति का माहौल है. हाथों में झंडे और बैनर लिए यूनियन नेता समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन कर्मचारी ड्यूटी जाते हुए नजर आ रहे हैं.

सीएम साय ने पुलिस विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को दी बधाई, कहा – कानून व्यवस्था को मिलेगी मजबूती

रायपुर-     लंबे इंतजार के बाद आज एसआई भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुलिस विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा, हमारी सरकार ने पुलिस विभाग में सूबेदार/एसआई संवर्ग/प्लाटून कमाण्डर भर्ती-2021 परीक्षा के परिणाम जारी कर दिए हैं. चयनित सभी 959 अभ्यर्थियों को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.

सीएम ने आगे लिखा है कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन युवाओं की ऊर्जा और प्रतिभा का लाभ छत्तीसगढ़ को प्राप्त होगा. प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं जनसुरक्षा को और भी मजबूती मिलेगी. चयनित युवाओं एवं उनके परिजनों को पुनः बधाई.

‘शर्म छोड़ो, गांठों पे बोलो’ अभियान : बाल्को ने निकाली बाइक रैली, स्तन कैंसर से बचने लोगों को किया जागरूक
रायपुर-     बाल्को मेडिकल सेंटर ने रायपुर में “शर्म छोड़ो, गांठों पे बोलो” अभियान के तहत बाइक रैली का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। बता दें कि अक्टूबर को विश्व स्तर पर स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोगों को इसके लक्षणों और समय पर पहचान से मिलने वाले जीवनरक्षक लाभों के बारे में शिक्षित किया जाता है।

बाइक रैली का शुभारंभ रायपुर के मरीन ड्राइव से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया। उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर पहचान और उचित इलाज से इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। बाल्को मेडिकल सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. भावना सिरोही ने बताया कि भारत में हर दस में से एक महिला को स्तन कैंसर होने की संभावना है, जिसमें जीवनशैली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि यदि शुरुआती चरण में कैंसर का पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है और अब उन्नत तकनीकों के माध्यम से स्तन-संरक्षण सर्जरी भी की जा सकती है।

नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRANVP) और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) द्वारा समर्थित इस रैली में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया गया। इसमें 10 बाइकर्स समूहों, भारतीय सेना, सीआरपीएफ, कॉर्पोरेट और समुदाय के सदस्यों समेत 250 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। रैली का समापन बाल्को मेडिकल सेंटर में एक प्रतीकात्मक वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ हुआ, जो स्तन कैंसर से प्रभावित लोगों के लिए आशा, दृढ़ता और विकास का प्रतीक है।

बड़ी खबर : 6 साल बाद SI भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, देखें पूरी लिस्ट…
रायपुर-    SI भर्ती परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के खुशखबरी है. राज्य सरकार ने रिजल्ट जारी कर दिया है. बता दें कि 975 पदों के लिए 2018 में भर्ती परीक्षा ली गई थी, जिसका रिजल्ट जारी नहीं होने पर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. हाईकोर्ट ने 15 दिनों में रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था. 6 साल बाद अब जाकर रिजल्ट जारी हुआ है।

2018 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया

बता दें, छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार के दौरान साल 2018 के अगस्त महीने में कुल 655 पदों के लिए SI भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसमें सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर (विशेष शाखा) समेत कई अन्य पदों की भर्ती होनी थी. 2019 में सरकार बदल गई, लेकिन परीक्षा आयोजित नहीं हुई. इसके बाद राज्य की नई सरकार (कांग्रेस) ने साल 2021 के अक्टूबर में 975 पोस्ट के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया था.

कांग्रेस सरकार में दूसरी बार शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया

SI भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया जून 2022 में शुरू हुई और 8 सितंबर 2023 तक चली. इस दौरान शारीरिक नापजोख जून-जुलाई 2022 में हुआ, प्रारंभिक परीक्षा 29 जनवरी 2023 को आयोजित की गई, जबकि मुख्य परीक्षा 26 मई से 29 मई 2023 तक हुई. इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा 18 से 30 जुलाई 2023 के बीच आयोजित की गई और अंत में इंटरव्यू 17 अगस्त से 8 सितंबर 2023 के बीच लिया गया. परीक्षा को पूरा हुए 1 साल से अधिक हो गया, इस बीच एक बार फिर सरकार बदल गई. 2023 में भाजपा ने फिर से सरकार बनाई, लेकिन परीक्षा परिणाम जारी नहीं हुए.

कई बार आंदोलन कर चुके थे अभ्यर्थी

परीक्षा परिणाम जारी करने को लेकर अभ्यर्थी कई बार आंदोलन कर चुके थे. आमरण अनशन, मुंडन संस्कार, स्वच्छता अभियान और रक्तदान के जरिये अभ्यर्थी कई बार रिजल्ट की मांग कर चुके थे. कई बार गृहमंत्री के निवास के सामने भी धरना दे चुके थे.

SI भर्ती परीक्षा का मामला ऐसे पहुंचा कोर्ट

29 जनवरी 2023 को प्रारंभिक परीक्षा के बाद 16 मई, 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिसमें 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इस चयन के बाद, जो अभ्यर्थी मेरिट सूची में नहीं आए, उन्होंने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 प्लाटून कमांडर के थे और मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थियों का होना आवश्यक था, जबकि सूची में 6,013 महिला उम्मीदवारों के नाम शामिल थे. इस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई. 20 मई, 2024 को बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिलाओं को शामिल करना गलत था और उनकी जगह पुरुषों को शामिल करने का निर्देश दिया. हालांकि, कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ, जिससे अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन और अनशन किया. अब जाकर 6 साल बाद राज्य सरकार ने एसआई भर्ती का रिजल्ट जारी किया है.